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असम में भूकंप से कई इमारतों को नुक्सान, कई जगह सड़कों में दरारें

उत्तर पूर्वी राज्य असम में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को दहला दिया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई जबकि इससे नुक्सान की ख़बरें मिली हैं और कई जगह  पहुंचा है। भूकंप के झटके पड़ोसी राज्यों मेघालय और पश्चिम बंगाल के काफी क्षेत्रों में महसूस किए गए। पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इन झटकों को लेकर चिंता व्यक्त की और लोगों के कुशल होने की कामना की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनितपुर में 6.4 तीव्रता के झटकों के कारण गुवाहाटी तक में नुकसान हुआ है जहाँ कुछ इमारतों में दरारें आ गयी हैं। भूकंप सुबह 7.51बजे सोनितपुर जिले में आया। तेजपुर को इसका केंद्र बताया गया है। इसके बाद 7.58 बजे भूकंप के दो और झटके महसूस किए गए जो क्रमश: 4.3 और 4.4 तीव्रता के थे। इन झटकों का असर असम ही नहीं उत्तर बंगाल तक में महसूस किया गया। गुवाहाटी में कई जगह बिजली बंद हो गई।  असम के कई घरों में दरारें आ गई हैं।
लोगों के मुताबिक कम से कम 30 सेकेंड तक झटका महसूस किया गया और उस दौरान इमारतें हिलती रहीं। एक जगह तीन मंजिला इमारत टेढ़ी होकर दूसरे मकान से जा टिकी। एक जगह एक पर्वत का हिस्सा तक टूट गया।
भूकंप से ज़मीन के भीतर हुई उथल-पुथल के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गईं। वहीं, कई जगह पेड़ भी धराशायी हो गए हैं और भूकंप के कारण काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, किसी के जान के नुक्सान की खबर नहीं है। भूकंप का झटका इतना तेज था कि असम में कई जगहों पर दीवारों में दरारें पड़ गईं. वहीं कुछ जगहों पर दीवार और छज्जे भी गिर गए।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, बुधवार सुबह तेजपुर के निकट रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र असम के तेजपुर से 43 किलोमीटर पश्चिम में था। भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 7:51 बजे सतह से 17 किलोमीटर की गहराई में आया। भूकंप के झटके पड़ोसी राज्य मेघालय और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों समेत पूरे क्षेत्र में भी महसूस किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप को लेकर सीएम सोनोवाल से चर्चा की। मोदी ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ‘राज्य में आए भूकंप के संबंध में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और उन्हें केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का वादा किया है। मैं असम के लोगों की भलाई की कामना करता हूं।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के भूकंप प्रभावित इलाकों में सबकी सुरक्षा की कामना करते हुए कहा कि सभी लोग इस मुश्किल घड़ी में असम की जनता के साथ खड़े हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा – ‘मेरी प्रार्थनाएं असम के लोगों के साथ
हैं।  इस भूकंप से राज्य में कोविड संकट में इजाफा होगा और  प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने में मुश्किल पेश आएगी. हम परीक्षा की इस घड़ी में आप लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने है भी प्रभावित लोगों की सुरक्षा की कामना की है।   उन्होंने ट्वीट में – कहा ‘किया, ‘‘असम के बहनों और भाइयों के लिए मेरा स्नेह और प्रार्थना है जो कोविड की दूसरी लहर और भूकंप के दोरी मार का सामना कर रहे हैं।  प्रभावित इलाको में सभी लोगों की सुरक्षा की प्रार्थना करती हूं।’
उधर असम कांग्रेस प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह ने ट्वीट में कहा- ‘भूकंप प्रभावित लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।’
असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने सुबह कहा- ‘असम में बड़ा भूकंप आया है। मैं सभी लोगों की कुशलता की कामना करने के साथ ही अलर्ट रहने की अपील भी करता हूं। मैं सभी जिलों से अपडेट ले रहा हूं।’

