हरियाणा सरकार की सख्ती के बाद मोदी सरकार के तीन किसान कानूनों का जबरदस्त विरोध कर रहे किसान उग्र हो उठे हैं और उनके आंदोलन स्थल पर तनाव है। पंजाब में हरियाणा की सीमा पर कई जगह गुरुवार शाम को हजारों प्रदर्शनकारी किसान जुटे हुए हैं। ये किसान ‘दिल्ली चलो’ अभियान के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं, हालांकि उन्हें हरियाणा पुलिस ने सीमा पर रोक लिया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों में पुरुष-महिलाएं, युवा और छात्रों के अलावा बुजुर्ग भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उनसे ज्यादती का आरोप लगाया है।
गुरुवार को बड़ी संख्या में किसान अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर पहुंच गए। इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें बैरिकेटिंग लगाकर रोकने की कोशिश की तो उनका प्रदर्शन उग्र हो गया। किसानों ने सबसे पहले बैरिकेटिंग तोड़कर नदी में फेंक दी। जिस पर पुलिस ने भी आंसु गैस के गोले दागे और उन पर पानी की बैछार की। अभी भी इलाके में किसानों का प्रदर्शन जारी है।
आंदोलनकारी किसान ट्रैक्टर-ट्रेलर, कार और मोटरसाइकिल के जरिए पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने में कामयाब रहे। इन पर पानी की तेज धार भी छोड़ी गई। उनपर आंसू गैस भी हरियाणा सरकार ने छोड़े। दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने किसानों के आंदोलन को रोकने की निंदा की है। किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स समेत पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को तैनात किया गया है।
जबरदस्त सुरक्षा और राजमार्ग पर बैरिकेडिंग से गुस्साए एक किसान का कहना था कि सरकार ने जो रास्ता रोका है उन बाधाओं को हम हटा देंगे। उसने कहा – ‘हम गोलियां खाने को भी तैयार हैं।’ क्षेत्र में धारा 144 लगी हुई है। है। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राज्य प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी कर रहे हैं। चारुनी ने कहा – ‘पुलिस को हमारे कार्यकर्ताओं और वाहनों को छोड़ देना चाहिए। हम बैरिकेड्स तोड़ते हुए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।’
उधर गुरुवार दोपहर किसान नेता योगेंद्र यादव जब किसानों के साथ गुरुग्राम पहुंचे उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनके साथ 50 से ज्यादा किसानों को भी पुलिस बैन में भरकर अपने साथ ले गई। योगेंद्र और उनके समर्थकों के खिलाफ ये कार्रवाई पैंडमिक एक्ट के तहत की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस कह रही है कि मैं और मेरे समर्थक शांति भंग कर रहे हैं। साथ ही मुझ पर पैंडमिक एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है। मैं पूछता हूं कि जब रविवार को हरियाणा के मेवात में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने रैली की थी, तो क्या वहां पर नियमों को उल्लंघन नहीं हुआ ?
