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दुनिया के किसी भी नेता ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नहीं रुकवाया-प्रधानमंत्री मोदी

संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे फोन पर बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है और मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का ये ईरादा है, तो उनको बहुत महंगा पड़ेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। आगे मैंने कहा था कि हम गोली का जवाब गोले से देंगे। ये 9 तारीख की बात है और 9 तारीख रात और 10 तारीख सुबह हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस-नहस कर दिया था। यही हमारा जवाब था और यही हमारा जज्बा था।” पीएम मोदी ने कहा, “जब पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार हुआ, तो पाकिस्तान ने फोन करके डीजीएमओ के सामने फोन करके गुहार लगाई कि बस करो बहुत मारे गए, अब ज्यादा मार झेलने की ताकत नहीं है। प्लीज हमला रोक दो। भारत ने तो पहले दिन ही कह दिया था कि हमने हमारा लक्ष्य पूरा कर दिया है। अगर अब कुछ करोगे, तो महंगा पड़ेगा। भारत की स्पष्ट नीति थी, सेना के साथ मिलकर तय की गई नीति थी कि उनके आकाओं का ठिकाना हमारा लक्ष्य है।”

मोदी ने कहा, “आज पाकिस्तान भी भली-भांति जान गया है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है। उसे ये भी पता है कि अगर भविष्य में नौबत आई, तो भारत आगे कुछ भी कर सकता है। इसलिए मैं फिर से लोकतंत्र के इस मंदिर में दोहराना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने दुस्साहस की अगर कल्पना की, तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जिस तरह से लोगों ने मेरा साथ दिया, आशीर्वाद दिया, मुझ पर देशवासियों का कर्ज है। मैं देशवासियों का अभिनंदन करता हूं।  

मल्लिकार्जुन खरगे और जेपी नड्डा के बीच तूतू मैंमैं, फिर केंद्रीय मंत्री ने मांगी माफी

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा। इसे लेकर संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि वह (राज्यसभा नेता मल्लिकार्जुन खड़गे) बहुत वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की, मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। वह (प्रधानमंत्री मोदी) 11 साल से वहां हैं। वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। पार्टी को गर्व भी है और गौरव भी। पार्टी के साथ देश के लिए भी गौरव का विषय है। उन्होंने खड़गे पर तंज कसते हुए कहा कि आप अपनी पार्टी से इतने जुड़ गए हैं कि आपके लिए देश का विषय गौण हो जाता है। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा करते हुए नड्डा के बयान पर आपत्ति जताई। इसके बाद जेपी नड्डा ने कहा कि मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं। मानसिक संतुलन नहीं, भावावेश कर दीजिए। वे भावावेश में जो शब्द बोले हैं, वह उनकी पार्टी और उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाते हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपी नड्डा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस सदन में कुछ नेता हैं, जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूं। नड्डा उनमें से एक हैं। राजनाथ सिंह, वे ऐसे मंत्री हैं, जो अपना बैलेंस खोए बिना बोलते हैं। वह आज मुझे बोल रहे हैं। यह शर्म की बात है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए, मैं इसे ऐसे ही नहीं छोड़ने वाला हूं।

चीन में भारी बारिश ने तबाही मचाई , 30 लोगों की मौत

चीन की राजधानी बीजिंग में हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मंगलवार को सरकारी मीडिया ने बताया कि इस भीषण बारिश में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई है।बीजिंग के बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय के अनुसार,  28 मौतें मियुन के पहाड़ी इलाकों में हुईं, जबकि यानकिंग में 2 लोगों की मौत दर्ज की गई। बीजिंग नगर बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय ने बताया कि शहर भर में 80,332 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। मियुन जिले में सबसे अधिक 543.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो बीजिंग की औसत वार्षिक वर्षा के बराबर है। इस भारी बारिश ने 31 सड़क मार्गों को क्षतिग्रस्त कर दिया और 136 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।

