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किसान आंदोलन तब तक नहीं रूकेगा जब तक मांग पूरी नहीं होती: किसान संगठन

कोई भी आंदोलन हो या विरोध–प्रदर्शन, राजनीति से प्रेरित होता है। जैसा कि आजकल किसान आंदोलन को लेकर सियासत हो रही है और दिल्ली आने को किसान लगातार प्रयासरत है। अगर कोई भी कहे कि आप पार्टी और कांग्रेस की मिली भगत से ये आंदोलन हो रहा है, तो कोई अनहोनी बात नहीं है। क्योंकि केन्द्र में बैठी भाजपा सरकार के विरोध में कांग्रेस और आप पार्टी कोई भी ऐसा मौका नहीं छोड़ना चाहती है जिससे भाजपा को लाभ हो।

तहलका संवाददाता को किसानों ने बताया कि सरकार की मनमानी और किसान विरोधी कानून के विरोध में अब किसान आर –पार की लड़ाई के मूड़ में है। किसान नेता जगत नारायण ने बताया कि पंजाब से किसानों के साथ जो भाजपा की हरियाणा सरकार ने व्यवहार किया है वो किसी भी सूरत में बर्दास्त योग्य नहीं है। उनका कहना कि आप पार्टी और कांग्रेस ने हमारा समर्थन किया है या नहीं पर विरोध तो नहीं किया है। जगत नारायण का कहना है कि केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर जैसे मनमानी की जा रही है उसको लेकर किसान अब उग्र से उग्र आंदोलन को तैयार है। किसानों के अधिकारों को लेकर जो राजनीतिक दल हमारे साथ है, आगामी चुनावों में किसान उसी के साथ है। जब तक किसानों की मांगों को नहीं मान लिया जाता है तब तक किसान किसी भी हद तक जाने को तैयार है। किसान जंतर-मंतर में प्रदर्शन करके ही रहेगे।

जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद की 43 सीटों पर पहले चरण का मतदान पूरा

जम्मू कश्मीर में धारा 370 निरस्त होने के बाद पहली बार किसी चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 43 सीटों के लिए 2 बजे पूरा हो गया है। अभी यह पता नहीं है कि कितने फीसदी वोट पड़े हैं। इन चुनावों में पहली बार केंद्र शासित राज्य बनने के बाद आज वहां जिला पाकिस्तानी रेफ्यूजी भी वोट के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक मतदान शांतिपूर्ण रहा है।

पहले चरण की वोटिंग कुछ देर पहले 2 बजे ख़त्म हो गयी। इन 7 घंटों में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 43 सीटों के लिए 296 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। इनमें 25 सीटें कश्मीर और 18 जम्मू में हैं। पंच और सरपंच के उपचुनाव के लिए कुल 1179 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 899 पंच और 280 प्रत्याशी सरपंच पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

यही नहीं 16 वॉर्ड के चुनाव भी होंगे। इनमें श्रीनगर के 2 वॉर्ड के लिए 21 और पहलगाम के 9 वॉर्ड के लिए 31 प्रत्याशी मैदान में हैं। अनंतनाग जिले के 5 वॉर्ड चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण की वोटिंग के लिए 2644 पोलिंग बूथ बनाए हैं। यहां 7 लाख 3 हजार 620 वोटर्स वोट करेंगे।

नवंबर-दिसंबर 2018 में पंचायती चुनाव हुआ था। इनमें 33 हजार 592 पंच सीटों पर 22 हजार 214 प्रत्याशी और 4,290 सरपंच पदों पर 3,459 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। बाकी सीटें खाली रह गई थी, जहां अब उप चुनाव हो रहे हैं।

इस चुनाव में पहली बार करीब एक लाख पाकिस्तानी रिफ्यूजी भी वोट  का इस्तेमाल करेंगे। डीडीसी, पंच और सरपंच चुनावों में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी को भी वोट करने का अधिकार दिया गया है। सात दशक में पहली बार ऐसा है कि जब ये रिफ्यूजी राज्‍य में पंचायत स्तरीय चुनाव में वोटिंग कर पाएंगे।

जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के 22 हजार से अधिक परिवार हैं। इनमें करीब एक लाख को वोट का अधिकार है। धारा 370 लागू रहने तक ये रिफ्यूजी केवल लोकसभा चुनाव में ही वोट कर पाते थे। इन्हें विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था।

यह पहली बार है जब जम्मू कश्मीर में राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार समूह बनाया है। इनमें फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है। इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। कश्मीर घाटी में गुपकार समूह कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है जबकि कांग्रेस की भी यहाँ अच्छी पैठ रही है।

पहला चरण आज है जबकि दूसरा पहली दिसंबर, तीसरा 4 , चौथा 7, पांचवां 10, छठा 13, सातवां 16 और आठवां चरण का मतदान 19 दिसंबर को होगा जिसके बाद चुनाव नतीजे घोषित किये जाएंगे।

ईरान ने परमाणु वैज्ञानिक फखरीजादेह की हत्या के लिए इजरायल को ठहराया जिम्मेवार, कहा इसका बदला लेंगे

ईरान के जाने माने परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की हत्या के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेवार ठहराया है। अभी इजरायल ने ईरान के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। फखरीजादेह की शुक्रवार को राजधानी तेहरान के बाहर पूर्वी दमावंद काउंटी में हत्या कर दी गयी थी। फखरीजादेह को ‘द फादर ऑफ ईरानियन बॉम्ब’ कहा जाता था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक फखरीजादेह की राजधानी तेहरान के बाहर पूर्वी दमावंद काउंटी में उनकी कार में शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी। अब घटना के पीछे ईरान ने इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है। ईरान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा – ‘वैज्ञानिक मोहसेन फखरीज़ादेह गंभीर रूप से घायल हो गए, जब हमलावरों ने उनकी कार को निशाना बनाया। बाद में वो शहीद हो गए।’

फखरीजादेह मंत्रालय के रिसर्च और इनोवेशन संगठन का नेतृत्व कर रहे थे। घायल होने के बाद उन्हें डाक्टरों ने बचाने की जी-तोड़ कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए।  घटना के समय फखरीज़ादेह, तेहरान प्रांत की पूर्वी दमावंद काउंटी में एक कार में यात्रा कर रहे थे।

फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इजरायल ने ईरान के आरोप पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि मोहसिन फखरीजादेह को द फादर ऑफ ईरानियन बॉम्ब कहा जाता था।

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने ट्वीट करके लिखा – ‘आतंकवादियों ने आज एक प्रख्यात ईरानी वैज्ञानिक की हत्या कर दी। यह कायरता – इजरायल की भूमिका के गंभीर संकेत हैं – अपराधियों की हताशा दिखाती है।’ उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ‘अपने शर्मनाक दोहरे मानदंडों’ को समाप्त करने और राज्य आतंक के इस कृत्य की निंदा करने को कहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक लंबे अर्से से आरोप लगाए जा रहे थे कि फखरीजादेह 2003 में रोके गए ईरान के गुप्त परमाणु बम कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे। हालांकि ईरान परमाणु हथियार बनाने के आरोप का लगातार खंडन करता रहा है। ईरान के मिलिट्री कमांडर हुसैन देहघन ने ट्वीट में कहा – ‘हम इस हत्या का जोरदार बदला लेंगे और इस घटना के पीछे शामिल लोग अपने किए पर पछताएंगे।’

सिंघु बार्डर पर ही जुटे हैं हजारों किसान, पुलिस कर्मियों को भी खिला रहे अपने लंगर का खाना

मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को ‘काले क़ानून’ बताते हुए आंदोलनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के आगे घुटने टेकने से साफ़ मना कर दिया है। उनका आंदोलन जारी है। दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद भी बड़ी संख्या में किसान हरियाणा-दिल्ली के सिंघु (कुंडली) और टिकरी बॉर्डर पर जमे हैं। किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है लेकिन बहुत कम किसान वहां गए हैं और उनका कहना है कि वहां कोई इंतजाम नहीं है।  किसान आंदोलन का सबसे सकारात्मक पक्ष यह है कि आंदोलनकारी किसान वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी लंगर से खाना खिला रहे हैं। उधर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों को लेकर मोदी सरकार के रुख की कड़ी निंदा की है।