हरियाणा पुलिस ने 100 के करीब किसान नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुमान के मुताबिक दोनों राज्यों के लगभग 3 लाख किसान दिल्ली चलो आंदोलन के तहत दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार हैं। बता दें मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आज देश की 10 केंद्रीय यूनियनों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसके अलावा किसानों ने भी नए कृषि कानूनों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
उधर किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर स्थिति गंभीर हो रही है। फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद से लगी सीमाओं पर भारी फोर्स तैनात है। सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। पुलिस के मुताबिक, कोई बॉर्डर सील नहीं है लेकिन राजधानी में घुसने वाली हर गाड़ी की चेकिंग हो रही है। इसकी वजह से बॉर्डर के पास भारी जाम लग गया है।
दिल्ली पुलिस ने किसानों को मार्च की इजाजत नहीं दी है। पंजाब-हरियाणा सीमा के पास स्थित कई इलाकों के निवासियों को पिछले 24 घंटों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और बस सेवाओं के ठप होने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने सड़कों और अन्य खुले स्थानों पर भीड़ जमा कर ली है। हरियाणा में प्रवेश करने वाली कई लिंक सड़कों को भी बंद कर दिया गया है। शाम में प्रदर्शन के चलते बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई।
किसान आंदोलन हो रहा है उग्र, हजारों किसान हरियाणा-दिल्ली मार्ग पर जमा
श्रीनगर में आतंकी हमला, 2 जवान शहीद
श्रीनगर में गुरुवार को एक आतंकी हमले में 2 जवान शहीद हो गए हैं। एक कार में आये आतंकियों ने जवानों पर फाइरिंग कर दी जिसमें यह जवान शहीद हो गए। हमला करने के बाद आतंकी वहां से भाग निकले।
जानकारी के मुताबिक इन आतंकियों की सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाश शुरू कर दी है। आईजी विजय कुमार ने बताया कि 3 आतंकी एक कार में आए थे। उनके मुताबिक इनमें से 2 विदेशी (पाकिस्तानी) होने की आशंका है।
सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेरा बंदी करने के बाद आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। सर्च अभियान के तहत पूरे इलाके को घेर लिया गया है। अभी तक आतंकियों के सुराग नहीं मिला है। यह पता नहीं चला कि आतंकी वहां पहुंचे कैसे।
सरकार की तानाशाही अन्नदाताओं के साथ मंहगी पड़ेगी: किसान संगठन
कृषि कानून के विरोध में देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आना चाहते है । भारतीय किसान संघ से जुड़े नेता धरमबीर सिंह ने तहलका संवाददाता को बताया कि कोरोना महामारी के नांम पर अगर दिल्ली सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार रोकना चाहती है। तो ये उनकी भूल है कि किसान रूक जायेगे। धरमबीर सिंह का कहना है कि किसानों को कोई रोक नहीं सकता है। क्योंकि आज जो किसानों ने प्रदर्शन कर हरियाणा के अंबाला , फरीदाबाद में किया है, उससे नेताओं को और पुलिस को समझ जाना चाहिये कि किसान अपने अधिकारों को लेकर आर –पार की लड़ाई भी कर सकते है।
किसानों का कहना है कि सरकार की तानाशाही अन्नदाताओं के साथ मंहगी पड़ेगी। किसान ने नोटबंदी से लेकर देश में कोरोना काल में मजबूती के साथ आर्थिक व्यवस्था से लेकर जीडीपी को मजबूती प्रदान की है। किसान नेता चन्द्रपाल सिंह का कहना है कि दिल्ली में किसान आकर सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के नाम पर किसानों को आने नहीं दिया जा रहा है। जबकि चुनाव में रैलियों के दौरान जमकर भीड़ हुई है। उसी के कारण देश में कोरोना के मामले बढ़े है और मौतें भी। चन्द्रपाल सिंह का कहना है कि “नये –नये कानून लाकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। जिससे आज देश का किसान परेशान है। किसानों ने भी ठाना है , किसान विरोधी सरकार को भगाना है। आज का उग्र प्रदर्शन इसी बात का निशाना है।”
दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना का निधन
मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का निधन हो गया है। उनकी उम्र 60 साल थी। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उनका अब से कुछ देर पहले निधन हो गया।
जानकारी के मुताबिक माराडोना को सेहत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ उनके कई टेस्ट किए गए। इस दौरान स्कैन में उनके ब्रेन में खून का थक्का जमने की बात उजागर हुई थी।
बता दें माराडोना का कुछ समय पहले कोविड -19 का भी टेस्ट हुआ था, हालांकि, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। दो हफ्ते पहले उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। उन्हें ब्रेन सर्जरी के लिए भर्ती करवाया गया था।
माराडोना की गिनती दुनिया के दिग्गज फुटबॉल खिलाडियों में होती है और उन्होंने 1986 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप जिताने में अहम रोल निभाया था। उस टूर्नामेंट में उनका विश्व प्रसिद्ध गोल भी शामिल है, जिसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ के नाम से जाना जाता है। इसी गोल की मदद से अर्जेंटीना ने इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। उनके निधन पर संवेदना के सन्देश आ रहे हैं।
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लंच पर कैप्टेन और सिद्धू में तल्ख़ रिश्तों का स्वाद बदलने की पहल, मंत्री बनेंगे सिद्धू !
