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आप के निलंबित विधायक सहरावत भाजपा में गए

लोक सभा चुनाव के मतदान से पहले आप को दिल्ली में एक और झटका लगा है।  पार्टी की तरफ से निलंबित विधायक देवेंदर सहरावत सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। याद रहे कुछ रोज पहले ही आप के एक और विधायक अनिल वाजपेयी भी भाजपा में शामिल हो गए थे।
सेना में अधिकारी रहे देवेंदर सहरावत विजवासन से विधायक हैं। एक पत्रकार सम्मलेन में उन्होंने भाजपा में जाने का ऐलान किया। इस मौके पर पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेता विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता भी उयस्थित थे।
यहाँ यह भी बता दें कि  सहरावत सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए। आपको बता दें कि सहरावत को कुछ महीने पहले आप ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। पार्टी ने सहरावत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
कुछ रोज पहले ही आम आदमी पार्टी के एक और विधायक अनिल वाजपेयी भी भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली की गांधीनगर सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। लोकसभा चुनाव के बीच विधायकों के भाजपा में जाने से आप को बड़ा झटका लगा है।

नामांकन रद्द होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तेज बहादुर

नामांकन रद्द होने के खिलाफ वाराणसी से सपा उम्मीदवार बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है। एक याचिका दाखिल कर यादव ने चुनाव आयोग के उनके नामांकन को रद्द करने के फैसले को गलत बताते हुए इस मसले पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने २४ अप्रैल को भरे नामांकन में नौकरी से बर्खास्तगी के सवाल पर गलती से हां लिख दिया। इसमें  सवाल था कि क्या आप भ्रष्टाचार या सरकार के विश्वास हनन के लिए बर्खास्त हुए. मेरी बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के चलते हुई थी। याचिका के मुताबिक उन्होंने २९  अप्रैल को दोबारा भरे नामांकन में इस गलती को सुधार दिआ और नौकरी से बर्खास्तगी का पत्र नए नामांकन के साथ लगाया।
याचिका में यादव ने लिखा है कि ३० अप्रैल को शाम ६ बजे निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने की योग्यता पर सर्टिफिकेट लाने को कहा। पहली मई को उनका नामांकन ये कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उनकी बर्खास्तगी अप्रैल २०१७ में हुई थी और वे इस तारीख के पांच साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। याचिका में यादव ने मांग की है कि सर्वोच्च अदालत निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाए और उन्हें चुनाव लड़ने की इजाज़त मिले। वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में राफेल पुनर्विचार याचिकाओं पर आज सुनवाई

राफेल विमान सौद्दे की जांच की मांग को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (सोमवार) सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग की है कि फ्रांस के साथ हुए विमान सौदे को सही करार देने वाले फैसले को बदला जाए, जबकि मोदी सरकार इसका विरोध कर रही है।
गौरतलब है कि आजकी सुनवाई से तीन दिन पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने अपने हलफनामे में पीएमओ की राफेल खरीद प्रोसेस में निगरानी को सही ठहराया है। सरकार ने कहा है कि दो सरकारों के बीच समझौते पर पीएमओ की निगरानी को समानांतर सौदेबाजी कहना गलत है।
उधर याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग की है कि फ्रांस के साथ हुए विमान सौदे को सही करार देने वाले फैसले को बदला जाए हालांकि सरकार इसका विरोध कर रही है। सरकार का कहना है कि याचिकाकर्ता चुराए गए दस्तावेज के चुनिंदा अंश पेश कर कोर्ट को गुमराह करना चाहते हैं।
इस मामले में केंद्र सरकार के वकील का कहना है कि सौदे में प्रति विमान करीब तीन  फीसदी की बचत हुई है। सभी जरूरी दस्तावेज कैग को दिए गए थे और कैग की रिपोर्ट है कि हथियारों से लैस राफेल पहले की तुलना में करीब तीन फीसदी सस्ते मिले हैं। केंद्र ने कोर्ट में बताया है कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। समझौते में इसका जिक्र नहीं है और ३६ लड़ाकू विमान पूरी तरह तैयार स्थिति में भारत को मिलेंगे।

