Wednesday, September 17, 2025
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भारत में लगा लॉक डाउन ‘बेरहम’, इसने अर्थव्यवस्था चौपट कर दी : उद्योगपति राजीव बजाज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बातचीत में कहा

लॉक डाउन के दौरान देश-दुनिया की बड़ी हस्तियों और विशेषज्ञों से बात करने के अपने अभियान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरूवार को देश के जाने-माने  उद्योगपति और बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक (एमडी) राजीव बजाज से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बात की। बजाज ने इस दौरान कहा कि हमारे देश में लोग सच बोलने से डरते हैं। उन्होंने मोदी सरकार के लॉक डाउन को ”बेरहम” बताया और कहा जैसा लॉक डाउन भारत में है, वैसा दुनिया में और कहीं नहीं। कहा कि इसने अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है।

राहुल गांधी के यह पूछने कि कोविड संकट में आपके वहां क्या परिस्थिति है,  बजाज ने कहा कि हम सभी इस अनिश्चितता में कुछ निश्चितता खोजने की कोशिश कर रहे हैं। यह सभी के लिए नया अनुभव है। लेकिन यदि आप अपने आसपास व्यवसायों और जनता की स्थिति देखते हैं, तो यह निश्चित रूप से मीठे की तुलना में अधिक कड़वा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह काफी गंभीर है। मुझे नहीं लगता कि किसी ने सोचा था कि दुनिया में इस तरह लॉकडाउन कर दिया जाएगा। मैं नहीं समझता कि विश्व युद्ध के दौरान भी दुनिया बंद हो गई थी। तब भी, चीजें खुली थीं। यह अकल्पनीय और विनाशकारी परिस्थिति है। इस पर बजाज ने जवाब दिया – ”मेरे कुछ परिवारजन और कुछ दोस्त जापान में हैं, क्योंकि कावासाकी के साथ हमारा जुड़ाव है। कुछ लोग सिंगापुर में हैं, यूरोप में बहुत सारी जगहों पर दोस्त हैं। अमेरिका, न्यूयॉर्क, मिशिगन, डीसी में करीबी दोस्त और परिवारजन हैं, तो जब आप कहते हैं कि दुनिया कभी इस तरह बंद नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है, वह एक ”ड्रेकोनियन” लॉकडाउन है। क्योंकि इस तरह के लॉकडाउन के बारे में कहीं से नहीं सुन रहा हूँ। दुनिया भर से मेरे सभी दोस्त और परिवारजन हमेशा बाहर निकलने, टहलने, घूमने और अपनी ज़रूरत की चीज़ खरीदने और किसी से भी मिलने और नमस्ते कहने के लिए स्वतंत्र हैं। इसलिए इस लॉकडाउन के सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं के संदर्भ में, वे लोग बहुत बेहतर परिस्थिति में हैं।”

इस पर राहुल ने कहा कि आपने जो कड़वी-मीठी वाली बात कही, वो मेरे लिए चौंकाने वाली है। देखिए, समृद्ध लोग इससे निपट सकते हैं। उनके पास घर है, आरामदायक माहौल है, लेकिन गरीब लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए यह पूरी तरह से विनाशकारी है। बजाज ने इसके जवाब में कहा – ‘मुझे शुरू से ही लगता है, यह मेरा विचार है, इस समस्या के दृष्टिकोण के बारे में में मैं यह नहीं समझता कि एशियाई देश होने के बावजूद हमने पूरब की तरफ ध्यान कैसे नहीं दिया। हमने इटली, फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका को देखा। जो वास्तव में किसी भी मायने में सही बेंचमार्क नहीं हैं। चाहे यह जन्मजात रोग प्रतिरोधक क्षमता हो से लेकर तापमान, जनसांख्यिकी, आदि हो।  वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने जो कुछ भी कहा है, वो यही है कि हमें इनकी तरफ कभी नहीं देखना चाहिए था।”