कांग्रेस महासचिव और पंजाब के पार्टी प्रभारी हरीश रावत के नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना लड़ाकू विमान ‘रफाल’ से करने के एक महीने के भीतर सूबे में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलती दिखने लगी है। दोनों आज कैप्टेन के निमंत्रण पर ‘लंच’ पर मिले और एक घंटा चली इस मुलाकात में दोनों के बीच मतभेदों, प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा के अलावा कैप्टेन की तरफ से सिद्धू को मंत्री पद का ऑफर देने की खबर है। बीच में यह भी चर्चा रही है कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सीएम अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने एक ट्वीट में पुष्टि की है दोनों के बीच लंच की बैठक में अच्छे माहौल में बात हुई और दोनों ने पंजाब और राष्ट्रीय राजनीति के अहम मसलों पर चर्चा की। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक सीएम ने सिद्धू को मंत्री पद ऑफर किया है, हालांकि सिद्धू ने इसे लेकर अपनी तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मसला सिद्धू को दिए जाने वाले विभाग का हो सकता है जिसे लेकर सिद्धू और अमरिंदर में पिछली बार ठनी थी। वैसे सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की भी चर्चा आजकल है।
मंत्री पद छोड़ने के बाद सिद्धू कभी किसी केबिनेट बैठक में नहीं गए हैं। वास्तव में उनका इस्तीफा तकनीकी रूप से मंजूर ही नहीं किया गया है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक सिद्धू जब दोपहर करीब एक बजे मुख्यमंत्री के फार्म हाउस पहुंचे तो अमरिंदर ने आगे आकर उनका स्वागत किया। सिद्धू ने उनके पांव छुए। सिद्धू तमाम नाराजगियाँ के बावजूद सीएम के लिए यह सम्मान हमेशा दिखाते रहे हैं। दोनों में करीब एक घंटा तक बातचीत हुई और इसमें तल्खी नहीं दिखी, हालांकि, सिद्धू अपने मन की बात सीएम के सामने जरूर रखी। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक दोनों में इस बात को लेकर एक राय थी कि पंजाब में भाजपा और अकाली दल को रोकने के लिए पार्टी में एकजुटता जरूरी है।
जानकारी के मुताबिक जल्द ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और सिद्धू के बीच भी मुलाकात हो सकती है जो दोनों में तल्खी ख़त्म करने के मुख्य सूत्रधार रहे हैं। यह माना जाता है कि सिद्धू शहरी विकास मंत्रालय वापस चाहते हैं, जो उन्हें दिया जा सकता है। इसके अलावा उनके पास बिजली महकमा भी जा सकता है। कैप्टेन जल्दी ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं और मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के अलावा एक-दो मंत्रियों को हटाया या जोड़ा जा सकता है।
हाल में पंजाब विधानसभा में जब मोदी सरकार के किसान कानूनों के खिलाफ कैप्टेन सरकार अपना बिल लेकर आई थी तो सिद्धू को खुद कैप्टन ने फोन करके कहा था कि सदन में उनके (सीएम) बाद सिद्धू को ही बोलना है। बता दें मंत्री पद छोड़ने के बाद सिद्धू ने विधानसभा की बैठकों में आना भी छोड़ दिया था। इसके बाद 4 नवंबर को भी दिल्ली में इसी मसले पर दिए धरने में भी सिद्धू अमरिंदर सिंह के साथ शामिल हुए थे। दोनों नेताओं के बीच सुलह की यह कोशिशें तब हो रही हैं जब पंजाब के किसान मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
बता दें अमरिंदर सिंह ने पिछले साल मई में सिद्धू पर स्थानीय निकाय विभाग को सही से नहीं संभाल पाने का आरोप लगाया था जिससे सिद्धू बहुत खफा हो गए थे।
बाद में मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग सीएम ने ले लिए तो दोनों के बीच गहरी रेखा खिंच गयी। पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं लिहाजा आज दोनों की बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन; मोदी, सोनिया, राहुल ने शोक जताया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे राज्य सभा सदस्य अहमद पटेल का निधन हो गया है। पटेल एक महीना पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे और उनका लगातार इलाज चल रहा था। उनके बेटे फैजल पटेल ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पिता का आज तड़के 3.30 बजे निधन हो गया। एक बेहतरीन रणनीतिकार पटेल के जाने से निश्चित ही कांग्रेस को बड़ा नुक्सान हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सभी पार्टी नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।
