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अनुष्का बोलीं-जनवरी 2021 में हम दो से तीन हो जाएंगे

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के घर नया मेहमान आने वाला है यानी क्रिकेटर नई ‌इनिंग्स की शुरुआत करने वाले हैं। विराट ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिये लोगों को दी। अनुष्का और विराट दोनों  ने अपने-अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा-खुशबरी! जनवरी में दोनों पहले बच्चे का स्वागत करेंगे।

विराट ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें अनुष्का का बेबी-बंप नजर आ रहा है। बॉलीवुड अदाकारा अनुष्का ने लिखा- और फिर जनवरी 2021 में हम दो से तीन हो जाएंगे। कुछ समय पहले अनुष्का को मुंबई में एक क्लीनिक के बाहर देखा गया था, जिसके बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि अनुष्का गर्भवती हैं।

इस एलान के साथ ही सोशल मीडिया में दोनों दोस्तों, करीबियों और फैंस ने जोड़े के परिवार में नए सदस्य के आने की शुभकामनाएं दीं और यह सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगा। टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और अभिनेत्री आलिया भट्ट ने बधाई दी, जबकि विराट को दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने शुभकामनाएं दीं।

अनुष्का शर्मा और विराट कोहली पहली बार एक शैम्पू के विज्ञापन की शूटिंग के दौरान मिले थे। विराट और अनुष्का देश की सबसे चर्चित और पसंदीदा जोड़ियों में से एक हैं। दोनों ने 11 दिसंबर 2017 को इटली में सात फेरे लिए थे।
विराट इस समय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में हिस्सा लेने के लिए दुबई गए हैं, जबकि अनुष्का मुंबई में हैं। कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन के चलते खेल गतिविधियां और फिल्मों की शूटिंग पूरी तरह ठप पड़ी थी।  लॉकडाउन में विराट-अनुष्का साथ ही थे, इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर कई तस्वीरे भी पोस्ट की थीं।

लचर परिवहन व्यवस्था भी कोरोना को बढा रही है

दिल्ली में कोरोना के मामलों में इजाफा के मुख्य कारणों में से एक दिल्ली की लचर परिवहन व्यवस्था। बताते चले इस समय दिल्ली सरकार की बसों में सिर्फ 20 ही सवारियों को बैठने की इजाजत है । जिसका बस चालक और कंडेक्टर भी भली- भाँति पालन कर रहे है।वहीं  सरकार के परिवहन अधिकारियों और यातायात पुलिस की मिली भगत से आँटो वाले और फटाफट सेवा के नाम पर कारों में ठूंस-ठूस कर सवारियों को ले जा रहे है। जो कोरोना के बढने का एक कारण है।

तहलका संवाददाता को दिल्ली के नागरिकों ने और बस स्टैण्डों में खडी  सवारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार जनता के साथ मजाक कर रही है। क्योंकि दिल्ली में आँटों वालों को एक आँटों में ड्राईवर सहित पीछे सीट में 3 ही सवारियों की अनुमति मिली हुई है। लेकिन आँटों वालों की यातायात पुलिस से सेटिंग होने के कारण अपनी आँटों में 6 और 7 सवारियों को बैठा रही है। ड्राईवर अपनी ही सीट पर 2 और 3 सवारियों को बैठाने कर यातायात नियमों की धज्जियों को तार –तार कर रहे है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है ।