राष्ट्रीय आपदा के वक्त मूकदर्शक बने नहीं रह सकते : सुप्रीम कोर्ट

देशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत और मरीजों की तमाम अन्य परेशानियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि संकट से निपटने के लिए आपका नेशनल प्लान क्या है? क्या टीकाकरण ही मुख्य विकल्प है।
शीर्ष अदालत में सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोर्ट की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन उच्च न्यायालयों को भी अहम भूमिका निभानी है। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
मंगलवार को सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र को मौजूदा स्थिति स्पष्ट करनी होगी। कितनी ऑक्सीजन है? राज्यों की जरूरत कितनी है? केंद्र से राज्यों को ऑक्सीजन के अलॉटमेंट का आधार क्या है? राज्यों को कितनी जरूरत है, ये तेजी से जानने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? गंभीर होती स्वास्थ्य जरूरतों को बढ़ाया जाए। कोविड बेड्स भी बढ़ाए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि जो रेमडेसिविर और फेवीप्रिविर जैसी जरूरी दवाओं की कमी को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाए गए। इसके अलावा अभी कोवीशील्ड और कोवैक्सिन जैसी दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। सभी को वैक्सीन लगाने के लिए कितनी वैक्सीन की जरूरत होगी? इन वैक्सीन के अलग-अलग दाम तय करने के पीछे क्या तर्क और आधार हैं? कीमतों में अन्तर क्यों होना चाहिए।
सर्वोच्च अदालत ने 28 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है कि सभी वयस्कों के टीकाकरण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्या मामले हैं।
सुनवाई में केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार हाई लेवल पर इस मसले पर काम कर रही है। परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री खुद मामले को देख रहे हैं। हम हालात को बहुत सावधानी से संभाल रहे हैं। बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल प्लान के तहत चार बिंदुओं पर जवाब मांगा था।
1. राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी बनी हुई है और मरीजों की जान जा रही है।
2. पूरे देश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है, लेकिन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है।
3. कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की हर राज्य में कमी है।
4. लॉकडाउन लगाने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं होना चाहिए। ये राज्य सरकार के अधीन हो।

सरकार का दावा, पिछले 24 घंटे में देश में 35 हजार कम मामले आये

विदेशों से मदद की शुरुआत के बीच अच्छी खबर यह है कि आज सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल मामलों में कमी आने का सरकार ने दावा किया है। हालांकि, रोज 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आने से अस्पतालों पर दबाव बना हुआ है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 35 हजार मामले कम आये हैं, साथ ही कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा भी घटा है जो लॉक डाउन और पाबंदियां लगाने का नतीजा हो सकता है।
देश में मंगलवार को 3,19,315 नए केस आए और 2,771 लोगों की मौतें हुईं। अब तक देश में 14.52 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश को हिला कर रख दिया है सरकार के इंतजामों की पोल भी खोल गयी है। उधर भारत में कोरोना महामारी से बिगड़ते हालात पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गहरी चिंता जताई है।
संगठन प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस ने कहा – ‘भारत में इस समय हालात दिल दहलाने वाले हैं। बीते कुछ दिनों में वहां कोरोना के मरीज तेजी से बढ़े हैं। मरीजों के परिजन अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। टेड्रोस ने कहा कि भारत कोविड-19 की भयानक लहर के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।’
वैसे देश में थोड़ी राहत की बात यह है कि बीते 24 घंटे में कोरोना के देश में 35 हजार मामले घटे हैं। कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा भी कम हुआ है। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली में संक्रमण के मामले कम हुए हैं। दो दिन पहले कोरोना के देश में कुल मामले 3,54,533 थे जो कि बीते 24 घंटे में घटकर 3,19,315 हो गए हैं। मुंबई में रोज मिलने वाले मरीजों का औसत बीते 15 दिन से लगातार गिर रहा है। मुंबई में कोरोना के मामले अब 30 फीसदी तक घट चुके हैं। छत्तीसगढ़ में भी मामले घट रहे हैं और एक्टिव केस 47 फीसदी तक कम हो चुके हैं।
जहाँ तक महाराष्ट्र के बात है वहां 25 अप्रैल को कोरोना के 66,191 मामले थी जबकि  26 अप्रैल को 48,700 मामले सामने आये। केरल में 25 अप्रैल को 28,469 जबकि  26 अप्रैल को 21,890 मरीज, दिल्ली में यह आंकड़ा 25 अप्रैल को 22,933 था जबकि 26 अप्रैल को घटकर 20,201हो गया।
देश में दो दिन पहले एक दिन में 2806 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी जबकि पिछले 24 घंटे में यह आंकड़ा घटकर 2762 हो गया है। संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है जो दो दिन पहले एक दिन में 2,18,561 थी जबकि पिछले 24 घंटे में यह बढ़कर 2,48,629 हो गयी है। अब देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 28,75,041 है।
दुनिया की बात करें तो भारत में कुल नए मामलों का 47 फीसद है जिससे गंभीरता को समझा जा सकता है। बीते दिन दुनिया में 6 लाख 72 हजार 914 संक्रमितों की पहचान हुई और 10,767 लोगों की मौत हुई। नए संक्रमितों के आंकड़े की बात करें, तो सोमवार को दुनियाभर में आए केस के 47 फीसदी मामले सिर्फ भारत में मिले। यहां 3 लाख 19 हजार 435 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई।
इस बीच सरकार ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि वह मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई संबंधी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रही है। अमेरिका, कनाडा, फ्रांस समेत कई देशों ने भारत को मदद की पेशकश की है। सरकार ने सोमवार को कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए। घर के बाहर जरूरत पड़ने पर जाते वक्त भी डबल मास्क की सलाह दी जा रही है।

