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दिल्ली में दंगे के बाद अफवाहों की आंधी

दिल्ली में सीएए के समर्थन और विरोध में जो हत्याएँ, मारकाट, लूट -पाट  हुई उसके बाद यमुनापार दिल्ली के एक हिस्से में अभी जरूर तनावपूर्ण शांति है। पर लोग आज भी दहशत में है। यहां  के निवासियों ने तहलका संवाददाता को आप बीती बताते हुये कहा कि जो भी जख्म और दर्द दिये गये है। चाहें वो  किसी ने भी दिये हो पर मानवीय, इंसानियत को तार- तार कर दिया। जो भी सदियों से विश्वास दो समुदायों के बीच था उसको तोड कर रख दिया है।दिल्ली के सरकारी , प्राइवेट आफिसों में बस एक ही बात की चर्चा आम है कि दिल्ली में अब दंगे नहीं होने चाहिये । क्योंकि दंगे के दौरान 23 से 25 फरवरी तक जाफराबाद , करावल नगर , मौजपुर , शिव बिहार और चांद बाग में रहने वालों ने जो तांडव देखा है। उसके बाद यहां के स्कूली छात्र- छात्राओं के बीच जो माहौल बना है उससे वे अभी तक सदमें है।

बुजुर्ग रामखिलावन चौधरी और मुस्ताख का कहना है कि दंगे चाहे सुनियोजित, राजनीतिक और दो समुदायों के बीच हो पर इसमें मरता निर्दोष ही है। यहां के इलाकों में लगी आग जरूर बुझ गयी है। पर आग की तपिश मेे आज भी लोग धधक रहे है। अभी यहां पर लोगों का दैनिेक जीवन सामान्य नहीं हुआ है ।  वहीं 1 मार्च को पष्चिमी दिल्ली से लेकर बाहरी दिल्ली तक अफवाहों की आंधी ऐसी चली कि लोग कहने लगे कि अपने घरों के दरवाजें और दुकानों को बंद कर लो दंगा होने वाला है। मामला इस कदर अफवाह में गर्म हो गया था कि कुछ समय के लिये दिल्ली मैट्रो को भी अपने गेट बंद करने पडे थे । फिर बाद में पुलिस ने अफवाह की पुष्टि कर मैट्रो का संचालन शुरू करवाया । दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी एम एस रंधावा ने बताया कि दिल्ली में लोगों के बीच अराजक तत्व अफवाह फैलाने में लगे है । पुलिस उन लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी जो भी अफवाह फैलाने में शांमिल पाया गया।

विज्ञान भवन में सम्पन्न हुआ वर्ल्ड मार्केटिंग समिट एवं फिलिप कोटलर इम्पैक्ट अवार्ड

देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार वर्ल्ड मार्केटिंग समिट एवं फिलिप कोटलर इम्पैक्ट अवार्ड का आयोजन किया गया। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में एक हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। देश के इतिहास में ये पहला वर्ल्ड मार्केटिंग समिट है जिसके आयोजन की गवाह राजधानी दिल्ली बनी। शनिवार को आयोजित हुए इस कार्यक्रम में सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों से आए लोगों ने भी हिस्सा लेकर बिजनेस गुरुओं से बेस्ट बिजनेस के गुर सिखें। कार्यक्रम में फिलिप कोटलर ग्रुप की विश्वस्तरीय टीम द्वारा डब्ल्यूएमएस-5.0 का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही मार्केटिंग प्रबंधन के अंतर्गत आने वाले आधुनिक जगत में लोकप्रिय विषयों जैसे ग्रीनमार्केटिंग, सीएसआर बेस्ड मार्केटिंग मेथोडोलोजी, डिजिटल मार्केटिंग, इंटरनेशनल सेल्फ ब्रांड पोजिशनिंग, ग्लोबल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के विभिन्न पहलुओं पर कई देशों से आने वाले ग्लोबल ट्रेनर, एकेडेमिशियन, वैश्विक कारपोरेट दिग्गज, इंडस्ट्री  एक्सपर्ट द्वारा उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया गया। समिट में फुजीफिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरुतो इवता, वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सादिया किबरिया, प्रतिस्पर्धी और रणनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ डोमिनिक हैन्सेंस, जर्मन प्रोफेसर, विश्व प्रसिद्ध लेखक और शोधकर्ता मार्क ओलिवर एवं मार्केटिंग पुस्तकों के लेखक और विज्ञापन कंसल्टेंसी की सह-संस्थापक लौरा रीज़ इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहें जिन्होंने बताया कि बदलते दौर में आज अपने बिजनेस को नई उच्चाइयों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है। विजन रूट्स सर्विसेज ने इस कार्यक्रम में अपनी मुख्य भुमिका अदा की। बता दें कि समिट भारत से पहले 20 देशों में आयोजित हो चुका है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पिछले वर्ष नयी दिल्ली में प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल एवार्ड प्रदान किया गया था।

