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क्या फिलिस्तीन में अमन हो जाएगा ?

खालिद सलीम
12 अक्टूबर 2025

7 अक्टूबर 2024 को हमास ने इजरायल के अंदर घुसकर एक ऐसा भीषण हमला किया था जिसकी हिस्ट्री में कोई मिसाल नहीं मिलती है जिसमें इजरायल के बहुत सारे बेकसूर लोग मारे गए थे और उनमें से ही बहुत सारे लोगों को हमास ने अगवा करके गजा में ले आए थे उसके बाद इजरायल की तरफ से लगातार 2 साल तक गजा को जहन्नम बनाया गया जिसमें तकरीबन एक लाख के करीब गजा के वह मासूम शायरी हिलॉक हुए जिनका कोई कसूर नहीं था एक तरह से इजरायल ने हमास के हमले की सजा गजा के मासूम शहरियों को दी दोनों तरफ से यह सिलसिला जारी रहा अगर ।

हमास को खत्म करने और उसे सजा देने के इजरायल के हमलो को देखें तो बेशक गजा में बहुत सारे लोग मारे गए हैं लेकिन इसराइल का नुकसान भी कुछ कम नहीं हुआ है अब इन 2 सालों के बाद अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप की 20 निकाति फार्मूले कि बिना पर यह 2 साल की खतरनाक जंग खत्म होने की कगार पर है अब देखना यह है की अमेरिकी प्रेजिडेंट के इन 20 निकाति प्रोग्राम से फलस्तीन में अमन कायम होता है या नहीं ,बताया जाता है कि हमास ने भी अमेरिकी प्रेजिडेंट के इस फार्मूले पर अमल करने की हामी भरली है और दिलचस्प बात यह है कि इजरायल हमास के जिन टॉप लीडरों को खत्म करने के दर पर था अब उन्हीं के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत करने पर मजबूर हो गया है, इजरायली प्राइम मिनिस्टर नितिन याहू के लिए भी हालात ठीक नहीं है इजराइल के अंदर उनकी बहुत सारी मुखालफत है और उन लोगों के परिजन जिनको हमास ने किडनैप किया था वह लगातार नितिन याहू की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर हैं एक बहुत ही और आहम बात यह भी है कि हममास जो के एक हतयार बद संगठन है और जिसका कहना यह है कि इजरायल के साथ अमन इसी वक्त कायम हो सकता है जब उसके साथ मुसल्ला हथियारों के साथ मुकाबला किया जाए ,इसी के साथ हमास ने कभी भी इसराइल को तस्लीम नहीं किया अब यह जो 20 निकाती फार्मूला सामने आया है इसमें इस बात को साफ नहीं किया गया है कि आया हमास इसराइल को तस्लीम करेगा या नहीं हमास ने एक बात यह कही है कि हम गजा में बाहर के मुल्कों की किसी भी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे गाजा फलस्तानियों का हैऔरफलस्तीननी ही गाजा पर हुकूमत करेंगे जबकि इस फार्मूले के तहत बरतानिया के फॉर्मर चीफ मिनिस्टर टोनी बिलियर् की निगरानी में एक टीम गाजा का शासन सभालेगी, हमास इसका सख्त मुखालिफ है इस पूरे समीकरण में एक और बात में साफ तौर से कहना चाहता हूं की सऊदी अरब, वह अरब कंट्रीज में किसी भी हथियारबंद संगठन के सखत खिलाफ है सऊदी अरब यह नहीं चाहता की फलस्तीन हो लेबनान हो या अरब का कोई और भी इलाका हो उसमें कोई भी हथियारबंद संगठन मौजूद रहे यह जो 2 साल तक गाजा पर इजरायली बमबारी हुई है और हममास को खत्म करने की योजना बनाई गई थी इसमें सऊदी अरब यू ए इ इन सब का हाथ था और यहां के हुकुमारान चाहते हैं कि हममास को बिल्कुल खत्म कर दिया जाए इन दो सालों में इजरायल ने लेबनान में हिस्बुल्ला के हसन नसरुल्लाह को खत्म किया और दूसरे बड़े-बड़े हमास के लीडरों को कत्ल किया उस सब के पीछे एक तरह से अरब बादशाहो की भी मनशा थी ,अब यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि डोनाल्ड ट्रंप के बीस निकाती फार्मूले पर हममास कितना अमल करता है यह बात तो हम सभी जानते हैं कि हमास के पास जो पहले वाली ताकत थी वह मौजूद नहीं है लेकिन दिलचस्प बात यह भी है कि हममस अभी भी अपनी ताकत का मजाहरा करता रहता है और उसके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है इसी के साथ-साथ हम यह भी देखते हैं की एशिया अफ्रीका और ऐसे ही दूसरे मुल्कों के मुकाबले में यूरोप के लोग गाजा के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुई है ।