आँटों में सवारी एक- दूसरे से चिपक कर बैठती है। यही हाल फटाफट सवारियों के नाम पर जो कार चल रही है वो, तो सारे नियम कायदों को ताक पर रख कर सवारियों को ठूंस कर चलती है । अगर कोई यात्री विरोध करता है ,तो उसको कार से उतार देते है। सवारियों का कहना है कि बस में जब सवारियों को बैठने नहीं दिया जाता है क्योंकि 20 सवारी पहले से ही बैठी तो, जो सवारी बस के इंतजार में बस स्टेण्ड में खडी रहती है । वे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करती है। जिससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ रहा है।दिल्ली परिवहन विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी ने बताया कि इस समय दिल्ली में बसों की कमी है और सरकार बचाव सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर 20 ही सवारियों को बैठने की इजाजत दे रही है । जबकि सरकार को ये मालूम है कि बसों के ना आने से बस स्टेँण्ड में यात्रियों का जमावडा होता है जो काफी घातक होता है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि बसों की संख्या बढाये अन्यथा कोरोना का कहर बढता ही जायेगा। दिल्ली के पिछडे इलाकों में जहां के लोग बसों पर ही आश्रित है वहां पर बसों की संख्या बढायी जाये ।सबसे चौकाने वाली बात ये है कि सरकार को भली-भाँति मालूम है ,कि  बाहरी लोगों के आने –जाने वालों के संपर्क में आने से ही संक्रमित बीमारी फैलती है फिर भी सरकार इस मामलें में कोई कदम ना उठा रही है।

आज़ाद, आनंद सोनिया की समिति से बाहर ; जितिन पर कार्रवाई चाहती है   यूपी के लखीमपुर की कांग्रेस इकाई 

लगता है कांग्रेस कार्यकरिणी की बैठक के बाद भी पार्टी में अभी तनातनी बनी हुई है। दो नए घटनाक्रम बताते हैं कि कांग्रेस में अभी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पहली बात पार्टी की तरफ से मोदी सरकार की तरफ से जारी अध्यादेशों पर विचार के लिए बनाई गयी एक कमेटी है जिसमें वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा को शामिल नहीं किया गया है। दूसरे कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई ने सोनिया गांधी को नामित करते हुए चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले नेताओं में एक जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग की गयी है। उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी हैं, लिहाजा यह मांग बहुत मायने रखती है।

गुलाम नबी आज़ाद, जिन्हें गांधी परिवार के सबसे नजदीक नेताओं में से एक माना जाता है, हाल में लिखी एक चिट्ठी के बाद पार्टी के भीतर नेताओं के निशाने पर हैं। इसमें कभी कोई दो राय नहीं रही है कि आज़ाद कांग्रेस के उन नेताओं में हैं जो पार्टी से बाहर की बात सोच भी नहीं सकते। शायद यही कारण भी है कि जब 23 नेताओं के दस्तखत वाली चिट्ठी सामने आई और उसमें आज़ाद का नाम सबसे ऊपर देखा गया तो बहुत से लोगों को हैरानी हुई है। कुछ ऐसा ही आनंद शर्मा के बारे में भी कहा जा सकता है।

हाल के सालों में जो महत्वपूर्व समितियां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बनाई हैं, उनमें आज़ाद का नाम हमेशा रहा है। खासकर ऐसी समितियां, जिन्हें मोदी सरकार के खिलाफ या उसके फैसलों के ख़िलाफ कुछ रणनीति तैयार करने का जिम्मा दिया गया। अब चिट्ठी मामले के बाद बनाई पहली समिति से उनका नाम बाहर होने से जाहिर होता है कि गांधी परिवार में उनके प्रति नाराजगी है। आज़ाद का नाम उसमें होता तो यह मान लिया जाता कि कांग्रेस में चिट्ठी वाला अध्याय समाप्त हो गया।

कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार की ओर से जारी किए अध्यादेशों पर विचार के लिए एक समिति बनाई है। इसमें गांधी परिवार के कई करीबी नेताओं को तो जगह मिली है, लेकिन गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा इससे बाहर रखे गए हैं। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की बनाई इस समिति में पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, अमर सिंह और गौरव गोगोई हैं। जयराम रमेश को समिति का संयोजक बनाया गया है। समिति को केंद्र की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने का जिम्मा सौंपा गया है।

