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सुशांत मामले की जांच सीबीआई करेगी : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत, जिनकी दो महीने पहले मुंबई में संदिग्ध हालात में मौत हो गयी थी, की जांच का मामला सीबीआई को देने के हक़ में फैसला सुनाया है। सुशांत के परिवारजन इस मामले को सीबीआई को देने की मांग कर रहे थे। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सुशांत की मौत से जुड़ी बिहार पुलिस के सामने दर्ज की गयी एफआईआर को भी उचित ठहराते हुए मुंबई पुलिस को इस जांच में सहयोग का आदेश दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में जांच नहीं की बल्कि सिर्फ पूछताछ (मृत्यु का मामला) की थी। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को भी कहा है। जाहिर है सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब सुशांत मामले की जाँच सीबीआई के जिम्मे आ गयी है।

चर्चा है कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुशांत के परिजनों ने इसका स्वागत किया है। सुशांत के मित्र रहीं अंकिता लोखंडे ने सके बाद ट्वीट में कहा – ‘यह न्याय की जीत है’।

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी केस सीबीआई को सौंपे जाने पर खुशी जताई है। अभी तक इस मामले में काफी सक्रिय रहीं एक्टर कंगना रणौत ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

भाजपा ने बताया पीएम केयर्स का पैसा कहां-कितना खर्च किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पीएम केयर्स फंड मामले में अपना फैसला सुनाया। अब इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ईमानदारी से काम करती है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, पीएम केयर्स फंड से अब तक 3,100 करोड़ रुपये कोरोना से लड़ाई के लिए जारी किए गए हैं। इसमें 2,000 करोड़ रुपये सिर्फ वेंटिलेटर के लिए दिए गए हैं।
पीएम केयर्स फंड का हिसाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1000 करोड़ रुपये राज्यों को प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था करने के लिए दिए गए। 100 करोड़ रुपये कोरोना की वैक्सीन के अनुसंधान के लिए दिए गए हैं। पीएम केयर्स फंड पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट है, जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी अध्यक्ष हैं, ये कोविड-19 जैसी आपातकाल स्थितियों के लिए बनाया गया है। मोदी सरकार पूरी ईमानदारी से काम करती आ रही है, उसे जनता का भी आशीर्वाद मिलता है। यही ईमानदारी पीएम केयर्स फंड में भी दिखाई देती है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, राजीव गांधी फाउंडेशन एक फैमिली फाउंडेशन था। आपको मालूम है कि उसे चीन से भी मदद मिली थी। उस फाउंडेशन की रिपोर्ट में भारत के बाजार को चीनी उत्पाद के लिए खोलने की बात भी कही गई थी।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राहुल ने पहले दिन से देश की एकता को कमजोर करने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि देश के डॉक्टर-नर्सेज, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना योद्धाओं के सम्मान में ताली बजाई जाए, इसका भी राहुल गांधी ने मजाक उड़ाया।

राहुल के ‘कुटिल’ मंसूबों को झटका : नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, पीएम केयर्स को लेकर सर्वोच्च अदालत का फैसला राहुल गांधी के कुटिल मंसूबों और उनके सहयोगियों की कोशिशों को तगड़ा झटका है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की दुर्भावना और द्वेषपूर्ण कोशिशों के बावजूद सत्य की चमक बरकरार रहती है। उन्होंने कहा कि राहुल के हल्ला मचाकर दोषारोपण करने की आदत को जनता ने लगातार नकारा है और उसी जनता व अन्य ने पीएम केयर्स कोष में दिल खेलकर दान किया है।

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए रोहित शर्मा, फोगाट, मनिका, थंगावेलू के नाम की सिफारिश

