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यूपी पीसीएस के नतीजे घोषित, टॉप थ्री में छात्राओं का कब्जा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2018 का फाइनल परिणाम घोषित कर दिया है। दिलचस्प है कि इस बार टॉप तीन में छात्राओं ने कब्जा जमाया है। यूपी लोकसेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि इसमें 988 पदों लिए 976 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि12 पदों के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला है।  फिलहाल इन पदों को खाली छोड़ दिया गया है।

परीक्षा में पानीपत की अनुज नेहरा ने टॉप किया। दूसरे स्थान पर गुड़गांव की संगीता राघव व तीसरे स्थान पर मथुरा की ज्योति शर्मा रही हैं। चौथे स्थान पर जालौन के विपिन कुमार शिवहरे व पांचवें स्थान पर पटना के कर्मवीर केशव हैं।

पीसीएस, एसीएफ एवं आरएफओ 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 28 अक्तूबर 2018 को 29 जिलों में 1381 केंद्रों पर हुई थी, जिसमें 6,35,844 आवेदकों में से 3,98,630 शामिल हुए थे। 30 मार्च 2019 को प्री का परिणाम घोषित किया गया था।

पीसीएस मुख्य परीक्षा अक्तूबर 2019 में आयोजित की गई थी, जिसमें 16738 अभ्यर्थी शामिल हुए थे और इनमें से 2669 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए सफल घोषित किया गया था।  मुख्य परीक्षा का परिणाम 23 जून को घोषित किया गया था।

कांग्रेस ने दिल्ली में रेल पटड़ियों किनारे झुग्गियां हटाने के आदेश को चुनौती दी

दिल्ली में  रेल पटरियों के किनारे बनी करीब 48,000 झुग्गियों, जिन्हें हटाने के आदेश हाल में आये हैं, के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुँची है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को पूर्व न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के निर्देश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

अपनी याचिका में माकन ने तर्क दिया है कि चूंकि झुग्गीवासियों  या उनके प्रतिनिधि को सुने बिना आदेश पारित किया गया था, इसलिए इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। माकन के लिए अदालत में याचिका के वकीलों अमन पंवार और नितिन सलूजा ने डाली है। उधर कोर्ट के आदेश के पालन के लिए झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। रेलवे ने इसके लिए दिल्ली क्षेत्र में झुग्गियों पर नोटिस चस्पां किये हैं।
कांग्रेस का कहना है कि बेंच के फैसले से रेल पटरियों के किनारे की  झुग्गियों में रहने वाले 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे। लिहाजा कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर समीक्षा याचिका दायर करने का फैसला किया। कांग्रेस ने इस बर्बादी के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के मुताबिक जेजे कलस्टर में रह रहे लोगों की बर्बादी के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में दिल्ली में रेलवे ट्रैक के आसपास बसी करीब 48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाने के आदेश दिए थे। अब कांग्रेस ने इस आदेश को चुनौती दी है।

दिल्ली और नोएडा में 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के घूम रहे है

कोरोना की रोकथाम को लेकर आम-जनमानस के साथ सरकारें भी कम लापरवाह नजर नहीं आ रही है। देश में कोरोना गत दिनों से 90 हजार का आंकड़ा पार कर रहा है और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। फिर भी लोगों में कोरोना को लेकर ना डर देखा जा रहा है और ना चिंता ।

तहलका संवाददाता ने नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में देखा है, और लोगों से बात की है। पुलिस कनाँट पैलेस, आई एन ए और कुछ नामचीन जगहों पर बिना मास्क लगाये लोगों के चालान काट रही है पर वहीं कई इलाकों में कुछ लोग ऐसे है जो मास्क नहीं लगाये है उनको पुलिस रोक तक नहीं रही है। ऐसे में जो सही मायने में कोरोना को भगाने के लिये मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे है उनको दिक्कत हो रही है।

