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हाथरस कांड में न्याय की उम्मीद पालने वालों पर लाठीचार्ज

उत्तर प्रदेश के हाथरस में अनुसूचित जाति की युवती के साथ हैवानियत के तीन हफ्ते बीत चुके हैं, पर न्याय की उम्मीद की किरण अब भी दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रही है। युवती की न सिर्फ रीढ़ की हड्डी तोड़ी गई, बल्कि वो बोल न सके इसलिए ज़ुबान काट दी गई। अब जो उसके हक़ में जुबान खोल रहे हैं उन पर डंडे और सत्ता का रौब दिखाकर दबाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।
चूंकि मामला एक आम दलित परिवार से जुड़ा है और इसमें भीम आर्मी के चंद्रशेखर शुरू से आंदोलनरत हैं; इसलिए मामले को  तूल तो पकड़ना ही था। दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर लखनऊ और असम से लेकर बंगाल तक हाथरस कांड की गूंज सुनाई दी।
दरअसल, मामले में प्रशासन की शुरुआत से ही घोर लापरवाही सामने आई। मामले को रफा-दफा करने के तमाम प्रयत्न नाकाम साबित हुए। इन सबके बावजूद प्रशासन अपनी हरकतों से निरंतर बाज नहीं आया।
सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद  से हंगामा शुरू हो गया। 29 की ही रात को पुलिस ने हाथरस में युवती के परिवार को घर में बंधक बना दिया। योगी सरकार के खाकीधारियों ने बिना परिवार की सहमति के ही शव पर पेट्रोल डालकर रात 2.30 बजे अंतिम संस्कार कर डाला। इसके बाद मुद्दा और गरम हो गया। यानी ज़्यादती पे ज़्यादती। धर्म पर लगातार अधर्म हावी नज़र आया।
अगले दो दिन पीड़िता के गाँव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। किसी के भी गांव में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। मीडिया तक को जाने नहीं दिया। इसी बीच, 1 अक्टूबर को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ हाथरस के लिए निकले। उनको ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस ने जबरन रोक लिया। उनकी पुलिस वालों से बहस भी हुई। फिर जबरन हिरासत में लेकर पुलिस की गाड़ी में ले गए। इसके बाद कांग्रेसियों पर लाठियां भांजीं, जिसमे कुछ कार्यकर्ता घायल भी हुए। पुलिस से झड़प में राहुल गांधी गिर गए, इसपर भी किसी सत्ताधारी का साथ देने के बजाय फ़ोटो सेशन बताना उनके  मंसूबों को बता गया। अगले दिन 2 अक्टूबर को बंगाल के टीएमसी सांसदों का दल हाथरस जाना चाह रहा था, तब टीएमसी की दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को पुलिस ने धक्के मारकर गिरा दिया और महिला सांसदों के साथ पुलिस ने बदसलूकी की गई।
3 अक्टूबर को राहुल गांधी ने ऐलान किया कि दुनिया की कोई ताकत उन्हें हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती। इसके बाद दिग्गज कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली से हाथरस के लिए निकल पड़े। चंद किलोमीयर के बाद यूपी में एंटर होते ही डीएनडी पुल पर उनके काफिले को रोक लिया गया। इस फौरन भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात किया गया। बाद में पुलिस ने झुककर सिर्फ 5 लोगों को जाने की इजाजत दे दी। इसके साथ ही लाठीचार्ज कर दिया। इसने कुछ कांग्रेसी गिर पड़े, तभी अपने कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय को रोकने के लिए प्रियंका और राहुल गांधी गाड़ी से उतरकर उनको बचाने गए। इसी बीच, एक पुरुष पुलिस वाले ने प्रियंका का कुर्ता पकड़ कर खींचा। राहुल भी बैरिकेड फांदकर कार्यकर्ताओं के साथ नाइंसाफी को दबाने के लिए फ्रंट पर पहुंचे। और रात में परिजनों से मिलकर उनका दुखदर्द साझा किया। वहीं, कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हाथरस कांड पर रैली की।
भारी दबाव के बीच, यूपी की योगी सरकार को सीबीआई से जांच कराने का ऐलान करना पड़ा।
इसी दौरान रोज़ाना सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में न्याय के नाम पर पुलिसिया लाठी खाते रहे। ध्यान देने वाली बात ये है पीड़ित के पक्ष वालों के लिए नियम कानून का हवाला दिया जाता रहा। और इसी दरमियान आरोपियों को पक्ष में  दो बार महापंचायत भी बैठ चुकी जिसमें दर्जनों लोग जमा हुए। लाठियों के बल पर नेताओं को तो रोक सकते हैं, लेकिन इंसाफ और सच को नहीं। उसे जितना दबाने की कोशिश करोगे वो उतना उतना ही अधिक उछाल मारेगा और अच्छे अच्छों को बेनकाब कर देगा।

