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बंगाल में भाजपा सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हुईं  

पश्चिम बंगाल भाजपा के टीएमसी नेताओं का दलबदल करवाने के बाद सोमवार को भाजपा को तब बड़ा झटका लगा जब उसके सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गईं। यही नहीं टीएमसी ज्वाइन करते हुए मंडल ने आरोप लगाया कि भाजपा अवसरवादियों और दागियों की पार्टी बन गई है। सौमित्र खान बंगाल में भाजपा युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष भी हैं।

भाजपा के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में दावा किया था कि बंगाल में भाजपा सत्ता में लौटेगी। टीएमसी में शामिल होते समय सुजाता मंडल के साथ तृणमूल सांसद सौगत राय और प्रवक्ता कुणाल घोष भी मौजूद थे।

सुजाता ने इस मौके पर कहा – ‘भाजपा अब अवसरवादियों और दागियों की पार्टी बन गई है। मैंने राज्य में पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया था, लेकिन अब भाजपा में कोई सम्मान नहीं है। एक महिला होने के नाते, मेरे लिए पार्टी में रहना मुश्किल था।’ इस बीच उनके सांसद पति भाजपा नेता सौमित्र खान ने धमकी दी है कि ‘वह पत्नी को तलाक दे देंगे’। सौमित्र खान बंगाल में बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं।

बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में वहां तेज घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। इस बीच जाने माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को बड़ा दावा किया है। प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट में कहा – ‘पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को दो अंक का आंकड़ा पार करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। अगर भाजपा दो अंकों से अधिक सीट प्राप्त कर लेती है तो वह ट्विटर छोड़ देंगे।’ किशोर टीएमसी के लिए चुनावी रणनीतिकार हैं।

भारत ने ब्रिटेन से उड़ानों पर लगाई 31 दिसंबर तक रोक : सरकार  

ब्रिटेन में कोरोना का नया और खतरनाक स्ट्रेन आने के बाद सोमवार को भारत ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज दोपहर कहा कि ब्रिटेन में मौजूदा हालात पैदा होने को देखते हुए यह फैसला किया है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर की रात 11 बजकर 59 मिनट तक रोक लगाने का फैसला किया है। बता दें ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप आने के बाद फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, रोमानिया, तुर्की और इटली, कोलंबिया, चिली, कनाडा, कुवैत, सउदी अरब सहित कई अन्य देश भी ब्रिटेन की उड़ान पर रोक लगा चुके हैं।

कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन ने अपनी रेल सेवाओं की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है। इस बीच ऑस्ट्रिया और इटली ने कहा है कि वह ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाएंगे। इटली के विदेश मंत्री लुइगी डी मायो ने ट्वीट करके कहा – ‘सरकार कोरोना वायरस के नए प्रकार से इटली के निवासियों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।’ चेक गणराज्य ने ब्रिटेन से आने वाले लोगों के लिए पृथक-वास के नियम को लागू कर दिया है।

उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) के संक्रमण को लेकर चिंताओं के बीच कहा कि सरकार सतर्क है और घबराने की जरूरत नहीं है। हर्षवर्धन ने कहा – ‘सरकार ने पिछले एक साल में हर वह काम किया है, जो कोविड-19 से निपटने के लिए महत्वपूर्ण था। सरकार हर चीज के बारे में पूरी तरह जागरुक है।’

कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा का निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा का निधन हो गया है। हाल में कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता अहमद पटेल का भी निधन हो गया था। वोरा 92 साल के थे। कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने वोरा के निधन पर गहरा शोक जताया है और कहा है कि उनकी खाली जगह को भरना मुश्किल होगा। वोरा इस साल अप्रैल तक कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रहे थे।

वोरा कांग्रेस ही नहीं  के भी सबसे विश्वस्त नेताओं में से एक थे। पिछले कल ही उनका जन्मदिन था। वोरा 92 साल के थे। लंबे शमत तक वोरा कांग्रेस के खजांची रहे। अहमद पटेल को साल 2018 में कांग्रेस पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पहले, पार्टी के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी मोतीलाल वोरा के पास यह जिम्मेदारी थी। वोरा ने करीब दो दशक तक कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली।