लाजपत नगर निवासी परम सिंघला का कहना है कि सरकार को सब पता है, कि कोरोना की रोकथाम को लेकर जो किया जा रहा है वो दिखावा है, क्योंकि कनाँट पैलेस और नामचीन जगहों पर 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के घूम रहे है। यहीं हाल नोएडा में साफ देखा जा सकता है यहां पर मैट्रो स्टेशनों के आस-पास तो पुलिस बिना मास्क लगाये लोगों के खिलाफ सख्त नहीं है । वहीं बाजारों, मंडियों और बस स्टैण्डों में कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता नहीं दिखता है। नोएडा में बस स्टैण्ड में यात्रियों का कहना है कि वे मास्क को जेब में रख कर चलते है। अगर कहीं जांच होती देखी तो मास्क लगा लेते है। जाने- माने हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अनिल ढ़ल का कहना है कि जब तक सही मायने में सरकार सख्ती नहीं करती है और लोग जागरूक होकर मास्क नहीं लगाते है तब तक ये कहना मुश्किल है, कि कोरोना कब तक काबू होगा, क्योंकि कोरोना भयंकर रूप में बढ़ रहा है जो चिंता की बात है।

ड्रग्स मामले में रिया, शौविक सहित छह की जमानत याचिका खारिज

अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और ड्रग्स मामले में अन्य सभी छः आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हो गयी है। रिया इस समय में भयकाला जेल में हैं और फिलहाल उन्हें वहीं रहना होगा। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ड्रग्स के एक मामले में एनसीबी ने रिया को गिरफ्तार किया था। आज रिया और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। रिया के वकीलों ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ शनिवार को हाई कोर्ट में दस्तक देंगे।

याद रहें रिया और शौविक को मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने गुरुवार को जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था। बता दें  इस मामले में जब्त की गई प्रतिबंधित मादक पदार्थों की मात्रा कम थी लेकिन यह वाणिज्यिक मात्रा थी और 1,85,200 रुपये की थी। विशेष न्यायाधीश जीबी गुराव ने गुरुवार को चक्रवर्ती भाई-बहन के वकील और मामले में विशेष सरकारी अभियोजक की दलीलों को सुना था। मामले में चार अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं की भी न्यायाधीश ने सुनवाई की। अदालत ने कहा था कि वह शुक्रवार को जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश पारित करेगी।

इस मामले में सरकारी वकील अतुल सर्पांडे ने कहा कि एनसीबी ने सभी आरोपियों की याचिकाओं का विरोध किया। जमानत याचिकाओं पर अपने जवाब में दाखिल किये गये हफलनामे में एनसीबी ने कहा कि रिया चक्रवर्ती और शौविक चक्रवर्ती सुशांत सिंह राजपूत के लिए मादक पदार्थों की व्यवस्था करते थे और उसके पैसे देते थे। याद रहे सह आरोपी दीपेश सावंत ने अपने बयान में कहा था कि वह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के निर्देश पर मादक पदार्थ खरीदा करता था।

भारत-चीन विदेश मंत्री बैठक में पांच बिंदुओं पर सहमति बनी

रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद गुरूवार देर रात भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वाँग यी के बीच मुलाकात हुई। मॉस्को में शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक करीब पौने तीन घंटे चली इस बैठक में सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर चीन के अड़ियल रुख के बावजूद कुछ सकारात्मक बातें हुई हैं जिनमें सबसे प्रमुख यही है कि तनाव घटाने को लेकर दोनों देशों में कुछ सहमति बनी है। बैठक में पांच मुद्दों पर सहमति बनी है।

बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक ब्यान में कहा – ”दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा को लेकर और भारत-चीन के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई।” रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में पांच बिंदुओं पर दोनों के बीच सहमति बनी है। इन पांच बिंदुओं में पहला यह है कि भारत-चीन के बीच संबंध बेहतर करने के लिए दोनों पक्ष आज की सहमतियों के आधार पर सलाह करेंगे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि असहमतियों को तनाव में न बदलने दिया जाए।

बैठक में भारत और चीन दोनों के विदेश मंत्रियों में इस बात पर सहमति थी कि सीमा को लेकर मौजूदा स्थिति दोनों पक्षों के हित में नहीं और दोनों के सैन्य अधिकारियों की बातचीत का सिलसिला जारी रहना चाहिए। इसके आलावा यह भी कहा गया कि डिसंगेजमेंट का काम शीघ्र होना चाहिए और तनाव को कम करने के लिए सीमा पर सैनिकों को एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

