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लोकसभा मतदान के ऐन पहले राफेल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका

लोक सभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान से महज एक दिन पहले मोदी सरकार को राफेल लड़ाकू विमान डील मामले में बहुत बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मोदी सरकार की उन प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया है जिसमें सरकार ने याचिका के साथ लगाए दस्तावेजों पर विशेषाधिकार  बताया था। इस मामले पर सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीनों जजों की पीठ ने आजका फैसला दिया है।
गौरतलब है इस मामले में वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा, वाजपेयी सरकार में ही मंत्री रहे पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी और सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण की तरफ से याचिका दायर की गयी है। सरकार ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की थी, जिसे आज सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि तीनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा याचिका में जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उनपर उसका विशेषाधिकार है और उन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए। लेकिन सरकार की दलील को न मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर मानने का एक तरह से फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि राफेल मामले में रक्षा मंत्रालय से फोटोकॉपी किए गोपनीय दस्तावेजों का परीक्षण करेगा। केंद्र ने कहा था कि गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी या चोरी के कॉपी पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता।
आजका फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बैंच ने सहमति से सुनाया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि दस्तावेज याचिका के साथ दिए गए हैं, वो गलत तरीके से रक्षा मंत्रालय से लिए गए हैं, इन दस्तावेजों पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता।
याद रहे सरकार ने दावा किया था कि  १४ दिसंबर, २०१८ के कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दिए गए दस्तावेजों पर उसका विशेषाधिकार है। सरकार ने कहा था कि याचिका की सुनवाई के लिए इन दस्तावेजों पर कोर्ट संज्ञान न ले। सरकार का कहना था कि मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपी अनधिकृत रूप से तैयार की गईं और इसकी जांच की जा रही है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि प्रस्तुत दस्तावेज विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज हैं, जिन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा १२३ के अनुसार सबूत नहीं माना जा सकता है।
हालाँकि, याचिकाकर्ताओं में से एक प्रशांत भूषण ने एजी के दावों को गलत बताते हुए कहा कि विशेषाधिकार का दावा उन दस्तावेजों पर नहीं किया जा सकता जो पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में हैं।

आरएसएस नेता और पीएसओ की हत्या के बाद किश्तवाड़ में तनाव

जेके के जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में अस्पताल में गोलियां चलाकर जिन आरएसएस नेता को घायल किया गया था उनकी मौत हो गयी है। उनके पीएसओ (सुरक्षा अधिकारी) मौत हो गयी थी। इन हत्यायों के बाद  बाद कर्फू लगा दिया गया है और सेना को बुला लिया गया है।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक यह घटना दोपहर साढ़े बारह बजे तब हुई जब एक आतंकी स्वास्थ्य केन्द्र में घुस आया और आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा पर गोलीबारी शुरू कर दी। शर्मा और उनके पीएसओ राजिंदर किश्तवाड़ के स्वास्थ्य केन्द्र में आये हुये थे।
किश्तवाड़ पुलिस के मुताबिक आतंकी, जो की बुर्के में था, उनकी आवाजाही पर नजर बनाए हुये था और अस्पताल में उसने गोलियों की बौछार कर दी। इस गोलीबारी में  पीएसओ की मौत हो गई और आरएसएस नेता घायल हो गए। बाद में उनकी  दौरान मौत हो गयी।
शर्मा को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से जम्मू आया गया लेकिन उनकी अस्पताल में मौत हो गई। किश्तवाड़ और भद्रवाह में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अब सेना को बुला लिया गया है क्योंकि वहां हत्या के बाद तनाव है। इलाके में कर्फ्यू लगाकर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है।
हमले के बाद आतंकी पीएसओ राजिंदर सिंह का हथियार लेकर वहां से फरार हो गया और उसकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर में भाजपा की राज्य इकाई के सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजित की भी किश्तवाड़ में ही आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। पुलिस और सेना फरार आतंकी की तलाश कर रही है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने भाजपा विधायक और ५ जवानों की हत्या की

