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प्रियंका गांधी ने मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाई, खुद नाव चलाकर नदी के किनारे पहुंचीं

मौनी अमावस्या पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को संगम में डुबकी लगाई और खुद नाव चलाकर नदी के किनारे तक पहुंचीं। उन्होंने स्नान और पूजा-पाठ के बाद नाव की सैर की और उनके साथ अन्य लोग भी थे। प्रियंका को घाट पर देखने के लिए वहां काफी भीड़ जुट गयी। पूजा अर्चना के बाद प्रियंका नाव पर बैठीं और फिर कुछ देर बाद वह खुद नाव चलाने लगीं। इसका  वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है। वह दोनों हाथों से नाव के चप्पू पानी की धारा  में पूरी शिद्दत से खेती हुई दिख रही हैं। इस दौरान स्नान को आए लोग और आसपास नाव से सैर करने वाले कुछ पल के लिए ठहर कर तस्वीरें लेने लगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने इसका वीडियो शेयर किया है। बता दें प्रयागराज में संगम तट पर आज माघ मेले का तीसरा स्‍नान पर्व है। मौनी अमावस्‍या के मौके पर आधी रात के बाद से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। कोरोना गाइडलाइन के बीच श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाई।

इसे पहले आज प्रियंका गांधी मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर प्रयागराज पहुंचीं। वह सबसे पहले नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास आनंद भवन गईं। उन्होंने अपने परदादा और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के स्मृति स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रियंका गांधी ने आनंद भवन स्थित अनाथालय में बच्चों के साथ भी कुछ पल बिताए। यहां वह एक बच्ची को गोद में लिए हुए नजर आईं।

प्रियंका के आने के बाद गेट पर भारी भीड़ को देखते हुए आनंद भवन के गेट को खोल दिया गया। कार्यकर्ता भी भीतर पहुँच गए, जिन्हें बाद में रोका गया। प्रियंका गांधी आज पांच घंटे प्रयागराज में रहीं। वह मनकामेश्वर मंदिर भी गईं।

राहुल गांधी का लोकसभा में तंज ‘यह हम दो हमारे दो की सरकार’, शहीद किसानों को दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। पूरी फ़ार्म में दिख रहे राहुल गांधी ने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पहले एक नारा होता था ‘हम दो हमारे दो।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे अब कोरोना अलग रूप में आ गया है, उसी तरह यह नारा भी दूसरे रूप में आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को चार लोग चला रहे हैं – ‘हम दो हमारे दो’। हर एक आदमी उनके नाम जानता है। हम दो, हमारे दो यह किसकी सरकार है। राहुल और विपक्ष के सदस्यों ने सदन में दो मिनट का मौन रखकर आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि भी दी।
कांग्रेस नेता ने कहा – ‘हम दो हमारे दो…वो आपको याद होगा, वो फोटो होती थी चार। क्यूट से चेहरे, सुंदर से चेहरे, मोटे-मोटे चेहरे।’ उन्होंने कहा कि जब ये कृषि कानून लागू होंगे तो जो इस देश के किसान है, देश के मजदूर हैं, छोटे व्यापारी हैं इनका धंधा बंद हो जाएगा। इससे किसानों के खेत चले जाएंगे, उसे सही दाम नहीं मिलेगा, छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद हो जाएगी और सिर्फ दो लोग ‘हम दो और हमारे दो’ इस देश को चलाएंगे।

सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने राहुल के भाषण पर आपत्ति की और स्पीकर से कहा कि वह विषय से हटकर बोल रहे हैं। लेकिन राहुल ने कहा कि वे किसानों के मुद्दे पर ही बोलेंगे। इस पर संदन में हंगामा होता रहा।

अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा  ‘लिखकर ले लीजिए। आप सोचते हो कि आप किसान, मजदूरों, छोटे दुकानदारों को अपने पैसे से परे कर सकते हो। आप लिखकर ले लो मुझसे किसान एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाला है। किसान, मजदूर, छोटा दुकानदार आपको हटा देगा पर वह एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाला।’

