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युवाओं को प्रेरित करती पुलिस अधिकारी की किताब

महाराष्ट्र से अपनी प्रतिनियुक्ति पूरी करके बिहार में फिर से लौटे जांबाज़ पुलिस अधिकारी शिवदीप लांडे महिलाओं और युवाओं का बेहद सम्मान करते हैं। यही वजह है कि इनका ग़लत रास्तों पर भटकना उन्हें इतना अखरता है कि लांडे उन्हें सही रास्ता दिखाने का प्रयास लगातार करते रहे हैं। हाल ही में उनकी पुस्तक ‘वुमन बिहाइंड द लायन’ प्रकाशित हुई है।

महाराष्ट्र की मिट्टी में पैदा हुए शिवदीप लांडे का करियर बिहार शरीफ़ में शुरू हुआ, जहाँ से वह समस्त भारत में प्रसिद्ध हुए हैं। उनकी किताब देखकर ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने करियर की प्रेरणा के बारे में लिखा होगा और इसका श्रेय अपनी पत्नी को दिया होगा। करियर से पहले उनकी ज़िन्दगी में काफ़ी परिस्थितियाँ रहीं, उन परिस्थितियों से युवा वर्ग को कसे निकलना है, यह इस किताब में है।

लेकिन वास्तव में उनकी माँ उनकी मार्गदर्शक हैं और लायन उनकी वर्दी में एक आदर्श वाक्य है। इस पुस्तक में ऊन्होंने जो ख़ाका खींचा है, वह उनकी सेवा का वर्णन नहीं, बल्कि अपना मक़ाम हासिल करते हुए युवाओं को हताशा की अवस्था से निकालकर उनका मनोबल बढ़ाना है। किताब में युवाओं को उन परिस्थितियों से रू-ब-रू कराया गया है, जिनसे वे ज़िन्दगी के उस मोड़ पर दो-चार होते हैं, जहाँ से ज़िम्मेदारियाँ उनके कन्धों पर आ रही होती हैं। इन्हीं परिस्थितियों से निकलने के रास्ते इस किताब में हैं।

शिवदीप लांडे को सिंघम और दबंग जैसे शब्दों का पुलिस बल और ख़ुद के साथ जोड़ा जाना पसन्द नहीं है। उनका विचार है कि पुलिसकर्मी और अधिकारी ड्यूटी पर रहते हैं और जांबाज़ी से देश व देश के नागरिकों की रक्षा और सेवा करना उनका फ़र्क़ होता है। लेकिन नेताओं को उसके काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शिवदीप लांडे मानते हैं कि साहित्य समाज को जागृत करने के अलावा रास्ता दिखाता है, इसलिए वह अभी और किताबें भी लिखेंगे। वुमन बिहाइंड लायन पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि बिहार में करियर के बाद तीन प्रोडक्शन हाऊस उनके पीछे थे। जिन चीज़ों ने उन्हें परेशान किया, वो बिहार में अपने कर्तव्यों में सन्तुष्टि की सुखद चीज़ों से अलग थीं। उन्होने युवा दुनिया को क़रीब से देखा और महाराष्ट्र में पढ़ाई के बाद बिहार में पुलिस बल मे भर्ती होकर युवाओं को प्रेरित किया कि वे भटकने से बेहतर है अपने करियर पर ध्यान दें।

सिगरेट, सिनेमा में समय बिताने से भविष्य बर्बाद होता जाता है, जिसका अहसास उन्हें जब होता है, तब तक उम्र और वक़्त दोनों निकल जाते हैं। शिवदीप ने बचपन से ही इसका अनुभव किया है। बचपन से ही महाराष्ट्र के विदर्भ जैसे शुष्क क्षेत्रों के हालात से लड़ते हुए लेखक गहरे अवसाद से बाहर आये। इस अवस्था से उन्होंने सीखा कि यह निराशावाद या लक्ष्य भटकाव की ओर ले जाने वाली नहीं, बल्कि कुछ कर दिखाने की उम्र है। इसलिए उन्होंने ख़ुद को इससे बचाया।

