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लखीमपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट माँगी

लखीमपुर खेरी हत्याकांड के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को एक दिन के भीतर मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। आज इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने कहा कि मामले पर शुक्रवार को ही सुनवाई की जाएगी। अदालत ने राज्य सरकार को घटना के दौरान जान गंवाने वाले किसान लवप्रीत सिंह की मां के उचित इलाज का भी निर्देश दिया है।

सर्वोच्च अदालत ने आज यूपी सरकार से कहा कि इस मामले में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए, जिसमें जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई है, उनके नाम और पीड़ित कौन हैं उनके नाम भी शामिल होने चाहिए। इसके अलावा अब तक क्या कदम उठाया गया है और जांच की स्थिति क्या है, यह सब कुछ रिपोर्ट में बताया जाए।

याद रहे पहले यह रिपोर्ट्स आई थीं कि सर्वोच्च अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है, हालांकि, आज की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि हमने रजिस्ट्री से कहा था कि वकीलों के पत्र को पीआईएल के तौर पर ट्रीट किया जाए। पत्र लिखने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में जोड़ने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि दो वकीलों शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने लखीमपुर मुद्दे पर पत्र लिखा था, वो भी अपना पक्ष रखें। आज यूपी सरकार कि ओर से वकील गरिमा प्रसाद पेश हुईं।

आज कोर्ट ने राज्य सरकार को जान गनवाने वाले किसान लवप्रीत सिंह की मां के उचित इलाज देने भी निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायधीश ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान दोनों वकीलों के पत्र पर लिया है। दोनों वकीलों के पेश होने पर हम आगे कि सुनवाई करेंगे, उन्हें तत्काल पेश होने का निर्दश दिया जाए। साथ ही कहा कि रजिस्ट्री ने इस मामले को स्वत: संज्ञान के तौर पर गलती से लगा दिया। मैंने वकीलों के पत्र को पीआईएल के तौर पर ट्रीट करने को कहा था।

वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लखीमपुर कि घटना को लेकर इसलिए पत्र लिखा क्योंकि प्रशासन के नजरअंदाज किए जाने कि वजह से किसान मारे गए। मानवाधिकार का सीधे तौर पर उल्लंघन हुआ है और यूपी सरकार ने इस मामले में जरूरी कदम नहीं उठाए। इसके बाद सीजेआई ने यूपी सरकार कि ओर से पेश हुई गरिमा प्रसाद को बोलने को कहा।

श्रीनगर में फिर आतंकियों का हमला, महिला प्रिंसिपल समेत 2 की हत्या

कश्मीर में तीन लोगों की हत्या की खबर की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि आतंकवादियों ने गुरुवार को राजधानी श्रीनगर में एक बार फिर बड़ी घटना की है। आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके में एक सरकारी स्कूल में घुसकर दो शिक्षकों की हत्या कर दी है, जिनमें एक महिला प्रिंसिपल शामिल है।

जानकारी के मुताबिक श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके में  आतंकियों ने अचानक हमला किया। इसमें दो शिक्षकों की मौत हो गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक ईदगाह इलाके में गोलीबारी की घटना की उन्हें सूचना मिली। यह घटना सुबह की है।   कुछ अज्ञात लोगों ने बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश किया और उसके प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों की पहचान विद्यालय की प्रिंसिपल सतिंदर कौर और टीचर दीपक के रूप में हुई है। अंधाधुंध गोलीबारी में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। कश्मीर में पिछले तीन दिन में यह दूसस्री बड़ी वारदात है जिसमें पांच लोगों की मौत हुई है।

याद रहे दो दिन पहले आंतकवादियों ने श्रीनगर में मेडिकल स्टोर के मालिक एक कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया था। श्रीनगर में बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू की गोली मारकर हत्‍या करने के अलावा उन्होंने एक स्ट्रीट वेंडर की भी हत्या कर दी थी।

