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मोदी-बाइडेन 24 मई को क्वाड शिखर सम्मेलन में करेंगे द्विपक्षीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई को टोक्यो में हो रहे क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलेंगे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने यह जानकारी दी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी सम्मेलन में भाग लेने के जापान जाएंगे। उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित है। अमेरिका ने भी घोषणा की है कि राष्ट्रपति बाइडेन क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जापान जाएंगे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

माना जाता है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस के नजदीक दिख रहे भारत को 500 डॉलर मिलियन की पैकेज दे सकता है। राजनयिक हलकों में चर्चा है कि अमेरिका भारत को मनाने की कोशिश कर रहा है कि वह हथियारों के मामले में रूस पर निर्भर न रहे। फिलहाल भारत अमेरिका सहित पश्चिम देशों की रूस की आलोचना करने के लिए भारत पर दबाव की कोशिशों को टालने में सफल रहा है।

बता दें क्वाड में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। अमेरिका ने ही पिछले साल भारत को क्वाड में शामिल करवाया था। उधर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने  पिछले कल कहा – ‘हमारा मानना है कि यह सम्मेलन यह प्रदर्शित करेगा कि लोकतंत्र काम करता है और साथ मिलकर काम कर रहे ये चार देश खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत के सिद्धांत की रक्षा करेंगे और उसे बरकरार रखेंगे।’

सुलीवन के मुताबिक बाइडेन तोक्यो में एक महत्वाकांक्षी आर्थिक पहल की नींव रखेंगे। वर्तमान आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक मसौदा (आईपीईएफ) लाया जा रहा है। मसौदे में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए नियम तैयार किए जाएंगे ताकि सुरक्षित और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में और स्वच्छ, आधुनिक उच्च स्तरीय अवसंरचना में निवेश आदि पर भी नियम बनाए जाएंगे।’

पंजाब कांग्रेस के नेता सिद्धू को रोड रेज मामले में एक साल कैद की सजा

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है। आजकल राजनीतिक रूप से चर्चा में सिद्धू को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है। उन्हें एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।

अदालत ने 15 मई, 2018 के अपने एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा को बदल दिया है। इसी साल 25 मार्च सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू की सजा बढ़ाने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। सभी पक्षों की दलीलें सुनने को बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के दौरान विशेष पीठ में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल के सामने पीड़ित परिवार यानी याचिकाकर्ता की ओर से सिद्धार्थ लूथरा ने कई पुराने  मामलों में आए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सड़क पर हुई हत्या और उसकी वजह पर कोई विवाद नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि सिद्धू की सजा बढ़ाई जाए या नहीं। पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गईं थीं। याद रहे सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट की बजाय गंभीर अपराध की सजा देने की याचिका पर सिद्धू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

अदालत में पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर रोड रेज केस में साधारण चोट नहीं बल्कि गंभीर अपराध के तहत सजा बढ़ाने की मांग की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट का मामला बताते हुए सिर्फ ये तय करने का फैसला किया था कि क्या सिद्धू को जेल की सजा सुनाई जाए या नहीं।

हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी का लाइसेंस रद्द किया

हरियाणा सरकार ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को झटका देते हुए उनकी कम्पनी स्काई लाइट का लाइसेंस रद्द कर दिया है। हरियाणा के  नगर और ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक ने यह आदेश जारी किया है।

याद रहे रॉबर्ट वाड्रा की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और डीएलएफ के बीच करार हुआ था। वाड्रा ने इस जमीन को खरीदकर डीएलएफ को बेचा था। अब जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी गयी है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की इस कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी का लाइसेंस रद्द होने से उन्हें झटका लगा है। याद रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के समय गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.52 एकड़ जमीन पर कमर्शियल कॉलोनी काटने के लिए यह लाइसेंस दिया गया था।

चकबंदी विभाग के तत्कालीन महानिदेशक अशोक खेमका ने इस जमीन का म्युटेशन (इंतकाल) रद्द  कर दिया था, जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था। बाद में हरियाणा में जब भाजपा सरकार 2014 में सत्ता में आई तब भाजपा ने हुड्डा सरकार द्वारा दिए गए इस लाइसेंस पर खूब राजनीति की और कांग्रेस की घेराबंदी की थी।

अब करीब आठ साल की लंबी प्रक्रिया के बाद नगर और ग्राम आयोजना (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) विभाग ने इस जमीन के लाइसेंस को गलत ठहराते हुए उसे रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिस जमीन के लिये यह लाइसेंस जारी हुआ था, उस पर अब कोई निर्माण कार्य भी नहीं हो सकेगा।

बता दें इस जमीन का लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए डीएलएफ ने हरियाणा सरकार के पास आवेदन कर रखा था। आरोप है कि हरियाणा की हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को यह जमीन काफी सस्ती कीमत पर दी, लेकिन बाद में अधिक कीमत पर इसे डीएलएफ को बेच दिया गया।

