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मोदी ने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की, नगरोटा मामले के बाद सुरक्षा पर चर्चा

जम्मू कश्मीर के नगरोटा में गुरुवार को चार आतंकियों के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और विदेश सचिव के अलावा टॉप खुफिया अधिकारी शामिल हुए। इस मौके पर चार आतकियों को मार गिराने के लिए पीएम ने इसे बड़ी कामयाबी बताते हुए सुरक्षा बलों की तारीफ़ की।

जानकारी के मुताबिक बैठक में मोदी ने सुरक्षा को लेकर जानकारी ली और यह भी कहा कि अत्याधिक चौकसी बरती जाए। बैठक में पीएम ने सुरक्षा बलों की जमकर तारीफ़ की और कहा कि हमारे जवानों ने एक बार फिर से बहादुरी और पेशेवर होने का परिचय दिया है।  मोदी ने कहा कि उनकी सतर्कता को धन्यवाद जिसके चलते जम्मू कश्मीर में खतरनाक साजिश विफल हो गयी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को ढेर करने और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और बारूद बरामद किए जाने के बाद यह जाहिर होता है कि उनकी तबाही की बड़ी योजना को विफल कर दिया गया।

बता दें गुरुवार को जम्मू के नगरोटा में एक नाके पर कश्मीर की तरफ जा रहे एक ट्रक को अब रुकने को कहा गया तो भीतर बैठे आतिंकियों ने गोली बारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों को ट्रक में ही ढेर कर दिया था। आशंका थी कि यह आतंकी कश्मीर में डीडीसी चुनावों में गड़बड़ करने की तैयारी में थे।

सोनिया गांधी ने आर्थिक, विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा समितियां बनाईं; आज़ाद, आनंद और थरूर शामिल, सिब्बल को नहीं मिली जगह  

कांग्रेस में हाल की हलचल के बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है। इन समितियों में उन सभी नेताओं को जगह दी गयी है जिन्होंने हाल में पार्टी नेतृत्व के मसले पर विरोधी सुर निकाले थे। दिलचस्प यह है कि सोनिया गांधी ने इनमें से एक भी समिति में राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को शामिल नहीं किया है न ही इनमें कपिल सिब्बत को जगह मिली है जिन्होंने तीन दिन पहले बिहार के चुनाव के बाद नेतृत्व को लेकर टिप्पणी की थी।

जानकारी के मुताबिक तीन कमेटियों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जगहदी गयी है।

यह समितियां आर्थिक, विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से संबंधित हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम तीनों समितियों में शामिल है। ‘बगावत’ वाला पात्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और शशि थरूर जैसे नेताओं को भी इन समितियों में जगह दी गयी है। यह नेता कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग उठाते रहे हैं।

सोनिया गांधी ने आर्थिक मामलों की समिति में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को शामिल किया है जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर बनी कमेटी में राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद को शामिल किया गया है। विदेश मामलों की समिति में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद संयोजक बनाये गए हैं।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक ब्यान में बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के गठित ये समितियां विदेश, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मामलों को लेकर नीतियों और मुद्दों पर विचार कर उन्हें सूचित करेंगी। आर्थिक मामलों की समिति में मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। जयराम रमेश इस समिति के संयोजक होंगे।

विदेश मामलों की समिति में मनमोहन, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, सांसद शशि थरूर और सप्तगिरी उलका शामिल हैं। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इस समिति में संयोजक बनाए गए हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी समिति में मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली और वैथिलिंगम शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री विंसेट पाला इस समिति के संयोजक होंगे।

डाक्टरों के सुझाव के बाद प्रदूषण को देखते हुए सोनिया गांधी कुछ समय के लिए राहुल के साथ गोवा शिफ्ट

