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जो लोग आंदोलन कर रहे वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे, हमने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस सहित  विपक्षी दलों पर निशाना साधा। यहाँ तक कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी हमला बोला। मोदी ने आरोप लगाया कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे। पीएम ने कहा कि हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को निकाला और उसे लागू किया।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित किसान संवाद में मोदी  ने आज 18,000 करोड़ रुपये का किसान सम्मान निधि ट्रांसफर किया। पीएम ने कहा – ‘अब तक पीएम किसान निधि के तहत एक लाख 10 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम किसानों के खाते में सीधे पहुंच चुकी है,अब न कोई कमीशन है न कोई कट। अब रुपया किसी के हाथ नहीं लगता है। जो दिल्ली से रुपया निकलता है वह सीधे बैंक खातों में जाता है। प्रधानमंत्री किसान योजना निधि इसका उत्तम उदाहरण है।’

मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला किया और कहा – ‘जो लोग आज किसानों के नाम पर आंसू बहा रहे हैं, वे लोग तब कहां थे, जब किसानों की जमीन हड़पी जा रही थी। जो लोग आज किसान के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं किया? जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे। हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को निकाला और उसे लागू किया।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों की लागत कम हो. सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो और आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।

इस मौके पर मोदी ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘हठधर्मिता की वजह से वहां कि किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।’

मोदी ने कहा कि जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल एपीएमसी  मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी मंडियां हैं ही नहीं।

यही नहीं पीएम ने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।

पीएम ने कहा – ‘गुमराह करने का खेल चल रहा है। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी, अफवाह फैलाई जा रही है कि मंडी बंद हो जाएंगी। नए कृषि कानून पिछले कई महीने से लागू हैं। क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में किसी मंडी के बंद होने की खबर सुनी है?’

कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की औरआंदोलन कर रहे  किसानों से विरोध-प्रदर्शन खत्म कर सरकार से बातचीत करने की अपील की। कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब के थोड़े से किसान भ्रमित होकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने छह राज्यों के चुनिंदा किसानों से बातचीत भी की।

756 करोड़ के दो पोंजी घोटाले में दो पूर्व एमडी गिरफ्तार

सीबीआई ने दो अलग-अलग पोंजी घोटालों से जुड़े मामलों में कंपनियों के दो पूर्व प्रबंध निदेशकों यानी मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि ये दोनों घोटाले करीब 756 करोड़ रुपये के हैं।
सन प्लांट एग्रो लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अवधेश सिंह को गैरकानूनी ढंग से 697 करोड़ जुटाने और न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तत्कालीन एमडी दीपांकर डे को 139 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने ही कंपनी में निवेशकों को उच्च रिटर्न का आश्वासन देकर यह रकम जुटाई थी।
सीबीआई का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में निवेशकों से रकम जुटाने के बाद ये दोनों फरार हो गए और पैसा का दुरुपयोग किया। सन प्लांट एग्री ने निवेशकों को पेड़ बेचने के नाम पर लुभावने रिटर्न का लालच देकर पैसा जुटाया था। सेबी ने न्यू लैंड एग्रो की योजनाओं में भी अनियमितता पाई थी और पैसा लौटाने का निर्देश दिया था। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के 9 मई 2014 के आदेश पर सारदा और अन्य पोंजी घोटालों के मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी।

गुजरात : 121 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापे
सीबीआई ने 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में सूर्या एग्जिम लिमिटेड और उसके निदेशकों पर मामला दर्ज करने के बाद बृहस्पतिवार को गुजरात के नवसारी और सूरत में पांच जगहों पर छापे मारे यह मामला 2017-19 के दौरान का है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने केनरा बैंक की शिकायत पर कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपियों ने केनरा बैंक समेत बैंकों के समूह से धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रची। फर्जीवाड़ा और पैसे की हेराफेरी से 121.05 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि कंपनी को बैंकों के समूह से ऋण मिला लेकिन समूह के सदस्य बैंकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना निजी बैंकों में खाते खोले गए और उनका इस्तेमाल पैसे निकालने में किया गया। उन्होंने कहा कि खाता एनपीए हो गया जिससे बैंकों के समूह को लगभग 121.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