हाल के दिनों में उपोष्णकटिबंधीय उच्च दाब से आने वाली गर्म और नम हवा के कारण मियुन और बीजिंग के अन्य इलाकों में बहुत तेज और तूफानी मौसम देखा गया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, सोमवार रात 8 बजे बीजिंग शहर के बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय ने पूरे शहर के लिए बाढ़ से निपटने की सबसे उच्च स्तर की आपातकालीन व्यवस्था शुरू की। अधिकारियों ने लोगों को तेज बहाव वाले नदी क्षेत्रों से दूर रहने की चेतावनी दी है। सुरक्षा कारणों से बीजिंग के पैलेस म्यूजियम और नेशनल म्यूजियम ऑफ चाइना को मंगलवार को बंद कर दिया गया। भारी बारिश और बाढ़ की आशंका के चलते सभी पहले से बुक किए गए टिकटों को रिफंड या पुनर्निर्धारित करने की घोषणा की गई।

चीन के राष्ट्रीय मौसम केंद्र ने मंगलवार को बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जो चार-स्तरीय चेतावनी प्रणाली में दूसरा सबसे गंभीर स्तर है। यह चेतावनी बीजिंग, हेबेई, तियानजिन, आंतरिक मंगोलिया, हेइलोंगजियांग, जिलिन, लियाओनिंग, शेडोंग, जिआंग्सु, शंघाई, झेजियांग, फुजियान, गुआंग्डोंग, गुआंग्शी और ताइवान द्वीप सहित कई क्षेत्रों के लिए है। कुछ क्षेत्रों में 24 घंटे में 300 मिमी तक बारिश होने की संभावना है। मौसम केंद्र ने स्थानीय प्रशासन को आपातकालीन उपाय करने और बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही मंगलवार और बुधवार को देश के कई हिस्सों में तूफान, तेज हवाएं और ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है। बता दें कि चीन में चार-स्तरीय मौसम चेतावनी प्रणाली है।

जम्मू और कश्मीर में ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया

मारे गए आतंकियों के पहलगाम में हुए वीभत्स नरसंहार में शामिल होने का संदेह

जम्मू और कश्मीर में आज एक बार फिर सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ छिड़ गई है। ताजा खबरों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के पास दाचीगाम के घने जंगलों में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों के पहलगाम में हुए वीभत्स नरसंहार में शामिल होने का संदेह है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को दाचीगाम के जंगली इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान शुरू किया। खुद को घिरा हुआ पाकर आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

बताया जा रहा है कि दोनों ओर से हुई जबरदस्त गोलीबारी में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की है। इन आतंकियों का संबंध 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस नरसंहार ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और तभी से सुरक्षाबल इस हमले में शामिल आतंकियों की सरगर्मी से तलाश कर रहे थे।

फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं। सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नजर बनाए हुए हैं। मारे गए आतंकियों की पहचान और उनके संगठन के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन खत्म होने के बाद ही इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।

गूगल और मेटा को पेशी के लिए ईडी ने फिर भेजा समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा को दोबारा 21 जुलाई को समन भेजा था। इन दोनों टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई (सोमवार) को ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले इन दोनों टेक कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।

ऐसे में ईडी ने दोनों कंपनियों को दोबारा समन भेज कर 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा। बता दें कि ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।

ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने का आरोप लगाया है, जिससे इनके यूजर्स बढ़े। 10 जुलाई को ईडी ने इस मामले में 29 मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल थें। इसके अलावा, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव के नाम भी जांच में हैं।

इन पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफॉर्म्स के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की। मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने सफाई दी कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।

मॉनसून सत्र में आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा 

मानसून सत्र के पहले सप्ताह में बार-बार व्यवधान के बाद, संसद में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर महत्वपूर्ण बहस होने वाली है। मॉनसून सत्र में यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर केंद्रित होगी।

लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। यह 16 घंटे की महत्वपूर्ण बहस होगी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल होंगे। वे पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के व्यापक प्रभावों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे सहित भाजपा के प्रमुख सांसद भी इस बहस में हिस्सा लेंगे।

विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य नेताओं के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। कांग्रेस पार्टी ने एक व्हिप जारी कर अपने सभी लोकसभा सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, क्योंकि विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर कार्यवाही बाधित की। इसके बाद, 25 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा शुरू करने के लिए सहमति जताई है, जो सोमवार को लोकसभा में और मंगलवार को राज्यसभा में होगी।

