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अंतिम दो चरण के चुनाव नोटबंदी और जीएसटी पर लड़ लें, प्रियंका की पीएम मोदी को चुनौती

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ”प्रियंका दिल्ली में टाइम क्यों वेस्ट कर  रही हैं” वाले ब्यान के कुछ घंटे में ही प्रियंका ने इसका जवाब दिल्ली के दो रोड शो में जबरदस्त भीड़ जुटाकर दिया। और फिर पीएम मोदी को उनके कांग्रेस को राजीव गांधी के नाम पर चुनाव लड़ने की चुनौती वाले ब्यान पर जवाब दिया कि मोदी अंतिम दो चरण का चुनाव जीएसटी और नोटबंदी पर लड़कर देख लें।
नार्थ दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के लिए प्रियंका गांधी के रोड शो में जबरदस्त भीड़ जुटी। सड़क के दोनों और लोग या तो सड़क पर थे या घरों के ऊपर से उनपर पुष्प वर्षा कर रहे थे। रोड शो में जो बहुत दिलचस्प बात दिखी वह यह कि प्रियंका गांधी के १६ वर्षीय पुत्र रेहान ८२ साल की शीला दीक्षित को कड़ी गर्मी में सहारा दे रहे थे।
इससे पहले सुबह दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने प्रियंका गांधी को ”सलाह” दी कि वे दिल्ली में टाइम वेस्ट कर रही हैं और भाई-बहन को राजस्थान और दूसरी जगह जाकर कांग्रेस का प्रचार करना चाहिए। लेकिन इस ब्यान के कुछ घंटे बाद ही प्रियंका के रोड शो में जबरदस्त भीड़ जुटी।
बाद में ईस्ट दिल्ली के रोड शो के आखिर में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को चुनौती दी। उन्होंने कहा – ”दिल्ली की यह लड़की आपको चुनौती दे रही है कि आखिरी के दो चरण नोटबंदी पर लड़िए, जीएसटी पर लड़िए और महिलाओं की सुरक्षा पर लड़िए।”
प्रियंका गांधी ने कहा – ”आपने (मोदी) देश के नौजवानों से झूठे वादे किए, आप उन वादों पर चुनाव लड़िए। उनकी हालत स्कूल के बच्चों की तरह हो गई है। वे (मोदी) होमवर्क नहीं पूरा कर पाए हैं और अब स्कूल के बच्चों की तरह बहानेबाजी कर रहे हैं। क्या करें नेहरू जी ने मेरा पर्चा ले लिया, मैं क्या करूं इंदिरा जी ने कागज की कश्ती बना दी मेरे होमवर्क की और कहीं पानी में डुबो दी।”
इससे पहले प्रधानमंत्री ने उनके पिता दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजीव गांधी को ”भ्रष्टाचारी नंबर १” कहा था। दिल्ली में कांग्रेस, भाजपा और आप में तिकोना मुकाबला है।

लेह में पत्रकारों को रिश्बत देने के मामले में घिरी भाजपा

पीएम मोदी के राजीव गांधी पर ”भ्रष्टाचारी” वाले विवादित ब्यान के बीच लेह में भाजपा के पत्रकारों को पैसे बांटने वाला मामला तूल पकड़ गया है। लेह प्रेस क्लब ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने क्लब के सदस्यों को ”पैसों से भरे लिफाफों” की पेशकश कर रिश्वत देने की कोशिश की। इस आरोप वाले वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा चारों और से घिर गयी है। शुरुआती जांच में इस आरोप को सही पाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लेह के पत्रकारों को प्रेस क्लब में रिश्वत दिए जाने का मामला शुरुआती जांच में सही पाया गया है। इस संबंध में लेह प्रेस क्लब ने भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी। अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लेह की चुनाव अधिकारी अवनी लवासा ने मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में लावासा क कहते बताया गया है – ”हमने मंगलवार को पुलिस के जरिए कोर्ट से संपर्क किया। हम लोग इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट से अभी कोई आदेश नहीं आया है।” लेह की चुनाव अधिकारी के मुताबिक ”भाजपा नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आई है और ये दंडनीय अपराध के दायरे में आता है”।
उधर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)  के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी इस मसले पर ट्वीट किया है – ”लेह में बीजेपी नेताओं की तरफ से पत्रकारों को घूस देने की कोशिश की जा रही है। मैं प्रेस क्लब लेह द्वारा शिकायत के पत्र को फिर से रीट्वीट कर रहा हूं। बीजेपी नेताओं पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।”
गौरतलब है कि लेह प्रेस क्लब ने चुनाव अधिकारी और एसएचओ के पास अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना, एमएलसी विक्रम रंधावा समेत कई नेताओं पर मीडियाकर्मियों को घूस देने का आरोप लगा था। ऐसा पांचवें चरण के मतदान से पहले भाजपा के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए किया गया था। उधर रविंद्र रैना ने इन आरोपों को खारिज किया है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कुछ भाजपा नेता ४-५  मीडियाकर्मियों को लिफाफे पकड़ा रहे हैं।

