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कैसे हो पढ़ाई, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18 हजार से ज्यादा पद खाली

देशभर के 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 18,647 पद रिक्त हैं। इनमें से शिक्षकों के 6,210 और शिक्षा स्तर के 12,437 कर्मचारियों के पद शामिल हैं। इतना ही नहीं, तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में भी 168 पद खाली पड़े हैं।

केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को संसद में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक सितंबर तक इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में भी 196 शिक्षकों और 1090 गैर शिक्षकों के पद खाली हैं।

यूजीसी नेट टाला गया, अब 24 से परीक्षा

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) टाल दिया है। नेट की तिथियां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परीक्षा से टकराने के चलते यह फैसला किया गया है। अब यूजीसी-नेट 24 सितंबर से आयोजित होगा। पहले यह परीक्षा 16 से 25 सितंबर तक तय थी। कृषि अनुसंधान परिषद की परीक्षा 16 से 23 सितंबर तक आयोजित की जानी हैं।

संसद के 25 सदस्य मिले कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव, इनमें सबसे ज्यादा भाजपा के सदस्य

संसद का मॉनसून सत्र भले सोमवार को शुरू हो गया, कोविड-19 का असर संसद के सदस्यों पर भी दिख रहा है। पिछले दो दिन में सांसदों के कोविड-19 के लिए टेस्ट किये गए थे। अब इनकी जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक दोनों सदनों के 25 सदस्य कोविड-19 पॉजिटिव हैं। इनमें अकेले लोकसभा के 17 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के ही 12 सदस्य पॉजिटिव मिले हैं।

सत्र शुरू होने से पहले सांसदों का 13-14 सितंबर को संसद भवन में कोविड-19 का टेस्ट करवाया गया था। को सदस्य पॉ‍जिटिव पाए गए हैं उनमें से 17 लोकसभा के जबकि 8 राज्‍यसभा के सदस्य हैं। लोकसभा के  कोरोना संक्रमित सांसदों में अकेले भाजपा के ही 12 दास्य हैं। उनके अलावा वाईएसआर कांग्रेस के दो, शिवसेना, डीएमके और आरएलपी का एक-एक सांसद शामिल है।

वैसे संसद परिसर में 12 सितंबर को जो कुल टेस्ट हुए हैं उनमें आरटी-पीसीआर टेस्ट में 56 लोग पॉ‍जिटिव मिले हैं जिनमें सांसदों के अलावा अधिकारी-कर्मचारी और पत्रकार शामिल हैं। भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी, जो टेस्ट में पॉजिटिव मिली हैं, ने एक ट्वीट कर कहा – ‘टेस्‍ट में मुझे कोरोना संक्रमित पाया गया है। मैं हाल में संपर्क में आए सभी लोगों से टेस्‍ट कराने की अपील करती हूं। हम कोरोना से लड़ेंगे और जीतेंगे।’

बता दें, संसद के मॉनसून सत्र से पहले यह फैसला किया गया था कि सभी संसद सदस्यों, कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट जरूरी होगा और निगेटिव आने वालों को ही  परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। उनकी रिपोर्ट 72 घंटे से ज्यादा पहले की नहीं होनी चाहिए, यह फैसला भी हुआ था। कोरोना के ही कारण लोकसभा का सदन सुबह और राज्य सभा का दोपहर बाद चलाने का फैसला हुआ था। वहां सोशल डिस्टेंसिंग का नियम भी अनिवार्य किया गया है।

कोविंद, मोदी, सोनिया, ममता, बोबडे जैसी हस्तियों की जासूसी करवा रहा चीन, मीडिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा

चीन की भारत के प्रमुख लोगों की जासूसी करने के खुलासे से देश में हंगामा मच गया है। इस खुलासे के अनुसार चीन ने हाल के समय में भारत के प्रमुख लोगों, जिनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, गांधी परिवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, प्रधान न्यायाधीश बोबडे, ममता बनर्जी और गहलोत जैसे मुख्यमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स, पत्रकार, बिजनेसमैन आदि शामिल हैं। इस खुलासे के बाद संवेदनशील जानकारियों को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

इस जासूसी का भंडाफोड़ अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने किया है। एक्सप्रेस ने अपनी लीड स्टोरी में बताया है कि चीनी सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी टेक्नॉलजी कंपनी के जरिए चीन 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी करवा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ‘हाइब्रिड वारफेयर’ के नाम से जेनहुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी यह काम कर रही है।

सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच यह बड़ी चौंकाने वाली खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन जिन लोगों की जासूसी करवा रहा है उनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई बड़े नेता, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायको, खिलाड़ी, पत्रकार और संगठन शामिल हैं।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जासूसी के दायरे में जिन प्रमुख लोगों को रखा गया है उनमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूरा गांधी परिवार और उसके सदस्य, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, ओडिशा के  नवीन पटनायक, एमपी के शिवराज सिंह चौहान, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, सेना के कम से कम 15 पूर्व प्रमुख, कई केंद्रीय मंत्री, प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, सीएजी जीसी मूर्मू, स्टार्टअप टेक उद्यमी जैसे भारत पे के संस्थापक निपुण मेहरा, ऑथब्रिज के अजय तेहरान, देश के बड़े उद्यमी रतन टाटा और गौतम अडाणी और कई पत्रकार भी शामिल हैं।

इसके अलावा चीन देश के कई अहम क्षेत्रों की हस्तियों और संस्थाओं, अहम पदों पर बैठे नौकरशाह, जज, वैज्ञानिक, विद्वान, पत्रकार, अभिनेता, खिलाड़ी, धार्मिक हस्ती, कार्यकर्ता की भी जासूसी करवा रहा है। यहाँ तक कि आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी, सोना, हथियार या वन्यजीव तस्करी के सैकड़ों आरोपियों का भी पूरा डेटाबेस चीन ने जुटाया है। इस बीच जेनहुआ ने चाइनीज इंटेलिजेंस, सेना और सिक्यॉरिटी एजेंसियों के साथ काम करने की बात कबूली है।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उसने बिग डेटा टूल्स के जरिए दो महीने से अधिक समय तक जेनहुआ ऑपरेशंस के मेटा डेटा की जांच की और विशाल लॉग फाइल्स से जासूसी की जद में आए भारतीयों के नाम हासिल किए। कंपनी इसे ओवरसीज की इन्फॉर्मेशन डेटाबेस नाम दिया है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, यूनाइटेड अरब अमीरात का डेटा भी है।

अखबार के मुताबिक इसे शोधकर्ताओं के एक नेटवर्क के जरिए कंपनी से जुड़े एक सूत्र से हासिल किया गया, जोकि दक्षिण-पूर्व चीन के गुआनदोंग प्रांत में है। जोखिम और खतरे की वजह से सूत्र ने नाम गोपनीय रखने को कहा है। सूत्र ने वियतनाम के एक प्रफेसर के जरिए ऑस्ट्रेलिया, इटली, और लंदन के अखबारों को भी जानकारी मुहैया कराई है। चीन का मकसद इस जासूसी के जरिये हाइब्रिड वॉर के लिए डाटा जुटाना है। इसके जरिए वह असैन्य तरीकों से अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है और दूसरे देशों को नुकसान पहुंचाना चाहता है। कंपनी ने खुद इसे ‘इन्फॉर्मेशन पलूशन, परसेप्शन मैनेजमेंट एंड प्रोपेगैंडा’ नाम दिया है। अखबार ने रिपोर्ट में कहा है कि जब उसने पहली सितंबर को मेल पर कई सवाल पूछे, तो उनका जवाब तो नहीं दिया गया,   बल्कि 9 सितंबर को उसने वेबसाइट ही बंद कर दी। कंपनी अप्रैल 2018 में पंजीकृत हुई थी और उसके अलग-अलग देशों और क्षेत्रों में 20 प्रोसेसिंग सेंटर हैं। उसने चीनी सरकार और सेना को भी अपना ग्राहक बताया है।

योशिहिडे सुगा होंगे जापान के नए पीएम, आबे की जगह लेंगे

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले योशिहिडे सुगा (71) जापान के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। अभी तक मुख्य केबिनेट सचिव सुगा को आंतरिक वोट के चुनाव में 534 में 377 वोट हासिल हुए। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदियों पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा और पूर्व विदेश मंत्री फुमियो किशिदा को चुनाव में पीछे छोड़ा।

इसके साथ ही सुगा जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता चुने गए हैं। इससे उनके देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सुगा को प्रधानमंत्री शिंजो आबे का उत्तराधिकारी चुना गया है, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी।

