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कश्मीर के शोपियां में 3 आतंकी ढेर

जम्‍मू कश्‍मीर में सुरक्षा बलों का आतंकवाद पर कहर जारी है। सुरक्षा बलों ने शनिवार को सुबह शोपियां में तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक कश्‍मीर में सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटे के भीतर छह  आतंकवादी मार गिराए हैं। ऑपरेशन को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि शोपियां के आसमिपोरा इलाके में मुठभेड़ में यह तीन आतंकवादी मारे गए। यह आपरेशन अभी भी जारी है।

सुरक्षा बलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद सुरक्षाबलों और पुलिस की साझी टीम ने इलाके को घेर लिया। इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जो जल्द ही मुठभेड़ में तब्‍दील हो गई। बाद में तीन आतंकी मारे गए।

याद रहे कुलगाम जिले में भी सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार को मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे और दो सुरक्षा कर्मी घायल हो गए थे।  आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले के नगनाद इलाके में तीन आतंकियों को मार गिराया था। अभी तक दर्जनों आतंकी ढेर हो चुके हैं।

विधायकों से मिलने मानेसर पहुंची राजस्थान एसओजी टीम को हरियाणा पुलिस ने होटल के बाहर डेढ़ घंटे तक रोका, अब दी इजाजत  

राजस्थान से हरियाणा के मानेसर पहुंची राजस्थान एसओजी की टीम को हरियाणा पुलिस ने उस आईटीसी ग्रांड होटल के भीतर जाने से रोक दिया, जहाँ कांग्रेस के वो 18 विधायक ठहरे हुए बताये गए हैं, जिन्हें सचिन पॉयलट का समर्थक कहा जा रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है, लिहाजा राजस्थान एसओजी टीम के लिए दिक्कत आ रही है। हालांकि, डेढ़ घंटे रोके रखने के बाद उन्हें भीतर जाने की इजाजत दी गयी।

बताया गया है कि राजस्थान एसओजी की टीम उन दो विधायकों से मिलने और पूछताछ करने गयी है, जिनके खिलाफ सरकार गिराने के षड्यंत्र का आरोप लगाया गया है। राजनीतिक हलकों में यह आरोप लगाया जा रहा है कि सचिन पॉयलट मामले में असल में परदे के पीछे भाजपा ही है। ऐसे में यदि हरियाणा पुलिस इन विधायकों से राजस्थान एसओजी को नहीं मिलने देती है, तो भाजपा पर कांग्रेस के आरोपों को और ताकत मिलेगी।

राजस्थान एसओजी की टीम अब से करीब डेढ़ घंटा पहले मानेसर पहुँची लेकिन डेढ़ घंटे तक उसे इन विधायकों से मिलने नहीं दिया गया, जिससे दोनों राज्यों की पुलिस के बीच भी ”टकराव” जैसी स्थिति बनने की भी नौबत आ गयी। यदि हरियाणा पुलिस अपने रुख पर अड़ी रहती तो यह भी मुमकिन था कि राजस्थान एसओजी बिना विधायकों से मिले लौट जाती। कांग्रेस ने लगातार आरोप लगाए हैं कि उनके ”बागी” विधायकों को भाजपा ने ही हरियाणा के रिजॉर्ट में ठहराया है।

तिरुपति बालाजी मंदिर के 14 पुजारी समेत 140 कर्मचारी कोरोना संक्रमित

देश में कोरोना संक्रमण के मामले 10 लाख पार हो चुके हैं और अब जांच भी एक दिन में करीब तीन लाख की जा रही हैं। इस बीच, देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कोरोना संक्रमण कहर बनकर टूटा है। मंदिर से जुड़े ट्रस्ट के 140 से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 पुजारी भी शामिल हैं। केस बढ़ने के बाद अब मंदिर में कुछ दिन के लिए दर्शन बंद करने के लिए कर्मचारी संगठन और राजनीतिक दल दबाव बना रहे हैं। हालांकि, ट्रस्ट फिलहाल ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है।

देश में जून के पहले हफ्ते के बाद अनलॉक-1 के तहत मंदिर खोला गया था। 11 जून से यह आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। पहले महज 6 हजार श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति थी, लेकिन बाद इसकी संख्या बढ़ाकर 15 हजार कर दी गई। अब भी प्रतिदिन 8 से 9 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी राज्य सरकार से मांग की है कि स्थिति को बिगड़ने से पहले जरूरी कदम तत्काल उठाए जाएं।

