सात फेरे लेकर एक-दूजे के हुए वरुण-नताशा
लालू यादव की तबीयत गंभीर, एयर लिफ्ट कर दिल्ली एम्स लाए गए
किसानों को 26 जनवरी की परेड की इजाजत मिली, पांच रुट पर होगी परेड: योगेंद्र यादव
किसानों को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गयी है। इस परेड के लिए पांच रुट तय किये गए हैं। किसान नेताओं ने अब से कुछ देर पहले कहा कि परेड दिल्ली के भीतर होगी। किसान नेता योगेंद्र यादव ने इसका ऐलान किया है।
इस परेड के लिए पांच रुट बनाये गए हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा – ‘किसानों को ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गयी है। इसके लिए पांच रुट निर्धारित किये गए हैं। पुलिस ने इसकी इजाजत दी है। अब हम दिल्ली के भीतर जाएंगे। पांच राउंड बात के बाद यह सारी बातें कबूल हो गयी हैं। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को गण की प्रतिष्ठा बचाने के लिए किसान यह परेड किसान करेंगे क्यों गण पर तंत्र बैठ गया है।
किसान नेताओं ने कहा कि पांच रुट पर किसान चलेंगे परेड करेंगे और वापस उसी प्वाईंट पर पहुंचेंगे। इसमें 100 किलोमीटर का दायरा कवर होगा। किसानों ने पहले से इसकी तैयारी की हुई थी। उधर दिल्ली पुलिस की तरफ से अभी इसे लेकर कोई ब्यान नहीं आया है।
नेताजी के पराक्रम दिवस पर पीएम ने कहा, एलएसी से लेकर एलओसी तक दुनिया भारत की ताकत देख रही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन किया। ‘पराक्रम दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम पर मोदी ने कहा कि नेताजी ने जिस भारत की कल्पना की थी, एलएसी से लेकर एलओसी तक उसका अवतार दुनिया देख रही है।
प्रधानमंत्री विक्टोरिया मेमोरियल भी गए जहाँ सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ भी उनके साथ थे। पीएम मोदी मेमोरियल हॉल में कुछ ही देर में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। पीएम ने विक्टोरिया मेमोरियल में दो नई गैलरी का भी उद्घाटन किया। एक गैलरी नेताजी को लेकर तैयार की गयी है, जिसका नाम निर्भीक सुभाष रखा गया है। दूसरी गैलरी देश के अन्य स्वतंत्रता आंदोलनकारियों को लेकर तैयार की गई है जिसका नाम ‘विप्लवी भारत’ रखा गया है।
इस अवसर पर पीएम मोदी एक स्थायी प्रदर्शनी और नेताजी पर एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी उद्घाटन किया। पीएम नेताजी की चिट्ठियों से जुड़ी एक किताब का भी विमोचन किया और एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। नेताजी की थीम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आमरा नूतन जिबनेरी’ भी आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में ही नेशनल लाइब्रेरी (राष्ट्रीय पुस्तकालय) का भी दौरा किया। यहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ’21वीं सदी में नेताजी सुभाष की विरासत का फिर से दौरा’ सहित कई कार्यक्रमों और एक आर्ट गैलरी और चित्र प्रदर्शनी का पीएम उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कलाकारों और सम्मेलन के प्रतिभागियों के साथ बातचीत भी की।
मोदी ने कहा – ‘आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा। क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है।’
पीएम ने कहा – ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।’
ममता बोलीं, किसी का अपमान करना ठीक नहीं, नेताजी से जुड़े प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बोलने से इनकार किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार शाम कोलकाता में नेताजी की 125वीं जयंती के पराक्रम दिवस कार्यक्रम में उस समय बोलने से मना कर दिया जब उन्हें मंच संचालक ने बोलने के लिए बुलाया। ममता ने कहा किसी को बुलाकर बेइज्जत करना ठीक नहीं। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अथिति हैं और इसका आयोजन केंद्र सरकार ही कर रही है।
ममता माइक तक आईं लेकिन सिर्फ यह कहकर कि किसी का अपमान करना ठीक नहीं और बुलाकर बेइज्जत करना ठीक नहीं, वो वापस अपने सीट पर जाकर बैठ गईं। इस कार्यक्रम में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ भी उपस्थित हैं।
दरअसल ममता तब गुस्सा हो गईं जब उन्हें बोलने के लिए बुलाया गया तभी वहां कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरु कर दिए। ममता ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम हैं, यहाँ ऐसे नारे नहीं लगने चाहियें। इसके बाद वह जाकर सीट पर जाकर बैठ गईं।
उधर आज दोपहर ममता बनर्जी ने कोलकाता में करीब 9 किलोमीटर लंबा रोडशो निकाला। इस रोडशो में बड़ी भीड़ उमड़ी। बंगाल में चुनाव हैं लिहाजा वहां राजनीति तेज हो गयी है। इस मौके पर ममता ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘केंद्र सरकार ने नेताजी का जन्मदिन पराक्रम दिवस के तौर पर घोषित करने से पहले मुझसे मशविरा नहीं किया’।
