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इजरायल में चीनी राजदूत की संदिग्ध हालत में मौत

एक अहम खबर इजरायल से आई है जहाँ चीनी राजदूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी राजदूत डू वेई (५८) का शव उनके हर्टजलिया स्थित घर से मिला है। अभी तक किसी कारन का खुलासा नहीं हुआ है। वेई इस साल फरवरी में ही इजरायल में चीनी राजदूत के पद पर नियुक्त हुए थे, उससे पहले वे यूक्रेन में चीन के राजदूत थे।

चीनी राजदूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत नई सरकार के शपथग्रहण से कुछ घंटे पहले ही हुई है। लंबे राजनैतिक गतिरोध के बाद बेंजामिन नेतन्याहू आज शाम ५वीं बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायली विदेश मंत्रालय ने चीनी राजदूत की मौत की पुष्टि की है। इजरायल में चीनी दूतावास ने इस संबंध में फिलहाल कुछ नहीं कहा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

वेई ने इजरायल में फरवरी में ही चीनी राजदूत का पदभार संभाला था। उससे पहले वे यूक्रेन में चीन के राजदूत थे। उनकी पत्नी और एक बेटा है जो उनकी मौत के समय  इजरायल में नहीं थे।

जानकारी के मुताबिक के मुताबिक इजरायल रेडियो ने चीनी राजदूत को लेकर दावा किया है कि उनके शरीर पर चोट का कोइ निशान नहीं दिखा है। शुरुआती जांच से जाहिर होता कि वेई को हॉर्ट अटैक आया हो सकता है। इजरायली विदेश मंत्रालय के महानिदेशक युवाल रुस्तम ने चीनी उप राजदूत डॉय यूमिंग से बात करके वेई की मौत शोक जताया है।

मनरेगा में  ४० हजार करोड़ आवंटन : सीतारमण

केंद्र सरकार ने पीएम मोदी की घोषित पैकेज की पांचवीं किश्त को लेकर रविवार को  विस्तार से बताया। इसके मुताबिक गरीब, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस की बात करते हुए मनरेगा के लिए ४० हजार करोड़ आवंटन की घोषणा की गयी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने साझी प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज (पीएसई) के सभी क्षेत्रों को निजी सेक्टर के लिए भी खोल दिया जाएगा। भारत सरकार अब एक नई नीति की घोषणा करेगी जो मोटे तौर पर स्ट्रेटेजिक सेक्टर और अन्य को बांटेगी। स्ट्रेटेजिक सेक्टर जिसमें पीएसई  मौजूद रहेंगी, उसकी अधिसूचना जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिन सेक्टर में पीएसई की अधिसूचना दी जाएगी, उनमें कम से कम एक और ज्यादा से ज्यादा चार पीएसई होंगी। निजी क्षेत्र को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने की अनुमति मिलेगी। यदि किसी अधिसूचित स्ट्रेटेजिक सेक्टर में चार से अधिक पीएसई हैं तो उनका विलय कर दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की तरह राजस्व में भारी गिरावट का सामना करने के बाद भी केंद्र राज्यों की लगातार मदद कर रहा है। अप्रैल के पहले हफ्ते में एसडीआरएफ के लिए अग्रिम ११,०९२ करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया। कोविड-१९ से मुकाबले के लिए जारी गतिविधियों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ४११३ करोड़ रिलीज किए हैं।

उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम ई-विद्या कार्यक्रम का डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा। ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, क्यूआर कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम ”वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म” है। हरेक क्लास के लिए एक चिन्हित चैनल ”वन क्लास वन चैनल” के नाम से होगा जिसे शुरू किया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा ”स्वयं प्रभा”, जो एक डायरेक्ट टेलीकास्ट मोड है, इसमें तीन चैनल पहले से ही स्कूली शिक्षा के लिए चिन्हित हैं। अब १२ और चैनलों को इसमें जोड़ा जाएगा। खासकर, ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में इससे बहुत सहायता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जिस तरह सरफेसी और डीआरटी क़ानून में पहले रिकवरी के प्रयास किए जाते थे, इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड २०१६ आने के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी हुई है।  करीब २२१ मामलों में ४४ फीसदी रिकवरी हुई है, एडमिटेड क्लेम ४.१३ लाख  हैं और वसूली योग्य रकम १.८४ लाख करोड़ है।