पिछले डेढ़ साल से यूरोप के आवाम यूरोप की सड़कों पर गाजा के लिए प्रोटेस्ट कर रही है उसी को देखते हुए फ्रांस स्पेन और दूसरे यूरोपककी कंट्रीज में पफलसतीन को मान्यता देने की हामी भरली है और तो और इंग्लैंड के प्राइम मिनिस्टर ने भी फलस्तीन को तस्लीम करने का प्रस्ताव पास कर दिया है,बहुत से लोग यह कहते हैं की अगर 7 अक्टूबर 2024 को
हममास इसराइल पर हमला ना करता तो आज फलस्तीन को दुनिया भर से जो हिमायत मिल रही है वह नहीं मिल सकती थी इन लोगों का यह भी कहना है कि अब इसराइल और फलस्तीन दो अलग-अलग स्टेट बनने की तरफ खमजन है और सऊदी अरब के शहजादे बिन सलमान के एक फार्मूले के तहत जिसकोइब्राहिमि फार्मूला कहा गया है अगर उस पर अमल किया जाता है तो अब यह बात बहुत दूर नहीं है कि इजराइल फिलिस्तीन की स्टेट को तस्लीम करने पर मजबूर हो जाएगा इसके अलावा इसराइल या हममास के पास कोई भी ऑप्शन नहीं है अब बहुत ज्यादा हो चुका है इन दो सालों में दोनों तरफ से लाखों मासूम लोग मारे जा चुके हैं दुनिया के अमन पसंद लोग इस खून खराबी से बहुत ज्यादा परेशान है अमन सकूं और शांति इस इलाके में काइम हो दुनिया के लोगों की यही राय है अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप भी कई मुल्कों के बीच जंग को रुकवा चुके हैं उसमें तफसील में जाने की जरूरत नहीं है अब उन्होंने बहुत ज्यादा मजबूरी में इसराइल के प्राइम मिनिस्टर नितिन याहू को इस जंग को रोकने के लिए तैयार किया और उधर हममास के साथ बातचीत करने पर मजबूर किया जिसकी वजह से उम्मीद बंधी है कि यह इलाका भी जंग से पाक हो जाए इसराइल के और फलस्तीन के लोग आपस में अमन और सुकून से रहें यही अमन पसंद लोगों की इच्छा है और ख्वाहिश है हम भी चाहते हैं की इस इलाके में हमास औरदूसरै हथियार बंद संगठन हथियारों को छोड़कर अमन के रास्ते पर आए इसराइल को तस्लीम करें और फलस्तीन के मासूम लोगों की तरफ देख जिनके अपने इस दुनिया से चले गए हैं और मासूम बच्चे जो अभी भी भूख से निढाल है उनको दाव की जरूरत है खुराक की जरूरत है, तो हमास ने अगर अभी भी अपनी जिद नहीं छोड़ी और इसराइल के साथ अमन को कबूल नहीं किया तो तबाही फिर गाजा और फलस्तीन का मुकद्दर बन जाएगी ।

भारत का नया इश्क़: प्यार जो तोड़ रहा है जात-पात की दीवारें

love marriages

बृज खंडेलवाल
12 अक्टूबर 2025

किसी छोटे शहर की गली में जब एक लड़की किसी दूसरी जाति के लड़के का हाथ थाम लेती है, उसके साथ कॉफ़ी पीने चली जाती है — तो समझ लीजिए, यह सिर्फ़ मोहब्बत नहीं, बग़ावत है। यह वो इश्क़ है जो ऊंच नीच की दीवारों, जात-पात की सरहदों, और सदियों पुरानी सोच के ताले तोड़ रहा है। यह नया भारत है — जहाँ प्यार अब पाप नहीं, परिवर्तन की पुकार बन गया है।

