Home Blog Page 11

नेपाल में सियासी संकट के बीच सुशीला कार्की ने संभाली कमान

नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक प्रदर्शनों के बीच देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की ने रविवार को अंतरिम प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया है। सत्ता संभालते ही अपने पहले संबोधन में उन्होंने युवाओं (Gen-Z) और प्रदर्शनकारियों को कड़ा संदेश देते हुए साफ किया कि हाल में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं की जांच कराई जाएगी।

प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने देश को संबोधित करते हुए कहा, “तोड़फोड़ की घटना में शामिल लोगों की जांच होगी। मेरा दल और मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे और नई संसद के चुने जाने के बाद जिम्मेदारी सौंप देंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का एकमात्र उद्देश्य संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना है और इसके लिए उन्हें जनता के सहयोग की आवश्यकता होगी।

नेपाल में यह संकट तब शुरू हुआ जब आंतरिक मतभेदों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार गिर गई, जिसके बाद संसद को भंग कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों और बड़ी संख्या में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। कई जगहों पर ये प्रदर्शन हिंसक हो गए और सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

इन्हीं बेकाबू होते हालातों को नियंत्रित करने और अगले आम चुनाव तक देश की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और अन्य संवैधानिक निकायों की सिफारिश पर सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।

सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण कर ली है। राष्ट्रपति भवन में लगभग सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए, जो उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे भी समारोह में मौजूद रहे, जबकि विपक्ष के अन्य नेता भी आए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुजरात दौरे के कारण शामिल नहीं हो पाए।

सीपी राधाकृष्णन ने 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपा गया है।

इस चुनाव में राधाकृष्णन ने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था।

भारत ने नागरिकों को रूसी सेना में शामिल न होने की सलाह दी

विदेश मंत्रालय ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के संबंध में हालिया खबरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि भारत सरकार ने पिछले एक साल में कई बार इस तरह की भर्तियों से जुड़े जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है और भारतीय नागरिकों को इसके प्रति सावधान रहने की सलाह दी है।

प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमें हाल ही में भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किए जाने की खबरें मिली हैं। हमने दिल्ली और मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें इस प्रथा को समाप्त करने और हमारे नागरिकों को रिहा करने की मांग की गई है।”

उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में है। प्रवक्ता ने भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की जोरदार अपील की और इसे ‘खतरों से भरा कदम’ करार दिया। यह बयान हाल की उन खबरों के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया कि कुछ भारतीय नागरिकों को धोखे से रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेजा गया।

एक प्रमुख अखबार में दावा किया गया कि पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में मौजूद दो भारतीय पुरुषों को निर्माण कार्य के बहाने रूस लाया गया, लेकिन उन्हें युद्ध के मोर्चे पर तैनात कर दिया गया। नवंबर 2024 में रूस की ओर से कब्जाए गए सेलिडोव शहर से फोन पर बात करते हुए, उन्होंने दावा किया कि कम से कम 13 अन्य भारतीय भी ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों भारतीय पिछले 6महीनों में स्टूडेंट या विजिटर वीजा पर रूस गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक एजेंट ने उन्हें निर्माण क्षेत्र में रोजगार का वादा किया था, लेकिन धोखे से उन्हें युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को अस्पताल से मिली छुट्टी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को अस्पताल से छुट्‌टी मिल गई है। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से बाहर आने के दौरान उन्होंने बाहर खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और फिर चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास रवाना हो गए। 5 सितंबर की शाम को मुख्यमंत्री को धड़कन धीमी होने और कमजोरी की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था।

बता दें कि 2 सितंबर को सीएम भगवंत मान ने बाढ़ से प्रभावित फिरोजपुर का दौरा किया था। इसके बाद 3 सितंबर रात को उनकी तबीयत बिगड़ गई। 4 सितंबर को सुबह आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल उनसे मिलने चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर पहुंचे। इसके बाद सीएम ने केजरीवाल के साथ पंजाब के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया। सीएम मान 9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में भी शामिल नहीं हो पाए थे। हालांकि पीएम ने उनकी सेहत को लेकर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से पूछा था।

भारतीय  नौसेना के लिए बनाया गया पहला नेवल 3D एयर सर्विलांस रडार

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह स्पेन की कंपनी इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत एडवांस्ड नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।

