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भुखमरी से मर जाना सरकार के माथे पर कलंक

मृतक बच्ची की बड़ी बहन
आगरा में गरीब परिवार की पांच वर्षीय बेटी की भूख से मौत ने सबको झकझोर दिया है। मौत को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा है कि आगरा जिले की बच्ची का इस तरह भुखमरी से मर जाना सरकार के माथे पर कलंक है। बच्ची का पूरा परिवार दुखी और सदमे में है। प्रियंका ने पूछा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ये बताए कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
आगरा के बरौली अहीर ब्लॉक में शनिवार को पांच वर्षीय बच्ची सोनिया की मौत हो गई थी। मासूम की जान निकलने पर उसकी मां शीला देवी ने कहा कि बच्ची की जान भूख से गई है। भूखे रहने के कारण वो कमजोर हो गई और बुखार आ गया। हालांकि उसके घर राशन सामग्री लेकर पहुंचे तहसीलदार प्रेमपाल सिंह ने बताया कि बच्ची की मौत भूख से नहीं, बीमारी के कारण हुई है।
मृतक बच्ची के 40 वर्षीय पिता पप्पू सांस रोगी हैं।
मासूम की मां शीला देवी ने बताया कि सोनिया को तीन दिन से तेज बुखार था। बुखार भूखे रहने के कारण हुआ। महीनेभर से घर में राशन नहीं था। 15 दिन पड़ोसियों से मांगकर गुजारा किया। पिछले कुछ दिनों से घर में एक दाना नहीं था। तीन दिन पहले उसे बुखार आया। पीली पड़ गई थी, लग रहा था कि उसमें खून की कमी हो गई है। पैसे न होने की वजह से ही उसे डॉक्टर के पास नहीं ले गए। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने मृतक बच्ची की बड़ी बहन का वीडियो फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है कि योगी सरकार इतनी आत्ममुग्ध हो गई है कि किसी भी गरीब और असहाय की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। आत्महत्या और भुखमरी की बढ़ती हुई घटनाएं उत्तर प्रदेश की सच्चाई है। विफलता का पर्यायवाची बन चुकी वर्तमान सरकार सिर्फ और सिर्फ दिखावा और कागजी दावों के माध्यम से काम चला रही है।

अध्यक्ष के मसले पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जारी

कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर मंथन चल रहा है। इस समय पार्टी की वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक चल रही है जिसकी अध्यक्षता अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं। बैठक में अभी तक कई मुद्दे उभरे हैं और नेताओं ने अपने विचार रखे हैं। बैठक में यह विचार भी आया है कि जल्दी ही अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का अधिवेशन बुलाया जाए और तक तक सोनिया गांधी अंतरिम रूप से अध्यक्ष का जिम्मा संभाले रहें।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी से कहा है कि उन्हें नया अध्यक्ष चुनना चाहिए। आज की इस वर्चुअल बैठक में कई मसलों पर नेताओं के बीच तनातनी की भी ख़बरें आई हैं। यह भी खबर आई थी कि बैठक के बीच राहुल गांधी ने नेतृत्व के मसले पर 23 नेताओं की सोनिया गांधी को भेजी चिट्ठी को लेकर कहा कि जब पार्टी राजस्थान में भाजपा से लड़ रही थी, इस तरह की चिट्ठी के क्या मायने माने जाएं।

लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके बताया कि राहुल ने ऐसा कुछ नहीं कहा है। सुरजेवाला का यह ट्वीट तब आया जब वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट करके कहा कि चिट्ठी और अन्य कुछ घटनाओं को राहुल गांधी ने भाजपा की साजिश से जोड़कर नाराजगी जताई है, हालांकि बाद में सिब्बल ने कहा कि वे अपना ट्वीट वापस ले रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसे लेकर कहा कि ऐसी बात उन्होंने नहीं की है। यह भी चर्चा रही कि इस मसले पर राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने ”इस्तीफे की पेशकश” की।

इस आभासी बैठक की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इ अपने विचार रखे। उन्होंने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वे अभी अपने पद पर बने रहें। अन्य नेताओं ने भी अपने विचार रहें। वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष का जिम्मा संभालने का आग्रह किया। पटेल की इस मांग को महत्पूर्ण माना जायेगा, क्योंकि उनकी बात को 10 जनपथ की बात माना जाता है।