गांधी ने कहा कि आकार के कृषि कानूनों से देश का फूड सिक्योरिटी का सिस्टम नष्ट हो जाएगा और सालों बाद एक बार फिर देश के लोगों को भूख से मरना पड़ेगा। रूरल इकॉनमी नष्ट हो जाएगी और यह देश रोजगार नहीं पैदा कर पाएगा। यह कोई नई चीज नहीं है, यह काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी से शुरू किया था। पहली चोट नोटबंदी थी। आइडिया था गरीबों और किसानों से पैसा लो और बैंक में डालो और हम दो हमारे दो के जेब में डालो। स्मॉल एंड मीडियम सेक्टर को खत्म कर दिया किसानों को बर्बाद कर दिया पर वहां नहीं रुके। जीएसटी – गब्बर सिंह टैक्स… पांच अलग अलग टैक्स और फिर से उन्हीं बेचारों किसानों, गरीबों और व्यापारियों पर आक्रमण फिर कोरोना आता है।

कांग्रेस नेता ने कहा – ‘कोरोना के समय मजदूर चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं बस, ट्रेन का टिकट दे दीजिए। नहीं, नहीं … तुम पैदल घर जाओगे। स्पीकर बार-बार टोंकते रहे पर राहुल बोलते रहे। सत्ता पक्ष के सदस्य सदन में खड़े होकर विरोध करते रहे। सत्ता पक्ष के सदस्यों के विरोध के बाद स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा, ‘माननीय सदस्य, आज बजट पर चर्चा है।’ इस पर राहुल ने कहा कि मैं अभी फाउंडेशन लगा रहा हूं अभी…।’

राहुल ने कहा कि कोरोना के समय उन्हीं 4-5 लोगों का सब कर्जा माफ। देश का रोजगार का जो सिस्टम है, आज यह देश रोजगार नहीं पैदा कर सकता है और कल भी यह नहीं कर पाएगा क्योंकि आपने इस देश की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है। गांधी ने आगे कहा कि यह मत समझिए कि यह किसानों का आंदोलन है। आपको बात अभी समझ में नहीं आई है यह देश का आंदोलन है। और ये किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है। किसान अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है, और एक आवाज से पूरा देश उठने वाला है। पूरा देश एक आवाज से हम दो हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है।

ममता का अमित शाह को करारा जवाब, कहा ‘यहां प्रचार के लिए आइए लेकिन धमकी देने की कोशिश मत करिए’

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच शब्दों की लड़ाई जारी है। अमित शाह ने गुरुवार को कूच बिहार में हुई रैली में राज्‍य की सीएम ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर निशाना साधा।  जिसका ममता बनर्जी ने करारा जवाब देते हुए कहा – ‘हम उनका स्‍वागत करते हैं लेकिन जो बात उन्‍होंने कही, उनकी बॉडी लेंग्‍वेज, मानसिकता और धमकी भरा व्‍यवहार उनकी पोजीशन के लिहाज से अनुकूल नहीं कहा जा सकता। उनहोने कहा आप मुझे ‘गाली’ तो दे सकते हैं, मेरी अनदेखी नहीं कर सकते।

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘हर समय वे बंगाल को ‘गाली देते’ रहते हैं. यहां प्रचार के लिए आइए लेकिन मुझे धमकी देने की कोशिश मत करिए। मुझे आपसे कोई भय नहीं है. दीदी को कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.’ ममता ने कहा, ‘मैं इसी भूमि पर जन्‍मी हूं, श्री रामकृष्‍ण और स्‍वामी विवेकानंद को मैंने पढ़ा हैं। आप मुझे धमकी नहीं दे सकते।

मैं ‘इस खेल’ के लिए तैयार हूं, देखना चाहती हूं कि आप कितने ‘गोल’ कर पाते हैं. यदि आपको विश्‍वास होता तो बेफिजूल की बात नहीं करते. यह बंगाल है आपकी गुंडागर्दी यहां नहीं चलने वाली।

इससे पहले अमित शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘बंगाल में जय श्री राम बोलना आपने गुनाह कर दिया. बंगाल में जय श्री राम नहीं बोला जाएगा तो पाकिस्तान में बोला जाएगा। उनहोने कहा ममता दीदी को ये अपमान लगता है।

हलफनामा मामले में सलमान खान को जिला अदालत से बड़ी राहत

अठारह साल पहले झूठा शपथ पत्र पेश करने के मामले में सुपरस्टार सलमान खान को जोधपुर की जिला कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। राजस्थान सरकार की याचिका को कोर्ट ने वीरवार को खारिज कर दिया। इस दौरान अभिनेता सुनवाई के दौरान आॅनलाइन पेश हुए। सलमान के खिलाफ काला हिरण के अलावा जोधपुर में एक और मामला दर्ज किए जाने के लिए याचिका दायर की गई थी।

