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राहुल गांधी लॉक डाउन में लोगों की सबसे ज्यादा मदद करने वाले टॉप 10 सांसदों में तीसरे नंबर पर: रिपोर्ट  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना माहमारी के कारण लगे लॉक डाउन के दौरान लोगों की सबसे ज्यादा मदद करने वाले देश भर के सांसदों में तीसरे नंबर पर हैं। दिल्ली की एक संस्था ने इसके लिए एक व्यापक सर्वे किया जिसमें सबसे ज्यादा जनता की मदद करने वाले टॉप 10 सांसदों की सूची बनाई। इनमें राहुल गांधी तीसरे नंबर पर रहे। पहले नंबर पर उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया (भाजपा) जबकि दूसरे पर नेल्लोर के सांसद अदला प्रभाकर रेड्डी (वाईएसआरसीपी) हैं।

संस्था सिटिजन इंगेजमेंट प्‍लेटफॉर्म गवर्नआई सिस्‍टम जनहित से जुड़े मुद्दों पर काम करती है। उसके सदस्यों ने सर्वे के दौरान लोगों से बातचीत के दौरान पाया कि इन सांसदों ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनकी हरसंभव मदद भी की। सर्वे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को तीसरे नंबर पर रखा गया है।

सर्वेक्षण में उज्जैन के भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया को पहले नंबर पर रखा गया है जबकि दूसरे नंबर पर नेल्लोर के वाईएसआरसीपी के सांसद अदला प्रभाकर रेड्डी हैं।

याद रहे कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए देश भर में मार्च के अंत में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके बाद आम लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी थी। सांसदों के अलावा अन्‍य लोग और संस्थाएं भी ऐसी स्थिति में मदद के लिए आगे आए थे।

सिटिजन इंगेजमेंट प्‍लेटफॉर्म गवर्नआई सिस्‍टम की सूची में चौथे स्‍थान पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, पांचवें स्‍थान पर भाजपा सांसद एलएस तेजस्‍वी सूर्या, छठे पर शिवसेना सांसद हेमंत तुकाराम गोडसे, सातवें पर शिरोमणि अकाली दल सांसद सुखबीर सिंह बादल, आठवें स्‍थान पर भाजपा के शंकर लालवानी, नौवें स्‍थान पर चेन्नई दक्षिण से द्रमुक के डॉ. टी सुमाथी जबकि दसवें स्‍थान पर भाजपा के नितिन गडकरी (मंत्री) हैं।

सर्वे करने वाली संस्था के मुताबिक सर्वे के दौरान 512 लोकसभा सांसदों के लिए 33.82 लाख से अधिक नॉमिनेशन मिले थे। इनमें से पहले 25 को चुना गया। इसके बाद टीम की ओर से ग्राउंड सर्वे करवाया गया। सर्वे के सीनियर प्रोजेक्‍ट लीडर मंजुनाथ केरी के मुताबिक ग्राउंड सर्वे के दौरान कई संसदीय क्षेत्रों में नेताओं की ओर से निस्‍वार्थ सेवा करने की भी बातें सुनने को मिली हैं, लेकिन इन्‍हें सर्वे में शामिल नहीं किया गया।
सर्वे पहली अक्तूबर को शुरू हुआ और इसके तहत 25 सांसदों को उनके पक्ष में मिले नामांकन के आधार पर चुना गया। संस्था ने इन सभी सांसदों के संसदीय क्षेत्रों में आम जनता से बातचीत की, जिसके आधार पर टॉप-10 सांसदों की सूची तैयार की गई। सर्वे को लेकर राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र के सहयोगी ने बताया कि देश में अचानक लगे लॉकडाउन के बाद राहुल गांधी ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम किया। जिन जगहों पर मास्क, हैंड सैनिटाइज, थर्मामीटर और वेंटिलेटर्स की कमी थी, वह सांसद ने मुहैया कराईं। उन्होंने देश और विदेश में फंसे केरल के लोगों की हरसंभव मदद की। हमने लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए ट्रेन और बसें चलाईं। इसके अलावा लोगों को खाने के पैकेट बांटे। आर्थिक मदद की और सामुदायिक रसोई भी चलाई, जिससे कोई भी भूखा न रहे।

अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका का स्मृति ईरानी, दो अन्य के खिलाफ महिला आयोग का सदस्य बनाने के लिए 25 लाख रुपये मांगने का आरोप, मामला दर्ज किया    

भारत की अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह ने महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर 25 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और दो  अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस कथित मामले की शिकायत एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर की गयी है जिसने सुनवाई के लिए 2 जनवरी, 2021 की तारीख निश्चित की है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्मृति ईरानी के अलावा जिन अन्य दो लोगों के नाम इस कथित मामले में शामिल हैं उनमें से एक ईरानी के सहायक विजय गुप्ता और दूसरे डॉक्टर रजनीश सिंह हैं। बता दें 23 नवंबर को अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना में वर्तिका सिंह और कमल किशोर (नाम पता अज्ञात) के खिलाफ विजय कुमार गुप्‍ता ने एक मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया है कि ‘आयुष राज्‍य मंत्री, भारत सरकार को रायबरेली में अस्‍पताल के निर्माण के लिए संदर्भित पत्र की प्रतापगढ़ जिले के रामचंद्रपुर निवासी केपी सिंह‍ की पुत्री वर्तिका सिंह कूट-रचना कर (विषय वस्तु बदल कर) मेरे खिलाफ निराधार आरोप लगाकर मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका का आरोप है कि स्मृति ईरानी की शह पर उनके करीबियों ने कथित तौर पर केंद्रीय महिला आयोग के सदस्य पद का फर्जी लेटर जारी कर किया। आरोप के मुताबिक पहले बड़ी-बड़ी बातें कर अंतरार्ष्ट्रीय शूटर को गुमराह किया गया, फिर पद पर बिठाने का एक करोड़ रेट बताकर वर्तिका की अच्छी प्रोफाइल होने की बात कहकर 25 लाख रुपये की डिमांड हुई।

वर्तिका के आरोप के मुताबिक स्मृति ईरानी के करीबी ने उनसे (वर्तिका) से सोशल साइट पर अश्लील बातें की। लूज-टॉक और रुपयों की डिमांड की बात का विरोध कर वर्तिका ने भ्रष्टाचार का खेल उजागर कर देने की चेतावनी दी। इससे बौखला कर स्मृति ईरानी के करीबी और सह आरोपी विजय गुप्ता ने मुसाफिरखाना थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।

इस बीच वर्तिका ने कहा है कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा की छवि को बदनाम करने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराकर निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मंशा को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट में परिवाद किया है। मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी।

अब अडानी की होगी आईपीएल में भी एंट्री !, बीसीसीआई की बैठक में राजीव शुक्‍ला उपाध्‍यक्ष बने

आईपीएल के 2022 के संस्करण में 8 की जगह 10 टीमें होंगी। दो स्थानों के लिए जिन टीमों के नाम की चर्चा है उनमें से एक गौतम अडानी की हो सकती है। टीमों की संख्या बढ़ाने का फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वार्षिक आम बैठक में किया गया। इसके अलावा बैठक में पूर्व आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्‍ला को बीसीसीआई का उपाध्‍यक्ष बनाया गया है। साथ ही सचिव जय शाह आईसीसी में भारत के प्रतिनिधि होंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो और फ्रेंचाइजी को शामिल करने को मंजूरी दे दी गई। अहमदाबाद में हुई बैठक में आईपीएल के चेयरमैन रहे राजीव शुक्‍ला को बीसीसीआई उपाध्‍यक्ष बनाया गया। वो माहिम वर्मा का स्थान लेंगे। एन श्रीनिवासन के अध्यक्ष रहते हुए शुक्ला बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। बैठक में यह भी फैसला किया गया कि सौरव गांगुली आईसीसी बोर्ड के निदेशक बने रहेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन दो नई टीमों को जगह मिल सकती है उनमें अडानी ग्रुप और संजीव गोयनका हो सकते हैं। क्योंकि बीसीसीआई एक शहर से एक ही टीम आईपीएल में रखने की सोच रहा है लिहाजा अहमदाबाद की टीम आईपीएल में हो सकती है जिसे खरीदने में अडानी ग्रुप अपने दिलचस्पी जाहिर कर रहा है। वैसे भी अहमदाबाद में दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है लिहाजा व्यापारिक दृष्टि से भी आईपीएल के लिए यह अच्छा रहेगा।

