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कोरोना वायरस की जाँच के लिए बनायी सस्ती इन्फ्रारेड सेंसर गन

कोरोना वायरस की जाँच के लिए सस्ती इन्फ्रारेड सेंसर गन बना ली गयी है। यह गन नौसेना के मुम्बई स्थिति डॉकयार्ड ने डिजाइन की है। डॉकयार्ड ने इसे अपने प्रवेश द्वारों नौसेनाकर्मियों की स्क्रीनिंग के लिए बनाया है, ताकि सुरक्षा जांच गतिविधियों पर बोझ कम किया जा सके। डॉकयार्ड द्वारा ख़ुद के उपलब्ध संसाधनों से विकसित इस गन की क़ीमत 1000 रुपये से भी कम है, जो कि बाज़ार में उपलब्ध ऐसी अन्य गनों की क़ीमत से बहुत ही कम है।

बता दें कि नौसेना के पश्चिमी कमान के 285 वर्ष पुराने डॉकयार्ड में प्रतिदिन औसतन लगभग 20,000 नौसेना कर्मी आते हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनज़र, इन कर्मियों की डॉकयार्ड में प्रवेश करने के समय प्रारम्भिक जाँच ज़रूरी हो गयी है। सम्भावित रोगी की बिना सम्पर्क के प्रारम्भिक स्क्रीनिंग करने के लिए उसके शरीर के तापमान की जाँच करना सबसे बेहतर तरीक़ा है।

बता दें कि कोविड के प्रकोप के बाद से ग़ैर-सम्पर्क वाले थर्मामीटर या इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन बाज़ार में दुर्लभ हो गयी हैं, जिसके चलते इन गनों की क़ीमत काफ़ी बढ़ गयी है। इसी के मद्देनज़र मुम्बई के नौसेनिक डॉकयार्ड ने 0.02 डिग्री सेल्सियस तक के शारीरिक तापमान को सटीकता के साथ नापने में सक्षम गन डिजाइन और विकसित की है। इन्फ्रारेड सेंसर और एक एलईडी डिस्प्ले लगी हुई यह गन एक तरह का थर्मामीटर है। यह गन बिना शारीरिक सम्पर्क में आये किसी के भी शरीर के तापमान की जाँच कर लेती है। यह गन एक माइक्रोकंट्रोलर के साथ जुड़ा हुई है और 9 वोल्टेज की क्षमता वाली बैटरी से चलती है। इस गन की विनिर्माण लागत 1000 रुपये से कम होने की वजह से आवश्यकता पड़ने पर डॉकयार्ड में इन्हे बड़ी संख्या में बनाया जा सकता है।

चीन के इस शहर में कुत्ते, बिल्ली और सांप का मांस खाने पर प्रतिबंध

कोरोना वायास की चपेट में पूरा यूरोप है। सबसे ज़्यादा 2 लाख केस अमेरिका में सामने आ चुके हैं। 11 हजार से ज़्यादा अकेले इटली में मौतें हो चुकी हैं। चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना का खौफ वुहान में थम गया है, पर अब चीन सरकार शायद चेत रही है। लोग वापस अपने सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं।  वायरस के कहर के बाद चीन का शेन्जेन पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां कुत्ते, बिल्ली और सांप का मांस खाने पर प्रतिबंध लगाने का कानून लागू किया गया है।
कोरोना वायरस के फैलने के बाद यहां पर नया कानून बनाया गया है, जिसके तहत कुत्ते, बिल्ली और सांप का मांस खाने को प्रतिबंधित किया गया है। पशु प्रेमी चीन की सरकार से जानवरों का मांस खाने पर रोक की मांग के वर्षों से करते रहे हैं। अब पहली बार शेन्जेन शहर में इस कानून को लागू किया गया है। शेन्ज़ेन की जनसंख्या 1.30 करोड़ है और एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कानून 1 मई से प्रभावी होगा। केवल कुत्ते, बिल्ली और सांप ही नहीं, बल्कि, मेंढक, कछुए आदि के मांस खाने पर भी रोक रहेगी।
फरवरी में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने कुछ वक्त के लिए सभी जानवरों के मांस खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वायरस फैलने के बाद माना गया था कि जानवार का मांस खाने के कारण यह वायरस फैला है और इस वजह से चीन ने इस पर कुछ वक्त के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
हालांकि, चीन में अब एक बार फिर दुकानें खुलने लगी हैं और जंगली जानवरों की सप्लाई भी शुरू हो गई है। पिछले दिनों बाकायदा एक मीट पार्टी का भी आयोजन हो चुका है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में लोगों का डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला, ४ लोग गिरफ्तार किये

मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरूवार को एक शर्मनाक घटना में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों पहचान करने गई डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। मामला सामने आते ही पुलिस ने ४ लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और कुछ अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस हमले में दो महिला डॉक्टर घायल हुई हैं।
स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बुधवार को इंदौर के रानीपुरा क्षेत्र में एक बीमार महिला के स्वास्थ्य के चेकअप के लिए गई थी, तभी कुछ लोगों ने टीम पर पथराव और लाठियों से हमला कर दिया। रानीपुरा क्षेत्र में चिकित्सा विभाग का दल टाट पट्टी बाखल में कुछ महिलाओं के चेकअप के लिए गया था लेकिन वासियों ने उनका विरोध किया और पुलिस के बैरिकेड तोड़कर टीम पर पथराव कर दिया।
अब इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कुछ अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ऐसी ही एक घटना पहले हैदराबाद में हुई थी जब कोरोना मरीज की मौत पर परिजनों ने हंगामा करते हुए इलाज कर रहे डॉक्टर के साथ  मारपीट की थी।
इंदौर में घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने माहौल शांत करवाया। पुलिस ने बताया कि टीम एक बुजुर्ग महिला को मेडिकल चेकअप के लिए लेकर जाने वाली थी। इसी को लेकर यहां पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और विवाद करने लगे। समझाने के बाद भी ये नहीं माने और पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी। इन लोगों ने पथराव भी किया। अब ४ लोगों गिरफ्तार कर लिया गया है।

बिना तैयारी लॉक डाउन से लाखों लोग मुश्किल में पड़े : सोनिया गांधी

देश में कोरोना और लॉक डाउन के बाद पैदा हुई स्थिति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरूवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की। इसमें उन्होंने लॉक डाउन के बाद गरीबों को आ रही दिक्क्तों को लेकर कहा लॉक डाउन जरूरी था लेकिन इसे जल्दबाजी और बिना तैयारी लागू किया गया जिससे लाखों लोगों के लिए दिक्कत पैदा। इस बीच पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर हालात की जानकारी ली है।

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने लॉक डाउन से पहले इसकी कोइ तैयारी नहीं की थी जिससे लाखों लोग डर, पैसे और खाने-पीने के सामान की कमी के चलते पलायन को मजबूर हो गए। गांधी ने इस समय फील्ड में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों  और अन्य को जरूरी उपकरण देने की भी मांग की है ताकि वायरस से उनका बचाव रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा – ”केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी किया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। देश में कोरोना वायरस की स्थिति गंभीर है और इसे लेकर सरकार के कदम उठाए जाने की जरूरत तो थी लेकिन पीएम मोदी ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के किया। इस २१ दिन के लॉकडाउन की कोई तैयारी नहीं होने से गरीबों और मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।”

गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की बैठक में मोदी सरकार घेरा। गौरतलब है कि गांधी ने लॉकडाउन लागू होने के बाद पीएम मोदी को पत्र लिखकर कुछ सुझाव दिए थे। उन्होंने लॉकडाउन को समर्थन देते हुए कहा था कि कांग्रेस इस संकट के काल में सरकार के साथ है। हालांकि, लॉक डाउन को जल्दबाजी में लागू करने से लाखों लोगों की परेशानी पर भी उन्होंने आवाज उठाई है।