कांग्रेस पार्टी में चाण्यक्य कहे जाने वाले पटेल (71) का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। पटेल को बुधवार को गुजरात के भरूच स्थित उनके पैतृक गांव पीरामन में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। पटेल को गांधी परिवार के सबसे विश्वस्त नेताओं में गिना जाता था।
पहली अक्टूबर को अहमद पटेल ने खुद एक ट्वीट कर कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। ज़मीन से जुड़े नेता पटेल तीन बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा के सदस्य रहे। अगस्त 2018 में उन्हें कांग्रेस का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था। पटेल पहली बार 1977 में भरूच से लोकसभा चुनाव जेटी थे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी। ज़मीन से मजबूती से जुड़े होने के बावजूर पटेल ने जीवन भर पर्दे के पीछे की राजनीति की, जिसमें उन्हें माहिर माना जाता था।
पटेल को कांग्रेस में गांधी परिवार के सबसे विश्वस्त नेताओं में। साल 1993 से वे लगातार राज्यसभा सदस्य थे। पटेल की इच्छा थी कि उन्हें उनके माता-पिता के साथ ही दफन किया जाए, जिसके बारे में उन्होंने अपने बेटे को पहले की बता दिया था। उनके बेटे फैजल ने ट्वीट में कहा कि वे बेहद दुख के साथ अपने पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु की घोषणा कर रहे हैं।
फैजल ने कहा कि 25 तारीख को सुबह 3.30 पर उनके पिता का निधन हो गया। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और वे मल्टी ऑर्गन फेल्यिोर के शिकार हो गए। फैज़ल ने कहा कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। फैजल पटेल ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करें और भीड़ भाड़ में जाने से बचें।
मुख्यमंत्रियों से बैठक में पीएम मोदी ने कहा, अभी पता नहीं कोरोना वैक्सीन कब आएगी
भारत में कोविड के मामले बहुत तेजी से बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 महामारी को लेकर वर्चुअल बैठक की। मोदी ने बैठक में बड़ी बात कही कि हम नहीं जानते भारत में कोविड वैक्सीन कब आएगी। बैठक में मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के जीएसटी में राज्य का हिस्सा जल्द देने की मांग की वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में कोरोना संक्रमण बढ़ने के लिए कई कारणों को जिम्मेदार बताया है।
अभी तक वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर किये जा रहे दावों के विपरीत पीएम मोदी ने कहा कि हम नहीं जानते भारत में कोविड वैक्सीन कब आएगी। बता दें आज ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था।
मोदी ने आज कहा – ‘देश में वैक्सीन आने का समय अभी तय नहीं कर सकते हैं। हमें अभी नहीं पता कि वैक्सीन कब आएगी। हमारे वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं। वैक्सीन को लेकर कुछ लोग राजनीति भी कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मैं राजनीति करने से रोक नहीं सकता हूं।’ जाहिर है मोदी की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ब्यान के संदर्भ में जिन्होंने सरकार पर वैक्सीन को लेकर निशाना साधा था। गांधी ने
ट्वीट करके वैक्सीन पर मोदी सरकार से सवाल पूछे थे।