दलालों के खिलाफ जी टी बी अस्पताल में हंगामा

दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में शासन-प्रशासन की अनदेखी के चलते अस्पताल में दलालों का बोलबाला दिन
व दिन बढ़ता ही जा रहा है। दलाली के चलते –चलाते मरीजों को कोरोना काल में सही इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण गरीब मरीजों का हाल बे हाल है। अस्पताल में धनंजय जैसे दलालों की शिकायत यहां के मरीजों ने अस्पताल प्रशासन से करके हंगामा भी किया है। हंगामा कर रहे मरीजों के परिजन मिथलेश कुमार, विमल कुमार और संजय सिंह नेगी ने कहा कि अस्पताल में धनंजय जैसे लोग दलालों को बढ़ावा दे रहे है जिससे गरीब मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

इस बारे में अस्पताल में काम करने वाले जगत का कहना है कि अस्पताल में एक ओर मरीजों को दवा और आँक्सीजन नहीं मिल रही है। वहीं पर अस्पताल के कुछ डाँक्टर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जिससे गरीबों को कोरोना जैसी घातक बीमारी को उपचार सहीं से नहीं मिल पा रहा है। तहलका संवाददाता को मरीजों के परिजनों ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को अपना जीवन यापन करना  मुश्किल हो रहा है। और अस्पताल में दलाल चांदी काट रहे है। जिसमें अस्पताल के ही लोग शामिल है। इस बारे में सरकार को जांच करनी चाहिये ताकि मरीजों को इलाज मिल सकें।

भारत में भयावह हो रहे कोरोना में अमेरिका भारत की मदद को तैयार, कच्चे माल पर रोक ख़त्म    

भारत में कोरोना महामारी के गंभीर संकट के बीच विदेशों से भारत को मदद की घोषणाएं शुरू हो गयी हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा ही नहीं चीन और पाकिस्तान तक ने भारत को मदद की पेशकश की है। अमेरिका ने भारत की कच्चे माल पर लगाई  रोक को हटाने का आग्रह स्वीकार कर लिया है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने  सोमवार को मोदी सरकार से मांग की है कि सभी देशवासियों को मुफ्त में कोरोना  वैक्सीन दिए जाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत की हर संभव मदद का ऐलान कर दिया  है। बाइडन ने ट्वीट करके कहा कि कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में हालात बिगड़ने पर भारत ने अमेरिका के लोगों को की मदद की थी, लिहाजा इस मुश्किल समय में अमेरिका भारत को हर तरह की मदद उपलब्ध कराने को तैयार है। कनाडा के विदेश मंत्री मार्क गार्नयू ने भी महामारी के संकट से जूझ रहे भारत के प्रति संवेदना  जताते हुए मदद की पेशकश की है।
उधर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार शाम एक बयान में कहा – ‘इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ खड़े हैं। हम लगातार भारत सरकार के संपर्क में हैं।’ भारत को अमेरिका की तरफ से मदद के रूप में रविवार को न्यूयॉर्क से दिल्ली के लिए एयर इण्डिया की फ्लाइट ए 102 करीब 300 आक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स लेकर रवाना हुई।
महामारी के चलते भारत के कई शहरों में ऑक्सीजन की गंभीर कमी के चलते लोगों की जान खतरे में पड़ रही है जबकि कई लोगों की जान चली गयी है। कोरोना वैक्सीन को बनाने के लिए कच्चे माल की कमी के बाद मोदी सरकार ने अमेरिका से कच्चे माल पर लगाई गई रोक की गुहार लगाई थी जिसे अब बाइडन सरकार ने मान लिया है और अमेरिका भारत को वैक्सीन के लिए कच्चा माल देने को तैयार हो गया है।
उधर कनाडा के विदेश मंत्री मार्क गार्नयू ने महामारी के संकट से जूझ रहे भारत के प्रति अपनी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा – ‘महामारी कोविड-19 की नई लहर का सामना करने वाले भारत की जनता के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। कनाडा सहायता के लिए तैयार है और भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया है कि किस तरह हम जरूरत के इस समय में उनकी बेहतर मदद कर सकते हैं।’
इस बीच देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर से भयावह होती स्थिति के बीच पहली मई से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को टीकाकारन का अभियान शुरू हो रहा है। टीके की कीमतों को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष मोदी सरकार पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देशवासियों को वैक्सीन मुफ़्त मिलनी चाहिए।
राहुल गांधी ने सोमवार सुबह अपने ट्वीट में कहा – ‘चर्चा बहुत हो चुकी। देशवासियों को वैक्सीन मुफ़्त मिलनी चाहिए। बात ख़त्म। मत बनाओ भारत को बीजेपी सिस्टम का विक्टिम।’

