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मोदी सरकार के किस कानून का विरोध कर रहे हैं किसान

कोरोना संकट के बीच केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए हरियाणा में भारी विरोध शुरू हो गया है। वीरवार को कुरुक्षेत्र में हजारों किसान सड़कों पर उतर आए। भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संगठनों ने कुरुक्षेत्र के पिपली में नेशनल हाईवे-22 पर चक्का जाम कर दिया। किसानों के इस आंदोलन को हरियाणा कांग्रेस ने समर्थन दिया हुआ है। अब देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो सकता है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए और लंबा जाम लगने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

हरियाणा में सड़कों पर पर उतरे किसान केंद्र सरकार के उन तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं, जो कि मंडियों और किसानों से जुड़े हुए हैं। मोदी सरकार ने अध्यादेशों के जरिए फसलों के खरीद संबंधी नए नियम बनाए हैं, जिससे किसानों में नाराजगी है।

क्या हैं ये तीन अध्यादेश

पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदी जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, खाद्य तेल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र ने ठेके पर किसानी को बढ़ावा दिया जाने की नीति पर भी काम शुरू किया है। इन सबको लेकर किसानों में नाराजगी है।

तमाम सख्ती के बावजूद जुटे किसान

राज्य सरकार ने रैली को प्रतिबंधित करते हुए धारा-144 लागू किए जाने का ऐलान किया था। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। किसान बचाओ, मंडी बचाओ रैली के लिए किसानों को पिपली अनाज मंडी में पहुंचने से रोकने के लिए जिला प्रशासन की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गईं। तमाम पुख्ता सुरक्षा के दावों के बावजूद सैकड़ों किसान वहां अलग-अलग वाहनों से पहुंचने में सफल रहे। कुरुक्षेत्र में दयालपुर चैराहे पर लगाए गए पुलिस बैरियर को तोड़ते हुए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से भी किसान व उनके समर्थक पहुंचे।

सीएम के खिलाफ अभद्र भाषा के आरोप पर कंगना के खिलाफ एफआईआर, अभिनेत्री ने शिव सेना को ‘सोनिया सेना’ बताया

अभिनेत्री कंगना रणौत अब खुलकर महाराष्ट्र सरकार, खासकर शिव सेना और ठाकरे परिवार के खिलाफ आ गयी हैं, और भाजपा पूरी तरह उनके साथ दिख रही है। गुरूवार को कंगना के खिलाफ एक दिन पहले मुख्यमंत्री को लेकर इस्तेमाल की गयी भाषा को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई गयी है, वहीं कंगना ने शिव सेना को ‘सोनिया सेना’ कहकर संबोधित किया है।

लग रहा है कि भाजपा पूरी तरह शिव सेना और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अभिनत्री कंगना रणौत को आगे कर चुकी है। बृह्नमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने कंगना रणौत के दफ्तर में बुधवार को तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद कंगना ने एक ट्वीट करके सीएम उद्धव ठाकरे पर हमला किया था। आरोप है कि कंगना ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद आज इसमें इसी बीच कंगना के खिलाफ विक्रोली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। शिकायत में कंगना के ट्वीट्स भी अटैच किए गए हैं। शिकायत में कंगना के वीडियो का जिक्र है।

उधर कंगना की बहन रंगोली आज कंगना के ऑफिस गईं और वहां जाकर बीएमसी की तोड़फोड़ के बाद बने हालत का जायजा लिया। बताया जा रहा है उन्होंने ऑफिस की कुछ तस्वीरें लीं और वीडियो बनाए। उधर कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा है कि नोटिस देकर बीएमसी के लोग बिना समय दिए घर में नहीं घुस सकते। हम पूरी तैयारी के साथ कोर्ट जा रहे हैं। तोड़फोड़ में निजी सामान भी तोड़ा गया है।

उधर भाजपा अब खुले रूप से कंगना के समर्थन में आ चुकी है। कंगना के गृह प्रदेश हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। वहां गुरूवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा – ‘कंगना हि‍माचल की बेटी हैं। उनका अपमान सहन नहीं किया जाएगा।’