अकोला ज़िले के बालापुर तालुका के पारस गाँव में एक किसान परिवार में जन्में शिवदीप के माता-पिता कम पढ़े-लिखे थे। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करके शिवदीप मुम्बई में भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई करके राजस्व विभाग में सेवाएँ देने लगे। इसके बाद भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा पास करके 2006 में बिहार पुलिस में शामिल हुए। यहीं से पुलिस करियर के दौरान पटना, अररिया, पूर्णिया और मुंगेर जैसे ज़िलों में सेवा के दौरान अपने अनुभवों को भी लेखक ने किताब में जगह दी है।

इसमें आम जनजीवन से लेकर नक्सल प्रभावित इलाक़ों के अनुभव भी साझा हैं। समाजसेवा की भावना से प्रेरित शिवदीप की एक अलग आदत यह रही कि वह शादी से पहले अपने वेतन का 60 फ़ीसदी हिस्सा ग़ैर-सरकारी संगठनों को दे देते थे। जब उन्होंने शादी का मन बनाया, तो उनके बैंक में मात्र 32,000 रुपये थे। यह वह दौर था, जब महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के ख़िलाफ़ विद्रोह हुआ था। इसका असर बिहार में देखने को मिला। अच्छी बात यह रही कि पुलिस अधिकारी शिवदीप लांडे की तरह ही उनकी पत्नी भी समाजसेवा की भावना से प्रेरित हैं। पुलिस सेवा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिवदीप एक अच्छे लेखक हैं, इसका प्रमाण उनकी किताब वुमन बिहाइंड लायन है।

भटके हुए लोग

आज विश्व भर में जो अराजकता फैली हुई है। लोग एक-दूसरे के दुश्मन बने बैठे हैं, उसकी एक बड़ी वजह यह है कि लोगों ने धर्मों (मज़हबों) को पढ़ा नहीं है; और अगर कुछेक ने पढ़ा है, तो उनमें से अधिकतर ने उस पर अमल नहीं किया। क्योंकि जो धर्म को पढ़ते हैं, वो लोगों के धर्म-गुरु कहलाते हैं। अर्थात् ये लोग लोगों को धर्म के रास्ते पर आगे लेकर बढ़ते हैं। लेकिन हमारे इन धर्म-गुरुओं ने न केवल धर्म में वर्णित अच्छी शिक्षाओं को और धर्म के सत्य को हमसे छुपाया है, बल्कि हमें सत्य के मार्ग पर जाने से रोककर लगातार हमें भटकाया है।

इतना ही नहीं, जिन धर्मगुरुओं ने हमें सत्य का मार्ग दिखाया है, उन्हें भी इन स्वार्थी तथाकथित धर्मगुरुओं ने हमारे सामने अधर्मी और ग़लत सिद्ध करने का निरंतर प्रयास किया है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि ईश्वर से मिलने का सच्चा मार्ग बताने वालों को ऐसे लोगों ने मृत्युदण्ड तक दिया है।

इसीलिए मैं कहता हूँ कि ये ईश्वर को बाँटने वाले धर्म के ठेकेदार धर्मगुरु नहीं हो सकते। लोगों को जितनी जल्दी हो सके, ऐसे अधर्मियों-पाखण्डियों से दूरी बना लेनी चाहिए, जो भाषाओं और धर्म-ग्रन्थों का सहारा लेकर ईश्वर को बाँटने की मूर्खता करने की आड़ में उसके पुत्रों को बाँट रहे हैं। क्योंकि ईश्वर तो एक है। और दुनिया के किसी भी इंसान में वह ताक़त नहीं, जो ईश्वर को बाँटना तो दूर, उसकी किसी अनश्वर संरचना को भी बाँट सके या उसके टुकड़े कर सके।

लोग मूर्खता और भ्रम-वश एक ही ईश्वर को अलग-अलग समझते हैं। लेकिन क्या इससे सत्य बदल जाएगा? कभी नहीं। रही धर्म-ग्रन्थों की बात, तो हर धर्म-ग्रन्थ इस बात की पुष्टि करता है कि ईश्वर एक है और हर इंसान समान है।