किसान मार्च निकालने निकले प्रियंका और कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा

संसद में किसान कानूनों के मसले पर विपक्ष को बुलडोज करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने किसानों के हक़ में गुरुवार को अपने नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य के नेतृत्व में सड़कों पर आवाज बुलंद की। कांग्रेस किसानों के पक्ष में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाले बंडल लेकर विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रही थी, लेकिन कांग्रेस दफ्तर से बाहर निकलते ही उन्हें रोक दिया गया। बाद में  प्रियंका गांधी को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया जबकि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट कर किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों के हक़ में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन उन्हें सौंपा। हिरासत में लिए गए प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को मार्च की इजाजत नहीं दी। अब राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जाएंगे और किसानों की आवाज सुनने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की मांग वाला ज्ञापन सौंपेंगे। कांग्रेस मार्च को रोकने के लिए नई दिल्ली इलाके में सुबह ही धारा 144 लागू कर दी गई थी ताकि कांग्रेस मार्च को रोका जा सके।

राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया।

कांग्रेस के इस मार्च में पार्टी की एकता भी दिखी। कथित रूप से असंतुष्ट कहे जाने वाले नेता भी राहुल गांधी के मार्च में साथ जुटे। मार्च रोके जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यह (मोदी) सरकार लोकतंत्र का मजाक रही है और किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। प्रियंका ने कहा – ‘यह किसान ही हैं जिनके बेटे सरहदों पर डिश की हिफाजत कर रहे हैं लेकिन सरकार बेहरी बनी हुई है। बहुत मुश्किल हालत में भी अन्नदाता सड़कों पर अपने लिए हक़ मांग रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही।’

कांग्रेस नेता किसी वेणुगोपाल ने कहा – ‘केंद्र सरकार ने पहले कृषि विरोधी कानून बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं। कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं।’

कांग्रेस ने कहा कि भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है। हरियाणा कांग्रेस प्रमुख शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं। शैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आवाज को लगातार दबा रही है।

आज कांग्रेस कार्यलय में दो बसें मंगाई गई थीं जिनमें प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता राष्ट्रपति भवन जाने वाले थे। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी और कांग्रेस कार्यालय के आस-पास धारा 144 लगा दी गई। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – ‘भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’

किसान करेंगे प्रेस कांफ्रेंस : किसान आज एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें आंदोलन का कारण बताएंगे। किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें। किसानों ने क़ानून वापस लेने की मांग जारी राखी है। उन्होंने कहा आंदोलन 20 राज्यों तक ले जाया जाएगा। किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है। केन्द्र सरकार की तरफ से दिए गए संशोधन के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने बुधवार को खारिज कर दिया था।

28 साल बाद सिस्टर अभया की हत्या में पादरी और नन को उम्रकैद

केरल के कोट्टायम में मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल पुराने चर्चित सिस्टर अभया मामले में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को हत्या का दोषी करार दिया था। एज कॉन्वेंट में 1992 में हुई इस घटना पर बुधवार को अदालत ने दोनों दोषियों को उम्रकैद जी सजा सुनाई।
सीबीआई कोर्ट ने कैथोलिक फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद के साथ पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। सबूत मिटाने के लिए सात सालों की जेल और कॉन्वेंट में गैर-अधिकृत तरीके से घुसने के लिए भी उम्रकैद की सजा मिली है।
वहीं, सिस्टर सेफी को भी धारा 302 के तहत मर्डर के लिए उम्रकैद के साथ 5 लाख जुर्माना भरने की सजा दी है। सबूत मिटाने के लिए सात सालों की सजा मिली है। सिस्टर सेफी उस कॉन्वेंट का प्रभार संभालती थी, जहां सिस्टर अभया रहती थीं।
क्या है मामला
मार्च, 1992 में कोट्टायम के एक कॉन्वेंट में 21 साल की सिस्टर अभया की हत्या कुल्हाड़ी से कर दी गई थी क्योंकि उसने थॉमस कोट्टूर, एक अन्य पादरी होज़े फूथराकयाल और सेफी को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। अपराध छिपाने के लिए तीनों ने सिस्टर अभया की हत्या कर शव कॉन्वेंट के ही एक कुएं में फेंक दिया था। हालांकि तीसरे आरोपी को पिछले साल अदालत ने बरी कर दिया था।
इस बीच, सिस्टर अभया के माता-पिता इंसाफ के इंतज़ार में चार साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह गए। अब शायद उनकी आत्मा को आत्मा को शांति मिलेगी।
शुरुआती जांच में पुलिस और क्राइम ब्रांच ने घटना को खुदकुशी का मामला करार दिया था। लेकिन जांच में बुहत सी चीजें साफ नहीं हो रही थीं, भारी विरोध के बाद केस को सीबीआई को दे दिया गया था। दिलचस्प है कि सीबीआई ने कोर्ट में तीन फाइनल रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने नकार दिया था। कोर्ट जांच के कई पहलुओं पर संतुष्ट नहीं था। बाद में 2008 में हाई कोर्ट ने फिर सीबीआई जांच का आदेश दिया। सीबीआई की आखिरी रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर हत्या का दोषी माना और आज उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

