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आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा देश, संसद अभिभाषण में कहा राष्ट्रपति ने

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है और सरकार की नीतियां इसमें अहम रोल अदा कर रही हैं। बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों के साझे अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार के कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया और भविष्य के लिए सकारात्मक संभावनाओं का भरोसा जताया। उन्होंने सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की भी बात की और कहा कि इसमें ‘मेक इन इण्डिया’ रोल अहम होता जा रहा है।

अभिभाषण की शुरुआत में राष्ट्रपति कोविंद ने आज़ादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का स्मरण किया। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन्स पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा विदशी निर्यात बढ़ा है और देश ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने अभिभाषण में ग्रीन एक्सप्रेस वेज और ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट्स का भी जिक्र  किया और कहा कि पिछले साल के आखिर काँप 26 सम्मलेन में भारत ने कार्बन उत्सर्जन कम करने का मन्त्र दुनिया को दिया।

उन्होंने सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की भी बात की और कहा कि इसमें ‘मेक इन इण्डिया’ रोल अहम होता जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने 209 सैन्य उत्पाद विदेश से नहीं खरीदने और 2800 उत्पाद देश में ही ‘मेक इंडिया’ के तहत बनाने का फैसला किया है।

कोविंद ने कहा कि सरकार और नागरिकों के बीच यह परस्पर विश्वास, समन्वय और सहयोग, लोकतन्त्र की ताकत का अभूतपूर्व उदाहरण है। उन्होंने कहा – इसके लिए, मैं देश के प्रत्येक हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर का, हर देशवासी का अभिनंदन करता हूं।’

कोविड-19 पर राष्ट्रपति ने कहा के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है. हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रेकॉर्ड पार किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन्स पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा – ‘सरकार ने 8000 से अधिक जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराकर, इलाज पर होने वाले खर्च को कम किया है।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरी सरकार की आस्था, अंत्योदय के मूल मंत्र में है, जिसमें सामाजिक न्याय भी हो, समानता भी हो, सम्मान भी हो और समान अवसर भी हों।’

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मेरी सरकार सभी गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया।’

उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है। राष्ट्रपति ने कहा – ‘मेरी सरकार के निरंतर प्रयासों से, भारत एक बार फिर, विश्व की, सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है।’

अभिभाषण में राष्ट्रपति ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा – टोक्यो ओलंपिक के दौरान हम सभी ने भारत की युवा शक्ति की क्षमताओं को देखा है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत ने 7 मेडल जीते। टोक्यो पैरालंपिक में भी भारतीय पैरा एथलीटों ने 19 पदक जीतकर रेकॉर्ड कायम किया।’

देश में कोविड मामलों में 10.4 फीसदी की कमी, 24 घंटे में 959 लोगों की मौत

देश में हाल के दो हफ़्तों में कोविड के मामलों में आई तेजी अब ढलान की तरफ दिख रही है। वैसे पिछले 24 घंटे में देश भर में 959 लोगों की इस महामारी से मौत भी हुई है, हालांकि इनमें केरल में हुई 374 मौतों का बैकलॉग शामिल है। इन घंटों में कोरोना के 2,09,918 नए मामले सामने आए हैं जो एक दिन पहले के मुकाबले 10.4 फीसदी कम हैं जब 2.34 लाख मामले आए थे।

सरकार की तरफ से आज सुबह देश में सक्रिय मामलों में भी कमी दर्ज की गई है। सक्रिय मामले घटकर 18,31,268 रह गए हैं, जबकि एक दिन पहले यह संख्‍या 18.84 लाख थी। कोरोना के चलते पिछले 24 घंटे में 959 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 374 केरल में हुई मौतों का बैकलॉग जोड़ा गया है।

कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की बात करें तो पिछले 24 घंटे के दौरान 2,62,628 लोग ठीक हो चुके हैं, जिसके बाद ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्‍या बढ़कर के 3,89,76,122 तक पहुंच गई है। फिलहाल देश में सक्रिय मामले कुल मामलों का 4.43 फीसदी हैं।

