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सभी राज्यों में निर्वाचन आयोग का चुनावी समीक्षा दौरा

वर्ष 2022 में देश के कर्इ राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने है। लेकिन उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत अन्य पांच राज्य ऐसे है जिनमें वर्ष की शुरूआत यानि फरवरी-मार्च में मतदान होगें। इन सात राज्यों में मतदान और मतगणना की तारीखे तय होकर जनवरी में घोषित की जाऐंगी।

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में चुनाव आयोग तैयारियों और समीक्षा का दौरा 15 दिसम्बर से शुरू करेगा। चुनाव आयोग दौरे की शुरूआत पंजाब से शुरू करेगी जो कि दो दिवसीय दौरा होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चन्द्र पांडे के चुनाव आयुक्त के अन्य अधिकारी भी पंजाब का दौरा करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग यूपी का दौरा दिसंबर महीने के अंत में करेगा और उत्तर प्रदेश के तमाम अधिकारियों से मिलकर चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेगें। उत्तर प्रदेश में कई सात से अधिक चरणों में मतदान की संभावना है। यूपी में विधानसभा की 403 सीटें, पंजाब में 117 सीटें, गोवा में 40 सीटें, मणिपुर में 60 सीटें और उत्तराखंड में 70 विधानसभा की सीटें हैं। सभी सीटों पर 15 मार्च से पहले चुनाव खत्म होके की संभावना है।

चुनाव आयोग अपने दौरे के दौरान पंजाब के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करेगा। चुनाव आयोग सभी 5 राज्यों का बारी-बारी से चुनावी दौरा करेगा जिसके बाद तैयारियों की समीक्षा कर तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

चारधाम परियोजना को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ऑन वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने और डबल लेन हाईवे बनाने की अनुमति दे दी है। इस अनुमति के बाद से भारतीय सेना किसी भी मौसम में चीन से सटी सीमाओं पर पहुंचने में सक्षम होगी। जिससे भारत की पहुंच चीन तक और भी आसान हो जाएगी।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, अदालत न्यायिक समीक्षा में सेना के सुरक्षा संसाधनों को तय नहीं कर सकती। हाल के दिनों में सीमाओं पर सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां सामने आई है। हाईवे निर्माण के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। साथ ही पर्यावरण के हित में सभी उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज  जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति को भी गठित किया गया है।

आपको बता दें, 11 नवंबर को चारधाम परियोजना पर सड़क की चौड़ाई को बढ़ाने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ता की दलीलों को विस्तार से सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखा था। जिसके बाद करीब 900 किलोमीटर की चारधाम ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई को बढ़ाने या न बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना था।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल दिन व दिन तेज होती जा रही है। आज वाणारसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के नवनिर्मित काँरिडोर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा करने के साथ ही सियासी गर्मी बढ़ गयी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्ड़ा ने कहा कि हम गन्ना की बात करते है। तो सामाजवादी पार्टी (सपा) जिन्ना की बात करते है।

बताते चलें, उत्तर प्रदेश की सियासत पूरी तरह से धार्मिक और जातीय समीकरण पर टिकी है। भले ही कोई भी राजनीति दल महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों की बात करे। लेकिन चुनाव आते–आते पूरी सियासत जातीय–धार्मिक समीकरण में सिमट जायेगी।

भाजपा के नेताओं का कहना है कि भाजपा ने जो कहा कि वह पूरा किया है। चाहे राम मंदिर हो या काशी विश्वनाथ का मंदिर हो सदियों पुराने सपने को साकार किया है। उत्तर प्रदेश के राजनीति जानकारों ने तहलका संवाददाता से बात की तो उन्होंने बताया कि ये बात तो सत्य है कि प्रदेश की सियासत जातीय–धार्मिक समीकरण पर ही टिकी है। क्योंकि जब देश में चुनाव पूरे रंग में रंगा होगा तब ये मंदिर-मस्जिद का मामला तूल पकड़ेगा।  ऐसे में जब समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य छोटे दल मंदिर या मस्जिद की बात करेगें। तो निश्चित तौर पर वोटो का धुव्रीकरण होगा।

