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छत्तीसगढ़ हादसे में ८ की मौत

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक सड़क हादसे में ८ लोगों की मौत हो गयी है। हादसा तब हुआ जब अमेरा गांव के पास बारातियोों से भरी एक पिकअप गाड़ी पलट गई।
इस हादसे में १६ लोग घायल हो गए। हादसा शुक्रवार देर रात हुआ। घायलों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुसमी भुलसी गांव से अमेरा एक बारात गई थी। बारात से लौटते वक्त अमेरा मोड़ के पास वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया। अमेरा गांव में देर रात यह गाड़ी पलट गई जिसमें सात लोगों की सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पुलिस की छानबीन के दौरान यात्रियों ने आरोप लगाया कि चालाक शराब पीकर गाड़ी चला रहा था। हादसे की जांच की जा रही है। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के ही बलौदाबाजार जिले में एक हादसे में तेज रफ्तार डंपर ने एक बाइक को टक्कर मार दी जिससे बाइक सवार और ५ बच्चों की मौत हो गई थी।

आठ राज्यों में आतंकी हमले के दावे वाली काल फर्जी निकली

बेंगलुरु पुलिस ने उस काल को बोगस पाया है जिसमें कर्नाटक समेत आठ राज्यों में हमलों को अंजाम देने का दावा किया गया था। पुलिस को एक शख्स ने फोन करके दावा किया था कि उसके पास सूचना है कि आतंकी कर्नाटक समेत आठ राज्यों में हमलों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि ६५ साल के एक चालाक और पूर्व सैनिक ने यह फर्जी कॉल किया था। अब पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस शख्स की काल के बाद कर्नाटक के डीजीपी-आईजीपी ने तत्परता दिखाते हुए अन्य संबंधित सात राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुदुचेरी, गोवा और महाराष्ट्र के डीजीपी को अलर्ट वाला सन्देश जारी कर दिया था।
 श्रीलंका में ईस्टर पर हुए आतंकी हमलों के बाद भारत के तटीय राज्यों में कोस्ट गार्ड, कोस्टल मरीन पुलिस और स्थानीय पुलिस पहले से अलर्ट पर हैं। इस बात की आशंका है कि श्रीलंका ब्लास्ट में शामिल कुछ आतंकी समुद्री रास्ते से भारत में घुस सकते हैं। इस बीच, एक शख्स के फोन कॉल ने जांच अधिकारियों को और भी परेशान कर दिया, लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि यह कॉल फर्जी था। खुद को लॉरी ड्राइवर बताते हुए स्वामी सुंदर मूर्ति नाम के एक शख्स ने शुक्रवार शाम बेंगलुरु सिटी पुलिस के कंट्रोल रूम को फोन कर दावा किया कि उसके पास ऐसी सूचना है कि तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुड्डुचेरी, गोवा और महाराष्ट्र के बड़े शहर आतंकियों के निशाने पर हैं। शख्स ने दावा किया कि आतंकी इन राज्यों में ट्रेनों में हमला कर सकते हैं। उसने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम में १९  आतंकवादी मौजूद हैं।

एयर इंडिया सर्वर की गड़बड़ ने किये यात्री परेशान

एयर इंडिया के सर्वर के करीब पांच घंटे तक डाउन रहने के कारण यात्रियों को शनिवार को जबरदस्त दिक्कत झेलनी पड़ी हालांकि, अब सर्वर की यह गड़बड़ ठीक कर ली गयी है और उड़ानें बहाल होने का दावा एयर इंडिया ने किया है। हालांकि सुबह की तकनीकी गड़बड़ी का असर दो बजे तक भी दिख रहा था।
सर्वर में गड़बड़ से दुनियाभर में एयर इंडिया के हज़ारों यात्री फंस गए थे। सर्वर से चेक इन नहीं हो पा रहा था जिसके चलते एयरपोर्टों पर जबरदस्त भीड़ लग गई। करीब पांच घंटे बाद इस गड़बड़ को दुरुस्त कर लिया गया। एयरलाइन के सर्वर एसआईटीए  के डाउन होने से से एयर इंडिया की उड़ानें पूरे भारत में और विदेशों में सुबह ३.३०  बजे से प्रभावित हो गईं और नौ बजे के करीब जाकर बहाल हो पाईं। तब तक हज़ारों यात्री अपनी-अपनी जगह फंस गए।
बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया था कि एसआईटीए सर्वर डाउन होने से यह दिक्कत आई और उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है। ”यात्रियों को हुई असुविधा पर हमें बहुत खेद है।” एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी ने बताया कि एयर इंडिया का सिस्टम बहाल कर लिया गया है। उन्होंने बताया, सुबह ३.३० बजे से ४.३० बजे तक एयर इंडिया के सर्वर के रखरखाव पर काम किया जा रहा था। सुबह ८.४५ बजे तक ये डाउन रहा। व्यवस्था को बहाल कर लिया गया है। उन्होंने माना कि यात्रियों को दिनभर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

