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पटियाला में निहंगों का पुलिस पर हमला, एएसआई का हाथ काट डाला, सात गिरफ्तार, काफी हथियार भी मिले

लॉक डाउन के बीच एक बेहद खराब खबर पंजाब के पटियाला से आई है जहाँ  निहंगों ने उत्पात मचाकर उस वक्त एक एएसआई का हाथ काट दिया जब उसने निहंग से कर्फ्यू पास माँगा। शिरोमणी अकाली दल के नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। इस घटना से जुड़े ७ निहंगों को पुलिस ने बाकायदा कमांडो ऑपरेशन करके अब गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से काफी संख्या में हथियार मिले हैं।

घटना के मुताबिक रविवार को सुबह सब्जी मंडी के बाहर मुख्य गेट पर  निहंगों ने पुलिस पर हमला किया। हमले में कुछ और पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इन लोगों के पास के देसी कट्टा और पेट्रोल बम तक मिले हैं। पंजाब के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने मीडिया के लोगों को बताया है कि निहंगों के हमले में एएसआई हरजीत सिंह का हाथ कट गया जिसे पीजीआई, चंडीगढ़ में भर्ती किया गया है।

इस हमले में कई पुलिसकर्मी और मंडी बोर्ड के अधिकारी घायल हुए हैं। मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक उनसे (कर्फ्यू) पास दिखाने को कहा गया लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी से दरवाजे और वहां लगाए गए अवरोधकों (बेरिकेड) को टक्कर मार दी। इसके बाद इन निहंगों ने ड्यूटी पर उपस्थित पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।

जानकारी के मुताबिक पटियाला सदर थाने के प्रभारी और एक अन्य पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक हमले के बाद निहंग वहां से फरार हो गए। बाद में एडीजीपी राकेश चंद्र और कमांडो फोर्स वहां पहुंचे। उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने हमला कर दिया। पंजाब के मुख्या सचिव केबीएस सिद्धू के मुताबिक बलबेरा के गुरुद्वारे से ७ निहंगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास कुछ हथियार भी मिले हैं। आरोपी निहंग के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया गया है। शिरोमणी अकाली दल के नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि घटना को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और उत्पात करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

कोरोना का कहर :महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक जारी रहेगा लॉकडाउन – सीएम ठाकरे

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सूबे के मुखिया उद्धव ठाकरे ने 21 दिनों के लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

कोरोना महामारी के चलते प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की थी। शुक्रवार को पीएम मोदी ने सभी राज्यों में कोरोना की स्थिति को लेकर से विडिओ कन्फेरस के जरिये बातचीत की। जिसके बाद चीफमिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ने की घोषणा की। इस बात की जानकारी खुद सीएम ठाकरे ने फेसबुक लाइव से दी।

बता दें कि, महाराष्ट्र में अब तक 1,276 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है। जबकि इसमें से 110 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 188 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए है।

मई से चरणवद्ध खुलेगा लॉक डाउन, पहले धार्मिल स्थल खुलेंगे, फिर सब्जी बाज़ार, घरेलू उड़ानें १५ मई के बाद, स्कूल-कालेज मई आखिर में, पीएम का कल राष्ट्र संबोधन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  की तरफ से घोषित तीन सप्ताह का  राष्ट्रीय लॉकडाउन, जो १४ अप्रैल को समाप्त हो रहा है, दो और हफ्ते के लिए अप्रैल के अंत तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन पहली मई को भी सब कुछ पहले जैसा नहीं होगा, सरकार इसे लेकर अपना मन बना चुकी है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल (रविवार) को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।

सरकार में भरोसेमंद सूत्रों ने ”तहलका” को बताया कि सरकार जिस तरीके पर  विचार कर रही है, उसमें लॉक डाउन को चरणवद्ध तरीके से ख़त्म किया जाएगा। इसमें सबसे पहले यह होगा कि किसी भी स्थान पर वहां की क्षमता के आधा फीसदी से ज्यादा लोगों को जुटने नहीं दिया जाएगा। एक और अहम बात यह है कि ट्रेन और घरेलू उड़ान सेवाओं के बहुत जल्दी शुरू होनी की संभावना नहीं है और यह १५ मई से ही फिर शुरू होने की उम्मीद है।

