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धारावी में पॉजिटिव मामले २२ हुए, देश भर में मौत का आंकड़ा २०० के पार

मुंबई के धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है, में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने से चिंता जताई जाने लगी है। वहां शुक्रवार को पांच नए मामले सामने के बाद कोरोना पॉजिटिव की संख्या २२ हो गयी है। वहां अब तक तीन लोगों की मौत भी हुई है। उधर देश भर में मौत का आंकड़ा २०० के पार निकल गया है जबकि ५०४ लोग स्वस्थ होकर घर भेज दिए गए हैं।
उधर भारत में केंद्र सरकार के घोषित लॉकडाउन का १७वां दिन है जबकि १४ अप्रैल को लॉकडाउन खत्म करने या न करने को लेकर चर्चा जारी है। फिलहाल शनिवार को पीएम मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग होंगी जिसके बाद इसपर कोइ घोषणा हो सकती है। अभी तक के संकेत यही हैं सभी राज्य लॉक डाउन बढ़ाने के हक़ में हैं।
बीएमसी के मुताबिक धारावी के ५ नए कोरोना पॉजिटिव मामलों वाले लोगों में से दो दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज सभा से लौटे थे। वे पहले से ही राजीव गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्वारंटाइन में थे और अब उन्हें एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
संक्रमित लोगों में दो महिलाएं हैं जिनमें से एक महिला (२९) वैभव नगर के पहले से ही संक्रमित एक डॉक्टर की पत्नी है, जबकि दूसरी (३१) कल्याणवाड़ी की है। याद रहे  धारावी एशिया का सबसे बड़ा झुग्गी बस्ती इलाका है, जहां करीब १५ लाख लोगों का ठिकाना है।
इस बीच देश भर में अब कोरोना विषाणु से मरने वालों की संख्या २०० के पार चली गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले १२ घंटे में ५४७ नए मामले सामने आए हैं, वहीं ३० लोगों की जान गयी है। कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या भी बढ़कर ६४१२ पहुंच गई है, जिनमें से ५७०९ लोगों का इलाज चल रहा है जबकि ५०४ लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को चले गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है लेकिन हमें बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इसके  अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी डी रवि ने कहा कि विदेशों से अबतक २० हजार से ज्‍यादा भारतीय निकाले गए हैं। यह चलने वाली प्रक्रिया है। हम इस काम में बेहतर सहयोग हासिल कर रहे हैं।

केंद्र का कोरोना के लिए १५,००० करोड़ रूपये के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान, पीएम बोले उचित सावधानी जरूरी

केंद्र सरकार ने कोरोना के लिए १५,००० करोड़ रुपए के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया है। इस पैसे को कोरोना के लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्र ने विशेषज्ञों की टीमें कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में भेजने का फैसला भी किया है।

जानकारी के मुताबिक केंद्र ने टीमें उन जिलों में भेजने का फैसला किया है जो कोरोना से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। देश में कोरोना के अब तक ५७३४ मामले आ चुके हैं जबकि १६६ लोगों की मौत होने का सरकारी आंकड़ा आज जारी किया गया है।

इससे पहले भी सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए १.७० लाख करोड़ रूपये जारी करने का ऐलान किया था। अब १५,००० करोड़ रूपये देश भर में कोरोना से लड़ने के लिए जारी किये गए हैं। इसका फैसला अब से कुछ देर पहले केंद्र सरकार ने किया है।

इसे इमरजेंसी पैकेज का नाम दिया गया है। इससे पहले पीएम मोदी विपक्ष के नेताओं के अलावा, अधिकारियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते रहे हैं। इन वीडियो कांफ्रेंसिंग में वे उनसे सुझाव भी लेते रहे हैं। लॉक डाउन को लेकर भी कहा जा रहा है कि इसे १४ अप्रैल से आगे तक बढ़ाया जा सकता है।

पीएम का ट्वीट
इस बीच पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि महामारी से निबटने के लिए उचित सावधानी बरतनी होगी। कहा कि सिर्फ डरने से कुछ लाभ नहीं होगा। उन्होंने लोगों से आरोग्य सेतु डाउनलोड करने का भी आग्रह किया है।

सोनिया गांधी विज्ञापन प्रतिबंध पर अपना सुझाव वापस लें, इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी ने की मांग

इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सरकार और पीएसयू के मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर दो साल तक प्रतिबंध लगाने के सुझाव की निंदा की है। इंडियन न्यूज पेपर्स सोसायटी (आईएनएस) सदस्यों के समस्त समुदाय की ओर से सोसायटी के अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने एक बयान में इसपर असहमति जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के सुझाव की निंदा की है।