आज भारत एक चौराहे पर खड़ा है — क्या हम पुरानी कट्टरताओं की जंजीरों में कै़द रहेंगे, या एक आज़ाद, उदार और एकजुट समाज की ओर बढ़ेंगे? इस सवाल का जवाब संसद की बहसों या चुनावी घोषणाओं में नहीं, बल्कि उन दो दिलों में छिपा है जो जाति-धर्म की दीवारें लांघकर एक-दूसरे से मोहब्बत करने की हिम्मत करते हैं।
भारत का सामाजिक ढाँचा जाति, उपजाति और मज़हबी पहचान के धागों से इतनी मज़बूती से बुना है कि यह वाराणसी के प्राचीन घाटों जितना पुराना और दिल्ली की चमक जितना नया लगता है। लेकिन यही बुनावट कई बार दमघोंटू भी बन जाती है। उन हज़ारों जोड़ों से पूछिए जो अपनी शादी की रात ख़ुशियाँ मनाने की बजाय छिपते फिरते हैं — सिर्फ़ इसलिए कि उनका प्यार समाज की परंपराओं के ख़िलाफ़ है। उनके घर वाले भूल जाते हैं कि इंसान की पहचान उसके जन्म से नहीं, उसके कर्म और इंसानियत से होती है।
दार्शनिक जे. कृष्णमूर्ति ने कहा था — “पहचान से मुक्ति में ही प्रेम जन्म लेता है।” मगर सियासत इन पहचान की दीवारों पर ही टिकी है। कभी इन्हें जोड़ने की कोशिश होती है, तो कभी वोटों के लिए इनका शातिराना इस्तेमाल। नतीजा वही — एक समुदाय को लाभ, दूसरा उपेक्षित। यह सिलसिला चलता रहता है। और तब प्रेम ही एकमात्र रास्ता बनता है — जो हर दीवार को ढहाने की ताक़त रखता है।
पब्लिक कॉमेंटेटर प्रोफेसर पारस नाथ चौधरी कहते हैं, “भारत में अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह महज़ व्यक्तिगत फ़ैसले नहीं हैं, यह सामाजिक इन्क़लाब की शुरुआत है। हर ऐसा विवाह भेदभाव की दीवार से एक ईंट उखाड़ देता है। जब बिहार की लीला और केरल का अर्जुन बैंगलोर की किसी कैंटीन में मिलते हैं, तो सिर्फ़ दो दिल नहीं, दो संस्कृतियाँ भी मिलती हैं — भाषा, खानपान, कहानियाँ और सपने। उनके बच्चे सिर्फ़ दो ख़ूनों का संगम नहीं, बल्कि एक सच्चे बहुल भारत की तस्वीर होते हैं।”

यह ख़ामोश इश्क़ अब शहरों और सोच दोनों को बदल रहा है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, भारत में अंतरजातीय विवाह अब कुल शादियों का लगभग 5% हो गए हैं — जो एक दशक पहले के 3% से कहीं ज़्यादा हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसी सरकारें भी अब ऐसे विवाहों को प्रोत्साहित कर रही हैं। मगर असली ज़रूरत सिर्फ़ आर्थिक मदद की नहीं, बल्कि मज़बूत क़ानूनी सुरक्षा और सामाजिक स्वीकार्यता की है।
शहर इस बदलाव की प्रयोगशाला बन गए हैं। कॉलेज, दफ़्तर, और tech पार्क अब नए मिलन-स्थल हैं — गाँव के चौक की शकभरी नज़रों से दूर। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में आज हर दस में से एक जोड़ा जाति या धर्म की सीमाएँ तोड़ चुका है। इसकी सबसे बड़ी वजह है — महिलाओं की बढ़ती आज़ादी। अब वे पढ़ रही हैं, कमाई कर रही हैं, और अपने फैसले ख़ुद ले रही हैं। जब औरत अपने जीवन की मालिक बनती है, तो समाज की पुरानी सीमाएँ अपने आप ढह जाती हैं।
इस बदलाव की रीढ़ है 1954 का विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) — भारत का गुमनाम हीरो। इसने धर्मनिरपेक्ष विवाह को संभव बनाया, जहाँ प्यार को धर्म बदलने की शर्त नहीं लगती। जैसा कि अमर्त्य सेन ने कहा था — “कोई समाज उतना ही समृद्ध होता है, जितनी उसमें असहमति और बहुलता की गुंजाइश होती है।”
सोशल एक्टिविस्ट मुक्ता गुप्ता कहती हैं, “लेकिन तमाम तरक़्क़ी के बावजूद, समाज का एक हिस्सा अब भी पुरातन सोच में जकड़ा है। एनसीआरबी के आँकड़े बताते हैं कि हर साल तीन सौ से ज़्यादा लोग ‘ऑनर किलिंग’ का शिकार बनते हैं — यानी परिवार अपनी “इज़्ज़त” के नाम पर अपने ही बच्चों की जान ले लेते हैं। यह उस मानसिकता की निशानी है जो अब भी इंसान को इंसान नहीं, जाति और मज़हब से पहचानती है।”