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद डाक्टरों की सलाह पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कुछ समय के लिए गोवा शिफ्ट होना पड़ा है। दमा से पीड़ित सोनिया गांधी को डाक्टरों ने चेताया था कि उन्हें यहां स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दिक्कत आ सकती है। अब सोनिया डाक्टरों की बात मानते हुए बेटे राहुल गांधी के साथ शुक्रवार को पणजी पहुंची हैं।

जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी को सीने में एक पुराने संक्रमण की समस्या के कारण कुछ दिन पहले ही डाक्टरों  ने अल्प समय के लिए दिल्ली से बाहर जाने का सुझाव दिया था। अब सोनिया गांधी बेटे राहुल गांधी के साथ शुक्रवार को गोवा के पणजी पहुंच गयी हैं।

पहले चर्चा थी कि की सोनिया गांधी डाक्टरों की सलाह को देखते हुए कुछ दिन के लिए गोवा या चेन्नई जा सकती हैं। अब शुक्रवार दोपहर सोनिया दिल्ली से पणजी चली गयी हैं। जुलाई के आखिर में स्वास्थ्य संबंधी समस्य आने के बाद सोनिया गांधी कुछ दिन गंगाराम अस्पताल में डाक्टरों की निगरानी में रही थीं। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी वो चिकित्सा निगरानी में हैं। डाक्टर उनके सीने में संक्रमण के लगातार बने रहने से चिंतित हैं। खासकर उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि दिल्ली में वायु प्रदषण की मौजूदा स्थिति उनकी सेहत के प्रतिकूल है।

दिल्ली में हाल में प्रदूषण बढ़ने के बाद सोनिया का अस्थमा बढ़ गया है और उनके छाती के संक्रमण को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें कुछ दिन के लिए दिल्ली से बाहर रहने की सलाह दी। सोनिया 12 सितंबर को अपनी नियमित चिकित्सा जांच के लिए विदेश भी गईं थीं। बाद में भारत लौटने पर डाक्टरों ने सोनिया गांधी को ऐसे स्थान पर जाने को कहा था जहां पर प्रदूषण का स्तर कम हो।

एबी डीविलियर्स अब बने परी के पापा -2012 में ताजमहल के सामने प्रेमिका डैनियल को किया था प्रपोज

दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला क्रिकेटर एबी डीविलियर्स एक बार फिर पिता बने हैं। एबी की पत्नी डैनियल ने पिछले हफ्ते अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया। डीविलियर्स और डैनियल इस बार परी के पापा- मम्मी बने हैं। आईपीएल-13 में आरसीबी की ओर से खेलने वाले डीविलियर्स ने फैंस के साथ इस खुशखबरी को हफ्ते भर बाद साझा किया है।
डीविलियर्स के साथ-साथ पत्नी डेनियल ने भी इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो शेयर की है। जोड़े ने अपनी नवजात बेटी का नाम येंते रखा है। फोटो कैप्शन में लिखा गया, हम अपनी दुनिया में एक खूबसूरत बेबी गर्ल का इस्तकबाल करते हैं। आप हमारे परिवार के लिए अमानत हैं। आपको पाकर हम आभारी हैं।
एबी ने निजी जिंदगी के कई राज आत्मकथा में खोले हैं। 2008 में पहली नजर में ही डेनियल से प्यार कर बैठे एबी ने 2012 में ताजमहल के सामने प्रपोज किया और फिर 2013 में शादी जी। 2015 में पहले बेटे एबी डीविलियर्स जूनियर और 2017 में जॉन रिचर्ड डीविलियर्स के माता-पिता बने।
2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले इस खिलाड़ी ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए 2004 से 2018 तक 228 वन-डे और 114 टेस्ट मैच में क्रमश: 9577 और 8765 रन बनाए। सबसे तेज वन-डे इंटरनेशनल शतक का रिकॉर्ड भी एबी के नाम है। मिस्टर 360 ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों में 149 रन बनाए थे। क्रिकेट के अलावा कई अन्य खेलों में भी मास्टर हैं एबी डीविलियर्स।