पंजाब में सेवानिवृत्ति आयु ६० से ५८ साल करने पर केबिनेट की मुहर

पंजाब में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु ६० वर्ष से घटाकर ५८ साल करने को सोमवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इसे दो चरणों में लागू करने का  सरकार का प्रस्ताव है। वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने २८ फरवरी को साल २०२०-२१ का बजट विधानसभा में पेश करते हुए इसका प्रस्ताव किया था।

इस तरह पंजाब में सेवानिवृत्ति की उम्र ६० से घटाकर ५८ साल करने का रास्ता साफ़ हो गया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी है। बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गयी। चंडीगढ़ में सोमवार को पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश में लोकायुक्त बिल को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गयी है।

गौरतलब है कि २८ फरवरी को वित्तवर्ष २०२०-२१ के बजट में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सेवानिवृत्ति की उम्र ६० साल से घटाकर ५८ साल करने का प्रस्ताव किया था। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक सरकार के इस फैसले से पंजाब राज्य में करीब ५६०० कर्मचारी और अधिकारी प्रभावित होंगे, खाकर शिक्षा विभाग पर, जहां करीब १८०० शिक्षक अब पहली अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

पंजाब में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विभागों में करीब ३.५३ लाख कर्मचारी-अधिकारी हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के मुताबिक सेवानिवृत्ति की उम्र कम करने के इस फैसले को दो चरणों में लागू किया जाएगा। जो कर्मचारी ५९ साल के हो गए हैं, वो इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जो कर्मचारी ५८ साल के हो गए हैं, वो ३० सितंबर से सेवनिवृत्त होने लगेंगे। रोजगार पर पड़ने वाले असर को लेकर बादल ने कहा कि उम्र घटाने के कदम के बाद सेवानिवृत्त होने वाले लोगों की संख्या की तुलना में लगभग चार गुणा लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करा सकेंगे।

दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में हंगामा, २ बजे तक स्थगित

दिल्ली हिंसा को लेकर सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन लोकसभा में हंगामा होने से पहले ही अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। उधर राज्यसभा में इस मसले पर जमकर हंगामा हुआ और सभापति वेंकैया नायुडु ने कार्यवाही को दोपहर २ बजे तक स्थगित कर दिया।

राज्य सभा में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने यह मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार तीन दिन तीन रात सोती रही। उधर संसद से बाहर गांधी प्रतिमा के सामने राहुल गांधी समेत टीएमसी, आप सदस्यों ने धरना दिया और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने हाथ में हिंसा विरोधी बैनाक ले रखे थे और आँखों पर काली पट्टियां बाँधी हुई थीं।

पहले दिन लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही बिहार के जेडीयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई आप सदस्य  भगवंत मान वेल की तरफ बढ़ते दिखे। उस समय कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कुछ कहना शुरू किया। हंगामे के संकेत देखते ही  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने लोकसभा में दिल्ली  हिंसा के मसले पर चर्चा की  मांग के साथ स्थगन प्रस्ताव दिया था। राज्य सभा में भी दिल्ली हिंसा को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने केंद्र पर दंगों के दौरान सोये रहने का आरोप लगाया।

उधर बाद में राज्य सभा में कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आज़ाद ने संसद के बाहर पत्रकारों कहा कि कहा कि दिल्ली में क़ानून व्यवस्था का जिम्मा केंद्र सरकार के पास है।  तीन दिन तीन रात केंद्र सरकार सोई रही। न केंद्र का कोइ मंत्री वहां गया न किसी ने कोइ ब्यान दिया।  पुलिस  नहीं किया। जो मरे वो मरे वाली स्थिति बना दी। भड़कायू भाषण भी रूलिंग पार्टी के नेताओं ने ही दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि ”इन सब दंगों के पीछे केन्द्र सरकार थी”।

उधर दिल्ली दंगों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने आंखों पर पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। सांसद काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने ही दिल्ली दंगों के विरोध में संसद भवन में गांधी मूर्ति के सामने विरोध किया। इससे पहले पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली दंगों को लेकर सदन में नियम २६७ के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने मंगलवार को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। यह क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद अब उसके पास राष्ट्रपति के यहाँ आया याचिका लगाने का विकल्प ही बचा है। याद रहे निर्भया के चार दोषियों का ३ मार्च सुबह ६ बजे के लिए डेथ वारंट जारी हो चुका है। देखना है कि क्या कल इन दोषियों को फांसी हो पाती है या नहीं।