ऋग्वेद के खण्ड पाँच (5) के 60वें सूक्त का पाँचवाँ मंत्र कहता है – ‘अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते संभ्रातरो वावृधु: सौभाग्य।‘-(ऋ ग्वेद 5/60/5)

अर्थात् ईश्वर कहते हैं कि ‘हे संसार के लोगो! न तो तुममें कोई बड़ा है और न छोटा। तुम सब भाई-भाई हो। इसलिए सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मिलकर आगे बढ़ो।‘

अथर्ववेद के तीसरे काण्ड के 30वें सूक्त के पहले मंत्र में कहा गया है – ‘सह्रदयं सांमनस्यमविद्वेषं कृणोमि व: ।

अन्यो अन्यमभि हर्यत वत्सं जातमिवाघ्न्या।।‘ -(अथर्व0 3/30/1) अर्थात् ‘मैं तुम्हारे लिए एकहृदयता, एकमनता और निर्वेरता करता हूँ। एक-दूसरे को तुम सब और प्रेम से चाहो, जैसे न मारने योग्य गाय उत्पन्न हुए अपने बछड़े को प्रेम करती है।‘

इसी तरह क़ुरआन में कहा गया है कि ‘अल्लाह एक है। ऐ ईमान वालो! तुम इंसाफ़ की निगरानी करने वाले बनो। ऐसा न हो कि किसी गिरोह की शत्रुता तुम्हें इस बात को मजबूर कर दे कि तुम इंसाफ़ करना छोड़ दो। इंसाफ़ करो। यही मज़हब से अधिक निकट है। अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह को उसकी ख़बर है। -(सूरह 8:5) तुम यतीम पर सितम मत करना। -(सूरह 93:9)माँगने वालों को झिड़क मत देना। -(सूरह 93:10) अपने परवरदिगार की नेअमतों का जि़क्र करते रहना। -(सूरह 93:11) भलाई और बुराई समान नहीं है। तुम बुरे आचरण और बुराई को अच्छे-से-अच्छे आचरण के द्वारा दूर करो। फिर क्या देखोगे कि वही व्यक्ति, जिसे तुम बैरी समझ रहे थे; वह तुम्हारा वह कोई घनिष्ठ मित्र है।‘ -(सूरह 41:34)

इसी तरह ईसाई और यहूदी धर्म एक ईश्वर, आपसी प्रेम और पाप से दूर रहने पर ज़ोर देते हैं। भारत में दुनिया के सर्वाधिक धर्मों के लोग रहते हैं। लेकिन सभी धर्मों का मूल यही है कि ईश्वर एक है। सभी से प्रेम करो और पाप मत करो। इसके बावजूद लोगों में अगर खटास पड़ी हुई है, तो उसके पीछे वे धर्मगुरु हैं, जो धर्म संसद लगाकर आपस में तो एक साथ बैठते-उठते हैं। एकता की चर्चा करते हैं। आपस में एक साथ भोजन भी करते हैं। लेकिन जब अपने-अपने धर्मों के लोगों को शिक्षाएँ देते हैं, तो यह नहीं सिखाते कि दूसरे धर्म के लोग आपके ही भाई हैं। क्योंकि हम सबका ईश्वर एक है, जिसे न वे बाँट सकते हैं और न हम। ये धर्म गुरु अपने अनुयायियों से यह नहीं कहते कि किसी भी प्राणी के प्रति मन में बैर पालने से तुमसे ईश्वर नाराज़ हो जाएगा; बल्कि कई तो यह सिखाते हैं कि तुम अगर दूसरे धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म में शामिल कर लोगे, और अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उसे मार दोगे, तो तुम्हारा ईश्वर तुमसे ख़ुश होगा, तुम्हें स्वर्ग प्रदान करेगा। इन मूर्खों से कोई यह कभी नहीं पूछता कि जिस ईश्वर ने सभी को जीवन दिया है, उसका जीवन ले लेने से वह परमपिता हमसे कैसे ख़ुश हो सकता है?