क्रिकेटर रोहित शर्मा, एशियन स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट, टेबल टेनिस चैंपियन मनिका बत्रा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलू देश के उन चार खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिनके नाम की सिफारिश देश के सबसे बड़े खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ के लिए की गयी है। उधर अर्जुन पुरस्कार के लिए खेल मंत्रालय चयन समिति ने क्रिकेटर ईशांत शर्मा और तीरंदाज अतनु दास सहित 29 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की है।
याद रहे द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार के लिए नामों की सिफारिश सोमवार को ही कर दी गयी थी। द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए क्रमश: 13 और 15 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गई है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार शामिल हैं, जो हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति देते हैं। उस दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन होता है।
बता दें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर खेल रत्न हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी थे, जिन्हें 1997-1998 में यह सम्मान मिला। साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी और 2018 में विराट कोहली को भी यह सम्मान मिला था।
इस साल जूनियर भारतीय पिस्टल टीम के मुख्य कोच जसपाल राणा, ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले सौरभ चौधरी और मनु भाकर को द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए चुना गया है। राणा को पिछले साल यह अवॉर्ड नहीं मिलने पर बहुत विवाद हुआ था। राणा के अलावा डेविस कप टीम के कप्तान और कोच रहे नरेश कुमार और पूर्व हॉकी कप्तान और जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच जूड फीलिक्स के नाम की सिफारिश द्रोणाचार्य के लिए हुई है।
इस बार कोविड-19 के चलते राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह ऑनलाइन आयोजित हो सकता है। ऐसा होने पर विजेता अपने-अपने स्थानों से 29 अगस्त को लॉग इन करके अपने नामों की घोषणा होते हुए सुनेंगे।
जहां तक राजीव गांधी खेल रत्न की बात है रोहित शर्मा जबरदस्त फ़ार्म में हैं। साल 2019 के लिए उन्हें वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया, आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के एक संस्करण में पांच वनडे शतक लगाने वाले और टी20 इंटरनेशनल में चार शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उधर महिला पहलवान विनेश फोगाट 2018 में कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं जबकि 2019 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। थंगावेलु ने 2016 के रियो पैरालंपिक में  टी42ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता था। पैडलर मनिका ने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक और महिला एकल में कांस्य पदक जीता था।

आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप मिली ‘ड्रीम इलेवन को, इसमें भी है चीनी कंपनी की हिस्सेदारी, वीवो के 440 के मुकाबले ड्रीम 11 देगी सिर्फ 222 करोड़

चीनी कंपनी ‘वीवो’ के हाथ से निकली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल स्पॉन्सरशिप मंगलवार को भारत की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ‘ड्रीम इलेवन’ को मिली है। उसने इस साल के लिए इसके 222 करोड़ रूपये अदा किये हैं। इससे पहले वीवो इसके लिए हर सीजन के 440 रूपये अदा कर रही थी। दिलचस्प यह है कि ड्रीम इलेवन कंपनी में चीनी कंपनी ‘टेंसेंट’ की कुछ हिस्सेदारी है।

आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने मंगलवार इसकी जानकारी दी  है। बता दें ‘ड्रीम इलेवन’ भारत की एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी है जो फैंटेसी क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी और बास्केटबॉल गेमिंग में काम करती है। साथ ही ड्रीम इलेवन देश की पहली गेमिंग कंपनी है, जो यूनिकॉर्न बनी। इसके फाउंडर भवित शाह, हर्ष जैन हैं और कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है।

जानकारी के मुताबिक ‘ड्रीम इलेवन’ में चीनी कंपनी ‘टेंसेंट’ की कुछ हिस्सेदारी है। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद वीवो ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया था। इसके बाद इसके लिए बिड आमंत्रित की गयी थीं। पहले बाबा रामदेव की पतंजलि भी आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल थी। टाटा का नाम भी सामने आया था।