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उसकी क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी और  मंगलवार को होने वाली उसकी फांसी पर रोक से इनकार कर दिया। सर्वोच्च अदालत की पांच जजों की पीठ ने चेंबर में इसपर विचार कर फैसला किया।  पीठ में जस्टिस एमवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण हैं।

पीठ ने इस मामले की खुली अदालत में सुनवाई की उसकी मांग को भी ठुकरा दिया है। पीठ ने कहा कि याचिका के लिए कोई आधार नहीं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने चेंबर में विचार कर फैसला किया है। दोषी पवन ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने की मांग की थी।

गौरतलब है कि ३ मार्च को निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होनी है। अन्य तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। पवन के पास अभी दया याचिका का विकल्प है। इसके अलावा पटियाला कोर्ट में एक और दोषी अक्षय ने २९ फरवरी को दोबारा याचिका लगाई है।

5000 तालिबानियों को रिहा करने पर सहमत नहीं अफगान राष्ट्रपति

अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच तालिबान के साथ शांति के लिए क़तर की राजधानी दोहा में हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद अब काबुल में अफगान राष्ट्रपति का बयान आया है। अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान सरकार ने 5,000 तालिबान कैदियों को रिहा करने के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई है, जैसा कि अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
गनी ने काबुल में कहा कि अफगान जेलों से अपने कैदियों की रिहाई की मांग हार्डलाइन समूह के साथ सीधी बातचीत के लिए पूर्व शर्त नहीं हो सकती है। अमेरिका और तालिबान के बीच शनिवार के समझौते ने कहा कि दोनों युद्ध और राजनीतिक कैदियों के बीच एक भरोसा कायम करने को प्रतिबद्ध हैं। इससे दोनों पक्ष सहमत हैं।
ऐतिहासिक समझौते के मुताबिक, अफगानिस्तान में 5,000 से अधिक जेलों में बंद तालिबान के सदस्यों को 10 मार्च तक 1,000 तालिबान द्वारा बंधक बनाए गए सरकारी कर्मियों के बदले में रिहा किया जाएगा। 2009 के बाद से हमलों में करीब 1,00,000 अफगानी नागरिक मारे जा चुके हैं। इनमें कई सैनिक शामिल हैं। 18  साल में करीब 3500 अमेरिकी सैनिक मारे जा चुके हैं।

तालिबान से शांति समझौता, अमेरिका १४ महीने के भीतर अपनी सेना को अफगानिस्तान से हटाएगा  

अमेरिका १४ महीने में अफगानिस्तान से अपने सैनिक हटा लेगा। इसका फैसला क़तर में अमेरिका और अफगानिस्तान के तालिबान के बीच एक शांति समझौते में किया गया है। इस समझौते पर दोनों ने हस्ताक्षर किये हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक समझौते में तय कि अमेरिका अगले १४ महीनों में अफगानिस्तान से अपने सैनिक हटा लेगा। समझौते में जो अन्य शर्तें हैं उन्हें भी १३५  दिन के भीतर पूरा करने की  बात हुई।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने समझौते को लेकर बताया कि यह तभी कारगर साबित होगा, जब तालिबान पूरी तरह से शांति कायम करने की दिशा में काम करेगा। पोम्पियो ने कहा – ”तालिबान को आतंकी संगठन अलकायदा से अपने सारे रिश्ते तोड़ने होंगे। यह समझौता इस क्षेत्र में एक प्रयोग है। हम तालिबान पर नजर बनाए रखेंगे। अफगानिस्तान से अपनी सेना पूरी तरह से तभी हटाएंगे, जब पूरी तरह से पुख्ता कर लेंगे कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर आतंकी हमले नहीं करेगा।”

हाल में भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मसले को लेकर पीएम मोदी से चर्चा की थी। शांति समझौते के लिए भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला काबुल गए थे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के अलावा आला अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। दरअसल समझौते के लिए भारत सहित ३० देशों के राजदूतों को दोहा आने का न्योता भेजा गया था।

शाहीनबाग में धारा १४४ लागू, भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात, नहीं होगी रैली

भले उत्तरी पूर्वी दिल्ली में पिछले तीन दिन से शांति हो और कोइ घटना न हुई हो, पुलिस ने शाहीन बाग इलाके में धारा १४४ लगा दी है। इसे एहतियाती कदम बताते हुए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। दोनों पक्षों ने वहां मार्च निकलने की जो घोषणा की थी, उसे अब वापस ले लिया है।