इटली में 3 जून से विदेश यात्रा की अनुमति

इटली तीन जून से अंतरराष्ट्रीय यात्रा से प्रतिबंध हटा रहा है। लोग अब इटली में दूसरे देशों से आवाजाही कर सकेंगे। उसी दिन से देश के अंदर फ्री ट्रैवल को भी अनुमति होगी। इटली में अब तक 31 हजार 610 लोगों की मौत हो गई है। दो लाख 23 हजार 885 संक्रमित हैं।
कोरोना से दुनिया मारने वालों के तादाद 3 लाख पार
कोरोना महामारी का कहर छठे महीने भी जारी है। अब तक दुनिया भर में 46.73 लाख से अधिक संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जबकि मृतकों का आंकड़ा 3.10 लाख को पार कर चुका है। अकेले अमेरिका में मरने वालों की संख्या 78 हजार हो गई है।
ब्राजील में संक्रमण के 15,000 नए मामले
ब्राजील में भी कोरोना का कहर जारी है। 24 घंटे के दौरान संक्रमण के 15,305 मामले सामने आए हैं। देश में 2.18 लाख से ज्यादा मरीज हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एक दिन में 824 लोगों की मौत हो गई। अब मृतकों की संख्या 14,817 हो गई है। इस बीच देश मे लॉकडाउन में ढील दी गई है।

राहुल गांधी घर से निकल प्रवासी मजदूरों से मिलने पहुंचे, फुटपाथ पर बैठकर जाना उनका दुःख-दर्द

ऐसे समय में जबकि कोविड-१९ संक्रमण के खौफ और लॉक डाउन के चलते आम लोग और यहाँ तक कि नेता भी घरों में दुबके बैठे हैं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार देर शाम घर से निकलकर दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मुलाकात करके उनका दुःख दर्द जाना। राहुल उनसे बातचीत करने के लिए फुटपाथ पर बैठ गए और काफी देर तक उनसे बातचीत की।

जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के नजदीक प्रवासी मजदूरों से मिले। गांधी मजदूरों से मिलने फुटपाथ पर बैठ गए। राहुल ने मास्क पहन रखा था। कांग्रेस नेता ने मजदूरों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी।

बातचीत के बाद राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति  से राजधानी में फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था करने को कहा है। गांधी की इस मुलाकात के बाद कांग्रेस इ ट्वीट किया जिसमें लिखा था – ”लोगों के दर्द को केवल वहीं नेता समझ सकते हैं जो उनका ध्यान रखते हैं।” पार्टी ने गांधी की मजदूरों से मुलाकात की फोटो भी साझा की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवासी मजदूरों ने राहुल गांधी के उनसे मिलने आने की पुष्टि की और कहा कांग्रेस नेता ने उन्हें घर जाने के लिए वहां का इंतजाम भी किया है, जो उन्हें उनके घर तक छोड़कर आएगा। गांधी ने इन मजदूरों को भोजन, पीने का पानी और मास्क भी भेंट किया। दिल्ली कांग्रेस ने भी इसकी पुष्टि की है और कहा है कि पार्टी को खबर मिली थी कि लेबर को पकड़ा जा रहा है जिसके बाद राहुल गांधी यहां पहुंचे और मजदूरों  मिले। कांग्रेस नेता ने पुलिस से बातचीत की जिसने दो लोगों को साथ जाने देने पर सहमति जताई।