मोदी की राजीव पर टिप्पणी, युवक ने विरोध में ‘खून’ से लिखी आयोग को चिट्ठी

पीएम मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर ”भ्रष्टाचारी” वाली टिप्पणी पर  अमेठी के एक युवक ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर आयोग से मांग की है वह पीएम मोदी को इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने से रोकने के निर्देश दे। कहा जा रहा है कि इस व्यक्ति (युवक) ने यह चिट्ठी खून से लिखी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेठी के इस युवक मनोज कश्यप ने चुनाव आयोग को खून से लिखा यह पत्र भेजा है। अमेठी के शाहगढ़ निवासी मनोज कश्यप ने चुनाव आयोग से  मांग की है कि आयोग पीएम नरेंद्र मोदी को वोट के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करने से रोके, जिससे करोड़ो लोगों की भावनाएं आहत न हों। उन्होंने अपने पत्र में कहा – ”पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी से मुझे काफी पीड़ा हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हमें १८ साल की उम्र में वोट देने का अधिकार दिया, पंचायती राज व्यवस्था लागू की और देश में कंप्यूटर क्रांति लाये।”
अपनी चिट्ठी में मनोज ने यह भी उल्लेख किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक आलेख में राजीव गांधी की प्रशंसा की थी। याद रहे पीएम  राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्हें कहा था – ”आपके पिताजी (राजीव गांधी) का जीवनकाल भ्रष्टाचारी नंबर-१ के रूप में खत्म हुआ।” मोदी की इस टिप्पणी की तमाम लोगों ने निंदा की है।
अब इस युवक ने पीएम की टिप्पणी को लेकर आयोग को लिक्खी चिट्ठी में कहा – ”अमेठी के लोगों में राजीव गांधी का अपनाम करने वालों के लिए वही भाव है, जो उनकी हत्या करने वालों के लिए है। राजीव गांधी अमेठी के साथ-साथ देश के लोगों के दिल में बसते हैं। पीएम मोदी को पूर्व पीएम को लेकर ऐसी टिप्पणी न करने को लेकर निर्देश जरूर मिलना चाहिए।”
वैसे कश्यप ने अपने पत्र में यह भी कहा कि उनके पत्र में बयां दर्द पर राजनीति न की जाए। ”मैंने पहले इसलिए नहीं लिखा ताकि मेरे दर्द का मतलब राजनीति न निकाला जाए।” अमेठी के गाँव के इस युवक की चिट्ठी को कांग्रेस के एमएलएसी दीपक सिंह ने भी  अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।

फ़र्ज़ी निकला स्मृति ईरानी का बूथ कैप्चरिंग के आरोप वाला वीडियो, चुनाव आयोग ने कहा गढ़ा गया था

चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उस दावे को झूठ और फ़र्ज़ी करार दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेठी में मतदान के दौरान उनके प्रतिद्वंदी राहुल गांधी बूथ कैप्चरिंग करवा रहे हैं। आयोग के इस फैसले से स्मृति ईरानी को तगड़ा झटका लगा है। आयोग ने जांच के बाद पाया कि स्मृति ईरानी की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए आरोप वास्तव में गढ़े गए हैं, यानी वे फ़र्ज़ी थे।
इस मामले में पत्रकारन से बातचीत में आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वेंकटेश्वर लू ने स्मृति ईरानी के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा- ”शिकायत के बाद, सेक्टर अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि पर्यवेक्षकों ने बूथ पर पहुंचकर राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट्स, मतदान केंद्र के अन्य अधिकारियों से बात की, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि वीडियो क्लिप में आरोप गढ़े गए थे।”
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि क्लिप में प्रथम दृष्टया आरोपों के कारण जांच के दौरान पीठासीन अधिकारी को हटा दिया गया था। कांग्रेस ने भी स्मृति ईरानी के आरोपों को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि चूंकि समृति को पता है कि  उन्हें अमेठी में हार का सामना करना पड़ रहा है लिहाजा वो बहाने तलाश रही हैं।
याद रहे अमेठी में मतदान के ही दौरान स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर दिया था जिसमें एक बुज़ुर्ग महिला यह दावा कर रही थी कि उससे जबरन कांग्रेस को वोट दिलवाया गया, जबकि वह भाजपा को वोट करना चाहती थी। वीडियो को पोस्ट करते हुए स्मृति ईरानी ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि देश के लोगों को अब फैसला लेना है कि इस तरह की राजनीति के लिए राहुल गांधी को सज़ा दी जाए या नहीं। अब स्मृति ईरानी के पोस्ट किये इस वीडियो को आयोग ने फ़र्ज़ी माना है। इससे ईरानी को तगड़ा झटका लगा है।
गौरतलब है कि ईरानी अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। पिछले २०१४ के चुनाव में वे मोदी की लहर के बावजूद एक लाख से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से हार गयी थीं।

