Home Blog Page 764

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नड्डा पटना में, जेडीयू से बैठक

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने शनिवार को पटना में जेडीयू के नेताओं के साथ बैठक की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े नेताओं के साथ एक-साथ बैठे और चर्चा की। इस बैठक में एलजेपी के नेता चिराग पासवान के बयानों की तरफ गठबंधन नेताओं ने नड्डा का ध्यान दिलाया, जिनमें वे अपनी तरफ से चुनाव के लिए सीटें घोषत करने की बात कहते रहे हैं।

आज की बैठक सीएम नीतीश कुमार के आवास पर हुई। अब तक की इस सबसे बड़ी बैठक में नड्डा और नीतीश के अलावा जेडीयू सांसद ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और अन्य शामिल हुए। करीब एक घंटा चली इस बैठक में विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटबारे पर भी चर्चा हुई, साथ ही रणनीति पर भी बात की गयी।

बैठक में दोनों बड़े नेताओं ने एलजेपी नेता चिराग पासवान के बयानों पर चर्चा की और उनकी  ‘नाराजगी’ दूर करने की बात कही। नड्डा की बातचीत से ऐसे संकेत मिले हैं कि एलजेपी की नाराजगी को दूर किया गया है। कुछ हफ्ते पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने पटना की वर्चुअल रैली में नीतीश को गठबंधन की तरफ से दोबारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदबार घोषित किया था।

बैठक में कमोवेश सभी नेताओं ने आने वाले विधानसभा चुनाव में दोबारा अपने गठबंधन के जीतने का भरोसा जताया। अभी तक की ख़बरों से जाहिर होता है कि सीटों के बंटबारे में जेडीयू और भाजपा कुल 243 विधानसभा सीटों में आधी-आधी सीटें बांटेंगे जिसके बाद भाजपा अपने कोटे से एलजेपी जबकि जेडीयू अपने कोटे से अपने सहयोगियों जीतन राम मांझी आदि के पार्टी को सीटें देंगे। याद रहे, एलजेपी के नेता चिराग पासवान पहले ही पार्टी की तरफ से 43 सीटों की बात कह चुके हैं।

उधर महागठबंधन जिसमें आरजेडी और कांग्रेस जैसे प्रमुख दल हैं, भी जल्दी ही चुनाव की रणनीति पर बात करने वाले हैं। पिछले चुनाव में आरजेडी ही सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और उसने नीतीश कुमार को सीएम बनाया था, लेकिन बाद में नीतीश  पलटी मारकर भाजपा से जा मिले थे।

अरुणाचल से लापता 5 युवक चीनी सेना ने किबितु में भारत को लौटाए, 14 दिन क्वारंटीन में रखे जाएंगे

चीन ने उन पांच युवकों को भारत को वापस सौंप दिया है, जो पिछले दिनों अचानक लापता हो गए थे। चीन सेना ने इन्हें शनिवार को किबितु में भारत को लौटा दिया। अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सबसे पहले इन युवकों के लापता होने का मसला पीएम मोदी से उठाया था। यह सभी पांच युवक भारत लौटने के बाद 14 दिन के क्वारंटीन में रखे जाएंगे।

करीब 10 दिन पहले लापता इन युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में की गयी है। पहले यह भी खबर थी कि चीन सेना ने इन युवकों को ‘अगवा’ किया है। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि यह युवक ‘गलती’ से सीमा की दूसरी तरफ चले गए थे।

इन युवकों को शनिवार को चीन की सेना पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत को सौंप दिया। तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की और कहा – ”सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद सभी पांचों युवकों को किबितु में भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पहले उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा जिसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।”

जब इन युवकों के लापता होने की बात कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सोशल मीडिया पर डाली थी और पीएम मोदी को भी इसमें टैग किया था तब शुरु में चीन ने भारतीय युवकों के बारे में जानकारी देने की जगह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्‍सा बता द‍िया था। यहां तक कि चीनी मीडिया में इन युवकों को ‘जासूस’ बताया जाने लगा था।

एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अरुणाचल प्रदेश से लापता सभी पांच युवकों को शनिवार को भारत को सौंपने के लिए राजी हो गयी है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा था – ‘चीनी पीएलए ने भारतीय सेना के समक्ष युवकों की घर वापसी की पुष्टि की है”।