उधर देश का रोजाना का पॉजिटिविटी रेट 15.77 फीसदी दर्ज किया है, जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 15.75 फीसदी है। साथ ही रिकवरी रेट 94.37 फीसदी है। इस बीच पिछले 24 घंटे में 13,31,198 कोरोना टेस्‍ट किए गए हैं, जिससे देश में अब तक कुल 72.89 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। अब तक 166.03 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

बजट सत्र आज से, राष्ट्रपति अभिभाषण होगा और आर्थक सर्वे रिपोर्ट पेश होगी

तहलका ब्यूरो
संसद का बजट सत्र सोमवार (आज) से शुरू हो रहा है। जहाँ विपक्ष विभिन्न मुद्दों के साथ सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है, वहीं सरकार इस दौरान बजट पेश करेगी और कई बिल भी पेश किये जाएंगे। आज बजट सत्र की शुरुआत दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी। आज ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी आर्थिक सर्वेक्षण की प्रति सदन के पटल पर रखेंगी।पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही 11 बजे से कुछ पहले जबकि राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर ढ़ाई बजे शुरू होगी। सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 का बजट कल (मंगलवार) सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश करेंगी। राज्यसभा की कार्यवाही बजट भाषण के एक घंटे बाद शुरू होगी और वहां भी सदन पटल पर बजट की प्रति रखी जाएगी।

आज राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को सेंट्रल हॉल में संबोधित करेंगे। इसमें सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखेंगे साथ ही सरकार भावी योजनाओं का जिक्र होगा। इसके बाद वित्त मंत्री 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश करेंगी। इसमें देश के आर्थिक हालात की झांकी भी मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन की कार्यवाही से पहले सुबह 10 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति का अभिभाषण सुबह 11 बजे शुरू होगा। उनके अभीभाषण के आधे घंटे बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश होगा और फिर लोकसभा की कार्यवाही आज के लिए स्थगित हो जाएगी।

राज्यसभा में दोपहर 2.30 बजे कार्यवाही शुरू होगी और वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित हो जाएगी। शाम पौने चार  बजे मुख्य आर्थिक सलाहकार मीडिया से रू-ब-रू होंगे।

उधर विपक्ष जोर-शोर से सरकार को घेरने की तैयारियां कर रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पहले ही साफ़ कर चुकी है कि वह महंगाई, बेरोजगारी, देश की सम्पतियों को बेचने, चीन के साथ जारी गतिरोध, एयर इंडिया और दूसरी सरकारी कंपनियों के निजीकरण, किसानों का मसला, पेगासस के जरिये देश के नागरिकों की जासूसी, कोविड प्रभावितों को मदद और अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाबतलबी करेगी। दूसरे विरोधी दल भी कह रहे हैं कि सरकार नाकाम साबित हुई है और जनता उससे तंग है। बजट सत्र पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों के बीच हो रहा है लिहाजा इसका राजनीतिक महत्व भी काफी है।

बता दें बजट सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें होंगी, जिसमें पहले चरण में 10 बैठक और दूसरे चरण में 19 बैठकें होंगी। बजट सत्र का आयोजन ऐसे समय हो रहा है, जब पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

विधानसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश में छोटे दल भी अहम् है

तहलका ब्यूरो
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख ज्यों –ज्यों
नजदीक आती जा रही है। त्यों-त्यों चुनावी माहौल का
मिजाज कुछ और ही बता रहा है। बताते चलें ये कि
चुनाव में जो एक माहौल ऐसा भी बनाया गया है कि सपा
और भाजपा के बीच ही कड़ा मुकाबला है। जबकि छोटे
–छोटे दल के नेताओं का मानना है। कि चुनाव परिणाम
कुछ भी हो, लेकिन वे निर्णायक भूमिका शामिल
होगे।चुनाव में कांग्रेस, बसपा, सपा और भाजपा भले ही
बड़ी पार्टियां है। लेकिन जो छोटी –छोटी पार्टियां जो इस
बार उभर कर सामने आयी है। और उन्होंने गठबंधन कर
चुनावी ताल ठोंकी है। उसके सीधे मायने साफ निकालें जा
सकते है। कि सत्ता में भागीदारी चाहती है। महानदल
के नेता केशव देव मोर्य, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
के नेता ओमप्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के अध्यक्ष