राहुल गांधी का ट्वीट –
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
चर्चा बहुत हो चुकी।
देशवासियों को वैक्सीन मुफ़्त मिलनी चाहिए – बात ख़त्म।
मत बनाओ भारत को भाजपा system का victim!

मंत्री के बेतुके बोल : बालाजी को नारियल चढ़ाएं, सब ठीक हो जाएगा

मोदी सरकार में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपने बेतुके बयान को लेकर चर्चा में हैं। इससे पहले उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी इसी तरह का बयान देकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। दरअसल, जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह से कोरोना मरीज के तीमारदार मदद मांगने के लिए पहुंचे थे। केंद्रीय मंत्री सोमवार को जोधपुर के अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। एमडीएम अस्पताल में मरीज के परिवार की दो महिलाओं ने इस दौरान उनसे मदद मांगी। इस पर शेखावत ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा, डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं, आप बालाजी महाराज को नारियल चढ़ा देना, भगवान सब ठीक कर देंगे। यह कहकर मंत्री जी आगे खिसक गए। इस बयान से तो ऐसा लगता है कि सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है।

राजस्थान में भी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। जोधपुर में संक्रमितों की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है। अस्पतालों में लगातार बेड्स की संख्या बढ़ाने के बावजूद सभी पूरी क्षमता से भरे हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार को यहां पिछले एक दिन में 1,412 नए मरीज सामने आए हैं। तमाम व्यवस्थाओं के दावों के इतर मरीज हलकान हैं।

राजस्थान में कोरोना से बचने के लिए लगाई गईं तमाम पाबंदियों के बावजूद गत एक हफ्ते में करीब एक लाख नए मरीज सामने सामने आए हैं।  यहां 12 से 18 अप्रैल के बीच संक्रण्मा की औसत दर 14.80% थी, जो पिछले हफ्ते 19 से 25 अप्रैल के बीच बढ़कर 20.31% पर पहुंच गई।यानी संक्रमण में काबू पाने के बजाय तेजी से इजाफा दर्ज किया जा रहा है। राजय में पिछले 24 घंटे में अब तक के रिकॉर्ड 15,809 केस आए हैं, वहीं 74 लोगों की मौत हुई।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने माना कि महात्मा गांधी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायतें मिली हैं। ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं कि इंजेक्शन किसी और मरीज के नाम से जारी किया जा रहा है और दिया किसी और को जा रहा है। ऐसे में अफसरों को सख्त निगरानी रखने को कहा गया है। इस बात की तस्दीक होनी चाहिए कि जो भी इंजेक्शन जिस मरीज के नाम से आए उसी को ही लगे।
महाराष्ट्र में घटने लगे कोरोना मरीज, सभी को लगेगा मुफ्त टीका
देश में कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र से अच्छी खबर आ रही है। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने ऐलान किया है कि अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका मुफ़्त लगाया जाएगा। इसके अलावा मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
महाराष्ट्र  में राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 66,191 नए केस मिलना एक चिंता का सबब बना हुआ है। हालांकि इसी दौरान 61,450 संक्रमितों ने कोरोना को मात दी और 832 लोगों ने जान गंवाई। वहीं राज्य से बड़ी संख्या में कामगार भी लौट गए हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले दस दिनों में करीब दस लाख लोग महाराष्ट्र से अपने गृह राज्यों में वापसी कर चुके हैं।

