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ओडिशा में ८ लोगों की जान लेकर फानी बंगाल पहुंचा

चक्रवाती तूफान फानी ओडिशा में आठ लोगों की जान लेने के बाद बंगाल पहुँच गया है। चक्रवात से पश्चिम बंगाल में तेज बारिश और तेज हवा चलने का सिलसिला शुरू हो गया हालांकि बहुत ज्यादा नुक्सान की खबर नहीं है। बंगाल के दीघा में तूफान फानी का अब तक सबसे ज्यादा असर दिखा है।
अभी तक की ख़बरों के मुताबिक बंगाल में तेज हवाएं चल रही हैं और आंधी की वजह से कई पेड़ उखड़ गए। कई इलाकों में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश हो रही है। अब फानी कमजोर होकर चक्रवात के रूप में पश्चिम बंगाल के इलाकों को कवर करते हुए बांग्लादेश की तरफ बढ़ रहा है। बंगाल में फानी का बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है। अभी हालात ठीक हैं. एनडीआरएफ की नौ टीमें बंगाल में तैनात हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वी मिदनापुर जिले में ५० घर तबाह हो गए हैं। चक्रवाती तूफान फानी के चलते कई घंटे तक बंद रहने के बाद कोलकाता हवाई अड्डे पर शनिवार सुबह उड़ानें बहाल कर दी गयी हैं।
इससे पहले ओडिशा में ११ लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुँचाया गया था। फानी के ओडिशा के बाद पश्चिम बंगाल में ९० से १०० किमी प्रति घंटा की रफ्तार से मध्यरात्रि से शनिवार सुबह तक दस्तक देने की संभावना थी। फानी के कारण हवा की गति ११५ किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका जताई गई। बंगाल के दीघा में तूफान फानी का अब तक सबसे ज्यादा असर दिखा है।
उधर ओडिशा में फानी प्रभावित इलाकों में पावर, पानी, और सड़कों को काफी नुकसान हुआ है और वहां एनडीआरएफ की ४४ टीमें बुनियादी सुविधा बहाल करने के काम में जुटी हुई हैं।

न्याय योजना गरीबों का जीवन बदल देगी : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को अमेठी में कांग्रेस की महत्वकांक्षी ”न्याय” योजना के बारे में लोगों को विस्तार से बताया और कहा कि इस योजना के पीछे सोच कम आमदन के गरीब लोगों को गरीबी की दलदल से बाहर निकालना है और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है।
चुनाव प्रचार में प्रियंका ने कहा कि देश की राजनीति को बदलना है तो फ़िज़ूल की बातें करने वालों को हराना होगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया और सत्ता में आते ही वहां कांग्रेस की सरकारों ने यह कर्फ़ १० दिन की भीतर माफ़ कर दिया।
प्रियंका ने बिना मोदी का नाम लिए कहा कि देश की जनता को शहंशाह नहीं चाहिए, लोकतंत्र चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को प्रियंका ने महराजगंज के हलोर और बछरावां की मौरंग मंडी समेत एक दर्जन सभाओं में कहा – ”हमारी मुख्य लड़ाई भाजपा से है। इस सरकार से नौजवान, किसान और व्यापारी सभी नाराज हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में हमने मजबूत प्रत्याशी लड़ाएं हैं, जहां स्थिति अच्छी नहीं रही वहां पर हमने भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाले प्रत्याशी लड़ाएं हैं।”
उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा पर हमला किया और कहा कि भाजपा को हराना ही उनका लक्ष्य है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनी तो १२वीं तक की शिक्षा मुफ्त होगी। ”कांग्रेस की न्यूनतम गारंटी योजना में गरीब परिवारों को ७२,००० रुपये दिए जाएंगे। इस योजना पर भाजपा ने सवाल उठाए तो राहुल गांधी ने कहा कि जब ५५०  हजार करोड़ रुपये अमीरों का कर्ज माफ कर दिया जाता है तब देश की अर्थव्यवस्था चल जाती है तो ७२,००० रुपये जब गरीबों को दिया जाएगा तो देश की अर्थव्यवस्था में कैसे प्रभाव पड़ेगा।”
अमेठी में बच्चों की नारेबाजी और इसे लेकर मंत्री स्मृति ईरानी के ब्यान पर प्रियंका गांधी ने कहा – ”बच्चे नारेबाजी कर रहे थे। जब उन्होंने गलत बोला तो मैंने उनको चुप कराया और उनको समझाया भी कि प्रधानमंत्री के बारे में ऐसा नहीं बोलते हैं। भाजपा वालों ने वीडियो एडिट की है। जब नोटिस आएगा तो मैं उसका जवाब दे दूंगी।”
प्रियंका के चुनाव प्रचार के दौरान सपेरों से बातचीत और हाथ में सांप पकड़ने पर पीएम मोदी की उन्हें लेकर की गयी टिप्पणी पर प्रियंका ने कहा – ”संपेरों की भी अपनी समस्या है। मैं उसे सुनने गई थी मैंने उनसे बात की।”