पीएम केयर्स फंड का पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

कोरोना की शुरुआत के समय 28 मार्च को मोदी सरकार की तरफ से बनाए गए प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (पीएम केयर्स फंड ) को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का पैसा नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स फंड का पैसा ट्रांसफर करने को लेकर आज हुई सुनवाई में कहा कि एनडीआरएफ में पैसा ट्रांसफर करने का आदेश नहीं दिया जा सकता।  न ही किसी नई आपदा राहत योजना की अभी जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर दायर दायर याचिका आज खारिज कर दी गई। एक एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) यह याचिका दायर कर मांग की थी कि पीएम केयर फंड में जमा रकम को कोरोना महामारी के मद्देनजर एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए। अदालत ने इसके लिए आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति और कॉरपोरेट के लिए कोई वैधानिक बाधा नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार पीएम केयर्स फंड की राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि ये दोनों फंड अलग हैं।

इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में पीएम केयर फंड में जमा हुई राशि को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच के सामने कहा था कि पीएम केयर फंड स्वैच्छिक फंड है जबकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ फंड बजट आवंटन के दायरे में हैं।

उधर सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से दलील पेश करते हुए कहा था कि हम किसी पर सवाल नहीं उठा रहे है लेकिन पीएम केयर फंड का गठन नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के प्रा‌वधान के विपरीत है। दवे ने कहा था कि एनडीआरएफ का ऑडिट सीएजी करता है लेकिन सरकार कह रही है कि पीएम केयर फंड का ऑडिट प्राइवेट ऑडिटर से कराया जाएगा।

पीएम केयर फंड के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर पीएम केयर फंड का बचाव किया था। अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय और राज्यों के आपदा में राहत कार्यों के लिए पीएम केयर फंड दूसरे किसी फंड पर रोक नहीं लगाता है। इन फंड में लोग स्वेच्छा से डोनेट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि एनडीआरएफ जैसी वैधानिक फंड होने के बावजूद ऐसे कोष यानी पीएम केयर फंड के गठन पर कोई रोक नहीं है।

वैसे पीएम केअर्स फंड पर विपक्ष का मोदी सरकार पर लगातार हमला रहा है।  कांग्रेस इसके ऑडिट की मांग कर चुकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस फंड के पैसे आवंटित करने की जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक 31 मई तक  कोरोना से लड़ाई के लिए 3100 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इनमें 2000 करोड़ रुपये स्वदेशी वेंटिलेटर पर, 1000 करोड़ रुपये प्रवासी मजदूरों की देखभाल और 100 करोड़ रुपये वैक्सीन की रिसर्च पर खर्च किये गए हैं या हो रहे हैं।

सीएए विरोधी आंदोलन से जुड़े रहे शहजाद और मोहरीन भाजपा में शामिल, विपक्ष ने कसा तंज

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शाहीन बाग़ में लगातार चले प्रदर्शन को लेकर सुर्खिर्यों में रहे शहजाद अली और डॉ. मोहरीन भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके बाद भाजपा बुरी तरह घिर गयी है और विपक्षी कांग्रेस, आप और अन्य ने आरोप लगाया है कि शाहीन बाग़ आंदोलन के पीछे भाजपा ही थी, यह अब साबित हो गया है।

भाजपा पर सबसे पहले हमला आप ने किया है। आप ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझ कर दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर राजनीतिक लाभ लेने के लिए शाहीन बाग का प्रदर्शन कराया। उधर कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा का झूठ धीरे-धीरे जनता के सामने आ रहा है।

याद रहे शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल रहे चर्चित चेहरे शहजाद अली और डॉ. मोहरीन रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। इस आंदोलन के दौरान भाजपा लगातार यह आरोप लगाती रही थी कि कांग्रेस इसके पीछे है। अब इस आंदोलन के  कर्ताधर्ताओं में से दो शहजाद अली और डॉ. मोहरीन के भाजपा में शामिल होने के बाद विपक्ष को भाजपा पर हमला करने का अवसर मिल गया है।

इस  मसले पर आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा – ‘बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को मोहरे की तरह इस्तेमाल करती है। सीएए के विरोध में दिल्ली-नोएडा एक्सप्रेस-वे को 10 महिलाओं ने 101 दिन बंद कर दिया। दिल्ली पुलिस ने इस रोड के आसपास की सड़कों को खुद बंद कर दिया।’