सरकार के लॉक डाउन खोलने के अस्थाई कलैंडर के मुताबिक सरकार के इदारों से भी पहले धार्मिक स्थल फिर खुलेंगे और यह ५ मई को हो सकता है। फल और सब्जी बाजार ७ मई से खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन वैकल्पिक दिनों में। यानी एक दिन खुली और अगले दिन बंद और फिर अगले दिन खुली।

उधर मॉल, सिनेमा हॉल और वेडिंग हॉल मई के तीसरे सप्ताह में खुलने की संभावना  है, जबकि शैक्षणिक संस्थान मई के आखिर में जाकर खुलेंगे।

ट्रेनों और घरेलू उड़ानों के १५ मई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए, हालांकि, अभी और इंतजार करना होगा। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल  ३० जुलाई की तारीख पर विचार किया जा रहा है, और यह तय करने के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा कि क्या दुनिया कोरोनोवायरस के खतरे से उबर गयी है या नहीं।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यह प्रधान मंत्री कार्यालय के समक्ष अस्थायी योजना है और विभिन्न विशेषज्ञ समूहों ने जो प्रस्ताव दिया है, उसका सार है।

कोविड-१९ की स्थिति का जायजा लेने और राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को १४ अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस बारे में विचार जानने के लिए, प्रधान मंत्री ने सभी प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शानिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित देश भर में वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन का विस्तार करना चाहते हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “मैं उनके लिए हमेशा उपलब्ध हूँ और कोई भी मुख्यमंत्री मुझसे बात कर सकता है और सुझाव दे सकता है। हमें कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना चाहिए। कोइ भी अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे। हालांकि, केंद्र मुख्यमंत्रियों को अपनी मजबूरियों के अनुसार कार्यक्रम तय करने की स्वतंत्रता देने का इच्छुक है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल रविवार को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।