इस बैठक में दोनों पक्षों ने तमाम वर्तमान समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने पर सहमति जताई है ताकि भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बना रहे। तनाव को कम करने पर दोनों का जोर रहा और कहा गया कि इसे बढ़ाने जैसी कोई कार्रवाई न की जाए। दोनों विदेश मंत्रियों ने इस पर भी हामी भरी कि स्पेशल रिप्रेज़ेन्टेटिव मेकनिज़्म के ज़रिए बातचीत जारी रखी जाए और सीमा मामलों में बातचीत और समन्वय पर भी वर्किंग मेकानिज़्म के तहत बातचीत जारी रहे। यह स्वीकार किया गया कि तनाव कम होने से दोनों पक्षों में सीमा पर शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए कदम उठाने में मदद मिलेगी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यह साफ़ किया कि भारत एलएसी पर जारी तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है और चीन के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।  उन्होंने कहा कि भारत का यह भी मानना है कि चीन की नीति में भी भारत के प्रति कोई बदलाव नहीं हुआ है। उधर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो पड़ोसी देश होने के नाते ये बहुत स्वाभाविक है कि चीन और भारत में कुछ मुद्दों पर असहमति है, लेकिन अहम बात यह है कि उन असहमतियों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स  में चीनी विदेश मंत्री वाँग यी को उद्धत करते हुए कहा गया कि चीन और भारत के संबंध एक बार फिर दोराहे पर खड़े हैं, लेकिन जब तक दोनों पक्ष अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई परेशानी नहीं होगी और ऐसी कोई भी चुनौती नहीं होगी जिसको हल नहीं किया जा सकेगा।

मोदी सरकार के किस कानून का विरोध कर रहे हैं किसान

कोरोना संकट के बीच केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए हरियाणा में भारी विरोध शुरू हो गया है। वीरवार को कुरुक्षेत्र में हजारों किसान सड़कों पर उतर आए। भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संगठनों ने कुरुक्षेत्र के पिपली में नेशनल हाईवे-22 पर चक्का जाम कर दिया। किसानों के इस आंदोलन को हरियाणा कांग्रेस ने समर्थन दिया हुआ है। अब देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो सकता है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए और लंबा जाम लगने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

हरियाणा में सड़कों पर पर उतरे किसान केंद्र सरकार के उन तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं, जो कि मंडियों और किसानों से जुड़े हुए हैं। मोदी सरकार ने अध्यादेशों के जरिए फसलों के खरीद संबंधी नए नियम बनाए हैं, जिससे किसानों में नाराजगी है।

क्या हैं ये तीन अध्यादेश

पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदी जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, खाद्य तेल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र ने ठेके पर किसानी को बढ़ावा दिया जाने की नीति पर भी काम शुरू किया है। इन सबको लेकर किसानों में नाराजगी है।

तमाम सख्ती के बावजूद जुटे किसान

राज्य सरकार ने रैली को प्रतिबंधित करते हुए धारा-144 लागू किए जाने का ऐलान किया था। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। किसान बचाओ, मंडी बचाओ रैली के लिए किसानों को पिपली अनाज मंडी में पहुंचने से रोकने के लिए जिला प्रशासन की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गईं। तमाम पुख्ता सुरक्षा के दावों के बावजूद सैकड़ों किसान वहां अलग-अलग वाहनों से पहुंचने में सफल रहे। कुरुक्षेत्र में दयालपुर चैराहे पर लगाए गए पुलिस बैरियर को तोड़ते हुए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से भी किसान व उनके समर्थक पहुंचे।

सीएम के खिलाफ अभद्र भाषा के आरोप पर कंगना के खिलाफ एफआईआर, अभिनेत्री ने शिव सेना को ‘सोनिया सेना’ बताया

अभिनेत्री कंगना रणौत अब खुलकर महाराष्ट्र सरकार, खासकर शिव सेना और ठाकरे परिवार के खिलाफ आ गयी हैं, और भाजपा पूरी तरह उनके साथ दिख रही है। गुरूवार को कंगना के खिलाफ एक दिन पहले मुख्यमंत्री को लेकर इस्तेमाल की गयी भाषा को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई गयी है, वहीं कंगना ने शिव सेना को ‘सोनिया सेना’ कहकर संबोधित किया है।