मोदी चुनाव हार रहे हैं : राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पांचवें चरण के मतदान से पहले दावा किया कि मोदी चुनाव हार रहे हैं। साथ ही राहुल ने जनता से वादा किया है कि वे कांग्रेस की सरकार बनने पर एक साल के भीतर २२ लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी देते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि रोजगार इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है और नौकरियां देने में फेल रही भाजपा चुनाव में हार रही है।
उत्साह से भरे दिख रहे राहुल ने सुबह एक प्रेस कांफ्रेंस की और दावा किया – ”मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट  कर दिया। उन्होंने युवाओं को दो करोड़ रोजगार नहीं दिया। वह चुनाव हार रहे हैं। इसका (हार का) असर उनके (मोदी के) चेहरे पर साफ़ दिख रहा है। मैं कांग्रेस सरकार बनने पर २२ लाख युवाओं को एक साल के भीतर रोजगार की गारंटी देता हूं।”
राहुल गांधी ने कहा कि सेना, वायुसेना और नौसेना नरेंद्र मोदी जी की निजी संपत्ति नहीं है। जब वह कहते हैं कि यूपीए के वक्त सर्जिकल स्ट्राइक वीडियो गेम की तरह होते थे, तब वह कांग्रेस का नहीं बल्कि सेना का अपमान करते हैं। गांधी ने कहा कि चुनाव आधे से ज्यादा खत्म हो चुका है। ”स्पष्ट है कि मोदी जी चुनाव हार रहे हैं।  किसान, भ्रष्टाचार, रोजगार, संस्थाओं पर अतिक्रमण मुख्य मुद्दे हैं। इसलिए भाजपा चुनाव हार रही है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाया और कहा – ”सेना हिंदुस्तान की है, न कि किसी व्यक्ति विशेष की। हमारे टाइम में भी जो सर्जिकल स्ट्राइक हुई वह सेना ने की। यह सेना का काम है और उसी को इसका श्रेय जाता है।” राहुल गांधी ने इस मौके पर पीएम मोदी की उन बातों का भी जवाब दिया जो वो चुनाव प्रचार में कांग्रेस के समय की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल ने साथ ही उन तारीखों की भी जानकारी दी जब-जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की गईं।
कांग्रेस की महत्वाकांक्षी ”न्याय योजना” पर राहुल ने कहा – ”जैसे ही लोगों के पास पैसा आएगा, वह खरीददारी करेंगे। इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी। मोदीजी, आप बताइए युवाओं, महिलाओं के लिए आप क्या करने जा रहे हैं, आपने सब्सिडी ले ली।  गब्बर सिंह टैक्स लगा दिया।”
इस मौके पर राहुल ने मोदी सरकार पर राफेल डील में ३० हजार करोड़ के घोटाले का आरोप दोहराया और कहा कि चौकीदार चोर है यह नारा अब हर कोइ लगा रहा है। राहुल ने कहा – ”राफेल का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और मैने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर टिप्पणी की, जिसके कारण मैने माफी मांगी। मगर मैने भाजपा या मोदीजी से माफी नहीं मांगी। चौकीदार चोर है का नारा हमारा जारी रहेगा।”