टीएएसएल ने कहा कि उसने इटली की कंपनी के साथ साझेदारी करके भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर पहले लांजा-एन रडार को सफलतापूर्वक तैनात कर दिया गया है। लांजा-एन, इंद्रा के लंबी दूरी के 3डी रडार का नेवल वर्जन है, जिसे वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों के लिए दुनिया में सबसे एडवांस माना जाता है। पहला राडार स्थापित करने के बाद ऐसे और अधिक राडार भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और विमान वाहक पोतों पर लगाए जाएंगे। इस रडार की स्थापना को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता अभियान में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इस सिस्टम को स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने उत्पादन और फ्यूचर डिलीवरी में तेजी लाने के लिए कर्नाटक में एक समर्पित रडार असेंबली, एकीकरण और परीक्षण सुविधा स्थापित की है। इस रडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षणों से गुजरा गया है, जहां इसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया गया। अब इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर मौजूद सभी सिस्टम्स के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है। इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सीईओ और एमडी, सुकरण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ साझेदारी भारत में रडार निर्माण को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय विशेषज्ञता, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, एडवांस डिफेंस सिस्टम्स के लिए एक इकोसिस्टम बनाने में मदद कर रहे हैं। इंद्रा की नेवल बिजनेस यूनिट की प्रमुख, एना बुएंडिया ने कहा कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ सहयोग सिर्फ रडार की आपूर्ति तक ही सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा, “हमने मिलकर बेंगलुरु में एक रडार फैक्टरी स्थापित की है, जो हमें प्रणालियों का अधिक कुशलता से उत्पादन करने और ग्राहकों को नजदीकी सेवा प्रदान करने के लिए स्थानीय समर्थन प्रदान करती है।” लांजा-एन रडार मित्र और शत्रु दोनों प्रकार के हवाई और सतही लक्ष्यों पर नजर रख सकता है, जिनमें ड्रोन, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, विकिरण-रोधी मिसाइलें और नौसैनिक प्लेटफॉर्म शामिल हैं। यह पहली बार है जब लांजा-एन प्रणाली को स्पेन के बाहर तैनात किया गया है, जिससे भारत इंद्रा के होम बेस से परे इसे संचालित करने वाला पहला देश बन गया है।

नेपाल में सेना ने बढ़ाया कर्फ्यू,अंतरिम सरकार के गठन का प्रयास तेज

नेपाल में विरोध प्रदर्शनों का आज चौथा दिन है। आंदोलनकारी Gen-Z ने देश की अगली प्रधानमंत्री के रूप में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। इसके बाद अंतरिम सरकार के गठन की कोशिशें तेज हो गई हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए सेना ने काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में लागू कर्फ्यू व निषेधाज्ञा को शुक्रवार (12 सितंबर) सुबह 6 बजे तक बढ़ा दिया है।

सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आवश्यक सेवाओं से जुड़ी गाड़ियां और संस्थान सीमित समय तक संचालित हो सकेंगे। जनता की जरूरतों को देखते हुए रोजमर्रा के सामान बेचने वाली दुकानें सुबह 6 से 9 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक खुली रहेंगी। इस दौरान नागरिकों से छोटे समूहों में खरीदारी करने की अपील की गई है।

लगातार चार दिन से चल रही हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शनों के कारण आवश्यक वस्तुओं और खाद्य सामग्री की सप्लाई ठप हो गई है। सरकार गिरने के बाद अन्य वस्तुओं का परिवहन भी प्रभावित हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में जरूरी सामानों के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं।

काठमांडू में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “देश चलाना आसान नहीं है। इसके लिए अनुभव चाहिए। सुशीला कार्की ही सही विकल्प हैं क्योंकि उनके पास प्रशासनिक अनुभव है।” हाल के दिनों में सोशल मीडिया बैन, सरकार के इस्तीफे और Gen-Z आंदोलन के चलते नेपाल राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। काठमांडू महानगरपालिका के मेयर बालेन्द्र शाह (बालेन) ने भी सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। हालांकि, कई प्रदर्शनकारी शाह को ही अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग भी कर रहे हैं।

सोशल मीडिया बैन से भड़का आक्रोश– 8 सितंबर को सरकार ने टैक्स और साइबर सुरक्षा का हवाला देकर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया था। यह कदम जनता को नागवार गुजरा और विरोध प्रदर्शनों में तब्दील हो गया। अब तक इन प्रदर्शनों में कम से कम 30 लोगों की मौत और 500 से अधिक घायल हो चुके हैं। हालात काबू में लाने के लिए कई शहरों में कर्फ्यू लागू है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि सरकार में संस्थागत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हो। सोशल मीडिया पर नेताओं के बच्चों की ऐशोआराम भरी जिंदगी उजागर होने के बाद जनता और राजनीतिक वर्ग के बीच आर्थिक असमानता पर आक्रोश और बढ़ गया है।

नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की बन सकती हैं अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल से अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम अंतरिम पीएम के लिए लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, जनरेशन-जेड (Gen-Z) की वर्चुअल मीटिंग में उनके नाम पर आम सहमति बनी है। जानकारी के मुताबिक, इस ऑनलाइन बैठक में करीब 5,000 लोगों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया गया।