आज़ाद और आनंद शर्मा के समिति में न होने से यह संकेत जा रहा है कि गंधी परिवार उनसे नाराज है। इसमें कोई दो राय नहीं सोनिया व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं चाहेंगी कि आज़ाद जैसे नेता को अलग-थलग किया जाये, लेकिन उनका नाम समिति में न होने से यह तो पता चल रहा है कि आज़ाद सोनिया के सामने पत्र को लेकर अपनी स्थिति अभी ठीक से साफ़ नहीं कर पाए हैं। वैसे ख़बरें रही हैं कि चिट्ठी और सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान के समय में सोनिया ही नहीं राहुल गांधी ने भी आज़ाद से फोन पर बात की थी।

आज़ाद पर तब दाबाव बन गया जब सीडब्ल्यूसी की बैठक में 23 नेताओं के पत्र की भाषा को ”भाजपा के हित साधने वाली भाषा” बताया गया। आज़ाद ने सफाई दी थी, लेकिन मामला अभी सुलटा नहीं है, ऐसा संकेत मिल रहा है। कहते हैं कि आज़ाद चिट्ठी लिखने ववालों को भाजपा से जोड़ने से नाराज हैं, और उन्होंने इस्तीफे तक की भी पेशकश की थी। कपिल सिब्बल ने भी बैठक के दौरान इस मसले को ट्वीट करके जगजाहिर किया था, हालांकि बाद में उन्होंने ”राहुल ने भाजपा के साथ” वाला ट्वीट हटा लिया था।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस का बहुत बड़ा वर्ग गांधी परिवार के साथ है और वह मानता है कि गांधी परिवार के बाहर कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है। बहुत साल पहले जब दिग्गज नेता शरद पवार गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह के लिए उठे थे तो उन्हें कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिला था, लिहाजा उन्हें अपनी अलग पार्टी बनाई पड़ी। आखिर 2004 में पवार सोनिया गांधी से ही समझौता करके कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए का हिस्सा बने और आज तक हैं। आज भी यह माना जाता है कि पवार वापस कांग्रेस में लौटने के ”इच्छुक” रहे हैं।

संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस के बीच जो शुरू हुआ है, उसे निश्चित ही पार्टी के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता। आज़ाद वो नेता जो हैं संसद के भीतर हमेशा कांग्रेस के बुलंद आवाज रहे हैं। लेकिन अभी तो साफ़ दिख रहा है कि कांग्रेस के भीतर कुछ पक रहा है। निश्चित ही उनकी और अन्य की चिट्ठी ने पार्टी के बीच नाराजगी पैदा की है। आनंद शर्मा को भी अगर किनारे करने के संकेत जाते हैं तो निश्चित ही उनके अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भी उनकी स्थिति कमजोर होगी।

उधर यह मामला इसलिए भी बढ़ता दिख रहा है कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई ने सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए प्रस्ताव रखा है कि पार्टी नेता जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की जाए। इकाई ने बल्कि चिट्ठी लिखने वाले सभी नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई करने की मांग की है। इकाई के प्रस्ताव में लिखा है- ”पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद एकमात्र व्यक्ति हैं।  उनका पारिवारिक इतिहास गांधी परिवार के खिलाफ रहा है और उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर इसे साबित किया था। इसके बावजूद सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और मंत्री बनाया।”

लखीमपुर खीरी इकाई का यह प्रस्ताव इस मायने में भी अहम है कि यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी हैं। इस प्रस्ताव में जितिन के चिट्ठी का हिस्सा बनाने को ”घोर अनुशासनहीनता” बताया गया है और जिला कांग्रेस कमेटी ने लिखा है कि उनके (जितिन) के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