आज दिन में राहुल गांधी ने तीसरी प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी सरकार को घेरा था और उससे कहा कि गरीब मजदूरों और किसानों को नकद पैसे दिए जाएँ न कि कर्ज। देश  भर  ही  जिन्होँने -मजदूरों और किसानों की दिक्क्तों को बड़ी ताकत से उठाया है।

रक्षा उत्पादन में एफडीआई सीमा ४९ से बढ़ाकर ७४ फीसदी की गयी, ५०० माइनिंग ब्लॉक, छह एयरपोर्ट्स की नीलामी करेगी सरकार, अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका : सीतारमण

पीएम मोदी की पैकेज के ब्योरे की चौथी किश्त में शनिवार को सरकार ने बताया कि करीब ५० नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे और इनके लिए नियमों में ढील दी जाएगी। एक मिनरल इंडेक्स बनेगा और ५०० माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। सरकार के मुताबिक कोयले से गैस बनाने के लिए नए आवंटन किए जाएंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ३३७६ सेज (एसईजेड) बनाए जाएंगे। रक्षा उत्पादन में एफडीआई की सीमा ४९  फीसदी से बढ़ाकर ७४ फीसदी की जा रही है। छह एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी। अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी कंपनियों को अवसर दिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुए बताया कि कोल सेक्टर के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगभग ५०,००० करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि मिनरल्स में सुधार अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया, ज्वाइंट ऑक्शन होगा। इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी।

एक मिनरल इंडेक्स बनेगा और ५०० माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कोयला के आयात में कमी लाने की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया। कहा कि सरकार राजस्व साझा करने के तंत्र के आधार पर कोयला सेक्टर में प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाएगी। कोयला क्षेत्र पर से सरकार की मोनोपोली को खत्म किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कहा की ईजीएस के जरिए निवेश को जल्द मंजूरी देंगे। उन्होंने कहा कि  इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि पांच लाख हेक्टर में फैले इंडस्ट्रीयल पार्कों की जानकारी आईआईएस पर मिलेगी। इस भूमि की जीपीएस मैपिंग होगी। इससे जमीन कि उपलब्धता के मामले में सरलता होगी। प्रतेक मंत्रालय में प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट सेल बनेगा।

सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाइ करेगी जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी।ऑर्डिनंस फैक्ट्री का  निगमीकरण (कॉर्पोरेटाइजेशन) प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण नहीं) होगा। रक्षा उत्पादन में एफडीआई की सीमा ४९ फीसदी से बढ़ाकर ७४ फीसदी की जा रही है।

वित्त मंत्री ने कहा कि छह एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह काम करेगी। समय बचाने के लिए काम करना होगा। भारतीय नागरिक विमानों को लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं, जिसे सुगम बनाया जाएगा। दो महीने के अंदर यह काम किया जाएगा। इससे विमानन क्षेत्र को एक हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। एयर फ्यूल भी बचेगा और पर्यावरण भी।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी कंपनियों को अवसर दिया जाएगा। ”इसरो”  की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी। रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल में स्थापित किया जाएगा, जिनसे कैंसर जैसे रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।

आज की प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि देश में कारोबार को सुगम बनाया जाएगा। हमने बैंकिंग सिस्टम में सुधार किए, आज भारत निवेश के लिए पहली पसंद है। हमें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना है। बुनियादी सुधारों पर हमारा जोर। देश मे उत्पादन देश, देश के लिए उत्पादन। इंडस्ट्रियल उत्पादन की रफ्तार बढ़ाना है। आठ  महत्वपूर्ण सेक्टर जैसे कोयला, खनिज, नागरिक उड्डयन में सुधार जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए निवेश बढ़ाने के लिए नीतिगत सुधार, पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ३३७६ सेज बनाए जाएंगे। हर मंत्रालय में परियोजना विकास ईकाई परियोजना पर काम करेगी, औद्योगिक क्लस्टर उन्नयन के लिए राज्यों में योजनाएं लागू की जाएगी। कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन होगा, कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा।