दिल्ली में कोविड स्क्वायड

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली में कोविड स्क्वायड तैयार की गयी है। यह कोविड स्क्वायड एक प्रकार का कोविड पेट्रोल दस्ता है, जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान कोरोना वायरस फैलने से रोकने का काम करेंगे। ये जवान गली-मोहल्लों में जाएँगे। फ़िलहाल इसकी शुरुआत पहले दस्ते के रूप में दक्षिणी दिल्ली से की गयी है। इस दस्ते में पुलिस के 40 मोटरसाइकिल सवार जवानों को सड़क पर उतारा गया है। दिल्ली पुलिस के जवानों का यह दस्ता लोगों को कोरोना के ख़िलाफ़ जागरूक करने के साथ-साथ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नज़र रखेगा। इस दस्ते में सभी मोटरसाइकिल पीले रंग की हैं, जिन पर लाल रंग से ‘कोविड-19’ लिखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही पूरी दिल्ली में इस तरह की मोटरसाइकिलों पर सवार पुलिस के जवान दौड़ते दिखायी देंगे।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस दस्ते में तैनात दिल्ली पुलिस के जवान लोगों को लोगों को लॉकडाउन की अहमियत, कोरोना वायरस के ख़तरों के प्रति जागरूक करेंगे। इस दस्ते में शामिल पुलिसकर्मी इस बात की भी जाँच करेंगे कि कोरोना के ख़िलाफ़ छेड़ी गयी जंग में कहीं कोई बाधा तो पैदा नहीं हो रही है। यानी कहीं भीड़ तो जमा नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाये गये सरकार के क़दमों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने, उसके प्रचार-प्रसार करने, कोरोना से बचाव के उपाय और लोगों को आपस में दूरी बनाये रखने की आवश्यकता बताने के उद्देश्य से यह दस्ता गठित किया गया है। इस दस्ते में शामिल जवानों को कोरोना से सम्बन्धित सभी जानकारियाँ दी गयी हैं। बड़े पुलिस वाहनों के गली-मोहल्लों में न पहुँच पाने के चलते मोटरसाइकिल दस्तों को तैयार किया जा रहा है, ताकि जवान वहाँ जाकर लोगों को जागरूर कर सकें। कोविड पेट्रोल दस्ता दिल्ली की सीमाओं पर मौज़ूद गश्त (पेट्रोलिंग) टीमों की जाँच भी करेगा। सीमाओं पर संदिग्ध कॉमर्शियल वाहनों की चेकिंग भी करेगा।

शेयर बाज़ार में भारी गिरावट

मुम्बई। 01 अप्रैल को भारतीय शेयर बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गयी। दरअसल, सुबह को शेयर बाज़ार गिरावट के साथ ही खुले थे। सेंसेक्स 36 अंक और निफ्टी 13 अंक की गिरावट के साथ खुले। बाज़ार खुलने के लगभग पौने दो घंटे बाद सेंसेक्स 1000 अंक नीचे पहुँच गया। बता दें कि फ़िलहाल सेंसेक्स 1020.94 अंक नीचे गिरकर 28,447.55 पर, जबकि निफ्टी 292.50 अंक नीचे गिरकर 8,305.25 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। इससे पहले वित्त वर्ष के क्लोजिंग डे यानी 31 मार्च को बाजारों में भारी बढ़त देखने को मिली थी। 31 मार्च को सेंसेक्स ने 1028.17 अंक के साथ 3.62 प्रतिशत उछाल पर यानी 29,468.49 पर, जबकि निफ्टी 316.65 अंक के साथ 3.82 प्रतिशत उछाल पर यानी 8,597.75 पर कारोबार समेटा था।

दुनिया के कई बाज़ारों में गिरावट

शेयर बाज़ार की ख़बरों के मुताबिक, 31 मार्च को अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के कई बाज़ारों में गिवारट देखने को मिली। 31 मार्च को डाउ जोंस 1.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 410.32 अंक नीचे गिरकर 21,917.20 पर बन्द हुआ। वहीं, अमेरिका के दूसरे बाज़ार नैस्डैक 0.95 प्रतिशत गिरावट के साथ 74.05 अंक नीचे 7,700.10 पर बन्द हुआ। वहीं, एसएंडपी के शेयर 1.60 प्रतिशत गिरावट के साथ 42.06 अंक की गिरावट के साथ 2,584.59 पर बन्द हुए।

फ्रांस और चीन में उछाल

एक तरफ़ जहाँ दुनिया भर के बाज़ारों पर मंदी छायी हुई है, वहीं 31 मार्च को फ्रांस के सीएसी 40 0.40 प्रतिशत बढ़त के साथ 4,396.12 अंकों पर बन्द हुआ। वहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस फैलाने के लिए आरोपी माना जाने वाला चीन भी बाज़ार की मन्दी से उबरता हुआ दिख रहा है। 31 मार्च को शंघाई कम्पोजिट बाज़ार 19.74 अंकों की तेज़ी के साथ 2,770.04 अंकों पर बन्द हुआ।

