Home Blog Page 591

लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों के लिए अंतिम अरदास; प्रियंका भी पहुंचीं, याद में बनेगा स्मृति स्थल

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हाल की हिंसा में शहीद हुए चार किसानों और एक पत्रकार के लिए आज संयुक्त किसान मोर्चा ने अंतिम अरदास का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में देश के कई हिस्सों से किसान पहुंचे। इस अरदास कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं।

दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने इस मौके पर घोषणा की कि लखीमपुर खीरी में पांच किसानों की याद में स्मृति स्थल बनेगा। याद रहे केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और अदालत ने उन्हें चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया के लोगों से कहा कि वो पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है। अगर किसानों को जल्द न्याय नहीं मिला तो हमारा आंदोलन लगातार चलता रहेगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी लखीमपुर खीरी के तिकुनिया पहुंचीं। पहले उन्हें रोक लिया गया था। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू भी रहे।

श्रद्धांजलि सभा के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में इंतजाम किए गए हैं। यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर है। आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी और अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी पहुंचे। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने पश्चिमी यूपी में 20 आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया है।

इस बीच आज के कार्यक्रम में घोषणा की गयी कि लखीमपुर खीरी में पांच किसानों की याद में स्मृति स्थल बनेगा। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने अंतिम अरदास मंच से इसका ऐलान किया।

उधर लखीमपुर खीरी तिकुनिया हिंसा में मृतक किसानों की अंतिम अरदास में पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आम लोगों के बीच ही बैठीं। आयोजकों ने किसी भी राजनीतिक को अपने मंच पर नहीं बैठने दिया।

उत्तराखंड में भाजपा को चुनाव से पहले बड़ा झटका; मंत्री यशपाल आर्य, बेटा कांग्रेस में शामिल हुए

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को झटके लगने शुरू हो गए हैं। वहां वरिष्ठ नेता और भाजपा सरकार में मंत्री यशपाल आर्य मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उनके साथ उनके बेटे संजीव आर्य भी कांग्रेस में चले गए हैं।

आर्य सोमवार को दिल्ली में बड़े नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस के संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला इस मौके पर मौजूद थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले यशपाल आर्य ने उत्तराखंड के केबिनेट  मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

याद रहे बता दें कि दोनों यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस से दलबदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए केबिनेट मंत्री बनाया गया था। इस मौके पर सुरजेवाला ने कहा कि यशपाल आर्य किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं।

याद रहे यशपाल आर्य लंबे समय तक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। यशपाल 6 बार उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुने गए हैं। यशपाल ने इस मौके पर कहा – ‘कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो सही मायने में सभी धर्मों, समुदायों और लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। घर वापस आकर मैं खुश हूँ।’

उधर सुरजेवाला ने कहा – ‘दलित, वंचित और गरीब समाज की बढ़ोतरी के लिए पूरे उत्तर भारत में यशपाल आर्य ने कई काम किए हैं। राहुल गांधी से मिलकर यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस की सरकार का गठन करने का संकल्प किया है।’

पूँछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 5 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर में अपनी गतिविधियां बढ़ाते हुए आतंकवादियों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में एक जेसीओ समेत 5 जवानों को शहीद कर दिया है। आतंकियों ने घात लगाकर तब हमला किया जब सुरक्षा बल जवान गश्त पर थे।  मुठभेड़ चल रही है और एक आतंकी के मारे जाने की खबर है। श्रीनगर में वारदातों को अंजाम देने के बाद आतंकियों ने यह बड़ी घटना की है।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सूरनकोट में यह घटना हुई है। गश्त पर निकले जवानों पर जब हमला हुआ तो वहां मुठभेड़ शुरू हो गयी जिसमें 5 जवान शहीद हो गए। इनमें एक जेसीओ और 4 जवान हैं। आज ही सुबह अनंतनाग और बांदीपोरा में एक अलग मुठभेड़ में दो आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। वहां 4-5 आतंकियों के छिपे होने की खबर है।