इन पांच लापता आदिवासी युवकों में से एक के भाई ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ‘चीनी सेना नाचो के पास इंटरनैशनल बॉर्डर (आईबी) से भारतीय सेना के सेरा-7 पेट्रोलिंग इलाके से भारतीय युवकों को उठा ले गई है’। फिर कांग्रेस विधायक ने इसके हवाले से इस मसले को उठाया जिसके बाद जिला प्रशासन अलर्ट हुआ। वहां कुछ लोगों ने कहा कि लापता युवक पोर्टर के रूप में सेना से जुड़े हुए थे जो सामान की ढुलाई करते हैं और इलाके में सड़क और मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से गाइड के रूप में काम करते हैं

कोरोना से ज्यादा चालान काटे जाने का डर सता रहा है दुकानदारों को

अजीब बिडम्बना है, एक ओर तो सरकार कहती है कि बाजारों को खोला जाये, ताकि देश की अर्थव्यवस्था का सुधार हो और लोगों का जीवन–यापन सामान्य रूप से चल सकें । पर वहीं सरकार के अनदेखी के चलते बाजारों लाल फीता शाही के कारण दिल्ली के दुकानदार डरे हुये है, कि उनका चालान ना काट दिया जाये।

तहलका संवाददाता को दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट के व्यापारियों ने बताया कि दिल्ली में वैसे ही कोरोना के मामले बढ़ रहे है। लोगों में डर है और आर्थिक तंगी के कारण लोग बाजारों में खरीददारी से बच रहे है। फिर भी दुकानदार अपनी इसी उम्मीद से दुकान खोल रहे कि ग्राहक आयेगे। इस समय सरोजनी नगर के व्यापारियों को कोरोना के साथ –साथ पुलिस और अफसरों से बढ़ा डर लगता है कि कहीं उनकी दुकान का चालान इस बात पर ना काट दिया जाये कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है।

सरोजनी नगर मार्केट के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि सरोजनी नगर मार्केट में एनडीएमसी के अधिकारी, पुलिस , और स्थानीय अधिकारी आकर दुकानदारों का चालान इस बात पर काट कर चले जाते है कि दुकानदार ने मास्क नहीं पहना है दुकान में ग्राहकों की भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना किया गया । जिससे कई दुकान दारों के 6-6 हजार रूपये के चालान काटे गये । तो कई के 3-3 हजार के चालान काटे गये । इसके कारण यहां के व्यापारियों में रोष है।

व्यापारियों का कहना है कि सरकार व्यापारियों के साथ मजाक कर रही है। उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। वैसे ही दुकानदारी चल नहीं रही है । उस पर चालान का काटा जाना ठीक नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो दुकानदार अपनी दुकानबंद कर घरों में बैठेगा या फिर अफसरों की तानाशाही के विरोध में प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।अशोक रंधावा का कहना है कि दुकानदार सारी शर्तो के साथ ही दुकान पर बैठता है ,जैसे मास्क लगाकर बैठना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सेनेटाईज करना । फिर भी चालान का काटा जाना , गलत है।

कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, नई सीडब्ल्यूसी बनाई, महासचिव भी बदले, राहुल का कद बढ़ा

पिछले दिनों की उठापटक के बाद कांग्रेस में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी बनाई है और महासचिवों के पद पर भी नई नियुक्तियां की हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों को नई सीडब्ल्यूसी में जगह दी गयी है। राहुल गांधी के समर्थकों को कई समितियों में जगह मिली है, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी में राहुल को काफी महत्व दिया गया है। प्रियंका गांधी को यूपी का पूरा प्रभारी बना दिया गया है।

नई सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य बनाए गए हैं जबकि नई एआईसीसी में 26 सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं, जिनमें दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं को महासचिव पद से हटा दिया गया है हालांकि आज़ाद सीडब्ल्यूसी में शामिल किये गए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन चलाने और संचालन में अपनी मदद के लिए जिस विशेष समिति का गठन किया उसमें एके एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं। संगठन से जुड़े मामलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मदद के लिए विशेष समिति में केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला भी शामिल होंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, मोतीलाल वोरा, मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से हटा दिया गया है।

हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी महासचिव बनाया गया है जबकि मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

इनके आलावा कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक की ज़िम्मेदारी दी गई है जबकि विवेक बंसल को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी के सहयोग के लिए 6 सदस्य कमेटी बनाई है जो कांग्रेस अध्यक्ष को संगठन और ऑपरेशनल मामलों में सहयोग करेगी।

कमेटी में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, एके एंटोनी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को सदस्य होंगे। यह कमेटी कांग्रेस की अगले महाअधिवेशन तक कार्य करेगी। उसी में नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

कांग्रेस के इस फेरबदल में हाल में चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं का कद काम कर दिया गया है। गुलाम नबी आजाद को भले सीडब्ल्यूसी में जगह मिली है, उन्हें हरियाणा प्रभारी महासचिव पद से हटा दिया गया है।