बजाज ने कहा कि यदि मेडिकल दृष्टि से देखा जाए, तो एक बेहतरीन स्वास्थ्य ढांचा स्थापित करने से शुरू करना होगा। हम सभी जानते हैं कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए ऐसा कोई भी चिकित्सा ढांचा नहीं हो सकता, जो पर्याप्त हो। लेकिन कोई भी हमें यह बताने के लिए तैयार नहीं कि कितने प्रतिशत लोग खतरे में हैं? यह ऐसा दिखता है कि या तो हम खुद को तैयार कर रहे हैं या शायद हम खुद को तैयार नहीं कर सकते हैं। शायद यह कहना राजनीतिक रूप से उचित नहीं है। लेकिन जैसा कि नारायण मूर्ति जी हमेशा कहते हैं, जहाँ संदेह होता है, वहां खुलासा होता है। मुझे लगता है कि हमारे यहाँ खुलासा करने और सच्चाई के मामले में कमी रह गई और फिर यह बढ़ता गया और लोगों में इतना बड़ा भय पैदा कर दिया है कि लोगों को लगता है कि यह बीमारी एक संक्रामक कैंसर या कुछ उसके जैसी है।

बजाज ने साफ़ कहा कि इस संकट काल में लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान हुआ है। बजाज ने कहा – ”हमारे यहां १०० लोग बोलने से डरते हैं, जबकि उनमें से ९० के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं होता। मेरे पिता की तरह बोलने का जोखिम बहुत कम लोग उठा पाते हैं। उद्योगपित भी दूध के धुले नहीं, लेकिन सभी एक जैसे नहीं होते हैं।”

मोदी सरकार के २० लाख करोड़ के ”राहत पैकेज” को बजाज ने ”प्रोत्‍साहन पैकेज” और कहा कि दूसरे देशों में पैकेज दिया जाता है, हमारे यहाँ प्रोत्साहन की बात की जा रही है। कई लोग पूछते हैं कि भारत ने आम लोगों को सीधा सहयोग क्यों नहीं दिया।

राजीव बजाज ने एक बड़ा खुलासा यह भी किया कि उन्हें उनके एक साथी ने उनसे (राहुल गांधी) से बातचीत नहीं करने की सलाह दी थी। राजीव ने यह बात तब कही जब गांधी ने मौजूदा समय में डर के माहौल का उल्लेख किया। बजाज ने कहा – ”मैंने भी किसी के साथ यह साझा किया कि मैं राहुल से बात करने जा रहा हूं और ये बातें करने जा रहा हूं। उसकी पहली प्रतिक्रिया थी, यह मत करो। मैंने कहा, लेकिन क्यों नहीं ? उसका जवाब था, मत करना, इससे आपको परेशानी हो सकती है।”
बजाज ने कहा – ”मैंने उन्हें विस्तार से बताया। मैंने कहा, हम व्यापार, अर्थशास्त्र, लॉकडाउन के बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या करें, कैसे आगे बढ़ें, प्रौद्योगिकी, उत्पाद आदि के बारे में। वो मोटरसाइकिल पसंद करते हैं और इसलिए हम मोटरसाइकिल आदि के बारे में बात करेंगे ? अब ये बातें भी नहीं हो सकती क्या? फिर भी वो इस बात पर टिका रहा कि क्यों जोखिम लेते हो?”
भारत के लॉक डाउन को लेकर राजीब बजाज ने कहा – ”कोरोना संकट से निपटने के संदर्भ में भारत ने पश्चिमी देशों की ओर देखा और कठोर लॉकडाउन लगाने का प्रयास किया जिससे संक्रमण का प्रसार भी नहीं रुका और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) औंधे मुंह गिर गया। अर्थव्यवस्था तबाह हो गई।”
राहुल गांधी ने इस संवाद के दौरान कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए शुरुआत में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और जिला अधिकारियों को शक्ति देने की जरूरत थी और केंद्र सहयोग का काम करता। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में मजदूरों, गरीबों, श्रमिकों, एमएसएमई और बड़े उद्योगों को भी मदद की जरूरत है।
बजाज ने संवाद के दौरान कहा – ”मुझे लगता है कि हमें आखिर में दोनों तरफ से नुकसान हुआ। कठोर और खामियों वाला लॉकडाउन यह सुनिश्चित करता है कि वायरस अभी भी मौजूद रहेगा। यानी आपने वायरस की समस्या को हल नहीं किया,   लेकिन निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। संक्रमण को समतल करने के बजाय जीडीपी के ग्राफ (कर्व) को समतल कर दिया।”
राहुल गांधी के संकट से कैसे उबरें के सवाल पर बजाज ने कहा – ”हमें फिर से मांग पैदा करनी होगी, हमें कुछ ऐसा करना होगा जो लोगों के मूड को बदल दे। हमें मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। मुझे समझ में नहीं आता है कि कोई मजबूत पहल क्यों नहीं की गई है? दुनिया के कई देशों में सरकारों ने जो (पैकेज) दिया उसमें से दो तिहाई लोगों के हाथ में गया लेकिन हमारे यहां सिर्फ १० फीसदी ही लोगों के हाथ में गया है। मुझे लगता है कि पहली समस्या लोगों के दिमाग से डर निकालने की है। इसे लेकर स्पष्ट विमर्श होना चाहिए। मुझे लगता है कि लोग प्रधानमंत्री की सुनते हैं, ऐसे में अब (उन्हें) यह कहने की जरूरत है कि हम आगे बढ़ रहे हैं, सब नियंत्रण में है और संक्रमण से मत डरिए।”

