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अमरिंदर, पवार ने कुछ तत्वों के हिंसा करने की निंदा की, किसान मोर्चा ने कहा हिंसा असामाजिक तत्वों ने की

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कुछ तत्वों के दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा की घटनाएं करने की कड़ी निंदा की है। उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि किसान बहुत संयम से आंदोलन कर रहे थे लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक वक्तव्य में कहा है कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं और साथ ही उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं। इस बीच पंजाब में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कुछ तत्वों के दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा की घटनाएं करने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने एक ट्वीट करके कहा – ‘दिल्ली में कुछ चौंकाने वाले दृश्य देखे। उच्च तत्वों द्वारा हिंसा करने की कड़ी निंदा करता हूँ। यह किसानों द्वारा शांति से चलाए आंदोलन के दौरान कमाई गयी गुडविल को धक्का पहुंचाएगी। किसान नेताओं ने खुद को इस हिंसा से अलग कर लिया है। मैं सभी किसानों से दिल्ली को खाली करने और वापस आंदोलन की जगह पहुँचाने की अपील करता हूँ।’

उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से आये किसान बहुत संयम से आंदोलन कर रहे थे लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। केंद्र की जिममेवारी क़ानून व्यवस्था बनाने की थी लेकिन वो असफल रही।

इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक वक्तव्य में कहा है कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं। हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं।

मोर्चा ने कहा कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने तय मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे। असामाजिक तत्वों ने अन्यथा शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की थी। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा।

कहा कि अब 6 महीने से अधिक समय तक लंबा संघर्ष, और दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिनों से अधिक का विरोध भी इस स्थिति का कारण बना है। हम अपने आप को ऐसे सभी तत्वों से अलग करते हैं जिन्होंने हमारी तरफ से जारी अनुशासन निर्देशों का का उल्लंघन किया है। हम परेड के मार्ग और मानदंडों पर चलने के लिए सभी से दृढ़ता से अपील करते हैं, और किसी भी हिंसक कार्रवाई या राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज़ में लिप्त नहीं होते हैं। हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें।

मोर्चा ने कहा कि आज के कार्यक्रम का पूरा फिकबैक लिया जा रहा है और उसके बाद पूरी तस्वीर देखने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद जल्द ही एक विज्ञप्ति जारी की जाएगी।

दिल्ली की घटनाओं पर गृह मंत्री शाह ने बैठक की, अर्ध सैनिक बल तैनात करने की तैयारी

किसान आंदोलन के दौरान राजधानी दिल्ली में घटी घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक बैठक हुई है। बैठक में गृह सचिव और पुलिस कमिश्नर भी शामिल हैं। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक वहां अर्ध सैनिक बल (सीआरपीएफ) को तैनात करने की तैयारी कर ली गयी है। दिल्ली में अभी भी कुछ जगह इंटरनेट बंद है जबकि नांगलोई में हिंसा होने की खबर है।

शाह ने किसान आंदोलन के दौरान आज दिल्ली में घाटी घटनाओं की जानकारी ली है। उधर आज सोशल मीडिया पर एक मैजेस वायरल हो गया जिसमें कथित रूप से यह कहा गया है कि सरकार ने 31 जनवरी तक दोबारा लॉक डाउन लगाने का फैसला किया है और किसी भी तरह के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी। हालांकि, जानकारी के मुताबिक लॉक डाउन के डिश निर्देशों को 31 जनवरी तक बढ़ाया गया है, लॉक डाउन नहीं लगाया गया है।

दिल्ली के नांगलोई में अभी भी किसानों और पुलिस के बीच तनाव बना हुआ है। वहां बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं। किसान ने आज ट्रैक्टर परेड की घोषणा की थी और वे लाखों की संख्या में इस समय दिल्ली पहुंचे हुए हैं।