बैठक में यह विचार भी आया है कि जल्दी ही अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का अधिवेशन बुलाया जाए और तक तक सोनिया गांधी अंतरिम रूप से अध्यक्ष का जिम्मा संभाले रहें। हालांकि, इसे लेकर अंतिम फैसला होता है या नहीं, यह देखना होगा।

बैठक को लेकर अभी तक जो ख़बरें छन कर बाहर आई हैं उनसे ऐसा लगता है कि वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं में तनातनी है। बैठक अभी चल रही है लिहाजा अंतिम क्या फैसला होता है यह शाम तक ही पता चलेगा। पार्टी के बीच कुछ नेता सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाये रखने तो बाकी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की बकालत कर रहे हैं।

प्रशांत भूषण का न्यायालय की अवमानना के मामले में बिना शर्त माफी मांगने से इनकार

वरिष्‍ठ वकील प्रशांत भूषण ने न्यायालय की अवमानना के मामले में सर्वोच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगने से सोमवार को इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके बयान सद्भावनापूर्ण थे और उनके माफी मांगने से उनकी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें उनका सर्वोच्च स्तर का भरोसा है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट ने उनको अपने लिखित बयान पर फिर से विचार करने को कहा था और उन्हें इसके लिए दो दिन समय दिया था। हालांकि, आज  वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने इससे इनकार कर दिया। याद रहे 20 अगस्‍त को प्रशांत भूषण के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए टाल दी थी।

अब प्रशांत भूषण ने अपने उस ट्वीट, जो सारे विवाद की जड़ है, को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्‍होंने अवमानना मामले में जवाब दाखिल किया जिसमें उन्होंने कहा है – ”मेरे ट्वीट्स सद्भावनापूर्वक विश्वास के तहत थे, जिस पर मैं आगे भी कायम रहना चाहता हूं। इन मान्यताओं पर अभिव्यक्ति के लिए सशर्त या बिना शर्त की माफी निष्ठाहीन होगी।”

वरिष्ठ वकील ने कहा – ”मैंने पूरे सत्य और विवरण के साथ सद्भावना में इन बयानों को दिया है जो अदालत द्वारा निपटे नहीं गए हैं। अगर मैं इस अदालत के समक्ष बयान से मुकर जाऊं, तो मेरा मानना है कि अगर मैं एक ईमानदार माफी की पेशकश करता हूं, तो मेरी नजर में मेरे अंतकरण की अवमानना होगी और मैं उस संस्थान की जिसका मैं सर्वोच्च सम्मान करता हूं।”

उन्होंने यह भी कहा कि ”मेरे मन में संस्थान के लिए सर्वोच्च सम्मान है। मैंने सुप्रीम कोर्ट या किसी विशेष सीजेआई को बदनाम करने के लिए नहीं, बल्कि रचनात्मक आलोचना की पेशकश करने के लिए ये किया था जो मेरा कर्तव्य है। मेरी टिप्पणी रचनात्मक है और संविधान के संरक्षक और लोगों के अधिकारों के संरक्षक के रूप में अपनी दीर्घकालिक भूमिका से सुप्रीम कोर्ट को भटकने से रोकने के लिए हैं”।