कहना मुश्किल है कि इन कथित ”बागी” नेताओं की क्या रणनीति है, लेकिन पूर्व के तमाम उदाहरण बताते हैं कि असली कांग्रेस गांधी परिवार के ही आसपास रही है। इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और सोनिया गांधी के समय में हुए इस तरह के ”विद्रोह” इसका उदाहरण हैं। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शायद यह नेता किसी ”बाहरी” के संपर्क में हैं और ऐसी विवादित चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा – ”लेकिन यह सब किनारे लग जायेंगे, क्योंकि पार्टी के लाखों-लाख कार्यकर्ता गांधी परिवार के साथ रहेंगे। इन्हीं में से कुछ नेता हैं जिन्होंने राहुल गांधी को अध्यक्ष के नाते फेल करने की कोशिश की थी।”

जिन वरिष्ठ नेताओं का नाम चिट्ठी में सामने आया है, उनमें से कमोवेश सभी ऐसे हैं जो एक-दूसरे को ही अपना नेता नहीं मानते रहे हैं। ऐसे में यह नेता किसे नेता बनाएंगे और और उनमें सर्वसम्मति कैसे बनेगी, यही सबसे बड़ा सवाल है। यही कारण भी है कि पार्टी के बहुत समझदार नेता गांधी परिवार में से ही नेता चुनने के पक्ष में रहे हैं। हाँ, यह अवश्य सच है कि पिछले कुछ सालों में पार्टी नेताओं ने ज़मीन पर काम करना बंद कर दिया है, जिससे जनता से पार्टी का संपर्क कमोवेश टूट गया है।

लेकिन इसका एक बड़ा कारण पार्टी नेताओं की आरामपरस्ती और खुद के लिए राज्य सभा की सीट का इंतजाम करने तक सीमित हो जाना भी है। यह लोग दिल्ली से बाहर निकलते नहीं है। न केंद्र सरकार के खिलाफ उनके कोई मजबूत ब्यान ही आते हैं। ज़मीन पर इन महीनों में देखा जाए तो राहुल गांधी ही हैं जो लगातार मोदी सरकार के खिलाफ आबाज बुलंद करते रहे हैं। लेकिन इन नेताओं ने उनका भी समर्थन करते रहने की जहमत नहीं उठाई है।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अभी भी गहरे कोमा में, फेफड़ों के आलावा उनके गुर्दे में भी बनी है समस्या  

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ है। गुरूवार को आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल ने उनके मेडिकल बुलेटिन में कहा है कि मुखर्जी गहरे कोमा में हैं और उनके फेफड़ों में संक्रमण के आलावा मंगलवार से उनके गुर्दे में भी कुछ समस्या पैदा हुई है।

अस्पताल के मुताबिक वर्तमान में प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में हैं और उन्हें लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति पिछले 16 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं और ब्रेन सर्जरी के बाद गंभीर स्थिति में हैं। पूर्व राष्ट्रपति की हालत ”हीमोडायनेमिकली स्टेबल” है जिसमें मरीज का दिल ठीक तरीके से काम कर रहा होता है और शरीर में रक्त का संचार सामान्य होता है।

हालांकि, वे गहरे कोमा में हैं और मुखर्जी के फेफड़ों में संक्रमण भी हो गया है। इसका लगातार इलाज किया जा रहा है। उनके गुर्दे की स्थिति भी मंगलवार से ठीक नहीं है। याद रहे मुखर्जी के फेफड़ों में संक्रमण के बाद उनकी सेहत ज्यादा खराब हुई थी। विशेषज्ञ चिकित्स्कों की टीम लगातार मुखर्जी की निगरानी कर रही है।

पूर्व राष्ट्रपति  को 10 अगस्त की दोपहर को एक जीवन रक्षक सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनका कोविड-19 टेस्ट भी पॉजिटिव पाया गया था। उस समय से ही उनकी स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। हालांकि, उनके बेटे ने बीच में यह भी कहा था कि उनके पिता कुछ बेहतर हो रहे हैं।

