Home Blog Page 1244

दुनिया के 100 सबसे महंगे सेलेब्स में अक्षय और सलमान

बॉलीवुड से अक्षय कुमार और सलमान खान ने एक बार फिर दुनिया के 100 सबसे महंगे सेलेब्स की लिस्ट अपनी जगह बनाई है। मगर हैरानी की बात ये है कि शाह रुख़ खान फोर्बेस की इस लिस्ट में शुमार नहीं हैं।

लिस्ट के अनुसार इस साल अक्षय कुमार ने 3.07 अरब की कमाई के साथ 76 पोजीशन पर हैं। पत्रिका ने बताया कि ‘टॉयलेट, एक प्रेम कथा’ और ‘पैडमैन’ जैसी हिट फिल्में देने के साथ ही अभिनेता ने करीब 20 ब्रैंड का प्रचार कर भी मोटी कमाई की.

फोर्ब्स के मुताबिक बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने इस साल 3.77 करोड़ डॉलर (लगभग 2.57 अरब रुपए) की कमाई की और फोर्बेस की लिस्ट में 82 पोज़ीशन पर रहे। सलमान की फिल्म टाइगर जिंदा है की सफलता से उनकी कमाई में इजाफा हुआ है. सलमान कई ब्रैंड एंडोर्समेंट से भी ख़ासी कमाई कर रहे हैं।

शाहरुख खान का नाम पिछले साल तक इस लिस्ट में था। 2017 में किंग ख़ान को फोर्ब्स की लिस्ट में 65वां स्थान मिला था। मगर इस साल वो दुनिया के 100 सबसे महंगे सितारों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं।

फोर्बेस लिस्ट में टॉप पोजिशन पर काबिज अमेरिकी मुक्केबाज फ्लोयड मेवेदर की साल भर की कमाई 28.5 करोड़ डॉलर (लगभग 19.49 अरब रुपए) रही।

दूसरे नंबर पर जॉर्ज क्लूनी, तीसरे पर काइली जेनर, चौथे पर जुडी शेंडलीन और पांचवें पर ड्वेन जॉनसन हैं।

इसके अलावा सूची में फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो (10), पॉप स्टार कैटी पेरी (19), टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर (23), गायिका बियॉन्से नॉलेस (35), लेखिका जे के रॉलिंग (42) और गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुड्स (66) स्थान पर हैं।

लिस्ट से एक बात साफ़ है कि अक्षय कुमार की फिल्में भले ही सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार्स की फिल्मों से कम बिजनेस करती हों। लेकिन इन तीनों खान्स से अक्षय कहीं ज्यादा कमाते हैं।

फोर्ब्स ने मुताबिक़ विश्व के इन 100 लोगों की पिछले 12 महीनों की कुल कमाई 6.3 अरब डॉलर (लगभग 4.31 खरब रुपए) है, जो कि इससे पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है. इस सूची में 11 ऐसे सितारे भी हैं जिनकी कमाई 10 करोड़ डॉलर (लगभग 6.83 अरब रुपए) से अधिक रही है।

राहुल की नई कार्य समिति में कुछ नए, कुछ पुराने चेहरे

कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के करीब सात महीने बाद राहुल गाँधी ने मंगलवार शाम पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण कमिटी कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) का पुनर्गठन कर दिया। इसमें वरिष्ठ पार्टी नेताओं को तरजीह देने के साथ कुछ युवा चेहरे भी शामिल किये गए हैं। इस २३ सदस्यीय समिति में किसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, सैलजा कुमारी भी शामिल किये गए हैं।

रविवार को ही कार्यसमिति के पुनर्गठन के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकृत किया गया था।

पार्टी के 84वें महाधिवेशन में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कार्यसमिति के पुनर्गठन के लिए पार्टी अध्यक्ष को अधिकृत करने का प्रस्ताव पेश किया था जिसका अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्यों ने समर्थन किया था।