कोरोना संक्रमण के हालात पर ट्रस्ट के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी का कहना है कि मंदिर में स्थिति अभी नियंत्रण में है, इसलिए मंदिर फिर से बंद करने का कोई मतलब नहीं है। जो कर्मचारी संक्रमित मिले हैं, उनको क्वारंटाइन किया जगया है।

मंदिर में पुख्ता इंतजाम पर उठे सवाल
जब मंदिर को खोला गया तो दावा किया गया था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फिर अब एकसाथ इतने सारे कर्मचारियों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद ट्रस्ट के प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर में मंदिर में प्रवेश करते समय फव्वारों के जरिये लगातार सैनिटाइजेशन किया जाता है। तिरुपति बालाजी देश का इकलौता मंदिर है जहां कोरोना से बचने के लिए ट्राय ओजोन स्प्रे सिस्टम लगाया गया है। इसमें मंदिर में आने वाले लोगों पर पूरे समय डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव होता रहता है। इसके बावजूद मंदिर में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या लगातार बढ़ रही है।

पॉयलट गुट की याचिका पर सुनवाई अब 21 जुलाई को आगे जारी रहेगी  

राजस्थान में सचिन पॉयलट गुट की तरफ से स्पीकर सीपी जोशी नोटिस के खिलाफ दायर संशोधित याचिका पर अब राजस्थान हाई कोर्ट में 21 जुलाई को सुनवाई होगी। उस समय तक स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने आज की सुनवाई के बाद कहा कि सुनवाई मंगलवार को जारी रहेगी। इससे दोनों पक्षों को और वक्त मिल गया है।

इस मामले पर शुक्रवार को हाई कोर्ट की डबल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान सचिन पायलट के वकीलों हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने आपत्तियां दर्ज कीं। याद रहे पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नोटिस जारी किया गया है, जिसे पायलट खेमे ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। अब मंगलवार  (21 जुलाई) सुबह 10 बजे तक सुनवाई टल गई है।

राजस्थान के इस सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट गुट की ओर से दायर संशोधित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें सोमवार सुबह 10 बजे तक के लिए सुनवाई टल गई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई के दौरान पायलट खेमे की ओर से हरीश साल्वे ने अपनी दलीलें रखी।

साल्वे ने कहा कि पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है, ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे के बाद मुकुल रोहतगी ने अपनी दलीलें रखी। पायलट गुट के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से पक्ष रखा। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि सचिन पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, इसलिए इसको खारिज किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह बोले, ऑडियो में आवाज उनकी नहीं, जांच को तैयार ; संजय जैन गिरफ्तार

कांग्रेस के राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार गिराने की साजिश के कांग्रेस के आरोप और ऑडियो जारी करने के बाद केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ऑडियो में अपनी आवाज होने से इंकार किया है और कहा है कि वे किसी संजय जैन को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि वे जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उनके ब्यान के बाद राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप महेश जोशी ने कहा कि जांच होते  ही पता चल जाएगा कि सच क्या है। इस बीच शेखावत और संजय जैन के खिलाफ एफआईआर में आपराधिक धारा के अलावा राजद्रोह (सेडिशन) की धारा भी डाली गयी है, जो गंभीर बात कही जाएगी। उधर डबल बेंच में भी सचिन -पायलट खेमे की याचिका पर भी सुनवाई अब से कुछ देर में शुरू होगी। उधर संजय जैन को हिरासत में ले लिए गया है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ”ऑडियो विस्फोट” के बाद कहा कि वे किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं और ऑडियो में उनकी आवाज नहीं हैं। उनके मुताबिक ऑडियो में बीकानेरी टोन हैं जबकि वे जोधपुर से हैं।
राजस्थान कांग्रेस के मुख्य व्हिप महेश जोशी ने कहा कि उन्होंने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में इसकी शिकायत की है कि इसकी नियमानुसार जांच हो और जांच के आधार पर कार्रवाई हो, मुकदमा दर्ज हो।
इस बीच राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि ”कुर्सी का मोह, कुर्सी बचाने की फिक्र कैसी होती है ये कोई अशोक गहलोत से सीखे। बड़ा अजीब नजारा था कि अपना घर टूटता देख कोई विक्ट्री का साइन बनाए। बड़ी विचित्र बात है कि आपसी लड़ाई का मोहरा भाजपा को बताया जाए। सरकार के पास अगर बहुमत है तो तिकड़म क्यों?’
उधर वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की चुप्पी पर राजस्थान के राजनीतिक हलकों में बहुत चर्चा है। कल ही भाजपा के सहयोगी दल के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि वसुंधरा कथित तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत की मदद कर रही हैं। वे कल भाजपा की बैठक में भी नहीं गयी थीं। राजस्थान में अधिकतर विधायक सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं, हालांकि, यह माना जाता है कि वहां भाजपा आलाकमान गजेंद्र सिंह शेखावत को सिंधिया के मुकाबले खड़ा कर रही है, ताकि सिंधिया से ”छुटकारा” पाया जा सके।