संजय निषाद और अपना दल जो दो भांगों में बंट गया
है। जिनमें से एक है पल्लवी पटेल के हाथ में है जिन्होंने
अपना दल (कमेरावादी )का गठन कर समाजवादी के साथ
गठबंधन किया है। जबकि उसकी सगी बहन अनुप्रिया
पटेल ने अपना दल (एस) का गठबंधन भाजपा के साथ
किया है।वहीं अन्य छोटे दल गठबंधन कर चुनावी समर
में हर हाल में जीत का दावा कर रहे है।
उत्तर प्रदेश की सियासत के जानकार सचिन सिंह का
कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव सदैव से महत्वपूर्ण रहा है।
क्योंकि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही गुजरता है।
इसलिहाज से बड़े दलों के साथ जो छोटे दल चुनावी भंवर
में है कड़ी मेहनत कर वे हर हाल में चुनाव जीतना चाहते
है। उनको इस बात का भी अंदाजा है कि कई बार बड़े
दल सरकार बना पाने लायक बहुमत नहीं ला पाते है। तो
ऐसे में दो-चार विधायकों वाली पार्टी भी सरकार बनाने में

अहम् रोल ही नहीं निभाती है। बल्कि सरकार में अपनी
दखल के साथ मनमाफिक मंत्रालय हासिल भी करती है।

केजरीवाल की पंजाब के शहरों के लिए 10 गारंटी, बिजली-पानी 24 घंटे

तहलका ब्यूरो
विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के शहरवासियों के लिए शनिवार को विकास के कामों से जुड़ी  10 गारंटी दीं। इनमें 24 घंटे बिजली और पानी देने का वादा भी शामिल है।

केजरीवाल, जिनके साथ पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान भी थे, ने जलंधर में शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में 10 गारंटी को लेकर बताया कि इनमें शहरों की साफ सफाई,  सीवर गार्बेज डिस्पोजल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज,  घर बैठे सरकार से जुड़े काम दिल्ली की तर्ज पंजाब में भी शुरू करवाने, शहरी  कॉलोनियों की मार्केट में तारों के जंजाल हटाने के लिए अलग बजट, शहरों के  अस्पतालों को अच्छा करेंगे और हर मोहल्ले में मोहल्ला क्लिनिक बनाएंगे जहाँ मुफ्त इलाज होगा।

केजरीवाल ने कहा – ‘शहरों के सरकारी स्कूल इतने अच्छे करेंगे कि महंगी फीस देकर बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजने की जरूरत नहीं होगी और साथ ही 24 घण्टे बिजली का इंतजाम होगा, 24 घण्टे पीने के पानी का इंतजाम किया जाएगा और व्यापारियों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाएंगे, दिल्ली में जैसे सीटीवीवी नेटवर्क है, पंजाब में भी चप्पे चप्पे पर कैमरे लगाएंगे और मार्केटस को विकसित करके, टूटी सड़कें, नालियां गलिया ठीक की जाएंगी।’

पंजाब में आप के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने इस मौके पर कहा – ‘दिल्ली में  शहरों में जो विकास केजरीवाल साहब ने करवाया है और जिस तरह पानी ,स्ट्रीट लाइट, सीवर की समस्यायों को सुधारा है, वही पंजाब में भी किया जाएगा। सिर्फ आप ही ऐसा कर  सकती है क्योंकि उसका एजेंडा के विकास का है।’

‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का पेगासस पर बड़ा खुलासा, राहुल ने मोदी सरकार को घेरा

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले पेगासस जासूसी का भूत फिर उभर आया है। इस बार दुनिया भर में मशहूर अमेरिका के अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजरायल के बीच 2017 में हुए करीब दो अरब डॉलर के हथियार और  खुफिया उपकरण सौदे के केंद्र बिंदु थे। इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीखा हमला किया है।