फूलपुर इफ्को प्‍लांट में अमोनिया गैस रिसाव ; दो अधिकारियों की मौत, कई गंभीर रूप से बीमार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फूलपुर स्थित इफ्को प्‍लांट में मंगलवार देर रात अमोनिया गैस का रिसाव होने से दो अधिकारियों की मौत हो गयी है जबकि कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इस घटना के बाद इफ्को और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन प्‍लांट में फंसे कर्मचारियोें को बाहर निकाला गया। इफ्को फूलपुर के प्‍लांट में पहले भी हादसा हो चुका है। पिछले दो साल में यहां पांच ऐसे हादसे हो चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गैस रिसाव के कारण दम घुटने से 15 कर्मचारी बेहोश हो गए। इन्हें इफ्को के अस्‍पताल ले जाया गया, हालांकि इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई गयी है। उन्हें बाद में शहर के एक निजी अस्‍पताल में भर्ती किया गया है। इलाज के दौरान ही दो अधिकारियों की मौत हुई।

घटना के मुताबिक इफ्को प्‍लांट में रोज की तरह करीब 100 कर्मचारी उपस्थित थे। अचानक एक पाइप लाइन में अमोनिया गैस रिसने लगी। कर्मचारियों के कुछ समझने से पहले ही गैस रिसाव तेज हो गया जिससे उन लोगों का दम घुटने लगा। कई कर्मचारी बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गए। दहशत के कारण कर्मचारी चिलाने लगे जिसके बाद प्‍लांट को तुरत फुरत बंद कर दिया गया।

राहत कार्य शुरू किये गए लेकिन तब तक 15 कर्मचारी बेहोश हो चुके थे और उनमें से आठ की हालत नाजुक दिख रही थी। बाद में इलाज के दौरान इनमें से दो अधिकारियों की जान चली गयी। इनकी पहचान असिस्टेंट मैनेजर बीपी सिंह और डिप्टी मैनेजर अभिनंदन के रूप में की गयी है। बता दें इफ्को फूलपुर के प्‍लांट में  पहले भी हादसा हो चुका है। पिछले दो साल में यहां पांच ऐसे हादसे हो चुके हैं। साल

2019 में जनवरी को गैस रिसाव से वहां तीन मजदूरों की मौत जबकि अप्रैल में हादसे में 12 लोग गंभीर हो गए थे।

किसानों के आंदोलन को सरकार हल्कें में न ले: किसान नेता

किसानों के आंदोलन को लगभग एक महीना होने को जा रहा है। किसान और सरकार के बीच अभी कृषि कानून को लेकर जो दांव- पेंच का खेल चल रहा है। उससे देश की अर्थव्यवस्था को जरूर बट्टा लग रहा है।

किसान धरमबीर सहोता का कहना है कि एक ओर तो सरकार किसान को देश की शान और अन्नदाता कहती है और तामाम तरह के दायित्व थोपती है।  लेकिन अधिकारों की बात आती है तो, किसानों के अधिकारों से वंचित किया जाता है। जैसा कि अब किया जा रहै है। उनका कहना कि सरकार ने किसानों को आश्वासन देकर उनकी सदैव उपेक्षा की है। किसानों के बीच सरकार तोड़-फोड़ की राजनीति कर रही है।