किसानों ने आज सुबह यहां बैठक की और आगे की रणनीति पर विचार किया। पता चला है कि किसान दोपहर में एक और बड़ी बैठक होंगी। इसमें तय होगा कि दिल्ली जाकर विरोध प्रदर्शन करना है या दिल्ली हरियाणा की सिंधू बॉर्डर पर ही धरना देना है। हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर, वाहों के साथ वहां डटे हैं। उनका कहना है कि वो अगले 6 महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। आंदोलनकारी किसान बाकायदा लंगर लगा रहे हैं और खाना सिर्फ अपने लिए नहीं बना रहे बल्कि डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी खिला रहे हैं।

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार विवादित कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक वे यहीं जमे रहेंगे। वे अपनी पूरी तैयारी करके आए हैं। उनके पास भरपूर मात्रा में राशन है। उधर पंजाब से हजारों की संख्या में और किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। कहा जा रहा है कि पंजाब के इन किसानों को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों का समर्थन मिला है। यदि यह किसान आंदोलन लंबा चलता है तो इन राज्यों के किसान भी दिल्ली कूच कर सकते हैं।

किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है, लेकिन ज्यादातर किसान सिंघबारदार पर जमे हैं। कल देखा गया था कि किसानों को रोकने के लिए सरकार ने सड़कें तक खोदकर उनमें गहरे गड्ढे बना दिए। वैसे कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है।

भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल इ मुताबिक कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे। फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठकें हो रही हैं जिनमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 सिदंबर को बातचीत का प्रस्‍ताव दिया है। केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए हैं।

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चार तस्वीरें ट्वीट कर किसानों के मसले पर सरकार को घेरा है। ट्वीट में प्रियंका गांधी ने लिखा – ‘भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। लेकिन किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं।  दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, लेकिन सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?’

प्रियंका गांधी का ट्वीट –
Priyanka Gandhi Vadra
@priyankagandhi
भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए। जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आएं तो वह गलत?

विधानसभा में एक-दूसरे पर जमकर बरसे सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी उखड़े हुए नजर आये। उन्होंने सदन में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के भाषण के जवाब में कई बार कड़वे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं किया। सीएम, तेजस्वी के आरोपों से काफी बोखलाए हुए दिखे और उन्होंने तेजस्वी पर ताबड़ तोड़ हमले किये। हाल के विधानसभा के चुनाव में नीतीश को क्षेत्रीय दल के तौर पर तेजस्वी  उनकी आरजेडी से न केवल तगड़ी चुनौती मिली बल्कि तेजस्वी की पार्टी सबसे ज्यादा सीटें में भी सफल रही।

विधानसभा में आज पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश यादव पर जबरदस्त हमले किये और जवाब में नीतीश उनपर खूब बरसे। नीतीश ने कहा कि ‘हम अब तक चुप थे। यह हमारे बेटे के समान हैं। इनके पिताजी (लालू प्रसाद) हमारी उम्र के हैं। तुमको डिप्टी सीएम किसने बनाया था? आप चार्जशीटेड हो, तुम क्या करते हो, हम सब जानते हैं।’

अब यह बता देते हैं कि तेजस्वी यादव ने विधानसभा में क्या कहा था। तेजस्वी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू को 9 बच्चों की बात करते थे। कहते थे बेटी पर भरोसा नहीं था, बेटा के लिए 9 बच्चे हुए। क्या नीतीश जी को लड़की पैदा होने का डर था, इसलिए उन्होंने दूसरा बच्चा नहीं पैदा किया? वह (नीतीश) 1991 में हुई एक हत्या के मामले में शामिल हैं।’

