चक्रवात में बंगाल में ७२ की मौत, एक लाख करोड़ का नुक्सान : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में अम्फन चक्रवात के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे कुदरत का बड़ा कहर बताते हुए कहा है कि प्रदेश को इससे उबरने में महीनों लग जाएंगे। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगाल में ७२ से ज्यादा लोगों की जान गयी है। बनर्जी के मुताबिक इस चक्रवात में एक लाख करोड़ का नुक्सान हुआ है।

चक्रवात को लेकर ममता सरकार की पहले से की गयी काफी तैयारियों के बावजूद इतनी तबाही हुई है। पांच लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुँचाने  सफल रही जिससे मौतों का आंकड़ा कम रहा। हालांकि, सीएम ममता बनर्जी ने इतनी ज्यादा जानें पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।

बंगाल के कई जिलों में भीषण तबाही  इस चक्रवात ने मचाई है। विनाशकारी तूफान ने न केवल ७२ लोगों की जान चली गयी है, बल्कि बंगाल को भीषण रूप से  पहुंचाया है। कहा गया है कि साल १७३७ के बाद कभी इतना भयंकर तूफान नहीं आया।

ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस भी की जिसमें उन्होंने कहा – ”ऐसा तूफान कभी देखा नहीं था। कई जिलों से संपर्क कट गया है। पीएम से अनुरोध है कि वे आकर बंगाल की त्रासदी को देखें और मदद दें।”

इस तूफ़ान में हजारों मकान, पेड़-पौधे, फसलें, दुकानें, बिजली के खंभे, मोबाइल टावर, लैंप पोस्ट तबाह हो गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में वाहन, तटबंद, पुल और पुलिया धवस्त हो गए हैं। कोलकाता एयरपोर्ट के रनवे पर जमा पानी है। पूरे सूबे में बड़ी संख्या में झुगियां भी तबाह हो गईं हैं जिससे गरीबों को बड़ी मार पड़ी है।

तूफ़ान के बाद तबाही का मंजर साफ़ दिख रहा है। सड़कों पर गिरे पेड़, बिजली और केबल के टूटे तार और खंभे, क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियां, गलियों और सड़कों पर बिखरे शीशे तबाही दास्तां कह रहे हैं।
हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर २४ परगना, नदिया और  कोलकाता के कई इलाकों में बिजली गुल है और हर तरफ तबाही ही तबाही दिख रही है।

सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए हैं। अकेले कोलकाता में १५ लोगों की जान गई है, जबकि दक्षिण और उत्तर २४ परगना जिले में ३५, हावड़ा में ७ लोगों की जान गयी है।

तत्काल राहत के रूप में सीएम ने मृतकों के परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपये देने का ऐलान किया है। सीएम के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को फोन कर उन्होंने तबाही के विस्तृत जानकारी दी है, हालांकि अभी नुक्सान का पूरा आकलन करने में वक्त लगेगा। शाह ने ममता को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।

ममता ने कहा – ”कोरोना की वजह से राज्य की माली हालत पहले ही बदहाल है। इस तूफान ने अब बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। फिर भी हमारी सरकार प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। एक हजार करोड़ रुपये का फंड तैयार किया गया है। संबंधित विभागों को तूफान से हुए नुकसान का आकलन और उठाए गए कदमों को लेकर सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।”

ममता खुद शनिवार को उत्तर और दक्षिण २४ परगना जिले का दौरा कर वहां जमीनी हालत देखने जा रही हैं। साथ ही वे तूफान प्रभावित लोगों से भी मिलेंगी। मृतकों के निकट परिजनों और घायलों को आर्थिक मदद के चेक भी सौंपेंगी। उन्होंने अपने  मंत्रियों को प्रभावित जिलों का जिम्मा भी सौंप दिया है। वे उन जिलों में जाकर हालात का जायजा लेंगे और बचाव-राहत कार्य देखेंगे।