कोरोना की रोकथाम में प्लानिंग का अभाव , गांवों में जांच का दायरा बढाना होगा

जब भी देश में कोरोना वायरस को लेकर इतिहास लिखा जायेगा, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रशंसा तो नहीं लिखी जायेगी और ना ही कोरोना को लेकर हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा की प्लानिंग की तारीफ की जायेगी।क्योंकि आज से ठीक 5 महीनें पहले 25 मार्च को देश को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि कोरोना को हराने के लिये देश में संपूर्ण लाँकडाउन  21 दिन तक के लिये लगाया जाता है । फिर ये लाँकडाउन मई के महीने तक चला और कई राज्यों में अभी भी दो दिन का लाँकडाउन जारी है। इतने सब कुछ प्रयास किये गये और किये जा रहे उसके बावजूद देश में कोरोना की रफ्तार रूकने का नाम ही नहीं ले रही है अब देश में हर रोज 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे है जिससे आज तक कोरोना के मामलों की संख्या 30 लाख से ज्यादा हो गयी है और हर रोज 9 सौ से अधिक लोग मर रहे है। जिससे मरने वालों का आंकडा 54 हजार से ज्यादा हो गया है। इसमें चूक और गलती कहां हो रही है । इस पर देश के डाक्टरों का कहना है कि देश में सियासत का बोलबाला इस कदर है कि स्वास्थ्य प्लानिंग को लेकर कोई पहल ही नहीं दिख रही है। जिसके कारण कोरोना बेकाबू होता जा रहा है।

डाक्टरों का कहना है कि कोरोना के साथ ही जीने की आदत सबको डालनी होगी और अपने स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतनी होगी ।अन्यथा कोरोना घातक हो सकता है।आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल का कहना है कि देश में सियासत के कारण कई लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है वे आज भी सैकडों लोगों के साथ बैठकें कर रहे है वो भी बिना मास्क के ।राजनीतिक दलों के ही लोग सबसे ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडा रहे है।  बाजारों को कोला जा रहा है कोई नियम नहीं बनाये गये है। सबसे दुखद तो ये है कि सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था के कारण गरीब मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण देश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ रही है। वैसे ही बरसाती मौसम संक्रमण के लिये जाना जाता है।आई एम ए के पदाधिकारी ने बताया कि  केन्द्र सरकार सीधा आदेश जारी करती है जिसका लाभ कोरोना से पीडितों को मिले या ना मिले पर देश का प्राइवेट हेल्थ सेवाओं को जरूर मिलता है इसकी वजह साफ है कि ज्यादात्तर लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को पाने से डरते है जिसके कारण प्राइवेट अस्पताल वाले जमकर चांदी काट रहे है । और यही हाल प्रशासन से जुडे अधिकारियों का है जो अपनी मनमर्जी से लोगों को डराने लगे है। डाँ बंसल का कहना है कि अगर कोरोना का कहर यूं ही जारी रहा तो आने वाले दिनों इसके भयावह परिणाम सामने आयेगे।ऐसे में सरकार को बचाव के तौर पर प्लानिंग करके गांवों के लिये अलग और शहरों के लिये स्वास्थ्य टीमों का गठन करना चाहिये । क्योंकि इस समय देश के गांवों में भी कोरोना ने तेजी से अपने पैर पसारने शुरू कर दिये है। गांवों में जंच का दायरा तेज करना होगा जिससे कोरोना को गांवों में ही काबू किया जा सकें।

राष्ट्रपति ट्रंप को 33 लाख रुपये पॉर्न स्टार स्टॉर्मी को देने का निर्देश

अमेरिकी अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पॉर्न एक्ट्रेस स्टॉर्मी डेनियल्स को 44,100 डॉलर ( 33 लाख रुपये) देने का निर्देश दिया है। पॉर्न स्टार स्टॉर्मी का कहना है कि उनका ट्रंप के साथ अफेयर था। हालांकि, ट्रंप इससे लगातार  इनकार करते रहे थे।
कैलिफोर्निया की अदालत ने ट्रंप को स्टॉर्मी डेनियल्स को उनकी कानूनी लड़ाई के लिए वकील के शुल्क के रूप में 33 लाख रुपये देने के आदेश दिए। एक दशक पहले उनके संबंधों के बारे में खामोश रहने के बदले में किए गए करार को डेनियल्स ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद अदालत का यह फैसला आया है।
डेनियल्स के वकील ने कोर्ट के फैसले की जानकारी दी। स्टॉर्मी डेनियल्स ने फैसले के बाद ट्वीट किया- हां, एक और जीत!
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ‘2016 के राष्ट्रपति चुनाव के ठीक 11 दिन पहले हुए समझौते पर डेनियल्स ने ट्रंप के खिलाफ मुकदमा जीत लिया है। समझौते के मुताबिक, केस हारने वाली पार्टी को वकीलों की फीस अदा करने होगी।
राष्ट्रपति के तत्कालीन निजी वकील माइकल कोहेन ने डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर  (97.40 लाख रुपये) दिए थे। डेनियल्स ने अपने कानूनी नाम स्टेफनी क्लिफॉर्ड के नाम से केस दायर किया था। ट्रंप के निर्वाचित होने के बाद डेनियल्स ने समझौते को खत्म करने के लिए मामला दायर किया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने मई 2018 में ट्विटर पर स्वीकार किया था और कहा था कि उन्होंने डेनियल्स को दी गई राशि अपने वकील कोहेन को अदा की थी। वहीं, डेनियल्स का कहना था कि ट्रंप के साथ कथित अफेयर के बाद उन्हें चुप रहने के लिए पैसे दिए गए। इसके लिए बाकायदा समझौता किया गया था।