मेरा मानना है कि जब कोई व्यक्ति एक निष्पाप या निर्दोष शरीर की केवल इसलिए हत्या करता है कि वह शरीर उसके धर्म को नहीं मानता, तो वह केवल उस शरीर की हत्या नहीं करता, बल्कि अपने अन्दर की इंसानियत की हत्या करता है। ईश्वर की रचना की हत्या करता है। सत्य की हत्या करता है। एक सहोदर की हत्या करता है; और अपने अन्दर एक महापाप को जन्म देता है, जिससे वह कभी मुक्त नहीं हो सकता। ईश्वर की नज़र में वह अपराध कर चुका है। दुनिया में कितने ही लोगों ने धर्म के नाम पर ऐसी हत्याएँ की हैं।

हज़ारों साल से कई धर्मों के बीच ऐसे युद्ध होते आये हैं, जिनसे सिवाय मानव क्षति के और कुछ हासिल नहीं हुआ है। लेकिन धर्म के नाम पर लडऩे-कटने वाले अपनी एक धार्मिक किताब को छोड़कर आज तक यह नहीं बता पाये कि उनका वास्तविक धर्म क्या है? क्योंकि ये धर्म से भटके हुए लोग हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का निधन, नेताओं, संस्थाओं ने गहरा दुख जताया

वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का निधन हो गया है। खान ने लखनऊ स्थित अपने आवास में शुक्रवार तड़के अंतिम सांस ली। उन्हें सुबह जब अस्पताल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। पत्रकारिता में अपनी भाषा और तेवर के लिए कमाल खान की पहचान थी।

रामनाथ गोयनका और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड्स से सम्मानित खान (61) एनडीटीवी में लखनऊ में वरिष्ठ पद पर थे। उनका विवाह पत्रकार रुचि कुमार से हुआ है। उनके निधन पर कई दलों के नेताओं, सामजिक संस्थाओं और अन्य जानी मानी हस्तियों ने दुःख जताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कमाल खान लखनऊ स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली।  खान अपने परिवार के साथ लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित सरकारी आवास में रहते थे। जानकारी के मुताबिक कल रात तक उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई दिक्कत नहीं दिख रही थी। शुक्रवार तड़के उन्होंने अपने घर में ही अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक कमाल खान का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ।

उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उत्तर  प्रदेश सहित सहित देश के कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।  है। समाजवादी पार्टी ने कमाल खान के निधन पर ट्वीट में कहा – ‘अत्यंत दुखद! एनडीटीवी के वरिष्ठ संवाददाता जनाब कमाल खान साहब का इंतक़ाल, अपूरणीय क्षति। दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना। भावभीनी श्रद्धांजलि।’

बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट में कहा – ‘एनडीटीवी से जुड़े प्रतिष्ठित व जाने-माने टीवी पत्रकार कमाल ख़ान की अचानक ही निधन के ख़बर अति-दुःखद तथा पत्रकारिता जगत की अपूर्णीय क्षति। उनके परिवार व उनके सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, ऐसी कुदरत से कामना।’

कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा – ‘वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान साहब के निधन की खबर स्तब्ध करने वाली है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और परिजनों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दें। भावभीनी श्रद्धांजलि।’

नेताओं का आना-जाना पार्टियों के लिये चिंता का विषय

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। विधायकों का एक दूसरे राजनीतिक दलों में आने–जाने का दौर जारी है, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगाये जा रहे है। सबसे मजे की बात ये है। जिस अंदाज में भाजपा के विधायक और मंत्री सत्ता को छोड़कर दूसरे राजनीति दलों में जा रहे है। वहां पर अब संभावनायें, ये जतायी जा रही है कि कहीं ये सियासी खेल तो नहीं है।

