Home Blog Page 682

पूर्व डीजीपी परमबीर का आरोप, गृह मंत्री देशमुख ने वाजे को हर महीने 100 करोड़ वसूली को कहा था

कुछ दिन पहले प्रदेश के पुलिस प्रमुख के पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शनिवार को एक चिट्ठी लिखकर एनसीपी नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बहुत गंभीर आरोप लगाया है। सिंह ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तार एएसआई सचिन वाजे को कथित तौर पर गृह मंत्री देशमुख ने वसूली करने के लिए कहा था। देशमुख ने इन आरोपों को गलत बताया है। इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है।
परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को यह चिट्ठी आज लिखी है जिसके बाद महाराष्ट्र ही नहीं देश की राजनीति में हड़कंप मच गया है। बता दें कुछ दिन पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अनिल देशमुख को दिल्ली तलब किया था और उनसे काफी लम्बी बातचीत की थी। परमबीर सिंह के आज के आरोप को देशमुख ने भले गलत बताया है, इस घटनाक्रम के बाद देशमुख की कुर्सी के लिए खतरा पैदा हो गया है।
परमबीर सिंह के उनपर गंभीर आरोप लगाने के बाद अनिल देशमुख ने वापस आरोप लगाया है कि खुद को बचने के लिए परमबीर सिंह ने उनपर यह आरोप लगाया है। उधर मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की तरफ से कथित तौर पर वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये देने को कहा गया था। वजे इस समय मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिले विस्फोटक मामले में गिरफ्तार हैं।
परमबीर सिंह ने पत्र में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिले विस्फोटक मामले में गिरफ्तार असिस्टेंड पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को वसूली करने को कहा गया था। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की तरफ से वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये देने को कहा गया था। परमबीर ने और भी कई आरोप लगाए हैं।

गुजरात के इस मंदिर में छोटे कपड़े पहनने वालों के प्रवेश पर पाबंदी

उत्तराखंड के एक साल के लिए नवर्विाचित मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का महिलाओं के फटी जींस पहनने वाले बयान का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब गुजरात में एक धार्मिक स्थल में स्कर्ट पहनने वाली युवतियों के प्रवेश पर पाबंदी का फरमान जारी कर दिया गया है। महिलाओं के पहनावे को लेकर एक बार फिर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया में लोग ऐसे फेसले और बयानों को लेकर तरह-तरह के मीम्स और चुटकुले शेयर कर रहे हैं।
गुजरात के धार्मिक स्थल शामलाजी विष्णु मंदिर ट्रस्ट ने धार्मिक स्थल में प्रवेश के लिए विवादास्पद फरमान जारी किया है। शामलाजी अरवल्ली जिले में एक कस्बा है, जो शामलाजी विष्णु मंदिर के नाम पर है। यह करीब 2,000 साल पुराना मंदिर है। यह श्रीहरि के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के श्यामल स्वरूप के नाम पर है।
ट्रस्ट ने फेसला किया है कि छोटे कपड़े (स्कर्ट, बरमूडा) पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार यह नियम शुक्रवार से लागू भी किया जा चुका है। इस तरह का फेसला महाराष्ट्र के साईं मंिदर पर भी किया गया था, लेकिन उसकी बहुत आलोचना हुई थी। जिसके बाद प्रबंधन को सफाई देनी पड़ी थी।
शामलाजी विष्णु मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि ऐसे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर ही रोक दिया जाएगा। हालांकि, ट्रस्ट की ओर से दर्शन करने तक के लिए कपड़ों की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत मंदिर के बाहर ही पुरुषों के लिए धोती और पीतांबर और महिलाओं के लिए लहंगे की व्यवस्था होगी, जिन्हें पहनकर मंदिर में प्रवेश किया जा सकेगा।
ट्रस्ट ने मंदिर के बाहर इस फेसले से जुड़ा बाकायदा एक बोर्ड भी लगाया है, जिसमें लिखा है- दर्शन के लिए आने वाले भाइयों-बहनों से विनती है कि छोटे कपड़े और बरमूडा पहनकर आने वालों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा, इसीलिए पारंपरिक पोशाक पहन कर आएं। कोविड-19 के नियमों का पालन अनिवार्य है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां हुए कोरोना पॉजिटिव

संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जोगिंदर सिंह की यूनियन भाकियू उग्राहां 32 किसान संगठनों में शामिल है।

जोगिंदर उग्राहां 17 मार्च से भठिंडा के एक अस्पताल में भर्ती हैं। बुखार और ऑक्सीजन की कमी होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जोगिंदर सिंह उग्राहां की यूनियन लगभग 113 दिनों से टीकरी बार्डर पर बैठी हुई है। भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) पंजाब की 32 किसान यूनियन में बड़ी किसान यूनियन है।