यह रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जबरदस्त निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा – ‘मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं और जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। उन्होंने फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।’

राहुल गांधी के अलावा कई कांग्रेस नेताओं और विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार पर इस मामले को लेकट हमला किया है। अमेरिका के डेली अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के इस खुलासे के बाद देश में पेगासस को लेकर फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

पहले जब आरोप लगे थे तो सामने आया था कि पेगासस को देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कुछ सरकारों ने कथित रूप से एनएसओ समूह के पेगासस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल  किया था। इसके बाद भारत में भी मोदी सरकार पर लोगों की गोपनीयता में ताक-झाँक करने के आरोप लगे थे और इसपर चिंताएं जताई गयी थीं।

अब नए खुलासे के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट करके कहा – ‘मोदी सरकार ने भारत के दुश्मनों की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल क्यों किया? पेगासस का इस्तेमाल कर अवैध जासूसी करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।’

शिवसेना सी राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट – ‘एक स्पाइवेयर का इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि विपक्ष और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया जाता है। भाजपा है तो मुमकिन है, देश को बिग बॉस का शो बना डाला है।’

सिद्धू ने अमृतसर पूर्व से दाखिल किया नामांकन पत्र, सीएम पद के हैं दावेदार

29 January 2022 Amritsar Punjab Congress party president and Congress party candidate Navjot Singh Sidhu (R) files his nomination papers for the upcoming Punjab state assembly elections, in Amritsar on Saturday. PHOTO-PRABHJOT GILL AMRITSAR

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के लिए अमृतसर पूर्व सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है।

अमृतसर से चार बार सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धू की क्षेत्र में खासी लोकप्रियता मानी जाती है। इस बार फिर कांग्रेस ने उन्हें अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से टिकट दिया है। आज उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया।

याद रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने 2017 में भी इसी सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वे कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाए गए थे। हालांकि, कुछ महीने बाद सिद्धू के कैप्टन के साथ मतभेदों के चलते सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

पिछले साल के आखिर में  तब ताकतवर हो गए जब उन्हें पार्टी ने पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने कैप्टेन के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया। आखिर कैप्टेन को अपना पद छोड़ना पड़ेगा। बाद में जब चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया जिसके बाद सिद्धू के चन्नी के साथ भी उनके मतभेदों की बात मीडिया में कहे जाती है।

आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा विवाद में आज ‘बिहार बंद’, सड़कें कीं जाम

बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर शुरू हुआ विवाद अब आंदोलन का रूप ले रहा है। इसके विरोध में शुक्रवार को ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया गया है जिसके तहत छात्र जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगह सड़क मार्ग बंद किये हैं। कुछ जगह राजनीतिक दल भी बिहार बंद में हिस्सेदारी करते दिखे। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक बंद शांतिपूर्ण है और किसी तरह की हिंसा कोई खबर नहीं है।

बंद के दौरान पटना में एक मार्च निकाला गया जबकि मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और अरवल में भी ‘आइसा’ समर्थक सड़क पर उतरे। कई जगह सड़कें जाम की गयी हैं।  आरआरबी-एनटीपीसी रेलवे भर्ती परीक्षा को लेकर बवाल के बाद केंद्र सरकार ने छात्रों की मांगें मानी हैं, हालांकि,  छात्रों ने आज ‘बिहार बंद’ का आयोजन किया है।

अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना, गया, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित बिहार के कई बड़े शहरों में सुबह से रास्तों को जाम कर दिया गया। सड़कों पर टायर भी जलाए गए हैं। छात्रों ने नारेबाजी भी की है। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राजनीतिक दल सक्रिय दिख रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी, कांग्रेस और लेफ्ट के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में दिखाई दिए हैं।