तब्लीगी जमात को मीडिया ने साजिश के तहत बदनाम किया, बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कीं सभी एफआईआर 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में तब्लीगी जमात में विदेश से आये जमातियों को बलि का बकरा बनाया गया। मीडिया ने सोची समझी साज़िश के तहत इन जमात वालों को बदनाम किया। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए जमातियों के खिलाफ दर्ज सारी एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने कहा, महामारी या आपदा के दौरान सियासी सरकार किसी को बलि का बकरा बनाये जाने को ढूंढने की कोशिश करती है, इसके लिए इन विदेशियों को चुना गया। कोर्ट ने कहा, देश में संक्रमण के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। विदेशियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई के बारे में पश्चाताप करने और सुधार के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने का अब भी उचित समय है।
कोर्ट ने कहा, वीजा शर्तों के अनुसार, धार्मिक स्थलों पर जाने और धार्मिक जलसों में हिस्सा लेने जैसी सामान्य धार्मिक गतिविधियों के लिए विदेशियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह से यह मुमकिन नहीं है कि वे इस्लाम धर्म का प्रसार कर रहे थे और उनका इरादा धर्मांतरण का था।
हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमातियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर रद्द करते हुए कहा, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बड़ा प्रचार करके ऐसी तस्वीर बनाई गई कि जो मर्कज दिल्ली में विदेशी आए थे, भारत में कोरोना वायरस फैलाने के लिए मानो वही ज़िम्मेदार थे। हाईकोर्ट का यह फैसला शुक्रवार को ही आ गया था, लेकिन मुख्य धारा का मीडिया इस अहम खबर को दबा गया। शनिवार को यह आदेश सामने आया है।

देश में कोविड-19 के 68,898 नए मामले, कुल मौतें 56 हजार के पार

देश में शनिवार सुबह 8 बजे तक कोविड-19 के 68,898 नए मामले सामने आए हैं। इस महामारी से देश में मरने वालों का आंकड़ा भी 56 हजार के पार चला गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आज सुबह 8 बजे तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल संक्रमितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंच गई है जबकि मौत का आंकड़ा 54 हजार को पार कर गया है। गुरुवार को एक ही दिन में 68,898 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 29,05,823 हो गई है।

उधर इस दौरान 983 मौत के साथ 54,849 लोगों को इस महामारी से अपनी जान गंवानी पड़ी है। वैसे, कोरोना से होने वाली मृत्यु दर गिरकर 1.89 फीसदी हो गई है। मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 74.30 प्रतिशत पहुंच गई। मंत्रालय के मुताबिक  देश में अभी 6,92,028 मरीजों का कोविड-19 से संक्रमित लोगों का इलाज जारी है, जो अब तक आए कुल मामलों का 23.82 प्रतिशत है। देश में सात अगस्त को कोरोना के मामले 20 लाख के पार पहुंचे थे।

पंजाब में पाकिस्तान के 5 घुसपैठिये बीएसएफ ने ढेर किये

पंजाब में घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। बीएसएफ ने तरनतारन सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ कर रहे 5 घुसपैठियों को मार गिराया है। उनके पास से पाकिस्तान में निर्मित बैग भी मिला है।

जानकारी के मुताबिक इन लोगों के पास से पाकिस्तान में बना एक बैग भी मिला है। यह लोग तरनतारन इलाके में सीमा के पार से इस तरफ घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बीएसएफ की नजर से नहीं बच सके।

