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पंजाब ड्रग्स मामले में पूर्व मंत्री अकाली नेता मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज

पंजाब में मंगलवार को पुलिस ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मजीठिया अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर के भाई हैं। ड्रग्स का मामला पंजाब की राजनीति में बड़े मुद्दे की तरह रहा है और पिछले विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़े मुद्दे के रूप में सामने आया था। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इस मामले में सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे।

बता दें यह चर्चा थी कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पिछले काफी समय से चन्नी सरकार पर ड्रग्स मामले में कार्रवाई करने का दबाव बना रहे थे। उन्हें लगता है कि ड्रग्स के मामले में पंजाब की जनता कार्रवाई चाहती है। यहाँ यह भी बता   दें कि कुछ समय पहले ही पंजाब सरकार ने इकबाल प्रीत को डीजीपी पद से हटा दिया था, जिनका सिद्धू सख्त विरोध कर रहे थे। इकबाल प्रीत के स्थान पर जिन सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पंजाब का नया डीजीपी बनाया गया है, उन्हें सिद्धू का करीबी माना जाता है।

अब सिद्धार्थ ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले जो कार्रवाई की है वह मजीठिया के  ही खिलाफ है। एनडीपीएस की धारा 25, 27 ए और  29 के तहत मजीठिया पर एफआईआर दर्ज की है। मजीठिया अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर के भाई हैं।

कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में ड्रग्स के मुद्दे को जोरों से उठाया था। हालांकि, पिछले साढ़े चार साल में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया था।

टेनी के इस्तीफे की मांग; कांग्रेस, विपक्ष का संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें मार देने के मामले में मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित विपक्ष ने इस मामले पर कार्रवाई हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की।  बता दें टेनी के बेटे पर किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें मार देने का आरोप है।  लगातार हंगामा रहने के बाद लोकसभा और राज्य सभा दोनों में कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

विपक्ष काफी दिन से लखीमपुर खीरी कांड पर चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्ष ने आज संसद के दोनों सदनों में इस  मसले पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को तत्काल हटाए जाने की मांग कर रही है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था।

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भी लखीमपुर खीरी कांड पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। कांग्रेस सहित विपक्ष अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे पर अड़ा है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामा किया गया और मंत्री टेनी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की।

राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के बाद आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। राज्यसभा में विपक्षी दलों ने संसद में बीते दिन हुई राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक के बहिष्कार का मुद्दा उठाया जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। याद रहे विपक्षी दलों ने बैठक के लिए समय पर सूचित नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए उस दिन बैठक का बहिष्कार किया था।

कांग्रेस और विपक्ष सांसदों के निलंबन का भी जबरदस्त विरोध कर रहा है। पार्टी ने इन सांसदों को तत्काल बहाल करने की मांग की। उधर भाजपा संसदीय दल की आज बैठक हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने -बताया  ”विपक्ष के 12 निलंबित राज्यसभा सांसदों ने संसद की गरिमा को कम किया है। अगर वे माफी मांगते हैं तो सरकार निलंबन को रद्द करने पर विचार करेगी।”

पनामा पेपर्स लीक मामले में अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय से ईडी ने की लम्बी पूछताछ

पिछले महीने फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन के बाद अब पनामा पेपर्स लीक मामले में उनकी अभिनेत्री पत्नी ऐश्वर्या रॉय से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कई घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था।

बता दें, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन पर हाल में आरोप लगे थे कि उन्होंने कथित तौर पर टैक्स चोरी के लिए विदेशों में चार सेल कंपनी बनाई थीं और यह सभी शिपिंग कंपनियां थीं। पनामा लीक में जो जानकारियां सामने आई हैं उनके मुताबिक अमिताभ ने बेटे अभिषेक बच्चन को कथित तौर पर एक कंपनी का निदेशक बनाया था जबकि बहु ऐश्वर्या रॉय इनमें से एक कंपनी की शेयर होल्डर भी थीं।

