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किसान बिल पर विपक्ष का संसद में हंगामा

राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया और सदन की बैठक पूर्वाह्न 11 बजकर करीब 15 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

मंगलवार को किसानों के मुद्दों पर विपक्ष द्वारा संसद में जोरदार हंगामा किया गया, जिसके बाद  लोकसभा और राज्यसभा को दो-दो बार के स्थगन करने  के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदन में शून्यकाल शुरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए जाने की बात की और कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चल रहा हैं।

एम वेंकैया नायडू ने बताया कि कांग्रेस सदस्यों दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा व राजीव सातव, राजद के मनोज झा और द्रमुक के टी शिवा की ओर से उन्हें किसानों के मुद्दों पर बातचीत के लिए नोटिस 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं।

बसपा के नेता अशोक सिद्धार्थ की ओर से एक नोटिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा के लिए भी मिला है।

गुजरात में पत्नी के इलाज के लिए बेटे को रखा गिरवी

देश के सबसे विकसित राज्यों में शुमार गुजरात की एक घटना ने संवेदनशील लोगों को झकझोर दिया है। यहां के विकास को लेकर राज्य सरकार अक्सर वाहवाही लूटने के लिए करती रहती है। पर पर्दे के पीछे सच्चाई कुछ और ही नजर आ जाती है। ताजा मामला अरावली जिले का है जहां पर एक शख्स के पास पत्नी का इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे।
दूसरी ओर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा वाली आयुष्मान जैसी योजनाओं का खूब बखान किया जाता है। लेकिन जब इस शख्स को कहीं से मदद नहीं मिली तो उसने मजबूरी में अपने बेटे को 10 हजार रुपये में गिरवी रख दिया। उसने अपने बेटे को जानवर पालने के काम पर लगवा दिया।
उत्तर गुजरात के मालपुर क्षेत्र के वांकानेडा गांव में एक परिवार रहता है, जिसमें पांच लोग हैं। यह परिवार एक अस्थायी झोपड़ी में रहता है। बच्चों की मां को हृदय संबंधी बीमारी है। आर्थिक तंगी के चलते परिवार को काई उपाय नहीं सूझा। परिवार के पास बेटे के अलावा पैसों का इंतजाम करने के लिए कुछ नजर नहीं आया। इसलिए कलेजे पर पत्थर रखकर उन्होंने बेटे को गिरवी रख दिया।
अपनी घर वाली के इलाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए 12 साल के बेटे को भेड़-बकरी चराने के लिए एक परिवार को सौंप दिया। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए बच्चे को छुड़ाकर चाइल्ड होम भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि बच्चे के रहने और शिक्षा के साथ-साथ उसकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मामले में अधिकारियों ने दोनों पक्षों को तलब किया। इसके साथ ही इलाज की व्यवस्था शायद अब उस जरूरतमंद की हो सके।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा; नये सीएम का चयन कल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्दर सिंह रावत ने मंगलवार शाम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनकी जगह भाजपा विधायक दल अपने नए नेता का चयन  करेगा। रावत के इस्तीफे की चर्चा पिछले कल तब तेज हो गयी थी जब विधायकों की नाराजगी के बाद आलाकमान के दूतों ने उत्तराखंड जाकर विधायकों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट दी थी। बाद में प्रेस कांफ्रेंस में रावत ने कहा कि कुछ देर पहले उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। मंत्री धन सिंह रावत और अजय भट्ट के नाम नए मुख्यमंत्री के रूप से सबसे आगे बताये जा रहे हैं।
रावत लगातार दो दिन दिल्ली आये और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी, जहाँ उन्हें साफ़ बता दिया दिया गया था कि उन्हें इस्तीफा देना होगा क्योंकि ज्यादातर विधायक उनके हक़ में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि विधायकों ने आलाकमान के दूतों को साफ़ कह दिया था कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो पार्टी अगला चुनाव नहीं जीत पाएगी।
यह पहला मौका नहीं जब उत्तराखंड में भाजपा के किसी मुख्यमंत्री को कार्यकाल के अधबीच इस्तीफा देना पड़ा हो। पार्टी का कोई भी सीएम आजतक अपना कार्यकाल  पाया है। भाजपा आलाकमान को विधायकों के दबाव के आगे झुकना पड़ा है।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने कहा – ‘मैं लम्बे समय से राजनीति में हूँ। आरएसएस से लेकर भाजपा के संगठनों में रहा और सीएम भी पार्टी ने मुझे बनाया। पार्टी ने विचार किया और सामूहिक रूप से किसी और को अवसर देने का फैसला किया है।’
इस मौके पर रावत ने चार साल में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। रावत ने कहा कि पार्टी के मौके देने से ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कई पहल कीं और जनता के लिए काम किया।’
अब बुधवार को पार्टी दफ्तर में विधानमंडल दल की बैठक होगी जिसमें रावत की जगह नया नेता चुना जाएगा। चर्चा है कि मंत्री धन सिंह रावत, अजय भट्ट, अनिल बलूनी, सतपाल महाराज आदि के नाम चर्चा में हैं।