जवानों की यह शहादत उस समय हुई, जब सेना की एक टुकड़ी इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी। इसी दौरान इलाके में छिपे आतंकियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला कर दिया। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक सूचना के आधार पर सेना ने सुबह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट अधिकार क्षेत्र में गांवों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था।

प्रवक्ता ने बताया कि पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और 4 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

लखीमपुर हत्याकांड में मुख्य आरोपी आशीष गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलकर मार देने की घटना में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर   लिया गया है। आशीष से इस मामले में लगातार 12 घंटे तक पूछताछ की गयी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस, संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य विपक्ष दल लगातार इस मामले में दबाव बनाए हुए थे।

आशीष पूछताछ के लिए सुबह लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंच गए जिसके बाद उनसे लगातार पूछताछ हुई। मुख्य आरोपी का कलमबद्ध ब्यान दर्ज करने के लिए वहां पुलिस अधिकारियों के अलावा मजिस्ट्रेट भी उपस्थित रहे। बता दें किसानों के हत्याकांड मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ धारा 302 जैसी गंभीर धाराएं लगाई गयी हैं।

क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे। आशीष के घर पेशी के लिए पुलिस को दो बार नोटिस चस्पा करना पड़ा था। हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप है। केंद्रीय मंत्री अपने बेटे को इस मामले में निर्दोष बताते रहे हैं। उधर आशीष के समर्थक आज बाहर बड़ी संख्या में मौजूद रहे। आशीष के वकील और मंत्री पिता भी साथ थे।

बता दें आशीष को सुबह 11 बजे पेश होना था, लेकिन वह करीब 20 मिनट पहले ही क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गया था। पहले मीडिया में आशीष मिश्रा के फरार होने की रिपोर्ट्स भी आई थीं। उसके वकील ने आज बताया कि आशीष मिश्रा तय समय पर पुलिस के सामने पेश होंगे। पहले अजय मिश्रा ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए शुक्रवार को उसके ‘अस्वस्थ’ होने की बात कही थी।

इस बीच सीएम योगी ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की छूट नहीं है।  लेकिन ‘किसी दबाव में भी कोई कार्रवाई नहीं होगी’। योगी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार उसकी तह तक जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जब कानून सबको सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी दे रहा है, तो किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।’

संयुक्त किसान मोर्चा की 12 को तिकुनिया में शहीद किसानों के लिए होगी अंतिम अरदास

संयुक्त किसान मोर्चा ने 12 अक्टूबर को तिकुनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास करने और 5 शहीदों की अस्थि कलश यात्रा देश भर में ले जाने का ऐलान किया है। इसके अलावा  15 अक्टूबर को दशहरा पर मोदी और शाह का पुतला दहन करने और 18 अक्टूबर को देशव्यापी रेल रोको की भी घोषणा की है। किसान मोर्चा 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करेगा।

एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इसकी घोषणा की है। किसान मोर्चा के ऐलान के बाद अब उत्तर प्रदेश और देश भर में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में किसानों की मौत का मामला गरमा गया है। किसान संगठनों के नेताओं ने  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी और  अजय मिश्रा को केबिनेट से हटाने की मांग की है।
मोर्चा ने कहा कि 12 अक्टूबर को देशभर के किसान लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे और  लखनऊ में 26 को महापंचायत भी की जाएगी। किसान नेता दर्शनपाल ने शनिवार को कहा कि घटना में किसान शहीद हुए हैं और किसान मोर्चा अंत तक लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने गृह राज्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा – ‘उन्होंने (अजय मिश्रा) आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और लखीमपुर में पंजाबी किसानों की जान को गंभीर खतरा है।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी इस मौके पर कहा – ‘पहले कार्यक्रम के तहत 12 को  को शहद किसानों और पत्रकार के लिए हम लखीमपुर के तिकोनिया में अंतिम अरदास करेंगे। देशभर के किसान 12 तारीख़ को लखीमपुर  पहुंचेंगे। लखीमपुर की घटना जलियांवाला बाग से कम नहीं है। हम देश के तमाम नागरिक संगठनों से आग्रह करते हैं कि वो अपने शहरों में कैंडल मार्च निकालें। हम पूरे देश के नागरिकों से अपील करते हैं कि शाम 8 बजे अपने घरों पर मोमबत्ती जलाएं।’