आरोपों के मुताबिक हालांकि, बाद में अमिताभ बच्चन की यह कंपनी साल 2008 में बंद कर दी गयी। बच्चन परिवार पर आरोप हैं कि कथित रूप से टैक्स बचाने के लिए इन कंपनियों को खड़ा किया गया था। हाल में जब दिग्गज अभिनेता का नाम पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम आया था तो अमिताभ ने ट्वीट कर खुद को निर्दोष बताया था और कहा कि वे देश के क़ानून की पूरी इज्जत करते हैं।

इस ट्वीट में अमिताभ ने लिखा था – ‘मैं देश के कानून से बंधा नागरिक हूं और बताना चाहता हूं कि इंडियन एक्सप्रेस में जिस पनामा रिपोर्ट के हवाले से मेरे बारे में कहा गया है, मैं उन चार कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कभी नहीं रहा। मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने इस पूरे मामले में जांच का आदेश दिया है और मैं खुद यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि इन चार कंपनियों में मेरा नाम क्यों जोड़ दिया गया। मेरे नाम का गलत इस्तेमाल किया गया।”

हालांकि, अभिषेक बच्चन के बाद अब ऐश्वर्या रॉय को ईडी की तरफ से पूछताछ के लिए बुलाने से बच्चन परिवार सवालों के घेरे में है, भले अमिताभ बच्चन ने अपनी सफाई भी दी थी। जानकारी के मुताबिक पिछले महीने अभिषेक बच्चन से ईडी ने पूछताछ के दौरान कुछ फाइनेंसियल ट्रांसक्शन के बारे में जानना चाहा था। इन कथित ट्रांसक्शन की जांच अभी भी जारी है।

कोरोना को देखते हुये लग सकती है कई स्थानों पर पाबंदी

दिल्ली में गत दिनों से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच ओमिक्रोन के मामलें भी लोगों के बीच डर का माहौल तो बना ही रहे है। साथ ही दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के अस्पतालों में कोरोना के साथ अन्य मरीजों को सही तरीके का पर्याप्त इलाज नहीं मिलने से मरीजों में काफी रोष है।

मरीज मनोज के परिजन घनश्याम ने तहलका संवाददाता को बताया कि गत चार दिनों पहले डाँक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। गरीब मरीजों को इलाज को भटकना पड़ा है। कई मरीजों की तो इलाज के अभाव में मौत तक हो गयी है।

बाजारों में भीड़ बढ़ने से कोरोना के मामलें बढ़ने की संभावना ज्यादा है। एम्स के डॉ आलोक कुमार का कहना है कि समय रहते अगर कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रोन पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में ओमिक्रोन भी मुसीबत बढ़ा सकता है। डाँ आलोक कुमार का कहना है कि तामाम सर्वेक्षणों के हवाले से ये जानकारी प्राप्त हो रही है कि जनवरी-फरवरी माह में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसलिये बचाव के तौर पर सावधानी अपनाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य कर्मचारी पवन सिंह ने कहा कि लगातार 10 दिनों से दिल्ली में केन्द्र और राज्य सरकारों के अस्पतालों में डाक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवायें चरमराई है। अगर लगातार हड़ताल का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आने वाले दिनों में कोरोना का कहर लोगों की जिन्दगी में मुशीबत डाल सकता है।सूत्रों की माने तो दिल्ली सरकार कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुये 22 दिसम्बर से सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुये कई स्थानों पर पांबदी लगा  सकती है।

ओमिक्रोन का खौफ : सेंसेक्स 1,300 से ज्यादा अंकों से नीचे लुढ़का

देश में भले ओमिक्रोन के दस्तक देने के बावजूद इसका बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को न मिला हो, इसका शेयर बाज़ार पर जबरदस्त असर देखने को मिला है। सोमवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली और बीएसई सेंसेक्स आज 1,300 से ज्यादा अंकों से नीचे लुढ़क गया।