दिल्ली भाजपा की नई टीम के गठन को लेकर ना बन सकी सहमति

दिल्ली भाजपा की प्रदेश इकाई की सियासत में ऐसा क्या पेंच फंसा है कि नई टीम का गठन तक नहीं हो पा रहा है। जबकि इस मामलें में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैकठ भी हो चुकी है । फिर भी अभी तक स्थिति साफ ना होने से भाजपा के जिला अध्यक्षों के नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है । भाजपा के नेता ने तहलका संवाददाता को बताया कि भाजपा की नई टीम के गठन को लेकर चली आ रही कवायद लगभग पूरी हो चुकी है। कोरोना के कारण जरूर कुछ बैठके नहीं हो सकी लेकिन अब भाजपा दिल्ली की प्रदेश इकाई के गठन के इंतजार में है। जबकि जिला अध्यक्षों के नाम को लेकर सांसदों और विधायकों के बीच पहले ही रायशुमारी हो चुकी है । लेकिन ना जाने क्यों मामला फंसा है।

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अंदर ही सियासत हो रही है। जैसे प्रदेश के महामंत्री और जिला अध्यक्ष के नाम को लेकर भाजपा आलाकमान और प्रदेश के संगठन के बीच सहमति नहीं बन सकी है। इसलिये राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले फिर से सलाह करने को कहा है, ताकि आपसी सहमति से गठन हो सकें। बताते चलें जिला अध्यक्ष और नई टीम की गठन एक साथ हो सकता है ।क्योंकि वैसे ही गठन को लेकर काफी देर हो चुकी है। भाजपा के नेता हेमंत कुमार का कहना है कि जितनी जल्दी  नई टीम के नेताओं की घोषणा होगी उतनी जल्दी कोरोना काल में आप पार्टी द्वारा की जा रही मनमानी को रोकने का अवसर मिलेगा क्योंकि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ रहे है और दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि कोरोना काबू में है। वैसे भी भाजपा दिल्ली में जनता को हर संभव सहायता के लिये काम कर रही है। क्योंकि इस समय दिल्ली में कोरोना के साथ चिकनगुनिया और डेंगू का कहर लगातार बढ रहा है।

गुप्त भाषा की चिट्ठी के साथ संसद भवन के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा गया

आइएसआइएस के एक संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद अब राजधानी दिल्ली में ही एक और संदिग्ध पकड़ा गया है। बुधवार सुबह इस व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने संसद भवन के पास विजय चौक से गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक ऐसी चिट्ठी भी  मिली है, जो गुप्त (कोड) भाषा में लिखी हुई है। इस व्यक्ति से सख्ती से पूछताछ शुरू हो गयी है।

जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह विजय चौक, जो संसद भवन के नजदीक है, से इस संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से एक चिट्ठी मिली है, जो कोड वर्ड में लिखी हुई है। संदिग्ध को संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। आशंका है कि यह व्यक्ति किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।

उसके पास से बरामद गुप्त भाषा वाली चिट्ठी को डी-कोड करने के बाद ही पता चलेगा, इसमें क्या लिखा है। याद रहे यह व्यक्ति कुछ दिन पहले एक आईएसआईएस ऑपरेटिव अबू यूसुफ की गिरफ्तारी के बाद पकड़ा गया है। आईएसआईएस के ऑपरेटिव के पास से दो प्रेशर कुकर आईईडी भी बरामद किये गए थे। लिहाजा आशंका है कि दिल्ली में आतंकवादी घटना की कोशिश की जा रही है। इसे देखते हुए सुरक्षा पहले ही कड़ी कर दी गयी है।

आईएसआईएस के कथित ऑपरेटिव को पुलिस अदालत में पेश कर चुकी है, जिसके बाद उसे आठ दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस के स्पेशल सेल ने बताया था कि उसकी टीम को लीड मिली थी जिसके बाद यह आईएसआईएस ऑपरेटिव पकड़ा गया था।

नीट और जेईई मेन परीक्षाओं पर सोनिया और ममता के बीच आज बैठक, अन्य दलों के सीम से भी होगी बातचीत