देश में कोरोना से जान गंवाने वालों में ७० फीसदी पहले से अन्य रोगों से भी पीड़ित थे,अब तक कुल ६,०७५ लोगों की मौत

स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरूवार जारी किये आंकड़ों के मुताबिक देश भर में कोविड-१९ से मरने वालों की संख्या छह हजार के पार चली गयी है, हालांकि, इस दौरान कुल १,०४,१०६ लोग स्वस्थ होकर घर वापस जा चुके हैं। टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही संक्रमित लोगों के मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है और अब देश में यह २,१६,९१९ हो गयी है। यहाँ यह भी दिलचस्प है कि देश में कोरोना से अब तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से करीब ७० फीसदी पहले से ही अन्य रोगों से भी पीड़ित थे।
देश में पिछले २४ घंटे में कोविड-१९ वायरस के संक्रमण के रेकार्ड (अब तक के सबसे ज्यादा) नए ९,३०४ मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान २६० लागों की मौत  हुई है। गुरूवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में वायरस से मरने वालों की संख्या ६,०७५ हो गयी है।
भारत इस समय दुनिया भर में कोरोना संक्रमण की संख्या के मामले में अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली के बाद सातवें स्थान पर है। आज की तारीख में देश के अस्पतालों में १,०६,७३७ संक्रमित लोगों का उपचार जारी है। यदि देश में स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिशत देखा जाये तो यह करीब ४७.९९ फीसदी है।
हालांकि, यह भी सच है टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही मामलों की संख्या भी काफी ऊपर जा रही है। देश में पिछले २४ घेंटों के दौरान जिन २६० लोगों की मौत हुई है उनमें सबसे ज्यादा १२२ महाराष्ट्र, ५० दिल्ली, ३० गुजरात, ११ तमिलनाड, १० पश्चिम बंगाल और सात-सात क्रमशः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जबकि राजस्थान में ६,  आंध्र प्रदेश ४ और बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब, उत्तराखंड में एक-एक व्यक्ति की जान गयी है।
सबसे ज्यादा जान महाराष्ट्र में गयी है जहाँ यह वायरस २,५८७ लोगों की जान ले चुका है जबकि गुजरात में १,१२२, मध्य प्रदेश में ३७१, पश्चिम बंगाल ३४५, उत्तर प्रदेश २२९,  राजस्थान २०९, तमिलनाडु २०८, तेलंगाना ९९, आंध्र प्रदेश ६८, कर्नाटक ५३, पंजाब ४७, जम्मू-कश्मीर ३४, बिहार २५, हरियाणा २३, केरल ११, उत्तराखंड ८ ओडिशा में ७,  हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, झारखंड में ५-५, असम ४, छत्तीसगढ़ २, मेघालय और लद्दाख में १-१ व्यक्ति की जान गयी है।