उधर किसान आंदोलन के दौरान राजधानी दिल्ली में घटी घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक बैठक हुई है। बैठक में गृह सचिव और पुलिस कमिश्नर भी शामिल हैं। शाह ने इस बैठक में राजधानी ने किसान आंदोलन के दृष्टिगत वर्तमान स्थिति की जानकारी ली है।  ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक वहां अर्ध सैनिक बल (सीआरपीएफ) को तैनात करने की तैयारी कर ली गयी है। पुलिस आज स्थिति संभालने में पूरी तरह नाकाम रही।

इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने ‘तहलका’ से बातचीत में कहा कि ‘उपद्रव करने वाले किसान नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के लोग हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन एंट्री प्वाइंट्स की दिल्ली पुलिस ने इजाजत दी थी उन्हें आज 12 बजे तक बंद रखा गया जिससे गड़बड़ हुई।

इससे पहले दोपहर में किसानों का एक बड़ा जत्था लाल किले पहुंचा था और वहां तिरंगे के साथ निशान साहिब और किसानों के झंडे भी लगा दिए थे। अब वहां से ाफी संख्या में किसान वहां से हट गए हैं।

किसानों की भीड़ के आगे बेबस पुलिस, कई जगह स्थिति नियंत्रण से बाहर, लाल किले में घुसे, लाखों किसान दिल्ली पहुंचे

दिल्ली में किसानों की भीड़ के आगे पुलिस बेबस दिख रही है और कई जगह स्थिति अनियंत्रित हो गयी है। किसानों ने लाल किले पर कब्ज़ा कर वहां अपना झंडा लगा दिया है और उन्होंने वहां की पुलिस चौकी पर कब्ज़ा कर लिया है। इसके बाद पुलिस के लोग वहां से भाग गए हैं। कई जगह किसानों और पुलिस के बीच झड़पों में किसान और पुलिस के लोग घायल होने की खबर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा है कि हिंसा किसी मसले का हल नहीं, चोट किसी भी लगे नुकसान देश का ही होगा। देश हित में किसान विरोधी क़ानून वापस लो।

किसानों की आज मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में ट्रैक्टर परेड थी। शुरू में माहौल शांतिपूर्ण लग रहा था लेकिन करीब 2.15 बजे यह रिपोर्ट  जगह स्थिति पुलिस के नियंत्रण से बाहर जा चुके है। लाल किले पर किसानों का कब्ज़ा हो गया है और वहां तिरंगे की बगल में उन्होंने अपना एक झंडा भी फहरा दिया है।

किसानों के लिए तय किये रुट अब छिन्न भिन्न हो गए हैं और किसान जहाँ तहँ पहुँच चुके हैं। एक जगह एक किसान के ट्रैक्टर के नीचे कुचले जाने की अपुष्ट सूचना है।

इस बीच किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा है कि सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए। हम सिर्फ अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं किसी तरह की हिंसा नहीं करेंगे।

उधर लाल किले पर कब्ज़ा करने के बाद अब किसान वहां से छंटने शुरू हो गए हैं। वहां पुलिस दुबारा लौट आई है। सुबह आईटीओ सहित कई जगह पुलिस बेरिकेड्स तोड़ दिए हैं। इन किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं। किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ है और उनपर आंसू गैस छोड़ी गयी है। कुछ किसानों के लाठीचार्ज में घायल होने की खबर है। किसानों का एक ग्रुप आज सुबह समय से पहले ही दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गया। किसान आईटीओ से आगे बढ़ चुके हैं और उन्होंने कहा है कि वे लाल किले तक पहुंचेंगे। पहले से तय रूट्स पर भी लाखों किसान आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगे लगा रखे हैं और देशभक्ति के गीत बजा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को किसानों को दिल्ली में तय किये गए रूटों पर जाने की इजाजत दी थी। हालांकि, किसानों की इतनी बड़ी भीड़ है कि नहीं यह भी पता नहीं है कि कहाँ से जाना है। लिहाजा जहाँ बेरिकेड्स हैं, वहां किसान उन्हें तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं।  प्रदर्शनकारी किसान गाजीपुर बॉर्डर से प्रगति मैदान पहुंचकर सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।