किसान चन्द्रपाल का कहना है कि जब तक, कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता है। तब तक वो, आंदोलन करते रहेगे। किसानों के साथ सरकार भेदभाव वाली राजनीति कर रही है।उनका कहना है कि देश भर के किसानों का गुस्सा ये सरकार सहन नहीं कर पायेगी। अभी आंदोलन हो रहा है। आमरण अनशन हो रहे है। सरकार हल्कें में ले रही है पर जिस दिन देश का किसान अपने अधिकारों के खातिर चक्का जाम, रेल रोको और उग्र धरना-प्रदर्शन करेगा, तब सरकार को किसानों की एकता का मालूम पता लगेगा।

कोरोना की तरह नये कोरोना वायरस से करें बचाव, घबरायें नहीं

भले ही ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप हडकंप मचाये हुये है पर भारत में इस नये वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन देश में स्वास्थ्य सेवायें चौकस और सतर्क कर दी गयी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

स्वास्थ्य महकमें में जरूर हडकंप है पर डाँक्टरों का कहना है कि नया कोरोना ज्यादा घातक नहीं है। लेकिन बच्चों को अपने चपेट में ले सकता है। नेशनल मेडिकल फोरम के चेयरमैन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि जिस प्रकार लोगों ने कोरोना से बचाब किया है उसी तरह, इस वायरस से बचाव की जरूरत है। घबरानें की नहीं बल्कि सतर्कता बरतनें की जरूरत है।

सीनियर डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि पहले ही कोरोना वैज्ञानिकों और चिकित्सा जगत के लिये एक अबूझ पहेली बना हुआ है। अब नये रूप में आने से चिंता बढ़ा दी है। डाँ दिव्यांग का कहना है कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले नये स्ट्रेन में वायरल लोड पाया गया है। जो चिंता का कारण है।

एम्स के डाँ अजय पाल का कहना है कि, कोरोना से जिस तरीके से बचाव किया है। उसी तरह इसका बचाव है। मास्क , सोशल डिस्टेंसिंग है। बाल रोग विशेषज्ञ डाँ राकेश जैन का कहना है कि बच्चों में अभी नये स्ट्रेन से इंफेक्शन के कोई मामले सामने नहीं आये है पर बच्चों को इस मामलें ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

यमुना एक्सप्रेस वे पर कंटेनर से टकराने के बाद कार में आग, पांच लोग जिंदा जले 

यमुना एक्सप्रेस वे पर मंगलवार तड़के आगरा से नोएडा की ओर जा रही कार कंटेनर के डीजल टैंक से टकरा गई। टक्कर के बाद कार में आग लग गई। इसमें सवार लोगों को बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिला। कार सवार सभी पांच लोग जिंदा जल गए। दमकल ने जब तक आग बुझाई, तब तक सभी जान गंवा चुके थे।
स्विफ्ट डिजायर कार नंबर यूपी 32 केवी 6788 आगरा से लखनऊ की ओर जा रही थी। जानकारी के अनुसार, कन्टेनर चालक ने कंटेनर को अचानक मोड़ दिया। कार तेज रफ्तार में थी। वह अनियंत्रित होकर कंटेनर के डीजल टैंक से जा टकराई। इसके बाद कार में आग लग गई।  कार सेंट्रल लॉक हो जाने के कारण लॉक नहीं खुल सका। यमुना एक्सप्रेस के बूथ के कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दे दी। तब तक कंटेनर छोड़कर चालक भाग गया। कार में फंसे लोग नहीं निकल सके। मरने वालों में एक बच्चा, एक महिला और तीन पुरुष शामिल हैं।

डीडीसी नतीजों में कश्मीर में गुपकार गठबंधन बहुत आगे, जम्मू में भाजपा की बढ़त, कांग्रेस को भी अच्छी सीटें