भारतीय बैंकिंग सेक्टर में गिरावट

वैश्विक महामारी के चलते छायी मंदी के बीच भारतीय बैंक सेक्टर में गिरावट दर्ज की गयी है। प्राप्त सूत्रों के मुताबिक, बीएसई बैंकिंग सेक्टर में 9 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी। इनमें फेडरल बैंक में 0.49 प्रतिशत, आरबीएल बैंक में 1.07 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक में 2.62 प्रतिशत, एसबीआई बैंक में 3.73 प्रतिशत, एक्सिस बैंक में 1.81 प्रतिशत, सिटी यूनियन बैंक में 4.40 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक में 3.39 प्रतिशत और कोटक महिंद्रा बैंक में 9.06 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

ग्लोबल इकोनॉमी में आयेगी मंदी

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की मानें, तो इस साल ग्लोबन इकोनॉमी में मंदी छायी रहेगी। यूएन ने ट्रेड रिपोर्ट में कहा है कि इस वित्त वर्ष में दुनिया की अर्थ-व्यवस्था डाँवाडोल रहेगी और बाज़ारों में मंदी छायी रहेगी। यूएन ने इसकी वजह कोरोना वायरस को बताया है। यूएन का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में बड़े आर्थिक नुक़सान की आशंका है। यूएन ने यह भी कहा है कि इस नुक़सान की भरपाई में समय लगेगा।

भारत पर पड़ेगा कम असर

यूएन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस साल सबसे ज़्यादा मुश्किलें विकासशील देशों को आयेंगी। लेकिन, भारत और चीन पर कम असर पड़ने की उम्मीद है। हो सकता है कि इन देशों पर आर्थिक नुक़सान का बहुत असर न पड़े। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की दो-तिहाई आबादी विकासशील देशों में रहती है और यही वजह है कि विकासशील देशों में कोरोना वायरस के संकट का सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा, जिससे इन देशों को बड़ा आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ सकता है। यूएन ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि विकासशील देशों के लिए 187.50 लाख करोड़ रुपये के रेस्क्यू (बचाव) पैकेज की आवश्यकता है।

कोरोना से यूपी में पहली मौत, सैकड़ों में फैलने की आशंका

देश में कोरोना धीरे-धीरे पांव पसारता जा रहा है। इसके संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। सबसे ज़्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पहली मौत गोरखपुर में हुई है। राज्य में सबसे ज़्यादा सरकारी आंकड़ों में नोएडा में पॉजिटिव केस पाए गए हैं। देशभर में 1300 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
बस्ती के जिस युवक की मौत कल रात हुई, उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथउस पूरे इलाके और रिश्तेदारों व संपर्क में आने वाले सैकड़ों लोगों के बीच दहशत फैल गई है। परिजनों पर युवक की ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने के आरोप लगे हैं। केजीएमयू लखनऊ के मीडिया प्रभारी डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, गोरखपुर से जो सैम्पल आया था, वह जांच में पॉजिटिव मिला है। गोरखपुर में हुई जांच में भी पुष्टि हुई थी।केजीएमयू से दोबारा मिलान किया जाना था। इसमें भी मामला सही पाया गया।
युवक के संपर्क में आने वालों को क्वारन्टीन किया गया घर व आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है। बताया गया कि युवक पिछले हफ्ते ही मुम्बई से लौटा था। महाराष्ट्र में ही देश में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

निज़ामुद्दीन मरकज़ खाली करवाया गया

बड़ी संख्या में लोगों के टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सुबह चार बजे की गयी कार्रवाई में दिल्ली के हजरत निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ को खाली करवा लिया गया है। वहां से कुल २३६१ लोगों को बाहर निकाला गया है।

जानकारी के मुताबिक इनमें से ६१७ लोगों को अस्पताल भेजा गया है जबकि १७४४ को क्वारंटीन किया गया है। मरकज ने पहले दावा किया था कि वहां १००० के करीब लोग है। आज सुबह ४ बजे मरकज को खाली कराया गया। याद रहे तेलगांना के छह और एक अन्य समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई थी।