नियमित जांच न होने के कारण लोगों में बढ़ रहा मानसिक तनाव

कोरोना वायरस नामक विचित्र बीमारी ने सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य सहित पूरे सिस्टम को अस्त-व्यस्त इस कदर कर दिया है कि अब लोगों में कोरोना वायरस के साथ -साथ तमाम वे उलझनें सामने आ रही हैं, जिनकी उनको उम्मीद तक नहीं थी। दिल्ली में लोगों का हाल बेहाल है। लोग मानसिक रोग की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी तकलीफे लोगों को झझकोर कर रख दे रही हैं। लॉकडाउन होने के कारण और सोशल डिस्डेंस होने की वजह से लोगों में कोरोना वायरस के अलावा उन रोगियों में अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा डर सता रहा है। जो हार्ट, मधुमेह, मोटापा, अस्थमा और न्यूरों जैसी बीमारी का नियमित इलाज करा रहे थे। अब उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच नहीं हो पा रही है। इसके कारण वे मानसिक रोग के साथ उनका रोग और भी गंभीर होता जा रहा है। तहलका संवाददाता ने दिल्ली के डाक्टरों से बात की और इस समय बीमारियों से बचाव की जानकारी ली। तो उन्होंने बताया कि मौजूदा हाल में हालात ऐसे नहीं हैं कि कोरोना जैसे संक्रमण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बरती जाए। क्योंकि जरा सी लापरवाही काफी घातक हो सकती है। दिल्ली मेडिकल ऐसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल बंसल ने बताया कि भारत देश में 30 प्रतिशत सरकारी और 70 प्रतिशत प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं के भरोसे हमारे देश का स्वास्थ्य सिस्टम चलता है। और इसमें भी आम आदमी को इलाज बेहत्तर मिलता भी रहा है। पर किसी को क्या पता था कि कोरोना वायरस सारी दुनिया के स्वास्थ्य सिस्टम को तोड़ कर रख देगा। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के कारण प्राइवेट स्वास्थ्य सेवायें बंद हैं। ऐसे में इन प्राइवेट अस्पताल में जिन रोगियों को इलाज होता था  उनको काफी दिक्कत हो रही है। डॉ बंसल का कहना है और सरकार से मांग है कि वे कोरोना के अलावा उन रोगियों के लिये पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था करें, ताकि किसी मरीज को इलाज के अभाव में कोई परेशानी का सामना ना करने पड़े।
साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डॉ विवेका कुमार ने कहा कि हार्ट रोगियों को नियमित जांच की जरूरत होती है। शुगर और बीपी की जांच भी जरूरी होती है। पर ऐसे समय में कोरोना वायरस के कहर के सामने रोगियों का घर पर ही रहना अच्छा है। डॉ. विवेका कुमार का कहना है कि पूरे देश से मरीज मैक्स में हार्ट का इलाज कराने आते है । पर इस समय लॉक डाउन के कारण आना जाना बंद है। ऐसे हालात में रोगियों को फोन पर ही बचाव की जानकारी दें रहे हैं, ताकि रोगी घर बैठे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें।
कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ आर एन कालरा ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के कारण लोगों में एक भय है, और लॉकडाउन होने की वजह से ओपीडी बंद हैं । जिसके कारण रोगियों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली जैसे महानगर में मोटापा और मधुमेह रोगियों को नियमित व्यायाम की जरूरत होती है। पर इस समय लॉकडाउन होने के कारण घरों से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। जिसके कारण कुछ लोगों में मानसिक तनाव और मानसिक विकार शिकायत होना स्वाभाविेक है। क्योंकि दिल्ली में ज्यादात्तर लोग अपने छोटे- छोटे, घरों में रहने को ही मजबूर हैं। एम्स के नैत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस एक घातक महामारी है। पर इसमें जरा सी सावधानी और साफ -सफाई पर ध्यान दिया जाये, तो कोरोना वायरस का खात्मा किया जा सकता है। डॉ आलोक कुमार ने कहा कि आंखों में और नाक में बार -बार हाथों को न लगाये । बार -बार साफ पानी से अपने हाथों को धोएं जिससे संक्रमण ना पनपने पाये।

अप्रैल आखिर तक लॉक डाउन बढ़ाने का आज ऐलान कर सकते हैं पीएम मोदी

देश में लॉक डाउन दो हफ्ते और बढ़ाने की तैयारी है। कमोवेश सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने पर सहमति जताई है। इसके बाद पीएम मंत्रिमंडल सहयोगियों से इसपर चर्चा कर आज ही या कल इसका ऐलान कर सकते हैं। चूंकि, लॉक डाउन से किसानों को फसल की कटाई आदि को लेकर दिक्क्तें हैं और मुख्यमंत्रियों ने इस मसले को पीएम से उठाया है, इसे देखते हुए पीएम किसानों के लिए भी कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के संख्या और पूरी स्थिति को लेकर पीएम मोदी ने आज लॉकडाउन के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की और इसमें लॉकडाउन को आगे बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई। जानकारी के मुताबिक राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है।

इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन अवधि बढ़ाने की मांग की। उनका कहना था कि लॉकडाउन की मियाद ३० अप्रैल तक कर दी जानी चाहिए। पीएम ने कहा  कि राज्य सरकारों की बात पर अमल किया जाएगा।

उधर पश्चिम बंगाल की मख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस दौरान राज्य के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की भी मांग की। अब पीएम लॉकडाउन को बढ़ाने या हटाने को लेकर आज या कल कोइ ऐलान कर सकते हैं। पीएम ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा – ”मैं २४ घंटे आपके लिए उपलब्ध हूं। सीएम कभी भी मुझसे बात कर सकते हैं या सुझाव दे सकते हैं। इस संकट में हम सभी को कंधे से कंधा मिला कर खड़े होना है।”

