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सरकार का किसानों को बातचीत के लिए 30 दिसंबर का न्योता

मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार जारी आंदोलन के बीच सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार को बातचीत का प्रस्ताव किया था। किसान साफ़ कर चुके हैं कि तीनों कानूनों को वापस लेने से कम में वह कोई समझौता नहीं करेंगे। कुछ दिन पहले किसान संगठनों ने यह भी आरोप लगाया था कि आंदोलन नेतृत्व में फूट डालने की कोशिश सरकार कर रही है।

जानकारी के मुताबिक सरकार ने 30 दिसंबर को किसानों को दोपहर 2 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। अभी यह साफ़ नहीं है कि सरकार किस स्तर पर किसानों से बातचीत करेगी। किसान साफ़ कर चुके हैं कि तीनों कानूनों को वापस लेने से काम में वह कोई समझौता नहीं करेंगे। साथ ही वह एमएसपी को कानूनी दायरे में लाने की भी मांग कर रहे हैं।

आज दिल्ली में एक बैठक भी गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई है जिसमें कृष्णि मंत्री नरेंद्र तोमर और पीयूष गोयल भी शामिल हुए। अब केंद्रीय मंत्रालय किए कृषि सचिव की तरफ से किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत का न्योता मिला है। आंदोलन अभी बदस्तूर जारी है और किसान सिंघु और दूसरे बॉर्डर्स पर डटे हुए हैं।

यूपी में अगर वाहन पर लिखी जाति, तो जब्त हो सकती है गाड़ी

एक वक्त था जब कहा जाता था कि, एमपी गजब है… लेकिन ये कहावत यूपी पर अब ज़्यादा फिट बैठती है। लोगों को सहूलियत के बजाय बांटने और कमाने के नियम-कानून धड़ल्ले से बन रहे हैं। ताज़ा नियम बाइक या कार पर जाति लिखने वालों पर कार्रवाई से जुड़ा है। पकड़े जाने पर परिवहन अधिकारी गाड़ी का चालान करके जुर्माना वसूलेंगे। यहां तक कि वाहन भी जब्त किया जा सकता है। इस मामले में अपर परिवहन आयुक्त ने नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यानी पीएमओ  से शिकायत की थी। इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में सड़कों पर चल रहे हजारों वाहनों की नंबर प्लेटों पर जाति लिखाने को सामाज के लिए खतरा बताया था। पीएमओ ने यह शिकायत एक्शन लेने के लिए यूपी सरकार को भेजी। मालूम हो कि यूपी में बड़ी संख्या पर वाहनों पर लोगों ने ‘यादव’, ‘जाट’, ‘राजपूत’, ‘ब्राह्मण’, ‘क्षत्रिय’ समेत कई जातियां लिखवाने के चलन अन और तेजी से बढ़ा है।  अब नंबर प्लेटों पर जाति लिखाने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि यूपी की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था मे जातीय समीकरण बेहद अहम माने जाते हैं।
पहली दफा में 500 और फिर 1500 रुपये जुर्माना
परिवहन विभाग के प्रवर्तन अफसरों की  मानें तो अगर नंबर प्लेट गलत साइज और आंड़े तिरछे अंकों में मिली तो उस पर 5 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है। जातिसूचक शब्द लिखाने वालों के पकड़े जाने पर धारा 177 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें पहली बार में 500 और दोबारा पकड़े जाने पर 1500 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा।

नीतीश ने पद छोड़ा, करीबी आरसीपी सिंह को जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया

अचानक के राजनीतिक घटनाक्रम में आरसीपी सिंह को बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है। पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के आखिरी दिन इसका ऐलान किया गया। उधर अरुणाचल में भाजपा की जदयू के 7 विधायकों को तोड़कर अपने साथ मिलाने की घटना से पार्टी में जबरदस्त नाराजगी और गुस्सा है और इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया है। बिहार में भाजपा-जदयू सरकार है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने नजदीकी सहयोगी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे  सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। नीतीश ने बैठक में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की बात की और कहा कि सीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद साथ रखना नहीं चाहते।

 नीतीश ने कहा कि वे आरसीपी सिंह के नाम का प्रस्ताव करते हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सिंह की अगुवाई में जदयू आगे बढ़ेगा। बता दें आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार के सबसे खास नेताओं में गिना जाता है। सिंह अभी तक संगठन में महासचिव का पद संभाल रहे थे और राज्यसभा के सदस्य भी हैं।