रघुवंश प्रसाद का आरजेडी से इस्तीफा

बिहार चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक उठा पटक शुरू हो गयी है। वरिष्ठ आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरूवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रघुवंश पूर्व एमपी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल किए जाने की चर्चा के बाद से उखड़े हुए थे और पार्टी से खफा थे। रघुवंश आजकल एम्स में दाखिल हैं और उन्होंने हाथ से लिखा इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक राजद के बड़ा चेहरा कहलाये जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरूवार को इस्तीफा दे दिया है। वह पार्टी के उपाध्यक्ष थे। कहा जाता है कि आरजेडी ने अपने इस पुराने नेता को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी। खुद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी रघुवंश से मिले थे।

रघुवंश को लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं में गिना जाता था और वे आरजेडी में दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे। माना जाता है कि पूर्व एमपी रामा सिंह को आरजेडी में लेने की चर्चा से वे खफा थे। दोनों नेता वैशाली जिले से हैं और उनकी पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने एलजेपी के टिकट पर चुनाव में रघुवंश को हराया था। हालांकि, 2019 के चुनाव में पार्टी ने रामा सिंह की जगह वीणा देवी की टिकट दे दिया, जिससे वे खफा थे और उनकी आरजेडी नेता तेजस्वी से भेंट हुई थी।

वैसे रामा सिंह के मामले से नाराज रघुवंश प्रसाद ने 23 जून को ही आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, लालू प्रसाद यादव ने मामले में दखल दिया  था, जिससे तेजस्वी ने रामा सिंह को आरजेडी में लेने का अपना फैसला फिलहाल टाल रखा है।

वॉटर गन सलामी के साथ रफाल लड़ाकू विमान वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल

फ्रांस से खरीदे गए रफाल लड़ाकू विमान को गुरूवार को एक शानदार कार्यक्रम में विधिवत भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया। इसके लिए अंबाला वायुसैनिक अड्डे पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा फ़्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के अलावा सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम परंपरागत रूप से सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इस प्रार्थना सभा में पंडित, मौलवी, ग्रंथी और पादरी ने सामूहिक तौर पर रफाल के सफल भविष्य की प्रार्थना की। बता दें पांच राफेल विमानों  की पहली खेप 27 जुलाई को फ्रांस से अंबाला के वायुसैनिक अड्डे पहुंची थी। ये रफाल विमान वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ का हिस्सा बन गए हैं।

रफाल के एयरफोर्स में इंडक्शन के लिए अंबाला एयरबेस को पूरी तरह सजाया गया है। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस मौके पर रफाल और तेजस विमान के शानदार हवाई करतब देखे। इस शो की शुरूआत में पूरे स्क्वाड्रन ने कतार में खड़े होकर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। रफाल की अगवानी के लिए ‘वॉटर गन’ सलामी दी गयी। प्रार्थना सभा के बाद यूनिट के कमांडिंग अफसर को रफाल की प्रतीक चाबी दी गयी जिसके बाद स्मृति चिह्नों का आदान प्रदान किया गया।

लैंडिंग के वक्त रफाल को फायर टेंडर्स के ज़रिये जब ले जाया गया तब दोनों तरफ वॉटर कैनन से पानी की बौछार की गयी, जो देखते ही बनती थी। इसके साथ ही यह लाजबाव लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना में शामिल हो गया। लड़ाकू विमान की अगुवाई के लिए टैक्सी ट्रैक पर फायर टेंडर तैनात रहे। इंडक्शन फ्लायपास्ट के बाद आखिर में एक समारोह चल रहा है। स्क्वाड्रन ने इसकी जबरदस्त तैयारी की है।

रफाल के साथ जितने भी नए उपकरण और हथियार एयर फोर्स के बेड़े में शामिल हुए हैं, उन सभी की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी, जिसे सभी अतिथियों ने चाव से देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली कार्यक्रम में मौजूद रहे। उनके अलावा इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी के अलावा रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भारतीय वायुसेना के इस अहम कार्यक्रम में उपस्थित हैं।

भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंची थी। फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसा एविएशन इन विमानों का निर्माण करता है। भारत को अब तक 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है।