आग का गोला बना रूस का जहाज, ४१ की मौत

रूस के एक यात्री विमान में आग लगने के बाद उसे मॉस्‍को के शेरेमेट्येवो हवाईअड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, हालांकि इस हादसे में ४१ लोगों की जान जाने की खबर है। मरमांस्क जा रहे खोई सुपरजेट १०० एयरक्राफ्ट विमान में कुल ७८ लोग सवार थे। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। प्रधानमंत्री दिमित्री मेदददेव ने हादसे की जांच के लिए विशेष समिति बनाने के आदेश दे दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ३७ लोगों की जान बचाई गयी है जबकि ११ यात्री घायल हैं। तकनीकी खराबी के बाद इसमें आग लग गयी जिसके बाद इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। रूस की स्वास्थ्य मंत्रालय प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्तसोवा ने एक बयान में कहा – ”छह घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से तीन की हालत गंभीर है।”
रूसी जांच समिति ने एक बयान में कहा – ”विमान में क्रू सदस्‍यों समेत कुल ७८ लोग सवार थे। इनमें से ३७ लोग बचाए जा चुके हैं जबकि ११ घायल हैं जिनमें दो-तीन की हालत गंभीर है। जांचकर्ताओं ने कहा कि वे अलग-अलग एंगल्‍स से जांच कर रहे हैं और हादसे की वजह के बारे में अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक विमान में आग लगने की सूचना मिलते ही हालात पर काबू पाने के लिए लैडिंग के तुरंत बाद बचावकर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गई। विमान ने उड़ान भरते ही आग लगने की सूचना भेजी और उसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश शुरू की गई। लेकिन विमान अपनी पहली कोशिश में लैंडिंग नहीं कर सका. लेकिन दूसरी बार विमान लैंड करने में सफल रहा। फ्लाइटराडर २४ ट्रैकिंग सेवा के अनुसार उड़ान भरने के लगभग ४५ मिनट बाद इमरजेंसी लैंडिंग करने से पहले विमान दो बार मास्को के ऊपर से गुजरा था।
गौरतलब है कि सुखोई सुपरजेट १०० सोवियत युग समाप्‍त होने के बाद रूस का पहला नागरिक एयरक्राफ्ट था। साल २०१२ में डेमो फ्लाइट के दौरान इंडोनेशिया में एक सुखोई सुपरजेट १०० सीधे एक पहाड़ से जा टकराया था जिससे सभी ४५ यात्रियों की जान चली गयी थी। इस विमान को देश से बाहर कोइ खरीदार नहीं मिला।

सीएम की चुनाव रैली में जा रहे ५ भाजपा वर्कर्स की मौत

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मुख्यमंत्री की चुनाव सभा में जा रहे ५ भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सड़क हादसे में मौत हो गयी। यह भाजपा कार्यकर्ता एक कार में सवार थे जो हादसे का शिकार हो गयी। एक घायल की हालत बहुत नाजुक बताई गयी है।
जानकारी के मुताबिक छह भाजपा कार्यकर्ता ऑल्टो कार में सवार होकर सिराज के भाटकीधार में हो रही सीएम की चुनावी रैली के लिए जा रहे थे। बगचनोगी से करीब  एक किलोमीटर पीछे कार हादसे का शिकार हो गई। यह कार सड़क से करीब ६०० फुट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
कार के चालक खेम चंद, जो की छेड़ा खड्ड (मंडी) का रहने वाला है को गंभीर हालत में अस्पताल  किया गया है जहां उसका उपचार जारी है। हालांकि कार चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हादसे के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है।  पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शवों को खाई से निकाला। शवों का अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया है। मृतकों की पहचान कुंवर सिंह, प्रेम राज, रोशन लाल, चिरंजी लाल और कृष्ण चंद  हुई है।

आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं : मोदी को बोले राहुल

पीएम मोदी की दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर टिप्पणी का जवाब उनके बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव और बेटी प्रियंका गांधी ने दिया है। राहुल ने मोदी की टिप्पणी पर उन्हें कहा – ”आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं और मेरे पिता को बीच में खींचने पर भी आप नहीं बच पाओगे।” जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा – ”पीएम मोदी ने बेलगाम सनक में एक नेक इंसान की शहादत का निरादर किया है।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी लड़ाई खत्म हो गई है। आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं। मेरे पिता को बीच में खींचने पर भी आप नहीं बच पाओगे।
राहुल का ट्वीट –
@RahulGandhi
Modi Ji,
The battle is over. Your Karma awaits you. Projecting your inner beliefs about yourself onto my father won’t protect you.
All my love and a huge hug.
Rahul
उधर राजीव  और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा – ”शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हां, मोदीजी यह देश धोकेबाजी को कभी माफ नहीं करता।”
प्रियंका का ट्वीट –
@priyankagandhi
शहीदों के नाम पर वोट माँगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हाँ मोदीजी ‘यह देश धोकेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता’।
याद रहे पीएम मोदी ने कांग्रेस पर राफेल डील को लेकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए पूर्व पीएम राजीव गांधी के बहाने राहुल गांधी की आलोचना की थी। पीएम मोदी ने राजीव गांधी पर तंज कसते हुए कहा था – ”मिस्टर क्लीन का जीवनकाल भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में समाप्त हुआ था।”

‘आपके पिताजी का जीवन भ्रष्टाचारी नम्बर वन के रूप में समाप्त हो गया’ – मोदी ने ऐसे किया राहुल पर हमला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले पांच साल में कांग्रेस के तमाम प्रधानमंत्रियों पर हमला करते रहे हैं और अब चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के राफेल के मुद्दे पर उन्हें घेरने पर मोदी ने राहुल पर उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी पर हमला करके पलटवार किया है – ”आपके पिताजी (राजीव गांधी) को आपके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नम्बर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया।”
मोदी ने कांग्रेस पर राफेल मुद्दे को लेकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया। प्रतापगढ़ और बस्ती में शनिवार को एनडीए प्रत्याशियों के लिए चुनाव रैलियों में पीएम ने राहुल गांधी के दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी  का नाम लिये बगैर कहा – ”आपके पिताजी को आपके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था। लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नम्बर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया। नामदार यह अहंकार आपको खा जाएगा।  ये देश गलतियां माफ करता है, मगर धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि राफेल नाम का ”झूठ का पुलिंदा” तैयार किया गया। ”कल ही नामदार (राहुल) ने फिर स्वीकार किया है कि इस पूरे अभियान का उनका एकमात्र लक्ष्य मोदी की छवि खराब करना है। उन्होंने कहा – ”मोदी पांच दशक तक बिना रुके-थके सिर्फ और सिर्फ भारत माता के लिये जिया है। टीवी स्क्रीन पर गालियां देकर ५०  साल की मोदी की तपस्या को तुम धूल में नहीं मिला सकते।”
मोदी ने इस चुनाव सभा में दावा किया कि ”अब यह साफ हो चुका है कि सपा ने गठबंधन के बहाने प्रधानमंत्री पद का ख्वाब दिखाकर मायावती का तो चालाकी से फायदा उठा लिया मगर अब बहनजी को समझ आया गया है कि सपा और कांग्रेस ने मिलकर बहुत बड़ा खेल खेला है। मोदी ने कहा – ”बहनजी अब खुलेआम कांग्रेस की आलोचना करती हैं, लेकिन दूसरी तरफ बहनजी के साथ गठबंधन करने वाली सपा अपने निजी स्वार्थ के लिये पूरी तरह कांग्रेस के मुद्दे पर चुप है। कांग्रेस के नेता तो खुशी-खुशी सपा की रैलियों में मंच साझा कर रहे हैं। इन लोगों ने बहनजी को ऐसा धोखा दिया है कि उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है।”