कोरोना का कहर लगातार जारी, व्यापारी और लोग आने-जाने से रहे है डर

कोरोना का कहर लगातार जारी है। कोरोना को लेकर सियासत का बाजार गर्म है। लेकिन इस सब में अगर किसी को नुकसान है तो, वो है जनमानस आम लोग । कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर दिल्ली के लोगों का कहना है कि सरकार की लापरवाही का नजीजा है। जो दिल्ली में कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। आलम ये है कि लोग अब घरों से निकलनें से डर रहे है। एक राज्य से दूसरे राज्य में आने –जाने से डर रहे है, कि कहीं किसी राज्य में कोरोना के कारण लाँक डाउन ना लग जाये तो उनको आने-जाने में दिक्कत हो जाये।

दिल्ली के निवासी सरदार इन्द्रजीत का कहना है कि चाहे दिल्ली सरकार हो या केन्द्र सरकार दोनों ने मिलकर कोरोना को लेकर सियासत ही की है। कोरोना को लेकर कोई ठोस रोकथाम पर काम नहीं किया है, जिसके कारण आज कोरोना का कहर लोगों में तामाम तरह की आशंकायें पैदा कर रहा है। दिल्ली में नवम्बर माह के शुरू से ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे, तभी अगर केन्द्र और दिल्ली सरकार ने मिलकर कोरोना रोको अभियान चलाया होता तो ये दिन ना देखने पड़ते जो आज देखने पड़ रहे है।

गत एक सप्ताह से 90 अधिक लोगों की कोरोना से मौत होने के कारण दिल्ली के लोग डरे हुये है।  डाँक्टर अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना के नाम पर सही तरीके से सरकार काम नहीं कर रही है ,बल्कि तानाशाही कर रही है जैसे बिना मास्क पर दो हजार रूपये का जुर्माना ठोकना । उनका कहना है कि बाजारों में लोग बिना मास्क लगाये हुये घूमते रहते है, किन –किन पर पुलिस जुर्माना ठोकेगी। इससे बेहत्तर तो ये होता कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करती और लोगों को सुविधाओं के साथ जागरूक करती तो कोरोना का कहर रूकता, वैसे सरकार को सर्दियों में कोरोना को लेकर सर्तकता की जरूरत है। अन्यथा घातक परिणाम सामने आयेगे।

दिल्ली के व्यापारी सुरेश और रघुराम गुप्ता का कहना है कि कोरोना की फिर से वापिसी दिख रही है। इसके कारण अब वे दिल्ली के बाहर मध्य-प्रदेश और गुजरात में अपने व्यापार करने से बच रहे है। क्योंकि उनको डर है कि कहीं कोरोना के कारण लाँकडाउन ना लग जाये जिससे फिर दिक्कत पड़ जाये जो मार्च –अप्रैल में पड़े थे।

यूपी के सड़क हादसे में 6 बच्चों समेत 14 की मौत, विवाह समारोह से लौट रहे थे

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला में प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर देशराज इनारा गांव के पास गुरुवार देर रात एक बड़े सड़क हादसे में 6 बच्चों समेत 14 लोगों की मौत हो गयी। हादसा तब हुआ जब विवाह समारोह से लौट रहे लोगों से भरी एक एसयूवी की एक खड़े ट्रक से टक्कर हो गयी।

ख़बरों के मुताबिक एसयूवी में सवार सभी लोगों की मौत हो गयी। बारातियों से भरी बोलेरो गुरुवार देर रात खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कुंडा थाना क्षेत्र के चौंसा जिरगापुर में गुरुवार को शादी थी। बारात नवाबगंज थाना क्षेत्र के शेखपुर में गई थी। वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद देर रात बच्चों समेत 14 लोग बोलेरो से कुंडा स्थित गांव लौट रहे थे। तेज रफ्तार बोलेरो सड़क पर खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई। इसके बाद चीख पुकार मच गई।