पीओके में आतंकी ठिकाने ध्वस्त, बौखलाई पाकिस्तानी सेना

पिछले दिनों पाकिस्तान की ओर से सीमा पर आतंकियों को घुसपैठ कराने की फिराक में की गई भारी गोलाबारी की आड़ में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। अब इसका बदला भारतीय सेना ने शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके में बड़ा जवाबी हमला कर कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए हैं। इसमें कई दहशतगर्द मारे गए हैं। जवाबी हमले का भारतीय सेना ने एक वीडियो भी जारी किया है।

पीओके में भारतीय सेना के हमले के बाद से पाकिस्तान की सेना बौखला गई है। पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने भारी तोपखाने और मोर्टार की मदद से नियंत्रण रेखा पर स्थित शाहकोट सेक्टर में ये हमले किए।

सेना की बोफोर्स तोपों ने भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ नापाक साजिश रचने वाले पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी है। भारत ने ड्रोन विमान से लिए आतंकी ठिकाने पर हमले के वीडियो को जारी करके पाकिस्तान के सत्ताधारियों और सेना को चेताया है कि हम न सिर्फ मारेंगे, बल्कि पूरी दुनिया को भी दिखाएंगे।

सब्जी विक्रेताओं से मांगा जा रहा आधार कार्ड

कोरोना वायरस नामक आपदा से आज सारी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। अब सरकार के लाख दावों के बावजूद दिल्ली में राशन, किराना स्टोर वाले और सब्जी वाले अपनी मनमर्जी के मुताबिक रेट पर बिक्री कर रहे हैं। लोगों को महंगा सामान खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। तहलका संवाददाता ने राशन, किराना स्टोर और सब्जी बिक्रेताओं से बात की, तो उन्होंने बताया कि थोक में सामान व सब्जियां जब महंगी हो जाती हैं, तब उनको फुटकर भी महंगी ही बेचने पड़ती है। 22 मार्च तक जो खुला चक्की का आटा 25 रुपये किलो बेचा जा रहा था, 23 मार्च से 27 रुपये प्रति किलो हो गया था। अब 3 अप्रैल से 30 और 32 रुपये किलो बेचा जा रहा है। ऐसे में गरीबों को काफी दिक्कत हो रही है। इसी तरह दालों के दाम दिन ब दिन दुकानदार बढ़ा-चढ़ाकर बेच रहे हैं। यही हाल सब्जी के दामों का है। मसलन टमाटर 4 अप्रैल तक 20 रुपये किलो बिक रहा था, वह 40 से 50 रुपये किलो बिकना शुरू हो गया है। इसी तरह आलू 30 से 35 रुपये किलो तक बिक रहे हैं।

इसके पीछे बाजारों में घूमते दलालों का वर्चस्व का होना है। वे गली-मोहल्लों में अब बड़ी आसानी से पता लगा रहे हैं कि कहां पर किस सामान की कमी है। ऐसे में जो जमाखोर हैं, जो पुलिस और दिल्ली सरकार की नजरों में नहीं हैं, वे बड़ी आसानी से मौके का फायदा उठा रहे हैं। त्रिलोकपुरी और कोण्डली में दिल्ली के अन्य बाजारों की तुलना में सामान और सब्जी सस्ते दामों में मिलते रहे हैं। पर दिनों वहां पर भी कालाबाजारी और सामानों को काफी महंगा बेंचा जाने लगा है। यहां के ही निवासियों के अनुसार, इसी क्षेत्र में तमाम जमाखोर ऐसे हैं, जिनकी पुलिस और दिल्ली सरकार में पकड़ है। इसके कारण जमाखोर अब इस विपदा के समय में जमकर पैसा कमाने में लगे हैं। बताते चले कि यह एरिया काफी पिछड़ा माना जाता है। इस कारण यहां का बाजार कभी भी चर्चा में नहीं रहा है। पर इन दिनों महंगे बिकते सामानों की वजह से काफी चर्चा में है।