चुनाव से ऐन पहले नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में एक बड़े हमले में एक विधायक और  पांच जवानों की हत्या कर दी है। पहले नक्सलियों ने जवानों को विस्फोट से मारा और जैसे ही भाजपा विधायक भीमा मंडावी घटना को समझने के लिए अपने वाहन से बाहर निकले, नक्सलियों ने उनकी धारदार हथियार से हत्या कर दी।
यह हमला भाजपा के चुनाव काफिले पर हुआ है जिसमें भाजपा के विधायक भीमा मंडावी भी एक वाहन में सवार थे। ब्लास्ट के दौरान भीमा का वाहन भी घटनास्थल पर ही था। मंडावी को लेकर पुष्ट जानकारी मिली है कि उनकी भी हत्या कर दी गयी है।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में यह हमला हुआ । भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफिले को टारगेट करके यह ब्लास्ट किया गया है जिसमें पांच जवानों के शहीद होने की सूचना है। बाद में जैसे ही भाजपा विधायक अपने वाहन से बाहर निकले उनकी धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले नक्सल प्रभावित दंतेवाडा में पहले चरण के तहत ११ अप्रैल को वोट डाले जाने हैं। जिस सवार में भाजपा विधायक मंडावी सवार थे वो बुलेट प्रूफ था। फिलहाल खबर के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है
छत्‍तीसगढ़ में सोमवार को नक्‍सलियों ने भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफि‍ले पर हमला कर दिया। इसमें विधायक समेत पांच जवान शहीद हो गए। जानकारी के अनुसार नक्‍सलियों ने एंटी लैंडमाइन से पहले ब्‍लास्‍ट किया। इसके बाद धारदार हथियारों से विधायक पर हमला किया।
जानकारी के मुताबिक हमला नकुलनार थाना क्षेत्र के श्‍यामगिरी क्षेत्र में हुआ। यह स्‍थान कुआकाेंडा के पास है।बताया जाता है कि विधायक श्‍यामगिरी से जैसे ही निकले वैसे ही नक्‍सलियों ने उनके काफ‍िले पर हमला कर दिया। नक्‍सली पहले से घात लगाकर बैठे हुए थे।

काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता : प्रणव मुखर्जी

लोक चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का ताजा ब्यान पीएम मोदी और भाजपा के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है। मुखर्जी ने एक समारोह में बिना मोदी सरकार का नाम लिए मंगलवार कहा कि ”काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता है  ”। समझा जा रहा है कि ब्यान अप्रत्यक्ष रूप से पीएम मोदी को टारगेट करके किया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक अवार्ड समारोह में मोदी सरकार का नाम लिए बिना यह टिप्पणी की है। मुखर्जी ने कहा – ”काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता है।  भारत को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो लोगों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा कर सकें।” जानकारों के मुताबिक भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जिस तरह सामान्य मुद्दों को ”नीचे” करके राष्ट्रवाद को ऊपर रखा है, यह टिप्पणी उसपर भी हमला है।
मुखर्जी ने एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवॉर्ड्स ग्रहण करते हुए कहा – साल २००५-०६  के बाद के दशक में २७ करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। देश में गरीबी की दर पिछली अवधि में करीब आधी हो गई है। यह एक सकारात्मक पक्ष है। इसी तरह २६.९ करोड़ लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं, जिसे चिंता की बात कहा जाएगा।
प्रणब दा ने कहा – ”हमें अभी भी देश के हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करने की जरूरत है। हमें वास्तव में समृद्ध और गौरवशाली राष्ट्र बनने के लिए और अधिक युवा लोगों चाहिए। जबकि भारत ने संख्यात्मक पक्ष पर काफी तरक्की की है, जबकि गुणवत्ता के पहलू पर अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। देश की एक फीसदी आबादी के पास ६० फीसदी संपत्ति है। ऐसे में देश के विकास को और समावेशी बनाने की जरूरत है”।