नीट और जेईई मेन एग्जाम करवाने के मोदी सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग देश में तेज हो रही है, भले एनटीए ने परीक्षाओं की तारीखें भी घोषित कर दी हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सबसे पहले इस फैसले के खिलाफ सामने आए और उन्होंने यह परीक्षाएं फिलहाल न करने की मांग की। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आज इस मसले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत होने वाली है।

सोनिया गांधी ममता से बातचीत के अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से भी इस मसले पर बातचीत करने वाली हैं। आज गैर भाजपा के मुख्यमंत्री भी इस मसले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर सकते हैं। फिलहाल यह मसला देश भर में तूल पकड़ गया है और ज्यादातर इन परीक्षाओं को करवाने के फैसले का विरोध हो रहा है।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज पार्टी और उसके सहयोगी दलों के सीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगी। इस बातचीत के बाद ही नीट और जेईई एग्जाम को लेकर कांग्रेस आगे की रणनीति तय करेगी। राहुल गांधी पहले ही इन परीक्षाओं को लेकर खुले रूप से विरोध दर्ज करवा चुके हैं।

सोनिया गांधी की आज पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छतीसगढ़ और पंजाब सहित कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत प्रस्तावित है। मुद्दा जेईई और नीट एग्जाम ही होगा। कांग्रेस एक बार फिर खुद को मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के केंद्र में लाने की कोशिश में जुट गयी है। इसकी शुरुआत नीट और जेईई एग्जाम के विरोध से हो रही है।

इस बीच एनटीए ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा का आयोजन सितंबर में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा। शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि यह परीक्षाएं घोषित तारीखों क्रमशः 1 से 6 सितंबर और 13 सितंबर के अनुसार ही होंगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को कहा था कि परीक्षाएं तय समय पर होंगी। हालांकि, इसके बावजूद सच यह है कि इन परीक्षाओं को करवाने को लेकर विरोध भी बड़े पैमाने पर हो रहा है।

टेस्ट इतिहास में 600 विकेट लेने वाले जेम्स एंडरसन पहले तेज गेंदबाज बने

इंग्लैंड के 38 वर्षीय जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में 600 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले तेज गेंदबाज बन गए हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा हैं जिनके 563 टेस्ट विकेट हैं। हालांकि, दुनिया में टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीन टॉप गेंदबाज स्पिनर हैं। इनमें  मुथैया मुरलीथरन के 800, शेन वार्न के 708 और अनिल कुंबले के 619 टेस्ट विकेट हैं।

एक तेज गेंदबाज के रूप में जेम्स एंडरसन ने 600 विकेट की उपलब्धि साउथेम्प्टन में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में अजहर अली का विकेट लेकर हासिल की। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने पहली स्लिप में उनका कैच जैसे ही लपका, सभी खिलाड़ियों ने एंडरसन को घेर लिया। उपलब्धि हासिल करते ही एंडरसन ने दाहिने हाथ में गेंद लेकर सभी का अभिवादन किया। कोरोना महामारी के बीच प्रतिबंधों की वजह से मैदान में एक भी दर्शक नहीं था।

टेस्ट जीवन का 156वां टेस्ट खेल रहे एंडरसन सर्वाधिक विकेट लेने वाले टेस्ट गेंदबाजों की सूची में अब चौथे स्थान पर आ गए हैं। मैक्ग्रा के अलावा वेस्ट इंडीज के कर्टनी वॉल्स के 519 विकेट हैं। इस बीच एंडरसन की उपलब्‍धि पर भारत के पूर्व लेग स्पिनर कुंबले ने कहा कि एक महान तेज गेंदबाज का यह बड़ा कारनामा है।  कुंबले ने कहा – ”इस क्लब में आपका स्वागत है”।

एंडरसन 600 विकेट तक पहुंचने वाले दूसरे सबसे कम गेंदें लेने वाले गेंदबाज भी हैं। उन्होंने मुरलीधरन से छह गेंद ज्यादा ली, लेकिन उनके 600 विकेट पहले ही हो जाते अगर तीसरे और चौथे दिन पाकिस्तान के चार बल्लेबाजों के कैच नहीं छूटे होते।