भाजपा नेता की हत्या की निंदा

जम्मू कश्मीर के अनतंनाग जिले में शनिवार रात भाजपा जिला उपाध्यक्ष गुल मोहम्मद मीर की हत्या की तमाम नेताओं और दलों ने निंदा की है। मीर की  शनिवार रात आतंकवादियों ने उनके घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी।
मीर पक्के भाजपाई थे और लोग उनके भाजपा प्रेम के कारण उन्हें ”अटल” कहकर पुकारते थे।नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीर की हत्या की निंदा की है। अब्दुल्ला ने कहा – ”मैं हिंसा की इस घृणित करतूत की निंदा करता हूं। और उनकी मगफिरत की दुआ करता हूं। अल्लाह उन्हें जन्नत नसीब करे। गुल मोहम्मद मीर अनंतनाग जिले में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष थे। उनके परिवार और प्रियजनों को इस मुश्किल वक्त में हौसला मिले।”
उधर पीडीपी की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट किया – ”मैं दक्षिण कश्मीर के वेरिनाग में भाजपा नेता गुल मोहम्मद मीर की हत्या की कड़ी निंदा करती हूं। शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं उनकी मगफिरत की दुआ करती हूं।”
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीए मीर ने भी मीर की हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा – ”मैं और कांग्रेस इस हत्या की निंदा करते हैं और मेरे के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। यह घटनाएं जाहिर करती हैं कि कश्मीर की हालत खराब है।”
उधर प्रदेश भाजपा ने एक बयान में मीर के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं है। पार्टी ने उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जो घाटी में शांति भंग रहे हैं और बेगुनाह लोगों की हत्या कर रहे हैं।
इस बीच पुलिस ने बताया है कि तीन आतंकवादी नौगाम वोरिनाग इलाके में स्थित मीर के घर में घुसे और उनकी कार की चाबी मांगी। गाड़ी ले जाते हुए उन्होंने मीर को गोली मार दी। मीर को नाजुक हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दमतोड़ दिया। संदिग्धों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी की गई है।