इस बीच अरुणाचल में जेडीयू के छह विधायकों को भाजपा में शामिल करने की घटना के बाद पार्टी में जबरदस्त नाराजगी उभर गयी है। इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई है। इस  मामले में जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा – ‘अरुणाचल की घटना से हमारा दल आहत है। अरुणाचल में गठबंधन धर्म के खिलाफ काम हुआ है। लेकिन बिहार में अरुणाचल के दल बदल का कोई असर नहीं होगा। जैसे तीन लोक से न्यारी काशी, वैसे ही बिहार है, कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’

त्यागी ने कहा कि आनेवाले महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होगा, वहां के बारे में विचार होगा। कहा कि बंगाल में जदयू चुनाव लड़ेगी, ये फैसला हो चुका है। देश में पार्टी के विस्तार को लेकर भी बैठक चर्चा होगी।

आईसीसी ने दशक की श्रेष्ठ वर्ल्ड टेस्ट टीम का कप्तान कोहली को बनाया, धोनी वन डे, टी 20 के कप्तान बने

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने रविवार को इस दशक (पिछले 10 साल) की अपनी श्रेष्ठ पुरुष टेस्ट, वन डे और टी-20 टीमों की घोषणा कर दी है। आईसीसी ने ‘अवार्ड्स ऑफ द डेकेड’ में इसका ऐलान किया। टेस्ट टीम की कप्तानी विराट कोहली जबकि वन डे और टी-20 टीमों का कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को बनाया गया है। कोहली इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईसीसी की तीनों फॉर्मेट की टीमों में जगह बनाई है।

पुरुष टेस्ट टीम में भारतीय कप्तान विराट कोहली को कप्तान का जिम्मा दिया गया है। टीम में भारत की तरफ से कोहली के अलावास्पिनर स्पिन्नर रविचंद्रन अश्विन भी है। इंग्लैंड के सबसे ज्यादा चार खिलाड़ी एलेस्टेयर कुक, बेन स्टोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर, न्यूजीलैंड के केन विलियमसन, दक्षिण अफ्रीका से डेल स्टेन और श्रीलंका के कुमार संगकारा भी टीम का हिस्सा बनाये गए हैं।

आईसीसी ने टेस्ट टीम का ऐलान करते हुए दिलचस्प टिप्पणी की कि ‘यह ऐसी टीम है जो पूरे हफ्ते बल्लेबाजी कर सकती है’। आईसीसी की टीम में आठ खिलाड़ी अभी भी सक्रीय हैं जबकि संगकारा, कुक और स्टेन संन्यास ले चुके हैं। पाकिस्तान, वेस्ट इंडीज और बांग्लादेश का कोई खिलाड़ी टीम में जगह नहीं बना पाया।

आईसीसी ने कुक और वॉर्नर को ओपनर, विलियमसन, कोहली और स्टीव स्मिथ को क्रमश: तीन, चार और पांच नंबर पर रखते हुए संगकारा को विकेटकीपिंग के साथ  छह और स्टोक्स को नंबर सात के बल्लेबाजी कर्म पर रखा है। तेज गेंदबाजी की कमान ब्रॉड-एंडरसन के साथ स्टेन और स्टोक्स को जबकि स्पिन की आर अश्विन को दी गयी है।

उधर आईसीसी ने पुरुषों की टी20 और वनडे टीम का कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को बनाया गया है। टी20 टीम ऑफ द डिकेड में सबसे ज्यादा कगार खिलाड़ी भारत के हैं। धोनी के अलावा विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के 2-2 खिलाड़ियों को इस टीम में जगह मिली है। टीम में तीन प्रमुख गेंदबाजों को जगह मिली है। श्रीलंका के लसिथ मलिंगा और भारत के बुमराह को तेज गेंदबाजी जबकि अफगानिस्तान के सुपरस्टार स्पिनर राशिद खान  टीम में हैं।

टीम में रोहित शर्मा और क्रिस गेल को ओपनिंग जबकि तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई एरॉन फिंच और कोहली चौथे नंबर पर हैं। कोहली के साथ मिडिल ऑर्डर में साउथ अफ्रीका के सुपरस्टार बल्लेबाज एबी डिविलियर्स हैं, जबकि छठे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल हैं। कप्तानी के साथ ही धोनी के कंधों पर विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी है। कायरन पोलार्ड भी इस टीम का हिस्सा हैं।