पाक ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या ९ हुई

पाकिस्तान के लाहौर में बुधवार सुबह सूफी दरगाह दाता दरबार के नजदीक हुए एक आत्मघाती धमाके में मरने वालों की संख्या ९ हो गयी है। मरने वालों में पांच पुलिसकर्मी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ब्लास्ट में २५ के करीब लोग घायल हुए हैं जिनमें आठ की हालत नाजुक है। पुलिस ने बताया कि दरगाह की सुरक्षा में लगी पुलिस जीप को निशाना बनाकर धमाका किया गया। पाकिस्तान स्थित तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पीएम इमरान खान ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। उधर पुलिस फिलहाल इसे आत्मघाती हमला मानकर जांच कर रही है।
धमाके के वक्त दरगाह के अंदर और बाहर काफी लोग मौजूद थे। कहा गया है कि मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि घायलों में ज्यादातर की हालत गंभीर है। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने प्रांत के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि धमाका सुबह करीब पोन नौ बजे हुआ। ब्लास्ट लाहौर के दाता दरबार के बाहर हुआ है। हादसे के बादल दाता दरबार के बाहर के बाहर सुरक्षाबलों ने किसी भी आवाजाही पर रोक लगा दी है। इस जगह पर २०१० में भी  दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया था जिसमें ४० लोगों की मौत हो गयी  थी।

तेज बहादुर की याचिका मंजूर, कल सुनवाई

पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से सपा (महागठबंधन) के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव ने अपना नामांकन रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च अदालत इस मसले पर सुनवाई को तैयार हो गया है। इसपर कल (गुरूवार) को सुनवाई होगी। साथ ही अदालत ने इस मसले पर चुनाव आयोग से अपना रुख बताने को कहा है।
सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि तेजबहादुर की शिकायत के समुचित बिंदुओं पर गौर करके गुरूवार को जवाब दायर करें। सपा ने पहले घोषित की उम्मीदवार को बदलकर तेज बहादुर यादव को वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ अपना (गठबंधन) उम्मीदवार घोषित किया था। हालाँकि, जांच के दौरान दी जानकारी के आधार पर पहली मई को रिटर्निंग अफसर ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था।
तेज बहादुर यादव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके वाराणसी से उनका नामांकन खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने की मंशा से उनका (यादव) नामांकन रद्द किया गया। गौरतलब है कि बीएसएफ जवान यादव ने जवानों को खराब खाना दिए जाने संबंधी एक वीडियो इंटरनेट पर डाला था जिसके बाद उन्हें २०१७ में बर्खास्त कर दिया गया था।
उनके नामांकन पत्र पर निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, क्योंकि जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के तहत उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देना आवश्यक था कि उन्हें ”भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त” नहीं किया गया है। तेज बहादुर यादव ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि निर्वाचन अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए और शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां १९ मई को मतदान होना है।

दंतेवाड़ा में २ नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा में डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने एक मुठभेड़ में दो नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इस मुठभेड़ में अनोखी बात यह रही कि आपरेशन में महिला कमांडो ने भी हिस्सा लिया।
इस एंटी नक्सल ऑपरेशन में जिन महिला कमांडो ने डीआरजी लड़ाकों का साथ दिया उन्हें ”दंतेश्वरी लड़ाके” का नाम दिया गया है। दंतेश्वरी लड़ाके सूबे की पहली महिला डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) टीम है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र के पास गोंदरस जंगल में बुधवार तड़के करीब पांच बजे नक्सलियों और डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ हो गयी जिसमें दो नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। मुठभेड़ स्थल से  एक आईएनएसएएस राइफल और गोला-बारूद के अलावा १२  बोर का एक हथियार और अन्य खतरनाक सामग्री घटनास्थल से बरामद हुए हैं।
दंतेवाड़ा पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड महिला कमांडोज (दंतेश्वरी लड़ाकों) ने भी हिस्सा लिया। इस पलटन में नक्सल काडर या फिर सरेंडर किए हुए नक्सलियों की पत्नियों को शामिल किया जाता है। इस टीम में कुल ३०  महिलाएं हैं जो हर तरह से प्रशिक्षित की गयी हैं।