मौलाना आज़ाद को जिन्ना कह गए शॉटगन

कांग्रेस के पटना साहिब से उम्मीदवार ”बिहारी बाबू” शत्रुघ्न सिन्हा जुबान फिसलने से कांग्रेस के संस्थापकों में एक मौलाना आज़ाद को मुहम्मद अली जिन्ना कह गए। वे एक चुनाव सभा में कांग्रेस के संस्थापकों का जिक्र कर रहे थे और महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू के साथ जिन्ना भी कह गए। दरअसल वे मौलाना आज़ाद कहना चाहते थे लेकिन जुबान फिसलने से जिन्ना कह गए।
उनके इस ब्यान पर काफी बबाल मच गया।
बाद में जब उन्हें अपनी इस गलती का पता चला तो शनिवार को शत्रुघ्न ने सफाई दी। उन्होंने कहा – ”मैं एक मानव हूँ और भूल हो सकती है। दरअसल मैं कांग्रेस के संस्थापकों महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू का जिक्र कर रहा था और मौलाना आज़ाद की जगह मुहम्मद अली जिन्ना कह गया।” उन्होंने कहा कि इसके लिए माफी की कोइ बात नहीं क्योंकि वे मौलान आज़ाद कहना चाहते थे।
सिन्हा  ने मोहम्मद अली जिन्ना को कांग्रेस परिवार का हिस्सा बताने वाले बयान पर कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। सिन्हा ने कहा कि वह मौलाना आजाद कहना चाहते थे लेकिन वह मोहम्मद अली जिन्ना कह गए। सिन्हा ने शुक्रवार को दिए अपने बयान में कहा था – ”कांग्रेस महात्मा गांधी से लेकर सरदार पटेल, मोहम्मद अली जिन्ना से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक एक परिवार है। यह उनकी पार्टी है जिनका देश की आजादी और विकास में योगदान रहा है।”
हालांकि बबाल बढ़ने से पहले ही शत्रुघ्न सिन्हा ने विवाद ख़त्म कर दिया है। शत्रुघ्न सिन्हा शुक्रवार को छिंदवाड़ा में कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ का प्रचार करने आए थे जहाँ उनके मुंह से आज़ाद की जगह जिन्ना निकल गया था। उन्होंने कहा था – ”कांग्रेस परिवार महात्मा गांधी से लेकर सरदार वल्लभ भाई पटेल,  मोहम्मद अली  जिन्ना से लेकर जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और राहुल गांधी, इनसे पहले सुभाषचंद्र बोस, इनकी पार्टी है। जिनका देश विकास, देश की तरक्की में, देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ा योगदान है। यही कारण है कि मैं यहां आया हूं और पहली और आखिरी बार कांग्रेस पार्टी में आ गया हूं तो वापस मुड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।”

श्रीलंका में सुरक्षा बलों ने १५ संदिग्ध आईएस आतंकी मार गिराए

श्रीलंका में ईस्टर ओर हुए सीरियल बम धमाकों के बाद श्रीलंका के सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई में एक मुठभेड़ में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के १५ संदिग्ध आतंकियों को ढेर कर दिया है। हालांकि, यह भी खबर है कि मारे गए १५ लोगों में से ६ बच्चे भी हैं।
सुरक्षा बलों ने शनिवार को पूर्वी श्रीलंका के हिस्से में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट  के कुछ संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद दूसरी तरफ से गोलीबारी शुरू हो गयी। इस दौरान हुई मुठभेड़ में १५ आतंकियों के मारे जाने की खबर है, हालांकि यह भी बताया गया है कि इनमें ६ बच्चे भी हैं।
श्रीलंका सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक सुरक्षाबलों ने जब कलमुनई शहर में बंदूकधारियों के ठिकाने में घुसने की कोशिश की, तो उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में १५ आतंकी मारे गए। मुठभेड़ की चपेट में आए एक नागरिक की भी मौत हो गई।
यह मुठभेड़ कोलंबो से ३०० किलोमीटर दूर कलमुनई में हुई। गोलीबारी के दौरान कम से कम एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया। साथ ही सुरक्षाबलों की फायरिंग में १५ हथियारबंद आईएस संदिग्धों की भी मौत हो गई। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि संदिग्ध आतंकियों के ठिकाने से विस्फोटकों का बड़ा जखीरा, एक ड्रोन और इस्लामिक स्टेट के लोगो वाला एक बैनर जब्त किया है।