यदि कार्यसमिति पर नज़र दौड़ाई जाये तो जाहिर होता है की कुछ पुराने सदस्य लम्बे बक्त से इसमें बने हुये हैं। हालाँकि कुछ साल से पार्टी मामलों में तेजतर्रार ढांड से पक्ष रखने वाले दिग्विजय सिंह जैसे नेता बाहर हो गए हैं। मध्य प्रदेश में जिम्मा संभाल रहे कमल नाथ भी बाहर कर दिए गए हैं जिससे इस समभावना को बल मिला है की विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री का पास भी दिया जा सकता है। इसी तरह सुशील शिंदे, वीके हरिप्रसाद और सीपी जोशी को भी बहार का रास्ता दिखा दिया गया है। जनार्दन द्विवेदी और मोहन प्रकाश भी नई कार्यसमिति में नहीं हैं।

मंगलवार शाम जारी की गयी सूची के मुताबिक कार्यसमिति में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, मोती लाल वोरा, गुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अम्बिका सोनी, ओम्मन चांडी, तरुण गोगोई, सिद्धारमैया, आनंद शर्मा, हरीश रावत, कुमारी सैलजा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, किसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा, गईखंगम और अशोक गहलोत।

इसके अलावा स्थाई आमंत्रित सदस्यों में भी कुछ युवा चेहरे शामिल किये गए हैं जिनमें रणदीप सुरजेवाला, ज्योतिर्दित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, गौरव गोगोई, गुजरता के शक्तिसिंह गोहिल, राजीव सातव और कश्मीर में एक साल पहले तक पीडीपी के बड़े नेता तारिक हमीद करा, जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे को भी कार्यसमिति में जगह दी गयी है। करा २००२ में पीडीपी-कांग्रेस की सरकार में एक मौके पर वित्त जैसे अहम् महकमे के मंत्री रहे थे।

अठारह स्थाई आमंत्रितों में शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिर्दित्या सिंधिया, बालासाहब थोराट, तारिक़ हमीद करा, पीसी चाको, जीतेन्द्र सिंह, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया, रणदीप सुरजेवाला, हिमाचल प्रदेश की आशा कुमारी, रजनी पाटिल, राम चन्दर कुंटिया, अनुग्रह नारायण सिंह, राजीव एस सातव, शक्तिसिन गोहिल, गौरव गोगोई और ए छेला कुमार शामिल हैं।

इसी तरह राहुल गांधी ने विशेष आमंत्रितों में भी कुछ नए चहेरे लिए हैं। इनमें हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई, जितिन प्रसाद, अरुण यादव आदि शामिल हैं। दस विशेष आमंत्रितों में केएच मुनियप्पा, अरुण यादव, दीपेंद्र हुड्डा, जितिन प्रसाद, कुलदीप बिश्नोई के अलावा इंटक, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सेवा दाल के मुख्या समन्वयक को शामिल किया गया है।

अनुराग लोक सभा में भाजपा के चीफ व्हिप बने !

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोक सभा हलके से तीन बार के सांसद अनुराग ठाकुर को भाजपा ने लोक सभा में चीफ व्हिप नियुक्त किया। संसद का अधिवेशन शुरू होने से पहले अनुराग को इस अहम् पद पर बड़ी जिम्मेबारी दी गयी है। अनुराग बीसीसीआई के भी अध्यक्ष रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक अनुराग को यह जिम्मेवारी राकेश सिंह की जगह दी गयी है। अनुराग इससे पहले पार्टी में कई और जिम्मेवारी निभा चुके हैं जिनमें भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जिम्मा भी शामिल है। वे हिमाचल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। राकेश सिंह को पार्टी ने मध्य प्रदेश में अध्यक्ष तैनात किया है जहाँ इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

अनुराग ठाकुर की गिनती भाजपा में युवा तुर्क के रूप में की जाती है। वे लोक सभा में अपने प्रदर्शन के बूते सर्वश्रेष्ठ सांसद भी चुने जा चुके हैं। इस बार भी उन्हें हमीरपुर से भाजपा टिकट दिए जाने की चर्चा रही है। हालाँकि कुछ हलकों में उनके पिता और हिमाचल भाजपा के कद्दावर नेता प्रेम कुमार धूमल को भी टिकट दिए जाने की चर्चा रही है। विधानसभा का चुनाव हार जाने और मुख्यमंत्री न बन पाने के बावजूद धूमल की हिमाचल की राजनीति पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।