थाईलैंड और कंबोडिया  को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार रोकने दी चेतावनी

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि थाईलैंड और कंबोडिया ने युद्ध नहीं रोका तो व्यापारिक समझौता नहीं करेंगे। स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि वह इस वक्त चल रहे युद्ध का अंत चाहते हैं। साथ ही चेताया कि अगर दक्षिण-पूर्व एशियाई सरकारें अब भी लड़ रही हैं, तो वह उनके साथ व्यापारिक समझौता नहीं करेंगे।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका ने मध्यस्थता की इच्छा जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि युद्ध में लोगों की जा जा रहे ही। इसको तुरंत रोकना चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रंप ने कहा कि हम इन दोनों देशों (थाईलैंड और कंबोडिया) के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। युद्ध के हालात में हम समझौते पर आगे बढ़ने की स्थिति में नहीं हैं। ट्रंप ने कहा है कि कंबोडिया की तरह ही थाईलैंड भी युद्ध विराम चाहता है। फिलहाल दोनों देश जंग रोकने पर जारी हो गए हैं।

अमेरिका से थाईलैंड को काफी फायदा होता है। केवल जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच अमेरिका ने थाईलैंड से 31,213.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सामान आयात किया है। इसके मुकाबले इसी अवधि में अमेरिका का थाईलैंड को निर्यात केवल 8492 अमेरिकी डॉलर रहा। वहीं, साल 2024 में अमेरिका ने थाईलैंड से 63349.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का थाईलैंड से आयात किया था। इस दौरान 17,857 मिलियन डॉलर का निर्यात किया था। जहां तक थाईलैंड से मंगाए जाने वाले सामानों की बात है तो अमेरिका वहां से मशीनरी मंगाता है। इसमें औद्योगिक मशीनरी के साथ ही उपकरण और पुर्जे शामिल हैं। इसके अलावा थाईलैंड एक प्रमुख रबर उत्पादक देश है। वहां से अमेरिका रबर का भी आयात करता है। इसके अलावा कई तरह के औद्योगित और उपभोक्ता रसायनों को भी अमेरिका वहां से इम्पोर्ट करता है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों में भी थाईलैंड का नाम शामिल है, जहां से अमेरिका कच्चा तेल मंगाता है। इनके अलावा अमेरिका थाईलैंड से कपड़े, इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, गहने, खाद्य पदार्थ और अन्य सामान का भी आयात करता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला का ‘बिना धर्म बदले शादी अवैध’…

धर्मांतरण और लव जिहाद पर चल रही राष्ट्रव्यापी बहस के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे नई हलचल मच गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि दो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग बिना धर्म परिवर्तन किए शादी करते हैं, तो ऐसी शादी कानूनन अवैध (अमान्य) होगी।

यह फैसला विशेष रूप से उन आर्य समाज सोसायटियों और अन्य संस्थानों पर भी नकेल कसेगा, जो केवल शुल्क लेकर किसी को भी विवाह का प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं, भले ही शादी कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करके की गई हो।

यह मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के निचलौल थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां सोनू उर्फ सहनूर नामक व्यक्ति के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी। आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की। उसकी दलील थी कि उसने पीड़िता से एक आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली है और अब वह बालिग हो चुकी है, इसलिए उसके खिलाफ चल रही कार्यवाही रद्द की जाए।

वहीं, सरकारी वकील ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि लड़का और लड़की दोनों अलग-अलग धर्मों से हैं और चूंकि शादी से पहले किसी ने भी अपना धर्म नहीं बदला, इसलिए यह शादी कानून की नजर में अवैध है।

जस्टिस प्रशांत कुमार की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न केवल आरोपी की याचिका खारिज कर दी, बल्कि इस तरह से फर्जी विवाह प्रमाण पत्र जारी करने वाले आर्य समाज मंदिरों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।

ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को सरकार देने जा रही 15,000 रुपए

नई दिल्ली: श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को सरकार एक अगस्त से 15,000 रुपए की राशि पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) के तहत दी जाएगी।

