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यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते भारत में भी चुनाव के बाद हो सकती है महगांई

यूक्रेन और रूस के बीच अगर युद्ध लंबा चला तो, आने वाले दिनों में जो तनाव का माहौल बनेगा उससे तबाही के अलावा देश-दुनिया को काफी महगांई का सामना करना पड़ेगा। जिससे अछूता भारत भी नहीं रहेगा।
इस बारे में जानकारी देते हुये दिल्ली व्यापार संघ के प्रधान विजय प्रकाश का कहना है कि अभी पांच राज्यों में चुनाव चल रहे है। जिसके चलते तामाम पहलुओं के मद्देनजर महगांई को रोका गया है। अन्यथा महगांई देश में दिखने लगती।
दुनिया के कई देशों में डीजल -पेट्रोल के दामों में इजाफा होने से वहां पर खाने -पीने के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। अगर उसी तरह भारत में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ते है। तो निश्चित तौर पर महगांई का ताडंव हम सबको देखना पड़ेगा। जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की जेब पर असर पड़ेगा।
उनका कहना है कि दोनों देसों के बीच चल रहे युद्द के चलते आयात -निर्यात पर असर देखने को मिलने लगा है। रूस में सामान-ना आ पा रहा और ना जा पा रहा है। इसी तरह कई देशों में यहीं हाल हैै। दिल्ली के चांदनी चौक के व्यापारी नेता राकेश यादव का कहना है कि पहले कोरोना की मार से भारत ही नहीं कई दोशों की आर्थिक तंगी से दुनिया जूझी है। अब युद्द से बाजार लडखड़ा रहे है। शेयर बाजार धाराशाही हो रहे है। राकेश यादव ने भारत सरकार से अपील की है कि दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुये  व्यापार पर कोई असर न पडे उससे निपटने के लिये सार्थक पहल करें ताकि भारत पर किसी प्रकार का कोई संकट न आ सकें। 

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बुखारेस्ट और हंगरी से होकर लाने की तैयारी

युद्धग्रस्त यूक्रेन में बड़े स्तर पर भारतीयों के फंसने के बाद देश में उभरी नाराजगी के बीच सक्रिय हुई केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कोशिशें तेज कर दी  हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए दो उड़ानें भेजे जाने की तैयारी है जबकि कल भी एक उड़ान हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट भेजी जा  सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत में भारतीयों की सुरक्षा को मुद्दा उठाया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सभी उड़ानों का खर्चा सरकार उठाएगी। रूस की यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के दूसरे दिन सरकार ने यह कदम उठाया है। हमले के समय यूक्रेन में 15  भारतियों के होने की बात गयी है। इस दौरान यूक्रेन में फंसे बहुत से भारतीय छात्रों के वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें सरकार पर लापरवाही करने जैसी बातें की गई हैं। छात्रों का कहना था कि उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पद रही हैं और वे मुश्किल झेल रहे हैं।

अब सरकार की पहल से इन छात्रों के परिजनों ने राहत की सांस ली है। सरकार के सामने बड़ी चुनौती यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने की है, जिसके लिए  प्रयास तेज कर दिए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए हंगरी और पोलैंड की सीमाओं के जरिए सरकारी दल भेजे हैं।

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा – ‘सुरक्षित मार्गों की पहचान हमने कर ली है। सड़क मार्ग से, यदि आप कीव से जाते हैं, तो आप नौ घंटे में पोलैंड और करीब 12 घंटे में रोमानिया पहुंच जाएंगे। सड़क का नक्शा भी तैयार है।’ बता दें इस समय युद्ध के कारण यूक्रेन ने अपना एयरस्‍पेस वाणिज्यिक उड़ान के लिए बंद कर दिया है। रूस के हमले में कई हवाई अड्डों के तबाह होने की भी ख़बरें हैं।

चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ नहीं लेकिन प्रचार शुरू

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव की तारीख का ऐलान होने के पहले ही दिल्ली की गलियों में संभावित प्रत्याशियोें का चुनाव प्रचार धूम मचाने लगा है। यह प्रचार पोस्टर और ई-रिक्शा के द्वारा सुबह, दोपहर और शाम को जमकर हो रहा है। प्रचार मे भाजपा, कांग्रेस और आप पार्टी के नेता शामिल है।
दिल्ली की गलियों में इस बार एमसीडी में परिवर्तन का माहौल बनाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी अपने खोये हुये जनाधार को पाने के लिये गलियाें में व्यापक संपर्क अभियान चलाये हुये है। कांग्रेस का कहना है कि एमसीडी में भाजपा और दिल्ली सरकार में आप पार्टी की सरकार में जनता को कोई खास सुविधायें नहीं मिल रही है।
कांग्रेस इस बात का दावा भी कर रही है कि दिल्ली में जो भी विकास कार्य हुये है। वो कांग्रेस के शासन काल में हुये है। आप पार्टी ने तो जनता को ठगने के लिये फ्री में कुछ सुविधाये देकर जनता को वोट बैंक के तौर पर प्रयोग किया है। वहीं भाजपा ने एमसीडी में भ्रष्टाचार को बढ़ाकर जनता के काम तक नहीं किये है। आज एमसीडी में कोई भी काम बिना पैसा दिये नहीं हो रहे है। लेटंर से मकान बनवाने तक के लिये पैसा देना होता है। तब जाकर काम होते है। 
दिल्ली की गलियों में हो रहे चुनाव प्रचार को लेकर दिल्ली के सियासत के जानकर पवन कुमार का कहना है कि जो भी प्रचार हो रहा है। वो भी चुनाव की तारीख की घोषणा के पहले इससे पैसा की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है। क्योंकि प्रचार तो संभावित प्रत्याशी कर रहे है। मतलब कि इनमें  से ज्यादा त्तर लोगों  को टिकट नहीं मिलना है। उनका कहना है कि चुनाव को लेकर माहौल बनाया जा रहा है। कांग्रेस अपने खोये हुये जनाधार को पाने के लिये  संघर्ष कर रही है। वही भाजपा अपनी जीत को बनाये रखने के लिये प्रयास कर रही है। जबकि आप पार्टी एमसीडी में कब्जा करने के लिये ऐडी चोटी  का जोर लगा रही है।

यूक्रेन और रूस को लेकर शंका और आशंका के बीच भारतीय बाजार

यूक्रेन पर रूस के घातक हमले के बाद देश-दुनिया के बाजारों में सन्नाटा छा गया है। वहीं भारतीय बाजारों में यूक्रेन और रूस के युद्ध को लेकर भय का माहौल है। व्यापारियों का कहना है कि अगर युद्ध लंबा चला तो महगांई व्यापक स्तर पर बढ़ेगी। डीजल-पैट्रोल के दामों में इजाफा होगा।
व्यापारिक गतिविधियों के जानकार अशोक जिन्दल का कहना है कि जब भी कहीं युद्ध होता है। तो देश-दुनिया के बाजारों पर सीधा असर पड़ता है। मौजूदा समय में रूस से भारतीय बाजार में कच्चा माल आता है। साथ ही फार्मास्युटिकल का कारोबार भी जुड़ा है। ऐसे में स्वाभाविक है। कि भारतीय बाजार में आशंका और शंका का माहौल है।
बढ़ती महगांई को भापते हुये देश में जमा खोरी का माहौल बन सकता है। इसलिये हमारी सरकार को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि बाजार में अफरा-तफरी न मचें। क्योंकि देश में सटोरियों का बोलबाला इस कदर है कि अपने मुनाफे को लेकर वह कोई भी मौका नहीं छोड़ते है। सटोरियों का एक संगठित ग्रुप है। जो आपदा में लोगों के बीच सुनियोजित तरीके से भय और डर का माहौल बनाकर कालाबाजारी करने से नहीं चूकता है।
चांदनी चौक के व्यापारी व चावल का आयात-निर्यात करने वाले एक व्यापारी ने बताया कि चावलों के दामों में इजाफा तो होने लगा है। अगर युद्ध लंबा चला तो चावल के दाम और भी ज्यादा बढ़ सकते है। इस तरह अन्य खाद्य सामानों के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ रही है। ऐसे में सरकार को विशेष नजर बाजार पर ऱखनी चाहिये। अन्यथा सटोरियों का बाजार में बोलबाला बढ़ जायेगा।
आलू-प्याज का थोक का काम करने वाले व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों पर महगांई की मार तो डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी के साथ ही बढ़ती है। अगर डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ते है। क्योंकि सब्जियों की फसल उगाने में डीजल की जरूरत होती और वहीं बाजार तक सब्जियों को लाने में किराया-भाड़ा में बढ़ोत्तरी के चलते सब्जियों के दाम बढ़ जाते है।

रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया के बाज़ार में खलबली, सेंसेक्स 1,700 पॉइंट्स टूटा

रूस के यूक्रेन हमले के बाद दुनिया में मची खलबली के बीच आर्थिक जगत में बड़ी  हलचल मच गयी है। हमले के बाद दुनिया के सभी शेयर बाजार गिरावट में हैं। शेयर बाजार में गुरुवार को पहले मिनट में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1,700 पॉइंट्स टूटकर 55,563 पर पहुंच गया है। बैंकिंग शेयर्स की खराब हालत होने से निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपए का चूना लग गया है।

यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया के सभी शेयर बाजार गिरावट में हैं। आज सेंसेक्स 1,814 अंक नीचे 55,416 पर खुला था। पहले घंटे में इसने 55,984 का ऊपरी और 55,375 का निचला स्तर बनाया। इसके सभी 30 शेयर गिरावट में हैं। गिरने वाले प्रमुख स्टॉक में टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, एयरटेल, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के शेयर्स 3-3 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं।

उधर टेक महिंद्रा, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, एसबीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, मारुति, डॉ. रेड्डी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के स्टॉक 2 से 3 फीसदी तक टूटे हैं। पावरग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, कोटक बैंक, टाइटन, नेस्ले, सनफार्मा और एनटीपीसी के शेयर एक-एक परसेंट तक गिरे हैं।

सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 248.18 लाख करोड़ रुपए है, जो कल 255 लाख करोड़ रुपए था। सेंसेक्स के 76 शेयर अपर सर्किट में और 578 लोअर सर्किट में हैं। सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों में से 2,378 शेयर्स गिरावट में और 270 शेयर्स बढ़त में हैं जबकि 35 शेयर्स एक साल के ऊपरी स्तर और 171 निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में तेज हो रहे आरोप-प्रत्यारोप के हमले 

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सात चरण में होने वाले चुनाव में चार चरण में मतदान हो चुका है। जैसे-जैसे चुनाव सिमट रहा है। वैसे-वैसे नेताओं की चुनावी सभाओं में तीरों के बाण तेजी से चल रहे है। आलम ये है कि अब नेता अपनी बात जनता के बीच रखने के लिये सारी मर्यादाओं को तार-तार कर रहे है। जनता तो जनता है जो मचा लेने से नहीं चूक रही है।
नेताओं के भाषणों का अपने तरीके से विश्लेषण कर नेताओं के कथनी-करनी को तौल रहे है। उत्तर प्रदेश की राजनीति का अपना मिजाज है। यहां के मतदाता बोलते कम है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकार संतोष बघेल का कहना है कि चुनाव क्या न करायें। क्योंकि चुनाव मेंं कब नेता किस के पक्ष में बोलने लगे तो कब किस के विरोध में बोलने लगे।
चुनाव मेंं किसी दावेदार नेता को टिकट न मिलने पर वह रातो-रात दूसरे दल में चला गया। ऐसे में चुनाव के हाल और परिणाम का जानना आसान नहीं होता है। प्रदेश, भूगोलिक और जनसंख्या के लिहाज से काफी बड़ा है। इसलिये ये कहना पाना आसान है कि सपा और भाजपा के बीच ही टक्कर है। जबकि कुछ विधानसभा सीटों पर  बसपा का ग्राफ बढ़ा है। तो कांग्रेस भी जी तोड़ मेहनत करके चुनाव लड़ रही है। इससे तो ये लगता है कि कांग्रेस भी पिछलें चुनाव की तुलना में बढ़ा कर सकती है।
कुल मिलाकर चुनाव परिणाम जरूर चौंकाने वाले साबित होगे। लोगों का कहना है कि भाजपा को दोबारा सत्ता पाने के लिये अभी बचें तीनों चरण के मतदान के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि सपा के पक्ष में जो भी माहौल बन रहा है।उससे सपा को जरूर फायदा दिख रहा है।सपा के पक्ष में एक शत-प्रतिशत एम-बाई फैक्टर एक साथ रहा तो सपा को काफी सियासी लाभ मिल सकता है।