आंतरिक वोट के चुनाव में सुगा के प्रतिद्वंदियों में से एक किशिदा को 89 वोट हासिल हुए। एक समय ऐसा था जब उन्हें आबे का उत्तराधिकारी माना जाता था और वे पार्टी में भी लोकप्रिय थे। दूसरे प्रतिद्वंदी इशिबा को महज 68 वोट ही मिले। इशिबा जापान के लोगों में खासे लोकप्रिय हैं, हालांकि, उनकी एलडीपी के सदस्यों पर कमजोर पकड़ रही है। यही कारण रहा कि वे तीसरे नंबर पर खिसक गए।

जापान के सदन में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत को देखते हुए यह साफ़ है कि वे बुधवार को संसदीय वोट जीत जायेंगे और प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। सुगा की छवि एक शक्तिशाली सरकारी सलाहकार और प्रवक्ता की है। सुगा को आबे का कट्टर समर्थक और आबे की नीतियों को और ताकत देने वाला नेता माना जाता है। आबे देश में स्थिरता लाने के प्रयासों के संवाहक रहे हैं और सुगा उनकी इसी लाइन पर चलते रहे हैं।

सुगा ने हाल में कहा था कि उनकी उम्मीदवारी प्रधानमंत्री आबे के कार्यक्रमों को जारी रखने की इच्छा से प्रेरित थी। सुगा एक किसान के बेटे हैं और उनका पालन-पोषण जापान के उत्तरी क्षेत्र अकिता में हुआ है। सुगा जापान के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के ह्रास के प्रति हमेशा चिंता जताते रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि पीएम बनने के बाद वे इसपर काम कर सकते हैं।

हालांकि, सुगा ऐसे समय में पीएम बनेंगे जब देश और दुनिया में कोरोना का जबरदस्त दुष्प्रभाव पड़ा है और इससे अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्राभवित हुई है। जापान को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है, लिहाजा सुगा को इसे बनाये रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

दिल्ली दंगों के आरोप में विशेष सेल ने उमर खालिद को गिरफ्तार किया

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों की साज़िश के आरोपों के मामले में जेनएयू के पूर्व छात्र और ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ नामक संस्था के सदस्य उमर ख़ालिद को रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। खालिद का नाम दिल्ली दंगों की कई चार्जशीट में है।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने के पहले खालिद के भाषण और दिल्ली में आरोपियों के साथ हुई बातचीत के कॉल रेकॉर्ड, आरोपियों के साथ बैठकें, और आरोपियों के बयानों के आधार पर उसे साज़िशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार किया है। अब कथित साज़िश को लेकर स्पेशल सेल 17 सितंबर को चार्जशीट पेश करेगी जिसमें खालिद की भूमिका के बारे में बताया गया है। उसकी गिरफ्तारी यूएपीए के मामले में हुई है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जाफराबाद में हुई हिंसा के मामले में एफआईआर में देवांगना कलिता, नताशा नरवाल, गुलफिशा फातिमा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है जिसमें इन लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन लोगों ने अपने बयान में प्रो अपूर्वानंद ,योगेंद्र यादव ,सीताराम येचुरी, फिल्मकार राहुल रॉय, इकोनॉमिस्ट जयती घोष, विधायक मतीन अहमद, अमानतुल्लाह खान, उमर खालिद का नाम लिया था।

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में उन्हें आरोपी तो नहीं बनाया है लेकिन उनकी भूमिका की जांच कर रही है। हालांकि, यहां यह भी बहुत दिलचस्प बात है कि जिन लोगों के सीआरपीसी 161 में बयान दर्ज किए गए हैं, उनके हस्ताक्षर उनके ब्यान के नीचे नहीं हैं। वैसे स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश को लेकर अब तक कोई चार्जशीट दायर नहीं की है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया जिनमें येचुरी, योगेंद्र यादव आदि कार्यकर्ताओं के खिलाफ दिल्ली दंगों के मामले में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल किए जाने की बात कही गई थी।

इस बीच ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’, ने उमर खालिद की गिरफ्तारी पर एक बयान में कहा – ‘ग्यारह घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद को दिल्ली दंगा मामले में साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस दंगों की जांच की आड़ में विरोध प्रदर्शन को अपराध की श्रेणी में घसीट रही है। सीएए और यूएपीए के खिलाफ लड़ाई भयभीत करने की इन सभी कोशिशों के बावजूद जारी रहेगी।’

कोरोना काल में संसद सत्र शुरू

कोरोना के रेकार्ड तोड़ते मामलों के बीच सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया। यह सत्र पहली अक्टूबर तक चलेगा। सत्र की शुरुआत होते ही लोकसभा में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी गई।  उनके अलावा महान गायक पंडित जसराज को भी याद किया गया और सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। लोकसभा में पहले ही दिन प्रश्नकाल ख़त्म करने का प्रस्ताव सरकार की तरफ से लाया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते आधा दिन लोकसभा और आधा दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी।