चुनाव हारने के बाद धूमल सार्वजनिक रूप और पार्टी स्तर दोनों में सक्रिय रहे हैं और कार्यकर्ताओं से मिलते रहे हैं। ऐसे समय में बेटे अनुराग ठाकुर की चीफ व्हिप पद पर नियुक्ति उन्हें मजबूती देगी। हिमाचल में भाजपा की सरकार है और पार्टी के बीच यह चर्चा रही है की मुख्यमंत्री को २०१९ के चुनाव से पहले ज्यादा प्रभावी होने की ज़रुरत है नहीं तो चुनाव में दिक्कत आ सकती है।

सोनिया, राहुल पर टिप्पणी : मायावती ने जयप्रकाश को बसपा से निकाला

मायावती ने बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक जय प्रकाश सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। जय प्रकाश ने पिछले कल ही कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर आपत्तिजनक ब्यान दिया था।

मायावती ने बाकायदा खुद जय प्रकाश को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है जिससे जाहिर होता है कि २०१९ के लोक सभा के दृष्टिगत वो विपक्षी एकता को किसी की तरह को चोट पहुँचाने से बचना चाहती हैं।

यही नहीं मायावती ने बसपा के नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि उत्तर प्रदेश या देश के किसी भी राज्य में गठबंधन को लेकर कोई भी बयानबाजी न करें और इस मसले को पार्टी आलाकमान पर छोड़ दें। कर्नाटक चुनाव के बाद जिस तरह मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में सोनिया गांघी ने मायावती को सम्मान दिया था उससे आने वाले तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बसपा में तालमेल की सम्भावना दिखी है। अब मायावती का अपने नेता को गांधियों के खिलाफ बोलने पर बिना डेरी पार्टी से बाहर करने का फरमान जाहिर करता है कि मायावती किसी सूरत गांधी परिवार या कांग्रेस के खिलाफ नहीं सुनना चाहतीं।

मंगलवार को मायावती ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सोमवार को लखनऊ में हुए एक  कार्यकर्ता सम्मेलन में जय प्रकाश सिंह ने पार्टी की विचारधारा के खिलाफ भाषण दिया और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की। ”जयप्रकाश सिंह की यह व्यक्तिगत राय है और बसपा का इससे कोई लेना-देना नहीं”। मायावती ने ऐलान किया कि जय प्रकाश सिंह की टिप्पणी गंभीर बात है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाता है।

गौरतलब है कि लखनऊ में आयोजित बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक सिंह ने राहुल गांधी पर टिप्प्णी की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ”राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी विदेशी मूल की हैं, लिहाजा राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं”। उनका कहना  था कि ”मौजूदा वक्त की मांग है कि मायावती देश की प्रधानमंत्री बनें”। सोमवार को जोनल स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय संयोजक समेत तमाम दिग्गज बसपा नेता मौजूद थे। इस मौके पर मायावती को गठबंधन के प्रधानमंत्री चेहरे के तौर पर पेश किए जाने का नारा उछाला गया। उधर बसपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने कहा कि बसपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है लिहाजा  कांग्रेस पर किसी तरह की बयानबाजी बर्दास्त नही की जा सकती।

मॉब लींचिंग : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कानून बनाये संसद

पिछले दिनों में हुई घटनाओं, जिसमें गौरक्षा के नाम पर लोगों को मार देने के घटनाएं भी शामिल हैं, पर देशव्यापी चर्चा के बीच मंगलवार को भीड़ की हिंसा पर नकेल कसने के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने देश भर में चल रही मॉब लिंचिंग पर केंद्र और राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि भीड़तंत्र की इजाज़त नहीं दी जा सकती। साथ ही कोर्ट ने सरकार से इस मामले में सख्त कानून बनाने को भी कहा है।