आईटी छापे : सीबीडीटी अध्यक्ष, राजस्व सचिव ने आयोग को दी सारी जानकारी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के छापे के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के अध्यक्ष और राजस्व सचिव ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर इससे जुडी कार्रवाई की जानकारी दी। उधर सीएम कमलनाथ ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए आरोप लगाया है कि  कि राजनीतिक दृष्टि से जो करने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें कोई सफल होने वाला नहीं है।
इस बीच सीएम के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़ ने इनकम टैक्स के छापों के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मंगलवार को कमलनाथ के निजी सचिव रहे प्रवीण कक्कड़ के सहायक अश्विन शर्मा के घर वन विभाग की टीम पहुंची। अश्विन शर्मा के घर से बाघ, काला हिरण, तेंदुए, सांभर, चीतल के अवशेषों सहित बड़ी संख्या में सजावटी सामान (ट्रॉफियां) बरामद हुए हैं। अब अश्विन पर वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उधर सीएम कमलनाथ ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि राजनीतिक दृष्टि से जो करने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें कोई सफल होने वाला नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक कक्कड़ के घर से आयकर टीम को कुछ खास नहीं मिला है। बैंक लॉकर में ४८ लाख और घर से ३० लाख की ज्वेलरी मिली है, जिसके बारे में कक्कड़ के सीए का कहना है कि सारी ज्वेलरी रिटर्न में शो की गई है।
इस बीच कक्कड़ ने बताया है कि रात ३.३० बजे के करीब आईटी टीम उनके घर का दरवाजा तोड़ कर अंदर दाखिल हुई थी। ”दो दिन तक छानबीन के बाद भी उन्हें जब्त करने लायक कुछ नहीं मिला। घर-ऑफिस और दोनों बैंक लॉकर भी चेक किए, लेकिन गोल्ड-कैश और कोई भी आपत्तिजनक चीज नहीं मिली।” हालांकि, उन्होंने टीम की तरफ से किसी प्रकार के टॉर्चर से इंकार। ”सीबीडीटी ने जो प्रेस रिलीज जारी की है उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। हवाला और राजनीतिक फंडिंग से मेरा कोई लेना-देना नहीं है”।

चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाये ६६ पूर्व प्रशासनिक अफसरों ने

देश के ६६ पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने चुनाव आयोग के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। आयोग के काम करने के तरीके पर आपत्ति उठाते हुए देश के इन पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग कई मौके पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों को प्रभावी रूप से निपटने में विफल रहा है।
इन अफसरों ने पत्र में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघनों को सूचीबद्ध भी किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सूची में एंटी-सैटेलाइट परिक्षण ”मिशन शक्ति” को लेकर राष्ट्र के नाम पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन, पीएम मोदी की बायोपिक और उनके जीवन पर एक वेब सिरीज, नमो टीवी और पीएम और अन्य भाजपा नेताओं के कथित तौर पर आचार संहिता तोड़ने वाले भाषण शामिल हैं।
इन पूर्व अधिकारियों में आईपीएस अधिकारी जूलियो रिबेरो, पूर्व विदेश सचिव शिव शंकर मेनन और दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग जैसे नाम शामिल हैं। अधिकारियों ने पत्र में लिखा है कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता से आज समझौता किया जा रहा है। पत्र में लिखा गया है – ”इससे चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरा हो रहा है, जो कि भारतीय लोकतंत्र की नींव है”
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों के इस समूह ने पहले चुनाव आयोग को भी लिखा था कि आयोग को राजनीतिक शख्सियतों की बायोपिक्स को रिलीज होने से रोकना चाहिए। अधिकारियों ने पीएम मोदी की बायोपिक का भी जिक्र किया था।

कमीशन पर अभी भी पुराने नोट बदल रहे : कांग्रेस

नोटबंदी को लेकर कांग्रेस हमेशा  रही है और पीएम मोदी पर इसे लेकर आरोप लगाती रही है। अब एक बार फिर कांग्रेस ने नोटबंदी को मोदी सरकार का सबसे बड़ा स्कैम बताते हुए मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके एक वीडियो जारी किया और दावा किया कि नोटबंदी के बाद भी १५ फीसदी कमीशन लेकर पुराने नोटों को बदला जा रहा है।
प्रेस कांफ्रेंस को सम्वोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मोदी  सरकार को इसकी जांच कराने की चुनौती दी। सिब्बल ने कहा – ”राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मोदी सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है लेकिन नोटबंदी के बाद भी भाजपा नेताओं की मदद से नोट बदलने के घोटाले पर कोई कुछ नहीं कर रहा।”
इस मौके पर कांग्रेस ने एक वीडियो भी मीडिया के लोगों को दिखाया जिसमें कथित तौर पर ७ जुलाई, २०१८ को राहुल रत्नेकर नाम का एक व्यक्ति भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उनके बेटे जय शाह, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का नाम लेते हुए कह रहा है कि ”इनके कहने पर करंसी बदली जाती है”।
सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ”ऐसा लगता है कि सारी एजेंसियां, चाहे वो आईटी हो, सीबीआई हो या एनआईए हो, सब इनके कब्जे में हैं। जब एजेंसी और सरकार एक मंच पर आ जाएं तो लोकतंत्र कभी बहाल नहीं रह सकता। लोकतंत्र बचाने का काम अब जनता का है।”
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ट्रेजरी और बैंक के लोग मिलकर १५ परसेंट कमीशन पर कमा रहे हैं, इनका कुछ नहीं होगा। उन्होंने पिछले खुलासे का जिक्र किया। कहा – ”हमने पिछली बार गुजरात की बात की थी। कैसे एक आदमी भाजपा मुख्यालय में जाता है और फ्रेश नोट लेकर आता है। अब तो २६ ठिकानों की बात हो रही है।” ताजा वीडियो का हवाला देते हुए सिब्बल ने पूछा कि ”क्या ईडी इन लोगों को गिरफ्तार करेगी? विपक्षी दलों के खिलाफ डायरी का इस्तेमाल किया जाता है पर यही बात बिड़ला डायरी और येदियुरप्पा पर लागू नहीं होती है”।