पूरे मामले की जांच कराने के लिए हरियाणा सरकार ने जस्टिस एसएन ढींगरा की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। इस आयोग की रिपोर्ट भी काफी दिन तक सरकार के पास पड़ी रही। हालांकि यह रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं हुई, लेकिन छन-छन कर रिपोर्ट के खास बिंदु बाहर आते रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस आयोग के गठन को नियमों के विपरीत बताते हुए अदालत में चुनौती दे रखी है। हालांकि अदालत ने भी आयोग की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर अस्थाई रोक लगा रखी है, लेकिन आयोग का गठन सही हुआ या गलत था, इस बारे में अभी अपनी कोई टिप्पणी नहीं दी है।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ भाजपा में हुए शामिल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पंजाब के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने कांग्रेस को छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ज्वाइन कर लिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं को धन्यवाद दिया।

जाखड़ ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी से संबंध टूटने को लेकर कहा कि, “कांग्रेस पार्टी से हमारा संबंध 50 साल का था और हमारी तीन पीढ़ियां वहां काम कर चुकी है। पार्टी को सदैव अपना परिवार समझा और सभी अच्छे बुरे समय में साथ रहे।“

उन्होंने आगे कहा कि, यदि बात रिश्ता तोड़ने की नौबत आई है तो इसमें कोई निजी झगड़े के लिए पार्टी नहीं छोड़ी। मुझे इस बात को लेकर कटघरे में खड़ा किया गया क्योंकि मैंने आवाज उठाई कि पंजाब को जाति और धर्म के नाम पर नहीं तोड़ सकते। मैं समझता हूं पंजाब में सबको बराबरी का हक है, मैंने हमेशा राष्ट्रीयता की भावना रखी।

मैं निजी स्वार्थ के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं करता। मैंने हमेशा जोड़ने का काम किया, तोड़ने का नहीं। यह कोई एक व्यक्ति की बात नहीं है कि जिसके चलते रिश्ता टूटा। शीशा नहीं था, 50 साल का संबंध था। रिश्तों को उसूल की तरह निभाया है लेकिन पार्टी सिद्धांतों से हटी तो ये फैसला लेना पड़ा। वो मेरी आवाज नहीं रोक सकते थे, पद से हटा सकते थे।

इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जाखड़ को पार्टी में शामिल करते हुए कहा कि, कांग्रेस में अहम पदों पर रहते हुए जाखड़ ने ईमानदारी के साथ काम किया है। और पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों का मजबूत होना बेहद जरूरी है साथ ही मुझे पूरा विश्वास है सुनील जाखड़ हमारे साथ मिलकर पंजाब को नए मुकाम तक पजुचाऐंगे।

आपको बता दे, हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया था। और इसी दौरान सुनील जाखड़ ने फेसबुक लाइव वीडियो में गुड बाय, गुड लक, कांग्रेस कहते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाली वीडियो जारी की थी।

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार

टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोषी करार दिया है। उन की सजा बाद में तय की जाएगी। मलिक जेकेएलएफ के नेता हैं।

जानकारी के मुताबिक मलिक की सजा निर्धारित करने को लेकर एनआईए कोर्ट में  25 मई से बहस शुरू होगी। यासीन मलिक पहले ही आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में दिल्ली की एक अदालत में आरोप स्वीकार कर चुके हैं।

अब अदालत ने मलिक को दोषी करार दिया है। मलिक जेकेएलएफ के नेता हैं। बता दें कि मलिक ने हाल ही में, 2017 में कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने वाले कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष, कड़े गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विभिन्न धाराओं के तहत लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।

राजीव गांधी हत्या मामला: रिहाई के बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से अपनी मां के साथ मिलने पहुंचे एजी पेरारिवलन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले 31 साल से जेल की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश जारी किया था। रिहाई के बाद एजी पेरारिवलन अपनी मां के साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मुलाकात करने पहुंचे।

इस मुलाकात का वीडियो एमके स्टालिन ने ट्वीट किया है और लिखा कि, “भाई एजी पेरारिवलन जो कि पिछले 30 साल से अधिक समय से जेल में सजा काट रहे थे, मैंने उनसे मुलाकात की। मैंने पेरारिवलन और उसकी मां अर्पुथम्मल के लिए एक अच्छा गृहस्थ जीवन स्थापित करने और खुशी से रहने की कामना की है।“

आपको बता दे, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते है। और जैसा कि द्रमुक ने वर्ष 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि हम सात दोषियों की रिहाई के लिए प्रयास करेंगे।