अभी तक की स्थिति के मुताबिक किसान और पुलिस के बीच कुछ जगह अनाव की स्थिति भी बनी है। कई जगह पुलिस वाले खुद ही किसानों की भीड़ देखकर वहां से भागते हुए दिखे हैं। बता दें किसान आज दिल्ली में ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे हैं। इसके लिए किसानों ने सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल होना शुरू कर दिया है।

सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस के लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं और दिल्ली में दाखिल हो गए हैं। ऐसा की कुछ नजारा गुरुग्राम में फरीदाबाद में भी देखा गया। बेकाबू होते किसानों को रोकने के लिए पुलिस र किसानों को काबू करने के लिए जहां संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में आंसू गैस छोड़ी गई वहीं गाजीपुर में लाठीचार्ज किया गया। गुरुग्राम में किसानों की तिरंगा परेड रोकने के लिए मानेसर घाटी में गुरुग्राम पुलिस ने भारी वाहनों को रोककर जाम लगा दिया, जिसके कारण पिछले 12 घंटे से ट्रक चालक फंसे हुए हैं। ऐसे में मंगलवार सुबह ट्रक चालकों ने ट्रक के अंदर ही खाना बनाकर खाया।

गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा था कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संघों ने दावा किया था कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से रवाना होगी।

देश भर में गणतंत्र दिवस की धूम, राष्ट्रपति ने तिरंगा फहराया, देश की सैन्य ताकत की मिली झलक

देश भर में आज 72वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम दिल्ली में हुआ जहाँ राजधानी के राजपथ पर भारत की सैन्य ताकत और संस्कृति की झलक देखने को मिली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहरा कर रिपब्लिक डे परेड कार्यक्रम की शुरुआत की।

रिपब्लिक डे परेड में तीन सेनाओं की ताकत के साथ अलग-अलग राज्यों, मंत्रालयों, सुरक्षाबलों की झांकियां भी देखने को मिलीं। पहली बार लड़ाकू विमान राफेल ने परेड में हिस्सा लिया और पूरी दुनिया को अपना दम दिखाया। राफेल की गर्जन से पूरा आसमान गूंज गया।

परेड का मुख्य आकर्षण सैन्य ताकत, राज्यों की अलग-अलग संस्कृति, बांग्लादेश का 122 सदस्यों का कॉन्टिनजेन्ट, स्कूलों के बच्चों की ओर से पेश कार्यक्रम रहा। उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी जबकि पंजाब की झांकी गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित रही।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम शानदार तरीके मनाया गया भले कोरोना के कारण भीड़ कम रही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहरा कर रिपब्लिक डे परेड कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी आउटर अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को प्रदर्शित किया गया। रिपब्लिक डे परेड का समापन 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने वाले एक राफेल विमान के आसमान पर ‘वर्टिकल चार्ली’ बनाने के साथ हुआ। विमान को शौर्य चक्र विजेता हरकीरत सिंह उड़ा रहे थे।

कई जगह बेरिकेड्स तोड़कर किसान दिल्ली पहुंचे, पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले भी दागे गए

दिल्ली में किसानों और पुलिस के बीच तनाव बन गया है। किसानों ने मोदी सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आईटीओ सहित कई जगह पुलिस बेरिकेड्स तोड़ दिए हैं। इन किसानों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं। किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ है और उनपर आंसू गैस छोड़ी गयी है। कुछ किसानों के लाठीचार्ज में घायल होने की खबर है। किसानों का एक ग्रुप आज सुबह समय से पहले ही दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गया। किसान आईटीओ से आगे बढ़ चुके हैं और उन्होंने कहा है कि वे लाल किले तक पहुंचेंगे। पहले से तय रूट्स पर भी लाखों किसान आगे बढ़ रहे हैं। किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगे लगा रखे हैं और देशभक्ति के गीत बजा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को किसानों को दिल्ली में तय किये गए रूटों पर जाने की इजाजत दी थी। हालांकि, किसानों की इतनी बड़ी भीड़ है कि यह भी पता नहीं है कि कहाँ से जाना है। लिहाजा जहाँ बेरिकेड्स हैं, वहां किसान उन्हें तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं।  प्रदर्शनकारी किसान गाजीपुर बॉर्डर से प्रगति मैदान पहुंचकर सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।