ओली सरकार गिरने के बाद सेना के हाथ में सत्ता– नेपाल में तख़्तापलट की स्थिति बन चुकी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और लगभग 10 मंत्रियों ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। इस समय देश की कमान सेना के हाथों में है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं।

कौन हैं सुशीला कार्की?
73 वर्षीय सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला जज रही हैं और बाद में सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रही। उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ। 11 जुलाई 2016 को वे सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं, हालांकि करीब एक साल बाद, 30 अप्रैल 2017 को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया और उन्हें पद से हटा दिया गया। कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने 1972 में बिराटनगर के महेंद्र मोरांग कैंपस से बीए किया। 1975 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में मास्टर की डिग्री और 1978 में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया। इसके बाद उन्होंने 1979 में वकालत शुरू की थी।

नेपाल के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर उतरे लोग, 80,000 सुरक्षाकर्मी तैनात

नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए जन आंदोलन के बाद अब फ्रांस भी बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की आग में घिर गया है। ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ (सब कुछ जाम कर दो) नाम से हो रहे इस आंदोलन के तहत बुधवार सुबह राजधानी पेरिस और अन्य प्रमुख शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं।

बुधवार को नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने कूड़ेदानों और बैरिकेड्स लगाकर सड़कें जाम कर दीं। बोर्डो और मार्सिले जैसे शहरों में भीड़ ने चौराहों पर कब्जा कर लिया और पुलिस पर बोतलें और फ्लेयर्स फेंके। पेरिस के प्रमुख रेलवे हब ‘गारे दू नॉर’ स्टेशन पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया।

फ्रांस में यह हिंसा उस वक्त भड़की है, जब 24 घंटे पहले ही राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सेबास्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। लेकोर्नू ने फ्रांस्वा बायरो की जगह ली है, जिन्हें विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, बायरो ने £35 अरब (लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये) की सरकारी कटौती की योजना पेश की थी, जिसके खिलाफ जनता में भारी गुस्सा था और इसी के चलते उनकी सरकार गिर गई। अब नई सरकार के आते ही लोग फिर से सड़कों पर उतर आए हैं।

बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने देश भर में 80,000 से अधिक पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया है। पेरिस में सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों को आशंका है कि दिन चढ़ने के साथ भीड़ और भी उग्र हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारी रेल और सड़क यातायात को रोकने के साथ-साथ तेल डिपो, सुपरमार्केट और पेट्रोल पंपों को भी निशाना बना रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय जासूसी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी मॉड्यूल का खुलासा करते हुए नेपाल के नागरिक प्रभात कुमार चौरसिया (43 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने और भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने का आरोप है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने नाम पर भारतीय मोबाइल सेवा प्रदाताओं (एयरटेल और जियो) से 16 सिम कार्ड प्राप्त किए थे। इन सिम कार्ड्स में से 11 का इस्तेमाल पाकिस्तान के शहरों—लाहौर, बहावलपुर आदि—में व्हाट्सऐप के जरिए किया जा रहा था। सिम कार्ड नेपाल के रास्ते आईएसआई एजेंटों तक पहुंचाए गए।

स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक, इन व्हाट्सऐप नंबरों का इस्तेमाल भारतीय सेना के अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने और रक्षा-संबंधी जानकारियाँ एकत्र करने की कोशिशों में किया जा रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि चौरसिया वर्ष 2024 से आईएसआई के संपर्क में था और उसे अमेरिका का वीजा तथा पत्रकारिता करियर के नाम पर लालच दिया गया था। आरोपी के खिलाफ दिल्ली के PS Special Cell थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2)/152 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ जारी है और जांच एजेंसियाँ अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। साथ ही, आरोपी से पाकिस्तान और वहां मौजूद आईएसआई हैंडलर्स से संबंधित और जानकारियां जुटाने की कोशिश की जा रही है।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी भूमिका को उजागर किया है।

पंजाब में एक और आप विधायक पुलिस ने किया गिरफ्तार

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है। खडूर साहिब से ‘आप’ विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को पुलिस ने 12 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई तरनतारन की एक अदालत द्वारा उन्हें दोषी करार दिए जाने के बाद हुई। उनकी अचानक हुई गिरफ्तारी ने पंजाब की सियासत में हलचल मचा दी है।

यह गिरफ्तारी साल 2013 के चर्चित ‘उस्मा कांड’ मामले में हुई है। उस समय एक पीड़िता द्वारा दुर्व्यवहार के आरोप लगाए जाने पर मनजिंदर सिंह लालपुरा समेत 11 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को इसी मामले की सुनवाई तरनतारन अदालत में हुई।

आज विधायक मनजिंदर सिंह समेत 9 आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी, जिसमें सजा का ऐलान हो सकता है।