गौरतलब है जोगिंदर उग्राहां के संपर्क में हज़ारों किसान आए हैं, ऐसे में आंदोलन पर बड़ा खतरा बना हुआ है। सिंघु और टिकरी बार्डर पर हज़ारों किसान लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।

किसान यूनियन  ने कृषि कानूनों के खिलाफ  26 मार्च को पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है।  संयुक्‍त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल की ओर से जारी एक बयान में इस बात की जानकारी दी है।

 

 

असम विधानसभा चुनावों के लिये, राहुल गांधी के 5 बड़े ऐलान

हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम  के जोरहाट में हो रही रैली में, अपने भाषण में पांच बड़े ऐलान किये। राहुल गांधी ने कहा अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो सभी परिवारों को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जायेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी संस्कृति, भाषा, इतिहास और असम के भाईचारे पर हमला कर रही है, हम नरफरत को मिटाएंगे और शांति लाएंगे.”

उन्होंने जिन पांच वादों का ऐलान किया, उसमें पहला राज्य में सीएएस लागू नहीं करने का फैसला है। दुसरा उन्होंने कहा कि चाय बागान के मजदूरों के न्यूनतम 365 रुपये रोजाना पारिश्रमिक दिया जाएगा।

इसके इलावा गांधी ने जिन वादों का एलान किया है उसमें,  परिवार को 200 यूनिट बिजली फ्री देने , राज्य की हर महिला को 2000 रुपये प्रति माह देना, और बेरोजगारी दूर करने के लिए 5 लाख नौकरियों देना शामिल है।

उन्होंने कहा कि चाहे जो कुछ हो जाय, वो इसे लागू करके रहेंगे।

 

बाजारों में भीड़ और चुनावी रैलियां भी हो सकती है कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार गाइड लाईन तो बना देती है । पर पालन नहीं करती है। जिसके कारण लोगों में कोरोना के नाम पर डर नहीं है। डाँ बंसल ने कहा कि आज भी देश में चुनावी रैलियां हो रही है। बाजारों में भीड़भाड़ है। कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा है।  लोग मुंह में मास्क नहीं लगा रहे है। अगर लगाते है तो दिखावे के तौर पर मास्क नाक के नीचे होता है। जिससे कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। सरकार को कोरोना को रोकने के लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कड़ाई से गाइड़ लाईन का पालन करना होगा। अन्य़था कोरोना का कहर लोगों के लिये घातक साबित होगा। कोरोना काल में सियासत नहीं होनी चाहिये। क्योंकि देश में कोरोना काल में जो सियासी रैलियां हो रही है। वो भी कोरोना को बढ़ाने में अहम् योगदान दे रही है। इस सब पर रोक लगनी चाहिये । अन्य़था जान और माल का खतरा दिन व दिन बढ़ता ही जायेगा। क्योंकि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर देश का एक बड़ा वर्ग डरा और सहमा हुआ है। कि कोरोना से आगे क्या होगा।

डाँ बंसल का कहना है कि अजीब विडम्बना है कि देश में एक ओर कोरोना का कहर लोगों के बीच तामाम तरह  की आशंकाओं से पीडित है वहीं, सियासतदां अपनी चुनावी रैलियों में मस्त है। जो कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जिम्मेदार हो सकते है।

भाजपा की कमज़ोर नब्ज पर चोट करते राहुल गांधी

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा की कमज़ोर नब्ज पर लगातार चोट कर रहे हैं। वे छात्रों और महिलाओं से रूबरू होकर न सिर्फ भविष्य की दिशा की बात कर रहे हैं, बल्कि देश को किस करवट जाना चाहिए, इसके लिए आम लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं। राहुल गांधी शुक्रवार को असम में डिब्रूगढ़ के कॉलज छात्रों से मिले और गम्भीर मुद्दों को लेकर चर्चा की।
इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के युवा और छात्र भाजपा सरकार से अपने सभी विफल वादों के बारे में पूछ रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं है। वे सवालों का सामना ही नहीं करना चाहते।
उन्होंने आश्वासन दिलाया कि कांग्रेस असम के सुरक्षित भविष्य बनान के लिए 5 गारंटियों के साथ यहां चुनाव मैदान में है। राहुल ने फेसबुक में लिखा कि आज सुबह लाहोवाल में कॉलेज के छात्रों के साथ बेहद रोचक बातचीत हुई। इससे पहले दक्षिण भारत में भी वे छात्रों से वार्ता कर चुके हैं।

कृषि कानून के विरोध में 4 अप्रैल को आप पार्टी की महापंचायत

कृषि कानून के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) आगामी 4 अप्रैल को हरियाणा के जींद जिले महापंचायत करेगी। यह जानकारी तहलका संवाददाता को आप पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी व राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता ने दी।