बयान ऐसे समय में आया है जब मीडिया कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर महामारी की ज़मीनी स्थिति पर लगातार ख़बरें कर रहे हैं। आईएनएस प्रमुख ने कहा कि सोनिया गांधी का प्रस्ताव ”वित्तीय सेंसरशिप” जैसा है। उन्होंने कांग्रेस प्रमुख से ”जीवंत और स्वतंत्र प्रेस” के हित में यह सुझाव वापस लेने को कहा।

INS President Shailesh Gupta

आईएनएस के बयान में कहा गया है, ”जहां तक इस सरकारी खर्च का संबंध है, यह बहुत छोटी राशि है लेकिन यह अखबार उद्योग के लिए एक बड़ी राशि है, जो किसी भी जीवंत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है”। उन्होंने कहा “प्रिंट एकमात्र उद्योग है, जिसमें एक वेतन बोर्ड है और सरकार यह तय करती है कि कर्मचारियों को कितना भुगतान किया जाना चाहिए। यह एकमात्र उद्योग है जहां बाजार की ताकतें वेतन का फैसला नहीं करती हैं लिहाजा सरकार की इस उद्योग के प्रति एक जिम्मेदारी है”।

यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि मंदी और डिजिटल विस्तार के चलते पहले ही विज्ञापन और प्रसार राजस्व में गिरावट आई हुई है। बयान में कहा गया, “संपूर्ण लॉक डाउन के कारण उद्योगों और व्यापार के बंद होने से हमें पहले ही गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।”

आईएनएस का यह ब्यान न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के उस ब्यान के एक दिन बाद आया है जिसमें उसने (एनबीए) भी सोनिया गांधी के दो साल के लिए सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मीडिया विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के सुझाव की कड़ी निंदा की थी। एनबीए ने कांग्रेस अध्यक्ष को “स्वस्थ और स्वतंत्र मीडिया” के हित में दो साल के लिए मीडिया विज्ञापनों पर “पूर्ण प्रतिबंध” के बारे में प्रधानमंत्री को दिए गए अपने सुझाव को वापस लेने के लिए कहा है।

याद रहे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में, गांधी ने कोविड-19 से लड़ने के लिए कई सुझाव दिए थे, जिसमें टेलीविजन, प्रिंट और आन लाइन जैसे मीडिया संस्थानों को सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विज्ञापनों पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगाने का सुझाव भी शामिल था।

शहरों के बाद अब गलियां सील होने से लोगों में डर का माहौल

कोरोना वायरस का कहर अब गली-गली, गांव-गांव और शहर -शहर हडकंप मचाने लगा है। जिससे लोगों में इस लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्डेंस एक अजीब-सा भय पैदा कर रहा है। दिल्ली में आज हॉट स्पॉट के क्षे़त्र के तहत जो गलियां सील की गई हैं। उन गलियों के आस-पास में रहने लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद गलियों का सील कर पुलिस की पहरेदारी लोगों के अंदर ये भय करने लगी है कि स्थिति जरूर भयावह है। ऐसे में क्या किया जाये? इसी सोच मेें लोगों के दिन कट रहे हैं। तहलका संवाददाता ने आज सुबह से लेकर दोपहर तक रिहरयशी इलाकों में लोगों से बात की, खासकर उन इलाकों में जहां पर कालोनियों को सील किया गया है। तो सील की गई कालोनियों व गलियों के सटे लोगों का कहना है और सुझाव है कि सरकार के आदेश का जनता पालन कर रही है। सोशल डिस्डेंस को मैनटेन भी कर रही है। पर सरकार को जनता के सुझाव मानने चाहिए कि लोगों की समस्याओं को देखते हुुए केवल उस घर क्वारंटाइन करना चाहिए जिसके घर में किसी को कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई हो या संभावना हो। अन्यथा गलियों में रहने वाले हजारों लोगों को बिना वजह दिक्कत हो रही है। दिल्ली के पांडव नगर के निवासी सुधाकर गुप्ता और पूरन  पांचाल ने बताया कि सरकार जरूर कहती है कि किसी प्रकार के खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं होगी, पर हकीकत में होता कुछ और है। मंडावली और विनोद नगर के निवासी मोती लाल और सुशील कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद गलियों की सील बंदी जरूर एक डरावना माहौल पैदा कर रहा है। क्योंकि आज भी भारत देश में संकोच और लज्जा के कारण लोग अपनी समस्या को बताने से बचते हैं। बहुत से लोग अपनी दवा और जरूरत का सामान भी नहीं ला पा रहे हैैं। वजह संकोच और लज्जा है कि गली सील है। इसलिए तमाम परेशानी का सामना खुद कर रहे हैं। बताते चले ईस्ट दिल्ली के पांडव नगर , मंडावली और विनोद नगर मध्यम वर्गीय आय वाले लोग रहते हैं। ऐसे में उनके गलियोें को सील बंद होने के कारण दैनिक जरूरतों से दो-चार होना पड़ रहा है।
मंडावली निवासी गृहणी सरोज गुप्ता का कहना है कि माना कि लॉकडाउन है कोरोना वायरस नामक महामारी से बचाव के लिये घरों मेे रहना अच्छा है। पर सरकार को गली सील करने से पहले कुछ घंटों की मोहलत तो देनी चाहिए, जिससे वे अपने घर के लिए कुछ जरूरी वस्तुओं की खरीददारी कर सकें। अन्यथा लोगों में एक अजीब-सा माहौल कहीं मानसिक बीमार न कर दें। में एक अजीब-सा भय पैदा कर रहा है।दिल्ली में आज हॉट स्पॉट के क्षे़त्र के तहत जो गलियां सील  की गई हैं। उन गलियों के आस पास में रहने लोगों का कहना है कि लॉक डाउन के बाद गलियों का सील कर पुलिस की पहरेदारी लोगों के अंदर ये भय करने लगी है कि स्थिति जरूर भयावह है। ऐसे में क्या किया जाए? इसी सोच मेें लोगों के दिन कट रहे हैं।