प्रियंका-राहुल-चन्नी पीड़ित किसान परिवार से मिले, उन्हें सांत्वना दी

करीब 60 घंटे उत्तर प्रदेश की जेल में रहने के बाद आखिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज देर रात अपने भाई राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ लखीमपुर खेरी में हिंसा के शिकार हुए किसान के परिवारों से मिलीं। दोनों ने लवप्रीत के परिवार से मिलकर उनका दुःख साझा किया और उन्हें सांत्वना दी। इस बीच पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को मोहाली से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बड़ा जत्था लेकर लखीमपुर के लिए रवाना होंगे। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू का इस्तीफा रद्द कर सकती है।  राहुल गांधी को भी लखीमपुर जाने से पहले मुश्किलों का पड़ा क्योंकि योगी सरकार ने पहले तो उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी और फिर जब दी तो लखनऊ में उनपर शर्त लगा दी कि उन्हें सरकारी वहां में उसकी ही एस्कॉर्ट में जाना पडेगा जिससे राहुल ने मन कर दिया और इस शर्त पर कड़ा प्रतिवाद किया। बाद में सरकार को राहुल के आगे झुकना पड़ा और उनके ही वहां में जाने देने की इजाजत देनी पड़ी। प्रियंका और राहुल के मामले में एक  योगी सरकार को फ़ज़ीहत झेलनी पडी है।
राहुल गांधी ने परिवार से मिलने के बाद एक ट्वीट भी किया। उन्होंने ट्वीट में कहा – ‘शहीद लवप्रीत के परिवार से मिलकर दुख बांटा। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा। तुम्हारा बलिदान भूलेंगे नहीं, लवप्रीत।
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार देर रात पलिया तहसील पहुंचा और उसने रविवार को भड़की हिंसा में मारे गए चार किसानों में से एक किसान लवप्रीत सिंह के परिवार से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक दोनों कांग्रेस नेता किसान के चौखड़ा फार्म स्थित आवास पहुंचे, जहां उन्होंने शोक संतप्त परिवार से बात की और उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और महासचिव किसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला भी शामिल थे।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल हिंसा में जान गंवाने वाले स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मिलने निघासन और हिंसा का शिकार हुए एक अन्य किसान नछत्तर सिंह के परिजनों से मिलने लखीमपुर के धौरहरा भी जा सकता है।
इस बीच पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू गुरुवार को  किसानों और कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं का बड़ा जत्था लेकर लखीमपुर के लिए जा रहे हैं। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू का इस्तीफा रद्द कर सकती है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी करीब 1000 वाहनों का काफिला लेकर कल लखीमपुर आ रहे हैं और वे सिद्धू के हिंसा के विरोध में किये जाने वाले प्रदर्शन के साथ जुड़ेंगे।

राहुल गांधी का ट्वीट
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
शहीद लवप्रीत के परिवार से मिलकर दुख बाँटा लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा।
तुम्हारा बलिदान भूलेंगे नहीं, लवप्रीत।

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर घटना का स्वत: संज्ञान लिया, कल इस मामले पर अदालत में सुनवाई

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी में रविवार को हुई हिंसा, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हो गयी थी, का सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसपर गुरुवार को सुनावी करने का फैसला किया है। प्रधान न्ययाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हीमा कोहली की पीठ  इस मामले पर सुनवाई करेगी। बता दें यूपी पुलिस ने इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, हालांकि उसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दो अधिवक्ताओं ने चिट्ठी लिखकर सीजेआई एनवी रमना से अनुरोध किया है कि इसे जनहित याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की जाए ताकि घटना के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके। अनुरोध में गृह मंत्रालय और पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने और घटना में कथित रूप से शामिल लोगों को दंडित करने की मांग है।
बता दें आरोप है कि मंत्री के बेटे ने शान्ति से चल रहे चार किसानों को पीछे से अपनी थार गाड़ी से कुचलकर मार डाला। मंत्री और बेटा दावा करते रहे हैं कि आशीष  घटनास्थल पर नहीं था। इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों की भी मौत हुई।
अब लखीमपुर घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है और इस मामले की सुनवाई कल सीजेआई की अदालत में होगी। लखीमपुर हिंसा की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई को लेकर लगातार मांग उठ रही है। लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।
कांग्रेस नेता और जाने माने वकील कपिल सिब्बल ने भी आज लखीमपुर हिंसा मामले का हवाला देते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए।