यही नहीं तेजस्वी ने नीतीश पर कंटेंट चोरी के मामले में उन पर लगे 25 हजार रुपये जुर्माने का भी जिक्र किया। इसके अलावा तेजस्वी ने सृजन घोटाले से भी नीतीश कुमार का नाम जोड़ा। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार पर तेजस्वी की टिप्पणी के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। एक मौके पर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष से संयमित भाषा का इस्तेमाल करने और निजी बातों की बजाए विकास की बातों पर चर्चा करने का आग्रह किया।

अब बारी नीतीश कुमार की थी। तेजस्वी के आरोपों से बौखलाये नीतीश कुमार ने सदन में कहा ‘कि हम अब तक चुप थे। यह हमारे बेटे के समान हैं। इनके पिताजी हमारी उम्र के हैं। ये झूठ बोलते हैं। जो चार्जशीटेड हैं, वो हम पर सवाल उठा रहे हैं। मेरे खिलाफ हत्या के एक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट लोग गए, लेकिन वहां से भी हार का सामना करना पड़ा। भला बताइए क्या हम यह काम कर सकते हैं।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों का उल्लंघन कर काम नहीं होना चाहिए। अध्यक्ष महोदय को भी चाहिए कि नियमों का उल्लंघन नहीं हो, ताकि सदन की गरिमा बनी रहे। नीतीश कुमार ने कहा एक वोट से भी जीत जीत होती है। किसी को कोई परेशानी है तो कोर्ट जाए।

सुशील मोदी बिहार से राज्य सभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार होंगे

एनडीए की साथी चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को झटका देते हुए भाजपा ने बिहार की खाली राज्य सभा सीट के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। सुशील मोदी ने दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के भाजपा के एक विधायक को ‘लालच देकर’ तोड़ने की कोशिश का ‘खुलासा’ किया था।

इस बार नीतीश सरकार में भाजपा ने जब सुशील मोदी को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया था तो मोदी के खेमे से कुछ नाराजगी वाली बातें सामने आई थीं, हालांकि, खुद मोदी ने सिर्फ एक ट्वीट में ‘नाराजगी’ वाली भाषा इस्तेमाल की थी जब उन्होंने लिखा कि ‘एक भाजपा कार्यकर्ता के नाते तो उन्हें कोइ बाहर नहीं कर सकता’।

बता दें बिहार की राज्य सभा सीट एलजेपी नेता और मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई है। चिराग पासवान के नेताओं ने इस सीट से दिवंगत नेता की पत्नी रमा पासवान को उमीदवार बनाने की मान वाली मुहिम तेज की हुए थी, लेकिन भाजपा ने जदयू को नाराज नहीं करते हुए सुशील मोदी को उमीदवार  बना दिया है।

यह माना जाता है कि सुशील मोदी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में अगले  फेरबदल में मंत्री बनाया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल में मंत्री सुवेंदु अधिकारी का मंत्री पद से इस्तीफा

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बागी तेवर दिखा रहे सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनके तृणमूल कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर वह पार्टी में आना चाहते हैं तो उनके लिए दरवाजे खुले हैं। बता दें कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए आवाजाही का दौर आने वाले समय में और देखने को मिल सकता है।
ममता दीदी को सत्ता तक पहुंचाने वाले नंदीग्राम आंदोलन का चेहरा रहे अधिकारी ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा फैक्स करने के बाद राज्यपाल को ई-मेल किया। इससे पहले, अधिकारी ने बुधवार को हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर का चेयरमैन पद छोड़ दिया दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य सरकार से मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा भी वापस कर दी थी। इसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
इस पर, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मंत्री का इस्तीफा शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ टीएमसी नेताओं का गुस्सा है। हालांकि उन्होंने अधिकारी के भाजपा में शामिल होने पर कुछ नहीं कहा। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी पार्टी में संगठनात्मक बदलाव से खुश नहीं थे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय को अधिकारी को मनाने का जिम्मा सौंपा गया था। अपने गृह जिले पूर्वी मिदनापुर के अलावा सुवेंदु अधिकारी का पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और झारग्राम की करीब 35 से 40 सीटों पर खासा प्रभाव रखते हैं।
इस बीच, पार्टी छोड़ने की इच्छा जता चुके टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी शुक्रवार को भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के साथ दिल्ली रवाना हो गए। वे जल्द भाजपा में शामिल होंगे।
तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, सुवेंदु ने पार्टी या विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मुझे विश्वास है कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से उनकी मुलाकात की खबरें सरासर झूठी हैं।