उधर आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच छात्रों को भड़काने के आरोप में खान सर समेत कई कोचिंग संस्थानों के 6 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की गयी है। दिलचस्प यह है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह ने ही रेलवे से खान सर समेत सभी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग की है। लल्लन सिंह ने गुस्साए छात्रों से शांति की अपील भी की है।

चन्नी या सिद्धू ! पंजाब में चुनाव से भी बड़ी है कांग्रेस की यह चिंता

राहुल गांधी के गुरुवार के दौरे के बाद पंजाब में कांग्रेस की स्थिति में कोई ख़ास बदलाव हुआ है ? हाँ, हुआ है। राहुल गांधी की कही यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि  जनता, पार्टी और कार्यकर्ता जिसे तय करेंगे, वहीं सीएम का चेहरा होगा। पार्टी में सभी इस फैसले का सम्मान करेंगे। कांग्रेस राजनीतिक रिस्क के बचने के लिए किसी भी चेहरे को मतदान से पहले सीएम के रूप में प्रोजेक्ट न करे, यह उसके लिए ज्यादा फायदेमंद है। नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस आलाकमान के प्रिय हैं और पार्टी उन्हें खोना नहीं चाहती। लेकिन वह एक दलित नेता के रूप में चन्नी का महत्व भी कम नहीं करना चाहती।

सिद्धू विधानसभा चुनाव में अपने हलके में सब विरोधियों के निशाने पर हैं। कैप्टेन अमरिंदर सिंह किसी सूरत में उन्हें जीतने नहीं देना चाहते। आखिर सिद्धू के कारण ही कैप्टेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी गयी थी। उनके मन में सिद्धू के लिए राजनीतिक जहर भरा है। अकाली दल, खासकर बादल, भी सिद्धू से खूब खार खाते हैं। सिद्धू राहुल गांधी के दौरे में मंच से उनके सामने चेहरा घोषित करने को लेकर मांग कर चुके हैं।

भाजपा भी सिद्धू के प्रति तल्ख है। सब मिलकर अमृतसर सीट पर सिद्धू को ‘मज़ा’ चखाना चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस पूरी ताकत से उनके साथ रहना चाहती है। प्रियंका और राहुल सिद्धू का राजनीतिक महत्व समझते हैं, भले बीच-बीच में उन्होंने अपने बयानों से आलाकमान की बेचैनी भी बढ़ाई है।

सिद्धू विधानसभा चुनाव में यदि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बने रहते हैं और पार्टी कोई चेहरा घोषित नहीं करती तो इसका लाभ उन्हें मिलेगा। चन्नी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित होने की स्थिति में सिद्धू को अपने हलके में ‘भावी सीएम’ वाली मनोविज्ञानिक बढ़त से बंचित होना पड़ेगा। ऐसे में चुनाव उनके लिए कठिन भी हो सकता है। मनीष तिवारी, सुनील जाखड़ जैसे कद्दावर नेता पहले ही सिद्धू को लेकर अटपटे ब्यान दे चुके हैं। लिहाजा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चाहते हैं कि ऐसे समय में पार्टी पूरी ताकत से सिद्धू के पीछे रहे।

उधर चन्नी भी अपनी ‘सीएम’ वाली छवि के साथ चुनाव में जाना चाहते हैं। खुद उन्हें और पार्टी को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि वे देश भर में अकेले दलित सीएम हैं। सिद्धू के विपरीत अपने हलके में चन्नी को समर्थन की उतनी चिंता नहीं है। पिछले छह साल बाद चन्नी के रूप में देश को दलित सीएम मिला है, और कांग्रेस इससे मिलने वाली संभावित बढ़त को गंवाना नहीं चाहती। यही कारण है कि चन्नी उसके एजेंडे में ऊपर हैं।

पंजाब में करीब 32 फीसदी दलित वोट हैं, भले उनकी जातियाँ अलग-अलग हैं। सिख धर्म में वैसे तो दलित, जट्ट सिख या अन्य सिख में भेद नहीं किया जाता, लेकिन राजनीति में यह चीजें मायने रखती हैं। कांग्रेस इस बात को समझती है। ऐसे में वह चन्नी और सिद्धू को लेकर जिस दुविधा का शिकार है, उसमें उसके लिए बीच का रास्ता ही सही है। राहुल गांधी के पंजाब दौरे से यही सन्देश मिला है कि वह शायद चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित न करे। और यदि पार्टी ने किया तो उसका फैसला चौंकाने वाला होगा। शायद यह चन्नी हों।