महिला दिवस पर जब घोड़े से पहुंचीं विधायक तो सब ताकते रह गए

Ranchi: Congress MLA from Barkagaon, Amba Prasad, rides on a horse to mark International Women's Day, as she arrives at Jharkhand Assembly, in Ranchi, Monday, March 8, 2021. (PTI Photo)(PTI03_08_2021_000060B)

यूं तो आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के जरिये आधी आबादी सम्मान देने की बात कह रही है। सोशल मीडिया में खूब बखान भी किया जा रहा है। इस सबके बावजूद क्या महिलाओं को वह मुकाम मिल रहा है, जिसकी वह हकदार हैं। शायद नहीं, इसकी बानगी हम आज के ही कुछ उदाहरणों के जरिये समझ सकते हैं।

महिलाओं में खासकर निचले तबके में अभी भी उनको घरेलू कामकाज वाली ही समझा जाता है। इसके अलावा समाज में उनको लड़कों जैसी अहमियत नहीं मिलती है। कई जगह ऊंच-नीच का फर्क भी है। आज भी बहुत से इलाकों में निचली जाति के लोगों के घोड़े पर बैठने तक नहीं दिया जाता। इसकी झलक यूपी में गत वर्ष देखी जा चुकी है। शादी में एक युवक को बैठने के लिए अदालत का रुख करना पड़ा था।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर घोड़े पर बैठने की शान और अहमियत को आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में देखने को मिली। राजधानी रांची में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने इस खास दिन को खास तरीके से मनाकर और खास बना दिया। सोमवार को कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद घोड़े पर सवार होकर शान से विधानसभा पहुंचीं। हालांकि इसके पीछे की सोच और सामाजिक स्तर को मापा जा सकता है।

महिला विधायक को घोड़े पर सवार देख सभी विधानसभा के बाहर सभी लोग हैरान थे। वहीं, जब उनसे घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह घोड़ा उन्हें उपहार में मिला है। खास दिन पर यह तोहफा उनको कर्नल (सेवानिवृत्त) रवि राठौर ने दिया है। फिर भी इस  घुड़सवार ने युवा महिलाओं में जोश भर दिया।

वहीं, तुर्किस्तान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने चीन में उइगर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हो रही ज्यादती पर आवाज बुलंद की। उन्होंने महिला दिवस पर हो रहे अत्याचार के लिए वैश्विक संस्थाओं का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया ताकि जरूरी कदम उठाए जा सकें।

महिलाओं का सम्मान करने के लिए कहीं बस, ट्रेन चलाने से लेकर फाइटर विमान तक में फर्राटा भर्ती नजर आईं। इसके अलावा हर क्षेत्र में उन्होंने अपने आपको साबित किया है। तीनों सेनाओं में आज वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

इस बीच, मध्य प्रदेश में महिला कांस्टेबल मीनाक्षी वर्मा को विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन के लिए राज्य का गृह मंत्री बनाकर सम्मानित किया गया।

यह भी सच है कि मजदूर वर्ग में खास बदलाव नहीं देखने को मिला है। आज के दिन भी वह मजदूरी करने वाली औरतें ईंट भट्ठों में मजदूरी करती दिखीं। हालांकि मेहनत करने में हर्ज नहीं, बावजूद इसके उनकी अहमियत को मुकाम न मिलने पर तकलीफ होती है।