आरएसएस नेता पर हमला, पीएसओ की मौत

जम्मू कश्मीर के जम्मू संभाग में किश्तवाड़ में आरएसएस के नेता पर अस्पताल के भीतर आतंकी हमले में उनके सुरक्षा कर्मी ( पीएसओ) की मौत हो गयी है। आरएसएस नेता चंद्रकांत भी हमले में घायल हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक किश्तवाड़ में एक अस्पताल को आतंकियों ने निशाना बनाया।    आरएसएस नेता चंद्रकांत गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनके सुरक्षाकर्मी एक एसपीओ की मौत हो गई है। जिस व्यक्ति ने आरएसएस नेता पर हमला किया, ख़बरों के मुताबिक, वह बुर्का पहने हुआ था। यह हमला अस्पताल के भीतर ओपीडी में किया गया जहाँ चंद्रकांत अपने सुरक्षा कर्मी के साथ थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बुर्का पहने एक व्यक्ति ने चंद्रकांत पर गोलियां चलानी  शुरू कर दी। फायरिंग में चंद्रकांत जख्मी हो गए, जबकि उनके सुरक्षा कर्मी की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर सुरक्षा कर्मी एसपीओ का हथियार भी लेकर भाग गया।
जैसे ही अस्पताल के भीतर गोलियां चलनी शुरू हुईं, वहां अफरा-तफरी मच गई। इस बीच हमलावर मौके से फरार हो गया। स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बुर्का पहने हमलावर कोई पुरुष था या महिला। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है।

अब एक नहीं पांच बूथों पर ईवीएम, वीवीपीएटी का मिलान : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक बड़े फैसले में आदेश दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाए पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपीएटी का औच्चक  मिलान होगा। अदालत का यह निर्देश २१ विपक्षी राजनीतिक दलों की याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सुनवाई के दौरान एक वकील की इस याचना को नहीं माना कि याचिका को लंबित रखा जाये क्योंकि ११ अप्रैल से मतदान शुरू हो रहा है।
विपक्ष आरसे से ईवीएम को लेकर सवाल उठाता रहा है। लोकसभा चुनाव में ईवीएम  से वेवेपैट के ५० फीसदी मिलान को लेकर २१ विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इसके लिए संसाधनों की समस्या क्यों होनी चाहिए? यह मामला चुनाव प्रणाली में विश्वास को लेकर है।
चुनाव आयोग के पास ईवीएम के साथ वीवीपैट को गिनने और मिलान करने के लिए अधिक लोग होने चाहिए। ये व्यवस्था देश भर के ४७९ ईवीएम आधारित नहीं होना चाहिए बल्कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने दलील दी कि अधिक गिनती का मतलब मानव त्रुटि हो सकती है। चुनाव आयोग द्वारा निष्कर्ष एक तार्किक प्रक्रिया और प्रतिक्रिया पर आधारित हैं क्या याचिकाकर्ताओं द्वारा ऐसी कोई त्रुटि बताई गई है जिसके लिए कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत हो। क्या यह सारा मामला सिर्फ धारणा सुधारने के लिए है?
दलील सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर ५० फीसदी ईवीएम और वीवीपैट का मिलान हो तो हर एक विधान सभा क्षेत्र में औसतन १७५ बूथ होंगे। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि अब तक औचक गिनती में कोई खामी नहीं मिली है और कोई भी उम्मीदवार पीठासीन अधिकारी से गिनती की मांग कर सकता है।