बढ़ती उम्र का हवाला देकर राहुल गांधी ने 2018 में उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त किया था। मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के बारे में कहा जाता है कि वे दोनों आपस में बहुत करीब थे। वोरा इस साल अप्रैल तक कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रहे थे।

कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने वोरा के निधन पर गहरा शोक जताया है और कहा है कि उनकी खाली जगह को भरना मुश्किल होगा। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत आदि ने भी वोरा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वोरा को हाल ही में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। हालांकि, बाद में उनके स्वस्थ होने की खबर आई थी।

कोरोना टीके के हलाल होने या न होने को लेकर असमंजस

अभी कोरोना टीका पूरी तरह से तैयार होकर और उसके असर पर बात भी नहीं बनी है, कि इस बीच इसके हलाल होने या न होने को लेकर बहस छिड़ गई है। अभी अमेरिका और ब्रिटेन में आपातकालीन टीके को मंजूरी दी गई है। अपने देश में अभी आपात स्थिति में भी किसी टीके को मंजूरी नही मिली है। कोरोना टीके तैयार कर रहीं कंपनियों और संस्थानों जैसे फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड, एस्ट्राजेनेका आदि लाख कहती रहें कि इनमें सुअर का मांस उपयोग नहीं हुआ है, फिर भी इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देशों हों इनके रखरखाव पर सवाल उठाए हैं। उन्हाेंने आशंका जताई कि टीकों के भंडारण व ढुलाई के समय पोर्क से बने सरेस जैसे उत्पाद का उपयोग शरीयत के अनुसार यह जायज नहीं हैं।
इंडोनेशिया में इसे लेकर सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया देखने को मिली है। यहां के संगठनों कहना है कि कुछ कंपनियों ने सुअर के मांस के टीकों के निर्माण व रखरखाव के दौरान उपयोग को लेकर स्थिति नहीं की गई है। कोविड-19 से पहले भी कई फार्मा कंपनियां इस मांस के बिना टीका विकसित करने पर काम कर चुकी हैं। मैनिंजाइटिस सहित कई बीमारियों के लिए ऐसे टीके बने हैं।
ब्रिटिश इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव सलमान वकार ने न्यूज़ एजेंसी से कहा, रूढ़िवादी यहूदियों और मुसलमानों में टीके के इस्तेमाल को लेकर शंकाएं जताई जा रही हैं। सिडनी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरनूर राशिद कहते हैं कि टीके में सरेस के उपयोग पर इस्लामी नियमों के अनुसार सहमति नहीं बनने से शंकाएं पैदा हो रही हैं। वे कहते हैं कि अगर टीकों का उपयोग नहीं किया गया तो यह सभी के लिए बेहद नुकसानदेह होगा।
वहीं, इस्राइल के रेबाई संगठन अध्यक्ष रेबाई डेविड स्टेव ने दावा किया कि यहूदी नियमों में सुअर का मांस बेहद जरूरी होने पर बीमारी में उपयोग किया जा सकता है। कोरोना टीके को लेकर आपत्ति नहीं की जानी चाहिए।

आज महाराष्ट्र के किसानों का ‘चलो दिल्ली’, कल अंबानी कॉरपोरेट हाउस’ के बाहर मार्च!

दिल्ली में केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का असर महाराष्ट्र में भी देखा जा रहा है। इस आंदोलन को बल देने के लिए महाराष्ट्र के अलग अलग संगठन अपने अपने तौर पर कोशिश कर रहे हैं। जहां एक ओर किसानोंं का एक संगठन ऑल इंडिया किसान सभा दिल्ली कूच की तैयारी में है वहीं दूसरे संगठन स्वाभिमानी शेतकरी संघटना आदि ‘अंबानी कॉरपोरेट हाउस’ के बाहर मार्च आयोजित करेंगे! स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के अलावा प्रहार संघटना, फार्मर्स एंड पीजेन्ट पार्टी और लोक संघर्ष मोर्चा भी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।

आज, 21 दिसंबर को महाराष्ट्र के 20 जिलों के हजारों किसान नासिक से दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं। पिछले दिनों नाशिक में आयोजित ऑल इंडिया किसान सभा की तरफ से यह घोषणा की गई थी।

ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक नवले के अनुसार दिल्ली व आसपास के इलाकों में पिछले तीन हफ्ते से चल रहे किसान आंदोलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए नाशिक से किसानों का जत्था दिल्ली रवाना होगा। इसी दौरान किसान नेता, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के राजू शेट्टी ने महाराष्ट्र के कई जिलों में केंद्र सरकार के नये कानूनों के खिलाफ प्रदरशन करते हुए , प्रतीकात्मक पुतले भी जलाये थे।

किसान नेता शेट्टी का कहना था कि ये तीन विवादित कृषि कानून अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। हम अडानी और अंबानी को फायदा पहुंचाने और किसानों को गुलाम बनाने की सरकार की नीयत का विरोध करते हैं। 22 दिसंबर को मुंबई में अंबानी कॉरपोरेट हाउस के बाहर किसान मार्च निकाला जाएगा।

सफल रही कांग्रेस में ‘नाराज’ नेताओं को मनाने की कवायद, सोनिया के साथ कई घंटे चली पार्टी की बैठक

आखिर कांग्रेस में ‘नाराज’ नेताओं को मनाने की पहली ही कोशिश सफल रही है। हाल में पार्टी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं के तेवर ठंडे पड़े हैं और शनिवार को कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई उनकी बैठक में उन्होंने पूरी ताकत से पार्टी को आगे ले जाने का प्रण किया। बैठक में  राहुल गांधी भी शामिल थे और उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे दोबारा अध्यक्ष का जिम्मा संभाल सकते हैं। पार्टी आने वाले समय में पंचमढ़ी जैसा बड़ा अधिवेशन करने की तैयारी में भी दिख रही है।

दिग्गज नेता अहमद पटेल के देहांत के बाद पार्टी की यह पहली बड़ी बैठक थी। जानकारी के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी को फिर अध्यक्ष बनाने की मांग उठी। किसी भी नेता ने इसका विरोध नहीं किया। यहां तक कि 23 नाराज नेताओं में जो बैठक में उपस्थित थे, उन्होंने भी इस मांग का समर्थन किया। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और पी. चिदंबरम जैसे पार्टी दिग्गज शामिल हैं। बैठक में सोनिया गांधी ने कांग्रेस को ‘बड़ा परिवार’ बताया।

यह बैठक सोनिया गांधी के आवास दस जनपथ पर हुई। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक बैठक में जब एक सुर से राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग उठी तो सभी नेता राहुल की तरफ देखने लगे बैठक में उपस्थित थे। इस मौके पर आज़ाद, चिदंबरम और आनंद शर्मा जैसे दिग्गजों ने भी इस मांग का समर्थन किया। बाद में राहुल ने कहा कि पार्टी जो जिम्मेवारी उन्हें देगी, उसे वे निभाहेंगे।  बैठक में तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी। गांधी ने ही संकेत दिए कि यदि उन्हें अध्यक्ष का जिम्मा देने की बात होगी तो वे विचार करेंगे।

पिछले लंबे समय में यह पहली बार है जब कांग्रेस के बड़े स्तर पर संगठन को मजबूत करने और ‘नाराज’ नेताओं को खुलकर सुनने की कवायद। खुद सोनिया गांधी ने इस बैठक की पहल की और इसके आयोजन में वरिष्ठ नेता कमलनाथ में बड़ी भूमिका अदा की। इस बैठक को इस लिहाज से भी सफल कहा जाएगा कि इसमें आज़ाद जैसे दिग्गज शामिल हुए, जिन्हें हमेशा से कांग्रेस और गांधी परिवार का वफादार माना जाता है।

बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पी. चिदंबरम, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नेता शामिल हुए। बैठक के बाद ‘नाराज’ नेताओं का कोई ब्यान नहीं आया है, हालांकि, बैठक में उन्होंने संगठन को मजबूत करने की सोनिया गांधी की अपील पर खुले रूप से सहमति जताई।