फ्लोरिडा में नदी में गिरा प्लेन, सभी सुरक्षित

अमेरिका के फ्लोरिडा इलाके में एक बोइंग क्रैश हो गया है। यह जहाज नदी में जा गिरा। इसमें करीब १४० लोग सवार थे और जानकारी के मुताबिक सभी यात्रियों की जान बचा ली गयी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लोरिडा के जैक्शनविले में १४० लोगों को लेकर जा रहा यह  बोइंग एक नदी में जा गिरा। विमान नवल एयर स्टेशन जैक्शनविले के रनवे से उड़ा और सीधे सेंट जॉन्स नदी में जा गिरा। यह एक कमर्शियल फ्लाइट थी।
जानकारी के मुताबिक बोइंग में सवार १४० लोगों में से १३३ यात्री और सात क्रू मेंबर थे। अच्छी बात यह रही कि विमान गहरे पानी में क्रैश नहीं हुआ। काम पानी में गिरने से वह डूबा नहीं। इससे लोगों की जान बच गयी। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक प्लेन में मौजूद सभी लोगों की जान बच गयी है।
बचाव कार्य के लिए जेएसओ मरीन यूनिट को बुलाया गया है। जैक्शनविले के मेयर ने भी ट्वीट कर पुष्टि की है – ”हमारा एक कमर्शियल प्लेन नदी में चला गया है। हमने अपने फायर ऐंड रेस्क्यू को घटना की जानकारी दे दी है। वे अपने काम में लग गए हैं।”
इसके बाद मेयर ने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा – ”सभी यात्री सुरक्षित हैं।” इसके बाद ही यह पुष्टि हुई कि हादसे में किसी यात्री की जान नहीं गयी है।

फानी से तीन लोगों की मौत

चक्रवाती तूफान फानी ने ओडिशा के तट से टकराने के बाद काफी कहर बरपाया है। अब तक की ख़बरों के मुताबिक तीन लोगों की मौत हुई और यह सभी महिलाएं हैं। कई फ्लाइट्स और ट्रेन रद्द कर दी गयी हैं। ओडिशा सरकार ने ११ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है और शुक्रवार शाम तक अन्य लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी। चक्रवात अब बंगाल की तरफ बढ़ गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्रवात के कारण कई जगह पेड़ उखड़ गए और कुछ जगह वाहनों को में उड़ता देखा गया। तूफान के दौरान अलग-अलग जगह पर तीन महिलाओं की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक फानी की वजह से पुरी जिले के सखीगोपाल पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक युवती के ऊपर तूफान के दौरान एक पेड़ उखड़कर गिर गया। उसके नीचे दबने से उसकी जान चली गई। दूसरी घटना नयागढ़ जिले की है जहाँ एक कंक्रीट स्ट्रक्चर से मलबा उखड़कर एक महिला पर जा गिरा जिससे उसकी मौत हो गई। केंद्रपाड़ा जिले के देबेन्द्रनारायणपुर गांव में भी एक महिला की मौत की खबर है।
कई जगह तूफान ने भारी तबाही मचाई है। हले से अनुमान होने से सरकार ने समय से राहत-बचाव कार्य की तैयारी शुरू कर ली थी। इससे जान-माल का नुकसान बहुत कम हुआ है। बारिश और तेज हवाएं चलने के बीच राज्य सरकार ने ११ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था।
उधर हैदराबाद के मौसम विभाग के मुताबिक ओडिशा के तटीय क्षेत्र से टकराने पर वहां २४५ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इस बीच लगातार हो रही बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। फानी की वजह से रेल, सड़क और हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ा है। कोलकाता एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एक बयान जारी कर बताया है कि यहां आने-जाने वाली फ्लाइट्स शुक्रवार दोपहर ३ बजे से लेकर शनिवार सुबह ८ बजे तक के लिए रद कर दी गई हैं। सौ से ज्‍यादा ट्रेन रद्द हुई हैं। पिछले ४३ सालों में मई माह में भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में उठा इतनी तीव्रता का यह पहला तूफान है। भुवनेश्‍वर में अभी तक हजारों पेड़ उखड़ गए हैं। कच्‍चे घरों को काफी नुकसान पहुंचा है।