इस बीच, ऑक्सीजन की किल्लत भी मरीजों की सांसें अटका रही है। पिछले करीब एक हफ़्ते से इस समस्या का अभी तक पूरी तरह से निदान नहीं किया जा सका है। हालांकि तमाम कोशिशें और देशों की मदद से अब इस ओर तेजी से काम हो रहा है। उम्मीद है कि अगले एक दो दिन में ऑक्सीन आपूर्ति की समस्या से निजात मिल जाएगी। सोमवार को मुंबई से सटे ठाणे के वेदांत अस्पताल में 3 मरीजों की मौत हो गई है। इसकी वजह ऑक्सीजन  न मिलने की वजह बताया जा रहा है। इस बीच, पुलिस और ठाणे नगर निगम के बड़े अधिकारी अस्पताल पहुंच गए और अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई।

अकेले महाराष्ट्र में करीब सात लाख कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। दुनिया भर के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो राज्य चौथा ऐसा स्थान बन गया है जहां सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज हैं। महाराष्ट्र से ज्यादा सक्रिय मरीज सिर्फ अमेरिका, ब्राजी और फ्रांस में ही हैं। भारत में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 28 लाख को पार हो चुकी है, जो दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

बंबई नगर निगम के मुताबिक, मुंबई के कुल संक्रमित मरीजों में से 87 फीसदी मरीज बिना लक्षण वाले हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं है। मुंबई में 18 अप्रैल को कोरोना के बढ़ने की दर 1.53% थी, जो अब घटकर 1.17% पर आ गई है। निगम की ओर से बताया गया कि  सभी 24 वॉर्डों में कोरोना वृद्धि दर दो फीसदी से कम है। आठ वार्डों में यह दर एक फीसदी से भी कम है।

कोरोना काल में मखाने की मांग बढ़ी

कोरोना काल में अगर व्यापार और मांग बढ़ी है तो, मखाना की । तहलका संवाददाता को व्यापारियों और डाँक्टरों ने बताया कि मखाना एक प्रकार का सूखा मेवा है। जिसमें एंटी आँक्सीडेंट की मात्रा अधिक पायी जाती है। इसलिये मखाने को सुपर फूड कहा जाता है। दिल्ली के खारी वाबली के मखाना व्यापारी नंदकिशोर गर्ग का कहना है कि जब से कोरोना का कहर बरपा है। तब से लोगों ने डाँक्टरों की सलाह पर मखाने का सेवन अधिक कर दिया है। लोगों को इसका लाभ हेल्थ की दृष्टि से भी मिल रहा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि मखाने में तामाम ऐसे गुण पाये जाते है, जो अन्य मेवा में नहीं पाये जाते है। इसलिये डाँक्टर्स कोरोना के अलावा कोई भी रोगी हो उसको मखाना खाने के लिये ही कहते है।

डाँ बंसल का कहना है कि मखाना का सेवन करने से कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जलदी सुधरता है। मखाने की खेती को प्रोत्साहित करने वाले डाँ गजेन्द्र चंद्राकर का कहना है कि कोरोना काल हो या ना हो, मखाना की मांग बढ़ रही है। लेकिन इन दिनों मखाने की मांग पूरी दुनिया में बढ़ी है। डाँ चन्द्राकर का कहना है, कि किसानों को वो समय- समय पर सेमिनार कर मखाने की खेती के बारे में जानकारी देते है। ताकि किसानों की आय में सुधार हो सकें। उन्होंने बताया कि मखाने को काला हीरा भी कहा जाता है। इसका प्रयोग औषधीय उपयोग में किया जाता है। भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री विजय प्रकाश जैन का कहना है कि कोरोना काल में मखाने की मांग बढ़ने का कारण ये है, कि लोगों ने माना है कि कुपोषित बच्चें और महिलायें डाँक्टरों की सलाह पर मखाना का सेवन कर रहे है। जिससे मखाना की मांग बढ़ी है।

 

जी टी बी अस्पताल में डाँक्टरों के अभद्र व्यवहार से मरीज परेशान, स्वास्थ्य मंत्री से की शिकायत