मगर प्यार की ताक़त कहीं ज़्यादा गहरी है। ऐसे रिश्तों से जन्मे घर नए संस्कार गढ़ते हैं। रीति-रिवाज़ एक-दूसरे में घुल-मिल जाते हैं। दिवाली और क्रिसमस, ईद और होली — सब एक ही छत के नीचे मनाई जाती हैं। बच्चे कई भाषाएँ बोलते हैं, कई संस्कृतियाँ समझते हैं, और दुनिया को ज़्यादा खुली निगाह से देखते हैं। समाजशास्त्रियों का कहना है कि ऐसे बच्चे ज़्यादा सहनशील, समझदार और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होते हैं। विज्ञान भी कहता है कि मिश्रित जीन पूल से आने वाली पीढ़ियाँ ज़्यादा स्वस्थ होती हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता पद्मिनी अय्यर के मुताबिक, “ये परिवार समाज के लिए जीवित उदाहरण हैं — कि मोहब्बत किसी संविधान से नहीं, इंसानियत से चलती है। अगर हम सच में बराबरी और न्याय वाला भारत चाहते हैं, तो नारे और भाषण नहीं, इस बदलाव को खुले दिल से अपनाना होगा। जैसा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था — “रोटी और बेटी के बंधनों से जाति तोड़ो।” यही है असली इंक़लाब — चुपचाप, बिना नारे, बिना झंडे — मगर सबसे असरदार।

25 गीगावाट सौर क्षमता के साथ भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक: प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, लगभग 125 गीगावाट सौर क्षमता के साथ भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन सभा का आठवां सत्र 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा। यह आयोजन विश्व को एक सूरज, एक विजन और सौर ऊर्जा के प्रति एक साझा प्रतिबद्धता के तहत एक साथ लाएगा।

उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि भारत ने निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही अपने रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया और गैर-जीवाश्म संसाधनों से प्राप्त कुल स्थापित बिजली क्षमता में 50 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर लिया।

भारत के सौर ऊर्जा उत्पादक देश के रूप में प्रगति दर्शाती है कि राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा स्थानीय स्तर पर सार्थक बदलाव में परिवर्तित हो सकती है।

उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी सफलता की कहानी केवल संख्याओं से अधिक है; यह लोगों के बारे में है। हमने देखा कि विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा जीवन में बदलाव लाती है, ग्रामीण घरों में रोशनी लाती है, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को शक्ति प्रदान करती है और हमारे किसानों को नए उपकरण प्रदान करती है।”

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर – मुफ्त बिजली योजना के साथ, 20 लाख से अधिक परिवार सौर ऊर्जा से लाभान्वित हो रहे हैं।

उन्होंने पीएम-कुसुम योजना को लेकर कहा कि इस योजना के तीन घटकों का लक्ष्य 10 गीगावाट के छोटे सोलर प्लांट की स्थापना करना, 1.4 मिलियन ऑफ-ग्रिड सोलर पंपों को सहायता प्रदान करना तथा 3.5 मिलियन ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सोलर एनर्जी से जोड़ना है। ये सभी प्रयास मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्वच्छ ऊर्जा अंतिम छोर तक पहुंचे।

भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संतोष कुमार सारंगी ने कहा, “आज हम सौर ऊर्जा में तीसरे सबसे बड़े, पवन ऊर्जा में चौथे सबसे बड़े और कुल मिलाकर, अब दुनिया में तीसरे सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिष्ठान हैं। इसके अतिरिक्त, सौर मॉड्यूल के निर्माण में हम चीन के बाद दूसरे सबसे बड़े देश हैं।”

आईएसए के महानिदेशक आशीष खन्ना ने कहा कि ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। तेल को 1,000 गीगावाट तक पहुंचने में 25 वर्ष लगे थे, रिन्यूएबल एनर्जी ने इसे केवल दो वर्षों में दोगुना कर दिया।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत दौरे पर

मुंबई:  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई स्थित राजभवन में अपने समकक्ष कीर स्टार्मर का स्वागत किया। इस दौरान, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रक्रिया के तहत एक बैठक की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “प्राइम मिनिस्टर स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस साल जुलाई में मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान हमने ऐतिहासिक ‘कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक और ट्रेड एग्रीमेंट’ पर सहमति बनाई।

समझौते के कुछ ही महीनों में आपका (स्टार्मर) यह भारत दौरा और आपके साथ आया अब तक का सबसे बड़ा बिजनेस डेलिगेशन, भारत-ब्रिटेन साझेदारी में आई नई ऊर्जा और व्यापक दृष्टि का प्रतीक है।” उन्होंने कहा, “मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती हुई साझेदारी ग्लोबल स्टेबिलिटी और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार बन रही है।” ब्रिटिश PM कीर स्टार्मर ने मुंबई में ऐलान किया कि ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलेंगी। इसके अलावा, दोनों देशों ने क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) पर सहयोग के लिए एक ‘इंडस्ट्री गिल्ड और सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी’ स्थापित करने की घोषणा की। इसका एक सैटेलाइट कैंपस झारखंड के धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स में होगा।

यूके के ट्रेड मिनिस्टर से मिले पीयूष गोयल, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के रोडमैप पर चर्चा की

मुंबई: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को यहां ब्रिटेन के व्यापार मंत्री पीटर काइल से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ना और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है।

काइल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की दो दिवसीय आधिकारिक भारत यात्रा पर आए व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भारत आए हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, “यह बैठक भारत-ब्रिटेन सीईटीए को क्रियान्वित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें दोनों मंत्री इसके कार्यान्वयन और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) को पुनर्गठित करने पर सहमत हुए।”

एक्स पर एक पोस्ट में गोयल ने कहा कि काइल से मिलकर उन्हें खुशी हुई और उन्होंने भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मंत्री ने कहा, “हमारी चर्चा हमारे ऐतिहासिक व्यापार समझौते के कार्यान्वयन में तेजी लाने और भारत-ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) के माध्यम से इसके लाभों को प्राप्त करने पर केंद्रित थी। हम महत्वाकांक्षा को उपलब्धि में बदलने, विकास को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और दोनों पक्षों के बीच संबंधों को गहरा करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं।”

गोयल ने भारत-ब्रिटेन साझेदारी की आधारशिला, उन्नत विनिर्माण पर एक प्रभावशाली सत्र की सह-अध्यक्षता भी की। गोयल ने कहा, “एआई से लेकर एयरोस्पेस तक, ऑटोमोटिव से लेकर सेमीकंडक्टर तक, हम भारत-यूके एफटीए को अमल में ला रहे हैं।” उन्होंने भारत की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एली लिली द्वारा किए गए 1 अरब डॉलर के निवेश का भी स्वागत किया।

पीएम मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी का आभार जताते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि आपके खूबसूरत शब्दों के लिए धन्यवाद।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सामाजिक न्याय के प्रतीक और जनसेवा के प्रति समर्पित बिहार के लोकप्रिय नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को उनकी पुण्यतिथि पर मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उन्होंने हमेशा समाज के वंचित और शोषित समुदायों के कल्याण के लिए कार्य किया। राजनीति के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के लिए उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