गुजरात के भरूच में फैक्ट्री में धमाका, ५ की मौत, ५० घायल, कई गंभीर

गुजरात में एक फैक्टरी में ब्लास्ट से ५ लोगों की मौत हो गयी है। देर शाम हुए इस धमाके में ५० से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहां अभी भी आग लगी हुई जिसे बुझाने की कोशिश की जा रही है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

जानकारी के मुताबिक यह धमाका भरूच की एक फैक्टरी में हुआ है। धमाका एक टैंक में हुआ है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक धामके के बाद वहां आग लग गयी जिससे कमसे कम ५ लोगों की जान चली गयी है।

जिन लोगों को इस धमाके में चोटें आई हैं उन्हें अस्पतालों में भर्ती करने की कोशिश की जा रही है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गयी है और उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

धमाके के बाद वहां आग लगने से बड़ी संख्या में लोग झुलस गए हैं। लोगों को वहां से हटाया गया है जिनकी संख्या ५००० के करीब है। भरूच की कैपिटल फैक्टरी में लगी आग को अभी भी बुझाने की कोशिश की जा रही है। वहां राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। अभी और जानकारी का इन्तजार है।

निसर्ग मुंबई से गुजरा ; पेड़ गिरे, वाहन पलटे, छतें उड़ीं, तेज बारिश

चक्रवाती तूफ़ान निसर्ग बुधवार दोपहर के बाद महाराष्ट्र से होता हुआ गुजर गया। इस दौरान मुंबई में नुक्सान की खबर है। कई जगह पेड़ जमीन से उखड़ गए, कई जगह पानी भर गया और हारों-मकानों की छतें उड़ गईं। मुंबई में बंद की उड़ानें अब शुरू हो जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान मुंबई में १२० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलीं। वहां अपने जगह पलट गए। मुंबई के साथ अलीबाग, पालघर और अन्य इलाक़ों में तेज बारिश हुई। अलीबाग इलाक़े में तूफान का लैंडफ़ॉल हुआ।
मुंबई में अभी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। निसर्ग महाराष्ट्र से दिन में साढ़े १२  बजे से दोपहर ढाई बजे के बीच गुजरा और इसकी रफ़्तार ११०-१२० किलोमीटर प्रति घंटा थी।
निसर्ग के महाराष्ट्र से गुजरने के दौरान मुंबई में कई जगह पेड़ सड़कों के किनारे गिरे दिखे और वाहनों को काफी नुक़सान पहुंचा है। रायगढ़ जिले के कई इलाक़ों में मोबाइल नेटवर्क सेवा भी ठप्प रही।
निसर्ग का असर गुजरात में भी दिखा है जहाँ तेज हवाएं चलीं और समुद्र में ऊंची लहरें दिखाई दीं। एहतियात बरतते हुए मुंबई में १० हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ़्ट कर दिया गया था। पूरे मुंबई में धारा १४४ लगा दी गई थी।
इससे पहले बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कहा कि लोग घरों के ही अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अपने मोबाइल फ़ोन और पॉवर बैंक को चार्ज कर लें और साथ में टॉर्च, इमरजेंसी लाइट्स और मोमबत्तियां भी साथ में रखें। इसके अलावा बिजली और गैस के स्विच ऑफ़ कर दें। बीएमसी ने कहा है कि लोग किसी भी तरह की अफ़वाह पर ध्यान न दें और शांत रहें।
एनडीआरएफ़ की ३० से ज़्यादा टीमों को महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाक़ों में तैनात किया गया। गुजरात में भी समुद्र से लगने वाले ४७ गांवों के २० हज़ार लोगों को खाली करा लिया गया। तट रक्षक जहाजों और विमानों को समुद्र के किनारे तैनात किया गया है।