बैठक के बाद हाल में अस्थाई खजांची बनाये गए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने कहा – ‘सोनिया गांधी ने बैठक में कांग्रेस को एक बड़ा परिवार बताया। साथ ही कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करने की बात कही। पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सभी पार्टी में ऊर्जा भरने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक – ‘ पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इसे लेकर यह बैठक थी। शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर  पार्टी अधिवेशन करेगी। हमने पार्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। यह एक रचनात्मक बैठक थी।’ इस तरह आज की बैठक एक हद तक सफल मानी जाएगी। अभी तक नाराज दिख रहे नेता बैठक के आयोजन से खुश दिखे और उन्होंने अपनी बात भी कही। संभावना है कि पार्टी में आने वाले समय में बड़ा फेरबदल हो सकता है।

टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी शाह की रैली में दलबदल कर भाजपा में शामिल, जीतेंद्र तिवारी ने ममता से माफी मांगते हुए पार्टी में बने रहने का ऐलान किया

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दूसरी पार्टियों से नेताओं को तोड़ने की शुरुआत कर दी है। शनिवार को सत्ताधारी टीएमसी के बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी समेत कई नेता दलबदल करके गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह की सभा में भाजपा में चले गए। उधर टीएमसी से बाहर गए वरिष्ठ नेता जीतेंद्र तिवारी ने ममता बनर्जी से माफी मांगते हुए पार्टी में बने रहने का ऐलान किया है।

शाह की यह रैली मिदनापुर में थी। इसमें टीएमसी, कांग्रेस और माकपा के कई नेता भाजपा में शामिल हुए। पिछले काफी दिनों से यह कयास लग रहे थे कि शुभेंदु दलबदल कर सकते हैं और टीएमसी छोड़ने के बाद उनके भाजपा के साथ जाने की अटकले थीं और आज सही साबित हुईं। शुभेंदु के अलावा पूर्वी बर्द्धमान से टीएमसी सांसद सुनील मंडल भी दलबदल कर टीएमसी से भाजपा में चले गए।

रैली में अमित शाह ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल में एक सांसद, नौ एमएलए, एक पूर्व मंत्री, एक एमओएस, 15 काउंसलर, 45 चेयरमैन और जिला पंचायत के दो अध्यक्ष भाजपा में शामिल हुए हैं। विधायकों में शुभेंदु अधिकारी, तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पंजा, शीलभद्र दत्ता, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यामपदा मुखर्जी, विश्वजीत कुंडू और बंसारी मैती शामिल हैं। पूर्व सांसद दशरथ टिर्के भी भाजपा में शामिल हुए। शुभेंदु ने मंच पर शाह के पाँव छूकर उनका आशीर्वाद लिया।

इस बीच वरिष्ठ टीएमसी नेता जीतेंद्र तिवारी ने शनिवार को ममता बनर्जी से मांफी मांगते हुए पार्टी में ही बने रहने का ऐलान किया। पहले चर्चा थी कि वो भी शाह के कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

देश में कोरोना के मरीज एक करोड़ पार, अगस्त तक 30 करोड़ को लगेगा टीका

भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शनिवार को एक करोड़ के पार हो गया है। इस मामले में हम दुनिया के 220 देशों में जारी करने वाले कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर हैं। अमेरिका में एक करोड़ का आंकड़ा सबसे पहले 290 दिनों में पहुंच गया था। जबकि भारत में इस आंकड़े तक पहुंचेन में 324 दिन लगे हैं। देश में शनिवार को कुल मरीज 1,00,04,599 हो। इसी साल केरल में 30 जनवरी को पहला मरीज मिला था।

अपेन देश में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 3.05 लाख रह गई है। इनका अस्पताल में या फिर होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। बाकी 95.41% संक्रमित अब ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.45% मरीजों की संक्रमण के चलते जान जा चुकी है। दुनिया में सक्रिय मरीजों की संख्या 2 करोड़ है। सबसे ज्यादा 60 लाख अमेरिका, इसके बाद 21 लाख फ्रांस, 7 लाख ब्राजील, 6.67 लाख इटली, 5.51 लाख बेल्जियम, 5.09 लाख रूस, 3.68 लाख यूक्रेन, 3.35 लाख जर्मनी में हैं।