प्रियंका की ‘न’ के पीछे की ‘माया

न तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, न यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महासचिव प्रियंका गांधी का रास्ता वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए रोका था। कांग्रेस के सभी बड़े नेता इसके लिए हामी भर चुके थे। खुद प्रियंका गांधी मानसिक रूप से खुद को पूरी तरह वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर चुकी थीं। यहाँ तक कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तक प्रियंका के समर्थन में अपना उम्मीदवार हटाने का भरोसा दे चुके थे। फिर कहाँ मामला अटका? ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक प्रियंका और वाराणसी के रास्ते में रोड़ा बनीं बसपा प्रमुख मायावती।
भाजपा खेमे में भी प्रियंका गांधी के वाराणसी से लड़ने की खबर के बाद हलचल थी। प्रियंका चुनाव लड़ेंगी, इसके लिहाज से रणनीति बदलने और बनाने की भाजपा के स्तर पर कोशिश हो गयी थी। गुरूवार को पीएम मोदी के रोड शो में जो जबरदस्त इंतजाम दिखे, उनके पीछे एक बजह प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की ख़बरें भी थीं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने स्तर पर इस कार्यक्रम का जिम्मा देख रहे थे यूपी के बाकी हिस्सों से भी कार्यकर्ताओं को वाराणसी पहुँचने के लिए कहा गया था ताकि रोड शो के जरिये ही मनोवैज्ञानिक बढ़त ले ली जाए। लेकिन प्रियंका का वाराणसी में मोदी के खिलाफ मैदान में उतरने का मामला अटक गया। हालाँकि, भाजपा को मोदी के रोडशो से कमसे कम एक दिन पहले ही यह आभास हो गया था कि प्रियंका मैदान में नहीं उतरेंगी।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक दो बड़े भाजपा नेताओं ने भी बसपा प्रमुख या उनके निकटवर्तियों से संपर्क साध कर टोह लेने की कोशिश की थी कि क्या मायावती गठबंधन की तरफ से प्रियंका की उम्मीदवारी का समर्थन कर रही हैं। तब तक यह खबर आ चुकी थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रियंका के हक़ में अपनी उम्मीदवार शालिनी यादव को वापस लेने को तैयार हैं। इससे भाजपा खेमे में बैचेनी थी।
कांग्रेस की तरफ से मायावती या उनके निकटवर्तियों को प्रियंका के हक़ में मनाने की गंभीर कोशिश हुई थी। जानकारी के मुताबिक कुछ बसपा नेता इसके हक़ में भी थे लेकिन मायावती इसके बिलकुल खिलाफ थीं। भले मायावती पीएम मोदी के खिलाफ  जितना बोलती हों, वाराणसी के मामले में उनका रुख साफ़ था – ”नो स्पोर्ट टू  प्रियंका”। कहते हैं खुद प्रियंका कांग्रेस नेताओं को बता चुकी थीं कि उन्हें मायावती से समर्थन मिलने की उम्मीद न के बराबर है।
साल २०१४ के लोक सभा चुनाव में जीरो पर सिमट जाने वाली बसपा और मायावती मानती हैं कि कांग्रेस का यूपी में उभार होता है तो उसका सबसे ज्यादा नुक्सान बसपा को होगा और उसके अस्तित्व के लिए खतरे जैसी स्थिति बन जाएगी। बहुत दिलचस्प बात है कि यूपी की राजनीति के कई बड़े जानकार यह मानते हैं कि चुनाव के बाद कुछ परिस्थितियों में मायावती भाजपा को समर्थन दे सकती हैं।
प्रियंका के  मामले में मायावती बहुत चौकन्नी थीं। उन्हें मालूम था प्रियंका का मोदी के खिलाफ उतरने का सीधा मतलब होता, लोगों का पूरा फोकस कांग्रेस और प्रियंका पर हो जाना। इससे पूरे यूपी, खासकर पूर्वांचल में कांग्रेस की हवा बनती। इससे चुनाव भाजपा बनाम कांग्रेस हो जाता। कांग्रेस को तो इसका लाभ देश भर में मिल सकता था। कहते हैं मायावती की ”न” के बाद भी प्रियंका का जोर था कि उन्हें मोदी के मैदान में उतरने दिया जाए। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