यादव ने कहा कि 12 को लखीमपुर से अस्थि कलश यात्रा यूपी में शुरू होकर हर राज्य में जाएगी और अस्थि विसर्जन किया जाएगा। कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरा है सभी किसान प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का पुतला दहन करेंगे जबकि 18 को रेल रोकेंगे और 26 को लखनऊ में बहुत बड़ी महापंचायत की जाएगी।

किसान नेता जोगिंदर उग्राहां ने इस  मौके पर कहा – ‘हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है। हमें खालिस्तानी कहा गया, आतंकवादी कहा गया, लेकिन 3 महीने से भाजपा  सरकार हिंसा पर उतर आई है। उनके सीएम खट्टर का बयान सुनिए। करनाल में किसानों पर लाठियां बरसाई गईं। लेकिन हम कतई हिंसा नहीं करेंगे। हम सहेंगे और संघर्ष करते रहेंगे।’

लखीमपुर घटना के आरोपी आशीष मिश्रा के पेश होने के बाद सिद्धू ने ख़त्म किया अपना अनशन

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को दो दिन पुराना अपना अनशन तब ख़त्म कर दिया जब लखीमपुर खीरी हिंसा मामल के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आज सुबह लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पूछताछ के लिए हाजिर हो गए।

बता दें आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिद्धू ने 3 अक्टूबर की हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के लखीमपुर आवास पर शुक्रवार को मौन धारण कर लिया था। सिद्धू ने घटना के मुख्य आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी तक मौन धारण कर अनशन की घोषणा कर दी थी।

सिद्धू के साथ पंजाब कांग्रेस के अलावा दूसरे राज्यों के पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित हैं। सिद्धू कल टिन शेड के नीचे तख्त पर लेते रहे। सिद्धू को मनाने की अफसरों की कोशिश भी नाकाम रही। इससे पहले सिद्धू, पंजाब के लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, विधायकों राजकुमार चब्बेवाल, कुलजीत सिंह नागरा, रविंदर सिंह और मदनलाल जलालपुर के अलावा कांग्रेस नेताओं गुरदीप सिंह, गौरव  संधू और ओएसडी सुमित सिंह के साथ रमन कश्यप के घर पहुंचे।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने करीब आधा घंटा रमन की पत्नी, माता-पिता और भाइयों से बात की और घटना और तमाम हालात की जानकारी ली। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और मदद का भरोसा भी दिलाया। इसके तुरंत बाद जैसे ही सिद्धू दिवंगत पत्रकार के घर से बाहर निकले वो वहीं एक वहीं टिनशेड के नीचे पड़े फट्टे (तख्ते) पर धरना देकर बैठ गए और बाद में मूंदकर लेट गए।

इससे पहले उन्होंने घोषणा की कि जब तक तिकुनिया मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी होने तक वे मौन अनशन कर बैठे रहेंगे। उनके इस ऐलान से अफसरों के हाथ-पैर फूल गए और वहां उपस्थित लखनऊ के आईपीएस अफसर सुनील कुमार सिंह, गोला एसडीएम अखिलेश यादव और निघासन एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता सिद्धू को मनाने की पूरी कोशिश के लेकिन वो नहीं माने। सिद्धू तख्त पर लेट गए जिसके बाद दिवंगत पत्रकार के परिजनों ने वहां एक चद्दर बिछा दी और पंखा लगा दिया।