चुनाव के बीच दो भाजपा

भाजपा के ही बड़े नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक ब्यान ने भाजपा के भीतर उस भाजपा की चिंता और गहरा दी है कि जिसे यह ”आशंका” है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें २०१४ के मुकाबले बहुत ज्यादा घट सकती हैं। स्वामी ने कहा था कि बालाकोट न होता तो भाजपा १६० सीटों पर सिमट जाती और अब भी भाजपा की अपनी सीटें २३० से ज्यादा नहीं आएंगी। एक दूसरी भाजपा भी भाजपा के भीतर है जो आँख मूंदकर यह मानती है कि कुछ भी हो, मोदी भाजपा को ”बम्पर जीत” दिलाएंगे।
दरअसल भाजपा के भीतर दो भाजपा बन गयी हैं। चुनाव के बीच चल रहे घमासान और उम्मीदों-नाउम्मीदों ने भाजपा के बीच यह दो भाजपा बनाई हैं। एक को लगता है भाजपा का मामला ”अटक” सकता है जबकि दूसरी भाजपा को पक्का भरोसा है कि पार्टी की मोदी के रहते ”बम्पर” जीत होगी।
कांग्रेस और अन्य विपक्षियों से ज्यादा ”कैलकुलेशंस” भाजपा के भीतर हो रहे हैं चुनाव के नतीजों को लेकर। राजधानी दिल्ली से लेकर सुदूर कोलकाता तक। हर रोज। कई एंगल से गुना-भाग। हर बार घटते-बढ़ते नंबर। पहले के चार चरणों में वोट प्रतिशत पर भी घंटों बहस। ”सर्जिकल स्ट्राइक” और ”राष्ट्रवाद” का भी हिसाब-किताब और ”न्याय” (कांग्रेस की योजना) का भी नाप-तोल। सट्टा बाज़ार के कयास पर चर्चा । सोशल मीडिया के चुनाव ”सर्वे” पर मंथन। सीट-दर-सीट चिंतन।
इसके बाद भाजपा के भीतर एक वर्ग की आशंका – मामला अटक रहा है भाई। दूसरे  का भरोसा – बम्पर जीत हो रही है। दिसंबर २०१८ के तीन विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले आँख मूंदकर पीएम मोदी के करिश्मे पर भरोसा करने वालों का भरोसा डिगा है। अभी तक डिगा हुआ है। उनका आकलन है, भाजपा को १९० से २२० के बीच सीटें।
लेकिन भाजपा के भीतर दूसरा खेमा मोदी का पक्का भक्त है और उनके ”करिश्मे” का भी। उसका आकलन है कि देश में मोदी की २०१४ से भी बड़ी लहर (अंडर करंट) है और भाजपा की खुद की सीटें ३०० से ३२५ के बीच आने वाली हैं।
भाजपा की सीटों के इस कयास में बड़े नेता भी शामिल हैं। सार्वजानिक तौर पर जो ”मोदी लहर” की बात करते हैं वे भी आशंका वाले खेमे में शामिल हैं। निजी बातचीत में स्वीकार करते हैं कि २०१४ में जो मिला था वो शिखर था, अब उसे छूना मुमकिन नहीं। सीटें घटेंगी ही। उन्हें लगता है कि सीटें २०० से कम रहीं तो भाजपा सरकार नहीं बना पाएगी। ऐसा नहीं कि इस खेमे में मोदी के प्रशंसक नहीं। हैं, बस उनके प्रति भरोसा डिगा हुआ है उनका।
इस खेमे का आकलन है कि बेरोजगारी का मुद्दा भाजपा पर भारी पड़ सकता है। किसानों का भी। चुनाव में विकास के मुद्दे से हट जाने से उनका कयास है कि पार्टी इसे लेकर ”डिफेंसिव” है जिसका नुक्सान होगा। यह नेता मानते हैं कि मोदी के प्रति अविश्वास करने वालों की संख्या देश में बढ़ी है। इनका यह भी आकलन है कि पीएम मोदी की ”बॉडी लैंग्वेज” इस चुनाव प्रचार में कई बार ”असहज नेता” की दिख रही है जो आज से एक साल पहले तक बिलकुल नहीं होता था।
उनका यह भी मानना है कि २०१४ के चुनाव वादों पर चुप्पी साध लेने से भाजपा को बहुत नुक्सान होगा क्योंकि जनता, खासकर युवा बेरोजगारों ने, बहुत ऊंची उम्मीदें मोदी से पाली हुई थीं। दिलचस्प यह भी है कि यह नेता यह भी मानते हैं कि एयर स्ट्राइक की सफलता और मंत्रियों के २००-३०० आतंकी मारने के दावे की देशी-विदेशी मीडिया में पक्की पुष्टि न होने से इस मुद्दे पर मोदी को समर्थन देने वाला जनमत बंट गया है। चुनाव नतीजों को लेकर भाजपा के इस खेमे में ”निराशा” जैसी स्थिति है। इस खेमे का डर भरा अनुमान है – भाजपा २१० के आसपास अटक जाएगी।
इसके विपरीत दूसरा खेमा दो मुद्दों पर पक्का मान कर चल रहा है कि भाजपा ३०० से पार चली जाएगी। भाजपा के इस वर्ग का मानना है कि ”एयर स्ट्राइक” का मुद्दा बेरोजगारी पर भारी पड़ेगा और वोट मोदी के ”बोल्ड लीडर” वाली छवि के लिए भाजपा को पड़ेंगे। इस ग्रुप को पूरी उम्मीद है कि मोदी की लीडरशिप के आगे कोइ नहीं टिकता और जनता अब भी मोदी पर फ़िदा है जो भाजपा को ”बम्पर” सीटें दिलाएगी।
भाजपा के भीतर सबसे बड़ी चिंता यूपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे हिंदी भाषी सूबों को लेकर है। हालांकि, पार्टी में यह भरोसा बन रहा है कि पश्चिम बंगाल में पार्टी बेहतर करेगी। दक्षिण भी भाजपा में बड़ी चिंता का सबब बना दिखता है।
बंगाल की चुनाव सभा में जिस तरह मोदी ने ४४ टीएमसी विधायकों के उनके (पीएम) ”संपर्क” में होने का दावा किया, उसे भाजपा के ही कई नेताओं ने सही नहीं माना। उनका कहना है कि जब कोइ विधायक किसी दूसरी पार्टी के संपर्क में होता है तो वो उसे ”सीक्रेट” रखता है, लिहाजा पीएम के बात पर लोग कैसे भरोसा करेंगे। उनका यह भी कहना है कि पीएम लेवल पर ऐसे दावे करने ही नहीं चाहिएं क्योंकि बहुत लोग इसे ”फ्रस्ट्रेशन”के रूप में देखने लगते हैं।
भाजपा के एक वर्ग में यह भी महसूस किया जा रहा है कि एयर स्ट्राइक का ”असर” पहले चरण तक तो थोड़ा-बहुत था, उसके बाद घटता चला गया है और दूसरे मुद्दे जनता पर हावी होने लगे हैं। भाजपा में ही बहुत से नेता यह मानते हैं कि भाषणों के दौरान कई बार मोदी बहुत ज्यादा ”नाटकीय” हो जाते हैं जिससे उनके गंभीर नेता होने की छवि को नुक्सान होता है।
हालांकि, उनमें अटूट श्रद्धा रखने वाले भाजपा नेता/कार्यकर्ता मानते हैं कि मोदी का यह नाटकीय अंदाज जनता को ”भाता” है, क्योंकि, यह अंदाज उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करता है।
यह चुनाव जिस तरह ”गुमसुम” दिखता है उससे भी कोइ कयास लगाना मुश्किल हुआ है। इसने ही भाजपा के एक खेमे में ”आशंका” पैदा की है तो दूसरे खेमे में अति उत्साह।
आशंका वाले मानते हैं कि २००४ के चुनाव में भी भाजपा के भीतर वाजपेयी जी का डंका बज रहा था, जैसे आज मोदी जी का बज रहा है। लोक सभा चुनाव २०१९ की तरह ही २००४ में भी भाजपा सरकार के कामों को ”इण्डिया शाइनिंग” जैसा ही जनता के सामने परोसा जा रहा है। कहा जा रहा है कि ”दुनिया में आज भारत का डंका बज रहा है”। लेकिन २००४ में जनता ने भाजपा को वाजपेयी जैसे कद्दावर नेता के होते धूल चटाकर विपक्ष में पहुंचा दिया था। तब भी ”कारगिल की विजय” का तमगा सरकार के पास था जैसा आज ”बालाकोट” का बताया जा रहा है।
गुमसुम चुनाव को एक खेमा भाजपा के खिलाफ मनाता है तो दूसरा ”अंडर करंट” के रूप में देखता है। दिल्ली में भाजपा के चुनाव प्रचार में जुटे मंडल स्तर के एक नेता ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा – ”आप देखना आंधी है मोदी की भाईजी। बता रहा हूँ, मामला ३०० के पार पहुंचेगा। २००४ में वाजपेयी भुना नहीं पाए थे अब कमान मोदी के पास है”।
लेकिन मंडल स्तर के एक अन्य भाजपा नेता का आकलन कुछ दूसरा है – ”बड़ी चुप्पी वाला चुनाव है जनाब। कुछ भी हो सकता है। बहुत चीजें हैं जो हमारे खिलाफ जाती हैं। २०१४ जैसा नतीजा आया तो यह करिश्मे वाली बात होगी।” भाजपा के भीतर किस खेमे का आकलन सही निकलता है, यह २३ मई को ही जाहिर होगा जब चुनाव नतीजे आएंगे।