कुलमिलाकर दिखता है कि कांग्रेस सीएम चेहरे को लेकर दुविधा में है। लेकिन ऐसा   सिर्फ दिख रहा है, हकीकत में ऐसा नहीं है। आलाकमान की सीएम कौन हो, इससे बड़ी चिंता यह है कि उसके नेता एकजुट होकर चुनाव में जाएं। पार्टी के पांच बड़े नेता सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़, सांसद मनीष तिवारी और प्रताप सिंह बाजवा
अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। कुछ और हैं, जो इन नेताओं के साथ हैं और एक-दूसरे के विरोध में कहने से नहीं हिचक रहे। चुनाव में इसका नुक्सान होता है।

वीकेंड कर्फ्यू की योजना फरवरी तक की थी, लेकिन व्यापारियों की चेतावनी को सरकार ने हल्के में नहीं लिया

दिल्ली में व्यापारियों की मांग पर दिल्ली सरकार ने आँड-ईवन और वीकेंड कर्फ्यू तो समाप्त कर दिया है। जिससे व्यापारियों में खुशी है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के मामलें भी कम आ रहे है। ऐसे में जायज भी है कि बाजारों को खुलना चाहिये। ताकि व्यापारियों का कारोबार चल सकें और व्यापारियों के साथ जुड़े अन्य छोटे कर्मचारी है उनकी नौकरी भी बने रहे।

दिल्ली सरकार ने इन्ही बातों को भाप कर वीकेंड़ कर्फ्यू सहित अन्य पांबदियों को हटाने का फैसला लिया है। बताते चले कि दिसम्बर माह से दिल्ली सहित एनसीआर में कोरोना के मामलें बढ़ने लगे थे। इसी के मद्देनजर सरकार ने ये तामाम पाबंदियों सहित वीकेंड कर्फ्यू का निर्णय लिया था। जिसका असर ये हुआ कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में काफी कमी आयी। क्योंकि बाजारों के बंद होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया गया।

गांधी नगर के व्यापारी संतोष कुमार का कहना है कि सरकार ने व्यापारियों की मांगों को माना है। जिसके चलते बाजारों में लगा आँड-ईवन भी समाप्त किया गया है। उनका कहना है कि गांधी नगर कपड़े का एशिया का सबसे बड़ा मार्केट होने की वजह से देश भर के गांव–शहरों से यहां से कपड़ा ले जाकर व्यापार करते है। लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा जब आँड–ईवन से साथ वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया। तब व्यापार पर काफी विपरीत असर पड़ा था।

वहीं अन्य व्यापारियों ने तहलका को बताया कि सरकार के फैसले के बाद भले ही व्यापारियों ने राहत की सांस ली हो लेकिन अगर कोरोना बढ़ता है तो कोरोना गाईड-लाईन का पालन नहीं होता है। तो फिर से बाजारों में पांबदी लग सकती है।

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एस के गोयल ने बताया कि अगर व्यापारियों का दबाव न होता तो कम से कम फरवरी माह तक वीकेंड कर्फ्यू की जरूरत थी। तब तक कोरोना पर काफी हद तक काबू जा सकता था। लेकिन व्यापारियों की मांग के आगे सरकार ने फैसला बदला है और तामाम पाबंदियों पर छूट दी है।

बताते चलें व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी भी दी थी अगर वीकेंड कर्फ्यू के साथ बाजारों को पुनः न खोला गया तो जो उनके यहां नौकरी करते है। उनको नौकरी से निकाल दिया जायेगा। इसी बात को समझकर और व्यापारियों की चेतावनी को हल्कें में न लेकर बाजारों को खोलने का निर्णय लिया गया है।