उधर दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और क्राइम ब्रांच इसकी जांच करेगी। गौरतलब है कि मरकज में ८-१० मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग यहाँ आये थे। इनमें देश के विभिन्न राज्यों और अन्य देशों से करीब १८३० लोग मरकज़ में शामिल हुए। मरकज़ के आसपास और दिल्ली के करीब ५१० लोग थे।

कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को २८ मार्च को एक चिट्ठी लिखकर बताया था कि उन्हें सूचना मिली है कि तबलीगी जमात में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है और आशंका है कि अन्य देशों से आए लोगों से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है। तबलीग-ए-जमात सौ साल से ज्यादा पुरानी संस्था है।

उधर यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि भारत के एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया बहुत देरी से शुरू की गयी जिसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में विदेशों से लोग भारत आए और इनसे ही कोरोना फैलने का खतरा बढ़ा है। याद रहे मंगलवार को तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज से १५४८ लोग निकाले गए। सभी को डीटीसी की बसों से दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया गया।  तबलीगी जमात से जुड़े २४ लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। दिल्ली में ७१४ लोग कोरोना के शुरुआती लक्षणों की वजह से अस्पतालों में भर्ती हैं।

भारत में फँसे विदेशी पर्यटकों की सहायता करेगी सरकार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बीच भारत में लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में फँसे विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ (strandedinindia.com) नाम का एक पोर्टल का शुभारम्भ किया है। यह वेबसाइट पर्यटन वेबसाइट और पर्यटन मंत्रालय के चैनल्स पर भी नज़र आएगी। पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू किये गये इस पोर्टल पर भारत में फँसे विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न सेवाओं से जुड़ी जानकारियाँ दी गयी हैं। इस पोर्टल का उद्देश्य विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए एक सहायक नेटवर्क के रूप में काम करना है।

पर्यटन मंत्रालय का कहना है कि यह पर्यटकों, विशेषकर दूसरे देशों से घूमने आये पर्यटकों की बेहतरी सुनिश्चित करने की दिशा में किया गया एक प्रयास है। इस क्रम में पर्यटन मंत्रालय लगातार सतर्क बना हुआ है और पर्यटकों की ज़रूरतों के आधार पर सहायता के लिए पहल कर रहा है।

पोर्टल में निम्नलिखित जानकारियाँ दी गयी हैं-

1- कोविड-19 हेल्पलाइन नम्बर्स या कॉल सेंटरों से जुड़ी व्यापक जानकारी। विदेशी पर्यटकों की मदद के लिए इनके माध्यम से सम्पर्क कायम कर सकते हैं।

2- विदेश मंत्रालय के नियंत्रण केंद्रों से जुड़ी विविध जानकारियाँ और सम्पर्क के लिए उनके दूरभाष नम्बर।

3- राज्य आधारित/क्षेत्रीय पर्यटन सहायक बुनियादी ढाँचे से जुड़ी जानकारियाँ।

विदेशी पर्यटकों को ज़्यादा जानकारी देने और सम्बन्धित अधिकारियों की मदद करने के लिए हेल्प सपोर्ट सेक्शन की जानकारी।

लॉकडाउन में उदासी से बचने के लिए शराब और तंबाकू के सेवन से बचें – स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 दिनों के लॉकडाउनके दौरान उदासी एवं एकाकी से बचने के लिए धूम्रपान या नशा से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इस आपदा की घड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है।

मंत्रालय का कहना है कि तंबाकू और अल्कोहल का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और मनोदशा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे बचें।

मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि संक्रमण के संभावित दायरे में आने वालों के साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाने के बजाय उन्हें उपचार और एहतियात के उपायों से अवगत करायें। इससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा और रोगी को समय पर उपयुक्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लॉकडाउन का मकसद संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे लोगों में फैलने से रोकना और खुद और दूसरों की संक्रमण से सुरक्षा करना है।सिर्फ और सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिये ही बाहर जाएं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों की पर्याप्त जानकारी रखें इससे स्वास्थ्य सुविधा का समय पर लाभ उठाना आसान होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से भयभीत होने के बजाय सचेत और सक्रिय रहने की अपील की है।