जिला अदालत के इस फैसले के बाद सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बताया कि दूसरी बार है जब मामले से जुड़ी याचिका को खारिज किया गया है। पहले चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भी इसको खारिज कर चुके हैं। लंबी सुनवाई के बाद आखिर न्याय मिला।

सलमान को 1998 में जोधपुर के पास कांकाणी गांव में 2 काले हिरणों के शिकार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे हथियारों का लाइसेंस मांगा था। इस पर 2003 में सलमान ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया था कि लाइसेंस कहीं गुम हा ेगया है। इस बारे में सलमान की ओर से 8 अगस्त 2003 को मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर की प्रति भी संलग्न की गई थी।

जांच के बाद अदालत में पता चला कि सलमान खान का आम्र्स लाइसेंस गायब नहीं हुअ, बल्कि उसने नवीनीकरण के लिए दिया हुआ है। तब सरकार की ओर से अदालत में मांग की गई थी उन पर कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज किया जाए।

अदालत में अंतिम बहस के दौरान सलमान के वकील ने दलील दी कि अभिनेता अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त थे, इसलिए वे भूल गए थे कि उनका लाइसेंस रिन्यू होने के लिए दिया हुआ है। वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी मामले में आरोपी को कोई फायदा नहीं हो और गलती से झूठा एफिडेविट पेश हो जाए तो उसे बरी कर दिया जाना चाहिए।

भारत-चीन के बीच पैंगांग झील को लेकर समझौता, दोनों की सेना और निर्माण भी हटेंगे, सैन्य-कूटनीतिक बातचीत जारी

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए पैंगांग झील पर समझौता हो गया है। नौ दौर तक चली बातचीत के बाद दोनों देश एक समझौते पर पहुंचे हैं जिसमें सेना को पुरानी स्थिति पर ले जाने की बात भी शामिल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में गुरूवार को एक ब्यान में इसकी जानकारी दी और कहा अन्य मुद्दों पर सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि पैंगांग झील पर दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि कमांडरों की बैठक में अन्य मुद्दों को सुलटाने पर बात होगी। दोनों देशों में टकराव ख़त्म करने पर समझौता हुआ है।
सिंह ने कहा कि पिछले साल जैसे स्थिति बहाल होने की उम्मीद है। बता दें दोनों देशों के बीच सीमा पर लम्बे समय से तनाव चल रहा है। राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि पैंगांग झील से दोनों और से सेना हटेगी।
रक्षा मंत्री ने भारत-चीन सीमा विवाद पर राज्यसभा में जानकारी देते हुए सदस्यों को बताया कि चीन के साथ सीमा विवाद के लेकर स्थिति अब समाधान के करीब है और पैंगोंग झील को लेकर चीन के साथ समझौता हो चुका है। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर चीन के साथ सहमति बन चुकी है और इस संबंध में तनावग्रस्त इलाके से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिंह ने जोर देकर कहा कि चीन के साथ समझौते में भारत ने एक इंच भी जमीन नहीं खोई है। दोनों पक्षों के बीच अभी भी कुछ मुद्दों पर सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
राजनाथ सिंह ने कहा – ‘भारत हमेशा से द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर देता रहा है। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति को बनाए रखने के प्रति जोर दे रहे थे। भारत और चीन ने समझौते के तहत तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को लागू किया जाएगा और जो निर्माण अभी तक किया गया उसे तत्काल हटा दिया जाएगा। साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद के कारण जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है, उन शहीदों को भारत हमेशा सलाम करेगा। मुझे भरोसा है कि पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है।’
सिंह ने सदन में बताया – ‘सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों का निराकरण भी चर्चा के जरिए ही किया जाएगा। समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर भी मुलाकात करेंगे। पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है और बुधवार से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हो चुकी है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने एलएसी पर हथियार और गोला-बारूद और सैनिकों की संख्या बढ़ा दी, लेकिन हमने चीन का मुकाबला करने के लिए स्पष्ट कदम उठाया है। सिंह ने कहा – ‘हमारे पास बहादुर जवान हैं, जो रणनीतिक स्थानों पर डटे हैं और हम इन स्थानों पर बढ़त के साथ हैं। देश के बहादुर जवानों ने साबित किया है कि वे राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए कुछ भी करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करें। एकतरफा एलएसी में किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं होगा। हम चाहते हैं कि 2020 की फॉरवर्ड तैनाती को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।’
पिछले साल जून में भारत और  सीमा पर  चरम पर पहुँच गया था जब दोनों देशों की सेनाओं  खूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गयी थी जबकि चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मरने की खबर आई थी। इसके बाद चीन लगातार सीमा के आसपास निर्माण और अन्य गतिविधियां चलता रहा। अब तक आठ दौर की बीतचीत में कुछ ख़ास सामने नहीं आया था लेकिन अब नौंवे दौर की बातचीत से अच्छी खबर आई है। यह बातचीत अभी जारी रहेगी।