बुन्देलखण्ड में सूखे के आसार किसान दुविधा में

इस साल बुन्देलखण्ड में सूखा पडने की आहट को देखते ही किसानों में मायूसी के बादल छाने लगे है। बताते चले बुन्देलखण्ड सूखा के नाम से ही जाना है। यहां पर साल दर साल कम वर्षा होने के कारण लोगों को पानी की समस्या से जूझना ही पड रहा है।आलम ये है कि जुलाई का आधा महीना बीत गया  है ।वर्षा ना के बराबर हुई है। मानसून विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वर्षा में और विलम्ब हुआ तो, किसानों को वुबाई में काफी दिक्कत होगी। वैसे ही यहां का किसान मौजूदा वक्त में कोरोना काल में काफी परेशान है । ऐसे में अगर मानसून दगा देता है, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। किसान प्रेमबाबू का कहना है कि बुन्देलखण्ड का इतिहास ही यही रहा है कि एक साल अगर अच्छी वर्षा हो जाये तो अगले साल जरूर वर्षा काफी कम होगी। क्योंकि सन् 2019 में यहां पर जमकर वर्षा हुई थी । जिसके कारण यहां के किसानों की जिन्दगी में काफी राहत रही है, पर लगता है कि इस साल बारिश चकमा देने के मूढ में है।

बुन्देलखण्ड के जिला महोबा के किसानों जुगल और लखनपाल का कहना है कि जुलाई के महीने में अनुमानित वर्षा काफी कम हुई है, जो सूखा पडने का संकेत है। पर उम्मीद है कि आगामी दिनों में और अगस्त में अगर सही बारिश हो जाती है तो किसानों को काफी राहत होगी।बांदा और झांसी जिले में भी यही हाल है । सबसे चौकानें वाली बात ये है कि मौसम विभाग के आंकडों पर गौर करें तो झांसी जिले में औसत 800 से 900 मिमी यानि की 31 से 35 इंच बारिश होती है।

जबकि 15 जुलाई तक 70.64 ममी ही बारिश दर्ज की गई है यानि की 8.33 इंच कम है।इसी तरह के बुन्देलखण्ड के अन्य जिलों की  स्थिति है। किसानों का साफ कहना है कि अगर बारिश ने रफ्तार ना पकडी तो सूखे के हालात ही पैदा ना होगे बल्कि किसानों को कोरोना काल में काफी दिक्कतों से जूझने को मजबूर होना पडेगा। मूंगफली की बुवाई करने वाले किसान रतन का कहना है कि देश में जब भी कोई समस्या आती है तो किसानों को सबसे पहले ही सामना करना होता है। जैसे कोरोना काल में किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिये काफी दिक्कत का सामना करना पडा और फसल के दाम भी सही नहीं मिलें।अब किसानों को मंहगे दामों में डीजल को खरीदना पड रहा है। अगर बारिश ना हुई तो आगे भी  बुवाई के लिये खेतों में पानी के डीजल से ही सिंचाई करनी होगी जो  गरीब किसानों को और कमजोर कर देगीं।

कांग्रेस ने राजस्थान में भाजपा की ‘खरीद फरोख्त’ के ऑडियो टेप जारी किये, भंवर पार्टी से निलंबित, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र, जैन के खिलाफ एसओजी की एफआईआर  

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और भाजपा नेता संजय जैन पर राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का गंभीर आरोप लगते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को तीन ऑडियो क्लिप जरी की हैं, जिसमें गजेंद्र और जैन की कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा से बातचीत का दावा किया गया है। यह सब तब सामने आया है जब ”बागी” सचिन पॉयलट गुट ने हाईकोर्ट में अपने 19 विधायकों को स्पीकर की तरफ से नोटिस को चुनौती दी है। उधर कांग्रेस ने अपने विधायकों भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उधर राजस्थान एसओजी ने इस मामले में गजेंद्र सिंह और संजय जैन और भंवर लाल शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ली है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को राजस्थान के इस सियासी संकट के बीच उस समय बड़ा विस्फोट किया जब एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश के पीछे भाजपा का हाथ बताया। सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा नेता संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच की ”बातचीत” के ऑडियो टेप जारी करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए और खुलासे किए।