आप नेता ने आरोप लगाया कि ‘दिल्ली पुलिस जानबूझकर शाहीन बाग का प्रर्दशन कराती रही। शाहीन बाग का सबसे ज्यादा राजनीतिक फायदा किसको हुआ? बीजेपी ने इस बार दिल्ली का चुनाव शाहीन बाग के नाम पर लड़ा। बीजेपी ने सोची-समझी रणनीति के तहत शाहीन बाग के नाम पर चुनाव लड़ा।’

बिहार के मंत्री श्याम रजक आरजेडी में शामिल, 3 आरजेडी विधायक जेडीयू में जाने को तैयार !

बिहार में नीतीश कुमार से खफा चल रहे श्याम रजक, जिन्हें आज ही मंत्री पद और पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था, सोमवार को लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में शामिल हो गए। दलित नेता श्याम रजक को लेकर पिछले कल ही अटकल थी कि वे आरजेडी में जा सकते हैं।

उधर चुनाव आते ही दल बदल का काम शुरू हो गया है। खबर है कि आरजेडी से बर्खास्त तीन विधायक भी आज शाम जेडीयू में शामिल हो सकते हैं। इन तीनों को आरजेडी पहले ही पार्टी से बर्खास्त कर चुकी है।

बिहार में श्याम रजक को बड़ा दलित चेहरा माना जाता है। वे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सामने पार्टी में शामिल हुए। तेजस्वी ने इस मौके पर कहा कि पिछले चुनाव में गठबंधन को जनता ने सत्ता के लिए चुना था, लेकिन नीतीश पाला बदलकर भाजपा के साथ चले गए। उन्होंने कहा कि जनता इस बार नीतीश कुमार को सबक सिखाएगी।

बिहार विधानसभा में इस समय आरजेडी के सबसे अधिक 80 विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ महागठबंधन में लड़ा था जिसमें उनकी पार्टी आरजेडी के बाद दूसरे नंबर पर रही थी।

इस बीच आरजेडी के तीन विधायकों महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी और अशोक कुशवाहा के जेडीयू में जाने की चर्चा तेज है। यह तीनों आज जेडीयू में शामिल हो सकते हैं। वैसे आरजेडी पहले ही इन्हें पार्टी से बाहर कर चुकी है।

उधर रामविलास पासवान की एलजेपी के तेवर से बिहार में भाजपा और नीतीश कुमार दोनों काफी परेशान हैं। एलजेपी केंद्र में भाजपा गठबंधन में सहयोगी है और पासवान उसमें मंत्री हैं। हालांकि, पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार नीतीश पर हमले कर रहे हैं। इससे यह कियास लग रहे हैं कि क्या बिहार विधानसभा के चुनाव में एलजेपी जेडीयू-भाजपा गठबंधन के ही साथ रहेगी या कोई और रास्ता चुनेगी।

कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में एक एसपीओ समेत 3 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां थमने का नाम ही नहीं ले रहीं। कश्मीर संभाग के बारामुला में सोमवार को एक आतंकी हमले में तीन जवान शहीद हो गए हैं जिनमें एक (विशेष पुलिस अधिकारी) एसपीओ भी है।

जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने यह हमला नाका पार्टी पर किया है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के तीन जवान शहीद हो गए जिनमें एक एसपीओ भी शामिल है। घटना के मुताबिक आतंकियों ने वहां गोलीबारी शुरू कर दी थी जिसका सुरक्षा बलों ने जबरदस्त जवाब दिया। इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए।

आतंकी हमले के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी की गई है औऱ आतंकियों की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक आतंकियों ने क्रेरी सेयू में पुलिस और सीआरपीएफ की साझा नाका पार्टी पर गोलीबारी की। हमले में पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए जिनकी बाद में मौत हो गयी। वहां तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