रामविलास पासवान के दिल का आपरेशन, अभी हालत नाजुक

लोक जनशक्ति पार्टी (एलजीपी) के संस्‍थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में दिल का इमजेंसी ऑपरेशन किया गया है। उनकी हालत फिलहाल नाजुक बताई गयी है। शनिवार शाम अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद देर रात उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
भाजपा के कई बड़े नेताओं ने चिराग पासवान को फोन करके उनके पिता की सेहत की जानकारी ली है। इसी कारण से एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक स्‍थगित करके अस्‍पताल जाना पड़ा। हालांकि, इस समय एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हल रही है, जिसमें चुनाव को लेकर पार्टी जरूरी फैसले करने वाली है।
चिराग ने पिता के स्वास्थ्य को लेकर सहयोग के लिए सभी का आभार जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन कर चिराग पासवान से बात की और राम विलास का हाल जाना। पासवान कुछ समय से अस्वस्थ  चल रहे हैं। चिराग के मुताबिक कोरोना संक्रमण में मंत्री पद के निर्वहन के कारण उनके पिता नियमित मेडिकल चेक-अप  नहीं करा सके, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें शनिवार को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इस दौरान उनकी तबीयत काफी खराब हो जाने के बाद देर रात उनके दिल का आपरेशन किया गया है।
अपने ट्वीट में चिराग ने लिखा – ‘पिछले कुछ समय से पापा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा। आगे भी कुछ सप्‍ताह बाद एक और ऑपरेशन करना पड़ सकता है। संकट की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़े रहने के लिए आप सबका धन्यवाद।’

हाथरस में बबाल जारी ; तनाव के बीच आरएलडी-पुलिस में भिड़ंत, सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज

हाथरस में एक दलित लड़की से गैंगरेप और आधी रात को तेल डालकर पुलिस के उसको जलाने की घटना से पैदा हुआ बबाल योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद संभल नहीं रहा और वहां अब रविवार को हाथरस में पुलिस और आरएलडी कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त झड़प हो गयी जिसके बाद पुलिस ने आरोप लगाया है कि एक महिला कांस्टेबल के साथ बदसलूकी की गई, हालांकि, आरएलडी ने इसे गलत बताया है। उधर सपा नेता आज परिवार से मिले हैं। सपा कार्यकर्ताओं ने उनपर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया है। धारा 144 लगी होने के बावजूद वहां सवर्णों की एक महापंचायत हुई जिसमें आरोप लगाया गया है कि ‘बेकसूरों को फंसाने के लिए’ सरकार ने ‘एकतरफा कार्रवाई’ की है। इस बीच पीड़ित परिवार ने योगी सरकार की इस मामले की सीबीआई की जांच की घोषणा के बाद कहा है कि घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से होनी चाहिए। परिवार पहले ही सरकार के लोगों पर उनपर दबाव बनाने का आरोप लगा चुका है।
बता दें शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से  जाकर मिले थे। इसके बाद राजनीतिक दलों में परिवार से मिलने की होड़ लग गयी है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि आरएलडी के पांच लोगों को इजाजत दी थी, लेकिन ज्यादा संख्या में कार्यकर्ता जा रहे थे। पुलिस का आरोप है कि वहां मौजूद आरएलडी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी की और महिला कांस्टेबल के साथ बदसलूकी की गई,   पुलिस के एक जवान को पथराव से चोट लगी है, हालांकि आरएलडी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बेवजह लाठीचार्ज किया।
इस बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की गाड़ियां अलीगढ़ से हाथरस जाते हुए 20 किलोमीटर पहले रोक दी गयी हैं। चंद्रशेखर ने कहा – ‘हम पैदल ही अलीगढ़ से हाथरस जा रहे हैं।’ अभी तक की ख़बरों के मुताबिक वे हाथरस के गाँव पहुँच चुके हैं।
उधर आज सपा का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिला। सपा नेता धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, सपा विधायक संजय लठार, जयवीर इसमें शामिल हैं। सपा कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया।  समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि लाठीचार्ज और पथराव उनपर हुआ है और वो तो ‘देश और लोकतंत्र बचाने’ आए थे। एक मौके पर आरएलडी और सपा कार्यकर्ता ही आपस में भिड़ गए। कार्यकर्ताओं के आपस में पथराव के दौरान पुलिस को कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कहा कि वो और उनकी पार्टी कार्यकर्ता केवल पीड़ित परिवार का दुख बांटने और उन्हें ढांढस बंधाने आए थे। उन्होंने किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया है और वो सीमित संख्या में ही कार्यकर्ताओं के साथ आए।
इस बीच पीड़ित परिवार वालों ने सीबीआई जांच का  ख़ास समर्थन नहीं किया है। पीड़िता के भाई ने कल कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है और वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।
बता दें योगी सरकार ने हाथरस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है लेकिन लड़की के भाई ने मांग की है कि घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से होनी चाहिए। परिवार पहले ही सरकार के लोगों पर उनपर दबाव बनाने का आरोप लगा चुका है।

राहुल गांधी पंजाब में किसान क़ानून के खिलाफ आज ‘ट्रैक्टर रैली’ करेंगे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी किसानों के मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन के समर्थन के लिए आज पंजाब आ रहे हैं। हाल में मोदी सरकार ने संसद से इन विवादित कृषि बिलों को कांग्रेस सहित विपक्ष के जबरदस्त विरोध के बीच पास करवाया था, जिन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह अब क़ानून बन चुके हैं, हालांकि, इनके खिलाफ किसानों का आंदोलन बहुत तेज हो गया है। राहुल गांधी ‘खेती बचाओ यात्रा’ के तहत तीन दिन तक पंजाब में कई जगह किसानों के साथ जनसभाएं कर रहे हैं।

तीन दिन के अपने पंजाब दौरे के पहले दिन राहुल गांधी ‘ट्रैक्टर रैली’ आयोजित करेंगे। संभावना है कि वे खुद भी ट्रैक्टर चलाएंगे। रैली में उनके साथ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़, प्रभारी हरीश रावत सहित तमाम मंत्री और पार्टी नेता मौजूद रहेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब समेत कई राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

कांग्रेस इन बिलों को संसद में पेश करने से लेकर अभी तक इनका जबरदस्त विरोध कर रही है। पार्टी का कहना है कि एमएसपी की गारंटी इस कानून में नहीं दी गयी है क्योंकि मोदी सरकार अपने मित्र व्यापारियों के फायदे के लिए यह क़ानून लाई है जिसमें किसानों का बड़ा नुक्सान होगा। राहुल का कृषि कानून के खिलाफ अभियान पार्टी के रुख को मजबूती से जनता के सामने रखना है।

कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करेंगे और मोगा जिले के बधनी कलां में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करेंगे। वो बधनी कलां से जतपुरा तक एक ‘टैक्टर रैली’ की अगुवाई भी करेंगे। गांधी की यह यात्रा जतपुरा, लुधियाना में पूर्ण होगी। इसके बाद वे एक और जनसभा को आयोजित करेंगे। बता दें कुछ दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन पर बैठ चुके हैं।