लग रहा है कि भाजपा पूरी तरह शिव सेना और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अभिनत्री कंगना रणौत को आगे कर चुकी है। बृह्नमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने कंगना रणौत के दफ्तर में बुधवार को तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद कंगना ने एक ट्वीट करके सीएम उद्धव ठाकरे पर हमला किया था। आरोप है कि कंगना ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद आज इसमें इसी बीच कंगना के खिलाफ विक्रोली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। शिकायत में कंगना के ट्वीट्स भी अटैच किए गए हैं। शिकायत में कंगना के वीडियो का जिक्र है।

उधर कंगना की बहन रंगोली आज कंगना के ऑफिस गईं और वहां जाकर बीएमसी की तोड़फोड़ के बाद बने हालत का जायजा लिया। बताया जा रहा है उन्होंने ऑफिस की कुछ तस्वीरें लीं और वीडियो बनाए। उधर कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा है कि नोटिस देकर बीएमसी के लोग बिना समय दिए घर में नहीं घुस सकते। हम पूरी तैयारी के साथ कोर्ट जा रहे हैं। तोड़फोड़ में निजी सामान भी तोड़ा गया है।

उधर भाजपा अब खुले रूप से कंगना के समर्थन में आ चुकी है। कंगना के गृह प्रदेश हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। वहां गुरूवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा – ‘कंगना हि‍माचल की बेटी हैं। उनका अपमान सहन नहीं किया जाएगा।’

रघुवंश प्रसाद का आरजेडी से इस्तीफा

बिहार चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक उठा पटक शुरू हो गयी है। वरिष्ठ आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरूवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रघुवंश पूर्व एमपी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल किए जाने की चर्चा के बाद से उखड़े हुए थे और पार्टी से खफा थे। रघुवंश आजकल एम्स में दाखिल हैं और उन्होंने हाथ से लिखा इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक राजद के बड़ा चेहरा कहलाये जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरूवार को इस्तीफा दे दिया है। वह पार्टी के उपाध्यक्ष थे। कहा जाता है कि आरजेडी ने अपने इस पुराने नेता को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी। खुद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी रघुवंश से मिले थे।

रघुवंश को लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं में गिना जाता था और वे आरजेडी में दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे। माना जाता है कि पूर्व एमपी रामा सिंह को आरजेडी में लेने की चर्चा से वे खफा थे। दोनों नेता वैशाली जिले से हैं और उनकी पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने एलजेपी के टिकट पर चुनाव में रघुवंश को हराया था। हालांकि, 2019 के चुनाव में पार्टी ने रामा सिंह की जगह वीणा देवी की टिकट दे दिया, जिससे वे खफा थे और उनकी आरजेडी नेता तेजस्वी से भेंट हुई थी।

वैसे रामा सिंह के मामले से नाराज रघुवंश प्रसाद ने 23 जून को ही आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, लालू प्रसाद यादव ने मामले में दखल दिया  था, जिससे तेजस्वी ने रामा सिंह को आरजेडी में लेने का अपना फैसला फिलहाल टाल रखा है।

वॉटर गन सलामी के साथ रफाल लड़ाकू विमान वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल

फ्रांस से खरीदे गए रफाल लड़ाकू विमान को गुरूवार को एक शानदार कार्यक्रम में विधिवत भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया। इसके लिए अंबाला वायुसैनिक अड्डे पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा फ़्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के अलावा सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम परंपरागत रूप से सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इस प्रार्थना सभा में पंडित, मौलवी, ग्रंथी और पादरी ने सामूहिक तौर पर रफाल के सफल भविष्य की प्रार्थना की। बता दें पांच राफेल विमानों  की पहली खेप 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पहुंची थी। ये रफाल विमान वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ का हिस्सा बन गए हैं।

रफाल के एयरफोर्स में इंडक्शन के लिए अंबाला एयरबेस को पूरी तरह सजाया गया है। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस मौके पर रफाल और तेजस विमान के शानदार हवाई करतब देखे। इस शो की शुरूआत में पूरे स्क्वाड्रन ने कतार में खड़े होकर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। रफाल की अगवानी के लिए ‘वॉटर गन’ सलामी दी गयी। प्रार्थना सभा के बाद यूनिट के कमांडिंग अफसर को रफाल की प्रतीक चाबी दी गयी जिसके बाद स्मृति चिह्नों का आदान प्रदान किया गया।