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद यानी (डीडीसी) के लिए हुए चुनाव के मतों की गिनती शुरू हो गयी है। अभी (12.45 बजे) तक के रुझानों में 280 में से 174 सीटों के रुझान/नतीजे आए हैं। गुपकार गठबंधन 64 सीटों पर आगे है, जबकि भाजपा 48  सीटों पर आगे चल रही है जिनमें जम्मू में ज्यादा सीटें हैं। कांग्रेस, जिसने इस चुनाव में प्रचार तक नहीं किया था, को भी 19, जेकेएपी 5 और अन्य 38 सीटों पर आगे चल रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता सैफ-उद-दिन सोज ने कहा है कि यदि जरूरत पड़े तो कांग्रेस को गुपकार का समर्थन करना चाहिए।

कुल 2178 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। चुनाव के 8 चरणों में 51.42 फीसदी मतदान हुआ था। रुझानों से जाहिर होता है कि भाजपा ने जम्मू डीडीसी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है, हालांकि कश्मीर में गुपकार गठबंधन को जबरदस्त समर्थन मिला है।

इस बीच कांग्रेस नेता सैफ-उद-दिन सोज ने कहा है कि यदि जरूरत पड़े तो कांग्रेस को गुपकार का समर्थन करना चाहिए। सोज ने कहा कि भाजपा धन दौलत खर्च करके लोगों को फंसाने की कोशिश कर रही है। कहा कि कांग्रेस के सामने गुपकार अलायंस मेन स्ट्रीम पार्टी है,  मेरी निजी राय यही है कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को गुपकार अलायंस को सपोर्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा – ‘भाजपा के लिए शर्म और शैतानी की बात है जो गुपकार को गैंग कहते हैं, जम्हूरियत हिंदुस्तान में ऐसी हिमाकत की जाए ऐसा झूठ बोला जाए यह गलत है। जो पार्टी वहां इकट्ठा हुई है वह बड़ी पार्टी है, कांग्रेस की पोजीशन अलग है’।

कश्मीर में गुपकार गठबंधन का पलड़ा भारी है। जम्मू संभाग के पहले नतीजे में  कांग्रेस उम्मीदवार ने रियासी सीट पर जीत दर्ज की है। भाजपा कई सीटों पर बढ़त बनाए है। देश की नजर कश्मीर पर है जहाँ गुपकार गठबंधन धारा 370 हटाने का सख्त विरोध कर रहा है। कश्मीर के नतीजे पहले आने की उम्मीद है। हालांकि सभी नतीजे शाम तक ही सामने आ पाएंगे।

उधर कठुआ नगर परिषद के दो वार्डों में हुए उपचुनावों में भाजपा के अनिरूद्ध शर्मा ने वार्ड 7 से विजय हासिल की है। वार्ड नंबर 2 में पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री लाल सिंह के छोटे भाई राजेंद्र सिंह बब्बी ने भाजपा को हराकर जीत हासिल की है। रियासी नगर पॉलिका वार्ड नंबर 11 से कांग्रेस प्रत्याशी रिपी दुबे ने अपनी प्रतिद्वंद्वी भाजपा की संतोष कुमारी को 3 वोट से हराया।

22 दिसंबर से महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल से महाराष्ट्र 14 दिनों तक रात्र कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। मुंबई व अन्य बड़े शहरों में 22 दिसंबर 2020 से लेकर 4 जनवरी 2021 तक रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस में आए नये स्ट्रेन के चलते एहतियाती उपायों के लिए एक बैठक बुलाई। ब्रिटेन में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। जिसके मद्देनजर, एहतियात के तौर पर महाराष्ट्र में रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है।

इसके साथ ही यूरोप और मध्य पूर्व देश से आने वाले यात्रियों को 14 दिनों तक इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। वहीं अन्य देशों से महाराष्ट्र में आने वालों को होम क्वारंटाइन में रहना होगा।

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट मिलने के बाद से पूरी दुनिया में कोविड-19 को लेकर चिंता बढ़ गई है। ब्रिटेन में पाया गया नया कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है।

जिसके चलते कई देशों ने ब्रिटेन से हवाई यात्रा पर पाबंदी लगा दी है। भारत ने भी एहतियातन कदम उठाते हुए इस घोषणा की है कि भारत ने यूके से आने वाली सभी उड़ानें 31 दिसंबर तक के लिए रद्द कर दिए हैं।