भाजपा अन्य राजनीतिक दलों की तुलना में हिन्दु धुव्रीकरण पर बल देगा। चुनाव आते–आते जिन्ना और गन्ना वाले मामलें पर तूल दिया जायेगा। बताते चलें, आज उत्तर प्रदेश में भले ही विधायक के टिकट पाने के लिये एक दूसरे दलों में आने–जाने वालों की होड़ सी लगी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में अगर मुकाबला होगा तो समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच ही होगा।

अंदेशा और संदेशा के बीच ओमिक्रोन

ओमिक्रोन को लेकर अंदेशा और संदेशा के बरकरार के बीच अगर कोई रास्ता है तो वो है सावधानी बरतनें का। देश में भले ही इने–गिने ही मामलें कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रोन के सामने आ रहे है। फिर हड़कंप का आलम तो ये है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) हर रोज सावधनी बरतनें के साथ–साथ ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता व्यक्त कर रहा है।

ओमिक्रोन को लेकर डाँक्टरों का कहना है कि कई बार तो ऐसा होता है कि मामलें शुरूआती दौर में कम आते है और मरने वाले भी कम होते है। लेकिन जैसे ही मामलें बढ़ने लगते है तो, अचानक से बढ़ते है। जिसके कारण बाद में बढ़ते मामलों को कंट्रोल करना मुश्किल ही होता है।

एम्स के डाँ केशव कुमार का कहना है कि ओमिक्रोन को लेकर अंदेशा और संदेशा इस बात को लेकर व्यक्त किया जा रहा है कि मामलें बढ़ेगे या घटेगें और कितना भयानक रूप लेगा पर, ऐसे में अगर हमें सही मामलें कोरोना के नये स्वरूप को रोकना है तो सावधानी के साथ हमें उन पहलुओं पर नजर रखनी होगी जिसके कारण ओमिक्रोन जैसी संक्रमित बीमारी को रोका जा सकता है।

भारत में अभी ओमिक्रोन वायरस को लेकर विशेषज्ञ सिर्फ चिंता ही व्यक्त कर रहे है और सावधान रहने की सलाह दें रहे है। लेकिन देश के कोई भी सेक्टर और बाजार नहीं देखने को मिल रहा है जहां पर लोग खुलेआम कोरोना विरोधी अभियान की धज्जियां न उड़ाई जा रही हो। देश के अधिकतर राज्यों में लोगों ने तो मास्क पहना ही छोड़ दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अमरीश गौतम का कहना है कि एक ओर तो केन्द्र सरकार सरकारी और प्राईवेट संस्थानों को खोलने में लगी है।वहीं ओमिक्रोन के नाम पर सतर्क नहीं की बात करती है। ऐसे में कोरोना जैसी बीमारी को काबू पाना मुश्किल होगा।

 

जनरल रावत, पत्नी को दिल्ली में नम आंखों से अंतिम विदाई  

तमिलनाड के नीलगिरी में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में पत्नी और 11 अन्य के साथ जान गंवाने वाले देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत शुक्रवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। बराड़ स्क्वायर में रावत को नम आंखों के बीच अंतिम विदाई दी गई। उनकी बेटियों ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं।

रावत और उनकी पत्नी की पार्थिव देह को एक ही चिता पर रखकर अंतिम क्रियायें निभाई गईं। बेटियों कृतिका रावत और तारिणी रावत ने अपने माता-पिता की देह को मुखाग्नि दी। सैन्य सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के दौरान 17 तोपों की सलामी दी गई। श्रद्धांजलि के बाद जनरल रावत की बेटियों ने रीति के मुताबिक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में हिस्सा लिया।

दोनों की पार्थिव देह को अंतिम विदाई के लिए घाट पर बनी चिता तक ले जाया गया।  जनरल रावत और पत्नी मधुलिका को एक ही चिता पर लिटाया गया। इससे पहले   पार्थिव देह को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्कावयर के लिए रवाना किया गया जहाँ उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेता उपस्थित थे।

दोपहर को 11 से 2  बजे तक जनरल रावत और उनकी पत्नी ही पार्थिव देह उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखी गईं। जनरल रावत की यूनिट 5/11 गोरखा राइफल्स ने अंतिम संस्कार की सारे व्यवस्था का जिम्मा संभाला।

