छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने ”राजीव गांधी किसान न्याय योजना” गुरूवार को शुरू कर दी। योजना के तहत खरीफ २०१९ से धान और मक्का लगाने वाले किसानों को अधिकतम १० हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। योजना से राज्य के १९ लाख किसानों को कुल ५७०० करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी।
आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि भी है। दोनों की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को पहली किस्त के रूप में १८ लाख ३४ हजार ८३४ किसानों को किसानों के खातों में १,५०० करोड़ रुपये ट्रांसफर किये। छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जो कोरोना वायरस संकट के दौर में भी किसानों को आर्थिक मदद दे रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए राज्य में इस योजना की शुरुआत की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ”न्याय योजना” का खाका २०१९ के लोकसभा चुनाव में खींचा था, जिसका मकसद किसानों और गरीब-जरूरतमंदों तो आर्थिक राहत देना है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी वीडियो कांफ्रेंसिंग से समारोह को संबोधित किया और मुख्यमंत्री को यह योजना शुरू करने के लिए बधाई दी। इसमें कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला भी शामिल रहे।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बड़ी योजना है। राज्य सरकार इस योजना के तहत खरीफ २०१९ से धान और मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम १० हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दे रही है।
गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष २०१९-२० में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ने की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि २६१ रूपये प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन और सहायता राशि ९३.७५ रूपए प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम ३५५ रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इसमें राज्य के ३४ हजार ६३७ किसानों को ७३ करोड़ ५५ लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा जिसमें से प्रथम किश्त १८ करोड़ ४३ लाख आज हस्तांतरित की गयी।
सीएम भघेल ने भगेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी ”न्याय” योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का फैसला किया है। बघेल ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की है। यह समिति दो माह में विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार इसके साथ ही वर्ष २०१८-१९ में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ने की मात्रा के आधार पर ५० रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि (बकाया बोनस) भी प्रदान करने जा रही है। इसके तहत राज्य के २४ हजार ४१४ किसानों को १० करोड़ २७ लाख रूपए दिया जाएगा।