गोरक्षा के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत  ने कहा कि कोई भी अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता, चाहे वो भीड़ क्यों न हो। गौरतलब है की देश में पिछले छह साल में अकेले गौरक्षा के नाम पर ही करीब ८४ घटनाएं हुई है जिसमें  ३२ लोगों की मौत हुई है। अन्य मामले अलग से हैं। गोरक्षा के नाम पर हुई हिंसा से जुडी याचिका पर मुख्या न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ती एएम खानविलकर और न्यायमूर्ती डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने इस मसले पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन एस पूनावाला और महात्मा गांधी के पौत्र तुषार गांधी समेत कई अन्य ने इस मामले में याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शांति और विभिन्न समुदाओं के भारतीय समाज की रक्षा का जिम्मा  राज्य का है। मुख्या न्यायाधीश ने कहा कि संसद भीड़ की हिंसा के लिए अलग से कानून बनाने पर विचार करे। अपने निर्देश में उन्होंने राज्य की सरकारों से कहा कि भीड़ की हिंसा को रोकना उनकी भी  जिम्मेदारी है। शीर्ष अदालत २० अगस्त को इस मसले पर समीक्षा करेगी जब केंद्र की तरफ से इसपर कुछ जवाब दायर होगा।

तुषार गांधी ने शीर्ष अदालत में उसके कुछ मामले में पहले के निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि कुछ राज्यों के खिलाफ मानहानि याचिका भी दायर की गयी हैं। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 6 सितंबर को सभी राज्यों से कहा था कि गौ-रक्षा के नाम पर हिंसा रोकने के लिये सख्त  कदम उठाये जाएँ।

एक और याचिकाकर्ता इंदिरा जयसिह ने कहा कि भारत में अपराधियों के लिए गोरक्षा के नाम पर हत्या करना गर्व की बात बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है और उन्हें जीवन की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पा रही है।

मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने कहा था कि केंद्र सरकार इस मामले में सजग और सतर्क है, लेकिन मुख्य समस्या कानून व्यवस्था की है। उनहोंने कहा था कि कानून व्यवस्था पर नियंत्रण रखना राज्यों की जिम्मेदारी है और केंद्र इसमें तभी हश्तक्षेप कर सकता है जब राज्य इसके लिए उससे आवेदन करे।

मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि भीड़तंत्र की इजाज़त नहीं दी जा सकती। शांति और बहुलतावादी समाज की रक्षा राज्य का दायित्व है। चीफ जस्टिस ने कहा कि संसद भीड़ की हिंसा के लिए अलग से कानून बनाने पर विचार करे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि चार हफ्ते के भीतर ”मॉब लिन्चिंग” पर दिशा-निर्देश जारी करें।

अभिनेत्री रीता भादुड़ी का निधन

‘जूली’, ‘अनुरोध’, ‘फूलन देवी’, ‘घर हो तो ऐसा’, ‘बेटा’, ‘लव’, ‘रंग’, “दलाल’, ‘तमन्ना’ और ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरने वाले अभिनेत्री  रीता भादुड़ी का मंगलवार निधन गया। उन्होंने कई टीवी सीरियल में भी काम किया। वर्तमान में रीता टीवी सीरियल ‘निमकी मुखिया’ में दादी का रोल कर रही थी और उन्हें काफी पसंद किया जाता था।

भादुड़ी के न‍िधन से इंडस्ट्री में शोक है और कई कलाकारों ने उनके निधन पर शोक जताया है। वह 62 साल की थीं। रीता टीवी और फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना चेहरा रहीं। उनके न‍िधन की जानकारी वरिष्ठ अभिनेता श‍िशि‍र शर्मा ने सोशल मीड‍िया पर साझा की । उन्होंने ल‍िखा – ”बड़े दुख के साथ मैं जानकारी दे रहा हूं कि रीता भादुड़ी हमारे बीच नहीं रहीं। उनका अंत‍िम संस्कार 17 जुलाई को दोपहर 12 बजे अंधेरी ईस्ट, मुंबई में होगा। हम सबके लिए वो मां की तरह थीं। उन्हें बहुत याद करेंगे ”.