यूपी में हमारा मकसद भाजपा को हराना : राहुल

यूपी के चुनाव मैदान में वोटकटवा प्रत्याशी वाले मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस का मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना है। उनके मुताबिक जहां कांग्रेस के पास मजबूत प्रत्याशी नहीं, वहां  समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी की मदद कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही बात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कही थी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्पष्ट है कि यूपी में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन जीतने जा रहा है, इसे लेकर कोई शंका ही नहीं है। चाहे बसपा-सपा हो या कांग्रेस, धर्मनिरपेक्ष गठबंधन ही जीत रहा है। राहुल ने कहा – ”जहां हमारा कैंडिडेट मजबूत नहीं वहां हम सपा-बसपा की मदद कर रहे हैं। हम भाजपा को नुकसान पहुंचाने जा रहे हैं। जहां हमारा प्रत्याशी मजबूत हैं, वहां हम मौजूद हैं।”
चुनाव प्रचार पर नजर डालें तो साफ़ होता है कि कांग्रेस के नेताओं, खासकर प्रियंका गांधी ने जहाँ-जहाँ चुनाव रैलियां या रोड शो किया है वहां जबरदस्त भीड़ उमड़ी है। भले कांग्रेस ने काफी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, एक दर्ज़न से कुछ ज्यादा ऐसी सीटें यूपी में हैं जहाँ कांग्रेस बहुत मजबूती से लड़ रही है।
राहुल गांधी का कहना है कि जिन सीटों पर हम (कांग्रेस) चुनाव नहीं जीतने जा रहे वहां गठबंधन को समर्थन करेंगे। राहुल को पक्का भरोसा है कि यूपी में भाजपा का सूपड़ा साफ़ होने जा रहा है। महागठबंधन में शामिल न होने के सवाल पर राहुल का कहना है कि सपा और बसपा को लगता है कि उन्हें कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक और बहुत महत्वपूर्ण बात कही। उनका कहना है कि यूपी को लेकर अध्यक्ष के नाते उनकी दीर्घ अवधि की रणनीति साफ़ है। ”मैंने ज्योतिरादित्य और अपनी बहन (प्रियंका, पूर्वी यूपी महासचिव) को कह दिया है कि हमें उत्तर प्रदेश में पार्टी को खड़ा करना है। यह विधानसभा चुनाव में दिखेगा। समय काम होने के कारण लोकसभा चुनाव में हमें अपनी जगह पाने के लिए संघर्ष करना होगा। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमने अपनी जमीन पा ली है।”

शोपियां में ३ आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। उनके पास से असलाह भी मिला है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर सुरक्षाबलों ने इमाम साहिब में अदखारा इलाके को उस क्षेत्र को घेर लिया जहाँ आतंकी छिपे थे। इसके बाद आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में हिजबुल मुजाहिद्दीन (एचएम) का टॉप कमांडर भी शामिल है। दो आतंकियों की पहचान लतीफ टाइगर और तारिक मौलवी के रूप में हुई है जबकि तीसरे आतंकी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। दक्षिण कश्मीर में रेलवे सेवाओं को भी तात्कालिक रूप से रोक दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सभी आतंकी एक तीन मंजिला बिल्डिंग में छिपे हुए थे जहां से वे लगातार सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर रहे हैं। मुठभेड़ अभी जारी है क्योंकि और आतंकियों के छिपे होने से इंकार नहीं किया जा सकता। गुरूवार देर रात से ही सुरक्षाबलों ने गांव को घेर लिया था। जहाँ आतंकी छिपे हुए हैं वहीं सुरक्षाबलों ने फायरिंग की। आतंकियों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। पहले सुरक्षाबलों को आतंकियों की संख्या के बारे में सेना को ठीक-ठीक जानकारी नहीं थी।