केरल के कोच्चि में ग्लाइडर हादसे में दो नौसेना अधिकारियों की मौत

केरल के कोच्चि में रविवार को एक ग्लाइडर के हादसे का शिकार हो जाने से भारतीय नौसेना के दो कर्मियों की मौत हो गई है। यह हादसा तब आया जब ग्लाइडर नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। दक्षिणी नौसेना कमान ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार सुबह ग्लाइडर जब नियमित उड़ान पर था तब यह अचानक हादसे का शिकार हो गया। केरल के कोच्चि में इस हादसे में इन दोनों अफसरों की मौके पर ही मौत हो गयी।

नौसेना की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है – ‘वे नियमित प्रशिक्षण के लिए आईएनएस गरुड़ से रवाना हुए और सुबह लगभग 7 बजे ग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दक्षिणी नौसेना कमान ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं।’

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक नौसेना के ग्लाइडर ने नियमित प्रशिक्षण के दौरान आईएनएस गरुड़ से उड़ान भरी थी। ग्लाइडर सुबह करीब सात बजे नौसैन्य अड्डे के पास थोप्पुमपाडी पुल के निकट हादसे का शिकार हो गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में जान गंवाने वाले दोनों अधिकारियों की पहचान उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट राजीव झा (39) और बिहार के पेटी अधिकारी (इलेक्ट्रिकल एयर) सुनील कुमार (29) के रूप में हुई है। हादसे के बाद जब उन्हें आईएनएचएस संजीवनी अस्पताल लाया गया तब डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दक्षिणी नौसेना कमान ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं।

यूपी पुलिस के कर्मी के प्रियंका गांधी के कपड़े खींचने के मामले ने तूल पकड़ा, शिव सेना ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की

यूपी पुलिस के एक पुरुष कर्मी के शनिवार को डीएनडी फ्लाईवे पर उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी के कपड़ों पर हाथ डालने का मामला तूल पकड़ गया है। राहुल और प्रियंका गांधी कल हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। कांग्रेस सहित विपक्ष ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस नेताओं के अलावा शिव सेना नेता संजय राऊत ने भी इस घटना की तस्वीर ट्वीटर पर शेयर करते हुए इसे बेहद शर्मनाक बताते हुए लिखा कि क्या योगीजी के राज में महिला पोलीस नही है?

बता दें कल हाथरस जाते हुए जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली से आगे डीएनडी पर रोका गया था और दोनों नेताओं को तीन अन्य के साथ हाथरस जाने की इजाजत दी थी, तब अचानक यूपी पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया था। अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए गाड़ी से उतरकर प्रियंका जब ढल बनकर खड़ी हो गईं, संभवता तब यह घटना हुई। एक मौके पर कार्यकर्ता की पीठ पर पड़ने से पहले ही प्रियंका ने पुलिसवाले की लाठी भी पकड़ ली थी। प्रियंका ने इस दौरान पूर्व सांसद कमांडो कमल किशोर को पुलिस की की लाठियों से बचाया।

दिल्ली की पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अलका लांबा ने इस तस्वीर को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इसमें उन्होंने कमेंट किया है – ‘निःशब्द हूँ मैं…।’ इस तस्वीर में एक पुलिसकर्मी साफ़ तौर पर प्रियंका गांधी को रोकने के लिए उनके कपड़े खींचता दिख रहा है।

महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी इस घटना को लेकर यूपी की योगी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने भी ट्वीटर पर यह तस्वीर शेयर की है। तस्वीर के नीचे राऊत ने लिखा – ‘क्या योगीजी के राज में महिला पोलीस नही है?’

हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के साथ यूपी पुलिस की इस बदसलूकी को लेकर कांग्रेस महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तस्वीर को ट्वीट करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है। सूयरजेवाला ने ट्वीट में लिखा – ‘इससे शर्मनाक और घातक कुछ हो सकता है? ऐसी गुंडई पर उतरी भाजपा सरकार और आदित्यनाथ को डूब मरना चाहिए। श्रीमती प्रियंका गाँधी पर पुरुष पुलीसये से हाथ उठवा कर आदित्यनाथ अपने कौनसे संस्कार का परिचय दे रहे हैं? पुलिस के पीछे कायरों की तरह मत छुपिए, सामने आ अपने कुकर्मों पर इस्तीफ़ा दो।’

अलका लांबा का ट्वीट –

निःशब्द हूँ मैं….