गर्भवती हथिनी का कसूर इतना…कि उसने इंसानों पर भरोसा किया

किस तरह किसी इंसान का दिल इस बात को राजी हो सकता है कि किसी बेजुबान को इतनी बेरहमी से मरने को मजबूर कर दे। अगर कहीं जानवरों का भरोसा इंसानों से उठ गया तो आने वाला समय क्या होगा, उससे भगवान ही बचाए। जी हां, हम बात कर रहे हैं केरल में गर्भवती हथिनी के साथ इंसानों की ओर से की गई हैवानियत की।
क्या उस हथिनी का कसूर महज इतना था कि उसने इंसानों पर भरोसा किया। इससे पहले भी पता नहीं उसने कितनी लोगों के हाथों से फल और अन्य चीजों का स्वाद चखा होगा। भूखी हथिनी भटककर 27 मई को इंसानों की बस्ती में आ गई थी। तब कुछ हैवान किस्म के शरारती लोगों ने उसे अनानास के अंदर पटाखे भर कर खिलाए जो उस भारी भरकम बेजुबान के लिए आखिरी निवाला साबित हुआ।
गर्भवती हथिनी ने जैसे ही मुंह में विस्फोटक भरा अनानास डाला तो वह फट गया। इसके बावजूद उसने किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया। बेचारी सीधे जाकर पानी में चली गई।
पटाखे मुंह में फटने से मुंह और जीभ बुरी तरह से जख्मी हो गए। असहनीय दर्द के कारण वह कुछ खा नहीं पा रही थी। पेट में पल रहे बच्चे को भी कुछ नहीं मिल पा रहा था। तीन दिन तक तड़प-तड़पकर केरल के मल्लापुरम में हथिनी के गर्भ में पल रहे बच्चे समेत आखिर दम तोड़ दिया।जैसे ही वन अधिकारियों के जरिये इसकी खबर पहुंची तो हथिनी की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। हर दिल रखने वाले शख्स ने ऐसे हैवानों से सख्ती से निपटने की वकालत की है। पशुप्रेमियों के अलावा आम लोग भी उस गर्भवती हथिनी के प्रति हमदर्दी जता रहे हैं। आखिर उसका दोष क्या था? क्या जिन लोगों ने ऐस जुर्रत की उनके पास दिल नहीं था। आखिर इतना इंसान बेरहम कैसे हो सकता है?

बाॅलीवुड की कई अभिनेत्रियां भी हथिनी के समर्थन में सामने आई हैं। इनमें श्रद्धा कपूर, अनुष्का शर्मा, अथिया शेट्टी खुलकर सामने आई हैं और ट्विटर पर ऐसे हैवानों से सख्ती से निपटने की बात कही है। आखिर इंसान बेदिल होता जा रहा है। ऐसे लोगों से बेहद सख्ती से निपटने की जरूरत है। इस बाबत सख्त कानून भी बनाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हिमाकत न कर सके।

कश्मीर के कंगन में ३ आतंकी ढेर

सुरक्षा बलों ने बुधवार को कश्मीर के पुलवामा जिले में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। पैल्वामा के कंगन इलाके में यह तीनों एक मुठभेड़ में मारे गए, जहाँ अभी भई सुरक्षा बल सर्च आपरेशन जारी रखे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक पुलवामा जिले के कंगन गांव में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया। वहां एहतियातन  इंटरनेट सेवा को भी बंद किया गया है। इस तरह पिछले ४० घंटे में पांच आतंकी पुलवामा जिले में ढेर किये गए हैं।

सुरक्षाबलों को पुलवामा में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। बुधवार सुबह सैन्यबलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी करके आतंकियों की तलाश शुरू की। सर्च के दौरान जब आंतकी घिर गए तो उन्होंने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी गोलियां चलाईं।

काफी देर तक मुठभेड़ जारी रहने के बाद तीन आंतकियों को मार गिराया गया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि मारे गए आंतकियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है। वहां अभी भी सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। मुठभेड़ के बाद इलाके में अफवाहें न फैलें, पुलवामा में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