राजौरी-पुंछ में पाकिस्तान की गोलीबारी में जेसीओ सहित 3 जवान शहीद

सीमा पर पाकिस्तान लगातार युद्धविराम उल्लंघन कर रहा है और उसकी तरफ से गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गयी हैं। नई घटना में जम्मू संभाग के सुंदरबनी सैक्टर में शुक्रवार को सेना के 2 जवान शहीद हो गए जबकि गुरुवार देर शाम पुंछ सेक्टर में एक जेसीओ शहीद हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने जम्मू संभाग के राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में भारतीय चौकियों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की।

सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने शुक्रवार कहा कि पाकिस्तान सेना ने आज सुबह राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास  युद्धविराम उल्लंघन किया और गोलीबारी की। भारतीय सेना ने दुश्मन की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तानी फाइरिंग के बाद लगी आग बुझाते हुए सेना के दो जवान नाइक प्रेम बहादुर खत्री और राइफलमैन सुखबीर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक सुखबीर सिंह पंजाब के तरनतारन जिले के खवासपुरा और प्रेम बहादुर खत्री यूपी के महाराजगंज जिले के सरोजनी नगर के रहने वाले थे।

पुंछ सेक्टर में गुरुवार शाम एक जूनियर कमीशंड अफसर (जेसीओ) भी शहीद  हो गए थे जब पाकिस्तानी सैनिकों ने अंधाधुंध मोर्टार दागे। उनका नाम सूबेदार स्वतंत्र सिंह था।  पाक हमले में एक नागरिक भी घायल हो गया। सिंह उत्तराखंड के कोटद्वार तहसील के ओडियारी गांव के रहने वाले थे।

राजकोट में कोविड-19 अस्पताल में आग से 5 मरीजों की मौत, पीएम ने दुःख जताया

गुजरात के राजकोट में एक कोविड-19 अस्पताल में आग लग जाने से गुरुवार देर रात  5 मरीजों की मौत हो गयी। गुरात में यह इस तरह की दूसरी घटना है। पीएम मोदी ने इस पर गहरा दुःख जताया है।

जानकारी के मुताबिक घटना राजकोट सिटी के शिवानंद कोविड-19 अस्पताल की है जहाँ आज सवेरे आग लगने की घटना हुई। आग अस्पताल के आईसीयू विभाग में लगी और पूरी भवन में फ़ैल गयी। हादसे में 5 मरीजों की जान चली गयी।

दमकल विभाग के मुताबिक अस्पताल में कोरोना वायरस से पीड़ित जिन 30 अन्य मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है। दमकल विभाग के मुताबिक मावडी इलाके के उदय शिवानंद अस्पताल के आईसीयू में गुरुवार देर रात करीब एक बजे आग लगी। आईसीयू में उस समय सात मरीज भर्ती थे।

आग लगने की जानकारी मिलते ही दमकल टीम तुंरत मौके पर पहुँची और 30 मरीजों को सुरक्षित वहां से निकाला। आईसीयू में भर्ती पांच मरीजों की मौत हो गई।

आग पर बाद में काबू पा लिया गया। आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया।

बता दें अगस्त में भी गुजरात के ही अहमदाबाद के चार मंजिला निजी अस्पताल की सबसे ऊपर की मंजिल पर आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित आठ मरीजों की मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने राजकोट की इस घटना में हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएमओ ने पीएम मोदी के हवाले से ट्वीट में कहा – ‘राजकोट में अस्पताल में आग लगने से हुई जनहानि से बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोने वालों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित कर रहा है।’

देश में  कोरोना के मामले
देशभर में कोरोना वायरस के अब 93,09,788 मामले हो गए हैं। अब तक 1,35,752 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कुल 87,18,517 इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना को मात देकर ठीक होने वालों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से अधिक है। सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,55,555  है।

