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15 अप्रैल से चलेंगी ट्रेनें

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में हुए 21 दिनों के लॉकडउन के ख़त्म होते ही सामान्य जीवनशैली के पटरी पर लौटने का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन के आख़िरी दिन 14 अप्रैल के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। क्योंकि भारतीय रेलवे ने 15 अप्रैल से ट्रेन सेवा शुरू करने की बात कही है। विदित हो कि कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश भर में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बन्द कर दिया गया है। रेलवे सूत्रों मुताबिक, रेलवे के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को 15 अप्रैल से अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दे दिये गये हैं।

हालाँकि, केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा। इस मामले पर मंत्रणा के लिए सरकार ने मंत्रियों का एक समूह गठित किया है। रेलवे ने ट्रेनों के संचालन की समय सारिणी और अन्य सेवाओं को बहाल करने की योजना जारी कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक, 15 अप्रैल से निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी। इन ट्रेनों में शताब्दी, राजधानी, दुरंतो जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों के साथ-साथ अन्य ट्रेनें भी शामिल हैं। इसके लिए रेलवे ने सभी 17 जोनों को अपनी-अपनी सेवाएँ संचालित करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

यात्रियों की होगी थर्मल स्क्रीनिंग

सूत्रों के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर पहुँचने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का भी रेलवे द्वारा पालन किया जाएगा। रेलवे का कहना है कि फ़िलहाल सरकार ने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। रेलवे ने सभी यात्री सेवाएँ 14 अप्रैल तक रद्द कर दी थीं, इसलिए हालात सामान्य रहने पर संभवतः सरकार कोई नया आदेश जारी न करे। इस सप्ताह के अन्त में जोनों को ठोस कार्य-योजना भेजे जाने की सम्भावना है। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को बन्द की घोषणा करने के बाद रेलवे ने मालवाहक ट्रेनों को छोड़कर 13,523 ट्रेनों की सेवाएँ 21 दिनों के लिए रद्द कर दी थीं।

कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर दंपति के घर आया नन्हा मेहमान

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कोरोना वायरस का दुनिया में कहर जारी है। पूरा यूरोप हलकान है। इस बीच राजधानी नई दिल्ली से अच्छी खबर आई है। वायरस की दहशत और लॉकडाउन में कहां देश और दुनिया के तमाम देशों के लोग अपने घरों में कैद हैं और खुद को बचाने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं।
शुक्रवार की रात दिल्ली के एम्स में कोरोनो वायरस की चपेट में आए डॉक्टर दंपति के घर पर नन्हा मेहमान आया है। दोनों ही मां और बच्चा स्वस्थ्य हैं। हालांकि दोनों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और लगातार निगरानी की जा रही है। महिला के डॉक्टर पति की तीन दिन पहले कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
देश में अब तक 50 से अधिक डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। डॉक्टर दंपति की रिपोर्ट एक ही दिन सामने आई थी, और महिला डॉक्टर 9 महीने की गर्भवती थीं। अब तक दिल्ली के 9 डॉक्टर कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
इससे पहले, सफदरजंग अस्पताल के दो रेजिडेंट डॉक्टरों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के इलाज की टीम में शामिल एक डॉक्टर ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुआ । वहीं, बायोकेमिस्ट्री विभाग में पीजी की छात्रा, महिला रेजिडेंट डॉक्टर भी संक्रमित हो चुके हैं। इनका सफदरजंग के अलग वार्ड में इलाज जारी है।

कश्मीर में ५ आतंकी ढेर, २ जवान घायल

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने ५ आतंकियों को मार गिराया गया है। सेना के २ जवान भी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के पांच आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ इलाके में उस घटना के बाद हुई जिसमें आतंकियों ने पिछले १५ घंटे में चार नागरिकों की हत्या कर दी।

जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले के हर्दमंगुरी गांव में ऑपरेशन के दौरान तलाशी शुरू की। इस दौरान सुरक्षा बल एक सेब के बगीचे के बीच बने घर के पास पहुंचे तो भीतर छिपे आतंकियों ने उनपर जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी।