त्रिलोकपुरी और कोण्डली में दिनों यहां पर एक नया माहौल बनता जा रहा है कि अब सब्जी विक्रेताओं के आधार कार्ड देखकर ही सब्जी की खरीददारी की जा रही है, जिससे माहौल बनने और बिगड़ने में देर नहीं लग सकती है। क्योंकि कुछ सब्जी विक्रेता अपना आधार कार्ड को नहीं बताते हैं, इससे अब यहां पर सब्जी विक्रेता और ग्राहक बीच झगड़ा आम बात हो गयी है।

यहां के स्थानीय निवासियों- अमरीश और अजीत का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान जो माहौल यहां बना था, उसी तर्ज पर कोरोना वायरस लड़ाई में बनता जा रहा है। इसलिए अब आधार कार्ड से ही कोरोना कार्ड खेला जा रहा है। सब्जी वालों ने बताया कि वे असल में पढ़ाई और अन्य काम में लगे थे। पर कुदरत का कहर ऐसा बरपा कि सब काम-काज बंद हो गये। लोगों का आना-जाना भी बंद हो गया सोशल डिस्डेंस के कारण मेल-मिलाप भी बंद हो गया है। ऐसे में रोजी-रोटी के कारण मजबूरी में उनको सब्जी बेचनी पड़ रही है। अगर इस हालात में उनसे कोई आधार कार्ड मांगता है, तो उन्हें काफी दिक्कत होती है।

सरकार ने सभी नागरिको से आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने की अपील की

आरोग्य सेतु ऐप’ के जरिए आप कोरोना वायरस के जोखिम, प्रसार, उपचार सहित कई बातों को जान सकते हैं। ब्लूटूथ और जीपीएस के द्वारा इस एप का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऐसे करें ऐप डाउनलोड

इस ऐप को आप आईओएस और एंड्रॉयड दोनों पर ही डाउनलोड किया जा सकता है। एंड्रायड के प्ले स्टोर और आईओएस के एप स्टोर में जाकर आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) टाइप करें। जिसके बाद आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

ऐसे पता करे ​कोरोना संक्रमण

इस ऐप में आप रंग के कोड्स के आधार में जान पाएंगे कि आप खतरे में है या नहीं।

हरा रंग

यदि आपको हरा रंग दिखाई देता है तो समझ लें कि आप सुरक्षित हैं। लेकिन इससे आगे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा खयाल रखें।

पीला रंग

यदि आपको पीला रंग दिखाई देता है तो इसका मतलब है कि आप बहुत जोखिम में हैं। और तुरंत एप में दिए हुए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

ऐसे करें जांच खुद की

आरोग्य सेतु ऐप में जाकर ‘ सेल्फ एसेसमेंट टेस्ट’ के फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके ऑप्शन में जाकर क्लिक करें। जहां पर एक चैट विंडो खुलेगी। जिसपर आपसे कुछ हैल्थ संबंधी सवाल पूछे जाएंगे। जिनका जवाब देकर आप आसानी से जान सकते हैं कि आप कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं। इस ऐप के जरिए आप खुद कोरोना के प्रति सावधान रख सकते हैं।

पंजाब में कर्फ्यू पहली मई तक बढ़ाने को मंत्रिमंडल की मंजूरी, १३२ लोग संक्रमित

पंजाब मंत्रिमंडल ने सूबे में कर्फ्यू की अवधि पहली मई तक बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए यह फैसला किया गया है।

चंडीगढ़ में आज पंजाब मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया गया। सीएम ने गुरूवार को ही राज्य में लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। सीएम ने कहा था कि १५ अप्रैल से किसानों को फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन में ढील दी जाएगी हालांकि इसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा।