14 दिन पहले ही समाप्त हो सकता है संसद का बजट सत्र

सत्र को स्थगित करने को लेकर संसद में मतभेद चल रहा हैं। लोकसभा में कांग्रेस बजट सत्र को जल्द पूरा कराना चाहती है वही दूसरी तरफ, राज्यसभा में बजट सत्र को पूरी अवधि तक संचालित कराए जाने के पक्ष में है।

आज से शुरु हुए संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल तक निर्धारित है । लेकिन सरकार इसे कम भी कर सकती है।  बताया जा रहा है संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 25 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा सकता है।

चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव होने के कारण ऐसा किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके जैसे दलों ने चुनावों के चलते सत्र निर्दारित समय से पहले खत्म करने की मांग की है।

टीएमसी ने राज्यसभा चेयरमैन और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर विधानसभा चुनावों के कारण सत्र जल्द खत्म करने की मांग की है।

उत्तराखंड में नेतृत्व बदले जाने की चर्चा के बीच सीएम रावत दिल्ली में

उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली पहुँच गए हैं। राज्य में विधायकों की नाराजगी की नाराजगी की ख़बरें सामने  आने के बाद भाजपा आलाकमान ने अपने दूतों छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को पूरी जानकारी लेने के लिए छत्तीसगढ़ भेजा था, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब भाजपा नेतृत्व के सामने अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। रावत सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले थे लेकिन बदलते हालत में उन्होंने अपना यह दौरा रद्द कर दिल्ली की राह पकड़ी है। दिल्ली में रावत कुछ देर में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश  नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।
मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा के बीच उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय,  सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, हरबजन सिंह चीमा आदि नेता पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड की भी 9  मार्च (मंगलवार) को दिल्ली में बैठक होनी है और उसमें उत्तराखंड का मसला सामने आ सकता है।
आलाकमान के दूतों रमन सिंह और दुष्यंत गौतम ने पूरी जानकारी जुटाने के लिए
शनिवार को कई विधायकों के साथ वन-टू-वन बैठक की थी। कहा जा रह्जा है कि काफी विधायकों ने उन्हें बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री पार्टी को अगले साल होने वाले चुनाव नहीं जिता पाएंगे। विधायकों का यह भी आरोप था कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी है और उनके काम नहीं हो पा रहे, जिससे उन्हें चुनाव में बड़ी दिक्कत आ सकती है।
यदि आलाकामन त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने का फैसला करती है तो अजय भट्ट और अनिल बलूनी के अलावा धनसिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम चर्चा में है। यदि मुख्यमंत्री न बदला गया तो मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया जा सकता है। वैसे भाजपा का उत्तराखंड में रेकार्ड रहा है कि वहां उसके मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल कभी पूरा नहीं कर पाते और बीच में ही उन्हें पद छोड़ना पड़ता है।

किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं की सरकार को चेतावनी

अतंराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन को लेकर महिलाओं ने कहा कि अब किसान आंदोलन में महिलायें भी भाग लेगी। और आज महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगी।
तहलका संवाददाता को महिलाओं ने बताया कि देश में एक अजीब सा माहौल बनता जा रहा है। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। देश का अन्नदाता अपने अधिकारों के खातिर सौ दिन से अधिक समय से खुले मैदान में संघर्ष कर रहा है। और देश की सरकार किसानों की बात करने को तैयार नहीं है।
महिला किसान श्री मती प्रियंका कहना है। कि अजीब बिडम्बना है कि एक ओर तो देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता है वहीं किसानों को तीन कृषि कानूनों को थोपकर सरकार किसानों पर दमन कारी नीति अपना रही है। प्रियंका का कहना है कि हर प्रकार का दमन युद्ध का जनम देता है।
महिला कांग्रेस की नेता सुनीता गौतम ने सरकार को कड़े शब्दों में कहा कि जब भी महिलायें किसी भी संघर्ष में आयी है। वहां जरूर परिवर्तन लायी है। अब महिलायों अपने किसान परिवारों के खातिर और देश हित में किसान आंदोलन में भाग लेगी ।
समाजवादी पार्टी की महिला नेता गीता यादव ने सरकार को चेतावनी देते हुये कहा है कि सरकार सत्ता के नशे में इस कदर चूर है, कि उसे अपने ही देश के किसानों को परेशान करने में मजा रहा है। पूंजी पतियों को लाभ देने के लिये तीन कृषि कानूनों जबरदस्ती थोपा जा रहा है। गीता यादव का दावा है कि अगर सरकार ने कृषि कानून को वापस नहीं लिया तो, महिलाये आंदोलन को उग्र रूप देने में नहीं हिचकेंगी। क्योंकि सरकार किसानों की मौतों पर गौर तक नहीं कर रही है। बल्कि किसानों के आंदोलन को नकली किसानों का आंदोलन कह कर देश वासियों को गुमराह कर रही है।