पीएम के पोस्ट पर आभार जताते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक्स पोस्ट में लिखा कि अपने खूबसूरत शब्दों में पापा को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पीएम मोदी आपका हार्दिक आभार।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि आज मेरे नेता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पार्टी के हर कार्यकर्ता के लिए संकल्प दिवस के रूप में है। बिहार और बिहारियों को फर्स्ट बनाने की सोच के साथ लोजपा (रामविलास) का हर कार्यकर्ता चुनावी रण में उतरेगा। लक्ष्य बिहार को एक विकसित राज्य बनाना है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्स पोस्ट में लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री, पद्म भूषण रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शोषितों, वंचितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक न्याय और जनतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनके विचार और कार्य अविस्मरणीय हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक्स पोस्ट में लिखा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन। सामाजिक न्याय के प्रखर योद्धा, वंचितों, पिछड़ों और दलितों की आवाज़ उठाने वाले रामविलास पासवान ने सदैव गरीबों और शोषितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। उनका लंबा सार्वजनिक जीवन सेवा, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक रहा। भारतीय राजनीति में उनकी छवि एक संवेदनशील और जनप्रिय नेता के रूप में सदैव याद की जाएगी।

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका, विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो 60 करोड़ जमा कराने होंगे

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को झटका देते हुए कहा है कि यदि वे विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले 60 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे।

दरअसल, दंपति ने अदालत से अमेरिका के लॉस एंजिलिस सहित कुछ अन्य देशों में यात्रा की अनुमति मांगी थी। अदालत ने कहा कि उनके जाने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन पहले उन्हें कारोबारी दीपक कोठारी को बकाया राशि चुकानी होगी। कोठारी का आरोप है कि शिल्पा और राज कुंद्रा ने व्यापारिक निवेश के नाम पर उनसे 60 करोड़ रुपये लिए, परंतु यह रकम वापस नहीं की और निजी ख़र्चों में इस्तेमाल कर ली।

आर्थिक अपराध शाखा की पूछताछ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने शिल्पा शेट्टी के घर जाकर लगभग 5 घंटे तक पूछताछ की थी। टीम ने इस दौरान कई दस्तावेज़ों की जांच की। शिल्पा ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी को पूरा सहयोग दिया है और कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित सभी कागज़ात सौंप दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, राज कुंद्रा के विदेश जाने पर पहले से ही रोक है क्योंकि एजेंसियों ने उनके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है। अब कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद, दोनों के लिए विदेश यात्रा तभी संभव होगी जब वे अदालत में 60 करोड़ रुपये जमा करा दें। फिलहाल, इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है और आने वाले दिनों में राज कुंद्रा से भी दोबारा पूछताछ की जा सकती है।

जयपुर-अजमेर हाईवे पर 2 घंटे में फटे 200 सिलेंडर, केमिकल से भरा टैंकर LPG ट्रक में घुसा

जयपुर:  जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार देर रात सावरदा पुलिया के समीप गैस सिलेंडरों से भरे टैंकर और केमिकल से लदे ट्रक की टक्कर में भीषण हादसा हो गया। टक्कर के बाद सिलेंडरों से भरा टैंकर पलट गया और देखते ही देखते एक के बाद एक जोरदार धमाके होने लगे। दो घंटे तक 200 सिलेंडर फटते रहे। धमाकों की आवाज 10 किमी दूर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई। हादसे में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई वाहन आग की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है।

घटना की सूचना मिलते ही दूदू, बगरू और किशनगढ़ से दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। आग इतनी भीषण थी कि धुएं का गुबार दूर-दूर तक नजर आ रहा था। हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिसके चलते यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि दुर्घटना गैस सिलेंडर से भरे खड़े ट्रक और केमिकल टैंकर के बीच हुई भिड़ंत के कारण हुई है। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और राहत दल स्थिति पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को सतर्कता बरतने तथा घायलों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा को मौके पर रवाना किया है ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके। डॉ. बैरवा ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि हादसे की सूचना मिलते ही वे घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। पुलिस, प्रशासन और अग्निशमन विभाग की टीमें आग पर काबू पाने और राहत कार्य में जुटी हैं।