आतंकियों ने गोलीबारी कर भागने की कोशिश की थी जिसे सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को सुबह मार गिरयाया था। उसके बाद भी मुठभेड़ जारी रही। छह घंटे बाद सुरक्षा बलों ने एक और आतंकी को मार गिराया और सुरक्षा बलों ने पूरे घर को विस्फोटक बारूद लगा कर उड़ा दिया।

अब मिली जानकारी के मुताबिक कुल ५ आतंकी मारे गए हैं। इस घटना में २ जवान भी घायल हुए हैं। जेके पुलिस के मुताबिक आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे।

कोरोना के भय से अमृतसर में दंपति ने आत्महत्या की  

कोरोना न होने के बावजूद लॉक डाउन और कर्फ्यू के चलते तन्हाई झेल रहे एक दंपति ने पंजाब के अमृतसर में कोरोना के भय से आत्महत्या कर ली। कोरोना के शोर के बीच यह दूसरी ऐसी घटना है। इससे पहले मार्च में दिल्ली के एक अस्पताल में कूद कर आत्महत्या कर ली थी।

जानकारी के मुताबिक कोरोना विषाणु के भय भर से ही इस दंपति ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। यह दोनों अकेले ही रहते थे। डॉक्टरों ने कल कोरोना का जिक्र आने के बाद उनके शवों का पोस्टमॉर्टम करने से मना कर दिया था जिसके बाद आज उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

यह घटना अमृतसर के बाबा बकाला के सठियाला गांव की है। इनके नाम गुरजिंदर कौर (६३) और बलविंदर सिंह (६५) हैं। जानकारी के मुताबिक सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि हम कोरोना वायरस के कारण नहीं मरना चाहते हैं। हमें कोरोना से टेंशन हो गई थी।

इसी तरह की एक और घटना झारखंड की राजधानी रांची के अशोक नगर से भी मिली है। वहां एक युवक ने कोरोना की आशंका के चलते फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार देर रात की यह घटना बतायी गयी है। मृतक का नाम पप्पू कुमार सिंह था। वह बिहार के भोजपुर जिले के पीरो का निवासी था।

कोरोना : यूरोप से क्यों बेहतर हैं एशिया के हालात

भारत और पूरे एशिया क्षेत्र में में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़े जरूर हैं, लेकिन यूरोप की तुलना में बेहद कम हैं। इसकी एक बड़ी वजह मौसम भी है। एशिया में गर्मी का असर दिखना शुरू हो गया है, जबकि यूरोप के ज्यादातर देशों में वायरस के अनुकूल कहा जाना वाला मौसम यानी 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दावा किया दिल्ली मरकज की वजह से मामलों में ज्यादा इजाफा हुआ है। हालांकि उन्होंने तैयारियों पर पर कहा कि देश के किसी भी कोने में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाएगी। हम किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा देश में संक्रमण के मामलों में तेजी जरूर आई है, फिर भी यहां की स्थिति यूरोपीय देशों के मुकाबले बेहतर है। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप इस संकट का केंद्र बना हुआ है, लेकिन ऐसे संकेत मिले हैं कि यह महामारी वहां चरम पर पहुंच सकती है। स्पेन और ब्रिटेन में 24 घंटे के दौरान क्रमश: 950 और 569 लोगों की मौत हुई हैं।

यूरोपीय देशों की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन के साथ-साथ प्रिंस चार्ल्स तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। प्रधानमंत्री जॉनसन ने ‘बड़ी संख्या में लोगों की जांच’ करने का आह्वान किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में एक दिन में 1 लाख लोगों की जांच करने का लक्ष्य है। खुद संक्रमण की चपेट में आए जॉनसन की बड़े पैमाने पर जांच न कराने के लिए आलोचना की गई।