संजय राऊत का ट्वीट –

क्या योगीजी के राज में महिला पोलीस नही है?

राहुल-प्रियंका पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस पहुंचे  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी आखिर गैंगरेप और अत्याचार का शिकार पीड़ित युवती, जिसका शव बिना परिवार की मंजूरी के आधी रात को जला दिया गया था, के परिवाजों से दुःख साझा करने हाथरस पहुंच  गए हैं। आज दोनों के दिल्ली से निकलने के बाद डीएनडी पर काफी हंगामा हुआ। एक मौके पर जब पुलिस ने कंग्रेस्स कार्यकर्ताओं पर लाठिया भांजनी शुरू कर दीं तो प्रियंका गांधी पुलिस के सामने कूदकर खड़ी हो गईं जिससे उनकी पीठ में भी एक लाठी लगी। राहुल ने भी पुलिस से इस कार्रवाई के लिए गुस्से जताया।
राहुल-प्रियंका पहले ऐसे राजनीतिक हैं जो पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं। यहां  तक की भाजपा, बसपा या सपा का भी कोई नेता इस पीड़ित और दुखी परिवार से मिलने अभी नहीं पहुंचा है। राहुल ने आज सुबह ही साफ़ कर दिया था कि वे परिवार से मिलने जाएंगे और दुनिया की कोई ताकत उन्हें नहीं रोक सकती है। आज वहां पुलिस की जबरदस्त घेरेबंदी है।
पुलिस ने राहुल और प्रियंका गांधी को हाथरस जाने देने से मन कर दिया था लेकिन राहुल ने जोर देकर कहा कि वे पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाना चाहते हैं जिसके बाद उनकी मांग के आगे झुकते हुए पुलिस ने उनके साथ कुल पांच लोगों को हाथरस जाने के इजाजत दे दी। अब यह दोनों कांग्रेस नेता परिवार से मिलने के लिए हाथरस पीड़ित के घर पहुँच गए हैं।
प्रियंका और राहुल कुछ देर पहले पीड़ित परवार से मिलने घर के भीतर जा चुके हैं और मुलाकात शुरू हो गयी है। मुलाकात के बाद बहुत ज्यादा संभावना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पत्रकारों से बात करेंगे जिससे यह पता चल सकेगा कि पीड़ित परिवार ने उनसे क्या कहा। अभी तक मीडिया के जो लोग परिवार स मिले हैं उसमें यही जाहिर हुआ है कि सरकार और पुलिस का उनपर बहुत ज्यादा दबाव है।
मीडिया को राहुल-प्रियंका के साथ भीतर नहीं जाने दिया गया है। वहां बड़ी संख्या में मीडिया के लोग जमा हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी पुलिस को चकमा देकर गांव में पहुँच चुके हैं। योगी सरकार की इस घटना के बाद बहुत ज्यादा किरकिरी हुई है और देश भर में आधी रात को एक बेटी का शव बिना उसके परिवार के मंजूरी और उन्हें दिखाए जला देने से लोगों में गुस्सा फ़ैल गया है।

बिहार में महागठबंधन की सीटों का ऐलान; आरजेडी 144 और कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ेंगे

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी-कांग्रेस (यूपी) गठबंधन ने भाजपा-जेडीयू से बाजी मारते हुए अपनी सीटों का ऐलान कर दिया है। तेजस्वी यादव महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। इस चुनाव में आरजेडी 144, कांग्रेस 70 सीटों, सीपीएम 4, सीपीआई 6, सीपीआई माले 19 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने सीटों के बंटबारे पर नाखुशी जताई है।

तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा – ‘इस बार यह चुनाव जनता बनाम डबल इंजन सरकार के बीच होगा और हम जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे।’ भाजपा जेडीयू में अभी तक सीटों को लेकर अभी तक पेंच फंसा हुआ है लिहाजा आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने इस मामले में बाजी मार ली है। हालांकि, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने सीटों के बंटबारे पर नाखुशी जताई है। मुकेश आज प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर बाहर चले गए।