राहुल, प्रियंका को यूपी सरकार की लखीमपुर जाने की इजाजत

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को पांच लोगों के साथ लखीमपुर खेरी जाने की इजाजत दे दी है। जानकारी के मुताबिक वे दो पीड़ित परिवारों से मिल सकेंगे। राहुल और प्रियंका के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी होंगे।

यूपी सरकार के फैसले से लगता है कि कांग्रेस इस मामले में दबाव बनाने में सफल रही है। बता दें प्रियंका गांधी पिछले 55 घंटे से पुलिस के हिरासत में हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र को कुचलकर तानाशाही चल रही है। लखीमपुर खेरी में किसानों के साथ हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए राहुल ने घोषणा की है कि वे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ आज लखीमपुर जा रहे हैं। उधर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल को राज्य में आने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। उधर किसानों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने पिछले 48 घंटे से जेल में बंद हुआ है।

राहुल ने सवाल किया कि कोई उन्हें नहीं बता रहा कि उन्हें  किसानों से मिलने जाने से  क्यों रोका जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन्होंने मर्डर किया वे भाग कर निकल रहे हैं और जो किसानों की पीड़ा साझा करना चाहते हैं उन्हें रोका और गिरफ्तार किया जा रहा है। राहुल ने इसके लिए प्रियंका गांधी का नाम लिया और कहा कि कांग्रेस महासचिव बहुत बहादुरी से वहां हैं।कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि भाजपा ने मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ तो कुछ नहीं किया है, दूसरे लोगों को जेल में बंद कर रही है। किसानों से मिलने जाने से भी सिर्फ हमें ही रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे आज लखीमपुर खेरी किसानों से मिलने जा रहे हैं और उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल भी होंगे।

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा – ‘भूमि अधिग्रहण किसानों पर पहला हमला था और कृषि कानून देश के किसानों पर दूसरा आक्रमण है। विरोध कर रहे किसानों का जीप के नीचे कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं बोला है। आरोपी मंत्री और उनके बेटे पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।”

लखीमपुर खेरी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किये जाने के बाद वहां जाने की  दूसरे बड़े नेता होंगे। राहुल गांधी ने आज पीएम मोदी पर हमला करते  हुए कहा – कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे, ‘लेकिन लखीमपुर खेरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खेरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे।’

बता दें कि उत्‍तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्‍हें नोएडा में भी रोकने की पूरी तैयारी हो गई है। देखना है कि राहुल गांधी का वहां जाने का अब वहां जाने का अब क्या कार्यक्रम बनता है।

कश्मीर में आतंकवादियों ने 3 लोगों की हत्या की, इनमें एक कश्मीरी पंडित दुकानदार भी

अफगानिस्तान में तालिबान के बाद कश्मीर को लेकर अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की तरफ से भले फिलहाल ब्यानबाजी बंद हो, वहां आतंकवाद की घटनाएँ  रुकती नहीं दिख रही हैं। आतंकवादियों ने जहाँ बहुत साल बाद किसी कश्मीरी पंडित की हत्या की वहीं दो और लोगों को भी जान से मार दिया। आतंकियों ने श्रीनगर में बिंदरू मेडिकेट स्टोर के मालिक माखन लाल बिंदरू की मंगलवार को गोली मारकर  हत्या कर दी। बिंदरू की हत्या की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक आतंकी संगठन ने ली है।

आतंकवादियों ने 3 नागरिकों की हत्या दो घंटे के भीतर कीं। इनमें से दो हत्याएं तो श्रीनगर में महज एक घंटे के भीतर हुईं। सरकार के इन दावों कि कश्मीर में आतंकवाद पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है, के बावजूद आतंकी काफी सक्रिय दिख रहे हैं। आतंकियों ने सबसे पहले श्रीनगर के इकबाल पार्क के पास मशहूर फार्मेसी स्टोर बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू को गोली मारकर घायल कर दिया। बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गयी।

बिंदरू काफी लम्बे समय से वहां दुकान चला रहे थे और उनकी काफी लोकप्रियता थी। आतंकवादियों ने उस वक्त गोलियां चलाईं, जब वह लोगों को दवाइयां दे रहे थे।  गंभीर रूप से घायल बिंदरू को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