ओमिक्रोन के आने से बने दर के दबाव का साफ असर दिखा है और वैश्विक बाजारों में बिकवाली देखी गई। आज सुबह 10.30 बजे बीएसई सेंसेक्स में 1,349.16 अंकों अर्थात् 2.37 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी जबकि इंडेक्स 55,662.58 के लेवल पर था। इस दौरान एनएसई निफ्टी 382.20 अंकों या 2.25 फीसदी गिरावट के साथ 16,603 के लेवल पर चल रहा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कच्चे तेल के बाजार में आज गिरावट दिखी। सेंसेक्स में सबसे अधिक चार फीसदी की गिरावट बजाज फाइनेंस में हुई जबकि टाटा स्टील, एसबीआई, एनटीपीसी, एमएंडएम और एचडीएफसी बैंक भी गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल रहे। सन फार्मा ज़रूर हरे निशान में थी।

आज सुबह 9.44 पर बेंचमार्क इंडेक्स में 1,142.88 अंकों या सीधे 2.00 फीसदी की गिरावट के साथ 55,868.86 अंकों पर आ गया जबकि एनएसई निफ्टी में इस दौरान 318.40 अंकों या 1.87 फीसदी की गिरावट दर्ज हो रही थी। इंडेक्स 16,666.80 अंकों के स्तर पर आ गया। बाजार खुलते ही आज बड़ी गिरावट रही। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 848.06 अंक गिरकर 56, 163.68 पर चल रहा था, वहीं निफ्टी 257.85 अंक टूटकर 16,727.35 पर आ गया था।

याद रहे शुक्रवार के आखिरी सत्र में भी बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी। तब  सेंसेक्स-निफ्टी बड़ी गिरावट लेकर बंद हुए थे और सेंसेक्स 889.40 अंक या 1.54 फीसदी गिरावट के साथ 57,011.74 पर बंद हुआ था। उधर निफ्टी भी 263.20 अंक या 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 16,985.20 पर बंद हुआ था।

मधुमेह है तमाम बीमारियों की जड़

जैसे –जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे सर्दी से सम्बधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सर्दी – जुकाम  के अलावा सर्दी में अस्थमा रोगियों की संख्या में काफी  इजाफा हो रहा है। अस्थमा रोगियों के लक्षण और कोरोना रोगियों के लक्षण एक जैसे होने से लोगों में कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रोन होने का भय सता रहा है।

दिल्ली –एनसीआर सहित देश के कई राज्यों में अस्थमा रोग जैसे पीड़ित मरीजों की संख्या दिन व दिन बढने से लोगों में तो हड़कंप मचा हुआ ही है। इस बारे में गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ डाँ प्रवीण भाटिया ने बताया कि सर्दी के मौसम को तो वैसे तो हेल्दी मौसम कहा जाता है।

लेकिन यह मौसम हार्ट रोगियों अस्थमा रोगियों और मधुमेह रोगियों के लिये काफी घातक माना जाता है।डाँ प्रवीण भाटिया का कहना है कि सारी बीमारियों की जड़ मधुमेह है। मधुमेह होने से हार्ट रोग, किड़नी रोग और नेत्र रोग जैसी बीमारियां बढ़ती है। इसलिये समय रहते मधुमेह रोग को नियत्रित रखें । समय-समय पर जांच करवाते रहे। वजन को काबू रखें। क्योंकि मोटापा रोग से पीड़ित मरीजों को मधुमेह रोग की शिकायत ज्यादा होती है।

मधुमेह और मोटापा से बचाव के लिये नियमित व्यायाम करें और तलीय पदार्थो का सेवन कम से कम करें।डाँ प्रवीण भाटिया ने बताया कि जागरूकता के अभाव में बच्चों तक में मधुमेह की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह खान –पान में अनियमितता है। उन्होंने बताया कि समय रहते अगर मधुमेह पर काबू पाने का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में तेजी से मधुमेह सभी वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में ले लेगी।

पंजाब में किसान कर रहे हैं अपना ही राजनीतिक दल बनाने की पूरी तैयारी

मीनाक्षी भट्टाचार्य

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले नया राजनीतिक दल बन सकता है और यह दल बना रहे हैं खुद किसान। आंदोलन के बाद किसान घर लौटने से पहले भी यही बात कह गए थे। अगर किसानों की ओर से राजनीतिक दल बनाया जाता है तो इससे पहले से स्‍थापित सभी राजनीतिक पार्टियों की चिंता बढ़ सकती है |