याद रहे, रफाल की खरीद को लेकर काफी विवाद भी हुआ है। कांग्रेस सहित विपक्ष ने इसकी खरीद में कीमत और अनिल अंबानी को सौदे से जोड़ने के मोदी सरकार के फैसले पर ढेरों सवाल उठाए हैं। हालांकि इस लड़ाकू विमान की खासियतों की मुरीद कांग्रेस भी रही है। यह इस बात से जाहिर हो जाता है कि रफाल की खरीद का सौदा कांग्रेस की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के समय ही हुआ था। याद रहे ऐसा ही विवाद राजीव गांधी के पीएम काल में बोफोर्स की खरीद के वक्त भी हुआ था। वैसे, बाद में कारगिल युद्ध में बोफोर्स तोप ने ही पासा पलटा था और भारत की जीत हुई थी।

युवराज सिंह फिर उतरना चाहते हैं मैदान में, बीसीसीआई चेयरमैन को लिखा

देश के धाकड़ ऑलराउंडर और एक ओवर में छह छक्के जड़ने का कारनामा करने वाले युवराज सिंह फिर से क्रिकेट में वापसी चाहते हैं। अपने रिटायरमेंट के फैसले को लेकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के चेयरमैन सौरभ गांगुली को पत्र लिखा है। बता दें कि युवराज सार्वजनिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। आखिरी बार भारत के लिए फरवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच खेला था।

देश को दो बार क्रिकेट का विश्व चैंपियन बनाने में अहम योगदान देने वाले ऑलराउंडर युवराज के फैंस के लिए अच्छी खबर है। इस बीच, आईपीएल का आगाज भी यूएई में 19 सितंबर से होने वाला है। तब क्रिकेट प्रेमियों को अरसे बाद अपने पसंदीदा गेम का लुत्फ लेने का मौका मिलेगा। युवी की वापसी की खबर जैसे ही क्रिकेट प्रेमियों के बीच पहुंची तो यह सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगा।

कैंसर को सफलतापूर्वक मात देकर क्रिकेट में वापसी करने वाले युवी बड़े दरियादिल भी हैं। लॉकडाउन के दौरान पंजाब के युवा क्रिकेटरों की मदद को आगे आए थे। युवराज ने बुधवार को एक बातचीत में कहा कि मुझे युवाओं के साथ समय बिताने में मजा आया। मैंने खेल के बहुत पहलुओं के बारे में सभी से बात की और मुझे अच्छा लगा। वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए मुझे नेट पर प्रैक्टिस करनी होगी।

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पुनीत बाली ने उनसे संपर्क साधा और पूछा कि क्या वह रिटायरमेंट से वापसी पर विचार कर सकते हैं। युवी ने अपने फैसले के बारे में कहा- मुझे इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं वापसी पर विचार कर रहा हूं। इस पर करीब एक महीने तक मैंने विचार किया। युवी ने बताया कि अगर बीसीसीआई से मंजूरी मिल जाती है तो वह सिर्फ टी-20 क्रिकेट खेलेंगे।

बता दें कि युवराज सिंह ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। वर्ल्ड कप 2019 की टीम में युवराज को नहीं चुना गया था और इसके बाद ही उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। तब से युवी विदेशों में लीग खेल रहे हैं।

स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगें ना मानी, तो 24 घंटे की हड़ताल की चेतावनी

कोरोना महामारी में दिन–रात एक कर लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय असहयोग आंदोलन कर दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है, अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया, तो आने वाले दिनों में 24 घंटे तक का आदोंलन किया जायेगा।

दिल्ली राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अभी 7 से 9 सितम्बर तक 3 दिवसीय असहयोग आंदोलन किया है। और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को सौंपा है। समिति के महासचिव बलवंत ने बताया कि एक ओर तो पहले सरकार कहती रही है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों को कभी अनदेखा नहीं किया जायेंगा। लेकिन अब उनकी मांगों को कोई सरकार सुनती नहीं है।