पीएम-वीबीआरवाई को पहले एम्प्लॉयमेंट-लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) स्कीम के रूप में जाना जाता था। केंद्रीय कैबिनेट ने इसे 99,446 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने कहा, “ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को टारगेट करते हुए, इस योजना के तहत दो किस्तों में एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपए तक दिया जाएगा।” इस योजना के तहत पहली किस्त नौकरी शुरू होने के छह महीने के बाद देय होगी और दूसरी किस्त 12 महीने की सर्विस और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। इस योजना के तहत एक लाख रुपए तक के वेतन वाले लोगों को टारगेट किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों में बचत करने की आदत को बढ़ाना भी है।

मंत्रालय ने कहा,”प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए सेविंग इंस्ट्रूमेंट या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद में इसे निकाला जा सकेगा।” यह योजना नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजित करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है और इसका उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन के लिए लाभ प्रदान करना है। नियोक्ताओं के लिए, यह योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगी, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, “नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक नियोक्ताओं को 3,000 रुपए प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी।” मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाए जाएंगे।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने होंगे। मंत्रालय ने कहा कि पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भुगतान आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) का उपयोग करके डीबीटी (डारेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) मोड के माध्यम से किया जाएगा, जबकि नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि पीएम-वीबीआरवाई योजना का उद्देश्य दो वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश वीज़ा-फ्री समझौते पर भारत की पैनी नजर

नई दिल्ली:  पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच राजनयिक व आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश पर सहमति ने भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस फैसले के बाद नई दिल्ली अलर्ट मोड पर है और क्षेत्र में बदलते समीकरणों पर पैनी नजर बनाए हुए है। यह महत्वपूर्ण निर्णय ढाका में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और बांग्लादेश के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी के बीच हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया।

पाकिस्तानी गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, दोनों देश राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा की अनिवार्यता को समाप्त करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं। बयान में कहा गया, “राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। दोनों देशों ने इस मामले पर अपनी सहमति दे दी है।” हालांकि, इस वीज़ा-मुक्त व्यवस्था के लागू होने की कोई निश्चित तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।

रिपोर्टों के अनुसार, दोनों गृहमंत्रियों की बैठक में सिर्फ वीज़ा ही नहीं, बल्कि आतंकवाद विरोधी उपायों, आंतरिक सुरक्षा, पुलिस प्रशिक्षण, नशीली दवाओं पर नियंत्रण और मानव तस्करी से निपटने जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा, जिसका नेतृत्व पाकिस्तानी पक्ष से वहां के गृह सचिव खुर्रम अघा करेंगे।

इसके अतिरिक्त, दोनों देशों ने पुलिस अकादमियों के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रमों को शुरू करने पर भी रजामंदी जताई है। इसी कड़ी में, बांग्लादेश का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान की राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का दौरा करेगा। इस मौके पर बांग्लादेश के गृह मंत्री ने पाकिस्तानी गृह मंत्री का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया और उनके दौरे को भविष्य के सहयोग के लिए एक “अहम मील का पत्थर” बताया।

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती यह नजदीकी भारत के लिए चिंता का विषय है। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों को आशंका है कि इस वीज़ा-मुक्त सुविधा का दुरुपयोग पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों द्वारा अपनी आवाजाही को सुगम बनाने के लिए किया जा सकता है।

नई दिल्ली की यह चिंता इसलिए भी अधिक गंभीर है, क्योंकि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बनी नई अंतरिम सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान के साथ संबंधों में अप्रत्याशित रूप से तेज़ी आई है। शेख हसीना के शासनकाल में, बांग्लादेश ने पाकिस्तान से एक निश्चित दूरी बनाए रखी थी और पाकिस्तानी राजनयिकों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाती थी।

अब, वीज़ा नियमों में ढील और द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि को भारत क्षेत्रीय अस्थिरता के संभावित कारक के रूप में देख रहा है। अधिकारियों को डर है कि इससे उन समूहों को बढ़ावा मिल सकता है जो भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और जिन्हें पहले पाकिस्तान का समर्थन मिलता रहा है। इस नए घटनाक्रम से दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत होती दिख रही है, जिस पर भारत की सामरिक नज़र बनी हुई है।