आईसीसी की वन डे टीम में कप्तान धोनी हैं जबकि रोहित शर्मा और विराट कोहली भी टीम में हैं। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर और मिशेल स्टार्क भी इस टीम में चुने गए हैं। बांग्लादेश के शाकिब अल हसन और इंग्लैंड के बेन स्टोक्स दो ऑलराउंडर इस टीम में हैं। दक्षिण अफ्रीका के इमरान ताहिर टीम के दूसरे स्पिनर हैं। दक्षिण अफ्रीका से डिविलियर्स और न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट टीम में शामिल हैं।

शिवसेना ने की एक बार फिर शरद पवार की तारीफ और उठाए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल!

शिवसेना ने अपने माउथपीस ‘सामना’ के जरिए एक बार फिर यूपीए की कमान का भविष्य शरद पवार में देखते हुए कांग्रेस के भविष्य और राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाया है।

‘सामना’ का एडिटोरियल लिखता है कि जब तक यूपीए में सारे बीजेपी विरोधी दल शामिल नहीं हो जाते, तब तक विपक्ष मोदी के सामने बेअसर ही रहेगा। शिवसेना कहती है, ‘प्रियंका गांधी को दिल्ली की सड़क पर हिरासत में लिया जाता है, राहुल गांधी का मजाक उड़ाया जाता है और महाराष्ट्र सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा।यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

शिवसेना का कहना है कि यदि दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन का कोई असर केंद्र सरकार पर नहीं दिख रहा है तो इसकी वजह बेजान विपक्ष है, न कि प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह। दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है। आंदोलन को लेकर सत्ता में बैठे लोगों की बेफिक्री दिख रही है। इस बेफिक्री वजह है देश का कमजोर विपक्ष। केंद्र में मौजूदा विपक्ष बेजान हो चुका है। हालिया विपक्षियों की अवस्था बंजर गांव के मुखिया का पद संभालने जैसी है। इसीलिए महीनेभर से दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान की सुध लेने वाला कोई नहीं। लिहाजा बंजर गांव की हालत सुधारनी होगी ही। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार नहीं हैं। इसकी जिम्मेदारी विपक्ष की है।

कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए व एनसीपी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना कहती है, ‘कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए नाम का एक राजनीतिक संगठन है। इस यूपीए की अवस्था फिलहाल एक ‘एनजीओ’ की तरह नजर आती है।यूपीए में शामिल पार्टियां किसानों के आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं।यूपीए में शामिल एनसीपी के अलावा दूसरी पार्टियां किसानों के इस मुद्दे पर आक्रमक होती नहीं दिखाई दे रही है।’

शरद पवार के व्यक्तित्व की तारीफ करते हुए व कांग्रेस के भविष्य पर भी सवाल उठाते हुए ‘सामना’ अपने एडिटोरियल में लिखता है, एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही व्यक्तित्व है। उनके अनुभव का फायदा प्रधानमंत्री से लेकर दूसरी पार्टियां भी लेती है।पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेली लड़ रही हैं। केंद्र सरकार सत्ता के जोर पर ममता की पार्टी तोड़ने का प्रयास कर रही है।ऐसे वक्त में तमाम विरोधी दलों ने ममता बनर्जी के पीछे मजबूती से खड़े रहने की जरूरत है। लेकिन इस कठिन दौर में ममता बनर्जी की केवल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात होने की खबर है और अब शरद पवार पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। यह काम कांग्रेस के नेतृत्व में करने की जरूरत थी। आज कांग्रेस की स्थिति ऐसी पार्टी की हैं जिसके पास पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है। सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष हैं और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष।उन्होंने अभी तक यूपीए का अध्यक्ष पद बड़ी ही बखूबी तरीके से संभाला। लेकिन इस पूरे सफर में उनका साथ देने वाले मोतीलाल वोरा हो या अहमद पटेल वे अब इस दुनिया में नहीं है। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? और यूपीए का भविष्य क्या? इसका भ्रम अभी कायम है।

‘राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर भले ही जोरदार संघर्ष कर रहे हो लेकिन कहीं ना कहीं कमी है। तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, अकाली दल, बीएसपी, समाजवादी पार्टी, जगन मोहन रेड्डी, नवीन पटनायक, कुमारास्वामी की पार्टी, चंद्रशेखर राव, नवीन पटनायक की पार्टी और नेता बीजेपी के विरोधी हैं। लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में जो यूपीए है उसमें यह लोग शामिल नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी विरोधी इन पार्टियों का यूपीए में शामिल हुए बिना विपक्ष का बाण सरकार पर नहीं चलने वाला है।’ ऐसा लिखकर कांग्रेस और राहुल गांधी के नेतृत्व पर एक तरह से सवाल ही उठाया है शिवसेना ने!

किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता का न्योता स्वीकारा

किसान संगठनों ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को शनिवार को स्वीकार कर लिया है। किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक का प्रस्ताव दिया है। किसानों की मांग है कि सरकार के साथ होने वाली बैठक में तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को क़ानूनी दर्जा देने पर चर्चा की जाए।
इसके अलावा वायु गुणवत्ता और विद्युत संशोधन बिल को लेकर भी चर्चा हो। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रस्ताव में कहा कि सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए सभी संगठनों से बातचीत कर प्रस्ताव रख रहे हैं। किसान मोर्चा ने कहा कि हम फिर दोहराना चाहते हैं किसान संगठन खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं और आगे भी रहेंगे।
इससे पहले किसानों और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं। पिछली बैठक 9 दिसंबर को होनी थी, मगर ठोस नतीजे निकलते न देख सरकार ने ही टाल दिया था।  दो दिन पहले ही एक बार फिर सरकार ने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था। इसी प्रस्ताव पर शनिवार को 40 किसान संगठनों ने बैठक कर चर्चा का फैसला किया।
किसान संगठनों का एजेंडा
◆ तीनों नए केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए पक्रिया शुरू की जाए।
◆ सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान;
◆ एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी हैं ।
 ◆ किसानों के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे में ज़रूरी बदलाव किया जाए।

राहुल गांधी लॉक डाउन में लोगों की सबसे ज्यादा मदद करने वाले टॉप 10 सांसदों में तीसरे नंबर पर: रिपोर्ट  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना माहमारी के कारण लगे लॉक डाउन के दौरान लोगों की सबसे ज्यादा मदद करने वाले देश भर के सांसदों में तीसरे नंबर पर हैं। दिल्ली की एक संस्था ने इसके लिए एक व्यापक सर्वे किया जिसमें सबसे ज्यादा जनता की मदद करने वाले टॉप 10 सांसदों की सूची बनाई। इनमें राहुल गांधी तीसरे नंबर पर रहे। पहले नंबर पर उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया (भाजपा) जबकि दूसरे पर नेल्लोर के सांसद अदला प्रभाकर रेड्डी (वाईएसआरसीपी) हैं।

संस्था सिटिजन इंगेजमेंट प्‍लेटफॉर्म गवर्नआई सिस्‍टम जनहित से जुड़े मुद्दों पर काम करती है। उसके सदस्यों ने सर्वे के दौरान लोगों से बातचीत के दौरान पाया कि इन सांसदों ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनकी हरसंभव मदद भी की। सर्वे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को तीसरे नंबर पर रखा गया है।

सर्वेक्षण में उज्जैन के भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया को पहले नंबर पर रखा गया है जबकि दूसरे नंबर पर नेल्लोर के वाईएसआरसीपी के सांसद अदला प्रभाकर रेड्डी हैं।

याद रहे कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए देश भर में मार्च के अंत में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके बाद आम लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी थी। सांसदों के अलावा अन्‍य लोग और संस्थाएं भी ऐसी स्थिति में मदद के लिए आगे आए थे।

सिटिजन इंगेजमेंट प्‍लेटफॉर्म गवर्नआई सिस्‍टम की सूची में चौथे स्‍थान पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, पांचवें स्‍थान पर भाजपा सांसद एलएस तेजस्‍वी सूर्या, छठे पर शिवसेना सांसद हेमंत तुकाराम गोडसे, सातवें पर शिरोमणि अकाली दल सांसद सुखबीर सिंह बादल, आठवें स्‍थान पर भाजपा के शंकर लालवानी, नौवें स्‍थान पर चेन्नई दक्षिण से द्रमुक के डॉ. टी सुमाथी जबकि दसवें स्‍थान पर भाजपा के नितिन गडकरी (मंत्री) हैं।