ममता ने कहा – ‘ऐसा नहीं है कि हम हम नेताजी की जयंती केवल उन वर्षों में ही मनाते हों जिस वर्ष चुनाव होने वाले हैं। उनकी 125वीं जयंती हम बहुत बड़े पैमाने पर मना रहे हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नेताजी को देशनायक बताया था। इसलिए हमने इस दिन को देशनायक दिवस बनाने का फैसला किया है।’
सीएम ममता ने कहा – ‘नेताजी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह एक महान दार्शनिक थे।’ ममता ने इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस को देश का नायक का दर्जा दिए जाने की मांग भी की।
इस मौके पर ममता ने देश की चार राजधानियों के वकालत की और कहा – ”मेरा मानना है कि भारत में 4 रोटेटिंग राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे देश पर कोलकाता से शासन किया। हमारे देश में केवल एक ही राजधानी क्यों होनी चाहिए।” ममता ने कहा – ‘भारत में क्रमिक आधार पर चार राजधानियां होनी चाहिए। नीति आयोग, योजना आयोग सह अस्तित्व में रह सकते हैं, केंद्र को आयोग को फिर से लाना चाहिए।’
पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ममता ने कहा – ‘कुछ लोगों को ठीक चुनाव से पहले ही नेताजी की याद आती है। लेकिन मैं इनसे बिल्कुल अलग हमेशा नेताजी के परिवार के संपर्क में रही हूं। मैं आज से पहले उनकी (नेताजी सुभाष चंद्रा) की जयंती को न मनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त करना चाहूंगी। लेकिन ठीक चुनाव से पहले जयंती मनाने की याद क्यों आई ये भी समझ रही हूं।’
आरजेडी नेता लालू यादव की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के ‘एम्स’ ले जाने की मेडिकल बोर्ड ने की सिफारिश
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ रही है जिसके बाद रांची अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें दिल्ली के ‘एम्स’ ले जाने की सिफारिश की है। रिम्स अस्पताल ने इस बारे में होटवार जेल प्रबंधन को भी जानकारी दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव को पिछले तीन दिन से सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है और उनके चेहरे पर सूजन उभर आई है। शुक्रवार रात अपने पिता से मुलाकात के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि लालू यादव की तबीयत ठीक नहीं है और चेहरे पर सूजन के अलावा उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। तेजस्वी ने कहा – ‘हमलोग चाहते हैं कि उनको बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाया जाए’।
अब पता चला है कि लालू को दिल्ली एम्स ले जाय जाएगा। रांची के रिम्स मेडिकल बोर्ड ने एक बैठक करके इसकी सिफारिश की है। रिम्स ने इस बाबत होटवार जेल प्रबंधन को भी जानकारी दे दी है। रिम्स प्रबंधन ने लालू के स्वास्थ्य को देखते हुए मेडिकल बोर्ड गठित किया था जिसमें विभिन्न चिकित्सा विभागों के 8 डॉक्टर शामिल हैं। मेडिकल बोर्ड ने फैसला किया कि लालू यादव को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजा जाएगा।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आरजेडी नेता के फेफड़ों में पानी जमा हो गया है। तेजस्वी ने भी उनकी हालत को चिंताजनक बताया है। उनके कुछ स्तर सामान्य से अधिक हैं। तेजस्वी रांची में हैं और आज उनकी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात होनी है। लालू की पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी बेटी मीसा भारती के साथ शनिवार को रिम्स पहुंची और लालू प्रसाद से मिलीं।
कल जब राबड़ी छह घंटे तक लालू के साथ रहीं तो वो कई बार भावुक हो गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव ने उन्हें संभाला और भरोसा दिलाया कि वे जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। उस समय मीसा भारती के अलावा तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी साथ थे।
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के एक परिजन को नौकरी के आलावा मुआबजा भी देगी अमरिंदर सरकार
केंद्र सरकार के साथ पूरी तरह भिड़ने के मूड में दिख रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलनस्थल पर कई किसानों की जान भी गयी है। अब पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे प्रत्येक मृतक किसान के परिवार से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी और साथ मुआबजा भी दिया जाएगा, जो पंजाब से ताल्लुक रखते हैं।
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों की मदद के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा – ‘प्रत्येक मृतक किसान के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुझे रिपोर्ट मिली कि दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 76 किसानों की मौत हो चुकी है। मैं घोषणा करता हूं कि इनमें से जो पंजाब से हैं उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।’
अमरिंदर ने यह भी घोषणा की है कि जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा भी दिया जाएगा। सीएम ने सवाल किया कि ‘क्या इस देश में एक संविधान है? कृषि 7 अनुसूची के तहत राज्य का एक विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों बदल दिया?’