नया क़ानून : अब कहीं भी उपज बेच सकेंगे किसान

अब किसान अपनी उपज यानी अनाज, सब्जी और अन्य खेती उत्पादों, अफ़ीम को छोड़कार; को कहीं भी बेच सकेंगे। इस मामले में केंद्र सरकार ने नये नियमों की घोषणा की है। 16 मई को सरकार ने किसानों को अपनी उपज बेचने की स्वच्छंदता को लेकर एक बड़े सुधार के तौर पर राष्ट्रीय बाजारों के दरवाजे खोलने की पहल में यह निर्णय लिया है। इस निर्णय में कहा गया है कि किसान अपनी उपज को जहाँ चाहें बेच सकेंगे। किसान अब अपनी उपज को मण्डी या किसी अधिकृत समिति में ही बेचने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा।
इसकी घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार यानी 16 मई को आर्थिक पैकेज के तीसरे भाग की घोषणा करते हुए की। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए प्रशासनिक सुधार की पहल पर ज़ोर देते हुए कहा कि एपीएमसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसानों को निर्दिष्ट मंडियों में उस मूल्य पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ता है, जिन्हें अक्सर विनियमित किया जाता है। कई बार यह मूल्य बाजार मूल्य से कई गुना कम होता है। यह किसानों की आय को प्रतिबन्धित करके आगे की प्रक्रिया या निर्यात के लिए उनकी क्षमता और उपड की ख़रीद पर अंकुश लगाता है। इसलिए किसानों को विपणन विकल्प प्रदान करने और उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलने के पक्ष में एक केंद्रीय क़ानून बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हालाँकि यह एक बड़ा बाज़ार है, लेकिन एपीएमसी अधिनियम को रद्द करने अथवा बदलने तथा मण्डी प्रणाली को ख़त्म करने पर कई राज्य सरकारों ने सहमति व्यक्त की है। वित्त मंत्री ने कहा कि समवर्ती सूची में होने के नाते किसानों को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने के लिए तैयार किया जाने वाला यह क़ानून किसानों के लिए बाधा मुक्त अंतर्राज्यीय व्यापार भी प्रदान करने के साथ-साथ कृषि उपज की ई-ट्रेडिंग के लिए रूपरेखा तैयार करेगा। उन्होंने साफ़ किया कि बिक्री पर इस तरह का प्रतिबन्ध किसी भी औद्योगिक उत्पाद के लिए नहीं है। सीतारमण ने इस नये क़ानून को उचित बताते हुए कहा कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दी जाने वाली अंतर्राज्यीय स्वतंत्रता से अपने उत्पाद को सही बाज़ार की पहचान कर वहाँ बेचने में मदद मिलेगी।

मजदूरों को लेकर सरकार देरी ना करें, अन्यथा परिणाम भयावह होगें

अगर परिस्थिति के मुताबिक सरकार ने निर्णय लेने में आना –कानी और देर की तो निश्चित तौर पर, परिणाम भयावह और घातक हो सकते है। जिस प्रकार सरकार साधारण परिस्थित में साधारण निर्णय लेती रही है । उसी तरह अब आसाधारण परिस्थित में आसाधरण निर्णय लेने की आवश्यकता है। इस समय देश में मजदूर अपने घर –गांव जाने को मजबूर है । तो सरकार को उन्हें जाने देना चाहिये और जो बन पडे वो सुविधा भी देना चाहिये। क्योंकि इस समय मजदूरों के साथ अमानवीय और असंवैधानिक व्यहार हो रहा है।पुलिस की घेरा बंदी के कारण मजदूर मुख्य सडकों से नहीं जा पा रहे है। इसलिये वो खेतों से, टूटी-फूटी सडकों से जा रहे है । कई जगह तो नदियां और नालों को पार कर जा रहे है। उनके साथ इस भीषण गर्मी में महिलायें और बच्चें भी है जो भूख –प्यास के कारण बेहाल है।