राज्यपाल के कोटे से बचेगी उद्धव ठाकरे की कुर्सी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सीएम की कुर्सी फिलहाल राज्यपाल के कोटे से होने वाले एमलसी चुनाव की वजह से बच जाएगी। बता दें कि राज्य में एमएलसी के चुनाव टलने के बाद यह विकल्प अपनाया जाएगा। उद्धव की कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव पास किया जा चुका है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से यह अनुरोध किया गया था।

बता दें कि महाराष्ट्र में ही कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा है और सर्वाधिक मामले यहीं पर आए हैं। इसी खतरे को देखते हुए फिलहाल चुनाव टाल दिए गए हैं। चुनाव टलने के बाद से ही उद्धव के सीएम पद पर संकट के आसार जताए जा रहे थे। अब रास्ता लगभग साफ हो चुका है।

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, किसी राज्य के मुख्यमंत्री का 6 महीने के अंदर ही सदन का सदस्य होना अनिवार्य होता है। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को सीएम पद की शपथ ली थी। ऐसे में उनको पद पर बने रहने के लिए 28 मई से पहले सदन के किसी भी सदस्य का चुना जाना जरूरी है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाली विधान परिषद की दो खाली सीटों के लिए सीएम उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश की जाएगी। कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के चलते राज्य में एमएलसी चुनाव नहीं हो सकते हैं। संवैधानिक संकट टालने के लिए यह कदम उठाया गया है।

लॉक डाउन के बावजूद आतंकी डार के जनाजे में जुटे सैकड़ों लोग, अब पुलिस ने दर्ज़ की उनके खिलाफ एफआईआर

पूरे लॉक डाउन के बावजूद सोपोर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी सज्जाद  नवाब डार के जनाजे में सैकड़ों लोग जुट गए। डार को सेना ने बुधवार को मार गिराया था और उसके जनाजे में बड़ी संख्या में लोग इक्कट्ठा हुए। अब पुलिस ने इनमें से काफी  लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

जानकारी के मुताबिक सज्जाद डार के जनाजे में सैकड़ों लोग जमा थे। इन लोगों ने यह सब किया जब देश भर में लॉक डाउन घोषित है और कोरोनावायरस का खौफ हर जगह छाया हुआ है। इस घटना से यह भी जाहिर होता है कि अभी भी घाटी में आतंकियों के लिए स्थानीय जनता में सहानुभूति है।

डार को मुठभड़े में भारतीय सेना ने बुधवार को मार गिराया था। जब लोग बड़ी संख्या में उसके जनाजे में शामिल हुए तो सोपोर पुलिस ने बुधवार रात उन तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिन्होंने आतंकी के जनाजे में हिस्सा लिया था। पुलिस के मुताबिक वीडियो फुटेज के आधार पर उन लोगों की पहचान की जा रही है, जो जनाजे में शामिल हुए थे।