मच्छरों के प्रकोप से परेशान लोग

एक तो कोरोना का कहर दूसरी ओर डेंगू का प्रकोप वहीं सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली में मच्छरों का आतंक है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि दिल्ली के पिछड़ो इलाकों में ही नहीं बल्कि पाँश इलाकों में भी मच्छरों का कहर लोगों के अंदर डर पैदा कर रहा है कि कहीं मच्छरों के काटने से उन्हें डेंगू जैसी बीमारी न हो जाये।

दिल्ली के वरिष्ठ डाँ पवन शर्मा का कहना है कि इस बार डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा रहा है। कई लोगों की जान भी डेंगू के कारण गयी है। इसलिये सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वे मच्छर मार दवा का छिड़काव करवाये ताकि मच्छर न पनप पाये।

उनका कहना है कि मच्छर के प्रकोप से डेंगू के अलावा मलेरिया जैसी बीमारी बढ़ रही है। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम को लेकर एनडीएमसी इलाके में रहने वाले राकेश ने बताया कि मच्छरों का आतंक इस कदर है कि कनॉट प्लेस, रफी मार्ग सहित संसद मार्ग में भी मच्छरों के चलते यहां पर लोगों को परेशानी हो रही है।

बतातें चलें, मच्छर मार दवा का छिड़काव व मच्छर विरोधी धुआं का प्रयोग तो होता है। अगर लगातार नियमित तौर पर होता रहे तो निश्चित तौर पर मच्छर नहीं पनप पायेगे। मलेरिया विभाग के पूर्व अधिकारी आर एन तुली ने बताया कि सरकारी सिस्टम इस कदर स्वास्थ्य मामलें में लचर है कि वो तब ही जागता है जब कोई बीमारी भयंकर रूप धारण कर लेती है। इसलिये संबंधित विभाग को समय–समय पर जांच पड़ताल करनी चाहिये। ताकि कोई बीमारी पैर न पसार सकें।

किसान आंदोलन स्थगित; 11 को विजय दिवस मनाएंगे, एक महीने बाद समीक्षा करेगा मोर्चा

आखिर एक साल से जारी किसान आंदोलन स्थगित हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अब से कुछ देर पहले इसे लेकर घोषणा की। एमएसपी पर कमेटी बनाने के अलावा तीन कृषि कानूनों पर बातचीत से पहले सरकार किसान संगठनों से बात करेगी। किसान 11 दिसंबर से दिल्ली की सीमा से वापस घरों को लौट जाएंगे। किसान अब इसे लेकर उस दिन ‘विजय दिवस’ मनाएंगे। सरकार किसानों की ज्यादातर मांगें मान ली हैं या उनपर भरोसा दिलाया है। इनमें किसानों के खिलाफ मामले वापस लेना और मुआबजा देना भी शामिल हैं।

एक प्रेस कांफ्रेंस में इसके घोषणा करते हुए किसान नेताओं ने साफ़ कहा कि आंदोलन वापस नहीं लिया गया है और एक महीने बाद सरकार के किये वादों की समीक्षा की जाएगी। यदि किसानों को लगा कि सरकार मांगों पैट टालमटौल कर रही है तो आंदोलन की अगली रूपरेखा तय की जाएगी। एमएसपी पर सरकार ने कमेटी बनाने के अलावा खरीद का भी भरोसा किसानों को दिया है।

प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, हन्नान मुल्ला, कक्का आदि उपस्थित थे। इन सभी ने कि आंदोलन ख़त्म नहीं बल्कि स्थगित किया गया है। किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा – ‘हम सरकार को झुकाकर वापस जा रहे हैं और 15 जनवरी को किसान मोर्चा की फिर बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसान वापसी के ऐलान के बाद 11 दिसंबर से दिल्ली बॉर्डर से किसान लौटेंगे।’ राजेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन को स्थगित किया गया है और हर महीने एसकेएम की बैठक होगी। यदि सरकार दाएं-बाएं होती हैं तो फिर से आंदोलन करने का फैसला लिया जा सकता है।

मोर्चा नेताओं ने बताया – ‘दिल्ली बॉर्डर से किसान 11 दिसंबर से हटने शुरू करेंगे।  उसके बाद 13 दिसंबर को अमृतसर में हरमिंदर साहिब पर मत्था टेकेंगे। वहीं, 15 दिसंबर से पंजाब के टोल प्लाजा पर डटे हुए किसान भी हट जाएंगे।’ उधर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी घर लौटने की तैयारी शुरू कर दी है।