प्रमुख मांगों में आऊटसोसिंग तुरन्त रूकनी चाहिये। ग्रुप डी और सी में खाली पद तुरन्त भरना चाहियें। काँन्ट्रैक्ट के सभी कर्मचारियों को पक्का किया जाना जाये। कोरोना काल में डेथ होने पर कर्मचारियों को घर में जाकर चेक दिया जाये सहित अन्य मांगों से सरकार को अवगत कराया है। कर्मचारी नेता व मीडिया प्रभारी राजनारायण ने बताया कि एक ओर तो सरकार तामाद दावे कर कर्मचारियों को आश्वासन देती है कि कर्मचारियों की मांगों को तुरन्त सुना जायेगा पर धरातल पर कुछ नहीं है। अगर सरकार ने शीघ्र ही मांगों को नहीं माना तो 24 घंटे की हड़ताल करने को स्वास्थ्य कर्मचारी मजबूर होगें।

देश में अबतक 73,890 लोगों की मौत, कोविड-19 संक्रमित 43,70,129 हुए

देश में कोरोना संक्रमण के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में देश में 1115 लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई है जबकि 89,706 नए लोग संक्रमित पाए गए हैं।

मंत्रालय के मुताबिक देश में वर्तमान में कोविड-19 के सक्रिय मामले 8,97,394 हैं।

देश में अबतक कुल 73,890 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है जबकि  कुल 43,70,129 कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना से 1115 लोगों की मौत हुई है जबकि 89,706 नए संक्रमित सामने आये हैं।

महाराष्ट्र में एक्टिव मामलों की संख्या 2,43,809 है वहीं अबतक इससे 27,407 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 22,377 हैं जबकि मरने वालों की संख्या 4,618 लोगों की मौत हो चुकी है। तमिलनाड में एक्टिव मामलों की संख्या 50,213 है जबकि मरने वालों की संख्या 8,012 है।

उत्तर प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या 63,256 है जबकि मरने वालों की संख्या 4047, पश्चिम बंगाल में 23,254 संक्रमित हैं जबकि मरने वालों की संख्या 3,677 है। उधर असम में संक्रमितों की संख्या 29,206 है और 378 लोगों की मौत हुई है।

चीन ने माना अरुणाचल के पांच युवक उसके पास, केंद्रीय मंत्री रिजिजू बोले वापस लाया जाएगा

अरुणाचल प्रदेश से पिछले दिनों लापता हुए पांच भारतीय चीन में मिले हैं। अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की थी और आशंका जताई थी कि चीन सेना ने उनका अपहरण किया हो सकता है। अब  यह बात सच निकली है और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार शाम कहा कि चीनी सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता 5 युवक उनके पास हैं।

रिजिजू ने एक ट्वीट में इस जानकारी को साझा किया है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना पीएलए ने भारतीय सेना की ओर से हॉटलाइन पर भेजे गए संदेश का जवाब दिया है। उन्होंने पुष्टि की है कि लापता युवक उनके इलाके में पाए गए हैं। युवकों को भारत को सौंपने के लिए प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।

कांग्रेस विधायक एरिंग ने इस जानकारी वाले अपने ट्वीट में पीएमओ को भी टैग किया था। ट्वीट में विधायक ने कहा था कि उनकी जानकारी के मुताबिक अरुणाचल के सुबनसिरी जिले के पांच लोगों को अगवा किया गया है। उन्होंने भारत सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।

कांग्रेस विधायक के ट्वीट के बाद देश भर में इसे लेकर चिंता जताई गयी थी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी 5 राज्य निवासियों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि भारतीय सेना ने रविवार को अपने पीएलए के समकक्ष को हॉटलाइन संदेश भेजा था। अब उसका जबाव आ गया है और यह 5 लोग चीन के पास है और इन्हें वापस करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। यह सभी भारतीय कब स्वदेश लौटेंगे, इसकी जानकारी अभी नहीं है।

राज्यसभा उप सभापति चुनाव में विपक्ष उम्मीदवार खड़ा करेगा, कांग्रेस की बैठक में फैसला

पार्टी में उठे हाल के बवाल के बाद कांग्रेस अब संसद के आने वाले मानसून सत्र की तैयारी में जुट गयी है। सत्र पर रणनीति के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पार्टी के संसदीय रणनीति समूह के साथ  बैठक की जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी।