आतंकियों ने इसके बाद श्रीनगर में ही पानीपुरी बेचने वाले एक स्ट्रीट वेंडर को गोलियों का निशाना बनाया। उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। मृतक की पहचान बिहार के भागलपुर निवासी वीरेंद्र पासवान के रूप में हुई है। आतंकवादियों ने गोलियां मारकर उसे बुरी तरह घायल कर दिया जिससे उनकी वहीं मौत हो गयी।

तीसरी हत्या आतंकियों ने बांदीपुरा में की। बांदीपोरा जिले में अज्ञात बंदूकधारी ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। मोहम्मद शफी लोन उर्फ सोनू को हाजिन में गोली मारी गई। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

हत्याओं की राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शोक जताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने बिंदरू की मौत को खौफनाक बताते हुए कहा कि वह एक सज्जन इंसान थे। अब्दुल्ला ने कहा कि इन वारदातों की निंदा करने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं। केंद्र सरकार के दावे के विपरीत हाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। 2 अक्टूबर को 6 घंटे के भीतर कश्मीर में तीन आतंकी वारदातें हुई थीं।

देश में लोकतंत्र को कुचलकर तानाशाही थोप दी है : राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र को कुचलकर तानाशाही चल रही है। लखीमपुर खेरी में किसानों के साथ हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए राहुल ने घोषणा की है कि वे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ आज लखीमपुर जा रहे हैं। उधर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल को राज्य में आने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। उधर किसानों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने पिछले 48 घंटे से जेल में बंद हुआ है।

राहुल ने सवाल किया कि कोई उन्हें नहीं बता रहा कि उन्हें  किसानों से मिलने जाने से  क्यों रोका जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन्होंने मर्डर किया वे भाग कर निकल रहे हैं और जो किसानों की पीड़ा साझा करना चाहते हैं उन्हें रोका और गिरफ्तार किया जा रहा है। राहुल ने इसके लिए प्रियंका गांधी का नाम लिया और कहा कि कांग्रेस महासचिव बहुत बहादुरी से वहां हैं।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि भाजपा ने मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ तो कुछ नहीं किया है, दूसरे लोगों को जेल में बंद कर रही है। किसानों से मिलने जाने से भी सिर्फ हमें ही रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे आज लखीमपुर खेरी किसानों से मिलने जा रहे हैं और उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल भी होंगे।

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा – ‘भूमि अधिग्रहण किसानों पर पहला हमला था और कृषि कानून देश के किसानों पर दूसरा आक्रमण है। विरोध कर रहे किसानों का जीप के नीचे कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं बोला है। आरोपी मंत्री और उनके बेटे पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।”

लखीमपुर खेरी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किये जाने के बाद वहां जाने की  दूसरे बड़े नेता होंगे। राहुल गांधी ने आज पीएम मोदी पर हमला करते  हुए कहा – कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे, ‘लेकिन लखीमपुर खेरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खेरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे।’

बता दें कि उत्‍तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्‍हें नोएडा में भी रोकने की पूरी तैयारी हो गई है। देखना है कि राहुल गांधी का वहां जाने का अब वहां जाने का अब क्या कार्यक्रम बनता है।

गिरफ्तारी के बाद अचानक यूपी की राजनीति के ‘केंद्र’ में पहुँची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

उत्तर प्रदेश में पहले ही ब्राह्मणों की नाराजगी झेल रही भाजपा लखीमपुर खेरी में अपने केंद्रीय मंत्री के बेटे के किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलकर मार देने से पैदा हुए देश भर के गुस्से को देखकर भी अपने ब्राह्मण राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को सरकार से हटाने और उनके आरोपी बेटे को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाकर देश भर में अपनी बड़ी फजीहत करवा रही है। भाजपा की योगी सरकार, जिसे कुछ महीने में ही विधानसभा के चुनाव झेलने हैं, की पुलिस ने आरोपी आशीष मिश्रा को नहीं बल्कि उन प्रियंका गांधी को जेल में डाल दिया है, जो पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने खेरी लखीमपुर जा रही थीं।