प‍िछले द‍िनों रीता भादुड़ी की सेहत में गिरावट आई थी। उन्हें किडनी में समस्या थी, जिसकी वजह से उन्हें हर दूसरे दिन उन्हें डायलिसिस के लिए जाना पड़ता था। खराब सेहत के बावजूद रीता अपनी शूट‍िंग को पूरा कर रही थी। जब भी उन्हें खाली समय म‍िलता वो सेट पर ही आराम करती थीं। रीता की काम के प्रत‍ि लगन देखकर ही न‍िमकी मुखिया के शूट‍िंग शेड्यूल को उनकी सहूल‍ियत के ह‍िसाब से तय किया जाता था। रीता “निमकी मुखिया’ के अलावा ‘अमानत’, ‘कुमकुम’, ‘छोटी बहू’, ‘हसरतें’ जैसे कई टीवी शो में अहम भूमिका में आ चुकी हैं। उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया।

पत्नी की हत्या में गया जेल; मगर वो थी ज़िंदा; अब पुलिस शर्मिंदा

महाराष्‍ट्र के एक व्यक्ति पर पुलिस ने अपनी ही पत्‍नी की हत्‍या का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया। अपराधी ने कथित तौर पर अपना जुर्म कबूल भी कर लिया।

अब अचानक पुलिस ने दीपक सोमकुवर  पर लगाए गए सारे चार्ज वापस ले लिए, क्योंकि दीपक की पत्नी शिल्पा पुलिस को जिंदा मिली है। वह केम्पटी में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रही थी।

बात पिछले साल अक्टूबर की है जब दीपक पर अपनी पत्नी शिल्‍पा के मर्डर का आरोप लगा था। रामटेक पुलिस ने कुछ दिनों पहले उसे गिरफ्तार करके नागपुर जेल भेज दिया।

अक्टूबर 2017 में सोमकुमार और शिल्पा का किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद शिल्पा पति को छोड़कर चली गई।

शिल्‍पा के घर छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही पुलिस को एक सिर कटी महिला की लाश सतरापुर के बोंदरी गांव में मिली थी।

दीपक की पत्नी लापता थीं और पुलिस को उसके फोन का लोकेशन भी लाश के आसपास मिला था।

ऐसे में पुलिस का पहला शक दीपक पर गया। पुलिस ने महिला की सिर कटी लाश को शिल्पा मानकर दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पुलिस के होश तब उड़ गए, जब इस शख्‍स की जिंदा पत्‍नी लौट आई। ऐसे में पुलिस ने तुरंत इस शख्‍स को रिहा कर दिया और मामला वापस ले लिया। लेकिन नागपुर पुलिस के द्वारा हुई इस लापरवाही पर अब राजनीति शुरू हो गई है।

कांग्रेस कार्यकर्ता और ऐक्टिविस्ट उदयसिंह यादव ने नेता विपक्ष राधाकृष्णा विखे पाटिल को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में ग्रामीण पुलिस की लापरवाही झलकती है।

प्रधानमंत्री की सभा में टेंट गिरा : २५ घायल

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में सोमवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान मंच के पास जनता को धुप और बारिश से बचाने के लिए लगाए गए टेंट का बड़ा हिस्सा गिर गया जिसमें २५ से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। मोदी बाद में घायलों का हाल जानने अस्पताल गए।

भाजपा ने इस बात की जांच करने का फैसला किया है की टेंट कैसे गिरा और इसमें किसकी लापरवाही है। यह भाजपा की तरफ से आयोजित कार्यक्रम था। टेंट का हिस्सा गिरने से २५ से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया है हालाँकि बताया जा रहा है की इनमें से दो की हालत गंभीर है।