इस साल मेगा ऑक्शन होना है लिहाजा 10 टीमों की आईपीएल में एंट्री 2022 से ही हो सकेगी। साल 2022 में जब 10 टीमें आईपीएल में खेलती दिखेंगी तो उसके फॉर्मेट में भी बदलाव की संभावना है। इसमें टीमों को दो ग्रुप में बांटने का फैसला भी किया जा सकता है। फिलहाल तो राउंड रोबिन और क्वालीफायर का सिस्टम आईपीएल में है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों (महिला और पुरुष दोनों) को कोरोना महामारी के कारण घरेलू सत्र सीमित रहने की उचित भरपाई का भी फैसला किया गया है। बीसीसीआई मुश्ताक अली टी-20 से अगले साल घरेलू सीजन की शुरुआत कर सकता है।

अरुणाचल में सहयोगी जदयू के छह विधायक भाजपा में शामिल

अरुणाचल प्रदेश में सहयोगी भाजपा ने जदयू को करारा झटका दिया है।  प्रदेश में जदयू के सात में से छह विधायक सहयोगी सत्तारूढ़ भाजपा में अलग होकर शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) का एक विधायक भी पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हो गया है। इसके बाद भाजपा के अब राज्य में 48 विधायक हो गए हैं। जदयू का एकमात्र विधायक रह गया है।

जदयू नेता केसी त्यागी ने अपने छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने को दुभाग्यपूर्ण और गैर जरूरी करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हम एक तरह से मैत्रीपूर्ण विपक्ष की भूमिका में थे। इससे बिहार में गठबंधन सरकार पर विपरीत असर पड़ सकता है।

अरुणाचल में पंचायत और नगर निगम चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले यह बदलाव हुआ। भाजपा के इस फैसले से मुख्यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार सहज नहीं हैं।

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार से पटना में होने वाली है। ऐसे में एक साल से भी ज्यादा समय से बैठक की तैयारियों में जुटी पार्टी को अरुणाचल में टूट से बड़ा झटका लगा है। झटका इसलिए भी बहुत बड़ा है, क्योंकि जदयू को उसकी सहयोगी भजपा ने ही तोड़ लिया है। जदयू न सिर्फ केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, बल्कि बिहार में भी भाजपा के साथ सरकार चला रही है। अटकलें हैं कि कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के साथ गठबंधन पर पुनर्विचार की मांग हो सकती है।

भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी, दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोंग्रु सियोंग्जु, कांगोंग ताकू शामिल हैं।

सियनग्जू, खर्मा और टाकू को 26 नवंबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया था। इसके बाद जदयू विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बिना बताए तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था। वहीं, पीपीए विधायक कर्डो न्याग्योर को पार्टी ने इस महीना के शुरू में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था। अरुणाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीआर वाघे ने कहा कि हमने पार्टी में शामिल होने के उनके पत्रों को स्वीकार कर लिया है।

जो लोग आंदोलन कर रहे वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे, हमने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस सहित  विपक्षी दलों पर निशाना साधा। यहाँ तक कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी हमला बोला। मोदी ने आरोप लगाया कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे। पीएम ने कहा कि हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को निकाला और उसे लागू किया।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित किसान संवाद में मोदी  ने आज 18,000 करोड़ रुपये का किसान सम्मान निधि ट्रांसफर किया। पीएम ने कहा – ‘अब तक पीएम किसान निधि के तहत एक लाख 10 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम किसानों के खाते में सीधे पहुंच चुकी है,अब न कोई कमीशन है न कोई कट। अब रुपया किसी के हाथ नहीं लगता है। जो दिल्ली से रुपया निकलता है वह सीधे बैंक खातों में जाता है। प्रधानमंत्री किसान योजना निधि इसका उत्तम उदाहरण है।’

मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला किया और कहा – ‘जो लोग आज किसानों के नाम पर आंसू बहा रहे हैं, वे लोग तब कहां थे, जब किसानों की जमीन हड़पी जा रही थी। जो लोग आज किसान के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं किया? जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वह पिछली सरकार का समर्थन करते थे। हमने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को निकाला और उसे लागू किया।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों की लागत कम हो. सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो और आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है।

इस मौके पर मोदी ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘हठधर्मिता की वजह से वहां कि किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।’

मोदी ने कहा कि जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल एपीएमसी  मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी मंडियां हैं ही नहीं।

यही नहीं पीएम ने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।

पीएम ने कहा – ‘गुमराह करने का खेल चल रहा है। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी, अफवाह फैलाई जा रही है कि मंडी बंद हो जाएंगी। नए कृषि कानून पिछले कई महीने से लागू हैं। क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में किसी मंडी के बंद होने की खबर सुनी है?’

कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की औरआंदोलन कर रहे  किसानों से विरोध-प्रदर्शन खत्म कर सरकार से बातचीत करने की अपील की। कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब के थोड़े से किसान भ्रमित होकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने छह राज्यों के चुनिंदा किसानों से बातचीत भी की।

756 करोड़ के दो पोंजी घोटाले में दो पूर्व एमडी गिरफ्तार

सीबीआई ने दो अलग-अलग पोंजी घोटालों से जुड़े मामलों में कंपनियों के दो पूर्व प्रबंध निदेशकों यानी मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि ये दोनों घोटाले करीब 756 करोड़ रुपये के हैं।
सन प्लांट एग्रो लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अवधेश सिंह को गैरकानूनी ढंग से 697 करोड़ जुटाने और न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तत्कालीन एमडी दीपांकर डे को 139 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने ही कंपनी में निवेशकों को उच्च रिटर्न का आश्वासन देकर यह रकम जुटाई थी।
सीबीआई का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में निवेशकों से रकम जुटाने के बाद ये दोनों फरार हो गए और पैसा का दुरुपयोग किया। सन प्लांट एग्री ने निवेशकों को पेड़ बेचने के नाम पर लुभावने रिटर्न का लालच देकर पैसा जुटाया था। सेबी ने न्यू लैंड एग्रो की योजनाओं में भी अनियमितता पाई थी और पैसा लौटाने का निर्देश दिया था। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के 9 मई 2014 के आदेश पर सारदा और अन्य पोंजी घोटालों के मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी।

गुजरात : 121 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में छापे
सीबीआई ने 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में सूर्या एग्जिम लिमिटेड और उसके निदेशकों पर मामला दर्ज करने के बाद बृहस्पतिवार को गुजरात के नवसारी और सूरत में पांच जगहों पर छापे मारे यह मामला 2017-19 के दौरान का है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने केनरा बैंक की शिकायत पर कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपियों ने केनरा बैंक समेत बैंकों के समूह से धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रची। फर्जीवाड़ा और पैसे की हेराफेरी से 121.05 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि कंपनी को बैंकों के समूह से ऋण मिला लेकिन समूह के सदस्य बैंकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना निजी बैंकों में खाते खोले गए और उनका इस्तेमाल पैसे निकालने में किया गया। उन्होंने कहा कि खाता एनपीए हो गया जिससे बैंकों के समूह को लगभग 121.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

किसान मार्च निकालने निकले प्रियंका और कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा

संसद में किसान कानूनों के मसले पर विपक्ष को बुलडोज करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने किसानों के हक़ में गुरुवार को अपने नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य के नेतृत्व में सड़कों पर आवाज बुलंद की। कांग्रेस किसानों के पक्ष में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाले बंडल लेकर विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रही थी, लेकिन कांग्रेस दफ्तर से बाहर निकलते ही उन्हें रोक दिया गया। बाद में  प्रियंका गांधी को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया जबकि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट कर किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों के हक़ में 2 करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन उन्हें सौंपा। हिरासत में लिए गए प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को मार्च की इजाजत नहीं दी। अब राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जाएंगे और किसानों की आवाज सुनने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की मांग वाला ज्ञापन सौंपेंगे। कांग्रेस मार्च को रोकने के लिए नई दिल्ली इलाके में सुबह ही धारा 144 लागू कर दी गई थी ताकि कांग्रेस मार्च को रोका जा सके।

राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया।

कांग्रेस के इस मार्च में पार्टी की एकता भी दिखी। कथित रूप से असंतुष्ट कहे जाने वाले नेता भी राहुल गांधी के मार्च में साथ जुटे। मार्च रोके जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यह (मोदी) सरकार लोकतंत्र का मजाक रही है और किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। प्रियंका ने कहा – ‘यह किसान ही हैं जिनके बेटे सरहदों पर डिश की हिफाजत कर रहे हैं लेकिन सरकार बेहरी बनी हुई है। बहुत मुश्किल हालत में भी अन्नदाता सड़कों पर अपने लिए हक़ मांग रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही।’

कांग्रेस नेता किसी वेणुगोपाल ने कहा – ‘केंद्र सरकार ने पहले कृषि विरोधी कानून बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं। कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं।’

कांग्रेस ने कहा कि भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है। हरियाणा कांग्रेस प्रमुख शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं। शैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आवाज को लगातार दबा रही है।

आज कांग्रेस कार्यलय में दो बसें मंगाई गई थीं जिनमें प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता राष्ट्रपति भवन जाने वाले थे। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी और कांग्रेस कार्यालय के आस-पास धारा 144 लगा दी गई। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा – ‘भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’

किसान करेंगे प्रेस कांफ्रेंस : किसान आज एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। किसान नेता दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें आंदोलन का कारण बताएंगे। किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें। किसानों ने क़ानून वापस लेने की मांग जारी राखी है। उन्होंने कहा आंदोलन 20 राज्यों तक ले जाया जाएगा। किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है। केन्द्र सरकार की तरफ से दिए गए संशोधन के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने बुधवार को खारिज कर दिया था।

28 साल बाद सिस्टर अभया की हत्या में पादरी और नन को उम्रकैद

केरल के कोट्टायम में मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल पुराने चर्चित सिस्टर अभया मामले में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को हत्या का दोषी करार दिया था। एज कॉन्वेंट में 1992 में हुई इस घटना पर बुधवार को अदालत ने दोनों दोषियों को उम्रकैद जी सजा सुनाई।
सीबीआई कोर्ट ने कैथोलिक फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद के साथ पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। सबूत मिटाने के लिए सात सालों की जेल और कॉन्वेंट में गैर-अधिकृत तरीके से घुसने के लिए भी उम्रकैद की सजा मिली है।
वहीं, सिस्टर सेफी को भी धारा 302 के तहत मर्डर के लिए उम्रकैद के साथ 5 लाख जुर्माना भरने की सजा दी है। सबूत मिटाने के लिए सात सालों की सजा मिली है। सिस्टर सेफी उस कॉन्वेंट का प्रभार संभालती थी, जहां सिस्टर अभया रहती थीं।
क्या है मामला
मार्च, 1992 में कोट्टायम के एक कॉन्वेंट में 21 साल की सिस्टर अभया की हत्या कुल्हाड़ी से कर दी गई थी क्योंकि उसने थॉमस कोट्टूर, एक अन्य पादरी होज़े फूथराकयाल और सेफी को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। अपराध छिपाने के लिए तीनों ने सिस्टर अभया की हत्या कर शव कॉन्वेंट के ही एक कुएं में फेंक दिया था। हालांकि तीसरे आरोपी को पिछले साल अदालत ने बरी कर दिया था।
इस बीच, सिस्टर अभया के माता-पिता इंसाफ के इंतज़ार में चार साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह गए। अब शायद उनकी आत्मा को आत्मा को शांति मिलेगी।
शुरुआती जांच में पुलिस और क्राइम ब्रांच ने घटना को खुदकुशी का मामला करार दिया था। लेकिन जांच में बुहत सी चीजें साफ नहीं हो रही थीं, भारी विरोध के बाद केस को सीबीआई को दे दिया गया था। दिलचस्प है कि सीबीआई ने कोर्ट में तीन फाइनल रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने नकार दिया था। कोर्ट जांच के कई पहलुओं पर संतुष्ट नहीं था। बाद में 2008 में हाई कोर्ट ने फिर सीबीआई जांच का आदेश दिया। सीबीआई की आखिरी रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर हत्या का दोषी माना और आज उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