कोरोना के कहर और उत्पात के कारण काम-धंधा बंद होने के कारण मजदूरों का रोजगार बंद हुआ है। 50 दिनों से अधिक समय हो गया है ।उनके जमा पैसे भी खर्च हो गये है । तो ऐसी परिस्थिति में अगर वे घर –गांव जाना चाहते है, तो सरकार का दायित्व बनता है । कि मजदूरों को सम्मान के साथ जाने दें। माना कि देश –दुनिया में कोरोना नामक संक्रमण उत्पात मचाये हुये है। पर ऐसे में मजदूरों की कोरोना जांच के बाद घर –गांव जाने का रास्ता सरकार को खोल देना चाहिये। जो लाँकडाउन के कारण बंद कर रखा है। सामाजिक कार्यकर्ता व मजदूरों के अधिकारों के लिये संघर्षरत् सचिन गौड का कहना है कि अजीब बिडम्मना है, कि अपने ही देश में अपने घर –गांव मजदूरों को नहीं जाने दिया जा रहा है। वजह कोरोना के संक्रमण का फैलने का खतरा है। माना कि संक्रमण का खतरा है, पर जांच की और मेडिकल की सुविधायें है । तो ऐसे में सरकार की प्राथमिकता बनती है, कि मजदूरों की जांच प्राथमिक जांच केंद्रों में करवाने की व्यवस्था का विस्तार करें ,ताकि मजदूरों को लेकर जो अफरा –तफरी मची है ।वो शांत हो सकें।सरकार को चाहिये कि एक गाइडलाइन बनाये जिसमें कोरोना के उपचार और बचाव की जानकारी मुहैया कराये , जिसमें स-शर्त भी हो, जो भी स-शर्त पालन करेगा ।उसको बसों, रेल या अन्य वाहनों से देश- भर के जो भी नागरिक है। उन्हें जाने की अनुमति मिलना चाहिये। क्योंकि जिन लोगों को अनुमति नहीं दी गई है । तो वो लोग अपने तरीके से एक समुदाय बनाकर भी गये है । तो उनके साथ जो हादसा और मौतें हुई है । वो सरकार की उदासीनता को दर्शाती है।चितंक एंव लेखक पियरंजन का कहना है कि कितना दुखद है जो मजदूर देश और शहर को बसाने- बनाने में अहम शारीरिक श्रम कर रोजी –रोटी कमाता रहा है। आज कोरोना के कारण जो आपदा आयी है। तो इस समय मजदूर असाय और मजबूर खडा ताक रहा है । कि कोई उनकी सुनवाई को आयेगा।पर ऐसे हालात् में निराश और हताश होकर जब अपने घर-गांव जाने को बेबस है, तो जाने नहीं दिया जा रहा है।मजदूरी का काम करने वाले गोपाल दास और किशन सिंह का कहना है,कि कोरोना की लडाई में मजदूर देश और सरकार के साथ है ।जो भी जांच सरकार करना चाहे कर लें पर जाने तो दें। उनका कहना है कि सरकार मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। एक ओर तो साधन मुहैया भी नहीं करा रही है और ना ही पैदल जाने दे रहीं है। उनके बच्चें भूख के कारण तडप रहे है ,कोई सुनने वाला नहीं है। किशन का कहना है कि खाना खिलाने का दावा करने वाले लोग तो बहुत है पर हकीकत में कोई नहीं दिख रहा है।ऐसे में जो भी रूखा – सूखा भगवान भरोसे मिल रहा है उसी से गुजारा कर रहे है।

एमपी के सागर हादसे में ५ मजदूरों की मौत, तेलंगाना हादसे में २० घायल

उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश के सागर में एक सड़क हादसे में ५ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी। मृतकों के परिजनों के लिए एक लाख राशि और घायलों के लिए ५० हजार की घोषणा की गयी है। उधर तेलंगाना में हादसे में २० मजदूर घायल हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक सागर के दलबतपुर में मजदूरों को लेकर जा रहा एक ट्रक हादसे का शिकार हो गया। इसमें पांच मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि १८ मजदूर घायल हो गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर हैं। राहत और बचाव का काम चल रहा है।