प्रधानमंत्री की निकली भव्य शोभायात्रा

वाराणसी की जनता ने देश के प्रधानमंत्री की भव्य शोभायात्रा देखी। इस तीसरी भव्य शोभायात्रा (रोड शो) ने सबका मन मोह लिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री और जि़ले के कलेक्टर पंद्रह-बीस दिनों से इस यात्रा की कामयाबी में जुटे हुए थे। शहर वाराणसी की जनता घरों के बरामदों, छतों से प्रधानमंत्री पर पुष्पवर्षा करके गदगद थी।

प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से फिर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल (26 अप्रैल) करने एक दिन पहले ही शाम को पहुंचे। पहले ही दिन उन्होंने भव्य शोभा यात्रा निकाली। दूसरे उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता का मन मोह लिया। पूरे देश ने विभिन्न टीवी चैनेल पर यह भव्य शोभा यात्रा देखी। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दूसरे विभागों के मंत्री थे। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री थे और भाजपा महागठबंधन के साथी दलों के नेता और कार्यकर्ता थे। इस शोभायात्रा से प्रधानमंत्री ने यह संदेश दिया कि वे ही वाराणसी संसदीय क्षेत्र से फिर जीत रहे हैं।

वाराणसी संसदीय क्षेत्र की जनता प्रधानमंत्री को फिर चुन रही है। इससे आश्वस्त हैं नगर प्रशासन, प्रदेश के मुख्यमंत्री और पार्टी कार्यकर्ता। प्रधानमंत्री की भव्य शोभायात्रा से आसपास के विभिन्न संसदीय क्षेत्रों में भी विजय की हुंकार  गूंजी है।

आश्चर्य नहीं पूर्वी उत्तरप्रदेश के तमाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के सभी वार्डों और सभी बूथों पर सिर्फ एक ही पार्टी को मत पडें। जब प्रधानमंत्री की शोभायात्रा इतनी भव्य है तो देश के योग्य परिश्रमी और त्यागी मनोवृति के व्यक्तित्व को अपना मत देने से वाराणसी की श्रद्धालु जनता क्यों भला हिचकेगी। आखिर प्रधानमंत्री ने विकास कार्यों के लिए राशि मंजूर की । विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और सात किलोमीटर की उनकी शोभायात्रा ने भाजपा के सहयोगी महागठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं को भी अभिभूत कर दिया। अब राज्य के मुख्यमंत्री उनके मत्रिमंडल के सहयोगियों, केंद्रीय मंत्रिमंडल से आए मंत्री और सहयोगी दलों के नेताओं की उपस्थिति में आम चुनाव -2019 में फिर विजयश्री के लिए उन्होंने अपना नामांकन पत्र शुक्रवार को भरा। इस मौके पर भी भारी बाजे-गाजे और जनसमूह के साथ प्रधानमंत्री चुनाव मैदान में उतरे।

वाराणसी पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने सीधे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्हें नमन करने के बाद उन्होंने अपनी कमर तक झुककर वाराणसी के एकत्रित जनसमूह को चारों तरफ मुड़-मुड़ कर छह-सात बार नमन किया। इसके बाद वे अपनी कार में जाकर खड़े हुए। भवनों की बालकनी, छतों पर खड़ी महिलाओं ने उन पर गुलाब की पंखुडिय़ा बरसाई। फिर प्रधानमंत्री की यह भव्य शोभायात्रा लंका, अस्सी, मदनपुरा, सोनारपुरा, गोदौलिया होती हुई मुख्य दशाश्वमेध घाट पहुंची।

यहां प्रधानमंत्री ने गंगा आरती की। उनके सामने गंगा में अपूर्व रोशनी का प्रबंध था। ढेरों नौकाएं थीं। बड़ा ही स्वप्निल दृश्य था जिसे विभिन्न निजी, सरकारी चैनेलों ने पूरे देश की जनता की पर्यटन रूचि विकसित करने के लिए प्रसारित किया। रात में प्रधानमंत्री ने भाजपा विधायकों, सांसदों से बातचीत की।