यह सब तब हुआ जब आतंकी डार की मौत के बाद पुलिस ने उसका शव घरवालों को सौंपते हुए उन्हें सख्त हिदायत दी थी कि आखिरी रसूमात में लॉकडाउन का ख्याल रखते हुए ज्यादा लोग शामिल न हों। लेकिन पुलिस के कहने और उसकी मौजूदगी के बावजूद वहां भीड़ जुटी। अब पुलिस ऐसे लोगों की तलाश कर रही है और कहा है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

धमकी देने के बाद दवा मिली तो ट्रम्प ने कहा धन्यवाद, मोदी बोले, ऐसा वक्त ही दोस्तों को करीब लाता है

दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन पर प्रतिबंध के चलते भारत को धमकी देने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अब उनके देश को भारत की तरफ से इसकी आपूर्ति होने के बाद धन्यवाद कहा है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने भी ट्वीट करके कहा कि ”ऐसे वक्त में दोस्त करीब आते हैं”। याद रहे ट्रंप की भारत को धमकी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्रंप को कहा था कि ”दोस्ती पलटवार के लिए नहीं होती”।

अमेरिका को भारत के दवा देने के फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की थी जिसके जवाब में अब पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है   -”राष्ट्रपति ट्रंप आपसे पूरी तरह सहमत हूं…. इस तरह के वक्त दोस्तों को और करीब लाते हैं… भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी अभी तक के सबसे मजबूत दौर में है…. भारत कोरोना के खिलाफ मानवता की इस लड़ाई में हर मुमकिन मदद करने को तैयार है।”

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया की दवाई को लेकर भारत के लिए रीटेलिएशन अर्थात प्रतिशोध जैसा धमकी भरा शब्द इस्तेमाल किया था जिसकी कड़ी प्रतिक्रया हुई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने ट्रम्प को सलाह भरे शब्द कहे थे कि ”दोस्ती पलटवार के लिए नहीं होती”।

वैसे ट्रम्प की धमकी के तुरंत बाद भारत ने अमेरिका सहित जरूरतमंद देशों को इस  दवा का निर्यात करने का फैसला किया था। भारत की ओर से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन देने के फैसले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने सुर बदलकर पीएम मोदी की तारीफ शुरू कर दी।

ट्रम्प का ट्वीट –
Donald J. Trump

@realDonaldTrump
Extraordinary times require even closer cooperation between friends. Thank you India and the Indian people for the decision on HCQ. Will not be forgotten! Thank you Prime Minister @NarendraModi for your strong leadership in helping not just India, but humanity, in this fight!

मोदी का ट्वीट –
Narendra Modi

@narendramodi
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
India shall do everything possible to help humanity’s fight against COVID-19. We shall win this together.

दिल्ली में २१ हॉट स्पॉट इलाके सील, मास्क पहनना अनिवार्य हुआ

दिल्ली सरकार ने बुद्धवार की रात राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए २१ हॉटस्पॉट की पहचान कर उन्हें सील कर दिया है। इन इलाकों के लोग अगले आदेश तक यहां से बाहर नहीं जा पाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली में अब कोइ भी व्यक्ति बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकल पाएगा और जो निकलेगा उसपर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

सरकार के आदेश के मुताबिक दिल्ली में जिन २१ हॉट स्पॉट की पहचान कर उन्हें  सील किया गया है वे हैं – मालवीय नगर, गांधी पार्क के पास की सभी प्रभावित गलियां, एल-१ संगम विहार, गली नंबर-६, शाहजहांबाद सोसोइटी, प्लॉट नंबर-१, सेक्टर-११, द्वारका, दिनपुर गांव, मरकज मस्जिद और निजामुददीन बस्ती, निजामुद्दीन वेस्ट (जी और डी ब्लॉक) इलाके, बी ब्लॉक, जहांगीरपुरी, कल्याणपुरी में गली नंबर-१४ में मकान नंबर १४१ से १८० तक, मंसारा अपार्टमेंट, वसुंधरा एन्क्लेव, दिल्ली, खिचड़ीपुर की तीन गलियां, जिनमें मकान नंबर ५/३८७ भी शामिल, गली नंबर-९, पांडव नगर, वर्धमान अपार्टमेंट, मयूर विहार, फेज-वन एक्सटेंशन, मयुरध्वज अपार्टमेंट, आईपी एक्सटेंशन, पटपड़गंज, किशनकुंज एक्सटेंशन गली नंबर ४ में मकान नंबर जे ३/११५ (नगर डेयरी) से मकान नंबर जे ३/१०८ (अनवर वाली मस्जिद चौक तक), किशन कुंज एक्सटेंशन में गली नंबर ४ के मकान नंबर जे ३/१०१ से मकान नंबर जे ३/१०७  तक, वेस्ट विनोद नगर का गली नंबर ५, ए ब्लॉक (मकान नंबर ए-१७६ से ए-१८९ तक), दिलशाद गार्डन के जे, के, एल और एच क्षेत्र, ओल्ड सीमापुरी के जी, एच, जे ब्लॉक, दिलशाह कॉलोनी के एफ-७० से एफ-९० तक, प्रताप खंड, झिलमिल कॉलोनी और बंगाली मार्केट।

इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये घर से बाहर निकलने पर लोगों को मास्क पहनना अब जरूरी होगा। सीएम केजरीवाल ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद इस निर्णय को लेकर कहा कि चेहरे पर मास्क लगाने से काफी हद तक कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सकता है।

केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली के सभी सरकारी विभागों को वेतन के अलावा सभी खर्च रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार को अपने ख़र्चों में भारी कटौती करनी होगी।

कोरोना वायरस: मुंबई में बिना मास्क पहने घर से निकलने पर मामला दर्ज होगा

शहर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में घर से बाहर निकलने वालों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। बृहन मुंबई महानगरपालिका, बीएमसी ने आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि बिना मास्क पहने बाहर निकलने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। बीएमसी का यह आदेश सीएम उद्धव ठाकरे के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने मुंबई के लोगों से मास्क पहनकर घर से बाहर निकलने की अपील की थी।

कोरोना वायरस के फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के सीएम ठाकर ने जनता को संबोधन करते हुए कहा, ‘बंद की वजह से हुई असुविधा के लिए खेद है लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।’ सीएम ने कहा, ‘मुझे समाचार चैनलों के माध्यम से दुनिया भर से खबर मिल रही है कि वुहान (चीन) में चीजें सामान्य स्थिति में लौट आई हैं और प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। यह अच्छी खबर हैं। इसका मतलब समय के साथ चीजें बेहतर हो सकती हैं।’

चीफ मिनिस्टर ने जनता से अपील करते हुए कहा कि जब वे घर से निकले तो मास्क जरूर लगाएं। उद्धव ठाकरे ने रिटायर हो चुके सैन्यकर्मी जो जिनके पास चिकित्सा क्षेत्र, नर्स, वार्ड बॉय का अनुभव है उनसे आगे आने की अपील की और कहा कि महाराष्ट्र को आपकी जरूरत है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के मरीजों की बाकी राज्यों से तुलना में इस समय महाराष्ट्र टॉप पर है।महाराष्ट्र में 8 एप्रल को कोरोना वायरस के 60 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में अब इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 1,078 हो गई है। स्वास्थ्य महकमे के अनुसार 60 नए मामलों में से 44 मामले मुंबई में, पुणे में नौ, नागपुर में चार और अहमदनगर, अकोला तथा बुलढाना में एक-एक नया मामला सामने आया है।

यूपी के १५ जिलों के कोरोना हॉट स्पॉट आज रात १२ बजे से सील हो जायेंगे

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे के १५ जिलों में कोरोना के हाट स्पॉट क्षेत्रों को सील करने का फैसला किया है। यह फैसला बुधवार रात १२ बजे से लागू हो जाएगा। इन जिलों में यह हाट स्पॉट १५ अप्रैल तक पूरी तरह सील रहेंगे।

फैसले के मुताबिक बुधवार को हुई एक बैठक में इसका फैसला किया गया। कोरोनो वायरस का प्रकोप बढ़ता देख यूपी सरकार ने गाज़ियाबाद सहित १५ जिलों के हॉटस्पॉट को सील करने का ऐलान किया है।

यूपी के मुख्य सचिव ने कहा कि इन जिलों में लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, महाराजगंज, सीतापुर, सहारनपुर और बस्ती शामिल हैं। यह सभी वे जिले हैं जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहाँ तब्लीगी जमात से जुड़े सदस्यों ने यात्रा की थी।

सरकारी आदेश के मुताबिक इन १५ जिलों केवल उन जगहों को सील किया जाएगा, जहां कोरोनो के मरीज मिले हैं। इन जिलों में हाट स्पॉट्स को सील किये जाने के बाद सिर्फ पुलिस, स्वास्थ्य और बहुत आवश्यक सेवाएं ही काम करेंगी।