इससे पहले किसान मोर्चा ने  सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा की और आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी बताया था कि मांगों पर सरकार की ओर से जो पहले प्रस्ताव भेजा गया था, वो मंजूर नहीं था, इसलिए बुधवार को सरकार की ओर से नया प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर बैठक में सहमति बन गई है।

सीडीएस चॉपर हादसे की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्राई सर्विस जांच कमेटी करेगी : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में एक बयान में जानकारी दी कि सेना के जिस हेलीकाप्टर हादसे में बुधवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की जान चली गयी थी, उस घटना की जाँच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्राई सर्विस जांच कमिटी करेगी जिसका गठन कर दिया गया है। सेनाओं के तीनों अंगों से जुड़ी इस कमिटी ने जांच शुरू कर दी है। उधर संसद में आज दोनों सदनों में जनरल रावत और अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गयी।

जांच के लिए बनाई गयी कमिटी एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे के हर पहलु को देखेगी। जांच समिति के अध्यक्ष एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह वायुसेना के ट्रेनिंग कमांड के कमांडर हैं और खुद भी हेलिकॉप्टर पायलट हैं। राजनाथ सिंह ने आज देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश पर संसद में पूरी जानकारी दी। उन्होंने हादसे के सभी मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं जताईं।

इस बीच लोकसभा और राज्यसभा में सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। हादसे को लेकर रक्षा मंत्री ने बताया – ‘जनरल रावत ने एयरफोर्स के एमआई हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी थी। उसे 12.15 बजे वेलिंगटन में लैंड करना था लेकिन 12.08 बजे पर हेलिकॉप्टर का एटीसी से संपर्क कट गया था। बाद में लोगों ने मिलिट्री हेलिकॉप्टर को मलबा देखा। उस मलबे से जितने लोगों को निकाला जा सका। उन सबको वेलिंग्टन पहुंचाया गया। जिन लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई उनमें सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी समेत कुल 13 लोग हैं।’

सिंह ने बताया कि हादसे में गंभीर घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सेना अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर हैं और उनको बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। वरुण सिंह  को कल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रक्षा मंत्री ने बताया – ‘एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्राई सर्विस जांच कमिटी ने हादसे की जांच शुरू कर दी है।’

सिंह के बताया – ‘जनरल रावत ने अपनी पत्नी और 12 अन्य लोगों के साथ सुलुर से एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर वेलिंग्टन के लिए उड़ान भरी थी जिसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन में उतरना था। सुलूर एटीसी का 12 बजकर 8 मिनट पर हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया। बाद में कुन्नूर के पास जंगल में स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी। मौके पर जाकर उन्होंने हेलिकॉप्टर को आग की लपटों से घिरा देखा जिसके बाद स्थानीय प्रशासन का एक बचाव दल वहां पहुंचा।’

रक्षा मंत्री के मुताबिक हेलीकॉप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 की मृत्यु हो गई जिनमें सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल हैं। सिंह ने बताया कि अन्य मृतकों में सीडीएस के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर, सीडीएस के सैन्य सलाहकार और स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर प्रतीक सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट अधिकारी राणा प्रताप दास, जूनियर अधिकारी अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेन्द्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक वीर साई तेजा शामिल थे। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा – ‘सभी पार्थिव शरीर को वायु सेना के विमान से आज शाम तक दिल्ली लाया जाएगा। जनरल रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा और अन्य दिवंगत सैन्य कर्मियों का भी उचित सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। दुर्घटना के बाद एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को कल ही दुर्घटना स्थल पर भेज दिया गया था और उन्होंने वहां जाकर स्थिति का जायजा लिया।’

प्रदूषण के सुधार को लगाया जा रहा है पलीता

गत दो दिनों से वायु प्रदूषण में सुधार तो देखने को मिला है पर , इस सुधार को पलीता लगाने में फिर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। दिल्ली के हद्य माने–जाने वाले कनॉट प्लेस में जहां-तहां आराजक तत्व रात को सर्दी से बचने के लिये अलाव जलाने से बाज नहीं आ रहे है।