इस बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेता भी शामिल हुए जिनमें गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल भी उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की। जानकारी के मुताबिक बैठक में फैसला हुआ कि राज्यसभा के उप सभापति के चुनाव के लिए विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा। चुनाव 14 सितंबर को होना है।

जानकारी के मुताबिक बैठक में फैसला हुआ कि इस सिलसिले में यूपीए के सभी घटक दलों से बातचीत की जाएगी और अन्य सभी समान विचारधारा वाले दलों को भी साथ लेने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि ऊपरी सदन में जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद यह पद रिक्त हो गया है। हरिवंश फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।

इस पद के लिए किस पार्टी का उम्मीदवार होगा, इस बारे में सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोई निर्णय किया जाएगा। इसके बाद ही उम्मीदवार का चयन होगा। बैठक में कांग्रेस ने यह भी फैसला किया है कि संसद के सत्र के दौरान दोनों सदनों में कांग्रेस चीन के साथ गतिरोध, कोरोना वायरस संकट और जीडीपी विकास दर में गिरावट समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।

बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उपस्थित थे। राज्य सभा और लोकसभा के वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल रहे। इनमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, उप नेता आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों सदनों के मुख्य सचेतक, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता शामिल हैं। याद रहे आजाद, शर्मा और तिवारी उन 23 नेताओं में हैं जिन्होंने हाल में कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की मांग करते हुए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था।

बैठक में यह फैसला भी हुआ है कि कांग्रेस सरकार की तरफ से संसद में मंजूरी के लिए लाए जा रहे कुछ अध्यादेशों का विरोध करेगी। इन अध्यादेशों में दिवाला और  ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन संबंधी अध्यादेश और पीएम केयर्स कोष में अनुदान पर आयकर में शत प्रतिशत की कटौती से संबंधित अध्यादेश शामिल हैं। सत्र में हालांकि, कांग्रेस कोरोना को देखते हुए सांसदों के वेतन में कटौती का तो समर्थन करेगी लेकिन सांसद निधि के निलंबन से जुड़े अध्यादेश का विरोध करेगी।

अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती गिरफ्तार, अदालत में पेशी होगी

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने मंगलवार शाम 4 बजे अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया है और उनका मेडिकल करने के बाद एनसीबी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 7 बजे के बाद अदालत में उनकी पेशी करेगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच के दौरान अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया। आज उनसे पूछताछ का तीसरा दिन था। इस तरह एनसीबी की टीम ने ड्रग्स मामले में तीन दिन पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तारी किया है।

एनसीबी के हवाले से कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, रिया ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि कुछ मौकों पर उसने भी ड्रग्स लीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने अपने भाई शौविक और सुशांत के साथ ड्रग्स लीं। इनमें कहा गया है कि एनसीबी ने बताया कि रिया ने कथित तौर पर गांजे की बड्स सिगरेट के साथ इस्तेमाल की थीं। हालांकि, वो किसी ड्रग पैडलर के सीधे संपर्क में नहीं थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब ड्रग्स मिलना बंद हो गया था, तब रिया ने शौविक से कहकर ड्रग्स मंगाई थीं।

अभी यह साफ़ नहीं है कि एनसीबी रिया का रिमांड मांगेगी या नहीं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक शायद उनका रिमांड एनसीबी न मांगे। इसके बाद देखना होगा कि क्या रिया के वकील उनकी जमानत की अर्जी डालते हैं या नहीं। एनसीबी से पूछताछ के दौरान रिया ने बताया कि सुशांत बहुत पहले से ड्रग्स लेता आ रहा है और सुशांत के कहने पर उसी के लिए ड्रग्स मंगाई थीं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रिया और उसके भाई शौविक को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ हुई, तो रिया रोने लगीं।  बता दें कि एनसीबी को मोबाइल फोन चैट रिकॉर्ड और  अन्य इलेक्ट्रॉनिक डाटा हासिल हुआ था, जिसमें प्रतिबंधित मादक पदार्थ की खरीद में इन लोगों की संलिप्तता सामने आई थी।