और तो और भाजपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने से अब समाजवादी पार्टी में इस बात का मंथन चल रहा है कि अगर भाजपा और अन्य राजनीति दलों से विधायक या बड़े नेता शामिल होते और समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा तो टिकट देना पार्टी के लिये मुसीबत हो सकता है। क्योंकि समाजवादी के जो नेता भाजपा के विरोध में और सत्ता के विरोध में गत पांच सालों से संघर्ष करते आ रहे है। उनका टिकट काटना या उपेक्षा करना मुश्किल साबित होगा। क्योंकि वो पार्टी के साथ बगावत भी कर सकते है।

समाजवादी पार्टी का मानना है। जो दूसरी पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे है वे महत्तपूर्ण तो है। लेकिन इतने भी महत्त पूर्ण नहीं है। कि वे अपने संघर्षशील नेताओं के साथ–साथ कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर सकें।

मौजूदा दौर में सभी राजनीति दलों में इस बात पर भी चिंतन चल रहा है कि अगर टिकट पाने के बाद भी अगर पार्टी को छोड़कर दूसरे दल में जाने का सिलसिला जारी रहा तो, निश्चित तौर पर चुनाव में बड़ी दिक्कत के साथ चुनावी परिणाम के साथ–साथ सियासी समीकरण भी बदल सकतें है।

बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के हादसे में 9 यात्रियों की मौत, 35 से ज्यादा घायल

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में गुरुवार देर रात एक ट्रेन हादसे में 9 लोगों की मौत हो गयी है जबकि 35 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह ट्रेन असम की राजधानी गुवाहाटी जा रही थी। हादसे में ट्रेन के छह डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

भारतीय रेलवे ने हरेक मृतक के परिजन के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर घायलों के लिए एक लाख रुपये और काम घायल यात्रियों के लिए 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। पीएम मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर दुःख जताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा तब हुआ जब बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। लोगों की जान जाने की एक वजह यह रही कि हादसे के बाद ट्रेन डिब्बे  पटरी पर पलट गए जिससे कुछ लोग इसके नीचे कुचल गए। हादसे में अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक 9 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 35 से ज्यादा घायल हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर जा रहे हैं।

हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन छह डिब्बे काफी ज्यादा  क्षतिग्रस्त हो गए। इस हादसे पर पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अफ़सोस जताया है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा – ‘रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेन हादसे के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ पीएम ने सीएम  ममता बनर्जी से भी हादसे को लेकर बात की और जायजा लिया।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक हादसे के वक्त ट्रेन में 1053 यात्री थे। उन्होंने बताया कि रेलवे ने हरेक मृतक के परिजन के लिए 5 लाख रुपये, गंभीर घायलों के लिए एक लाख रुपये और काम घायल यात्रियों के लिए 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि की देने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022:  कांग्रेस ने जारी की 125 उम्मीदवारों की पहली सूची

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में 50 सीटों पर महिला प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। प्रियंका गांधी ने लिस्ट जारी करते हुए कहा कि 125 उम्मीदवारों में से 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 प्रतिशत युवा है।

उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों में महिलाओं के साथ-साथ कुछ पत्रकार, संघर्षशील महिलाएं शामिल है। आशा बहनों ने कोरोना में बहुत काम किया, लेकिन उन्हें पीटा गया।

गांधी ने आगे कहा कि उन्नाव रेप पीड़िता की मां को भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। हमने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को भी टिकट दिया है। उन्हीं में से एक पूनम पांडेय को भी हमने नोएडा से टिकट दिया है। कि वे अपना संघर्ष जारी रखें, जिस सत्ता के जरिए उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद किया गया, वही सत्ता वे हासिल करें।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद फ़रुखाबाद से, प्रदेश कांग्रेस नेत्री सुप्रिया एरॉन, हस्तिनापुर से अर्चना गौतम, उत्तर प्रदेश के वाणिज्यिक नगरी नोएडा से पंखुरी पाठक, रामपुर खास से आराधना मिश्रा, शिकोहाबाद से शशि शर्मा, शाहजहांपुर से आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय, लखनऊ सेंट्रल से एनआरसी-सीएए के खिलाफ आंदोलन करने वालीं सदफ ज़ाफ़री कांग्रेस के उम्मीदवार बनी।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि सदफ जाफर ने सीएए-एनआरसी के समय बहुत संघर्ष किया था, सरकार ने उनका फोटो पोस्टर में छपवा कर उन्हें प्रताड़ित किया। मेरा संदेश है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आप अपने हक के लिए लड़ें। कांग्रेस ऐसी महिलाओं के साथ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी।