पुलवामा हमले में एनआईए ने आरोप पत्र जम्मू की अदालत में दायर किया

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे, के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। यह आरोप पत्र जम्मू की एनआईए अदालत में दायर किया गया है जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर सहित 19 लोगों के नाम हैं।

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान स्थित इस संगठन का सरगना मसूद अजहर है। आरोप पात्र में बताया गया है कि करीब 200 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल इस हमले में किया गया था जिसमें आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट शामिल था। करीब 5,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सोनिया नारंग और पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल की एक टीम ने जांच के बाद तैयार की है।

आरोप पत्र में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर, आतंकवादी संगठन के कई अन्य आतंकियों और सात गिरफ्तार आतंकियों और आरोपियों के नाम शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक चार्जशीट में हमले में पाकिस्तान की भूमिका के पुख्ता सबूत, तकनीकी, सामग्री और परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं। पाकिस्तान ने एक स्थानीय आतंकी आदिल अहमद डार का इस्तेमाल किया, जिसने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक से लदी एक कार से टकराया था।

एनआईए की जांच में सामने आया है कि हमले में इस्तेमाल हुआ आरडीएक्स पाकिस्तान से मंगवाया गया था, जबकि अमोनियम नाइट्रेट स्थानीय स्तर पर जुटाया गया। जैश आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की थी और एनआईए के पास इसके साक्ष्य भी हैं। एनआईए ने जांच के दौरान आत्मघाती हमलावर के सभी साथियों को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में एक महिला सहित सभी आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के इशारे पर हमले को अंजाम देने के लिए आत्मघाती हमलावर की मदद की थी।

महाराष्ट्र में ईमारत गिरने के हादसे में अब तक 11 की मौत, कुछ अभी भी दबे हैं मलबे में

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड में सोमवार देर शाम पांच मंजिला भवन गिरने की घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हुई है। अभी भी कुछ लोग ईमारत के मलबे में दबे हैं, जिन्हें बचाने की कोशिश जारी है। आशंका है मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। पीएम मोदी ने ट्वीट करके घटना पर दुख जताया है।

कल जब ईमारत गिरी थी उसमें 70 से ज्यादा लोग मलबे में फंस गए थे। उसके बाद बचाव और राहत कार्य शुरू किया गया था लौर काफी लोगों को बचा लिया गया था। हालांकि, अभी भी काफी लोग भीतर दबे हो सकते हैं। अभी भी उनको बचाने का काम जारी है।  के रायगढ़ के महाड में पांच मंजिला इमारत के गिरने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. सोमवार की शाम हुई इस घटना में अबतक 11 लोगों की मौत की जानकारी है।

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में सोमवार को इमारत गिरने के बाद अब तक 11 लोगों की मौत हुई और कई लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने कहा कि 60 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तीन टीमें और दमकल विभाग की 12 टीमें मौके पर मौजद हैं। धराशायी हुई इमारत सात साल पुरानी बताई गयी है।

इस बीच घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएमओ की तरफ से किए ट्वीट के मुताबिक, पीएम मोदी ने घटना पर कहा – ”महाराष्ट्र के रायगढ़ के महाड में बिल्डिंग गिरने की घटना से दुखी हूं। मेरी संवेदना इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के साथ है। मेरी प्रार्थना है कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। फिलहाल एनडीआरएफ की टीमें और स्थानीय अथॉरिटीज़ घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं और लोगों को जरूरी मदद पहुंचा रही हैं।”

हादसे के बाद ईमारत के ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया गया है। महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि घटना के लिए बिल्डिंग का ठेकेदार जिम्मेदार है और  बिल्डिर, कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि घटना में किसी भी तरह से सरकारी अधिकारियों की भूमिका सामने आती है, तो उनपर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।