बेबस है सबसे ताकतवर अमेरिका
सबसे ताकतवर देश अमेरिका को ही ले लें, वहां बीते 24 घंटों में ही 1,169 लोगों की मौत हो गई। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक यह अपने आप में एक रेकॉर्ड है। इससे पहले इटली में 27 मार्च को 969 लोगों की मौत हो गई थी। व्हाइट हाउस के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से 1 लाख से 2.40 लाख अमेरिकी जान गंवा सकते हैं। वहां पर संक्रमितों का आंकड़ा 2.25 दो लाख को पार कर गया है।

अब इसी उदाहरण से भारत और दक्षिण कोरिया की तुलना कीजिए। भारत में अभी संक्रमितों का आंकड़ा 2,500 तक पहुंचा ही है। हालांकि, जब पहले ग्राफ को देखकर लगता है कि भारत के मुकाबले दक्षिण कोरिया की स्थिति बहुत खराब है। लेकिन, हकीकत दूसरा ग्राफ बताता है। इस ग्राफ से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया में नए मामलों की रफ्तार में  तेजी से गिरावट दर्ज की गई है जबकि भारत में स्थिति उलट है। वहां बिना लॉकडाउन के जांच के जरिये नियंत्रण पाया गया है, जबकि भारत में बड़ी आबादी के बावजूद लॉकडाउन किया गया है और उसी से इस पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी हैं।

कोविड-19 : प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सकारात्मक माहौल बनाने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए ‘संकल्प, संयम, सकारात्‍मकता, सम्मान और सहयोग’ के पांच सूत्री मंत्र देने के बाद देश भर के नामचीन खिलाड़ियों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करके देश में सकारात्मक माहौल बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने राष्ट्र को गौरवान्वित किया है, अब उन्‍हें राष्ट्र का मनोबल बढ़ाने और सकारात्मकता का माहौल बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए  खिलाड़ियों ने सकारात्मकता और सामाजिक दूरी बनाये रखने के संदेश का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प व्‍यक्‍त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कोविड-19’ पूरी मानवता का दुश्‍मन है और वर्तमान स्थिति की गम्भीरता का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार ओलंपिक गेम्‍स को स्थगित किया गया है। इस महामारी से उत्‍पन्‍न विकट चुनौतियों के कारण विम्बलडन जैसे कई अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों और क्रिकेट से सम्बन्धित इंडियन प्रीमियर लीग जैसे घरेलू खेल आयोजनों के पूर्व निर्धारित समय में परिवर्तन करने पर विवश होना पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने खेल के मैदान पर शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्र को गौरवान्वित करने के लिए खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप सबको राष्ट्र का मनोबल बढ़ाने और सकारात्मकता का माहौल बनाये रखने में अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को लोगों से लॉकडाउन के दौरान जारी की जाने वाली एडवाइजरी का निरंतर पालन करने के लिए कहना है। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि खेल प्रशिक्षण के दौरान सीखी जाने वाली विशिष्‍ट बातें जैसे कि चुनौतियों का डटकर सामना करने की क्षमता, स्‍व-अनुशासन, सकारात्मकता और आत्मविश्वास इस वायरस के फैलाव का मुकाबला करने की दृष्टि से भी अत्‍यंत आवश्यक तरीक़े हैं।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से लोगों को दिये जाने वाले अपने संदेश में इन पाँच बिन्दुओं का सकारात्मक प्रचार करने को कहा है। साथ ही खिलाड़ियों से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के महत्त्व पर प्रकाश डालने के साथ-साथ आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अत्‍यंत आवश्‍यक है कि भारत महामारी के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में विजयी बनकर उभरे। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस लड़ाई में समस्‍त खिलाड़ी अत्‍यंत सक्रियतापूर्वक भाग लेंगे।
खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे इस लड़ाई में सबसे आगे रहकर नि:स्वार्थ सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों को सम्मान दिलाने के लिए तत्‍पर हैं, जिसके पात्र वे वास्‍तव में हैं। उन्होंने अनुशासन एवं मानसिक शक्ति के विशेष महत्त्‍व, फिटनेस बनाये रखने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने की भी चर्चा की।
इस वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में सचिव तेंदुलकर, सरल गांगुली, विराट कोहली, युवराज सिंह, रानी रामलाल, पीजी सिंधु, हिमा दास समेत विभिन्‍न खेलों से जुड़े 40 से भी अधिक शीर्ष खिलाड़ियों और अनेक अधिकारियों ने भाग लिया।