हरसिमरत कौर की चुनौती: पीएम बताएं विपक्ष का कौन सा नेता आंदोलन में बैठा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपनी पूरी फॉर्म में नजर आए और विपक्ष के तमाम मुद्दों का एक-एक करके जवाब दिया। उन्होंने किसान आंदोलन को राजनीतिक एजेंडा बताते हुए समझाया कि किस तरह कृषि क्षेत्र में सुधार वक्त की मांग है। हालांकि अब वाकई इसमें सियासत शुरू हो गई है। किसानों ने 12 फरवरी को बंद का ऐलान किया है;

इस बीच, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पूर्व सहयोगी पार्टी अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मोदी के हमले पर पलटवार किया है। हरसिमरत ने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि पीएम बताएं कि कौन सा विपक्षी दल आंदोलन में किसानों केे साथ बैठा है? किसान संगठन पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनके आंदोलन से सियासी दलों को अलग रखा गया है।

पंजाब से सांसद हरसिमरत ने कहा, मुझे लगता है कि किसान की मांगों को सुना जाना वक्त की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंजाब में मंत्रियों ने जाकर किसानों से बात की। काश वह बताते कि किस किसान से बात की गई? जहां तक मुझे याद है, एकमात्र मंत्री जो पंजाब गया भी उसने किसानों को गुंडा जैसे शब्द से संबोधित किया था।
इस बीच, हरसिमरत ने बताया कि हम सबसे पुराने सहयोगी थे, जब भाजपा के महज दो सांसद थे, तब से साथ में खड़े थे। अब वे किसी की भी नहीं सुन रह ेहैं। अकाली दल सांसद ने कहा कि जब किसान कानून नहीं चाहते तब इस काले कानून को वापस लेना चाहिए।