किसानों ने अंग्रेजों को भगाया, अब भाजपा की बारी: प्रियंका गांधी वाड्रा

किसान आंदोलन पर कांग्रेस खुलकर समर्थन में आ चुकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासतौर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मुद्दे पर पुरजोर तरीके से उठाकर केंद्र सरकार को घेरने में लगी हुई हैं। रविवार को यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने चैथी बार पश्चिमी यूपी में किसान पंचायत को संबोधित किया।उन्होंने मंच से भाजपा को आड़े हाथ लिया। प्रियंका ने कहा कि वर्तमान में भाजपा की हुकूमत अंग्रेजों की तरह किसानों का शोषण कर रही है।

मेरठ के सरधना विधानसभा के कैली गांव में आयोजित किसान महापंचायत में प्रियंका गांधी हिस्सा लेने पहुंचीं। प्रियंका गांधी ट्रैक्टर में सवार होकर मंचस्थल तक पहुंची और क्षेत्र की जनता का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि यह मेरठ की धरती है। यहीं से स्वतंत्रता संग्राम का पहला विद्रोह शुरू हुआ। उस आजादी की लड़ाई में किसान शामिल रहे। हजारों किसान आंदोलन में जुटे। बहुत लोग शहीद हुए। तब अंग्रेजी साम्राज्य किसानों को परेशान कर रहा था। अब भाजपा की सरकार भी किसानों का शोषण कर रही है। ऐसे कानून हैं जिससे आपकी कमाई ठीक से नही मिल पाएगी। ये कृषि कानून बड़े उद्योगपतियों को लाभ देगा। तीनों कृषि कानून में खरबपति और दूसरी तरफ आप, तो आपको क्या लाभ मिलेगा?

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इन काले कानूनों को बनाने से पहले किसी किसान से राय तक नहीं ली गई। 100 दिन से अधिक बीत जाने के बावजूद किसान दिल्ली बॉर्डर पर क्यों बैठे हैं, अगर कानून आप लोगो के लिए बने हैं। किसानों ने इस देश को आजादी दिलाई। किसान में हिम्मत और आत्मशक्ति की कमी नहीं है। अगर किसान बॉर्डर पर बैठा है, तो क्या प्रधानमंत्री को उसका आदर नही करना चाहिए। लेकिन वहां पर अन्नदाताओं का पानी काटा गया, बिजली काटी गई। यहां तक कि कीलें भी बिछा दी गईं। भाजपा सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए चल रही है। उनके केवल दो ही मित्र हैं। बिजली के दाम बढ़ गए, पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ गया। हर तरफ से आप पर वार है। इस स्थिति को बदलने के लिए आप लोगों को आगे आना ही होगा।

गन्ना क्षेत्र के किसानों को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया 10 हजार करोड़ है। मोदीजी ने दो हवाई जहाज खरीदे हैं। ये 16 हजार करोड़ में हवाई जहाज खरीदे हैं। पूरे देश का किसानों का बकाया 15 हजार करोड़ है। संसद के सौंदर्यीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रखे हैं। जबकि आप किसानों के बीमे से 26 हजार करोड़ रुपये उनके दोस्तों की जेब में गए। तो यह सरकार आम आदमी का भला करने से रही, ये बात समझनी होगी और इनके खिलाफ खड़ा होना होगा।