कोरोना से निबटने के लिए भारत को विश्व बैंक से एक अरब डॉलर की आपातकालीन मदद का ऐलान

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत को विश्व बैंक से एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता मंजूर हुई है। देश में कोरोना विषाणु (कोविड-१९) मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में इस विषाणु को सामुदायिक स्तर तक पहुँचाने से रोकने की कोशिशें तेज हो गयी हैं।

अब विश्व बैंक ने भारत को कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं के १.९ अरब डॉलर की पहली खेप में २५ देशों को मदद दी जा रही है। इस इमरजेंसी मदद का सबसे बड़ा हिस्सा भारत को मिल रहा है एक अरब डॉलर का  है। इसका कारण भारत की बड़ी आबादी भी है।

संगठन ने कहा है कि भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, संपर्कों का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नए पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी। विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया में पाकिस्तान को २० करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान को १० करोड़ डॉलर, मालदीव को ७३ लाख डॉलर और श्रीलंका को १२.८६ करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी गयी है।

विश्व बैंक ने कहा है कि उसने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में देशों की मदद करने के लिए १५ महीने के लिहाज से १६० अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

क्वारंटाईन के दौरान आप क्या खाएं पीएं

कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग खुद को क्वारंटाईन कर रहे हैं। इस दौरान घरों में बंद रहने से रहन-सहन, जीवनशैली में होने वाले बदलाव के चलते आपके शरीर और स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ ने खाने पीने को लेकर एक गाइडलाइन जारी की है जिसका पालन करने पर आप खुद को घर में स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने क्वारंटाईन के दौरान पैक्ड फूड़ , नमक और चीनी से बने पदार्थों का उपयोग कम करने, घर में बने पौष्टिक एवं सुपाच्य आहार की सलाह दी है। साथ-साथ चाय और कॉफी कम पीने की सलाह दी है क्योंकि इससे पेट संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

क्या खाएं पीएं

अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फाइबर फूड का इस्तेमाल करें।

सब्जी ,फल ,दाल,ओट्स, ब्राउन पास्ता, ब्राऊन राईस, क्विनोआ, होल व्हीट ब्रेड इत्यादी चीजों का ज्यादा मात्रा में सेवन करें ।

यह खाद्य आसानी से पच जाते हैं। जिससे आप एसिडिटी ,कब्ज आदि से बच सकते हैं।

क्वारंटाईन के दौरान शरीर को हायड्रेट बनाए रखने के लिए दिनभर में कम से कम 8 – 9 ग्लास पानी पिएं । दिन में दो बार ग्रीीन टी, एक ग्लास निंबू पानी, एक गिलास जूस या एक गिलास दूध पीएं।

यदि आप चाहें तो लेमन फेमिली के फल, ककड़ी या पिपरमिंट, लैवेंडर, रोज़मेरी , बेरी आदि मिलाकर जूस पी सकते हैं।

अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा विटामिन बी और विटामिन सी का इस्तेमाल करें इससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

डब्ल्यूएचओ का मानना है कि क्वॉरेंटाइन के दौरान शराब न पीएं। कोरोना का खतरा बढ़ जाता है।

भोजन के बाद गुड या सौंप का सेवन करें इससे भोजन पचने में मदद मिलती है।

क्या क्या खाने से बचें

रिफाइंड प्रॉडक्ट जैसे मैदा, व्हाइट पास्ता, व्हाइट राइस और व्हाइट ब्रेड इत्यादी का सेवन न करें।

कॉफी,चाय और कॅफिनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक या ऐसे ड्रिंक जिस में शुगर की मात्रा अधिक हो पीने से बचें।

अधिक नमक का सेवन न करें । डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 1 दिन में 5 ग्राम से अधिक नमक ना खाएं।