आतंकियों ने पिछले बुधवार को भी बारामूला में सेना की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था। सोपोर इलाके के इस हमले में एक जवान घायल हो गया था। आतंकी मौके से भाग निकले थे।

कॅरिअर में तरक्की करना हर शख्स का संवैधानिक अधिकार : हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि किसी भी शख्स को कॅरिअर में तरक्की से नहीं रोका जा सकता। हाईकोर्ट ने वायुसेना में चालक के पद पर तैनात युवक के कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता साफ करते हुए यह टिप्पणी की।
दरअसल, हाईकोर्ट ने वायुसेना से सोनू को चालक पद से सेवामुक्त करने का आदेश दिया है, ताकि वह हरियाणा के कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पा सके। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने फैसले में कहा कि वायुसेना की जिम्मेदारी है कि वह नागरिक को आगे बढ़ने में मदद करे। हर शख्स को संवैधानिक अधिकार है कि वह अपनी पसंद के अनुसार कॅरिअर में तरक्की कर सके।
पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता वायुसेना में बेशक विशेष वाहन चलाता हो, लेकिन कॉलेज में प्रोफेसर पद की समाज में अलग अहमियत व सम्मान है।  सोनू ग्रुप ‘सी’ से ग्रुप ‘ए’ में अपने आपको अपग्रेड कर रहा है और यह उनके भविष्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती लड़ सकती है मध्यप्रदेश से उपचुनाव

पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती मध्यप्रदेश में होने वाले   विधान सभा के उपचुनाव में चुनाव लड़ सकती है।चुनाव 27 सीटों पर होना है ।बताते चले उमा भारती केन्द्र सरकार में कई बार मंत्री रही है और वह बुन्देलखण्ड के टीकमगढ जिले से आती है । इस लिहाज से वे बुन्देलखण्ड में स्थापित व बडी नेता मानी जाती है। 2014 के उत्तर –प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखण्ड के झांसी –ललितपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीती थी और मोदी सरकार में मंत्री भी बनायी गयी थी। लेकिन  2019 के लोकसभा चुनाव में वे किसी भी संसदीय क्षेत्र से चुनाव ना लडी थी।

लेकिन राजनीति में जो लम्बी पारी खेल चुका हो, उसे अचानक राजनीति और सत्ता की चमक-धमक से दूर कर दिया जाये, तो नेता के साथ –साथ उनके चाहने वाले मायूस हो जाते है। इसी क्रम में उमा भारती के चाहने वालों का उन पर दबाव है , कि वे मध्य –प्रदेश की सियासत में दखल दें । मध्य –प्रदेश के हिस्से वाले छतरपुर जिले की बडा मलहरा विधान सीट से वह चुनाव लड सकती है।  हालांकि अभी भाजपा प्रदेश इकाई ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।लेकिन पूरे बुन्देलखण्ड में और छतरपुर जिले में उमा भारती के नाम को लेकर सियासत तेज हो गयी है। जानकारों व भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उमा भारती राष्ट्रीय नेता रही है ।लेकिन राजनीति और सत्ता से अचानक उनका दूर हो जाना, जो भी सियासी मायने निकाले जाये, पर हकीकत ये है कि उनकी पार्टी और राजनीति में उपेक्षा होने लगी है। भले ही  उभा भारती कुछ ना कहें लेकिन मध्य –प्रदेश की सियासत में उनको अचानक दरकिनार कर दिया गया है। भाजपा के एक नेता का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन से लेकर अटल – आडवाणी के शासन काल में उनका पार्टी में अच्छा खासा दबदबा रहा है। वे एक बार मध्य –प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी है।यहां के लोगों का कहना है कि अगर उमा भारती चुनाव लडती है तो पूरे बुन्देलखण्ड में नये समीकरणों का बल मिलेगा क्योंकि भाजपा के साथ –साथ कांग्रेस भी अब बुन्देलखण्ड में पूरे दमखम के साथ चुनाव लडने के मूढ में है।