”तहलका” की पक्की जानकारी के मुताबिक प्रियंका वाराणसी के मतों का पूरा गुना-भाग कर चुकी थीं। गाँव के वोटरों में रुझान का अध्ययन कर चुकी थीं। साल २०१४ के में पड़े मतों का कई बार विभाजन कर जानने की कोशिश कर चुकी थीं कि उनके उतरने से कहाँ-क्या हो सकता है। वाराणसी में मोदी को २०१४ में ५,८१,०२२ वोट मिले थे। मोदी के निकटतम प्रतिद्वंदी अरविन्द केजरीवाल थे जो उनसे करीब ३,७७,००० वोटों से हारे थे और उन्हें खुद २,०९,२३८ वोट मिले थे। यह काम वोट नहीं थे और प्रियंका की लोकप्रियता वाराणसी में निश्चित ही केजरीवाल से अधिक रहती। उस चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को ७५,६१४, बसपा को ६०,५७९, सपा को ४५,२९१ वोट मिले थे जो मिलाकर ३,९०,७२२ हो जाते हैं। यह मत मोदी की जीत के अंतर से ज्यादा हो जाते हैं।
वोटों के इस गुना-भाग के अलावा जातिगत समीकरण का भी प्रियंका ने हिसाब-किताब किया था। वाराणसी में बनिया मतदाता करीब ३.२५ लाख हैं जिन्हें भाजपा का पक्का समर्थक  है हालांकि, जीएसटी के बाद इस समुदाय में गुस्सा है। प्रियंका का गणित था कि इसमें से वोट कांग्रेस के पक्ष में आ सकते हैं।
ब्राह्मण मतदाता २.५० लाख के करीब हैं। एक तो एससी-एसटी एक्ट के कारण इन समुदाय में नाराजगी और दूसरे विश्वनाथ कॉरीडोर योजना से सबसे ज्यादा प्रभावित भी ब्राह्मण ही हैं। वे  प्रियंका के चुनाव में उतरने की स्थिति में कांग्रेस की तरफ आ सकते थे। वाराणसी में तीन लाख के करीब मुस्लिम वोटर भी हैं जो प्रियंका के लड़ने की सूरत में उन्हें समर्थन के लिए एक बड़ा चेहरा मिल जाता। सपा का समर्थन मिलता तो यादव वोट भी मिल सकता था। दलित और ओबीसी मिलकर (८० हजार जमा ७० हजार) करीब १.५० लाख, भूमिहार १.२५ लाख, राजपूत एक लाख, पटेल २ लाख चौरसिया ८० हजार हैं। जाहिर है मोदी बनाम प्रियंका मुकाबले में यह वोट  इधर-उधर हो सकते थे।
भले मोदी ने पिछले पांच साल में बाराणसी में काफी काम भी किये हैं लेकिन प्रियंका को लगता था कि गाँव का वोट उन्हें मिल सकता है क्योंकि मोदी जीतने के बाद गाँव में नहीं गए हैं। वाराणसी और पूर्वांचल इलाके की कुशीनगर, सलेमपुर, मिर्ज़ापुर, प्रतापगढ़, भदोही, संत कबीर नगर, महराजगंज और बस्ती जैसी लोक सभा सीटों पर कांग्रेस पहले से ही बहुत ताकत से लड़ रही है।
प्रियंका के खुद वाराणसी से मैदान में उतरने पर इन सीटों पर कांग्रेस बहुत मजबूत हो जाती। मायावती को भी इसका एहसास था। इसलिए उन्होंने प्रियंका के लिए ”नो” का फैसला चुना। वाराणसी में नामांकन की आखिरी तारीख २९ है और वाराणसी में कांग्रेस के लोगों को अभी भी भरोसा है कि प्रियंका अभी भी चुनाव लड़ सकती हैं। वैसे अमेठी और वायनाड दोनों जगह से राहुल के जीतने की स्थिति में माना जाता कि अमेठी से प्रियंका लड़ेंगी।
भाजपा इस चुनाव में २०१४ जैसी स्थिति नहीं होने से वाकिफ है। भले भाजपा नेता अपने कैडर में जोश भरे रखने के लिए २०१४ जैसे ”मोदी लहर” का दावा चुनाव सभाओं में कर रहे हैं, ज़मीनी हकीकत इसके विपरीत है। इस बार चुनाव में मोदी लहर जैसी कोइ चीज नहीं है। बेरोजगारी अभी भी बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है। लिहाजा भाजपा प्रियंका के वाराणसी में उतरने की ख़बरों से चिंता में थी। इससे मोदी को वाराणसी में थोड़ा ज्यादा वक्त देना पड़ता जिससे देश के बाकी हिस्सों में पार्टी प्रचार पर विपरीत असर पड़ता। सब मानकर चल रहे हैं कि प्रियंका उत्तर प्रदेश में ”लम्बी रेस का घोड़ा” हैं। उधर मायावती का प्रियंका को लेकर अपना ”फियर साइकोसिस” था। यानी भाजपा-बसपा की प्रियंका को लेकर एक सी स्थिति थी। और अब प्रियंका ”मैदान में नहीं” हैं। लेकिन सच में प्रियंका ”मैदान से बाहर” हैं, चुनाव नतीजे बताएँगे !