ज्यादा चीनी का इस्तेमाल भी ना करें 1 दिन में 6 चम्मच का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि मीठा खाना ही है तो मीठे फल, शहद या डेजर्ट लें।

फैट कम खाएं।

रेड मीट, चरबी युक्त मांस, मक्खन, फुल फॅट दूध या अन्य दुग्धजन्य पदार्थ, पाम तेल,नारियल तेला का कम सेवन करें।

घरों में मनायी रामनवमी

कोरोना वायरस के कहर से बचाव के तौर पर आज रामनवमी के अवसर पर लोगों ने सोशल डिस्डेंस का पालन करते हुये दिल्ली में रामनवमी का पर्व बड़े ही सौहार्द और शांति पूर्वक मनाते हुए राम भक्तों ने कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिये सोशल डिस्डेंस बहुत जरूरी है। बताते चले कि रामनवमीे का पर्व हर साल दिल्ली में धूमधाम से मनाता जाता रहा है, मंदिरों में भगवान राम की पूजा की जाती थी और जगह -जगह राम की झांकी निकालकर राम भक्त रामनवमी का पर्व मनाते रहे हैं। पर इस साल कोरोना वायरस का कहर देश दुनिया में काल बनकर लोगों को डस रहा है। इस कारण लॉक डाउन है। लॉक डाउन के कारण इस बार रामनवमी का पर्व लोगों ने अपने घरों में भगवान राम की पूजा कर मनाया है। 
पांडव नगर दिल्ली के राममंदिर के पुजारी पंडित राम खिलावन ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस के कारण और लॉक डाउन के कारण मंदिर में ताला लगा है। इसके कारण अब मंदिरों में मंदिर के पुजारी ही पूजा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से बचने हमें घरों में रहना चाहिए और भगवान तो कण कण वासी है इस लिये अपने घरों में पूजा करें।
शाहदरा निवासी राजकुमार सिंह का कहना है कि भगवान के बताये रास्ते पर चलकर हमें मानवजाति का भला करना चाहिए, ताकि इस महामारी के समय में सरकार और डॉक्टरों के बताये नियमों का पालन करते हुये अपने घर मेें ही भगवान की पूजा अर्चना करें। पंडित रामानन्द जी माहाराज ने बताया कि अब समय है कि देश के सभी नागरिक देश के कानून और सरकार के नियमों का पालन करें, ताकि कोरोना का देश दुनिया से सफाया हो सकें।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आज राम भक्तों ने के अब तक के इतिहास में पहली बार मंदिर में पूजा अर्चना ना करके अपने घरों में पूजा करके शांति का और सोशल डिस्डेंस का पालन किया है।

पीएम ने कोरोना विषाणु, लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्रियों से बात की

भारत में कोरोना विषाणु की महामारी और लॉकडाउनको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को दूसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से इस रोग से निपटने के लिए रणनीति पर बातचीत की।

देश में कोरोना विषाणु के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम मोदी ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोरोना विषाणु को रोकने के लिए केंद्र-राज्य सरकारों की ओर किए जा रहे उपायों पर भी चर्चा की और सुझाव दिए। इस दौरान उन्होंने पीएम केयर फंड को लेकर भी बात की।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, गृह मंत्री अमित शाह , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे। पीएम ने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर कोरोना को हराएंगे। साथ ही राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र और राज्य सरकारों के बेहतरीन समन्वय की जरूरत है। उनके साथ केंद्र खड़ा है और हर संभव जरूरी मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

पीएम ने लॉकडाउन का भी जिक्र किया और मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की। मोदी ने कहा कि लोगों को जरूरी सामान भी मुहैया कराए जाएं, ताकि किसी को दिक्कत न आए। उन्होंने मजदूरों के पलायन पर भी यह अपील की कि हर संभव पलायन को रोकना होगा। इसके लिए हर राज्य अपने ओर से सारे इंतजाम करे। मजूदरों के लिए शेल्टर होम के साथ उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाए, साथ ही मजदूरों से अपील की जाए कि वह सड़कों पर न निकलें।