जानकारी के मुताबिक शाहीन बाग़ के प्रदर्शनस्थल के आसपास सुरक्षा बलों की १२ अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें दस कंपनी पुरुष और दो कंपनी महिला सुरक्षाबल हैं। शाहीनबाग में १५ दिसंबर से लगातार नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोग धरने पर बैठे हैं। पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय के वार्ताकारों संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने तीन बार शाहीनबाग जाकर आंदोलनकारियों से बातचीत की थी जिसके बाद उन्होंने एक तरफ का रास्ता भी खोला था।

उधर पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि शाहीनबाग  में एहतियात के तौर पर ज्यादा पुलिस तैनात की गई है। इसका उद्देश्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और अप्रिय घटना को रोकना है।

आज शाहीनबाग में नागरिकता क़ानून समर्थक मार्च निकाला जाना था, उसे स्थगित कर दिया गया है। इस मार्च के ऐलान के बाद धरना दे रहे लोगों ने भी रैली निकलाने की बात कही थी। इससे माहौल की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों से बैठकें करके रैली न निकालने के लिए मना लिया।

मध्य प्रदेश में आमने-सामने भिड़ीं ट्रेन, ३ की मौत  

मध्य प्रदेश में रविवार को दो ट्रेनों की भिड़ंत हो गयी जिसमें ३ लोगों की मौत हो गयी है। हादसे में १० लोग घायल भी हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक एमपी के सिंगरौली में सुबह यह ट्रेन हादसा। हुआ। हादसा तब हुआ जब कोयला लेकर जा रही एक मालगाड़ी दूसरी मालगाड़ी से टकरा गयी। ट्रेनों में आमने-सामने इस टक्कर की घटना के बाद रेल  विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया। पुलिस भी जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुँची और राहत अभियान शुरू किया। अधिकारियों के मुताबिक कोयला लेकर एक मालगाड़ी अमरौली से बीजापुर जा रही थी कि सिंगरौली के गनियारी में सामने से आ रही दूसरी मालगाड़ी से उसकी आमने-सामने अक्कर हो गयी।

टक्कर होते ही मालगाड़ियों की बोगियां पटरी से छिटककर नीचे पलट गईं। आमने-सामने की टक्कर से इंजन में बैठे तीन लोको पायलट और सहायक लोको पायलट उसमें फंस गए। एनटीपीसी की टीम और पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि किसकी लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ।

चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या २८३५ हुई, ईरान के उप राष्ट्रपति भी चपेट में

चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या २८३५ हो गई है। चीन के एक चिकित्सा अधिकारी न दावा किया है कि अप्रैल की आखिर तक कोरोना पर पूरा नियंत्रण पा लिया जाएगा। उधर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने देश के शीर्ष अधिकारियों को देश में कोरोना का संक्रमण रोकने में नाकाम रहने की स्थिति में ”गंभीर नतीजे” भुगतने की चेतावनी जारी कर दी है।

चीन, जहाँ से यह वायरस शुरू हुआ है वहां मरने वालों की संख्या बढ़कर शनिवार को  २८३५ हो गई है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक ४७ लोगों की मौत और ४२७ के संक्रमित होने के ताजा मामले सामने आए हैं। चीन में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर ७९,२५१ हो गई है।

अमेरिका ने शुक्रवार को अपने देशवासियों के लिए एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर इटली की गैर-जरूरी यात्रा न करें। कैलिफोर्निया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक अमेरिकी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के दूसरे संदिग्ध मामले की पुष्टि की है जिसने कोई यात्रा नहीं की और जो किसी ज्ञात बीमार व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया। इससे देश में इसके संक्रमण की आशंका पैदा हो गई है।

इस बीच ख़बरें हैं कि ईरान में भी कोरोना का कहर दिख रहा है। अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक वहां कोरोना से अब तक २०० से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, सरकारी स्तर पर मरने वालों की संख्या अभी ३४ ही बताई गयी है। ईरान के उप राष्ट्रपति भी कोरोना की चपेट में बताये गए हैं।

उधर सियोल में कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने एक बयान में बताया है कि दक्षिण कोरिया में इस विषाणु के संक्रमण के शनिवार को ५९४ और मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से ९० प्रतिशत से अधिक मामले दाएगू और उत्तरी ग्योंगसांग में सामने आए हैं। दक्षिण कोरिया में एक दिन में सामने आने वाले मामलों की यह अब तक की सबसे बड़ी तादाद है।