जनपथ मार्केट के ठीक सामने जो कनॉट प्लेस के बरामदें है वहां पर कचडे वाले कागज ओर टूटे टायर को शाम 7 बजे के बाद जलते हुए देखा जा सकता है।

शिवाजी स्टेडियम के पास भी यहीं हाल है। आन-जाने वाले कुछ यात्री इसका विरोध करते है। तो कुछ उनके बचाव के लिये आ जाते है कि इतने कम धुआं से कौन सा प्रदूषण फैल रहा है। बस चालकों ने बताया कि रात 8 बजे सर्दियों के दिनों में यात्रियों की भीड़ काफी कम हो जाती है। इसका फायदा अराजक तत्व और नशेड़ी उठाते है।

बस चालको का कहना है कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि औचक निरीक्षण करें और वायु प्रदूषण फैलाने वालों को रोके व उनपर सख्त कार्रवाई करें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जानकारों का कहना है कि जब दिल्ली के कनॉट प्लेस में ये हाल है तो दिल्ली के अन्य इलाकों में क्या हाल होगा।

दिल्ली वालों को दूषित माहौल में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। बच्चो से लेकर बुजुर्गो को सांस लेने में दिक्कत होती है। नशा मुक्ति अभियान चलाने वाले अमरीश का कहना है कि सर्दी हो गर्मी हो या अन्य मौसम नशेड़ी बिना भय भीत हुये दिल्ली में जहां-तहां प्रदूषण फैलाते रहते है।

सरकार को इस मामलें में गंभीर व कठोर कार्रवाई करनी चाहिये अन्यथा प्रदूषण का दंश हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता रहेगा।

तमिलनाड हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस विपिन रावत, पत्नी समेत 13 लोगों की मौत की पुष्टि  

तमिलनाड की नीलगिरि पहाड़ियों में वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे में बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की मौत हो गयी है। एक बहुत गंभीर व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। हादसे में दिवंगत लोगों के शव शाम तक दिल्ली लाये जाने की खबर है। बताया गया है कि सभी शव जलने के कारण बहुत ही क्षत विक्षत स्थिति में हैं और 95 फीसदी तक जल चुके हैं। डीएनए से शवों की पहचान किये जाने की संभावना है क्योंकि उनकी पहचान करना कठिन हो गया है। वायुसेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि की है।

इस हेलीकॉप्टर में उनके अलावा रक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडो और वायुसेना के पायलट और क्रू समेत कुल 14 लोग सवार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने इस हादसे और जनरल रावत की मौत पर शोक जताया है। वायुसेना प्रमुख भी घटनस्थल कुनूर रवाना हो गए हैं।

हादसे में जनरल रावत की मौत की पुष्टि के बाद राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी से साझा की। उसके बाद संसद में उनके ब्यान की तैयारी की गयी।
इससे पहले आई खबर के मुताबिक तमिलनाडु के नीलगिरी में सेना का यह डबल इंजन हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इसमें 13 लोगों के शव मिले हैं। हादसे के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गयी। कुछ घायलों को अस्पताल ले जाया गया है।

याद रहे भारतीय सेना का एमआई-17वीएस सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है। किसी भी वीवीआईपी दौरे में इसी विमान का उपयोग किया जाता है। यह डबल इंजन का हेलीकॉप्टर है, जिससे एक इंजन में खराबी आने पर दूसरे इंजन के सहारे सुरक्षित लैंडिंग कराई जा सके। इस हेलीकॉप्टर की तुलना चिनूक हेलीकॉप्टर से की जाती है।

जानकारी के मुताबिक इस हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, रक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडो और वायुसेना के पायलट समेत कुल 14 लोग सवार थे। दिल्ली से ऊटी और वहां से सुतूर जाते हुए यह हादसा हुआ है। राजनाथ सिंह घटनास्थल पर जा सकते हैं।

दिल्ली से ऊटी और वहां से सुतूर जाते हुए यह हादसा हुआ है। रावत के फोन को लेकर खबर है कि उन संपर्क नहीं हो पाया है। हादसे का कारण अभी पता नहीं चला है। हादसे में एक घायल की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है।