छतरपुर की ओर जा रहे ट्रक के पलटने से यह हादसा हुआ। इसमें हादसे में १८ लोग घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

तेलंगाना हादसे में २० घायल
उधर एक और हादसे में महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग ४४ पर हुई है।  वहां ६५ मजदूरों को लेकर जा रहा एक ट्रक रात साढ़े तीन बजे पलट गया। इस घटना में २० मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

किसानों, मजदूरों को नकद पैसे दीजिये, कर्ज नहीं, विदेश नहीं, देश को देखकर अपने फैसले कीजिये, राहुल की मोदी सरकार को सलाह

पीएम मोदी के २० लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस समय प्रवासी मजदूरों और किसानों को कर्ज की नहीं, नकद पैसे की जरूरत है। उन्होंने पैकेज के तरीके को लेकर कहा कि ”मां बच्चे को कर्ज नहीं देती, उसके साथ खड़ी होकर उसकी मदद करती है”। राहुल ने मोदी सरकार से कहा कि विदेश को देखकर नहीं देश को देखकर फैसले कीजिये।

राहुल गांधी ने शनिवार को ५० क्षेत्रीय पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिएबातचीत में कोरोना महामारी के दौरान सड़कों पर दुर्दशा झेल रहे किसान और मजदूरों को लेकर मोदी सरकार को जमकर लताड़ा।

राहुल ने कहा – ”कोरोना वायरस से जुड़े हालात आप सभी को पता है और कुछ दिन पहले सरकार ने कुछ कदम उठाए। मैं सरकार से विनती करता हूं कि आप कर्ज जरूर दीजिए लेकिन भारत के बच्चों के लिए साहूकार मत बनिए। सड़क पर चलने वाले प्रवासियों की जेब में पैसे दीजिए। सड़क पर चलने वाले लोग भारत का भविष्य हैं। ये बाते मैं एक राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं बोल रहा। सरकार को आर्थिक पैकेज पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि ”जब बच्चे को चोट लगी हो तो मां उसे कर्ज नहीं देती बल्कि उसके साथ खड़ी रहती है। जो प्रवासी रोड पर हैं उसे कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है। किसानों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है।”

गांधी ने जोर देकर कि  किसानों के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर कीजिए। ये सभी हमारा भविष्य हैं। हमारी रेटिंग को किसान, छोटे उद्यमी, मजदूर बनाते हैं। आप विदेश के बारे में मत सोचिए आप इन लोगों के बारे में सोचिए। हमें हिंदुस्तान के दिल को देखकर फैसला लेना है। मैं बहुत प्यार से प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि वे भारत के लोगों के बारे में सोचें, विदेश के बारे में नहीं।”

उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन को बहुत समझदारी, ध्यान से और होशियारी से हटाना है। उन्होंने कहा कि देश के एक आर्थिक तूफ़ान के सामने है। आने  मुश्किल हो सकते हैं।

औरैया में बड़ा सड़क हादसा

फरीदाबाद से 81 मजदूरों को लेकर आ रहे खड़े ट्राला में डीसीएम ने मारी टक्कर। 24 की मौत 25 से अधिक घायल हो गए। यह दर्दनाक हादसा कोतवाली औरैया के चिहुली इलाके में हाइवे पर हुआ।

घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां से गंभीर रूप से घायलों को कानपुर के हैलट होस्पिटल में शिफ्ट किया जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना पर शोक जताया है।
डीएम और एसपी औरैया समेत कई थानों की फ़ोर्स और प्रशानिक अधिकारी और कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर मौजूद है। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी राहत और बचाव कार्य मे लगे हैं।

एडीजी कानपुर जोन जे एन सिंह और आईजी मोहित अग्रवाल कमिश्नर कानपुर मंडल औरैया हुए रवाना।