प्रधानमंत्री की भव्य शोभायात्रा से भी  विपक्ष में कहीं कोई घबड़ाहट नहीं दिखी। उत्तरप्रदेश की पूर्वी इलाकों में कांग्रेस की सचिव प्रियंका गांधी की भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले चुनाव मैदान में उतरने की संभावना थी। लेकिन वे शुरू से यह कह रही थीं कि यदि पार्टी कहे तो ही वे चुनाव मैदान में उतरेंगी। हालांकि वे तैयार हैं। उन्हें पार्टी की अनुमति नहीं मिली।  जब वाराणसी में शोभायात्रा हो रही थी तो वे झांसी और आसपास प्रचार में व्यस्त थी। भाजपा नेताओं के शिविरों में प्रियंका के न होने से काफी खुशी छाई। जबकि वे मैदान में ही नहीं थी।

वाराणसी संसदीय क्षेत्र से सपा-बसपा की ओर से भी अभी किसी मज़बूत उम्मीदवार का नाम नहीं है। कांग्रेस से अलबत्ता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय राय उम्मीदवार है। इस बार चुनाव मैदान में उनके पास समय कम है लेकिन उनका अपना एक आधार है जिसका निरंतर प्रसार है। पिछली बार संसदीय चुनाव में वे तीसरे स्थान पर थे। हो सकता है इस बार अजय राय सभी दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री को अच्छी टक्कर दे सकें। वाराणसी की जनता भी अपने ही बीच के अपने उम्मीदवार पर भरोसा कर सके।

बिल्किस बानो ने जीती न्याय, इज्ज़त और समानता की जंग

एक हिंदुस्तानी महिला है बिल्किस बानो। ज्य़ादातर हिंदुस्तानियों ने उसका नाम पहली बार  इस सदी की शुरूआत में सुना। जब तीन मार्च 2002 को उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। शुरू में उसकी कहानी सुनने को भी लोग तैयार नहीं थे। क्योंकि वह आदिम जन समुदाय की थी। लेकिन वह 19 साल की एक हिंदुस्तानी थी। उसने लडऩा जारी रखा। उसके परिवार के 14 लोग मार दिए गए। दो साल का बच्चा मारा गया।

उसकी आवाज़ इंदौर, मुंबई, वडोदरा, लखनऊ, दिल्ली आदि में न केवल सुनी गई बल्कि  उसे जन समर्थन भी मिला। दंगा, बलात्कार और हत्याओं में वह न्याय के लिए वह दर-दर भटकती रही। उसकेपरिवार ने उसे सहारा दिया। गुजरात सरकार ने उसे सहारा देने का आश्वासन दिया। उसके लिए वह राजी नहीं हुई। लोकतंत्र में राज्य के नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है।

लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में क्या ऐसा हो रहा है? गुजरात सरकार ने उसे रु पए पांच लाख मात्र 2017 में बतौर मुआवजा देने चाहे। उसने नहीं लिया। राज्य अपने  नागरिकों की चिंता और देख-रेख में भी नाकाम रहा। सुप्रीमकोर्ट ने इस आधार पर एक सरकार को पकड़ा। गुजरात सरकार से कहा कि वे बिल्किस को रु पए 50 लाख दे। उसे उसकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था करने को कहा। रहने के लिए मकान और नौकरी के लिए भी व्यवस्था करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को निर्देश दिया है कि उसे 50 लाख रु पए दिए जाएं। उसे नौकरी दी जाए। क्योंकि उसकी रक्षा में उसने कोताही बरती, उसे सुरक्षित जगह रहने के लिए नहीं दी। उसे न्याय की लड़ाई लडऩे में सहयोग नहीं किया। उसे राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग ने सहयोग दिया। उसकी तकलीफ सुनी। एपेक्स कोर्ट ओर देश के ढेरों नागरिकों का समर्थक उसकी मदद में आगे आया।

अपनी जि़ंदगी में पहली बार उसने गुजरात के एक कस्बे देवगढ़ बरिया में मतदान (23 अप्रैल को) किया। उसने कहा, देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में मेरी आस्था है। मतदान प्रक्रिया में मेरा भरोसा है। मैं सुप्रीम कोर्ट की ऋणी हूं। बिल्किस बानो की जीत आम नागरिक की जीत है।