प्रधानमंत्री की सभा पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर में थी और भाजपा ने इसे किसान रैली का नाम दिया था। मोदी जब रैली को संबोधित कर रहे थे तभी उनकी सभा के एक हिस्से में पंडाल (टेंट) गिर गया। टेंट गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। इसमें कमसे काम २५ लोग घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत मिदनापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रैली के बाद मोदी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे और जख्मी हुए लोगों से मिल उनका हालचाल जाना। एक घायल महिला को हौसला देते हुए मोदी ने उनके जल्द ठीक हो जाने की प्रार्थना की।
पंडाल उस वक्त गिरा जब मोदी भाषण दे रहे थे। जैसे ही टेंट गिरा और मोदी ने महसूस किया कि इसमें लोग हुए हो सकते हैं उन्होंने अपनी सुरक्षा में तैनात एसपीजी के जवानों को घायलों की मदद करने का इशारा किया। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर दुख जताया है और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद की बात कही है। कांग्रेस और माकपा ने हादसे पर दुःख जताया है।

कुपवाड़ा में आतंकी ढेर, दो सैनिक घायल

राज्यपाल शासन लगने के बाद भी जम्मू कश्मीर में आतंवादियों की घुसपैठ और उनके हमलों में कमी नहीं आई है। सोमवार को कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में आतंवादियों ने हमला कर दिया। सुरक्षा वालों की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी ढेर हो गया जबकि दो सैनिक घायल हुए हैं।

यह खबर लिखे जाने तक सेना और आतंकियों में मुठभेड़ जारी थी। कुछ दिन पहले कुपवाड़ा के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ सर्च अभियान चला रखा है। सोमवार सुबह शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर हो गया। उसके पास से एक एके-47 राइफल भी बरामद हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह कुपवाड़ा के साफावाली गली में नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में एक आतंकी को सेना ने मार गिराया। आतंकी के पास से एके-47 राइफल बरामद की गई है। कुछ दिन पहले कुपवाड़ा जिले के जंगलों में आतंकी गतिविधि के इनपुट मिले थे। कुपवाड़ा के हलमतपोरा इलाके के जंगलों में शनिवार को सर्च ऑपरेशन चलाया गया था।

गौरतलब है कि इससे तीन दिन पहले ही कुपवाड़ा में 30 घंटे से अधिक समय तक सेना ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए एक आतंकी को मार गिराया था। इस कार्रवाई के दौरान पैरा स्पेशल फोर्सेज के जवान मुकुल मीणा शहीद जबकि एक जवान घायल हो गया था।

भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद

हिमाचल की पर्यटन स्थल मनाली के पास बहुत ज्यादा भूस्खलन होने से इसका देश के बाकी हिस्से से सड़क संपर्क टूट गया है। कुल्लू-मनाली हाईवे पर रांगड़ी में भारी भूस्खलन के चलते कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग -२१ (नेशनल हाईवे) सोमवार को अवरुद्ध हो गया जिसके बाद उस पर यातायात बंद कर दिया गया है। भूस्खलन से किसी जान माल के नुक्सान की खबर नहीं है।

भूस्खलन के चलते सोमवार सुबह 6 बजे से यह रिपोर्ट लिखे जाने तक नेशनल हाईवे बंद है। मार्ग बंद हो जाने से सड़क के दोनों ओर ट्रैफिक जाम लग गया है। फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी हाईवे को बहाल करने में जुटी हुई है। दूसरी ओर मनाली-लेह मार्ग पर जिंगजिंग बार के पास भूस्खलन का दौर जारी है, जिससे पर्यटकों सहित राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले कुछ रोज से जारी बारिश के बाद हिमाचल के कमसे काम तीन दर्जन संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। कुछ जगह बसों के फंसे होने की भी जानकारी मिली है। लगातार हो रही बारिश से राहगीरों और पर्यटकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसके कारण मनाली-कुल्लू मार्ग में भी काफी जोखिम बढ़ गया है। बूढ़ा केंप, रांगड़ी, बांहनु, आलू ग्राउंड, क्लॉथ, 17 मील, 15 मील, पतलीकूहल पुल, डोभी, रायसन सहित अनेक स्थानों पर लगातार पत्थर और मलबा पहाड़ियों से गिर रहा है।

इस बीच कुल्लू प्रशासन ने पर्यटकों को सलाह दी है कि वे जिले के किसी भी हिस्से में जोखिम उठाकर जाने की कोशिश न करें क्योंकि पहाड़ियों से बारिश के कारण लगातार मलवा गिर रहा है।