लैंडिंग के वक्त रफाल को फायर टेंडर्स के ज़रिये जब ले जाया गया तब दोनों तरफ वॉटर कैनन से पानी की बौछार की गयी, जो देखते ही बनती थी। इसके साथ ही यह लाजबाव लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना में शामिल हो गया। लड़ाकू विमान की अगुवाई के लिए टैक्सी ट्रैक पर फायर टेंडर तैनात रहे। इंडक्शन फ्लायपास्ट के बाद आखिर में एक समारोह चल रहा है। स्क्वाड्रन ने इसकी जबरदस्त तैयारी की है।

रफाल के साथ जितने भी नए उपकरण और हथियार एयर फोर्स के बेड़े में शामिल हुए हैं, उन सभी की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी, जिसे सभी अतिथियों ने चाव से देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली कार्यक्रम में मौजूद रहे। उनके अलावा इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी के अलावा रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भारतीय वायुसेना के इस अहम कार्यक्रम में उपस्थित हैं।

भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंची थी। फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसा एविएशन इन विमानों का निर्माण करता है। भारत को अब तक 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है।

याद रहे, रफाल की खरीद को लेकर काफी विवाद भी हुआ है। कांग्रेस सहित विपक्ष ने इसकी खरीद में कीमत और अनिल अंबानी को सौदे से जोड़ने के मोदी सरकार के फैसले पर ढेरों सवाल उठाए हैं। हालांकि इस लड़ाकू विमान की खासियतों की मुरीद कांग्रेस भी रही है। यह इस बात से जाहिर हो जाता है कि रफाल की खरीद का सौदा कांग्रेस की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के समय ही हुआ था। याद रहे ऐसा ही विवाद राजीव गांधी के पीएम काल में बोफोर्स की खरीद के वक्त भी हुआ था। वैसे, बाद में कारगिल युद्ध में बोफोर्स तोप ने ही पासा पलटा था और भारत की जीत हुई थी।

युवराज सिंह फिर उतरना चाहते हैं मैदान में, बीसीसीआई चेयरमैन को लिखा

देश के धाकड़ ऑलराउंडर और एक ओवर में छह छक्के जड़ने का कारनामा करने वाले युवराज सिंह फिर से क्रिकेट में वापसी चाहते हैं। अपने रिटायरमेंट के फैसले को लेकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के चेयरमैन सौरभ गांगुली को पत्र लिखा है। बता दें कि युवराज सार्वजनिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। आखिरी बार भारत के लिए फरवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला था।

देश को दो बार क्रिकेट का विश्व चैंपियन बनाने में अहम योगदान देने वाले ऑलराउंडर युवराज के फैंस के लिए अच्छी खबर है। इस बीच, आईपीएल का आगाज भी यूएई में 19 सितंबर से होने वाला है। तब क्रिकेट प्रेमियों को अरसे बाद अपने पसंदीदा गेम का लुत्फ लेने का मौका मिलेगा। युवी की वापसी की खबर जैसे ही क्रिकेट प्रेमियों के बीच पहुंची तो यह सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगा।

कैंसर को सफलतापूर्वक मात देकर क्रिकेट में वापसी करने वाले युवी बड़े दरियादिल भी हैं। लॉकडाउन के दौरान पंजाब के युवा क्रिकेटरों की मदद को आगे आए थे। युवराज ने बुधवार को एक बातचीत में कहा कि मुझे युवाओं के साथ समय बिताने में मजा आया। मैंने खेल के बहुत पहलुओं के बारे में सभी से बात की और मुझे अच्छा लगा। वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए मुझे नेट पर प्रैक्टिस करनी होगी।

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पुनीत बाली ने उनसे संपर्क साधा और पूछा कि क्या वह रिटायरमेंट से वापसी पर विचार कर सकते हैं। युवी ने अपने फैसले के बारे में कहा- मुझे इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं वापसी पर विचार कर रहा हूं। इस पर करीब एक महीने तक मैंने विचार किया। युवी ने बताया कि अगर बीसीसीआई से मंजूरी मिल जाती है तो वह सिर्फ टी-20 क्रिकेट खेलेंगे।

बता दें कि युवराज सिंह ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। वर्ल्ड कप 2019 की टीम में युवराज को नहीं चुना गया था और इसके बाद ही उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। तब से युवी विदेशों में लीग खेल रहे हैं।