सोनिया गांधी के लिए बनाई गई सलाहकार समिति में भी आजाद को शामिल नहीं किया गया है। आजाद की तरह आनंद शर्मा भी सिर्फ वर्किंग कमेटी के सदस्य रहेंगे।   फेरबदल में कपिल सिब्‍बल का कद भी घट गया है।

हिमाचल से विधायक आशा कुमारी को पंजाब के प्रभारी पद से हटा लिया गया है। हरीश रावत अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव होंगे। पार्टी में रणदीप सिंह सुरजेवाला का कद बढ़ा है। वह महासचिव तो रहेंगे ही, सोनिया गांधी की सलाहकार टीम में भी जगह पा गए हैं।

कांग्रेस कार्यसमिति में राहुल गांधी का कद अब भी ऊपर है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के बाद उनका तीसरा स्थान है। राहुल गांधी के भरोसेमंद मधुसूदन मिस्त्री के अलावा अरविंदर सिंह लवली का भी कद बढ़ा है। मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

संसद सत्र से पहले इस बड़े फेरबदल के बड़े मायने हैं। केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। प्रियंका गांधी को यूपी का पूरा प्रभारी बना दिया गया है।

कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है।

नए सीडब्ल्यूसी सदस्य के तौर पर दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, मनिकम टैगोर, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, एचके पाटिल, सलमान खुर्शीद, चंडीगढ़ के पवन बंसल, दिनेश कुंदुरो, मनीष चतरथ और कुलजीत नागरा को शामिल किया गया है। अब कांग्रेस के सचिव प्रभारी प्रशासन पवन कुमार बंसल होंगे। राहुल के खास मनकीम टैगोर को तेलंगाना जबकि जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है। वैसे जितिन भी विवादास्पद चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल थे। हिमाचल की नेता आशा कुमारी की पंजाब से छुट्टी कर दी गई है।  हरीश रावत अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव का पद संभालेंगे।

आर्य समाज नेता स्वामी अग्निवेश का निधन

जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और प्रतिष्ठित आर्य समाज नेता स्वामी अग्निवेश का शुक्रवार शाम निधन हो गया है। उन्हें सोमवार को दिल्ली के इंस्टीच्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज में भर्ती कराया गया था, जहां आज दिल का दौरा पड़ा और 6.30 बजे उनका निधन हो गया। विभिन्न नेताओं और गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

आइएलबीएस ने अग्निवेश के निधन की पुष्टि की है। अस्पताल के मुताबिक स्वामी अग्निवेश को शुक्रवार शाम 6 बजे दिल का दौरा पड़ा और आधे घंटे के भीतर ही उनका निधन हो गया। उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अग्निवेश लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और उनके प्रमुख अंगों ने मंगलवार को काम करना बंद कर दिया तो उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।

आर्य समाज के बड़े नेता अग्निवेश 81 साल के थे। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए शनिवार को 7 जंतर-मंतर रोड, नई दिल्ली के कार्यालय में सुबह 11 से 2 बजे तक रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार वैदिक रीति से अग्निलोक आश्रम, बहलपा (गुरुग्राम) में शाम 4 बजे किया जाएगा।

अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर, 1939 को हुआ था और वे सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखते थे। साल 1970 में आर्य सभा के नाम से उन्होंने एक राजनीतिक दल का भी गठन किया था। अग्निवेश 1977 में  हरियाणा विधानसभा से चुने जाने के बाद सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। साल 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम से एक संगठन भी बनाया था।

बहुत दिलचस्प बात है कि वे टीवी शो बिग बॉस का भी तीन दिन तक हिस्सा रहे हैं। अग्निवेश ने 2011 में अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी खुलकर हिस्सा लिया था। बाद में उनके मतभेद हुए और उन्होंने खुद को आंदोलन से दूर कर लिया था।

यूपी पीसीएस के नतीजे घोषित, टॉप थ्री में छात्राओं का कब्जा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2018 का फाइनल परिणाम घोषित कर दिया है। दिलचस्प है कि इस बार टॉप तीन में छात्राओं ने कब्जा जमाया है। यूपी लोकसेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि इसमें 988 पदों लिए 976 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि12 पदों के लिए कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला है।  फिलहाल इन पदों को खाली छोड़ दिया गया है।

परीक्षा में पानीपत की अनुज नेहरा ने टॉप किया। दूसरे स्थान पर गुड़गांव की संगीता राघव व तीसरे स्थान पर मथुरा की ज्योति शर्मा रही हैं। चौथे स्थान पर जालौन के विपिन कुमार शिवहरे व पांचवें स्थान पर पटना के कर्मवीर केशव हैं।