इससे पहले पुलवामा जिले के ही त्राल में सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दो आतंकियों को मार गिराया था। अवंतीपोरा के साईमोह गांव में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया और इन आतंकियों को ढेर कर दिया।

चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के चलते महाराष्ट्र और गुजरात में हाई अलर्ट, लोग अपने घर में रहे – सीएम उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के मद्देनजर लोगों को अपने घर में रहने की अपील की है।

देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में चक्रवात तूफान ‘निसर्ग’ के मद्देनजर एहतियातन तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री तटों पर। चक्रवर्ती तूफान का ही असर है कि मुंबई में बारिश शुरू हो चुकी है मुंबई के अलावा नवी मुंबई रायगढ़ ठाणे, आसपास के इलाकों में बूंदाबांदी की खबरें हैं। गुजरात के अहमदाबाद में भी तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू होने की खबर है।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के समुद्री क्षेत्रों को खाली करा दिया गया है। बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कर्मचारी गश्ती पर हैं। चेतावनी के तौर पर लाल झंडे लगा दिए गए हैं यह बात अलग है कि लॉक डाउन के चलते समुद्र के किनारे चौपाटी लगभग सुने पड़े हुए हैं। मछुआरों को समंदर में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पब्लिक प्लेस पर किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति या आवाजाही पर रोक होगी। यह आदेश मंगलवार 2 जून आधी रात से लेकर बुधवार 3 जून दोपहर 12 बजे तक लागू रहेगा।

महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बरसात के साथ साथ तूफ़ान के ख़तरे से निपटने के लिए दोोनों राज्यों के तटीय क्षेत्रों में ‘रेड अलर्ट’ जारी कर दिया गया है। दोनों राज्यों में एनडीआरएफ, नेवी और कोस्ट गार्ड जवानो को हर स्थिति सेेे जूझने के अलर्ट दिया गया है। एनडीआरएफ के दोनों राज्यों के तटीय जिलों में अपनी 33 टीमें तैनात की हैं। महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की कुल 16 टीमें होंगी जिनमें 6 टीमों को रिजर्व रखा गया है। महाराष्ट्र और गुजरात तट पर 3 जून को ‘निसर्ग’ तूफान के टकराने की आशंका व्यक्त की गई है। आईएमडी के अनुसार जब तूफान तीन जून की शाम तट से गुजरेगा, उस दौरान 105 से 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। चक्रवात ‘निसर्ग ‘ मुंबई के अलीबाग के पास जमीन से टकराएगा। इसके साथ भयंकर बारिश की भी आशंका है। महाराष्ट्र के पालघर, पुणे, ठाणे, मुंबई, रायगढ़, धुले और नंदुरबार, नासिक में बुधवार 3 जून को भारी वर्षा होने की संभावना है।

जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा रिहा होंगे, ‘अच्छे आचरण’ के कारण मिली रिहाई

जेसिका लाल हत्याकांड में उम्र कैद झेल रहे मनु शर्मा को रिहा करने का आदेश जारी हो गया है। मनु शर्मा हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं और दिसंबर २००६ में दिल्ली हाईकोर्ट ने १९९९ में जेसिका लाल की हत्या के लिए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने जेसिका लाल हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय पूर्व रिहाई की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था, जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। इस तरह मनु शर्मा को रिहा करने का आदेश जारी हो गया है। पता चला है कि जेसिका लाल की बहन ने भी इस मामले में अपनी तरफ से एनओसी दिया था। मनु शर्मा फिलहाल पैरोल पर बाहर हैं। ”अच्छे आचरण” के कारण मनु शर्मा की रिहाई की सिफारिश मानी गई है।

सिफारिश सोमवार को दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में एसआरबी की बैठक में की गई थी। यह छठी बार था जब समय से पहले रिहाई के लिए मनु शर्मा की याचिका सजा समीक्षा बोर्ड के समक्ष रखी गई थी। मनु शर्मा हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं और दिसंबर २००६ में दिल्ली हाईकोर्ट ने १९९९ में जेसिका लाल की हत्या के लिए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