विधानसभा चुनाव तारीखों की पहले ही घोषणा हो चुकी है। तीन चरणों के चुनाव का पहला मतदान 27 अक्टूबर को होगा जबकि 10 नवंबर को नतीजे आ जायेंगे। तेजस्वी ने इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का सीटों का बिना किसी पेंच के फैसला होने के लिए आभार जताया। इस तरह देखा जाये तो कांग्रेस इस बार पिछली बार के मुकाबले ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

तेजस्वी ने कहा कि इस बार का चुनाव जनता और डबल इंजन की नीतीश सरकार के बीच होगा। महागठबंधन जनता की तरफ से लड़ेगा। जिन सीटों की घोषणा की गयी हैं उनमें आरजेडी की 144 सीटों में से कुछ उसके सहयोगी दो दलों को भी मिलेंगी।

कांग्रेस को इस चुनाव में 70 विधानसभा सीटों के अलावा एक लोकसभा सीट भी मिली है जिसके लिए उपचुनाव होना है। इस तरह देखा जाए तो कांग्रेस सीटों के मामले में अपनी बात मनवाने में सफल रही है।

इस चुनाव के लिए महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। आज की प्रेस कांफ्रेंस में अन्य सहयोगी दलों के नेता भी उपस्थित थे।

अभिनेता सुशांत की हत्या नहीं, आत्महत्या के एंगल से होगी जांच: एम्स पैनल

100 दिन से भी अधिक समय से बिहार से ताल्लुक रखने वाले बाॅलीवुड के उभरते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को हत्या या आत्महत्या का मामला जितना ज्यादा टीवी मीडिया पाया छाया रहा, वैसा तथ्यों के आधार पर कुछ निकल कर नहीं आया। एम्स के डाॅक्टरों की टीम और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अपनी जांच रिपोर्ट को शनिवार को सामने रखी। एम्स की रिपोर्ट में सुशांत की मौत को आत्महत्या माना है, न कि हत्या। अब एम्स पैनल ने खुदकुशी के एंगल से आगे जांच करने को सीबीआई को सौंप दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन हालात में मौत हुई है वो बताती है कि इसमें किसी तरह का फाउल प्ले नहीं है और यह खुदकुशी का मामला है। दिल्ली एम्स के मेडिकल बोर्ड ने अपनी फोरेंसिक जांच की इस रिपोर्ट को सीबीआई से सोमवार को ही साझा की थी। कूपर अस्पताल की भी जांच रिपोर्ट की पड़ताल किए जाने के बाद विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। अब सीबीआई मामले की जांच आत्महत्या को आधार बनाकर करेगी।

अब एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि सुशांत ने खुदकुशी की थी तो उसके पीछे की वजह क्या थी? क्या किसी ने उसे इसके लिए उकसाया? एक लैपटॉप, हार्ड डिस्क, कैनन कैमरा और दो मोबाइल फोन सीज किए गए थे, जिनकी जांच जारी है। सीबीआई इस मामले में अब तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जो मामले में संदिग्ध थे। .

बता दें कि 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अपने घर पर मृत पाए गए थे। इसके बाद परिजनों के साथ ही कई मीडिया समूहों ने मामले को हत्या करार दिया था। बिहार की राजधानी पटना में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद बिहार पुलिस-मुंबई पुलिस के बीच विवाद भी देखने को मिला था। इसके साथ ही मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था, जिसके बाद सीबीआई जांच शुरू कर दी गई। कई जानकार इसे बिहार चुनाव से जोड़कर भी देख रहे थे। हालांकि इस बीच, ड्रग एंगल ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं, मगर लगता है उस पर भी कुछ ठोस सामने आता नहीं दिख रहा है।