पीसीएस, एसीएफ एवं आरएफओ 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 28 अक्तूबर 2018 को 29 जिलों में 1381 केंद्रों पर हुई थी, जिसमें 6,35,844 आवेदकों में से 3,98,630 शामिल हुए थे। 30 मार्च 2019 को प्री का परिणाम घोषित किया गया था।

पीसीएस मुख्य परीक्षा अक्तूबर 2019 में आयोजित की गई थी, जिसमें 16738 अभ्यर्थी शामिल हुए थे और इनमें से 2669 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए सफल घोषित किया गया था।  मुख्य परीक्षा का परिणाम 23 जून को घोषित किया गया था।

कांग्रेस ने दिल्ली में रेल पटड़ियों किनारे झुग्गियां हटाने के आदेश को चुनौती दी

दिल्ली में  रेल पटरियों के किनारे बनी करीब 48,000 झुग्गियों, जिन्हें हटाने के आदेश हाल में आये हैं, के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुँची है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को पूर्व न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के निर्देश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

अपनी याचिका में माकन ने तर्क दिया है कि चूंकि झुग्गीवासियों  या उनके प्रतिनिधि को सुने बिना आदेश पारित किया गया था, इसलिए इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। माकन के लिए अदालत में याचिका के वकीलों अमन पंवार और नितिन सलूजा ने डाली है। उधर कोर्ट के आदेश के पालन के लिए झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। रेलवे ने इसके लिए दिल्ली क्षेत्र में झुग्गियों पर नोटिस चस्पां किये हैं।
कांग्रेस का कहना है कि बेंच के फैसले से रेल पटरियों के किनारे की  झुग्गियों में रहने वाले 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे। लिहाजा कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर समीक्षा याचिका दायर करने का फैसला किया। कांग्रेस ने इस बर्बादी के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के मुताबिक जेजे कलस्टर में रह रहे लोगों की बर्बादी के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में दिल्ली में रेलवे ट्रैक के आसपास बसी करीब 48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाने के आदेश दिए थे। अब कांग्रेस ने इस आदेश को चुनौती दी है।

दिल्ली और नोएडा में 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के घूम रहे है

कोरोना की रोकथाम को लेकर आम-जनमानस के साथ सरकारें भी कम लापरवाह नजर नहीं आ रही है। देश में कोरोना गत दिनों से 90 हजार का आंकड़ा पार कर रहा है और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। फिर भी लोगों में कोरोना को लेकर ना डर देखा जा रहा है और ना चिंता ।

तहलका संवाददाता ने नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में देखा है, और लोगों से बात की है। पुलिस कनाँट पैलेस, आई एन ए और कुछ नामचीन जगहों पर बिना मास्क लगाये लोगों के चालान काट रही है पर वहीं कई इलाकों में कुछ लोग ऐसे है जो मास्क नहीं लगाये है उनको पुलिस रोक तक नहीं रही है। ऐसे में जो सही मायने में कोरोना को भगाने के लिये मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे है उनको दिक्कत हो रही है।

लाजपत नगर निवासी परम सिंघला का कहना है कि सरकार को सब पता है, कि कोरोना की रोकथाम को लेकर जो किया जा रहा है वो दिखावा है, क्योंकि कनाँट पैलेस और नामचीन जगहों पर 60 प्रतिशत लोग बिना मास्क के घूम रहे है। यहीं हाल नोएडा में साफ देखा जा सकता है यहां पर मैट्रो स्टेशनों के आस-पास तो पुलिस बिना मास्क लगाये लोगों के खिलाफ सख्त नहीं है । वहीं बाजारों, मंडियों और बस स्टैण्डों में कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता नहीं दिखता है। नोएडा में बस स्टैण्ड में यात्रियों का कहना है कि वे मास्क को जेब में रख कर चलते है। अगर कहीं जांच होती देखी तो मास्क लगा लेते है। जाने- माने हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अनिल ढ़ल का कहना है कि जब तक सही मायने में सरकार सख्ती नहीं करती है और लोग जागरूक होकर मास्क नहीं लगाते है तब तक ये कहना मुश्किल है, कि कोरोना कब तक काबू होगा, क्योंकि कोरोना भयंकर रूप में बढ़ रहा है जो चिंता की बात है।

ड्रग्स मामले में रिया, शौविक सहित छह की जमानत याचिका खारिज

अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और ड्रग्स मामले में अन्य सभी छः आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हो गयी है। रिया इस समय में भयकाला जेल में हैं और फिलहाल उन्हें वहीं रहना होगा। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ड्रग्स के एक मामले में एनसीबी ने रिया को गिरफ्तार किया था। आज रिया और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। रिया के वकीलों ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ शनिवार को हाई कोर्ट में दस्तक देंगे।