ठीक होने वो मरीजों में भारत दुनिया के शीर्ष पांच संक्रमित देशों में पहले नंबर पर है। यहां अब तक 95.41% लोग ठीक हो चुके हैं। ब्राजील में 87%, रूस में 79.6%, अमेरिका में 58.4% संक्रमित बीमारी को मात दे चुके हैं। सबसे खराब स्थिति फ्रांस की है, जहां अब तक केवल 7.5% मरीज ही ठीक हुए हैं।

अगस्त तक 13 हजार करोड़ रुपये में 30 करोड़ लोगों को टीका

कोरोना को मात देने के लए देश में जनवरी से वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय संकेत दु चुका है कि अगले कुछ हफ्ते में कुछ वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अनुति मिल सकती है। दो कंपनियां पहले ही इसके लिए आवेदन कर चुकी हैं। छह और वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के एडवांस स्टेज में हैं। वहीं, वित्त मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक, अगस्त तक 30 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन पर केंद्र सरकार 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। पहले फेज का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। बिहार और केरल सरकार पहले ही कह चुके हैं कि वे अपने राज्यों में लोगों के टीके का खर्च खुद उठाएंगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता एम जी वैद्य का निधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और पत्रकार एम जी वैद्य का निधन हो गया है। उन्होंने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। नागपुर के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था ।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। वैद्य अपने पीछे पत्नी सुनंदा, तीन बेटियों और पांच बेटें छोड़ गय हैं। एम.जी. वैद्य की शवयात्रा रविवार 20 दिसंबर को सुबह 9.30 बजे रवाना होगी। अंबाजारी घाट पर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

वैद्य ने 1966 पत्रकारिता शुरू की थी। उन्होंने कई महत्वपूर्ण,संवेदन विषयों पर कई उत्कृष्ट लेख, संपादकीय और टिप्पणियां लिखी हैं, उन्हें पत्रकारिता और सामाजिक सेवा क्षेत्र में कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

उन्होंने सुगम संघ नामक एक हिंदी किताब भी लिखी थी, जिसमें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में जानकारी है । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर पर वैद्य को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक, वरिष्ठ संपादक और विचारक एम जी बाबूराव वैद्य को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। बाबूराव सौभाग्यशाली थे कि उन्होंने पूज्य गुरुजी और सभी सरसंघचालकों के साथ काम करने और उन्हें करीब से देखने का मौका मिला।’

हाथरस गैंगरेप और मर्डर मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने दाखिल की अदालत में चार्जशीट

बहुत उलझनों और कई अप्रासंगिक बातों के बाद आखिर उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती से गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। हाथरस का मामला सुर्ख़ियों में रहा है और जब आधी रात को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लड़की के शव को बिना परिजनों की मंजूरी के जला दिया था तो देश भर में गुस्सा पैदा हो गया था। इस मामले की घटनाओं के चलते योगी आदित्यनाथ सरकार को खूब फजीहत झेलनी पड़ी थी और उसकी देश भर में आलोचना हुई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आज आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर मीडिया के लोगों को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप लगाए हैं। हाथरस में स्थानीय अदालत ने इसका संज्ञान लिया है।

आरोप है कि हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार लोगों ने 14 सितंबर को बलात्कार किया था और उसके बाद उसकी निर्दयता से पिटाई भी की गयी थी। बहुत गंभीर हालत में पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था लेकिन 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि बिना उन्हें बताये यूपी पुलिस उसके शव को हाथरस ले गयी थी। बाद में आधी रात को बिना परिजनों को बताये गाँव में उसके शव को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया।

मामला बढ़ने पर और देश भर में इस घटना से गुस्सा फैलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई। सीबीआई ने हाल ही में इस मामले के आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू की गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की फोरेंसिक जांच भी की थी। यह सभी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।

यही मामला है जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को हाथरस जाते हुए यूपी पुलिस की ज्यादती का शिकार होना पड़ा था। राहुल को जहां पुलिस ने धक्का देकर गिरा दिया था वहीं प्रियंका की कॉलर पकड़े पुलिस कर्मी का वीडियो वायरल हो गया था। जिसके बाद यूपी पुलिस को व्यापक स्तर पर निंदा का सामना करना पड़ा था।