किसानों के इस कदम से अन्‍य दलों का चुनावी गणित बिगड़ने के संभावना प्रबल है।  नाम न छापने की शर्त पर एक किसान नेता ने बताया, “कुछ राजनीतिक दल किसान संगठनों से राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए संपर्क कर रहे हैं। साथ ही बड़े स्‍तर पर चुनाव लड़ने को लेकर भी बात की जा रही है |”

उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख लोगों को एक साथ लाकर किसानों की पार्टी बनाने में   इस बात को प्रमुखता से समझा जा रहा है कि इसमें अन्‍य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और प्रोफेशनल्‍स को भी शामिल किया जाए ताकि पंजाब में राजनीति बदलाव लाया जाए | उन्होंने कहा कि संयुक्‍त किसान मोर्चा अन्‍य कृषि संगठनों और  मजदूर संगठनों से बातचीत कर रहा है।

किसान नेता ने कहा – ”जनता पहले से ही स्‍थापित दलों से तंग आ चुकी है, अब बड़े बदलाव की बात पूरी संभावना दिख रही है |” किसान संगठनों और किसानों के बीच इस बात की चर्चा है कि अब अपने दायरे को बढ़ाया जाए और चुनाव लड़ा जाए |

पिछले दिनों सरकार ने किसानों की इस नाराजगी को देखते हुए अपने तीनों विवादित कृषि कानून वापस ले लिए थे | इसके बाद सरकार ने किसानों की अन्‍य मांगों को भी मान लिया है। किसानों ने अपना आंदोलन स्‍थगित कर दिया है और घर लौट रहे हैं | पंजाब लौटने पर किसानों का बड़ा स्‍वागत किया गया था |

इस बीच इस बात की भी चर्चा है कि किसान पंजाब चुनाव से पहले राजनीतिक दल बना सकते हैं | केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों  के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी समेत अन्‍य जगहों से किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय पहले से जुटे हुए थे |

पंचतत्व में देह, और अमर हो के नारे; ग्रुप कैप्टन वरुण को नम आँखों से अंतिम विदाई

तमिलनाड के कुन्नूर में सीडीएस रावत हेलिकॉप्टर हादसे में गंभीर घायल होने के बाद बुधवार को दिवंगत हुए वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। हज़ारों लोगों ने नम आँखों से मध्य प्रदेश के भोपाल में बैरागढ़ स्थित विश्राम घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी। उनके परिजन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कई मंत्रियों के अलावा जन-प्रतिनिधि इस मौके पर  उपस्थित थे।

अंतिम संस्कार से पहले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के किए रखा गया। हज़ारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वरुण सिंह इकलौते शख्स थे जो 8 दिसंबर को तमिलनाड हेलिकॉप्टर हादसे में जीवित बच पाए थे जबकि अन्य  13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जिसमें भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी भी शामिल हैं।

इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा –
”मैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वरुण के पिता भी बहुत बहादुर हैं। पूरा परिवार देश के प्रति समर्पित है। हम इस दुख के समय में उनके साथ खड़े हैं।”

हेलिकॉप्टर क्रैश में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी वरुण सिंह एक हफ्ते से ज्यादा तक मौत से लड़ते रहे। हालांकि बहुत प्रयास के बाद भी चिकित्सक उन्हें बचा नहीं पाए। बेंगलुरु के मिलिट्री हॉस्पिटल में वरुण का इलाज चल रहा था, जहां बुधवार को उनका निधन हो गया था। गुरुवार की दोपहर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर बेंगलुरु से भोपाल लाया गया और भोपाल के एयरपोर्ट रोड पर स्थित सिटी कॉलोनी में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

यूपी में मिले चाचा-भतीजे के सुर

क्या दिखाएगी यह जोड़ी कमाल, अखिलेश–शिवपाल एक ही साईकिल पर सवार

आखिरकार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच चुनावी तालमेल हो ही गया है। चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच तनातनी की खबरे अक्सर आ ही जाती थी। जैसे चुनावी माहौल बनने लगा तो चाचा–भतीजे ने दोस्ती करने में देरी नहीं की।