याद रहें रिया और शौविक को मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने गुरुवार को जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था। बता दें  इस मामले में जब्त की गई प्रतिबंधित मादक पदार्थों की मात्रा कम थी लेकिन यह वाणिज्यिक मात्रा थी और 1,85,200 रुपये की थी। विशेष न्यायाधीश जीबी गुराव ने गुरुवार को चक्रवर्ती भाई-बहन के वकील और मामले में विशेष सरकारी अभियोजक की दलीलों को सुना था। मामले में चार अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं की भी न्यायाधीश ने सुनवाई की। अदालत ने कहा था कि वह शुक्रवार को जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश पारित करेगी।

इस मामले में सरकारी वकील अतुल सर्पांडे ने कहा कि एनसीबी ने सभी आरोपियों की याचिकाओं का विरोध किया। जमानत याचिकाओं पर अपने जवाब में दाखिल किये गये हफलनामे में एनसीबी ने कहा कि रिया चक्रवर्ती और शौविक चक्रवर्ती सुशांत सिंह राजपूत के लिए मादक पदार्थों की व्यवस्था करते थे और उसके पैसे देते थे। याद रहे सह आरोपी दीपेश सावंत ने अपने बयान में कहा था कि वह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के निर्देश पर मादक पदार्थ खरीदा करता था।

भारत-चीन विदेश मंत्री बैठक में पांच बिंदुओं पर सहमति बनी

रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद गुरूवार देर रात भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वाँग यी के बीच मुलाकात हुई। मॉस्को में शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक करीब पौने तीन घंटे चली इस बैठक में सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर चीन के अड़ियल रुख के बावजूद कुछ सकारात्मक बातें हुई हैं जिनमें सबसे प्रमुख यही है कि तनाव घटाने को लेकर दोनों देशों में कुछ सहमति बनी है। बैठक में पांच मुद्दों पर सहमति बनी है।

बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक ब्यान में कहा – ”दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा को लेकर और भारत-चीन के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई।” रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में पांच बिंदुओं पर दोनों के बीच सहमति बनी है। इन पांच बिंदुओं में पहला यह है कि भारत-चीन के बीच संबंध बेहतर करने के लिए दोनों पक्ष आज की सहमतियों के आधार पर सलाह करेंगे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि असहमतियों को तनाव में न बदलने दिया जाए।

बैठक में भारत और चीन दोनों के विदेश मंत्रियों में इस बात पर सहमति थी कि सीमा को लेकर मौजूदा स्थिति दोनों पक्षों के हित में नहीं और दोनों के सैन्य अधिकारियों की बातचीत का सिलसिला जारी रहना चाहिए। इसके आलावा यह भी कहा गया कि डिसंगेजमेंट का काम शीघ्र होना चाहिए और तनाव को कम करने के लिए सीमा पर सैनिकों को एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

इस बैठक में दोनों पक्षों ने तमाम वर्तमान समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने पर सहमति जताई है ताकि भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बना रहे। तनाव को कम करने पर दोनों का जोर रहा और कहा गया कि इसे बढ़ाने जैसी कोई कार्रवाई न की जाए। दोनों विदेश मंत्रियों ने इस पर भी हामी भरी कि स्पेशल रिप्रेज़ेन्टेटिव मेकनिज़्म के ज़रिए बातचीत जारी रखी जाए और सीमा मामलों में बातचीत और समन्वय पर भी वर्किंग मेकानिज़्म के तहत बातचीत जारी रहे। यह स्वीकार किया गया कि तनाव कम होने से दोनों पक्षों में सीमा पर शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए कदम उठाने में मदद मिलेगी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यह साफ़ किया कि भारत एलएसी पर जारी तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है और चीन के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।  उन्होंने कहा कि भारत का यह भी मानना है कि चीन की नीति में भी भारत के प्रति कोई बदलाव नहीं हुआ है। उधर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो पड़ोसी देश होने के नाते ये बहुत स्वाभाविक है कि चीन और भारत में कुछ मुद्दों पर असहमति है, लेकिन अहम बात यह है कि उन असहमतियों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स  में चीनी विदेश मंत्री वाँग यी को उद्धत करते हुए कहा गया कि चीन और भारत के संबंध एक बार फिर दोराहे पर खड़े हैं, लेकिन जब तक दोनों पक्ष अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई परेशानी नहीं होगी और ऐसी कोई भी चुनौती नहीं होगी जिसको हल नहीं किया जा सकेगा।