जैसा कि उल्लेख किया गया था साथ ही पेरारिवलन को मानवीय आधार और मानवाधिकारों के आधार पर रिहा किया गया है हालांकि देरी हुई, लेकिन यह एक ऐतिहासिक फैसला है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि, भाजपा इस फैसले को स्वीकार करती है। अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्ति के तहत पेरारिवलन को यह राहत दी गई है।

प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट कर कहा कि, “हम यह भी मानते है कि सुप्रीम कोर्ट हमारी एकता, सुरक्षा और अखंडता से कभी भी समझौता नहीं करने देगा।”

केएमपी एक्सप्रेस वे पर हादसे में तीन मजदूरों की गयी जान

हरियाणा में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) आसौदा टोल के पास एक हादसे में तीन मजदूरों की जान चली गयी। हादसे में 11 लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।

जानकारी के मुताबिक यह हादसा सुबह पौने पांच बजे तब हुआ जब लोग केएमपी पर काम कर रहे थे। कड़ी धूप में काम करके थके लोग बाद में सड़क किनारे सो गए। इस बीच तेज रफ्तार से आए एक बेकाबू ट्रक ने बैरिकेटिंग तोड़कर इन लोगों को कुचल दिया।

हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई जबकि 11 घायलों में से 10 को इलाज के लिए पीजीआई, रोहतक दाखिल किया गया है जबकि एक गंभीर घायल को बहादुरगढ़ के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया है।

पुलिस जांच में जुटी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। झज्जर पुलिस के मुताबिक हादसा सुबह पांच बजे के करीब हुआ जब ट्रक ने 18 लोगों कुचल दिया।  ये मजदूर निर्माण कार्य कर रहे थे। सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। दो ट्रक चालक और एक हेल्पर फरार हैं।

राज कुंद्रा के खिलाफ ईडी ने धनशोधन मामला दर्ज किया  

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अभिनेता शिल्पा शेट्टी के पति और व्यवसायी राज कुंद्रा के खिलाफ पोर्नोग्राफी फिल्मों के निर्माण और प्रसार को लेकर धनशोधन का मामला दर्ज कर लिया है। कुंद्रा को पिछले साल जुलाई में 11 अन्य के साथ कथित तौर पर अश्लील फिल्में बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में 20 सितंबर को उन्हें 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी गयी थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कुंद्रा के खिलाफ कथित रूप से ‘हॉटशॉट्स’ नामक मोबाइल ऐप का उपयोग करके अश्लील फिल्मों के निर्माण और वितरण करने के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, कुंद्रा ने खुद पर लगे तमाम आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया है।

ईडी के मुताबिक कुंद्रा ने फरवरी 2019 में आर्म्स प्राइम मीडिया लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाने के बाद ‘हॉटशॉट्स’ नाम का ऐप बनाया। हॉटशॉट्स को बाद में यूके की एक कंपनी केनरिन को बेच दिया।

केनरिन के सीईओ प्रदीप बख्शी राज कुंद्रा के बहनोई हैं। कुंद्रा की कंपनी ने केनरिन के साथ करार के लिए वियान इंडस्ट्रीज के 13 बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया था।

उत्तराखंड में आप को लगा धक्का, सीएम पद के प्रत्याशी रहे कोठियाल का इस्तीफा

उत्तराखंड में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका है। हाल के विधानसभा चुनाव में उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे कर्नल अजय कोठियाल  ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

पार्टी से अपने इस्तीफे में कुठियाला ने ट्वीट करके बताया – ‘पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।’

केजरीवाल ने हाल के विधानसभा चुनाव से पहले कर्नल अजय कोठियाल को बहुत उम्मीद के साथ मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उन्होंने 20 अप्रैल, 2021 को आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी। केजरीवाल ने उत्तराखंड में भी 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के जैसे वादे किये थे लेकिन पार्टी को जनता का समर्थन नहीं मिला था।

अब चुनाव के कुछ ही महीने में आम आदमी पार्टीकी उत्तराखंड इकाई में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान आप के प्रतापनगर से प्रत्याशी रहे सागर भंडारी ने कर्नल अजय कोठियाल पर गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें ही हार का जिम्मेदार ठहराया था।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस्तीफा दिया, राष्ट्रपति को भेजा

दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।

आईएएस अधिकारी रहे बैजल को 31 दिसंबर, 2016 को दिल्ली का उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उन्होंने नजीब जंग की जगह ली थी। बैजल अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मुख्य सचिव रह चुके हैं।

हाल के महीनों में दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैजल के मतभेदों की ख़बरें भी सुर्खियां बनती रही हैं। राष्ट्रपति के उनका इस्तीफा स्वीकार करने के बाद केंद्र सरकार नए उपराज्यपाल की घोषणा करेगी।

बैजल ने 31 दिसंबर, 2021 को अपने कार्यकाल के पांच साल पूरे किए थे। इस दौरान कई मौके आये जब उनका दिल्ली की केजरीवाल सरकार से टकराव देखने को मिला।