लखीमपुर हत्याकांड में मुख्य आरोपी आशीष से शुरू हुई पूछताछ, लगी है धारा 302

लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलकर मार देने की घटना में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा अब से कुछ देर पहले लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंच गया है और उससे पूछताछ शुरू हो गयी है। मुख्य आरोपी का कलमबद्ध ब्यान दर्ज करने के लिए वहां पुलिस अधिकारियों के अलावा मजिस्ट्रेट भी उपस्थित हैं। बता दें किसानों के हत्याकांड मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ धारा 302 जैसी गंभीर धाराएं लगाई गयी हैं। यदि अधिकारी आशीष के जवाबों से संतुष्ट नहीं होते हैं तो उसे गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया जा सकता है।

क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। आशीष के घर पेशी के लिए पुलिस को दो बार नोटिस चस्पा करना पड़ा था। हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा से क्राइम ब्रांच में अब पूछताछ जारी है। केंद्रीय मंत्री के बेटे पर किसानों को कुचलने का आरोप है। केंद्रीय मंत्री अपने बेटे को इस मामले में निर्दोष बताते रहे हैं। उधर आशीष के समर्थक दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद हैं। आशीष के वकील और मंत्री पिता भी साथ हैं।

बता दें आशीष को सुबह 11 बजे पेश होना था, लेकिन वह करीब 20 मिनट पहले ही क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गया। पहले मीडिया में आशीष मिश्रा के फरार होने की रिपोर्ट्स भी आई थीं। उसके वकील ने आज बताया कि आशीष मिश्रा तय समय पर पुलिस के सामने पेश होंगे। पहले अजय मिश्रा ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए शुक्रवार को उसके ‘अस्वस्थ’ होने की बात कही थी।

इस बीच सीएम योगी ने कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की छूट नहीं है।  लेकिन ‘किसी दबाव में भी कोई कार्रवाई नहीं होगी’। योगी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार उसकी तह तक जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जब कानून सबको सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी दे रहा है, तो किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।’

भारत-चीन के बीच फिर हुआ टकराव, कई घंटे रहा तनाव 

लम्बे अंतराल के बाद भारत और चीन के बीच फिर बड़ा तनाव देखने को मिला है। अरुणाचल सेक्टर में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए। दोनों देशों के सैनिकों में यह टकराव पिछले हफ्ते हुआ और कई घंटे चला। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब मसला फिलहाल सुलझा लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते अरुणाचल सेक्टर में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए। यह टकराव चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग के दौरान हुआ और इसमें दोनों देशों के सैनिक बाकायदा आपस में भिड़ गए।

यह टकराव काफी घंटों तक चला। बाद में इसे बातजीत से प्रोटोकॉल के तहत सुलझाया गया। दोनों पक्षों को इस टकराव में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। इस विवाद के पीछे कारण सीमा को लेकर बनी ग़लतफ़हमी थी। भारत और चीन के बीच सीमा का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं हुआ है, लिहाजा दोनों देशों के सैनिक धारणा के आधार पर गश्त लगाते हैं।
गलवान घाटी में पिछले साल दोनों देशों के बीच हुई खूनी भिड़ंत के बाद लगातार तनाव बना हुआ है, हालांकि इस मामले में कई दौर के बातचीत हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट की लखीमपुर ममले में यूपी सरकार को कड़ी फटकार

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हत्याकांड पर उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आरोप 302 का है तो गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप उसे भी वैसे ही ट्रीट करें जैसे बाकी मर्डर केस में आरोपी के साथ किया जाता है। बता दें इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा है जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज है लेकिन उसकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हुई है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 20 अक्टूबर को होगी।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के सामने आरोपी के पेश होने पर दो टूक कहा कि 302 के आरोप में ये नहीं होता कि प्लीज आ जाएं। नोटिस किया गया है कि प्लीज आइए। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि ‘मौके पर चश्मदीद गवाह हैं। हमारा मत है कि जहां 302 का आरोप है वह गंभीर मामला है और आरोपी के साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए जैसे बाकी मामलों में ऐसे आरोपी के साथ होता है। क्या बाकी केस में आरोपी को नोटिस जारी किया जाता है कि आप प्लीज आ जाइए?’