उन्होंने बताया कि इस महासभा को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवील संबोधित करेगे। सुनील गुप्ता का कहना है कि किसान आंदोलन में शामिल किसानों को डराया और धमकाया जा रहा है। झूठे मुकदमें में फंसाया जा रहा है।आप पार्टी के कार्यकर्ता किसान आंदोलन में बैठे किसानों की सेवा कर रहे है। सुशील गुप्ता का कहना कि किसानों की आवाज आप पार्टी संसद से लेकर सड़क तक उठाती रही है और आज भी उठा रही है। किसानों की आवाज बुलंद करने के लिये और उनके अधिकारों के लिये अरविन्द केजरीवाल हरियाणा जा रहे है। ताकि समय रहते किसानों को  उनके अधिकार मिल सकें।

केन्द्र की भाजपा मोदी सरकार लगातार किसानों पर दमनकारी नीतियों के तहत किसानों परेशान कर रही है। किसानों के विरोध में कृषि कानूनों को थोप कर किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी। और तब तक संघर्ष करेगी जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाता है।

कोरोना के कहर से बेरंग हुई होली : बेरौनक बाजार, व्यापारी संकट में

कोरोना का कहर देश में तेजी से बढ़ने लगा है। कोरोना की अगर सबसे अधिक दुश्मनी है तो वो होली के पर्व से। दिल्ली के व्यापारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि पिछले साल 2020 में होली के पर्व पर कोरोना के कारण ना तो बाजारों में रंगों की बिक्री हुई ना ही चाइनीज पिचकारियों की जो दिल्ली के बाजारों में होली के पर्व के 15 दिनों पहले से सजने लगती थी।

दिल्ली के व्यापारी मोहन गुप्ता का कहना है कि कोरोना के कारण देश में जान –माल का नुकसान हो रहा है। सदर बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव का कहना है कि होली का त्यौहार आते ही कोरोना का कहर लोगों के बीच कहर बनकर टूटने लगता है। बाजारों में नाम मात्र की पिचकारी बिक रही है। रंग की बिक्री भी नहीं हो रही है। लोगों में अजीब से डर है। जबकि होली के त्यौहार के पहले ही बाजारों में रौनक दिखने लगती थी।

लेकिन इस बार बाजारों में मायूसी देखने को मिल रही है। करोड़ो का नुकसान हो रहा है। दिल्ली –एनसीआर में छोटे-बड़े बाजारों में होली के सामान ना के बराबर देखने को मिल रहे है। व्यापारी जगत सेठ का कहना है कि कोरोना का कहर अगर त्यौहार पर ऐसा ही टूटता रहा तो देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के साथ –साथ देश का छोटा और मझौला व्यापारी का व्यापार जरूर चौपट हो जायेगा। वैसे ही व्यापार की हालत बिगड़ी हुई है।

दिवंगत कांग्रेस अध्यक्ष की पत्नी सहित दो नेताओं को बिना पूछे भाजपा टिकट, दोनों ने कर दिया लड़ने से साफ़ मना

बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और अमित शाह की रणनीति के बूते 200 सीट जीतने का दावा कर रही भाजपा को टिकट वितरण (टीएमसी के नेताओं को टिकट देने) से जहाँ अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है, वहीं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की पत्नी को टिकट देकर उसे काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है क्योंकि उन्होंने भाजपा का टिकट लेने से साफ़ मना कर दिया है। यही नहीं एक और वरिष्ठ नेता तरुण साहा ने भी भाजपा टिकट ठुकरा दिया है और कहा कि भाजपा ने अपनी तरफ से ही उन्हें टिकट दे दिया और उनसे बात तक नहीं की गयी।
मामला पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा चौधरी मित्रा को भाजपा टिकट देने का है। भाजपा ने उन्हें चौरांगी सीट से टिकट घोषित कर दिया था। लेकिन भाजपा को तब बहुत शर्मिंदगी झेलनी पड़ी जब शिखा चौधरी ने यह टिकट ठुकरा दिया और कहा कि बिनापूछे कैसे भाजपा ने उन्हें टिकट दे दिया। शिखा चौधरी ने बाकायदा एक वीडियो जारी करके अपनी उम्मीदवारी से इनकार कर दिया और कहा कि इसके लिए उनसे अनुमति नहीं ली गई थी।
यही नहीं एक और वरिष्ठ नेता तरुण साहा ने भी भाजपा टिकट ठुकरा दिया है और कहा कि भाजपा ने अपनी तरफ से ही उन्हें टिकट दे दिया और उनसे बात तक नहीं की गयी।
अब भाजपा के इस तरह बिना पूछे शिखा चौधरी तो टिकट देने और उनके मना करने के बाद अब टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने दो और नेताओं को भी अपनी तरफ करने की कोशिश की थी मोइत्रा के मुताबिक भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल होने और चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन दोनों नेताओं ने उनके ऑफर को ठुकरा दिया। भाजपा पर तंज कस्ते हुए मोइत्रा ने एक ट्वीट में कहा – ‘क्या यही बीजेपी का ‘आसोल परिवर्तन’  है। इससे साफ पता चलता है कि केंद्र के ‘आसोल परिवर्तन’ का असली मतलब क्या है।’
उधर बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा तो भाजपा टिकट के मामले में उनके पुत्र और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के महासचिव रोहन मित्रा ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें शिखा मित्रा ने कहा कि ‘मैं बीजेपी के लिए चुनाव में नहीं खड़ी होउंगी और मेरी उम्मीदवारी की खबर बिल्कुल गलत है।’ मित्रा के बेटे ने कहा कि, जब उन्हें टिकट मिलने की खबर आई, उस वक्त वे सो रही थीं और जैसे ही उन्हें इस बात का पता चला, उन्होंने इससे इनकार कर दिया। रोहन ने कहा – ‘मेरी मां चुनाव में खड़ी नहीं हो रही हैं। भाजपा के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। इसके लिए हमसे अनुमति तक नहीं ली गई।’
बता दें फिलहाल शिखा मित्रा, आधिकारिक रूप से टीएमसी की सदस्य हैं और  राजनीति में उनकी गतिविधियों 2014 में विधायक के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही ठप्प हैं। हाल में टीएमसी से भाजपा में गए सुवेंदु अधिकारी ने उनसे घर जाकर  मुलाकात की थी जिसके बाद उनके भाजपा में जाने के अटकलें लगी थीं।
रोहन मित्रा के मुताबिक सुवेंदु अधिकारी ने उनसे भाजपा में शामिल होने और पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। उनकी मां ने कहा था कि वे इस प्रस्ताव पर विचार करेंगई और अगले ही दिन उन्होंने मना भी कर दिया था। इसके बावजूद भाजपा ने अपनी तरफ से ही उन्हें टिकट दे दिया। मित्रा ने कहा कि उनकी मां सक्रिय राजनीति से दूर रहना चाहती हैं और ‘सोमेन मित्रा फाउंडेशन’ के जरिए जरुरतमंद लोगों की मदद करना चाहती हैं।
मित्रा ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी से उनके पारिवारिक संबंध जरूर हैं और उनकी मां ने तो 2014 में भाजपा का टिकट ऑफर ठुकरा दिया था। मित्र ने कहा – ‘हम अपने पिता सोमेन मित्रा की विरासत (कांग्रेस) के साथ हैं। हम जहां भी हैं, खुश हैं।’

किसान आंदोलन में कूदेगें स्कूली छात्र, किसान आंदोलन को समाप्त करने की साजिश को रोकेगे

किसानों के आंदोलन में स्कूली छात्र शामिल होगें और तब तक आंदोलन में भाग लेगें जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाता है। किसान आंदोलन में महिलाओं ने भाग लिया है। अब तक किसानों के परिजन ही किसान आंदोलन में आर –पार की लड़ाई में शामिल है। पर अब वे स्कूली छात्र  जो, खास कर किसान परिवार  तक से नहीं है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ-साथ हाई स्कूल और इंटरमीडियट के छात्र भी शामिल होगे।

हाई स्कूल में पढ़ने वाले छात्र विमल कुमार का कहना है कि उनके पास कोई खेती बाड़ी नहीं है। लेकिन आंदोलन को देखते हुये और सरकार की हठ नीति के कारण देश में जो नुकसान हो रहा है। उसके लिये सरकार की दमन कारी नीतियां ही जिम्मेदार है। सरकार की जिद के कारण देश का किसान परेशान है। उनकी मांगों को सरकार कुचल रही है। जिससे देश के किसानों में एक भय है। कि देश का अन्नदाता आज अपने ही अधिकारों के लिये जूझ रहा है। सरकार सुनने को राजी तक नहीं है।

तहलका संवाददाता को स्कूली छात्र राकेश सिंह, सुमेश कुमार सहित अन्य छात्रों ने बताया कि देश के किसान अपने बच्चों के साथ आंदोलन में आ रहे है। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के छोटे –छोटे बच्चे आंदोलन में आ रहे है। तो देश के अन्य बच्चें क्यों शामिल नहीं हो सकते है।स्कूली छात्रों ने आशंका व्यक्त करते हुये कहा है कि कोरोना की आड़ में देश की शिक्षा चौपट तो कर दी गयी है । उसी तरह अब किसान आंदोलन को चौपट करने की साजिश रची जा रही है। जिसको अब स्कूली छात्र कभी सफल नहीं होने देगें।