राफेल पुनर्विचार याचिकाओं में आधार नहीं, खारिज हों: सरकार

लड़ाकू विमान राफेल की खरीद को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शनिवार को जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया। सरकार ने हलफनामे में कहा कि राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं में कोई आधार नहीं हैं, इसलिए सारी याचिकाएं खारिज की जानी चाहियें।
सर्वोच्च न्यायालय में सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि राफेल डील के गोपनीय दस्तावजों के परीक्षण के फैसले से रक्षा, बलों की तैनाती, परमाणु प्रतिष्ठानों, आतंकवाद निरोधक उपायों आदि से संबंधित गुप्त सूचनाओं का खुलासा होने की आशंका बढ़ गई है। इसमें केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेजों के इस तरह सार्वजनिक खुलासे से देश के आस्तित्व पर खतरा है।
हलफनामे में सरकार ने कहा कि राफेल पुनर्विचार याचिकाओं के जरिए सौदे की चलती-फिरती जांच की कोशिश की गई। मीडिया में छपे तीन आर्टिकल लोगों के विचार हैं न कि सरकार का अंतिम फैसला। ये तीन लेख सरकार के पूरे आधिकारिक रुख को व्यक्त नहीं करते हैं। केंद्र ने कहा कि ये सिर्फ अधिकारियों के विचार हैं जिनके आधार पर सरकार कोई फैसला कर सके।
हलफनामे में सरकार ने कहा है कि अपने सीलबंद नोट में सरकार ने कोई गलत जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी। कैग ने राफेल के मूल्य संबंधी जानकारियों की जांच की है और कहा है कि यह २.८६ फीसदी कम है। केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट जो भी मांगेगा सरकार राफेल संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।