भाजपा संकल्प पत्र में फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर, राष्ट्रवाद पर पूरा जोर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब हर परिवार को साल भर में ७२,००० रूपये देने वाली ”न्याय” योजना को अपने घोषणा पत्र में जोड़ा तो लग रहा था कि भाजपा भी इसकी काट के लिए कुछ अपने घोषणा पत्र में जोड़ेगी। हालाँकि सोमवार को भाजपा ने अपना घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया तो उसमें ऐसा कुछ नहीं दिखा। पिछले चुनाव में भाजपा ने ”अच्छे दिन आएंगे” का नारा दिया था और इस बार ”फिर एक बार मोदी सरकार” का नारा दिया है। तय है भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव में  उतरने का फैसला कर चुकी है।
भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में देश की आजादी के ७५ साल पूरे होने पर फोकस करते हुए ७५ संकल्पों को रखा है। पार्टी ने दावा किया है कि  पत्र छह करोड़ लोगों की मदद से तैयार किया गया है। इसे ”संकल्पित भारत, सशक्त भारत” नाम दिया गया है। मोदी ने इस मौके पर कहा – राष्ट्रवाद, अन्तोदय और सुसाशन हमारा संकल्प है।”
घोषणा पत्र में पीस ०१४ की तरह ही यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर मुद्दे का जिक्र किया गया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री राजनाथ ने कहा – ”मंदिर निर्माण के लिए हम सभी संभावनाओं को तलाशेंगे। छोटे किसानों-दुकानदारों को ६० साल के बाद पेंशन मिलेगी, राष्ट्रीय व्यापार आयोग का गठन होगा।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि ”यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारी प्रतिबद्धता अभी भी है और हम इसे करेंगे। राष्ट्रवाद के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रहेगी। भारत में होने वाली घुसपैठ को हम सख्ती से रोकेंगे।”
उन्होंने कहा कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को हम संसद के दोनों सदनों से पास कराएंगे और उसे लागू करेंगे। लेकिन किसी राज्य की कल्चरल और भाषाई पहचान को बचाएंगे। राम मंदिर के संकल्प को भी हम दोहराते हैं। हमारा प्रयत्न होगा कि राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण हो जाए। हमारे प्रधानमंत्री ने शासन की बागडोर संभालते ही कहा था कि किसानों की आय को हम २०२२ तक दोगुना करेंगे। एक लाख तक जो क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मिलता है पांच सालों तक उस पर ब्याज शून्य प्रतिशत होगा।
घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष ने कहा – ”हमने फैसला किया है कि  २५ लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में हम खर्च करेंगे। राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाएंगे जो व्यापारियों और बिजनेसमैन की चिंता करेगा। यह इनएक्टिव नहीं वेरी एफेक्टिव आयोग होगा। यानी हम लघु और सीमांत किसानों के साथ लघु व्यापारियों को नहीं छोड़ सकते। इसलिए दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देंगे।”
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। शाह ने इस मौके पर कहा – ”२०१४ से २०१९ की यात्रा का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब यह पांच साल स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने पड़ेंगे। इन पांच सालों में भाजपा ने एक निर्णायक सरकार देने का काम किया गया। पचास करोड़ गरीबों को उठाने के लिए काम हुआ है। मोदीजी की सरकार ने जरूरतमंदों तक गैस सिलेंडर, बिजली, घर, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का सफल प्रयास किया। देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूरी दुनिया को सोचना पड़े ऐसा काम मोदी सरकार ने किया है। हमारी अर्थव्यवस्था २०१४ में ग्यारहवें नंबर पर थी। आज छठवें स्थान पर पहुंच गए हम और तेजी से पांचवें स्थान की तरफ बढ़ रहे हैं।”
घोषणा पत्र कार्यक्रम में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत और रामलाल उपस्थित थे। घोषणा पात्र जारी करने के कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेताकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब हर परिवार को साल भर में ७२,००० रूपये देने वाली ”न्याय” योजना को अपने घोषणा पत्र में जोड़ा तो लग रहा था कि भाजपा भी इसकी काट के लिए कुछ अपने घोषणा पत्र में जोड़ेगी। हालाँकि सोमवार को भाजपा ने अपना घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया तो उसमें ऐसा कुछ नहीं दिखा। पिछले चुनाव में भाजपा ने ”अच्छे दिन आएंगे” का नारा दिया था और इस बार ”फिर एक बार मोदी सरकार” का नारा दिया है। तय है भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव में उतरने का फैसला कर चुकी है।
भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में देश की आजादी के ७५ साल पूरे होने पर फोकस करते हुए ७५ संकल्पों को रखा है। पार्टी ने दावा किया है कि पत्र छह करोड़ लोगों की मदद से तैयार किया गया है। इसे ”संकल्पित भारत, सशक्त भारत” नाम दिया गया है। मोदी ने इस मौके पर कहा – राष्ट्रवाद, अन्तोदय और सुसाशन हमारा संकल्प है।”
घोषणा पत्र में पीस ०१४ की तरह ही यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर मुद्दे का जिक्र किया गया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री राजनाथ ने कहा – ”मंदिर निर्माण के लिए हम सभी संभावनाओं को तलाशेंगे। छोटे किसानों-दुकानदारों को ६० साल के बाद पेंशन मिलेगी, राष्ट्रीय व्यापार आयोग का गठन होगा।
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि ”यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारी प्रतिबद्धता अभी भी है और हम इसे करेंगे। राष्ट्रवाद के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रहेगी। भारत में होने वाली घुसपैठ को हम सख्ती से रोकेंगे।”
उन्होंने कहा कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को हम संसद के दोनों सदनों से पास कराएंगे और उसे लागू करेंगे। लेकिन किसी राज्य की कल्चरल और भाषाई पहचान को बचाएंगे। राम मंदिर के संकल्प को भी हम दोहराते हैं। हमारा प्रयत्न होगा कि राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण हो जाए। हमारे प्रधानमंत्री ने शासन की बागडोर संभालते ही कहा था कि किसानों की आय को हम २०२२ तक दोगुना करेंगे। एक लाख तक जो क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मिलता है पांच सालों तक उस पर ब्याज शून्य प्रतिशत होगा।
घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष ने कहा – ”हमने फैसला किया है कि २५ लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में हम खर्च करेंगे। राष्ट्रीय व्यापार आयोग बनाएंगे जो व्यापारियों और बिजनेसमैन की चिंता करेगा। यह इनएक्टिव नहीं वेरी एफेक्टिव आयोग होगा। यानी हम लघु और सीमांत किसानों के साथ लघु व्यापारियों को नहीं छोड़ सकते। इसलिए दुकानदारों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देंगे।”
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। शाह ने इस मौके पर कहा – ”२०१४ से २०१९ की यात्रा का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब यह पांच साल स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने पड़ेंगे। इन पांच सालों में भाजपा ने एक निर्णायक सरकार देने का काम किया गया। पचास करोड़ गरीबों को उठाने के लिए काम हुआ है। मोदीजी की सरकार ने जरूरतमंदों तक गैस सिलेंडर, बिजली, घर, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का सफल प्रयास किया। देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूरी दुनिया को सोचना पड़े ऐसा काम मोदी सरकार ने किया है। हमारी अर्थव्यवस्था २०१४ में ग्यारहवें नंबर पर थी। आज छठवें स्थान पर पहुंच गए हम और तेजी से पांचवें स्थान की तरफ बढ़ रहे हैं।”
घोषणा पत्र कार्यक्रम में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, घोषणा पत्र समिति अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत और रामलाल उपस्थित थे। घोषणा पात्र जारी करने के कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज नेता लाल आडवाणी आडवाणी और मुरली जोशी नजर नहीं आए। यह नेता २०१४ के घोषणा पत्र कार्यक्रम में मुख्य चेहरा थे। माना जाता है कि भाजपा के यह दिग्गज उस तरीके से सख्त नाराज है जिस तरह उनके टिकट काटे गए। आडवाणी ने तो ब्लॉग लिखकर भाजपा के वर्तमान तौर-तरीकों पर ही ढके-छिपे शब्दों में सवाल उठा दिए, खासकर विरोधियों को ”देशविरोधी” समझने वाले भाजपाइयों के बयानों पर। लाल आडवाणी आडवाणी और मुरली जोशी नजर नहीं आए। यह नेता २०१४ के घोषणा पत्र कार्यक्रम में मुख्य चेहरा थे। माना जाता है कि भाजपा के यह दिग्गज उस तरीके से सख्त नाराज है जिस तरह उनके टिकट काटे गए। आडवाणी ने तो ब्लॉग लिखकर भाजपा के वर्तमान तौर-तरीकों पर ही ढके-छिपे शब्दों में सवाल उठा दिए, खासकर विरोधियों को ”देशविरोधी” समझने वाले भाजपाइयों के बयानों पर।