सीएम ने वीडियो लिंक के जरिये पत्रकारों को जानकारी दी कि उनकी सरकार ने पहले लॉकडाउन किया और बाद में कर्फ्यू लगाया। सिंह ने कहा – ”इसके बाद हमने  लोगों तक जरूरी वस्तुओं को पहुंचाना सुनिश्चित किया। सरकारी लोग हर मोहल्ले में पहुंचकर जरूरी चीजें लोगों तक पहुंचा रहे हैं।”

कैप्टेन ने कहा कि करीब डेढ़ लाख लोग विदेश से पंजाब में आए हैं। उनके मुताबिक इन लोगों की जांच की गयी और उन्हें आम जनता या उनके परिजनों से अलग (आईसोलेशन में) रखा गया। इनमें से ज्यादातर स्वस्थ होकर घर भेजे जा चुके हैं। सीएम ने कहा – ”प्रदेश में अब तक ११ लोगों की जान गयी है हालांकि स्थिति नियंत्रण में है। कुल १३२ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि अब तक २८७७ लोगों की जांच की जा चुकी है”।

लगातार तीन दिन १४०० किलोमीटर तक स्कूटी चला फंसे बेटे को घर ले आई मां

कोरोना काल की ब्रेव स्टोरीज का जब भी जिक्र होगा तो हैदराबाद की रजिया बेगम की कहानी जरूर याद की जाएगी। लॉक डाउन के बीच यह कहानी अपने बेटे को लाने के लिए १४०० किलोमीटर का लंबा सफर दोपहिया स्कूटी में तय करने वाली ५० साल की एक मां की है। उनके पति की बहुत पहले मृत्यु हो गयी थी।

रजिया बेगम तेलंगाना में निजामाबाद के बोधन नगर में रहती हैं। उनका बेटा लॉक डाउन के कारण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में फंस गया था। दरअसल उनका बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन हैदराबाद में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है। वो अपने दोस्त के साथ नेल्लोर गया था, जहां दोस्त के पिता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। अचानक २३ मार्च को लॉकडाउन घोषित हो गया और वो दोस्त के घर ही फंस गया।

एक सरकारी शिक्षिका रजिया अपने बेटे को लाने के लिए प्रशासन से बात करती हैं और उन्हें इसकी इजाजत मिल जाती है। यह मां अपनी स्कूटी स्टार्ट करती है और अपने बेटे को लाने के लिए ७०० किलोमीटर के एकतरफा लंबे सफर पर निकल जाती है।

सोमवार सुबह स्कूटी से निकलकर वो ७०० किलोमीटर का लम्बा सफर तय करके  मंगलवार की दोपहर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर पहुंचती हैं। वहां वह अपने १७ साल के बेटे मोहम्मद निजामुद्दीन को देखकर भावुक हो रो पड़ती हैं और उसे गले लगा लेती हैं। बेटा भी मां का यह त्याग और प्रेम देखकर भावुक हो जाता है। फिर रजिया उसे अपने साथ स्कूटी पर बिठाकर वापस घर के लिए लौट पड़ती हैं।

इस तरह यह मां लगातार तीन दिन से भी ज्यादा तक स्कूटी चलाकर १४०० किलोमीटर का सफर तय करती है। दरअसल उनका बेटा नेल्लोर में दोस्त के घर पर फंस गया था। लॉकडाउन के कारण यह काम बहुत असंभव सा था लेकिन बोधन जिले के उप पुलिस कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी ने उनकी काफी मदद की।

लौटकर रजिया बताती हैं कि बेटे को लेने जाने की मंजूरी प्रशासन से मांगने पर  जयपाल रेड्डी ने उन्हें एक विशेष लेटर (पास) जारी किया ताकि उन्हें कोइ रास्ते में रोके नहीं। वैसे रास्ते में उन्हें काफी रोका-टोका गया। हालांकि रेड्डी का पात्र उनके काफी काम आया। इस तरह रजिया बेगम बेटे को घर लाने में सफल हुईं।