हादसा इतना भयावह था कि मौके पर पहुंचे लोगों के पास जाने की भी हिम्मत नहीं हुई। उधर से गुजरे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद बोलेरो से शवों को बाहर निकाला और कुंडा सीएचसी पहुंचाया। हादसे की सूचना गांव में पहुंची तो वहां मातम छा गया। पुलिस के मुताबिक पंचर होने की वजह से ट्रक सड़क के एक ओर खड़ा था तभी एसयूवी ने पीछे से उसे तेज टक्कर मार दी। पुलिस ने ट्रक में फंसे कार के आधे हिस्से को बाद में बाहर निकाला।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति दुख जताया है। उन्होंने प्रतापगढ़ हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की भी घोषणा भी की है।

बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के मामले में विपक्ष का था लगातार दबाव  

बिहार में सरकार का गठन हुए अभी हफ्ता भी नहीं हुआ है कि उसके एक मंत्री का गुरूवार को इस्तीफा हो गया। चार दिन पहले शिक्षा मंत्री की शपथ लेने वाले मेवा लाल चौधरी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया है। विपक्षी महागठबंधन के नेता लगातार नीतीश सरकार की मेवालाल को लेकर आलोचना कर रहे थे।

बता दें बुधवार शाम मेवालाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे। मेवालाल बुधवार सुबह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी मिले थे। बिहार सरकार में जदयू कोटे से मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाये जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद सहित विभिन्न दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी।

याद रहे मेवालाल को पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पार्टी से निलंबित भी किया गया था। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में आरोपी चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम और लूटने की खुली छूट प्रदान की है? तेजस्वी यादव ने ट्वीट में कहा था – ‘भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगोड़े आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। कुर्सी की ख़ातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।’

राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम और लूटने की खुली छूट प्रदान की है?

अब मेवालाल के इस्तीफे के बाद भाजपा-जदयू गठबंधन को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है। लगातार राजद  आकार पर  मेवालाल को लेकर हमले कर रहे थे।

जम्मू के पास नगरोटा में 4 जैश आतंकी ढेर किये, एक ट्रक में कश्मीर जा रहे थे  

सुरक्षा बलों ने गुरूवार सुबह से चल रही एक मुठभेड़ में जम्मू के पास नगरोटा में 4 आतंकियों को मार गिराया है। यह आतंकी एक ट्रक में छिपकर कश्मीर की तरफ जा रहे थे। इसके बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद कर दिया गया है। इस मुठभेड़ में 4 पुलिस जवान भी घायल हुए हैं। अभी तक 3 आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, चौथे के तलाश जारी है। ट्रक से गोला-बारूद और हथियार भी मिले हैं।

जानकारी के मुताबिक यह मुठभेड़ जम्मू-कटरा मार्ग पर नगरोटा टोल प्लाजा के पास हुई। करीब ढाई घंटे में सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को ढेर कर दिया। मुठभेड़ अभी चल रही है। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक सांबा सेक्टर क्षेत्र से  जैश-ए-मोहम्मद के यह 4 आतंकी भारत में घुसे थे और कश्मीर जा रहे थे। वे एक ट्रक में छिपे थे। डीजीपी के मुताबिक जैश ए मोहम्मद के ये आतंकी विदेशी थे और यहां पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे।

चावल की बोरियों से लदे इस ट्रक में सवार होकर वे पुलवामा-शोपियां जा रहे थे। जम्मू कश्मीर में डीडीसी और पंचायत चुनावों के चलते जबरदस्त चौकसी है, लिहाजा यह आतंकी नगरोटा पहुंचते-पहुँचते सुरक्षा बलों की नजर में आ गए। नाकाबंदी के दौरान जब वाहनों की जांच चल रही थी, सुबह 4 बजकर 45 मिनट ट्रक को रोकते ही उसमें छिपे आतंकियों ने पुलिस टीम पर ग्रेनेड से हमला कर दिया। आतंकी हमला होते पुलिस टीम ने ट्रक को चारों ओर से घेर लिया।