मुख्यमंत्रियों का पक्ष सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा – ‘प्रत्येक नागरिक के लिए कोरोना वायरस का टीकाकरण एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है। प्रत्येक राज्य और हितधारक को यह सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के रूप में काम करना होगा क्योंकि यह मिशन के तौर पर व्यवस्थित, सुचारू और निरंतर प्रयास है। मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि वे जल्द से जल्द विस्तृत योजनाएं भेजें। यह निर्णय करने में हमारी मदद करेगा क्योंकि आपके अनुभव मूल्यवान हैं। मुझे आपकी समर्थक सक्रिय भागीदारी की आशा है। टीका का काम चल रहा है लेकिन मेरा आपसे अनुरोध है कि इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए, कोरोना से लड़ाई ढीली नहीं पड़नी चाहिए।’
कोरोना वैक्सीन निर्माण पर पीएम ने कहा कि भारत सरकार वैक्सीन डेवलप्मेंट को ट्रैक कर रही है। हम भारतीय वैक्सीन डेवलपर्स और निर्माताओं के संपर्क में हैं। हम वैश्विक नियामकों, अन्य देशों की सरकारों, बहुराष्ट्रीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ भी संपर्क में हैं। मोदी ने कहा – ‘हमारे लिए सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है, जितनी भी वैक्सीन अपने नागरिकों को दी जाएंगी वह सभी वैज्ञानिक मानकों पर सुरक्षित होंगी। राज्यों के साथ सामूहिक समन्वय के साथ वैक्सीन वितरण की रणनीति तैयार की जाएगी। राज्यों को भी कोल्ड स्टोरेज की सुविधा शुरू करनी चाहिए।’
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में लोगों का इलाज ठीक चल रहा है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के जीएसटी में राज्य का हिस्सा जल्द देने की मांग की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ने के लिए कई कारणों को जिम्मेदार बताया। केजरीवाल ने कहा – ‘दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण भी कोरोना संक्रमण बढ़ा है। प्रदूषण बढ़ने के लिए किसानों का पराली जलाना मुख्य कारण है। पराली के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार को प्रयास करना चाहिएं।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में कोरोना संक्रमण की लहर फिर देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बड़े महानगरों को विशेष सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में फिर से फैल रहा संक्रमण खतरनाक हो सकता है और दिक्कतें बढ़ा सकता है।
असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई का निधन
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई का निधन हो गया है। वे 86 साल के थे और काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। गोगोई के निधन की खबर से असम में शोक की लहर है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर शोक जताया है।
गोगोई की हालत तीन दिन से काफी नाजुक थी और उनका गुवाहाटी के जीएमसीएच में इलाज चल रहा था। वो वेंटिलेटर पर थे। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। दो दिन पहले सांस लेने के दिक्कत के बाद उनकी हालत नाजुक हो गयी थी। बीच-बीच में कुछ सुधार भी दिखा लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई थी।
रविवार को जीएमसीएच के चिकित्सकों ने कहा था कि गोगोई की स्वास्थ्य स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन खतरा बना हुआ है। गोगोई को गहन निगरानी में रखा गया था। इससे पहले गोगोई ने आईसीयू से एक ऑडियो टैप जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जीवन के आखिर तक राज्य के लोगों की सेवा ही उनका उद्देश्य है।
असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की स्वास्थ्य स्थिति में तेजी से सुधार की कामना की थी। सीएम अस्पताल के अधिकारियों से तरुण गोगोई की स्वास्थ्य स्थिति पर नियमित रूप से जानकारी लेते रहे। स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा के अनुसार तरुण गोगोई के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई (86) को 2 नवंबर को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया था। पोस्ट-कोविड जटिलताओं के कारण उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया।