किसान आंदोलन के 100 दिन: टिकैत बोले लड़ेंगे, जीतेंगे

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर ट्वीट किया-समाधान की आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे। लड़ेंगे जीतेंगे। वहीं, कांग्रेस पाटी की ओर से ट्वीट किया गया कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो चुके हैं और भाजपाई अहंकार के भी। दिल्ली की सीमा पर किसानों की शहादत जारी है। मगर हुकूमत का अहंकार ज्यादा भारी है।

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली की सीमा पर अपने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर शनिवार को हरियाणा में 136 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी) को कुछ स्थानों पर बाधित किया गया। यह प्रदर्शन सुबह 11बजे शुरू हुआ जो शाम चार बजे तक चलेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक्सप्रेस-वे बाधित करने का आह्वान किया था।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि हम केएमपी को बाधित करेंगे, लेकिन आपात सेवा में लगे वाहनों को जाने दिया जाएगा। हरियाणा के सोनीपत जिले के किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को केएमपी एक्सप्रेस-वे के बीचों-बीच खड़ा कर जाम लगा दिया।

सोनीपत में इसका व्यापक असर देखने को मिला। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के वापस होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। कसान नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन खत्म नहीं होने जा रहा, बल्कि यह और मजबूती से बढ़ रहा है।

किसान नेताओं ने कहा कि इस लंबे आंदोलन ने एकता का संदेश दिया है और एक बार फिर किसानों को सामने लेकर आया है और देश के सियासी परिदृश्य में उनकी वापसी हुई है। देश कीराजधानी नई दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बाॅर्डर पर बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान मय ट्रैक्टर-ट्राॅली के डटे हुए हैं।

भारत ने इंग्लैंड से सीरीज 3-1 से जीती, टेस्ट विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा

भारत ने अहमदाबाद में मेहमान इंग्लैंड को चौथे टेस्ट में पारी के अंतर से हराकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज 3-1 से जीत ली है। भारत ने शनिवार को इंग्लैंड को अंतिम मैच में एक पारी और 25 रन से हरा दिया है। एक मौके पर भारत पहली पारी में पिछड़ने की कगार पर पहुँच गया था लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के शानदार शतक और वाशिंगटन सुन्दर के अविजित 96 रन से भारत ने पहली पारी में बड़ी बढ़त बना ली और इंग्लैंड के बल्लेबाज पारी की हार से बचने से 25 रन पहले ही घुटने टेक बैठे। इस तरह भारत आईसीसी टेस्ट विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुँच गया है जहाँ उसका मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा।
इंग्लैंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 205 रन बनाये। इसमें बेन स्टोक्स ने 55 और डान लॉरेन्स ने 46 रन बनाये। भारत के लिए अक्षर पटेल ने 68/4 और आर आश्विन ने 47/3 विकेट लिए।  भारत ने पहली पारी में ऋषभ पंत ने शानदार 101 रन बनाये। उन्होंने यह रन तब बनाये जब पुजारा और विराट कोहली के शून्य पर आउट होने के बाद भारत के सामने पहली पारी में पिछड़ने का खतरा पैदा हो गया था।
भारत के लिए वाशिंगटन सुंदर ने भी बेहतरीन पारी खेली और शानदार 96 रन बनाये। इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स ने 89/4 और एंडरसन ने 44/3 विकेट लिए। इस तरह पहली पारी में भारत को 140 रन की बड़ी बढ़त मिल गयी।
दुसरी पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाज बिखरे से नजर आये और पूरी टीम 135 रन पर सिमट गयी। इंग्लैंड के लिए लॉरेंस ने 50 रन जबकि कप्तान जो रुट ने 30 रन बनाये। भारत के लिए आश्विन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 47/5 जबकि स्थानीय हीरो अक्षर पटेल ने 48/5 विकेट लिए।
सीरीज में शतक बनाने के अलावा आर आश्विन ने शानदार 32 विकेट भी लिए जिसके कारण उन्हें ‘मैन आफ द सीरीज’ चुना गया। पटेल ने सीरीज में 28 विकेट लिए। सीरीज जीतकर भारत भारत आईसीसी टेस्ट विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुँच गया है जहाँ उसका मुकाबला 18 जून से न्यूजीलैंड से होगा। भारत के 520 और न्यूजीलैंड के 420 अंक रहे।