बताते चलें, शिवपाल यादव ने अपने भाई मुलायम सिंह यादव के साथ रहकर जमीनी राजनीति की है। उनकी प्रदेश में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनके साथ जमीनी स्तर के कई बड़े-बड़े नेता आज भी जुड़े है। उनकी प्रदेश करीबी एक सौ ऐसी सीटें है। जहां पर उनका अच्छा खासा प्रभाव है।

शिवपाल यादव ने 2019 के लोकसभा के चुनाव में प्रगतिशील समाजवादी से लगभग 40-50 सीटों पर प्रत्याशी उतारें थे। जिसके कारण समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान भी हुआ था।

समाजवादी पार्टी के समर्थक व उत्तर प्रदेश की सियासत में पकड़ रखने वाले पत्रकार बीरेन्द्र कुमार का कहना है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जानते है कि अगर प्रदेश की सियासत में पकड़ के साथ –साथ चुनाव भी जीतना है तो चाचा शिवपाल यादव की पार्टी से चुनाव का तालमेल जरूरी है।

बताते चलें, प्रदेश में चुनावी मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में ही है। मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी को लेकर एम बाई फैक्टर को लेकर तरह –तरह की चर्चा हो रही है।कि इस बार अगर एम फैक्टर समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जुड़ता है। तो चुनावी परिणाम कुछ और ही निकलेगें।क्योंकि कांग्रेस और बसपा भी एम वोट पर नजर लगाये हुये है।

चुनाव प्रचार समिति की बैठक, वरिष्ठ नेता जाखड़ नाराज नहीं

पंजाब कांग्रेस में चुनाव प्रचार समिति की पहली ही बैठक काफी हंगामेदार रहने से साफ़ हो गया है कि पंजाब कांग्रेस में चीजेँ अभी पूरी तरह पटड़ी पर नहीं आये हैं। सुनील जाखड़ की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बुधवार को हुई इस बैठक से पहले कयास थे कि जाखड़ नाराज हैं और वे यह पद ग्रहण करेंगे भी या नहीं। हालांकि, यह अटकलें गलत साबित हुईं और उन्होंने कल बैठक की जिससे साफ़ हो गया कि वह नाराज नहीं हैं।

इस बैठक में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गयी। बैठक में आने वाले विधानभा चुनाव को लेकर सभी नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे। चुनाव प्रचार समिति का गठन हाल में कुछ अन्य समितियों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि जाखड़, जिन्हें चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, पार्टी से नाराज हैं। हालांकि, आज उनके इस समिति की बैठक की अध्यक्षता करने से जाहिर हो गया है कि शायद यह बात सही नहीं थी ।

हालांकि, आज की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल में पूरे राज्य में लगे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के चेहरे वाले पोस्टरों पर सख्त ऐतराज जता दिया। उनका कहना था कि ऐसे पोस्टर में एक व्यक्ति की जगह पार्टी को तरजीह मिलनी चाहिए। जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे वाले पोस्टर लगाने पर नाखुशी का इजहार किया।

जाखड़ ने मुख्यमंत्री चन्नी से अलग से भी बैठक की। बैठक में प्रचार समिति के अध्यक्ष जाखड़ के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और वरिष्ठ मंत्री परगट सिंह ने भी हिस्सा लिया। रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में सीएम चन्नी और पीसीसी प्रमुख सिद्धू के बीच मतभेद साफ़ तौर पर उजागर हुए। सिद्धू अभी भी दबाव वाली राजनीति खेल रहे हैं।

अभी तक पार्टी ने यह साफ़ नहीं किया है कि वह किसे मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर विधानसभा चुनाव में आगे करेगी। हालांकि, पार्टी के बड़े नेता यह संकेत ज़रूर कर चुके हैं कि वह तीन बड़े नेताओं सिद्धू, चन्नी और जाखड़ को साझे तौर पर आगे करके चुनाव लड़ेगी।