पुतिन का यूक्रेन पर हमले का ऐलान, कहा हथियार डाल दे वहां की सेना

आखिर गुरुवार सुबह रूस ने यूक्रेन पर हमला करने का ऐलान कर दिया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह आदेश जारी करते हुए यूक्रेन से कहा है कि उसकी सेना हथियार डाल दे। हालांकि, पुतिन ने कहा कि ‘उनका यूक्रेन पर कब्ज़ा करने का इरादा नहीं है’। रूस ने कुछ देर पहले दावा किया कि उसकी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव के हवाई अड्डे पर कब्ज़ा कर लिया है।

अभी भी हजारों भारतीय छात्र  और आज कीव जाने वाली एयर इण्डिया की फ्लाइट रद्द कर दी गयी है। यूक्रेन में धामकों की आवाजें भी सुनी गयी हैं। बहुत से जानकार यह कहते रहे हैं कि रूस- यूक्रेन तनाव यदि युद्ध में बदलता है तो इससे विश्व युद्ध का रास्ता भी खुल सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने एक टीवी ब्रॉडकास्ट – ”मैंने मिलिट्री ऑपरेशन  का निर्णय किया है।” उधर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपील की है कि रूस हमला रोक ले। अभी तक की रिपोर्ट्स हैं कि रूस की सेना क्रीमिया के जरिये यूक्रेन में घुस रही है। क्रीमिया को रूस ने 2014 के यूक्रेन पर हमले में उससे अलग कर दिया था। एक दिन पहले ही पुतिन ने दुनिया से क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता देने को कहा था।

राष्ट्रपति पुतिन ने हमले का ऐलान करते हुए यूक्रेन सेना से हथियार डालने को कहा है। पुतिन ने कहा कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का विचार नहीं है। यूक्रेन को रूस सेना ने पहले ही चारों तरफ से घेर लिया है। इसमें बेलारूस भी उसका साथ दे रहा है। याद रहे चार दिन पहले राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के अलगाव ग्रस्त प्रांतों दोनेत्सक और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित करते हुए उन्हें मानयता दे दी थी।

बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्‍की ने आशंका जताई थी कि ‘रूस आने वाले दिनों में यूरोप में एक बड़ा युद्ध शुरू कर सकता है। युद्ध की आंशका के मद्देनजर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ दिन पहले अपने रूसी समकक्ष के साथ बैठक को रद्द कर दिया था।

अमेरिका कह रहा है कि ‘रूस के अपराधों के लिए उसे सबक सिखाने के लिए सभी को पूरी ताकत से एक हो जाना  चाहिए।’ राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को लेकर रूस के खिलाफ कई प्रतिबंधों की घोषणा कर चुके हैं। इनमें रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध शामिल है।

दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मालिक गिरफ्तार

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया।

ईडी ने आज नवाब मलिक से इस मामले में पूछताछ की। बाद में नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के अनुसार ईडी अधिकारियों की एक टीम उनके घर पहुंची। बाद में वह उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई।

इस बीच मालिक की गिरफ्तारी के बाद उनके दफ्तर की तरफ से डाले गए एक ट्वीट में कहा गया है – ‘न डरेंगे न झुकेंगे… 2024 के लिए तैयार रहें।’ फिलहाल मालिक को ईडी दफ्तर से मेडिकल कराने ले जाया जा रहा है। याद रहे पिछले हफ्ते ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में कई स्थानों पर तलाशी ली थी। ईडी ने हाल ही में एनआईए के दर्ज एक मामले के आधार पर यह कदम उठाया।

हल में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर के आवास की भी तलाशी ली थी। एनआईए ने दाऊद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है जबकि ईडी ने प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। दाऊद के भाई इकबाल कासकर भी ईडी ने हिरासत में लिया है।

पुतिन की शर्तें: यूक्रेन हथियार मुक्त हो, क्रीमिया रूस का हिस्सा माना जाए

यूक्रेन के संकट के बीच व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यूक्रेन से साफ़ तौर पर कह दिया कि उसके पास बचने का एक ही रास्ता है कि वह नाटो का सदस्य बनने की सोच छोड़ दे और खुद को पूरी तरह हथियार मुक्त कर ले। इसके अलावा पुतिन ने वर्तमान तनाव कम करने के लिए दुनिया से कहा है कि वह क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता दे।