सिंघु बार्डर पहुंचे आंदोलनकारी किसान, आंसू गैस के गोले दागे पुलिस ने; एक हादसे में किसान की मौत

आंदोलनकारी किसान सोनीपत-दिल्ली के बीच सिंघु (कुंडली) बार्डर पहुँच गए हैं। दिल्ली कूच के तहत सिंधु बार्डर पहुंचे किसानों पर पुलिस ने अब से कुछ देर पहले आंसू गैस के गोले छोड़े हैं, लेकिन किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। वहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। किसानों का कहना है कि सरकार चाहे गोलियां चला ले, वो दिल्ली जाने से पीछे नहीं हटेंगे। किसानों के साथ उनके परिवार, महिलाऐं और बच्चे भी शामिल हैं।
इस बीच दिल्ली कूच पर जा रहे एक किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा भिवानी जिले के मुंढाल गांव के पास बैरियर पर हुआ। एक ट्रक ने किसानों की ट्रैक्टर ट्राली को पीछे से टक्कर मार दी जिससे ट्रैक्टर में सवार किसान धन्ना सिह (45) की मौके पर ही मौत हो गई। धन्ना सिंह पंजाब के खयाली चेहला वाली गांव जिला मानसा थाना चनीर निवासी था। गुस्साए किसानों ने पुलिस को किसान का शव कब्जे में नहीं लेने दिया। हादसे के बाद वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दो किसान घायल भी हुए।
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उधर हलदाना बॉर्डर से रात को चलकर सुबह किसान दिल्ली की ओर कूच कर गए। दस बजे के करीब ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर करीब 500 किसानों का जत्था सोनीपत-दिल्ली सीमा पर सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पहुंचा। वहां बीएसएफ और सीआइएसएफ के जवानों ने पहले से ही भारी पत्थरों को अड़ाकर बैरिकेडिंग की हुई है लेकिन किसान बेरिकेडिंग तोड़कर आगे जाने की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ रही है।
बैरिकेडिंग पर कांटेदार तारों की बाड़ लगाई गई है। किसान हर बाधा को पार कर दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से लगातार एनाउंसमेंट की जा रही है कि किसान पीछे हट जाएं, लेकिन किसान हर हाल में दिल्ली जाने की बात कह रहे हैं। बॉर्डर पर किसान और पुलिस बल आमने-सामने हैं। पानीपत की ओर से लगातार किसान आकर बार्डर पर एकत्र हो रहे हैं। पुलिस ने किसानों को बार्डर से पहले कुंडली की सीमा में ही रोक लिया है।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली जाने वाले किसानों का एक जत्था पंजाब से नेशनल हाईवे पर समालखा-गन्नौर के बीच हलदाना बार्डर पर रात को ही पहुंच गया था। देर रात को हलदाना बार्डर पर पुलिस के भारी इंतजामों को फेल करते हुए किसान दिल्ली की ओर रवाना हो हुए। ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर किसान सुबह सोनीपत-दिल्ली सीमा पर भारी पुलिस बल ने कुंडली की सीमा पर बैरिकेड की मदद से किसानों को रोका।
जत्थे में शामिल किसानों का कहना है कि वे हर हाल में रात को ही यहां से दिल्ली जाएंगे। बैरिकेड्स के एक तरफ किसानों का जत्था था तो दूसरी तरफ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने जत्थे को चेताया कि कानून व्यवस्था बिगड़ने नही दी जाएगी धारा 144 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। आगे जाने का रास्ता नहीं होने के कारण फिलहाल किसान बार्डर के पास डटे हुए हैं।
उधर कुंडली बार्डर पर पहुंचे किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस के जवान यहां पर तैनात हैं। बैरिकेडिंग पर कंटीले तारों की बाड़ लगाई गई है। सोनीपत के जिला उपायुक्त श्यामलाल पूनिया और पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा मौके पर मौजूद रहकर हालात का जायजा ले रहे हैं। पुलिस ने एक नाका बहालगढ़ में लगाया है। यहां पर दिल्ली की ओर किसी भी वाहन को नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। वाहनों को वापस लौटाया जा रहा है।