प्रियंका को लखीमपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलने के राजनीतिक लाभ को रोकने के लिए योगी की भाजपा सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर और जेल में डालकर अनजाने में ही उत्तर प्रदेश में उससे भी बड़ा राजनीतिक लाभ दे दिया है। अपनी दादी इंदिरा गांधी की ही तरह के हाव-भाव वाली उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पिछले दो दिन से लगातार टीवी चैनलों पर छाई हुई हैं और उन्हें एक बड़ा ‘राजनीतिक स्पेस’ मिल गया है। उत्तर प्रदेश में खुद को भाजपा का विकल्प बताने वाले सपा के अखिलेश यादव और भाजपा से नजदीकियों के आरोप झेल रहीं मायावती कहीं नहीं दिख रहे हैं।

इन दो दिनों में ही प्रियंका गांधी ने अपनी हिरासत और बाद में गिरफ्तारी को जिस तरह जनता के सामने पेश किया है उससे उनकी छवि एक निर्भीक राजनेता की बन गयी है और अचानक उत्तर प्रदेश में वे सपा और बसपा से भी आगे दिखने लगी हैं। प्रियंका ने एक मझे राजनीतिक नेता की तरह जिस तरह हिरासत के दौरान जेल के भीतर झाड़ू से सफाई की और जिस तरह 33 घंटे हिरासत में रखने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई उसे उन्होंने जेल के भीतर से वीडियोज के जरिये जनता तक पहुंचाकर उतना जनसमर्थन हासिल कर लिया, जो बहुत मेहनत से मिल पाता है।

यहाँ एक रोचक संयोग भी है। आज से 44 साल पहले 4 अक्टूबर, 1977 को आपातकाल के बाद बनी मोरारजी देसाई सरकार ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था। उसके बाद देश में ऐसा माहौल बना कि कुछ ही महीनों के बाद इंदिरा गांधी फिर जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आ गईं। प्रियंका भी 4 अक्टूबर को ही जेल में डाली गयी हैं।  जेल से आज उन्होंने एक वीडियो के जरिये सीधे प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देकर पूछा है कि अब तक आशीष की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है।

प्रियंका गांधी अचानक देश के विपक्ष के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गगई हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद शिव सेना नेता संजय राऊत ने कहा – ‘उनकी (प्रियंका गांधी) की इस बहादुरी से देश के विपक्ष को एक ऊर्जा मिली है। वे राहुल गांधी से भी मिले, जो लगातार उनकी बहादुरी और किसानों के प्रति उनके समर्थन के लिए उनका उत्साह वर्धन कर रहे हैं।

बता दें 33 घंटे हिरासत में रखने के बाद आज  प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया। सीतापुर के पीएसी गेस्‍ट हाउस में उनके लिए अस्‍थाई जेल बनाई गई है। प्रियंका गांधी, हरियाणा से कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद दीपेन्‍द्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय लल्‍लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी 4 अक्‍टूबर की सुबह 4.30 बजे की गई थी। गिरफ्तारी के बाद उन्‍हें सीतापुर में पीएसी बटालियन के गेस्‍ट हाउस में रखा गया है।

गांधी की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से कांग्रेस गुस्से में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्‍बरम ने कहा – ‘यह पूरी तरह गैरकानूनी और बेहद शर्मनाक है। प्रियंका गांधी को सर्योदय से पहले साढ़े चार बजे एक पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्‍हें अभी तक किसी ज्‍यूडिशियल मजिस्‍ट्रेट के सामने नहीं पेश किया गया। बिल्‍कुल कानून के खिलाफ।’

उधर प्रियंका ने आज पीएम मोदी के नाम एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्‍होंने मोबाइल पर लखीमपुर हिंसा से पहले किसानों को जीप से रौंदे जाने का एक वीडियो दिखाते हुए पीएम से पूछा कि क्‍या आपने यह वीडियो देखा है?  उन्‍होंने केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्‍तगी और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाया, जिनके खिलाफ पुलिस ने हत्‍या का मामला दर्ज किया है।

फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम दुनिया भर में अचानक हुए डाउन

दुनिया भर में फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम अचानक डाउन हो गए हैं। अभी तक इसका कारण नहीं पता चला है।

करीब 20 मिनट पहले लोगों ने अचानक पाया कि उनका व्हाट्सऐप चलना बंद हो गया है। फेसबुक और इंस्ट्राग्राम भी नहीं चल रहे। पता चला है कि किसी समस्या के चलते यह तीनों दुनिया भर में बंद हो गए हैं।