राष्ट्रपति पुतिन ने मीडिया के लोगों से बातचीत में कहा कि अपने हथियारों के कारण यूक्रेन रूस के लिए खतरा है। उसका हथियार जमा करना रूस विरोधी है और साथ ही यूक्रेन हमेशा परमाणु शक्ति बनने का सपना देखता रहा है। पुतिन ने कहा – ‘अगर ऐसा होता है तो रूस पर परमाणु हमले का खतरा बना रहेगा।’

इस बातचीत में पुतिन ने क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता देने की भी मांग की। पुतिन ने मिंस्क समझौते पर भी कहा कि ‘अब इस समझौते का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसका उल्लंघन यूक्रेन काफी पहले ही कर चुका है।’ पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में अब हम कितनी सेना भेजेंगे यह इस बात पर निर्भर होगा कि यूक्रेन के जमीनी हालात क्या हैं, हम वहां नरसंहार नहीं होने दे सकते।

इस बीच रूस की संसद के उच्च सदन ने सेना को देश के बाहर भेजने (ऑपरेशन के लिए) मंजूरी दे दी जिससे रूस के यूक्रेन पर हमले का खतरा अभी भी बना हुआ है। संसद के ऊपरी सदन के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग की अनुमति और संसद की मंजूरी के बाद रूस के लिये यूक्रेन पर व्यापक आक्रमण का रास्ता साफ हो गया है। पुतिन ने इस बारे में संसद के ऊपरी सदन को एक पत्र लिखा था।

याद रहे एक दिन पहले ही पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोहियों के प्रभाव वाले दो प्रांतों को  मान्यता दे दी थी जिसके बाद उसकी सेना वहां प्रवेश कर चुकी है। पश्चिमी देशों के नेताओं ने, हालांकि, रूस की इस कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है।

लखीमपुर चर्चित सीट पर मतदान आज

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को (आज) 9 जिलों की 59 सीटों पर  मतदान हो रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा चर्चित सीट लखीमपुर खीरी है। बताते चलें लखीमपुर खीरी केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से किसानों को रौंदा था जिससे 8 लोगों की मौत हो गयी थी। फिलहाल मामला अदालत में विचाराधीन है।
लखीमपुर खीरी के लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि पिछले साल 3 अक्टूबर को कथित तौर पर आशीष मिश्रा की कार से  चार किसानों सहित 8लोगों की मौत हो गयी थी जिसको लेकर जमकर सियासत हुई थी। लखीमपुर के निवासी किशोर कुमार का कहना है कि यहां पर इस बार सत्ता बनाम विपक्ष की राजनीतिक लड़ाई कम चल रही है। जबकि किसान बनाम मिश्रा परिवार को लेकर सियासत हो रही है। क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान जो भी घटना घटी उससे मानवता शर्मसार हुई है।
एक भय का माहौल बना था। कि आंदोलन तो लोकतंत्र में अधिकारों व हक के लिये किया जाता है। लेकिन यहां पर किसानों को रौंदा जा रहा है जिससे लोगों के अंदर आंदोलन को लेकर डरा बना था।
किसानों को लुभाने के लिये सपा, बसपा और कांग्रेस हर मोर्चे पर भाजपा के नेता अजय मिश्रा और उनके परिजनों पर दमनकारी नीतियों का आरोप लगा रही है। जानकारों का कहना है कि अगर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होती है। तो लखीमपुर का मामला और भी सियासी उग्र रूप अपना सकता है।
इस लिहाज से लखीमपुर का चुनाव और यहां की सियासत पर पूरे प्रदेश के नेताओं की नजर है। यहां के एकॉ-एक वोट पर राजनीतिक दलों की नजर है। किसानों के बीच उपजे क्रोध को लेकर भाजपा किसानों के बीच सेंध लगा रही है। साथ ही किसानों का मानमनोब्बल करती नजर आयी है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार संतोष सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश में चुनाव में ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कौन सी राजनीति पार्टी चुनाव में जीत रही है। क्योंकि इसबार को मतदाता चुप है। क्योंकि अब जनता जान गई है। कि नेता वादे करते है। लेकिन काम अपने हिसाब से करते है। सो जनता को कोई खास उम्मीद नहीं है। इसलिये जनता खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।