कैप्टेन ने कहा कि केंद्र ने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि वहां उनके अधिक सदस्य थे। राज्यसभा में, यह गड़बड़ करके पारित किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत साबित हो सकती हैं।
किसानों के पकड़े नकाबपोश का मीडिया के सामने दावा, आंदोलन में गोलियां चलाई जानी थीं, बाद में कहा किसानों ने उससे बुलवाया
किसानों की सरकार से बातचीत फेल हो जाने के कुछ घंटों के बाद किसानों ने शुक्रवार रात एक नकाबपोश को पकड़ा है जिसने मीडिया के सामने चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। उसने दावा किया है कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दिन वह अफरातफरी मचाकर बड़ी वारदात करने वाला था और उसके निशाने पर चार लोग (किसान नेता) थे जिन्हें गोली मारी जानी थी। उसके इस सनसनीखेज ‘खुलासे’ के बाद सकते में आये किसान नेताओं ने उसे मीडिया के सामने पेश किया और बाद में हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि, अब एक और वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति को इन आरोपों से इंकार करते हुए बताया गया है। उसका दावा है कि उसे किसानों ने जबरदस्ती यह बुलवाने के लिए कहा था।
उधर रात की घटना से गुस्साए किसानों ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की बड़ी साजिश हो रही है। रात को को ही मीडिया को बुलाकर किसान नेताओं ने उस नकाबपोश को सामने पेश किया और दावा किया कि यह व्यक्ति उनके आंदोलन को बाधित करने की साजिश रचने में शामिल है। उसे हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया।
इस नकाबपोश ने दावा किया कि ‘पुलिस की वर्दी पहनकर 60 युवकों को ट्रैक्टर परेड में अफरातफरी मचानी थी और चार किसान नेताओं की हत्या करनी थी। तिरंगा नीचे गिराकर बवाल करने की भी योजना थी।’ किसान मोर्चा ने जब इसे मीडिया के सामने पेश किया तो उसने दावा किया – ‘हमें इस काम के लिए हथियार मिले थे। योजना यह थी कि जब किसान 26 जनवरी को आगे बढ़ेंगे तो उन्हें रुकने के लिए कहा जाएगा। और जब ये नहीं रूकते तो उनपर पर गोलियां चलाने का निर्देश था। हमारी एक और टीम में 10 लोग थे जिन्हें पीछे से गोली चलनी थी ताकि देश की जनता और दिल्ली पुलिस को लगे कि गोली किसानों ने चलाई है’।
उधर इस नकाबपोश (एक नकाबपोश) का एक और वीडियो सामने याया है। इसमें वह व्यक्ति कह रहा है कि ‘उसका किसानों ने अपहरण कर लिया गया था और झूठ बोलने के लिए मजबूर किया गया था।’ सोनीपत के रहने वाले 19 वर्षीय योगेश नाम के इस नकाबपोश व्यक्ति ने हरियाणा पुलिस को यह बयान दिया। पुलिस को दिए गए बयान में उस व्यक्ति ने कहा कि ‘किसानों ने उसे उल्टा लटकाकर उसकी पिटाई की’।
इस संदिग्ध व्यक्ति ने आरोप लगाया कि ‘किसानों ने उन्हें शराब पीने के लिए मजबूर किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को गलत बयान देने के लिए मजबूर किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने उन्हें यह कहते हुए धमकाया कि उनकी हत्या कर दी जाएगी और किसी को इसके बारे में पता नहीं चलेगा।’
जानकारी के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से चार किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, कुलदीप संधू और जगजीत सिंह की तस्वीरें भी बरामद कीं।