किसानों को देशद्रोही, आतंकवादी कहने वाला देश भक्त नहीं हो सकता, प्रियंका गांधी ने सहारनपुर किसान रैली में कहा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को सहारनपुर के चिकलाना में किसान पंचायत में हिस्सा लिया और किसानों के मसले पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उनके आने से पहले ही जिला प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी थी, लेकिन प्रियंका गांधी ने अपने कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया और रैली में पहुंचीं।
प्रियंका की इस रैली में खासी भीड़ दिखी। कांग्रेस नेता ने इस मौके परे कहा कि किसानों को रोजाना अपमानित किया जा रहा है। कभी आतंकवादी कहते हैं तो कभी आंदोलनजीवी कहते हैं। किसानों को देशद्रोही कहने वाला, उसका मजाक उड़ाने वाला, उसको आतंकवादी कहने वाला कभी देश भक्त नहीं हो सकता।
गांधी ने किसानों से कहा कि ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटना। जब तक ये कृषि बिल वापस नहीं होते, तब तक डटे रहिये, हम भी आपके साथ रहेंगे।  प्रियंका ने कहा कि 78 दिन से किसान बॉर्डर पर हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा – ‘इस सरकार ने 16,000 करोड़ के दो हवाई जहाज ले लिए और 20,000 करोड़ संसद के सुंदरीकरण में खर्च कर दिया, लेकिन किसानों का बकाया 15000 करोड़ आज तक नहीं दिया। 56 इंच के सीने में छोटा सा दिल है, लेकिन वो सिर्फ उद्योगपतियों के लिए धड़कता है’।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला किसान है। किसान का बेटा सीमा पर शहीद होता है, इस देश के लिए जान देता है। किसान का बेटा प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है, लेकिन प्रधानमंत्री किसान का दिल नहीं पहचान रहे हैं। जाग जाइये, जिनसे आप उम्मीद रख रहे हैं, वे आपके लिए कुछ नहीं करेंगे। जब वे बड़े-बड़े वादे करते हैं तो समझ जाइये उनके शब्द खोखले हैं। ये आपकी ज़मीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिये। हम खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते, तब तक डटे रहिये।
प्रियंका गांधी ने कहा – ‘नए कृषि कानून से जमाखोरी का दरवाजा खुलेगा। यह खरबपति तय करेंगे कि आपकी फसल कैसे खरीदी जाए। सरकारी मंडियां बर्बाद हो जाएंगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग से भी धोखा मिलने वाला है। निजी कंपनियां मनमानी कीमत तय करेंगी और किसानों को अपनी फसल उसी दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो कानून आपकी मदद के लिए बनेंगे, न कि आपको पीसने के लिए। हम आपके दिलों के साथ और जीवन के साथ राजनीति नहीं करेंगे। हम आपको धर्म और जाति के नाम पर तोड़ेंगे नहीं, आपका बंटवारा नहीं करेंगे। हम आपको जोड़ेंगे।’
इस मौके पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वे माता का आशीर्वाद लेकर आई हैं। ‘माता की कथा आपको पता होगी। जब अकाल पड़ा था तो माता ने अपनी 100 आंखों से आंसू बहाए, जिससे किसानों को पानी मिला। नए कृषि कानून राक्षसरूपी हैं। सरकार को इन कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा।’
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने इस मौके पर कहा कि नए कृषि कानून आने के बाद से किसान हताश हैं। किसानों को आज दबाया जा रहा है। प्रियंका गांधी किसानों की लड़ाई लड़ने यहां आई हैं। किसानों की आवाज को किसी भी तरह से दबने नहीं दिया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में रायपुर स्थित खानगाह दरगाह में हाजिरी लगाई। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी मौजूद रहे। इससे पूर्व उन्होंने शाकुंभरी देवी मंदिर के दर्शन किए और मां का आशीर्वाद लिया। वे यहां पर करीब आधे घंटे तक रूकीं।
प्रियंका की रैली में पार्टी नेता पीएल पुनिया, रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, प्रमोद कृष्णम समेत कई नेता शामिल रहे।

कांग्रेस का वॉकआउट, पीएम ने कहा किसानों को बरगलाया जा रहा है

लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस ने किसानों को लेकर बता रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जबाव के दौरान सदन से वॉक आउट किया। पीएम ने कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है और जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है।

कांग्रेस ने सदन से तब वॉक आउट किया जब पीएम किसानों के आंदोलन को लेकर बोल रहे थे। पीएम ने कहा कि जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है। ऐसे तरीके आंदोलनजीवी अपनाते हैं। मैं किसानों से पूछना चाहता हूं कि वे बताएं उनका कौन सा हक मारा छीना गया है। जो हुआ है वह किसान आंदोलन नहीं लगता। उन्होंने कांग्रेस को लेकर कहा कि उसने कंटेंट (कृषि कानूनों के) पर बात नहीं की। अच्छा होता अगर कानून की बातों पर चर्चा होती।

सदन में कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दहेज के खिलाफ कानून की मांग किसी ने नहीं की थी, ट्रिपल तलाक पर कानून की किसी ने नहीं की थी। बाल विवाह, शिक्षा पर अधिकार बिना मांग के दिए गए। इतने सुधार हुए जनता ने सभी बदलावों को स्वीकार किया या नहीं किया ये सभी जानते हैं।

पीएम ने कहा – ‘कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या ? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है।

मोदी ने कहा कि संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।

इस बीच कांग्रेस बेंचों की तरफ से कहा कि किसानों ने ये कानून नहीं मांगे हैं तो पीएम ने कहा कि हर चीज जनता को मांगने पर मिले यह ठीक नहीं है। जनता ने तो आयुष्मान भारत योजना भी नहीं मांगी थी, लेकिन हम लेकर आए। जनधन खाते के लिए किसी ने आंदोलन नहीं किया था, लेकिन हम योजना लेकर आए।

पीएम ने कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ। ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है। हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। ये देश देशवासियों का है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है।

कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम ने कहा – ‘कांग्रेस इतनी कन्फ्यूज है कि उसका एक धड़ा राज्य सभा में अलग स्टैंड रखता है और दूसरा धड़ा लोकसभा में अलग स्टैंड रखता है। ऐसी पार्टी न अपना भला कर सकती है और न ही देश का भला कर सकती है। ये कानून बंधन नहीं बल्कि किसानों की आजादी के लिए लाए गए हैं। प्रगति के लिए कुछ कानून जरूरी होते हैं।’

राज कपूर के छोटे बेटे एक्टर राजीव कपूर का दिल के दौरे से निधन

कपूर परिवार के एक और सदस्य का निधन हो  गया है। एक्टर राजीव कपूर का मंगलवार हार्ट अटैक से निधन हो गया। राजीव अभी महज 58 साल के थे।

बॉलीवुड के लिए यह एक और दुखद खबर है, जिसने हाल के महीनों में ऋषि कपूर सहित कई कलाकारों को खो दिया है। राजीव राज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे और रणधीर और ऋषि कपूर के छोटे भाई। राजीव कपूर (58) को आज सुबह हार्ट अटैक पड़ने के बाद उनके बड़े भाई रणधीर कपूर तुरंत अस्पताल ले गए। हालांकि, उनके अस्पताल पहुँचने पर डॉक्टरों ने राजीव को मृत घोषित कर दिया।

‘राम तेरी गंगा मैली’ से राजीव फ़िल्मी दुनिया में दर्शकों की नजर में आये। रणधीर कपूर ने राजीव के निधन की पुष्टि करते हुए ट्वीट में कहा – ‘मैंने अपना सबसे छोटा भाई राजीव खो दिया है। वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन बचा नहीं सके। मैं अभी अस्पताल में ही हूं और उनकी पार्थिव देह मिलने का इंतजार कर रहा हूं।’

दिवंगत ऋषि कपूर की पत्नी नीतू कपूर ने भी इंस्टाग्राम पर राजीव कपूर की फोटो शेयर करते हुए उनके निधन की खबर की जानकारी दी है। राजीव कपूर ने राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से बॉलीवुड में पहचान बनाई। इसके बाद वह कुछ ही फिल्मों में नजर आए थे, हालांकि बतौर एक्टर उनका करियर लम्बा नहीं रहा। राजीव ने ऋषि कपूर के लीड रोल वाली फिल्म ‘प्रेम ग्रंथ’ का निर्देशन किया था। कई फ़िल्मी हस्तियों ने राजीव के निधन पर शोक जताया है।

किसान की मौत की खबर ट्वीट करने के मामले में थरूर, पत्रकारों को राहत; सुप्रीम कोर्ट की गिरफ्तारी पर रोक  

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मृत्यु को लेकर कथित असत्यापित खबर शेयर करने के मामले में दायर एफआईआर के खिलाफ कांग्रेस नेता और सांसद शशी थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई की याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को उन्हें बड़ी राहत देते हुए उनकी और अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

शशी थरूर और राजदीप सरदेसाई के खिलाफ ‘हिंसा भड़काने’ के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद दोनों ने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिका पर सुनवाई करते प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने थरूर, राजदीप, विनोद जोस, मृणाल पांडे, जफर आगा, अनंत नाथ और परेश नाथ की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को अगले दो हफ्तों के लिए कायम रखा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश कर्नाटक, हरियाणा राज्यों को भी नोटिस जारी किया है। बता दें इन सभी पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर कथित तौर पर गलत जानकारी ट्वीट करने के आरोप में अलग-अलग राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर भी अगली सुनवाई तक रोक बढ़ा दी है। मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी पर लगी रोक का विरोध किया। कोर्ट में दिल्ली पुलिस की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इन ट्वीट्स की वजह से हुए भयानक प्रभाव को दिखाएंगे। इन ट्विटर हैंडलों के लाखों फॉलोअर्स हैं।

थरूर की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि थरूर इस वक्त दिल्ली में हैं और उनपर गंभीर आरोप हैं, इसलिए अंतरिम सुरक्षा की जरूरत है। सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी कभी भी मुझे गिरफ्तार कर सकती है।

सर्वोच्च अदालत की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा- ‘हम आपकी बात सुनेंगे लेकिन क्या आप उन्हें गिरफ्तार करने जा रहे हैं?’ इस पर मेहता ने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी से वाकिफ हैं। पीठ ने नोटिस जारी करते अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक को बरकरार रखा और दो हफ्ते बाद के लिए सुनवाई टाल दी।