सर्वे करने वाली संस्था के मुताबिक सर्वे के दौरान 512 लोकसभा सांसदों के लिए 33.82 लाख से अधिक नॉमिनेशन मिले थे। इनमें से पहले 25 को चुना गया। इसके बाद टीम की ओर से ग्राउंड सर्वे करवाया गया। सर्वे के सीनियर प्रोजेक्‍ट लीडर मंजुनाथ केरी के मुताबिक ग्राउंड सर्वे के दौरान कई संसदीय क्षेत्रों में नेताओं की ओर से निस्‍वार्थ सेवा करने की भी बातें सुनने को मिली हैं, लेकिन इन्‍हें सर्वे में शामिल नहीं किया गया।
सर्वे पहली अक्तूबर को शुरू हुआ और इसके तहत 25 सांसदों को उनके पक्ष में मिले नामांकन के आधार पर चुना गया। संस्था ने इन सभी सांसदों के संसदीय क्षेत्रों में आम जनता से बातचीत की, जिसके आधार पर टॉप-10 सांसदों की सूची तैयार की गई। सर्वे को लेकर राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र के सहयोगी ने बताया कि देश में अचानक लगे लॉकडाउन के बाद राहुल गांधी ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम किया। जिन जगहों पर मास्क, हैंड सैनिटाइज, थर्मामीटर और वेंटिलेटर्स की कमी थी, वह सांसद ने मुहैया कराईं। उन्होंने देश और विदेश में फंसे केरल के लोगों की हरसंभव मदद की। हमने लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए ट्रेन और बसें चलाईं। इसके अलावा लोगों को खाने के पैकेट बांटे। आर्थिक मदद की और सामुदायिक रसोई भी चलाई, जिससे कोई भी भूखा न रहे।

अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका का स्मृति ईरानी, दो अन्य के खिलाफ महिला आयोग का सदस्य बनाने के लिए 25 लाख रुपये मांगने का आरोप, मामला दर्ज किया    

भारत की अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह ने महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर 25 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और दो  अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस कथित मामले की शिकायत एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर की गयी है जिसने सुनवाई के लिए 2 जनवरी, 2021 की तारीख निश्चित की है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्मृति ईरानी के अलावा जिन अन्य दो लोगों के नाम इस कथित मामले में शामिल हैं उनमें से एक ईरानी के सहायक विजय गुप्ता और दूसरे डॉक्टर रजनीश सिंह हैं। बता दें 23 नवंबर को अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना में वर्तिका सिंह और कमल किशोर (नाम पता अज्ञात) के खिलाफ विजय कुमार गुप्‍ता ने एक मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया है कि ‘आयुष राज्‍य मंत्री, भारत सरकार को रायबरेली में अस्‍पताल के निर्माण के लिए संदर्भित पत्र की प्रतापगढ़ जिले के रामचंद्रपुर निवासी केपी सिंह‍ की पुत्री वर्तिका सिंह कूट-रचना कर (विषय वस्तु बदल कर) मेरे खिलाफ निराधार आरोप लगाकर मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका का आरोप है कि स्मृति ईरानी की शह पर उनके करीबियों ने कथित तौर पर केंद्रीय महिला आयोग के सदस्य पद का फर्जी लेटर जारी कर किया। आरोप के मुताबिक पहले बड़ी-बड़ी बातें कर अंतरार्ष्ट्रीय शूटर को गुमराह किया गया, फिर पद पर बिठाने का एक करोड़ रेट बताकर वर्तिका की अच्छी प्रोफाइल होने की बात कहकर 25 लाख रुपये की डिमांड हुई।

वर्तिका के आरोप के मुताबिक स्मृति ईरानी के करीबी ने उनसे (वर्तिका) से सोशल साइट पर अश्लील बातें की। लूज-टॉक और रुपयों की डिमांड की बात का विरोध कर वर्तिका ने भ्रष्टाचार का खेल उजागर कर देने की चेतावनी दी। इससे बौखला कर स्मृति ईरानी के करीबी और सह आरोपी विजय गुप्ता ने मुसाफिरखाना थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।

इस बीच वर्तिका ने कहा है कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा की छवि को बदनाम करने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराकर निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मंशा को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट में परिवाद किया है। मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी।

अब अडानी की होगी आईपीएल में भी एंट्री !, बीसीसीआई की बैठक में राजीव शुक्‍ला उपाध्‍यक्ष बने