”इस लिस्ट में कुछ महिला पत्रकार हैं। एक अभिनेत्री हैं और बाकी संघर्षशील महिलाएं हैं, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए कई साल संघर्ष किया है”। उन्होंने कहा, ‘’पार्टी ने जीतने और लड़ने की क्षमता देखकर महिला उम्मीदवारों को चुना है, आज यूपी में तानाशाही सरकार है। हमारी कोशिश मुद्दों को केंद्र में लाने की है”। नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘’ये हर चुनाव में होता है, कुछ लोग आते हैं, कुछ लोग जाते हैं, कुछ घबरा जाते हैं। हमारे संघर्ष के लिए हिम्मत की जरूरत है, किसी के जाने से दुख तो होता ही है’’।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “इन चुनाव के बाद भी मैं उत्तर प्रदेश में ही रहूंगी। इसके बाद अगर पार्टी मुझे कहीं जाने को कहेगी तो मैं जाऊंगी, मैं उत्तर प्रदेश में रह कर ही अपनी पार्टी को मजबूत बनाऊंगी”।

 

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट हुआ हैक

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट 12 जनवरी की सुबह हैक हो गया। हालांकि कुछ समय बाद अकाउंट को फिर से री-स्टोर कर लिया गया था।

अकाउंट को हैक करने के बाद हैकर ने प्रोफाइल नेम को बदल कर एलन मस्क लिखा साथ ही प्रोफाइल फोटो में मछली की फोटो लगा दी थी। इसके साथ ही लगातार कई सारे ट्वीट भी किए गए जिनमे से एक पर एक लिंक के साथ एलन मस्क की फोटो को भी शेयर किया था। और कैप्शन में समथिंग अमेज़िंग भी लिखा था।

हालांकि, कुछ समय पश्चात् अकाउंट के रिस्टोर होने की जानकारी भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी) ने आईटी मंत्रालय के अकाउंट से साझा की।

मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा, “अकाउंट एटदरेट एमआईबी इंडिया बहाल कर लिया गया है। यह सभी अनुयायियों की जानकारी के लिए है।”

आपको बता दें, पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आर्य एसडब्ल्यूए, आईएमए का भी ट्विटर अकाउंट भी हैक किया गया था। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि हैकर्स वही हो सकते है जिन्होंने पिछले दिनों इन सभी के अकाउंट हैक किए थे।

पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व मे कमेटी करेगी जांच: पीएम सुरक्षा चूक मामला

पंजाब में प्रधानमंत्री सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम ने पांच सदस्यों की जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी। कमेटी के अंतर्गत पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, एडीजीपी व अन्य शामिल है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व केंद्र सरकार द्वारा  बनाई गई कमेटियों को अपनी जांच रोकने के आदेश दिए है। चीफ जस्टिस ऑफ (सीजेआई) ने इस कमेटी के रिपोर्ट सौंपने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। लेकिन उन्होंने कहा कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपे।

साथ ही सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने यह फैसला भी सुनाया है कि कमेटी अपनी जांच में यह देखे कि पीएम की सुरक्षा में क्या चूक हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है और ऐसी घटना भविष्य में दोबारा ना हो इसके लिए क्या किया जाए।

कोर्ट ने कहा, पीएम की सुरक्षा एक संवेदनशील मामला है। ऐसे में एक प्रशिक्षित स्वतंत्र और न्यायिक शख्स को जांच का जिम्मा दिए जाने की ज़रूरत है, जिसे बाकी सदस्य सहयोग करेंगे।