राहुल की बिना शर्त माफी

राफेल को लेकर ब्यान पर कोर्ट की अवमानना के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिना शर्त सर्वोच्च अदालत से क्षमा याचना कर ली है। पहले उन्होंने इसके लिए खेद प्रकट किया था जिसे माफी नहीं माना गया था। राहुल गांधी ने साथ ही बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें गुहार लगाई है कि अवमानना के मामले को बंद कर दिया जाए।
इस मामले में अब १० मई को सुनवाई होगी। राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा  कि उनका न्यायालय का अपमान करने की कतई मंशा नहीं थी और न उन्होंने जानबूझ कर ऐसा किया। न ही वो अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा पहुंचाना चाहते थे। भूलवश उनसे ये हुआ। लिहाजा इसके लिए वो क्षमा चाहते हैं। न्यायालय उनके बिना शर्त माफीनामा को स्वीकार करते हुए उन्हें इस भूल के लिए क्षमा करे। उन्होंने सर्वोच्च अदालत से माफीनामे को स्वीकार कर केस को बंद करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के राफेल से जुड़े एक फैसले को उद्धत करते हुए यह कह दिया था कि ”अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है”, हालांकि कोर्ट ने ऐसी टिप्पणी अपने फैसले में नहीं की थी।
याद रहे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राफेल लड़ाकू विमान डील पर शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ”चौकीदार चोर है” टिप्पणी गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका पर दस मई को एकसाथ सुनवाई की जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि १४  दिसंबर, २०१८ के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें १० मई को सूचीबद्ध होंगी। इसके बाद अदालत ने ३० अप्रैल को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के बारे में एक और हलफनामा दाखिल करने के लिये अंतिम अवसर दिया था।

वीवीपैट की ५० फीसदी मिलान की विपक्ष की अपील खारिज

लोकसभा चुनाव के वोटों की मतगणना में ५० फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान से जुड़ी याचिका मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। याद रहे २१ विपक्षी दलों ने पहले तीन चरण के मतदान के दौरान सामने आए ईवीएम में गड़बड़ी के मामलों का हवाला देते हुए ५० फीसदी वीवीपैट पर्चियां मिलाने की मांग करते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने विपक्षी दलों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने? प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं। पहले तीन चरण की वोटिंग में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर विपक्षी दलों ने याचिका में कहा था कि कई मामलों में देखा गया है कि वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी के लिए रिकॉर्ड हो रहा है।
गौरतलब है कि ८ अप्रैल को अपने निर्देश में अदालत ने कहा था कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाए पांच ईवीएम-वीवीपैट का औचक मिलान होगा। उस फैसले में  प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि हर विधानसभा में ईवीएम वीवीपैट मिलान की संख्या इसलिए बढ़ाई गई है ताकि सटीकता बढ़े, चुनावी प्रक्रिया सही हो और  राजनीतिक दल ही नहीं, मतदाता भी इससे संतुष्ट रहें।
उस फैसले में विपक्षी दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने कहा था कि इससे परिणाम ५-६ दिन की देरी से आएंगे हालांकि, पीठ ने अपने निर्देश में कहा था कि वर्तमान निर्देश से परिणाम की घोषणा में बहुत देरी नहीं होनी चाहिए।
सर्वोच्च अदालत में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी) और एम के स्टालिन (डीएमके) और कुछ अन्य दलों की ओर से दायर की गई है।

सीजेआई को क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को
जांच पैनल ने खारिज कर दिया है। इस तरह गोगोई को इस मामले में क्लीन चिट मिल गयी है। जांच समिति ने कहा है कि उसे इस मामले में कोइ सबूत नहीं मिले।
तीन सदस्यी जांच पैनल जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में बनाया गया था।  आरोप लगाने वाली महिला ने इस पैनल के प्रति अविश्वास जाहिर करते हुए इसकी जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया था। पैनल में जस्टिस बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।
इस तरह प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप  खारिज हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के इन हाउस पैनल ने महिलाकर्मी की शिकायत को खारिज कर दिया है। जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के पैनल ने यह फैसला सुनाया है।
पैनल ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले। सुप्रीम कोर्ट ने एक ब्यान जारी कर कहा – ”इन हाउस पैनल की जांच के तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के २००३ के नियमों के तहत सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।”
याद रहे कुछ दिन पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए उन्हें इतना नीचे उतरना चाहिए। जस्टिस गोगोई ने यह भी कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है।