बीएसएफ ने उन्हें ललकारा और आत्मसमर्पण को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद बीएसएफ ने एक मुठभेड़ में इन सभी को मार गिराया। यह घटनापाकिस्तान से सटे बॉर्डर की। इस तरह सीमा सुरक्षा बल को शनिवार को यह एक बड़ी कामयाबी मिली है।

बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पर इन 5 घुसपैठियों को मार गिराया। बताया गया है कि ये सभी घुसपैठ की फिराक में थे।

ब्रिटेन में बापू का चश्मा 2.55 करोड़ में नीलाम

ब्रिटेन के ब्रिस्टल की एक नीलामी एजेंसी ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चश्मा 2.55 करोड़ रुपये में नीलाम किया है। ऑनलाइन की गई नीलामी में छह मिनट के भीतर ही एक अमेरिकी शख्स ने इसे खरीद लिया।
नीलामी एजेंसी ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन्स ने कहा कि उसे इसी साल तीन अगस्त को यह चश्मा सादे लिफाफे में मिला था। एजेंसी के एंड्रयू स्टो ने तब उम्मीद जताई थी कि यह चश्मा 14 लाख रुपये से ज्यादा में बिक सकता है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस चश्मे के मालिक ब्रिस्टल के मैनगॉट्सफील्ड के रहने वाले एक बुजुर्ग हैं। कहा जाता है कि गांधीजी ने यह चश्मा बुजुर्ग के चाचा ने दक्षिण अफ्रीका में काम करने के दौरान दिया था। स्टो ने बताया, इस चश्मे के साथ एक पत्र था, जिसमें दावा किया गया था कि चश्मा गांधीजी का है।
चश्मे के मालिक का दावा था कि 1920 के दशक में उनके परिवार का एक सदस्य ने दक्षिण अफ्रीका में मोहनदास करमचंद से मिला था। उनके पास से फिर यह चश्मा अगली पीढ़ी के पास चला गया। स्टो ने बताया कि हमने ऐतिहासिक साक्ष्यों और तथ्यों से चश्मे का मिलान किया तो यह खरा उतरा। पूरी उम्मीद है कि गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका क्या अपनी ज़िंदगी में यह चश्मा पहली बार पहना था।

तेलंगाना के नगरकुरनूल में हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में आग में फंसे सभी 9 लोगों की मौत

तेलंगाना के नगरकुरनूल के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के पैनल बोर्ड में लगी आग में फंसे 9 लोगों की मौत हो गयी है। आग के बाद वहां 17 लोग फंस गए जिनमें से 8 को बचा लिया गया था जबकि 9 लोग भीतर ही फंसे थे। उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब खबर आई है कि इन सभी की मौत हो गयी गयी है।

याद रहे जब आग की घटना हुई उस समय कुल 17 लोग वहां काम कर रहे थे जिनमें से 8 लोगों को बचा लिया गया था। तेलंगाना सरकार में  ऊर्जा मंत्री जगदीश्ववर रेड्डी खुद रेस्क्यू ऑपरेशन देख रहे थे। पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मी आग वाली जगह पर थे। धुंए के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत आई।

आग शॉर्ट सर्किट से लगी और देखते ही देखते घने धुएं ने जगह को घेर लिया। घटनास्थल पर मौजूद 17 व्यक्तियों में से 8 व्यक्ति सुरंग के रास्ते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया लेकिन फंसे 9 लोगों को बचाया नहीं जा सका। यह सभी टीएस गेनको कर्मचारी और तीन निजी कंपनी के कर्मचारी हैं।

दमकलकर्मियों की टीम एक डिप्टी इंजीनियर और सहायक इंजीनियरों सहित फंसे हुए लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थी। तेलंगाना के मंत्री जगदीश रेड्डी और टीएस गेनको सीएमडी प्रभाकर राव घटनास्थल पर पहुंच गए थे और बचाव के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रहे थे। रेड्डी ने कहा था कि पावर स्टेशन की पहली इकाई में दुर्घटना हुई और चार पैनल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।