हादसे के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें सिलेंडरों के धमाके और उठते आग के गोले साफ दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि विस्फोटों के दौरान कई सिलेंडर आस-पास के खेतों में जा गिरे। इस बीच, ट्रक का चालक और खलासी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर हाईवे पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया है। देर रात तक दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे रहे और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

बारिश और भूस्खलन की चेतावनी के बाद, माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित

मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी किए जाने के बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 5 से 7 अक्टूबर तक मां वैष्णो देवी की यात्रा स्थगित कर दी है। इसके चलते रविवार को मां वैष्णो देवी भवन, यात्रा मार्ग, आद्कुंवारी मंदिर परिसर और दर्शनी ड्योढ़ी क्षेत्र पूरी तरह वीरान नजर आए।

हालांकि, देशभर से कटरा पहुंचे करीब तीन से चार हजार श्रद्धालु अभी भी कटरा में रुके हुए हैं और यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। शनिवार रात श्राइन बोर्ड ने पंजीकरण केंद्रों को सामान्य समय से दो घंटे पहले, यानी रात आठ बजे ही बंद कर दिया, जिससे देर रात यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

कई श्रद्धालु दर्शनी ड्योढ़ी तक पहुंचे और भवन की ओर जाने की अनुमति मांगते रहे, लेकिन सुरक्षा कारणों से श्राइन बोर्ड ने आगे जाने की इजाजत नहीं दी। अंततः उन्हें वापस कटरा लौटना पड़ा।

शनिवार देर शाम मौसम ने फिर करवट बदली थी। आसमान पर घने बादल छा गए और रविवार सुबह तक हल्की बारिश जारी रही। हालांकि उसके बाद मौसम साफ हो गया और दिनभर धूप खिली रही।

श्रद्धालु अब श्राइन बोर्ड से लगातार अपील कर रहे हैं कि चूंकि मौसम सुधर गया है, उन्हें भवन की ओर जाने की अनुमति दी जाए। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यात्रा बहाल करने का निर्णय मौसम की स्थिति और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।

देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जल्द दौड़ेगी, भारत का पहला प्लांट तैयार

हरियाणा के जींद से देश में स्वच्छ ऊर्जा के नए युग की शुरुआत होने जा रही है। भारत का पहला हाइड्रोजन फ्यूल प्लांट लगभग तैयार है और अगले 10-15 दिनों में इसका काम पूरी तरह पूरा हो जाएगा। पेट्रोलियम मंत्रालय सहित कुछ विभागों से अंतिम स्वीकृति (एनओसी) मिलना बाकी है, जो जल्द मिलने की उम्मीद है।

प्लांट की जांच के दौरान फायर फाइटिंग सिस्टम में मिली कमियों को दुरुस्त किया जा रहा है। फिलहाल प्लांट में हाइड्रोजन गैस का उत्पादन शुरू हो गया है और इसकी टेस्टिंग जारी है। यह प्लांट प्रतिदिन 430 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा, जिस पर करीब 70 करोड़ रुपये की लागत आई है।

इस पायलट परियोजना के तहत एक डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) रैक को हाइड्रोजन ईंधन में अपग्रेड किया जा रहा है। सबसे पहले जींद-गोहाना-सोनीपत रेल मार्ग (करीब 89 किमी) पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन दौड़ेगी। ट्रेन की गति 110 से 140 किमी प्रति घंटे तक होगी और इसमें एक बार में 2638 यात्री यात्रा कर सकेंगे। हाइड्रोजन की आपूर्ति इसी जींद प्लांट से की जाएगी। प्लांट में तीन हजार किलोग्राम भंडारण क्षमता वाला ईंधन स्टेशन, कंप्रेसर और तेज रिफ्यूलिंग के लिए प्री-कूलर इंटीग्रेशन वाले दो डिस्पेंसर लगाए गए हैं। यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित होगी, जो पारंपरिक डीजल ट्रेनों का पर्यावरण-अनुकूल विकल्प साबित होगी। ट्रेन का इंजन धुएं की बजाय पानी और भाप छोड़ेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन शून्य रहेगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी। भारत की यह पहली