राहुल-प्रियंका गांधी सहित कुल 5 को हाथरस जाने की इजाजत

सैकड़ों पुलिस कर्मियों की मौजूदगी से छावनी में बदले दिल्ली के साथ लगते डीएनडी में कांग्रेस के बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को आखिर 5 लोगों के साथ हाथरस जाने की इजाजत दे दी गयी है। पुलिस ने उनकी गाड़ी रोककर उन्हें न जाने के बारे में कहा लेकिन राहुल ने कहा कि वो हर हालत में जाना चाहते हैं, जिसके बाद राहुल-प्रियंका के साथ कुल उनके कुल 5 लोगों को जाने की इजाजत दे दी है।
उनके साथ साथ किन नेताओं को ीाज्जात मिली है अभी पता नहीं है। दो दिन पहले गैंगरेप और हैवानियत की शिकार हुई 20 वर्षीय दिवंगत पीड़िता के परिजनों से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मिलने हाथरस जाते हुए यूपी पुलिस के रोकने और उसकी धक्कामुक्की में ज़मीन पर गिरकर घायल हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रियंका गांधी कांग्रेस के 35 सांसदों के साथ दिल्ली से हाथरस के लिए निकल गए हैं। इन सांसदों में वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आज़ाद भी शामिल हैं।   उधर यूपी के डीजीपी भी यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटना के बाद पहली बार पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं।
दिल्ली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश  महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी के 35 सांसदों के साथ हाथरस के लिए निकल गए हैं। जिस रास्ते से उन्हें हाथरस जाना है उस रास्ते में योगी सरकार ने सैंकड़ों की संख्या में पुलिस को जवानों और अफसरों को तैनात कर दिया है। सरकार की कोशिश है कि गांधी किसी भी सूरत में हाथरस न जाने पाएं।
देश भर में भारी दबाव बनने के बाद योगी सरकार ने मीडिया को तो आज सुबह  हाथरस जाने के इजाजत दे दी थी लेकिन डीजीपी के आने के कारण मीडिया को दोबारा गांव से दूर रखा गया है। राजनेताओं के आने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा है और संभावना है कि उन्हें नहीं आने दिया जाएगा।
बता दें पीड़िता का यूपी पुलिस ने बिना परिवार की मर्जी और उन्हें साथ लिए आधी रात को अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार के लोगों को लड़की का शव तक नहीं दिखाया गया। इस घटना से देश भर में उपजा गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है और इससे योगी सरकार को  बहुत फ़ज़ीहत झेलनी पड़ी है। राजनीतिक रूप से नुक्सान को समझते हुए योगी सरकार ने इसकी भरपाई की कोशिश की लेकिन परिजनों का गुस्सा और लड़की के साथ हुई हैवानियत से उसकी यह कोशिश सफल नहीं हुई।
यह मामला अब उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। कांग्रेस तो पहले से ही इस मामले में योगी सरकार के खिलाफ जोरदार आवाज  उठा रही है, विपक्ष की अन्य पार्टियां समाजवादी पार्टी, बसपा, माकपा आदि भी इसपर सरकार की निंदा कर रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तो सीएम योगी के इस्तीफे की मांग कर चुकी हैं।
एक तरह से यह मामला अब योगी बनाम प्रियंका गांधी बन गया है। पिछले डेढ़ साल में जिस तरह प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है, उससे वो योगी सरकार के खिलाफ यूपी की जनता की आवाज बनकर कांग्रेस को सबसे प्रमुख विरोधी दल बनाने में सफल होती दिख रही हैं। इससे बसपा और समाजवादी पार्टी में भी बेचैनी है।
अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार  दोबारा पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाने की तैयारी कर ली है। बता दें गरुवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाते हुए यूपी पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया था। यह कहा जा रहा है कि ऐसा योगी सरकार के इशारे पर ही हुआ है, क्योंकि भाजपा को भय है कि प्रियंका और राहुल यूपी के मामलों को उठाकर जनता के ध्यान खींचने में सफल हो रहे हैं जिसका आने वाले समय में भाजपा को बड़ा नुक्सान हो सकता है।
संभावना है कि राहुल-प्रियंका की भाई-बहन की जोड़ी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार दोपहर पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेगी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार की शिकायतें सुनेगा और पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए मांग करेगा। याद रहे आरोप है कि गुरूवार को हाथरस जाते हुए यूपी पुलिस के एक अधिकारी के धक्के से राहुल गांधी ज़मीन पर गिर गए थे जिससे उनके हाथ में चोट आई थी।