आईपीएल के 2022 के संस्करण में 8 की जगह 10 टीमें होंगी। दो स्थानों के लिए जिन टीमों के नाम की चर्चा है उनमें से एक गौतम अडानी की हो सकती है। टीमों की संख्या बढ़ाने का फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वार्षिक आम बैठक में किया गया। इसके अलावा बैठक में पूर्व आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्‍ला को बीसीसीआई का उपाध्‍यक्ष बनाया गया है। साथ ही सचिव जय शाह आईसीसी में भारत के प्रतिनिधि होंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो और फ्रेंचाइजी को शामिल करने को मंजूरी दे दी गई। अहमदाबाद में हुई बैठक में आईपीएल के चेयरमैन रहे राजीव शुक्‍ला को बीसीसीआई उपाध्‍यक्ष बनाया गया। वो माहिम वर्मा का स्थान लेंगे। एन श्रीनिवासन के अध्यक्ष रहते हुए शुक्ला बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। बैठक में यह भी फैसला किया गया कि सौरव गांगुली आईसीसी बोर्ड के निदेशक बने रहेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन दो नई टीमों को जगह मिल सकती है उनमें अडानी ग्रुप और संजीव गोयनका हो सकते हैं। क्योंकि बीसीसीआई एक शहर से एक ही टीम आईपीएल में रखने की सोच रहा है लिहाजा अहमदाबाद की टीम आईपीएल में हो सकती है जिसे खरीदने में अडानी ग्रुप अपने दिलचस्पी जाहिर कर रहा है। वैसे भी अहमदाबाद में दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है लिहाजा व्यापारिक दृष्टि से भी आईपीएल के लिए यह अच्छा रहेगा।

इस साल मेगा ऑक्शन होना है लिहाजा 10 टीमों की आईपीएल में एंट्री 2022 से ही हो सकेगी। साल 2022 में जब 10 टीमें आईपीएल में खेलती दिखेंगी तो उसके फॉर्मेट में भी बदलाव की संभावना है। इसमें टीमों को दो ग्रुप में बांटने का फैसला भी किया जा सकता है। फिलहाल तो राउंड रोबिन और क्वालीफायर का सिस्टम आईपीएल में है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों (महिला और पुरुष दोनों) को कोरोना महामारी के कारण घरेलू सत्र सीमित रहने की उचित भरपाई का भी फैसला किया गया है। बीसीसीआई मुश्ताक अली टी-20 से अगले साल घरेलू सीजन की शुरुआत कर सकता है।

अरुणाचल में सहयोगी जदयू के छह विधायक भाजपा में शामिल

अरुणाचल प्रदेश में सहयोगी भाजपा ने जदयू को करारा झटका दिया है।  प्रदेश में जदयू के सात में से छह विधायक सहयोगी सत्तारूढ़ भाजपा में अलग होकर शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) का एक विधायक भी पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हो गया है। इसके बाद भाजपा के अब राज्य में 48 विधायक हो गए हैं। जदयू का एकमात्र विधायक रह गया है।

जदयू नेता केसी त्यागी ने अपने छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने को दुभाग्यपूर्ण और गैर जरूरी करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हम एक तरह से मैत्रीपूर्ण विपक्ष की भूमिका में थे। इससे बिहार में गठबंधन सरकार पर विपरीत असर पड़ सकता है।

अरुणाचल में पंचायत और नगर निगम चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले यह बदलाव हुआ। भाजपा के इस फैसले से मुख्यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार सहज नहीं हैं।

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार से पटना में होने वाली है। ऐसे में एक साल से भी ज्यादा समय से बैठक की तैयारियों में जुटी पार्टी को अरुणाचल में टूट से बड़ा झटका लगा है। झटका इसलिए भी बहुत बड़ा है, क्योंकि जदयू को उसकी सहयोगी भजपा ने ही तोड़ लिया है। जदयू न सिर्फ केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, बल्कि बिहार में भी भाजपा के साथ सरकार चला रही है। अटकलें हैं कि कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के साथ गठबंधन पर पुनर्विचार की मांग हो सकती है।

भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी, दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोंग्रु सियोंग्जु, कांगोंग ताकू शामिल हैं।

सियनग्जू, खर्मा और टाकू को 26 नवंबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया था। इसके बाद जदयू विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बिना बताए तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था। वहीं, पीपीए विधायक कर्डो न्याग्योर को पार्टी ने इस महीना के शुरू में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था। अरुणाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीआर वाघे ने कहा कि हमने पार्टी में शामिल होने के उनके पत्रों को स्वीकार कर लिया है।