मनोज तिवारी की छुट्टी, आदेश गुप्ता दिल्ली भाजपा के नए अध्यक्ष

कुछ दिन पहले लॉक डाउन के दौरान क्रिकेट खेलते हुए आलोचना का शिकार हुए दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की छुट्टी कर दी गयी है। आदेश गुप्ता को नया अध्यक्ष दिल्ली में बनाया गया है।

”तहलका” की जानकारी के मुताबिक मंगलवार को इसका फैसला कर लिया गया है। तिवारी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की बुरी हार हुई थी और उसे ८ ही सीटें मिली थीं। तिवारी शुरू में ऐसा लगता था कि एक प्रभावशाली अध्यक्ष साबित होंगे लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ नहीं था।

अब उन्हें पद से हटाकर आदेश को यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है। तिवारी सांसद भी हैं और वे दिल्ली में भाजपा का बड़ा चेहरा बनते इससे पहले ही उनकी छुट्टी कर दी गयी है।

देश के इस राज्य में बाल कटवाने के लिए ‘आधार’ कार्ड जरूरी

कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, लाॅकडाउन में रियायत भी बढ़ती जा रही हैं। इस बीच, अलग-अलग राज्यों को मिले विशेषाधिकार के चलते वे अब तुगलकी फरमान तक सुनाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। अब ताजा मामला दक्षिणी राज्य का है, जहां पर बाल कटवाने के लिए सैलून में बाकायदा रजिस्टर में रिकाॅर्ड दर्ज करवाना होगा और इसके लिए आधार कार्ड व मोबाइल नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है।

तमिलनाडु सरकार ने राज्य के सभी सैलून की दुकानों को आदेश दिया है कि वे अपने यहां आने वाले ग्राहकों का एक रजिस्टर तैयार करें, जिसमें उनके आधार नंबर के साथ ही उनका पता और तमाम जानकारी दर्ज करें।

राजस्व प्रशासन के आयुक्त जे राधाकृष्णन ने जिलाधिकारियों को परिपत्र जारी किया है। इस परिपत्र में कहा गया है कि सैलून, ब्यूटी पार्लरों और स्पा सेंटरों में आने वाले ग्राहकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का विवरण दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर रखना जरूरी होगा। माना जा रहा है कि इस कदम को कोरोना वायरस से बचने और संक्रमण का मामला सामने आने के बाद उस व्यक्ति को ट्रैस करने के लिए उठाया गया है।

कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतने के साथ ही सामाजिक दूरी को बनाए रखने और कई ग्राहकों को एक साथ इकट्ठा होने से बचाने के उद्देश्य से, सैलून, ब्यूटी पार्लर और स्पा को सर्विस के लिए शाॅप पर पहुंचने से पहले ही जानकारी देनी होगी। सैलून में 50 फीसदी सीट पर ही ग्राहकों को सेवा दें ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।

एक ग्राहक के लिए उपयोग किए जाने वाले ब्लेड का उपयोग दूसरे के लिए नहीं किया जाना चाहिए और उपयोग किए गए ब्लेड को सुरक्षित रूप से हटा दिया जाना चाहिए। हटाए गए बाल, फेस पैक आदि को सुरक्षित रूप से हटाना चाहिए।

केवल डिस्पोजेबल तौलिये का उपयोग किया जाना चाहिए। यदि तौलिये और हैंड बैंड फिर से उपयोग किए जाते हैं, तो उन्हें धोने के बाद ही दूसरे ग्राहक के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।

सैलून, ब्यूटी पार्लरों और स्पा में काम करने वाले कामगारों को अपना काम पूरा करने से पहले और बाद में अपने हाथों को सैनिटाइज करना जरूरी है। सभी के लिए मास्क और ग्लव्ज भी पहनना होगा। अपनी नाक, मुंह और आंखों को छूने से बचना चाहिए। आदेश में फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बिना आधार के सेवा प्रदान की जाएगी या नहीं।