अभी तक की स्थिति के मुताबिक किसान और पुलिस के बीच कुछ जगह तनाव की स्थिति भी बनी है। कई जगह पुलिस वाले खुद ही किसानों की भीड़ देखकर वहां से भागते हुए दिखे हैं। बता दें किसान आज दिल्ली में ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे हैं। इसके लिए किसानों ने सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल होना शुरू कर दिया है।

सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस के लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं और दिल्ली में दाखिल हो गए हैं। ऐसा की कुछ नजारा गुरुग्राम में फरीदाबाद में भी देखा गया। बेकाबू होते किसानों को रोकने के लिए पुलिस किसानों को काबू करने के लिए जहां संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में आंसू गैस छोड़ी गई वहीं गाजीपुर में लाठीचार्ज किया गया। गुरुग्राम में किसानों की तिरंगा परेड रोकने के लिए मानेसर घाटी में गुरुग्राम पुलिस ने भारी वाहनों को रोककर जाम लगा दिया, जिसके कारण पिछले 12 घंटे से ट्रक चालक फंसे हुए हैं। ऐसे में मंगलवार सुबह ट्रक चालकों ने ट्रक के अंदर ही खाना बनाकर खाया।

गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा था कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संघों ने दावा किया था कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से रवाना होगी।

सात फेरे लेकर एक-दूजे के हुए वरुण-नताशा

बॉलीवुड के उभरते अभिनेता वरुण धवन रविवार रात अपनी गर्लफ्रेंड और फैशन डिजाइनर नताशा दलाल के साथ शादी के बंधन में बंध गए। वरुण और नताशा ने परिवार और करीबी दोस्तों की मौजूदगी में सात फेरे लिए। दोनों की शादी निजी समारोह के तौर पर हिंदू रीति-रिवाज से हुई।
अभिनेता वरुण धवन ने इंस्टाग्राम अकाउंट से शादी की दी तस्वीरें शेयर की हैं। वरुण ने लिखा-जिंदगीभर का प्यार आज आधिकारिक हो गया। एक तस्वीर में वरुण और नताशा वरमाला डालकर बैठे हुए हैं। इसमें नताशा, वरुण की तरफ बड़े ही प्यार से देख रही हैं। जबकि दूसरी तस्वीर में दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे फेरे ले रहे हैं।
वरुण धवन और नताशा दलाल की शादी अलीबाग स्थित मेंशन हाउस के रिजॉर्ट में हुई है। इस मौके पर परिवार और रिश्तेदारों के अलावा करीबी दोस्त ही मौजूद रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए समारोह में कुछ चुनिंदा लोगों को ही निमंत्रण दिया गया था। कार्यक्रम में करण जौहर और मनीष मल्होत्रा जैसी कई मशहूर हस्तियां पहुंची। कई बॉलीवुड सितारे भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
वरुण और नताशा दलाल दोनों बचपन से ही एक दूसरे को जानते हैं। दोनों को एकसाथ पार्टी और कार्यक्रमों में भी स्पॉट किया जाता रहा है। बता दें कि यह शादी पिछले साल यानी मई 2020 में तय थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से इसे टाल दिया गया था।