सत्र शुरू से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद संसद सत्र आयोजित हुआ है। कोरोना के साथ कर्तव्य भी जरूरी हैं और कर्तव्य के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए सभी सांसदों को धन्यवाद। आज राज्य सभा के उपसभापति का  चुनाव भी होगा, जहां दोपहर बाद सदन शुरू होगा। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस चुनाव में आरजेडी के मनोज झा को साझा उम्मीदवार बनाया है जबकि सत्तारूढ़ दल ने हरिवंश सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।

सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुटता दिखाने की कोशिश में है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष वो तमाम मुद्दे उठाएगा जो सरकार को घेरने में उसकी मदद करेंगे। इनमें कोरोना के बढ़ते मामले, डूबती अर्थव्यवस्था, चीन की घुसपैठ और लद्दाख सीमा पर तनाव, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई जैसे जनसाधारण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले काफी समय से मोदी सरकार के खिलाफ सक्रिय हैं और तमाम मुद्दों को उठाते रहे हैं। राहुल आरोप लगा चुके हैं हैं कि सरकार इन तमाम मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही।

सत्र के दौरान मोदी सरकार 23 बिल लाने की तैयारी में है, जिसमें 11 अध्यादेश हैं।

सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि संसद में जितनी ज्यादा चर्चा होती है, देश को उतना लाभ होता है। कोरोना काल में जबतक दवाई नहीं तबतक ढिलाई नहीं, कोरोना काल में सतर्कता जरूरी है। बुलंद हौसले के साथ हमारे जवान मोर्चे पर है, सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है, संसद खड़ी है।

विपक्ष के दो बड़े नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी उच्च दिन तक संसद के सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। सोनिया गांधी स्वास्थ्य चेकअप के लिए विदेश गयी हैं और राहुल गांधी उनकी मिजाजपुर्सी के लिए साथ गए हैं। वे जल्दी ही वहां से लौट कर संसद सत्र में हिस्सा लेंगे।

कोरोना के साथ आशंका रोग से पीड़ित हो रहे लोग

अगर राजा युद्ध में लगा रहे या युद्ध की तैयारी में लगा रहे तो उस देश में शांति और खुशहाली कैसे हो सकती है। और उस देश के नागरिक कैसे स्वस्थ्य हो सकते है। ऐसा ही आज-कल देश –दुनिया के राजा इसी तरह की युद्ध को लेकर कुछ ज्यादा  ही व्यस्त है।

शासन सियासत में मस्त है, तो प्रशासन आडम्बर करने में लगा है। क्योंकि देश में कोनोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है । अब क्या शहर और क्या गांव सब जगह कोरोना की दहशत है। लोग कोरोना रोग से तो डरे ही है अब वे आशंका रोग से भी ग्रसित होते जा रहे है। उनको डर और भय सता रहा है, कि आर्थिक तंगी के समय वे कोरोना का इलाज कैसे करा सकते है। चिकित्सकों माने तो उनका कहना है कि अभी कोरोना का कहर रहेगा और प्रसाशन की माने तो वह बस इस बात पर ध्यान देता है, कि घरों से तब ही निकलों जब जरूरी हो , लेकिन ये कैसे संभव हो सकता है।

लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि इस समय सरकार का सारा ध्यान कोरोना महामारी पर होना चाहिये लेकिन ऐसा ना होने से प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस जमकर लोगों के स्वाभिमान से खेल रहे है।  दिल्ली की सब्जी मंडियों में सब्जी बेचनें वालों को तो परेशान किया ही जाता है । लेकिन जो सीधे –साधे लोग है उनको मास्क ना लगाने या सही तरीके से ना लगाने पर रोका–टोका जाता है और चालान भी काटा जाता है। इस मामलें पर काग्रेस से चुनाव लड़ चुके अविनाश गौतम ने बताया कि सरकार का ध्यान कोरोना को हराने में नहीं है और ना ही बेरोजगारी को भगाने में है। सरकार का सारा खेल ध्यान भटकानें में है । कोरोना की रोकथाम को लेकर कोई ठोस पहल का ना किया जाना जिससे कोरोना का कहर लोगों की जिदंगी से खेल रहा है। अविनाश का कहना है कि सीधे- साधे लोगों को मास्क ना लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है।

आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन

आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया है। रविवार को अचानक उनके निधन की खबर आई। वे कुछ समय से एम्स, दिल्ली में भर्ती थे। उन्होंने कुछ समय पहले ही आरजेडी से इस्तीफा दिया था।

रघुवंश प्रसाद, लालू प्रसाद यादव के बहुत करीबी नेताओं में शामिल थे और बिहार के राजनीती में उनका बड़ा कद था। उनके दूसरे दल में जाने की चर्चा थी। वैसे वे एम्स में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य खराब था। लेकिन किसी को इतनी आशंका नहीं थी कि वे इतनी जल्दी चले जाएंगे।

रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार सुबह निधन हुआ। उन्होंने दिल्ली के एम्स में ही अंतिम सांस ली जहाँ वे पिछले चार दिन से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

इस बीच लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश के निधन पर शोक जताया है। कांग्रेस ने भी रघुवंश के निधन पर शोक जताया है। हाल  रघुवंश ने आरजेडी से इस्तीफे की बात कही थी तो लालू प्रसाद यादव ने हाथ से पत्र लिखकर उन्हें कहीं नहीं जाने का आग्रह किया था।

उनका निधन अचानक हुआ है। वे कल तक कई नेताओं से बात कर रहे थे। उन्हें फोन आते थे और वे अपने स्वास्थ्य के बारे में बताते थे।

सांस लेने में तकलीफ के बाद अमित शाह एम्स में भर्ती

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पिछले कुछ हफ्तों से बीमारी का सामना कर रहे हैं। पहले कोरोना का इलाज गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में कराया, उसके बाद पोस्ट कोरोना के लिए करीब दो हफ्ते एम्स में भर्ती रहे। अब फिर करीब दो हफ्ते बाद शनिवार देर रात 11 बजे उनको सांस में तकलीफ के चलते दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है।
एम्स के सूत्रों का कहना है कि बेहतर होगा कि कुछ वक्त के लिए अमित शाह अस्पताल में रहें, जहां निगरानी में रखकर उनका इलाज हो सके। फिलहाल शाह को एम्स में कार्डियो न्यूरो टॉवर में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि इससे पहले अगस्त में पांच सितारा मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर एम्स के डॉक्टर्स की टीम भी पहुंची थी। इलाज के बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने पर उनको 14 अगस्त को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन 18 अगस्त को उनको थकान और शरीर में दर्द की शिकायत के चलते एम्स में दाखिल कराया था। इसके बाद 31 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए थे।

अब मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताया, 11.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई

पहले से संकट में झूल रही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर आई है। अब दुनिया भर में जानी मानी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। हाल में भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया था कि वित्त वर्ष  2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

कोरोना से पहले से ही आर्थिक विशेषज्ञ भारत में अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर सवाल उठा रहे थे। कोरोना में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवथा की हालत और भी बदहाल हो गयी है। यही कारण है लॉक डाउन लगाने के तरीके को लेकर मोदी सरकार पर ढेरों सवाल उठे हैं। कहा गया है कि इसे बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया गया।

अब अमेरिका की एजेंसी मूडीज के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। मूडीज ने शुक्रवार कहा कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट आएगी।

यहाँ यह भी दिलचस्प है कि पहले रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सिर्फ चार फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था। मूडीज ने कहा कि भारत का साख परिवेश निचली वृद्धि, ज्यादा कर्ज और कमजोर वित्तीय व्यवस्था (फाइनेंशियल सिस्टम) के कारण प्रभावित हो रहा है।

मूडीज के मुताबिक भारत में कोविड-19 महामारी के कारण ये जोखिम ज्यादा बढ़े हैं। मूडीज ने कहा – ‘अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में ज्यादा दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है’।

इससे पहले ग्लोबल रेटिंग और रिसर्च एजेंसी गोल्डमैन सैश भारतीय अर्थव्यवस्था में माली साल 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की बड़ी गिरावट का अनुमान जता चुकी है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच भी चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान बता चुका है। इनके अलावा घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 प्रतिशत और 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।

इंडिया रेटिंग्स अपने पहले के 5.3 फीसदी नुक्सान के अपने अनुमान को बदलकर  हालात ज्यादा ख़राब बताते हुए अर्थव्यवस्था के 11.8 फीसदी तक नीचे जाने के अनुमान की बात कह चुकी है। एसएचबीसी और मॉर्गन स्टैनले के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 से 7.2 फीसदी के बीच नुकसान हो सकता है।