टीवी रिपोर्ट्स में भी बस यही बताया जा रहा है कि दुनिया भर में फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम अचानक डाउन हो गए हैं। किस कारण से हुए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं है।

किसानों को कुचलकर मारने के आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे पर एफआईआर; लखीमपुर जा रही प्रियंका, कई नेता हिरासत में

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आखिर भारी दबाव के बाद किसानों को गाड़ी से कुचलकर मार देने के आरोपी केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और दंगा करने समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। इस घटना में 8 लोगों की मौत हुई है। उधर लखीमपुर के तिकुनिया में कथित तौर पर मंत्री के बेटे की गाड़ी के नीचे कुचलकर शहीद हुए किसानों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं और वहां धारा 144 लगा दी गयी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत लखीमपुर पहुँच गए हैं और इलाके में जबरदस्त तनाव बना हुआ है।

लखनऊ में धरने पर बैठे सपा नेता अखिलेश यादव को भी हिरासत में लिया गया है। यादव ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की है। लखीमपुर में किसानों की इस तरह हत्या की घटना के बाद देश भर में गुस्सा पैदा हो गया है। केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक लखीमपुर में हिंसक झड़प के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और गंगा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। लखीमपुर के तिकुनिया थाने में यह  एफआईआर दर्ज हुई है।

उधर राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने सफाई दी है कि उपद्रवी तत्वों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया, लाठी-डंडों और तलवारों से पीटा जिसके वीडियो उनके पास हैं। तत्वों ने गाड़ियों में आग लगाई जबकि उनका बेटा कार्यक्रम स्थल पर था। मंत्री के दावे के मुताबिक उनके तीन कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की मौत हुई है जिसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।

इस बीच किसानों से मिलने के लिए सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी पहुंचने वाली  कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को हरगांव के पास ही हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका गांधी आधी रात एक बजे वहां के लिए रवाना हुई थीं। प्रियंका गांधी को हरगांव से हिरासत में लेकर सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी से पुलिसकर्मियों ने जोर जबरदस्ती की।

उधर राहुल गांधी ने इस घटना पर ट्वीट में कहा – ‘प्रियंका, मैं जानता हूं तुम पीछे नहीं हटोगी। तुम्हारी हिम्मत से वे डर गए हैं। न्याय की इस अहिंसक लड़ाई में हम देश के अन्नदाता को जिता कर रहेंगे।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी लड़के छह बजे ही  लखीमपुर खीरी की सीमा पर पहुंच गयी थीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीतापुर पुलिस लाइन की सेकेंड बटालियन के गेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने गेट के अंदर घुसने का प्रयास किया। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई।

कुछ वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि हरगांव में हिरासत में लिए जाने के दौरान प्रियंका गांधी यूपी पुलिस के अफसरों को कड़ी फटकार लगा रही हैं। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों से सवाल उठाया कि पुलिस वाहन में उन्हें कैसे ले जाया जा रहा है। धक्का-मुक्की पर प्रियंका ने पुलिसकर्मियों को चेताया कि यह अपहरण, छेड़छाड़ और मारपीट का मामला बन सकता है। गिरफ्तार करने की चुनौती भी प्रियंका ने पुलिसकर्मियों को दी।

उन्होंने पुलिस अफसरों और मंत्रियों से वारंट लाने या ऑर्डर लाने को कहा। प्रियंका ने कहा कि कानून वो भी समझती हैं। यूपी में भले ही कानून का पालन न हो, लेकिन देश में ऐसा कानून है। प्रियंका के साथ पार्टी के नेता दीपिन्दर सिंह हुड्डा भी रविवार रात लखनऊ पहुंच गए थे।

आज सुबह सपा नेता अखिलेश यादव लखनऊ में इस घटना के विरोध में धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। कई विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इस लोकतंत्र की हत्या बताया है। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ब्यान की कड़ी निंदा की जा  रही है जिसमें उन्होंने किसानों को ‘जैसे को तैसा’ की धमकी दी है। किसान लखीमपुर के घटना के बाद जबरदस्त गुस्से में हैं और अभी वहां तनाव बना हुआ है।