नीरव की जमानत अर्जी खारिज

पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी भगोड़े आरोपी नीरव मोदी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई है।
नीरव मोदी ने याचिका दाल जमानत की गुहार अदालत के समक्ष लगाई थी। नीरव की गिरफ्तारी मार्च में हुई थी। उससे पहले उसके लन्दन की सड़कों पर घूमने की वीडियो मीडिया में  चलते रहे थे।
जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान नीरव मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे। गौरतलब है कि नीरव मोदी की गिरफ्तारी पिछले महीने हुई थी और इस वक्त वो लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। अब इस मामले में 24 मई को सुनवाई होगी।

युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर आग की घटना

युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर शुक्रवार को आग लगने की घटना हुई है। जानकारी के मुताबिक इस घटना में नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गयी है। अब आग पर काबू पा लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक घटना करवार के पास की है। नौसेना ने युद्धपोत विक्रमादित्य में आग की घटना होने के जांच के आदेश दिए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस घटना में नौसेना के एक अधिकारी (जवान) की जान चली गयी है। यह जवान आग बुझाने की कोशिश के दौरान गंभीर रूप से झुलस गया।
याद रहे आईएनएस विक्रमादित्य पर २०१६ में भी हादसा हो गया था। उस हादसे में दो नौसेना कर्मियों की जहरीली गैस लीक होने से जान चली गयी थी। आज के घटना में नौसेना का एक जवान शहीद हो गया। आग पर अब काबू पा लिया गया है और   नौसेना ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।

आसाराम का बेटा नारायण दुष्कर्म का दोषी

सूरत की विशेष अदालत ने आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को दुष्कर्म (रेप) का दोषी माना है। सूरत की दो बहनों के उनसे रेप के आरोप को सही पाते हुए विशेष अदालत ने नारायण साईं को दोषी करार दिया। अदालत उसकी सजा का ऐलान ३० अप्रैल को करेगी।
गौरतलब है कि नारायण साईं के पिता आसाराम पर भी रेप का मामला चल रहा है।पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर मामला दर्ज किया था। नारायण और आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला ११  साल पुराना है। पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की थी जबकि बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।
आसाराम के खिलाफ गांधीनगर कोर्ट में मामला चल रहा है। नारायण पर रेप के मामले में एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, २०१३ में उसे हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के वक्त नारायण ने सिख भेष धर रखा था।

श्रीलंका पुलिस प्रमुख का इस्तीफा

श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट्स, जिनमें ३०० से ज्यादा लोगों की जान चली गयी, के बाद दूसरे बड़े घटनाक्रम में देश के पुलिस चीफ पुजिथ जयासुंदरा ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। उनसे पहले रक्षा सचिव हेमसिरी फर्नांडो ने भी ईस्टर बम धमाकों को रोकने में अपनी नाकामी मानते हुए पिछले कल ही इस्तीफा दे दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दो इस्तीफों के बाद सम्भावना है कि श्रीलंका सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए कोइ बड़ा कदम उठा सकती है।
गौरतलब है कि श्रीलंका हमलों की जिम्मेदारी दुर्दांत आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। इससे पहले श्रीलंका में इस तरह की किसी इस्लामी आतंकी संगठन की तरफ से कोइ बड़ी वारदात नहीं हुई थी। इन ब्लास्ट्स ने श्रीलंका को दहलाकर रख दिया है।
भारत ने श्रीलंका को इन धमाकों से कुछ घंटे पहले चेताया भी था कि कुछ वारदात हो सकती है लेकिन इसे  था। इस बीच भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच में जुट गई हैं कि कहीं केरल में मौजूद इस्लामिक स्टेट के मॉड्यूल्स का रविवार को श्रीलंका में हुए आतंकी हमले में कोई हाथ तो नहीं था।
एजेंसियों ने आईएस से सहानुभूति रखने वाले कई लोगों को पहले हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया था। बाद में उनसे हमलों को लेकर दोबारा पूछताछ की गई है। श्रीलंका पुलिस भी धमाकों के बाद जांच कर रही है और १६ लोगों को गिरफ्तार जबकि ७६ को हिरासत में लिया है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। श्रीलंका अभी भी हाई अलर्ट पर है और वहां की सुरक्षा एजेंसियां और धमाकों की आशंका होने से मन नहीं कर रहीं।