सुरजेवाला ने जयपुर में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कोरोना महामारी से लड़ने के बजाय केंद्र की मोदी सरकार और उनकी पार्टी भाजपा राजस्थान और दूसरी  जगह आलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिराने में व्यस्त है। कांग्रेस नेता ने इस मौके पर ऑडियो टेप जारी किए जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा नेता संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के विधायकों को रिश्वत देने और राजस्थान सरकार को गिराने बात का दावा किया गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि ऑडियो टेप की बातचीत सामने आने के बाद कांग्रेस ने विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा राजस्थान की सरकार गिराने की कोशिश कर रही है, इसके कुछ ऑडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा और भाजपा नेता संजय जैन की बातचीत से जुड़े कई ”खुलासे” किए।

कांग्रेस के दावे वाली ऑडियो टेप में गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम सामने आना इस बात का भी संकेत है कि भाजपा में उन्हें राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के मुकाबले तरजीह दी जा रही है। यह इस बात से भी जाहिर होता है कि सिंधिया गुरुवार को भाजपा की एक बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। भाजपा के एक नेता ने उसके बाद आरोप लगाया था कि सिंधिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ”मदद” कर रही हैं।

ऐसी स्थिति से जाहिर है कि संकट सिर्फ कांग्रेस के भीतर ही नहीं है, बल्कि राजस्थान के भाजपा के बीच भी है, और वह भी गंभीर। भाजपा के लिए विधानसभा में गहलोत को बहुमत सिद्ध करने के लिए न कहने के पीछे एक बड़ा यह भी है। भाजपा को लगता है कि ऐसा न हो, भयाजपा के विधायक ही क्रास वोटिंग कर गहलोत को वोट दे दें।

जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह के ही बेटे हैं, जिन्होंने गहलोत के बेटे भैभव को हराया था। अब जाहिर है ऑडियो टेप सामने आने से भाजपा के लिए लिए भी पेचीदी स्थिति बन गयी है। सचिन पायलट गुट के पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ कुछ न करने के दावे की भी इस से हवा निकल गयी है। पिछले एक महीने से लगता है गहलोत और कांग्रेस ने ”बागियों” के खिलाफ काफी मसाला जुटा लिया है। देखना यही है कि सचिन को लेकर कांग्रेस अब क्या रणनीति अपनाती है। हो सकता है उनके कुछ विधायक पार्टी में वापस लौट आएं।

कोरोना से ठीक हुये मरीजों को हो रही दिक्कत , डाक्टरों ने काउंसिल पर बल दिया

एक ओर तो दिन व दिन कोरोना का कहर शहरों और गांवों में तेजी से फैलता जा रहा है । जो इस समय की भयंकर समस्या ,लोगों में डर का कारण बनी हुई है । वहीं जो लोग कोरोना से ठीक होकर घरों में आये है उनको भी अब स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही है।डाक्टरों का कहना है कि देश – दुनिया में नया कोरोना वायरस है। ऐसे में अभी तक इसकी कोई पुख्ता दवा या वैक्सीन सामने नहीं आयी है।ऐसे में काउंसिल के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है । वैसे भी, डाक्टर्स इलाज कर ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सही कर रहे है।डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना से डरे नहीं । बल्कि इसका इलाज करवाये। रही बात परेशानी की तो जिनको हार्ट , लीवर, किडनी और मधुमेह सहित अन्य बीमारी है उनको दिक्कत हो रही है तो वे अपना इलाज डाक्टरों से करवाते रहे। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि जब, कोई भी किसी भी बीमारी की चपेट में आता है ,तो स्वाभाविक है। कि उसे तनाव और अवसाद जैसी दिक्कते होती है। हार्ट के रोगी को अगर कोरोना है तो निश्चित तौर पर उसको सावधानी बरतनी चाहिये । जैसे मधुमेह और उच्चरक्तचाप जैसी बीमारी घातक हो सकती है।हार्ट रोगी नियमित जांच करवायें ।अगर वायें हाथ  और जबडें में दर्द के साथ घबराहट हो तो उसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि ये हार्ट रोग के ही लक्षण है। जाने –माने आर्युवेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि कोरोना काल में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य कि चिंता करनी चाहिये। खासकर गर्भवती महिलाओं को । कोरोना वायरस की चपेट में आयी गर्भवती महिलायें लापरवाही के कारण उनके गर्भ में पल रहे बच्चें को भी कोरोना होने की संभावना रहती है। इसलिये नियमित जाच करवायें और सावधानी बरतें।उनका कहना है कि कोरोना से ठीक होकर गय़े मरीज काफी ऐसे है जो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे है। नेशनल मेडिकल फोरम के चैयरमेन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि इस समय लोगों में ये दुविधा है कि कोरोना  का पुख्ता इलाज अभी नहीं है। सो लोगों में एक डर है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि लोगों के बीच एक व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाकर और उन मरीजों की कांउसिल करें जो कोरोना से ठीक होकर घरों में गये है। जांच का दायरा शहरों के साथ-साथ गांवों में भी बढाये क्योंकि अब गांवों में  कोरोना का कहर काफी तेज गति से बढ रहा है और गांवों में पहले ही स्वास्थ्य सेवाओं लचर है।

कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिला, दो भारतीय अधिकारी उनसे करेंगे मुलाकात  

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिल गया है। दो अधिकारी उनसे मिल रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक जाधव को यह काउंसलर एक्सेस अब से कुछ देर पहले मिला है। उन्हें दो अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गयी हुई। पहले भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वो बिना किसी शर्त के जेल में कैद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव से बातचीत करने का मौका दे। भारत ने कहा था कि वो इस मामले में कानूनी विकल्पों को टटोल रहा है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने दावा किया था कि सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। हालांकि भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान पलट गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की इजाजत दे दी है।

याद रहे जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव एक ”जासूस” हैं, जबकि भारत कई बार इस दावे को नकार चुका है। जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 3 मार्च, 2016 को ”जासूसी और आतंकवाद के आरोप” में बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में 2017 को इस मुद्दे को उठाया था।

पायलट खेमे की याचिका पर सुनवाई आज टली ; डबल बेंच में सुनवाई करने की मांग, याचिका में भी संशोधन करेंगे वकील

राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट का मामला गुरुवार को हाई कोर्ट पहुंच गया, हालांकि आज होने वाली सुनवाई टाल दी गयी है। पायलट गुट के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने याचिका में संशोधन करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने इस मामले की सुनवाई डबल बेंच से करने की मांग की। पहले की याचिका में पायलट गुट की तरफ से ”तत्काल सुनवाई” का आग्रह किया गया था। उधर कांग्रेस ने भी एक केविएट के जरिये खुद को एक पार्टी के रूप में उसका पक्ष सुनने का आग्रह किया है।

अब राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ”मास्टर आफ रोस्टर” होने के नाते डबल बेंच का गठन करेंगे। इसकी सुनवाई अब कल हो सकती है, हालांकि, पहले लग रहा था कि आज ही सुनवाई होगी।

सचिन पायलट के लिए जाने माने वकील हरीश साल्वे भी जुड़ गए हैं जबकि मुकुल रोहतगी पहले से उनके वकील हैं। स्पीकर के लिए अभिषेक मनु सिंघवी जिरह करेंगे। याद रहे विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से सदन की सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर जारी नोटिस के खिलाफ गुरुवार को सचिन के समर्थक विधायक राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए।

सचिन पायलट गुट की आज की याचिका में कहा गया है कि वे पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं कर रहे थे। अभी भी पार्टी में हैं और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा बरकरार है। सरकार गिराने का भी कोई सबूत नहीं हैं, लिहाजा इस तरह विधानसभा के बाहर नेतृत्व के प्रति लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध जाताना पार्टी विरोधी काम कैसे हो सकता है। नोटिस की वैधता को भी नई याचिका में चुनौती दी जा सकती है।

पायलट गुट ने कानूनी सलाहकारों की राय के बाद यह कदम उठाया है। माना जा रहा है कि अगर विप की वैधानिकता पर सचिन पायलट गुट को हाई कोर्ट से कोई आदेश या ”स्टे” मिल जाता है तो उनकी विधानसभा सदस्यता पर कोई खतरा नहीं रहेगा। यह भी संभावना है कि स्पीकर मामले के कोर्ट में चले जाने के कारण शायद नोटिस को लेकर अब कोई फैसला अपनी तरफ से न करें।

सचिन पायलट के इस फैसले से यह भी लगता है उनका गुट ज्यादा से ज्यादा समय खींच रहा है। हो सकता है इसके पीछे उसकी कोइ रणनीति हो। हो सकता है वे भविष्य की तैयारी कर रहे हों। इससे पहले कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका पर राजस्थान विधानसभा सचिवालय की ओर से सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस थमाया गया था।

कांग्रेस विधायक दल की हालिया बैठकों में शामिल नहीं होने को लेकर इस नोटिस में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मुख्य सचेतक की याचिका का हवाला दिया गया। इन विधायकों से तीन दिन में अपना पक्ष रखने को कहा गया था।