पीएम मोदी करेंगे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक: कोरोना पर चर्चा

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना और ओमिक्रॉन वेरिएंट संक्रमण मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (13 जनवरी) को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सकते है।

हालांकि देश में कोरोना के नए मामलों में कल की तुलना में कमी जरुर आई है लेकिन अभी भी यह आंकड़ा 1.68 लाख से ज्यादा ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते रविवार को देश में कोविड महामारी के हालात, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति, ओमिक्रॉन के प्रसार और इसके जन स्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

साथ ही इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किए जाने और वयस्कों के लिए टीकाकरण मुहिम मिशन मोड पर तेज किए जाने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि, राज्यों के हालात, तैयारियों और जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाएगी। कोविड महामारी मामलों में वृद्धि के बीच देश में स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को एहतियाती तौर पर टीकों की बूस्टर खुराक दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है।

यूपी में भाजपा को झटके, एसपी मौर्या का इस्तीफा, कुछ और कतार में !

उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्या के मंगलवार को भाजपा से इस्तीफे के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा में भगदड़ मच गयी है। उनके अलावा 7 और विधायकों ने इस्तीफे देने की ‘बात’ कही है। योगी सरकार में मंत्री मौर्या ने दावा किया है कि एक-दो दिन में भाजपा के कई और विकेट गिरने वाले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से इतने ज्यादा विधायकों के इस्तीफों की खबर से यूपी भाजपा हिल गयी है। यह विधायक सपा में जा सकते हैं। भाजपा एकाध दिन में यूपी के उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाली है।

इस घटनाक्रम से बेचैन भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इन विधायकों से जल्दबाजी में फैसला न करने की अपील की है। इस्तीफों की इन ख़बरों से जाहिर हो रहा है कि विधायकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति नाराजगी है। जिन विधायकों ने आज इस्तीफा देने की ‘बात’ कही है उनमें रोशन लाल वर्मा, बृजेश प्रजापति, ममतेश शाक्य, भगवती सागर, विनय शाक्य, धर्मेंद्र शाक्य और नीरज मौर्य के नाम शामिल हैं। चर्चा है कि आने वाले समय में दारा सिंह चौहान, देवेंद्र प्रताप सिंह, नंदगोपाल नंदी, धर्म सिंह सैनी जैसे नेता भी कुछ फैसला कर सकते हैं।

बता दें आज स्वामी प्रसाद मौर्य जब इस्तीफा लेकर राजभवन गए उनके साथ विधायक रोशन लाल वर्मा भी थे। इस से जाहिर होता है कि यह विधायक कुछ समय से योगी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। इस बीच वर्तमान घटनाक्रम से परेशान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट करके इन विधायकों से जल्दबाजी में फैसला न करने की अपील की है। उन्होंने कहा – ‘स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि संगठन में बैठकर बात करें और जल्दबाजी में किये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।’

भाजपा को पहला बड़ा झटका आज लगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी केबिनेट के साथ भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद अखिलेश यादव के साथ उनकी तस्वीर से जाहिर हो गया कि वे समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। मौर्य योगी सरकार में श्रम मंत्री थे। मौर्या ने इशारा किया कि भाजपा में ‘बड़ी भगदड़ मचने वाली है’।

मौर्य ने आरोप लगाया कि भाजपा में उनकी उपेक्षा हो रही थी। इधर चर्चा है कि आने वाले समय में दारा सिंह चौहान, देवेंद्र प्रताप सिंह, नंदगोपाल नंदी, धर्म सिंह सैनी जैसे नेता भी कुछ फैसला कर सकते हैं। आज मौर्या ने कहा – ‘मुझे कोई पछतावा नहीं है।  सुबह ही मैं दिनेश शर्मा और बंसल जी से मिला। एकाध दिन की अंदर इंतजार करिए। अभी तो खेल शुरू हुआ है, एक-दो दिन में खेल का नतीजे आएंगे।’