हमले की जानकारी मिलते ही पास की पोस्ट पर तैनात सेना भी तुरंत वारदात स्थाल पर पहुंच गई और आतंकियों के खिलाफ पोजिशन ले ली। किसी अनहोनी को टालने के लिए जम्मू-कश्मीर राजमार्ग को वाहनों के आवागमन के लिए भी बंद कर दिया गया।

करीब ढाई घंटे चली मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने कई बार ट्रक से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन ट्रक को चारों ओर से घेरे हुए सुरक्षाबलों के जवानों ने उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें ट्रक में ही ढेर कर दिया।  मुठभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के 4 जवान मुठभेड़ में घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पश्चिम बंगाल में एक और भाजपा नेता की पीट-पीटकर हत्या, 12 घंटे बंद का आह्वान

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी सरगर्मियों की आहट आने लगी है। इस बीच,  पश्चिम बंगाल में एक और भाजपा नेता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। कूच विहार के तूफानगंज क्षेत्र में देवी काली की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष के दौरान यह घटना हुई है। भाजपा ने इस हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है। घटना के विरोध में भाजपा ने इलाके में 12 घंटे बंद का आह्वान किया है।
पुलिस ने बताया कि भाजपा के बूथ सचिव कलाचंद कर्माकर (55) दो क्लबों के सदस्यों के बीच हो रहे झगड़े को शांत करने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान हुए उन पर हमला हुआ और वह जमीन पर गिर गए। घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। कर्माकर की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उन पर लाठियों से हमला किया गया।
भाजपा नेता सौरव दास ने कहा, कूचविहार में अपना जनाधार खोने से बौखलाई तृणमूल भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करा रही है। हालांकि तृणमूल ने भाजपा के आरोपों को सिरे से  खारिज कर दिया। उत्तरी बंगाल विकास मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने कहा कि घटना स्थानीय विवाद के कारण हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भाजपा इस मामले को बेवजह राजनीतिक तूल दे रही है।
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी आरोप लगाया है कि कर्माकर की हत्या तृणमूल के राजनीतिक आतंकियों ने की है। उसका एकमात्र दोष यही था कि वह भाजपा का सक्रिय नेता था।

वाहन चलाते समय मास्क लगाना अनिवार्य, हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार

हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि वाहन चलाते समय सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। लॉकडाउन के बाद अप्रैल 2020 में ही यह अनिवार्य कर दिया गया था और यह आदेश अब भी लागू है। सरकार ने यह स्पष्टीकरण एक वकील की याचिका पर जस्टिस नवीन चावला की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान दाखिल हलफनामे पर दिया।
वकील सौरभ शर्मा ने याचिका में निजी कार में अकेले होने का हवाला देते हुए ड्राइविंग के वक्त मास्क न पहनने पर 500 रुपये का चालान किए जाने को चुनौती दी है। इसी मामले में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि 9 सितंबर को वह काम पर जा रहा था और दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कार में अकेले होने के बावजूद मास्क न लगाने के कारण उनका चालान काट दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील पी. वर्गीज ने अदालत को बताया कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के चार अप्रैल के कार्यालय आदेश के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेसवार्ता आयोजित की थी। इस प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया गया था कि कार में अकेले ड्राइविंग करने वाले व्यक्ति के लिए मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है।
अदालत ने 17 सितंबर को इस मामले में नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था। स्वास्थ्य मंत्रालय के वकील ने अदालत के समक्ष सही स्थिति पेश करने के लिए दो सप्ताह का वक्त मांगा था। अदालत ने मंत्रालय को इसके लिए दो हफ्ते का समय देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि इस मामले की सात जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर अतिरिक्त समय की मांग न करें। अदालत ने ऐसी ही दो अन्य याचिकाएं भी 7 जनवरी को ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी हैं।