लालू यादव की तबीयत गंभीर, एयर लिफ्ट कर दिल्ली एम्स लाए गए

रांची के अस्पताल में क़ैद के दौरान इलाज करा रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को शनिवार रात रांची के अस्पताल में इलाज के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद एयर लिफ्ट कर दिल्ली एम्स लाया गया। उन्हें  कार्डियोथोरेसिक सेंटर की कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती किया गया है। उनको पिछले दो दिनों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
बिहार के पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एम्स तक पहुंचाया गया। लालू इससे पहले मार्च 2018 में भर्ती हुए थे और करीब एक महीने बाद ही एम्स ने छुट्टी दे दी थी। इलाज और उनकी तबीयत पर नजर रखने के लिये विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है। एम्स के हृदय रोग संबंधी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राकेश यादव उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं।
71 वर्षीय लालू का झारखंड की राजधानी रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज चल रहा था। रिम्स के निदेशक डॉक्टर कामेश्वर प्रसाद ने बताया था कि लालू प्रसाद को बीते दो दिन से सांस लेने में तकलीफ हो रही है। शुक्रवार को उन्हें निमोनिया की शिकायत बताई गई। डॉक्टरों की सलाह पर बेहतर इलाज के लिये उन्हें दिल्ली एम्स भेजने का फैसला किया गया।
दिग्गज नेता की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी तबीयत बिगड़ने की खबर सुनकर शुक्रवार को विशेष विमान से रांची पहुंचे थे। परिवार ने रात में लालू से मुलाकात की थी।तेजस्वी ने बताया था कि पिताजी की तबीयत चिंताजनक है। तेजस्वी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात कर अपने पिता को दिल्ली ले जाने की व्यवस्था करने को कहा था।

किसानों को 26 जनवरी की परेड की इजाजत मिली, पांच रुट पर होगी परेड: योगेंद्र यादव

किसानों को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गयी है। इस परेड के लिए पांच रुट तय किये गए हैं। किसान नेताओं ने अब से कुछ देर पहले कहा कि परेड दिल्ली के भीतर होगी। किसान नेता योगेंद्र यादव ने इसका ऐलान किया है।

इस परेड के लिए पांच रुट बनाये गए हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा – ‘किसानों को ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गयी है। इसके लिए पांच रुट निर्धारित किये गए हैं। पुलिस ने इसकी इजाजत दी है। अब हम दिल्ली के भीतर जाएंगे। पांच राउंड बात के बाद यह सारी बातें कबूल हो गयी हैं। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को गण की प्रतिष्ठा बचाने के लिए किसान यह परेड किसान करेंगे क्यों गण पर तंत्र बैठ गया है।

किसान नेताओं ने कहा कि पांच रुट पर किसान चलेंगे परेड करेंगे और वापस उसी प्वाईंट पर पहुंचेंगे। इसमें 100 किलोमीटर का दायरा कवर होगा। किसानों ने पहले से इसकी तैयारी की हुई थी। उधर दिल्ली पुलिस की तरफ से अभी इसे लेकर कोई ब्यान नहीं आया है।

नेताजी के पराक्रम दिवस पर पीएम ने कहा, एलएसी से लेकर एलओसी तक दुनिया भारत की ताकत देख रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन किया। ‘पराक्रम दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम पर मोदी ने कहा कि नेताजी ने जिस भारत की कल्पना की थी, एलएसी से लेकर एलओसी तक उसका अवतार दुनिया देख रही है।

प्रधानमंत्री विक्टोरिया मेमोरियल भी गए जहाँ सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ भी उनके साथ थे। पीएम मोदी मेमोरियल हॉल में कुछ ही देर में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। पीएम ने विक्टोरिया मेमोरियल में दो नई गैलरी का भी उद्घाटन किया। एक गैलरी नेताजी को लेकर तैयार की गयी है, जिसका नाम निर्भीक सुभाष रखा गया है। दूसरी गैलरी देश के अन्य स्वतंत्रता आंदोलनकारियों को लेकर तैयार की गई है जिसका नाम ‘विप्लवी भारत’ रखा गया है।