एक ओर तो दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों को बेहत्तर स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पा रही है। कोरोना के मरीजों को आँक्सीजन किल्लत के साथ दवाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है। वहीं यमुनापार के एम्स समझें जाने वाले जी टी बी अस्पताल में कुछ डाक्टरों द्वारा मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने की शिकायत, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन से की है। शिकायत कर्ता प्रदीप कुमार मूल रूप से गणेश नगर दिल्ली का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि वे अपनी माँ का इलाज कराने पहुंचे तो वहां के डाक्टरों ने उनकी माँ, मालती और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि सीनियर डाँक्टर के पद पर है। बहस होने पर डाँक्टर ने धमकी दी है। कि उनकी सरकार में पकड़ है। उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

इसी तरह अन्य मरीजों ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार भले ही तामाम दावें करें कि अस्पताल में मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जायेगी। लेकिन अस्पताल के ही डाँक्टर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार कर मरीजों के मनोबल तोड़ रहे है। कोरोना काल में आज मरीजों को अपनी जान बचाने के लिये जान लगानी पड़ रही है। तब जाकरल मरीजों का आधा-अधूरा इलाज संभव हो पा रहा है। स्वास्थ्य जागरूकता कमेटी के विशाल कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फैल है। ऐसे में मरीजों को परेशान कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। सरकार और निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज कराना किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है।

गंभीर स्थिति के बीच दिल्ली में लॉक डाउन एक और हफ्ते के लिए बढ़ा

आक्सीजन की बड़ी कमी और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ के बीच राजधानी दिल्ली में लॉक डाउन एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है। कोविड-19 के खराब हालात और खतरे को देखते हुए लॉकडाउन एक हफ्ते बढ़ाने का ऐलान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने किया है।
सीएम केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में अब 3 मई को सुबह 5 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लागू रहेगा। सीएम ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की जबरदस्त कमी है और दिल्ली सरकार केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने ऑक्सीजन की कमी पर कहा कि हमें 490 टन अलॉट किया गया है, लेकिन सप्लाई पूरी नहीं मिल रही है और दिल्ली को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है।

देश में रेकॉर्ड 3,49,691 मामले
इस बीच सरकार के मुताबिक भारत में पिछले 24 घंटे में एक दिन में कोविड-19 के रेकॉर्ड 3,49,691 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए  हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजे आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है।
देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
मोदी सरकार के पहली मई से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए भी कोविड-19 वैक्सीन की मंजूरी के बाद कंपनियों ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया की तरफ से कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत की घोषणा के बाद अब भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन कोवैक्सीन की कीमत बढ़ा दी है। नए फैसले के बाद अब राज्य सरकारों को प्रति खुराक 600 रुपये में उपलब्ध होगी, जबकि हैदराबाद की इस कंपनी की यह वैक्सीन निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये की होगी।

दिल्ली सरकार से व्यापारी संघ की अपील, अब ना बढ़ाये मिनी लाँकडाउन

दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार जारी है। दिल्ली सरकार ने मिनी लाँकडाउन 26 अप्रैल तक घोषित किया हुआ है। ऐसे में लोगों में आगे लाँकडाउन बढ़ाये जाने याना बढ़ाये जाने को लेकर असमंजस है। वहीं दिल्ली के मध्यम और छोटे व्यापारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से अपील की है। कि आगे अब लाँकडाउन ना लगाये। क्योंकि लाँकडाउन लगने से उनका व्यापार पूरी तरह से मंदी और बंदी की चपेट में आ जायेगा। छोटे व्यापारियों एसोसिएशन संघ के महासचिव रघुनाथ दास ने बताया कि गर्मी का सीजन है। वे कूलर और पंखे का काम करते है। पिछली साल भी इन्हीं दिनों संपूर्ण लाँकडाउन के चलते उनका पूरा व्यापार चौपट हो गया था। अब फिर वहीं दिन, वहीं कोरोना उनके व्यापार
को चौपट कर रहा है। कपड़ा व्यवसायी रमन गुप्ता ने बताया कि शादी के सीजन से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले ने सब तहस- नहस कर दिया है। ऐसे में अगर दिल्ली में मिनी लाँकडाउन ही जारी रहा तो व्यापारियों के सामने रोजी –रोटी का सकंट आ जायेगा।
बताते चलें इन दिनों दिल्ली में कोरोना की लहर और कहर दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है। जिससे लोगों में कोरोना को लेकर लोगों में डर भी और शंका भी अगर ऐसे ही आगे बढ़ता रहा तो आने वाले दिन संकटों और संघर्ष से खाली नहीं होगे।