उफ! बुरे फंसे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीडऩ (सेक्सुअल हेरासमेंट) के आरोपों के तहत चल रही सुनवाई की रिर्पोटिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने इस संबंध मे एक जनहित याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीमकोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ‘सेक्सुअल हेरासमेंट’ का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में जस्टिस अरूण मिश्र, रोहिंटन फाली नैरिमन और दीपक गुप्त हैं। ऐसे आरोप पर पूरा देश सन्न रह गया।

ये आरोप गंभीर इसलिए है क्योंकि इससे मुख्य न्यायाधीश की साख प्रभावित होती है। संवैधानिक तौर पर वे एक ऊंचे ओहदे पर हैं और देश की एपेक्स कोर्ट के प्रमुख हैं। चूंकि इस आरोप से घिन सी आती है और मुख्य न्यायाधीश का नाम इससे जुड़ता है इसलिए पूरे मामले की समुचित जांच होनी चाहिए। जिससे बात साफ हो।

मुख्य न्यायाधीश को बरसों औरों के लिए आदर्श काम करके यह इज्ज़त मिलती है। उसे सिर्फ आरोपों का शिकार नहीं बनने देना चाहिए। बल्कि इसमें जांच परख के ऊंचे सिद्धांतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही कानूनी तौर पर यह पता लगाना चाहिए कि क्या इन आरोपों के पीछे कोई साजिश थी और एक गठजोड़ करके मुख्य न्यायाधीश को बदनाम करना था। मुख्य न्यायाधीश के अपने बैंक के खाते में थोड़ी सी राशि बतौर ऐसे जस्टिस है जो निर्दोष कामकाज का हवाला देते हुए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय की आज़ादी आज गंभीर खतरे के दौर से गुजर रही है। कुछ ताकतें मुख्य न्यायाधीश के आफिस को निष्क्रिय करना चाहती हैं।

इस बेंच के एक वकील उत्सव सिंह बैंस ने यह आरोप लगाया कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इस कांड में अदालत के हताश कर्मचारी हैं और दूसरे दलाल हैं। शिकायत करने वाले ने तो यह तक भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की जो इन हाउस कमेटी मामले की पड़ताल में जुटी है उनमें एक जस्टिस के तो अच्छे ताल्लुकात हैं, न्यायाधीश गोगोई से। इन हाउस कमेटी से जुड़े जस्टिस ने फिर खुद को ही उस कमेटी से अलग कर लिया। उनकी जगह फिर एक महिला जज को मौका मिला।

 इस पूरे मामले में कई खामियां लगती हैं। पहली, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि यदि मुख्य न्यायाधीश से ही शिकायत है तो इन हाउस जांच ‘सेक्सुअल हेरासमेंट ऑफ वीमेन एट वर्क प्लेस’ एक्ट 2013 के तहत क्यों नहीं हो रही है। फिर सुप्रीम कोर्ट में बनी यह कमेटी क्या सिर्फ अदालत के कर्मचारियों की जांच करेगी? जज की नहीं? मुख्य न्यायाधीश की जांच में कई पहलू हैं। पहले भी मुख्य न्यायाधीश गोगाई की कड़ी आलोचना हो चुकी है जब वे एक विशिष्ट मामले में न्यायिक सुनवाई कर रहे थे। इससे ऐसा लगता है मानो ऐसे मामले वे हल नहीं कर पाते।

ऐसा मामला पहला नहीं है जो मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ कहा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके गांगुली को इस्तीफा तब देना पड़ा जब अदालत में ‘इन्टर्न’ कर रही एक महिला ने उनके खिलाफ ‘सेक्सुअल हेरासमेंट’ का आरोप लगाया। मध्यप्रदेश की एक न्यायिक अधिकारी ने हाईकोर्ट के जज एसके नंगीले पर ‘सेक्सुअल हेरासमेंट’ के आरोप लगाए थे। राज्यसभा के तीन सदस्यों की जांच कमेटी ने सारी जांच की लेकिन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।