यूपी सरकार के वकील साल्वे ने कहा कि आरोप लगाया गया था कि गोली मारी गई है लेकिन गोली की बात पोस्टमॉर्टम में नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या ये ग्राउंड है कि आरोपी को न पकड़ा जाए? साल्वे बोले कि नहीं केस गंभीर है। प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कहा कि ‘गंभीर केस है, लेकिन केस को वैसे नहीं देखा जा रहा है। हम समझते हैं कि इस तरह से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कथनी और करनी में फर्क नजर आ रहा है।’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि साधारण स्थिति में 302 यानी मर्डर केस में पुलिस क्या करती है? वह आरोपी को गिरफ्तार करती है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आरोपी कोई भी हो, कानून को अपना काम करना चाहिए। साल्वे ने कहा कि जो भी कमी है कल तक ठीक हो जाएगी। सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक वैकल्पिक एजेंसी के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है जो मामले की जांच कर सकती है।

आज की सुनवाई में लखीमपुर खीरी मामले पर प्रधान न्यायधीश ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजंसी इसे संभालती है, तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रखे जाएं। प्रधान न्यायधीश ने एक मीडिया रिपोर्ट, जिसमें कहा गया था कि प्रधान न्यायाधीश पीड़ितों  से मिलने लखनऊ गए हैं, पर कहा कि ‘ये खुद समझना चाहिए कि ये कैसे हो सकता है…मैं कोर्ट में हूं।’

लखीमपुर जा रहे सिद्धू, अन्य कांग्रेस नेताओं को यूपी की पुलिस ने हिरासत में लिया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने को लेकर कांग्रेस लगातार दबाव बढ़ाती जा रही है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्‍व में कांग्रेस नेताओं का काफिला सहारनपुर में रोक दिया गया है और सिद्धू को हिरासत में ले लिया है। उनके साथ आये कांग्रेस के कई नेताओं और पंजाब के मंत्रियों को भी यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

इससे पहले जब यूपी पुलिस ने सिद्धू के काफिले को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी तो पुलिस के लगाए गए बेरिकेट्स को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू, पंजाब के मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और परगट सिंह सहित अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।

पुलिस का कहना है कि लखीमपुर में धारा 144 लागू है और ऐसे में केवल पांच लोगों को आगे जाने की अनुमति है। लेकिन कांग्रेस नेता सिद्धू बड़े काफिले के साथ जाने पर अड़ हुए थे। इसी दौरान काफिले में शामिल नेताओं की पुलिस अधिकारियों से जबरदस्त बहस हुई। सिद्धू और अन्य नेताओं को पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया।

इससे पहले सिद्धू के काफिले को यमुनानगर (हरियाणा) से आगे बढ़ने पर यूपी में   सहारनपुर की सीमा पर रोक दिया गया। इसके बाद वहां काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस नेताओं ने इसके बाद वहां जमकर नारेबाजी की। सिद्धू ने पुलिस के रोके जाने पर सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि उन्हें और अन्‍य नेताओं को रोकना गैरकानूनी और उनके अधिकारों का हनन है।

बता दें सिद्धू का काफिला सुबह पंजाब के मोहाली से लखीमपुर खीरी रवाना हुआ था। काफिले के रवाना होने से पहले सिद्धू ने कहा – ‘यदि कल तक लखीमपुर की घटना के लिए दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो भूख हड़ताल करुंगा।’ मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी भी इस मौके पर पहुंचे थे। उनके काफिले में पंजाब के कांग्रेस विधायक और मंत्री शामिल हैं। यह दल मोहाली में चंडीगढ़ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा के पास से रवाना हुआ। काफिले में पंजाब के शिक्षामंत्री परगट सिंह पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा भी लखीमपुर खीरी जाने वाले काफिल में शामिल हैं । काफिले को मोहाली से मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने रवाना किया।