बता दें शुक्रवार देर रात सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में उस शख्स ने कैमरे के सामने दावा किया कि उसके गुर्गों को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के रूप में खड़ा करने और राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित गणतंत्र दिवस पर राजधानी में ट्रैक्टर रैली के दौरान भीड़ को लाठीचार्ज करने के लिए कहा गया था।
इससे पहले मीडिया के सामने इस नकाबपोश के खुलासे के मुताबिक ’26 तारीख को जो रैली होनी थी उसमें आधे लोग घर के होंगे जो पुलिस की वर्दी में होंगे इन्हें तितर बितर करने के लिए और 24 तारीख को स्टेज पर जो चार लोग होंगे उन्हें मारना है, फोटो दे दी गई है। जो हमें सिखाता है उसका नाम प्रदीप सिंह है। राई थाने का एसएचओ है वो। वो जब भी हमसे मिलने आता था मुंह पर कवर लगाकर आता था। हमने उसका बैच देखा था। जिन्हें मारना था उनका नाम नहीं पता है, उनके फोटो हैं।’
नकाबपोश ने मीडिया के सामने दावा किया कि ’26 जनवरी के लिए, योजना यह थी कि हमारे अन्य टीम के सदस्य प्रदर्शनकारियों के साथ घुलमिल जाएंगे और प्रदर्शनकारियों की परेड में जाके हम गोली चलाएंगे। जाट आंदोलन में भी हमने माहौल बिगाड़ने का काम किया था।’ उसके दावे के मुताबिक उनकी टीम के आधे लोग पुलिस की वर्दी पहने मौजूद रहने थे। उनके पास दो टीमें होनी थी और वह खुद 19 जनवरी से आंदोलन स्थल पर ही है। उन्हें यह भी पता लगाने का जिम्मा था कि प्रदर्शनकारी हथियार लेकर जा रहे हैं या नहीं।
बंगाल में आचार संहिता लागू होने के बाद मोटरसाइकिल रैली की इजाजत नहीं
किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत टूटी, अब और बैठक नहीं, 26 को ट्रैक्टर परेड
किसानों और सरकार के बीच 11 दौर तक चली बातचीत नाकाम हो गयी है। दोनों किसी समझौते पर नहीं पहुँच पाए हैं। किसानों ने सरकार के दिए प्रस्तावों को ठुकरा दिया है। आज की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर आधे घंटे बाद पहुंचे जिससे किसान नेता नाराज हैं। यह साफ़ हो गया है कि दोनों के बीच बातचीत टूट गयी है।
आज की बैठक महज 18 मिनट ही चली। इसके बाद कृषि मंत्री बैठक से चले गए और आखिर तक नहीं लौटे। किसान उसके बाद बैठक से उठकर आ गए। सरकार ने फिलहाल अगली बैठक को लेकर कोई बात नहीं की है।
किसानों ने भी बैठक को लेकर कुछ नहीं कहा है जिससे यह संकेत मिलते हैं कि 11 दौर तक चली बातचीत टूट गयी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस संवाददाता से बातचीत में स्वीकार किया कि आज की बैठक में मंत्री आधे घंटे बाद पहुंचे। उन्होंने, हालांकि इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या कोई और बैठक होगी। हाँ, यह जरूर कहा सरकार और किसानों के बीच बातचीत से पहली बाली स्थिति बन गयी है।
आज के बैठक में सरकार ने कहा कि उसने कानूनों को एक साल टालने और इस दौरान किसी नतीजे पर पहुँचाने का जो ऑफर किसानों को दिया था, उससे ज्यादा वह कुछ नहीं कर सकती। इसके बाद किसानों ने कहा कि वह कानूनों को ख़त्म करने के काम कुछ नहीं मानेंगे। इंसान अब 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटने वाले हैं। उन्होंने साफ़ कर दिया है कि ट्रैक्टर परेड निकलकर रहेगी।