फूलपुर इफ्को प्‍लांट में अमोनिया गैस रिसाव ; दो अधिकारियों की मौत, कई गंभीर रूप से बीमार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फूलपुर स्थित इफ्को प्‍लांट में मंगलवार देर रात अमोनिया गैस का रिसाव होने से दो अधिकारियों की मौत हो गयी है जबकि कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इस घटना के बाद इफ्को और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन प्‍लांट में फंसे कर्मचारियोें को बाहर निकाला गया। इफ्को फूलपुर के प्‍लांट में पहले भी हादसा हो चुका है। पिछले दो साल में यहां पांच ऐसे हादसे हो चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गैस रिसाव के कारण दम घुटने से 15 कर्मचारी बेहोश हो गए। इन्हें इफ्को के अस्‍पताल ले जाया गया, हालांकि इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई गयी है। उन्हें बाद में शहर के एक निजी अस्‍पताल में भर्ती किया गया है। इलाज के दौरान ही दो अधिकारियों की मौत हुई।

घटना के मुताबिक इफ्को प्‍लांट में रोज की तरह करीब 100 कर्मचारी उपस्थित थे। अचानक एक पाइप लाइन में अमोनिया गैस रिसने लगी। कर्मचारियों के कुछ समझने से पहले ही गैस रिसाव तेज हो गया जिससे उन लोगों का दम घुटने लगा। कई कर्मचारी बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गए। दहशत के कारण कर्मचारी चिलाने लगे जिसके बाद प्‍लांट को तुरत फुरत बंद कर दिया गया।

राहत कार्य शुरू किये गए लेकिन तब तक 15 कर्मचारी बेहोश हो चुके थे और उनमें से आठ की हालत नाजुक दिख रही थी। बाद में इलाज के दौरान इनमें से दो अधिकारियों की जान चली गयी। इनकी पहचान असिस्टेंट मैनेजर बीपी सिंह और डिप्टी मैनेजर अभिनंदन के रूप में की गयी है। बता दें इफ्को फूलपुर के प्‍लांट में  पहले भी हादसा हो चुका है। पिछले दो साल में यहां पांच ऐसे हादसे हो चुके हैं। साल

2019 में जनवरी को गैस रिसाव से वहां तीन मजदूरों की मौत जबकि अप्रैल में हादसे में 12 लोग गंभीर हो गए थे।

किसानों के आंदोलन को सरकार हल्कें में न ले: किसान नेता

किसानों के आंदोलन को लगभग एक महीना होने को जा रहा है। किसान और सरकार के बीच अभी कृषि कानून को लेकर जो दांव- पेंच का खेल चल रहा है। उससे देश की अर्थव्यवस्था को जरूर बट्टा लग रहा है।

किसान धरमबीर सहोता का कहना है कि एक ओर तो सरकार किसान को देश की शान और अन्नदाता कहती है और तामाम तरह के दायित्व थोपती है।  लेकिन अधिकारों की बात आती है तो, किसानों के अधिकारों से वंचित किया जाता है। जैसा कि अब किया जा रहै है। उनका कहना कि सरकार ने किसानों को आश्वासन देकर उनकी सदैव उपेक्षा की है। किसानों के बीच सरकार तोड़-फोड़ की राजनीति कर रही है।

किसान चन्द्रपाल का कहना है कि जब तक, कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता है। तब तक वो, आंदोलन करते रहेगे। किसानों के साथ सरकार भेदभाव वाली राजनीति कर रही है।उनका कहना है कि देश भर के किसानों का गुस्सा ये सरकार सहन नहीं कर पायेगी। अभी आंदोलन हो रहा है। आमरण अनशन हो रहे है। सरकार हल्कें में ले रही है पर जिस दिन देश का किसान अपने अधिकारों के खातिर चक्का जाम, रेल रोको और उग्र धरना-प्रदर्शन करेगा, तब सरकार को किसानों की एकता का मालूम पता लगेगा।