इस अवसर पर पीएम मोदी एक स्थायी प्रदर्शनी और नेताजी पर एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी उद्घाटन किया। पीएम नेताजी की चिट्ठियों से जुड़ी एक किताब का भी विमोचन किया और एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। नेताजी की थीम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आमरा नूतन जिबनेरी’ भी आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में ही नेशनल लाइब्रेरी (राष्ट्रीय पुस्तकालय) का भी दौरा किया। यहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ’21वीं सदी में नेताजी सुभाष की विरासत का फिर से दौरा’ सहित कई कार्यक्रमों और एक आर्ट गैलरी और  चित्र प्रदर्शनी का पीएम उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कलाकारों और सम्मेलन के प्रतिभागियों के साथ बातचीत भी की।

मोदी ने कहा – ‘आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा। क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है।’

पीएम ने कहा – ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।’

ममता बोलीं, किसी का अपमान करना ठीक नहीं, नेताजी से जुड़े प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बोलने से इनकार किया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार शाम कोलकाता में नेताजी की 125वीं जयंती के पराक्रम दिवस कार्यक्रम में उस समय बोलने से मना कर दिया जब उन्हें मंच संचालक ने बोलने के लिए बुलाया। ममता ने कहा किसी को बुलाकर बेइज्जत करना ठीक नहीं। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अथिति हैं और इसका आयोजन केंद्र सरकार ही कर रही है।

ममता माइक तक आईं लेकिन सिर्फ यह कहकर कि किसी का अपमान करना ठीक नहीं और  बुलाकर बेइज्जत करना ठीक नहीं, वो वापस अपने सीट पर जाकर बैठ गईं। इस कार्यक्रम में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ भी उपस्थित हैं।

दरअसल ममता तब गुस्सा हो गईं जब उन्हें बोलने के लिए बुलाया गया तभी वहां कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरु कर दिए। ममता ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम हैं, यहाँ ऐसे नारे नहीं लगने चाहियें। इसके बाद वह जाकर सीट पर जाकर बैठ गईं।

उधर आज दोपहर ममता बनर्जी ने कोलकाता में करीब 9 किलोमीटर लंबा रोडशो निकाला। इस रोडशो में बड़ी भीड़ उमड़ी। बंगाल में चुनाव हैं लिहाजा वहां राजनीति तेज हो गयी है। इस मौके पर ममता ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा – ‘केंद्र सरकार ने नेताजी का जन्मदिन पराक्रम दिवस के तौर पर घोषित करने से पहले मुझसे मशविरा नहीं किया’।

ममता ने कहा – ‘ऐसा नहीं है कि हम हम नेताजी की जयंती केवल उन वर्षों में ही मनाते हों जिस वर्ष चुनाव होने वाले हैं। उनकी 125वीं जयंती हम बहुत बड़े पैमाने पर मना रहे हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नेताजी को देशनायक बताया था। इसलिए हमने इस दिन को देशनायक दिवस बनाने का फैसला किया है।’

सीएम ममता ने कहा – ‘नेताजी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह एक महान दार्शनिक थे।’ ममता ने इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस को देश का नायक का दर्जा दिए जाने की मांग भी की।

इस मौके पर ममता ने देश की चार राजधानियों के वकालत की और कहा – ”मेरा मानना है कि भारत में 4 रोटेटिंग राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे देश पर कोलकाता से शासन किया। हमारे देश में केवल एक ही राजधानी क्यों होनी चाहिए।” ममता ने कहा – ‘भारत में क्रमिक आधार पर चार राजधानियां होनी चाहिए। नीति आयोग, योजना आयोग सह अस्तित्व में रह सकते हैं, केंद्र को आयोग को फिर से लाना चाहिए।’

पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ममता ने कहा – ‘कुछ लोगों को ठीक चुनाव से पहले ही नेताजी की याद आती है। लेकिन मैं इनसे बिल्कुल अलग हमेशा नेताजी के परिवार के संपर्क में रही हूं। मैं आज से पहले उनकी (नेताजी सुभाष चंद्रा) की जयंती को न मनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त करना चाहूंगी। लेकिन ठीक चुनाव से पहले जयंती मनाने की याद क्यों आई ये भी समझ रही हूं।’