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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नया समीकरण

लोकसभा चुनावों मैं मिली करारी हार के बाद महाराष्ट्र में महागठबंधन अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चीफ राज ठाकरे को भी साथ में लेने का मन बना रह है ।हालांकि लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मैदान में नहीं उतरी थी लेकिन राज ठाकरे ने अपनी सभाओं से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की नींद हराम कर दी थी ।राजनीतिक गलियारों में कहा जाने लगा था कि महाराष्ट्र में विपक्ष की भूमिका में यदि कोई नेता है तो वह मनसे चीफ राज ठाकरे । बीजेपी शिवसेना ने आरोप लगाना शुरू कर दिया था कि राज ठाकरे की सभाओं को कांग्रेस और एनसीपी प्रायोजित कर रही है। ठाकरे ने अपनी सभाओं में ऑडियो वीडियो के जरिए मोदी -शाह जोड़ी की कथनी और करनी के अंतर को सटीक तरीके से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की । राज की सभाओं को बेहतरीन प्रतिसाद तो मिला लेकिन इसका असर चुनावी नतीजों पर नहीं दिखाई पड़ा। बावजूद इसके राज ठाकरे अपनी अलग छवि बनाने में कामयाब रहे।

अब महागठबंधन की मंशा है कि अगले 6 माह में होने जा रहे हैं विधानसभा चुनाव में राज को साथ में लेकर वह फडणवीस सरकार को उखाड़ने में सफल हो ।
महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे की राज ठाकरे से मुलाकात को इस पहल के रूप में देखा जा सकता है। कांग्रेस की तरफ से राज ठाकरे की ओर हाथ बढ़ाना कांग्रेस और महागठबंधन की बेबसी ही लगती है ।सच्चाई यह है कि राज ठाकरे के उत्तर भारतीयों के खिलाफ आक्रामक रवैए के चलते कांग्रेस ही कभी नहीं चाहती थी कि वह राज ठाकरे से गठबंधन करें और उसका उत्तर भारतीय जनाधार कमजोर बने।
इसके पहले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार राज ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं काबिले गौर है कि एनसीपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में राज को शामिल किए जाने की राय जाहिर की थी। लोकसभा चुनाव के निराशाजनक नतीजों के बाद सबसे पहले राज ठाकरे से मिलने स्वाभिमानी शेतकरी संगठन को राजू शेट्टी मिलने पहुंचे थे। हलांकि आधिकारिक तौर पर किसी भी पार्टी ने इस नए कदम को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है फिर भी चर्चा यही है महागठबंधन को अपनी नैया पार लगाने के लिए राज ठाकरे का सहारा लेना पड़ सकता है।

मोदी, मंत्रियों ने ली शपथ

देश में गुरूवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में ८००० मेहमानों की उपस्थिति में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।  नयी सरकार में सुषमा स्वराज, जेपी नड्डा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर और मेनका गांधी शामिल नहीं है। हालांकि, भाजपा की बिहार में सहयोगी जेडीयू ने मंत्रिमंडल में अपने मंत्री को शपथ  भेजा।
प्रधानमंत्री मोदी ने हिन्दी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। स्पष्ट जनादेश वाली गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाले वह पहले नेता हैं। शपथ समारोह में देश विदेश के विविध क्षेत्रों के गण मान्य लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। नरेन्द्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर इस पद की आज (30 मई) शपथ ली, शपथ ग्रहण समारोह में देश दुनिया की गणमान्‍य हस्तियां हुई हैं। पीएम मोदी के साथ कई कैबिनेट मंत्री भी शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब 8000 मेहमानों के शामिल हुए। वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलाई थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शपथ समारोह में शामिल हुए।
शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने शामिल हुए। थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व किया। इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित गया था।
एनडीए में शामिल जनता दल युनाइटेड (जूदयू) नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट में शामिल नहीं हुआ। इस पर जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे मंत्रिमंडल में जेडीयू से सिर्फ एक व्यक्ति चाहते थे, इसलिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी। हमने उन्हें सूचित किया कि ठीक है हमें इसकी आवश्यकता है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं। हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है। हालांकि नीतीश कुमार शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे।

शपथ लेने वाले केंद्रीय मंत्री : राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद,
हरसिमरत कौर बादल, थावर चंद गहलोत, एस जयशंकर (पहली बार), डॉ. रमेश पोखरियाल, अर्जुन मुंडा, स्मृति इरानी, हर्षवर्धन, प्रकाश जावडेकर, पीयूष गोयल,
धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रहलाद जोशी (पहली बार), महेंद्र नाथ पांडेय,
अरविंद सावंत, गिरिराज सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) : संतोष कुमार गंगवार, राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नाइक, जितेंद्र सिंह, किरन रिजीजू, प्रहलाद पटेल (पहली बार), आर के सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मांडविया।

शपथ लेने वाले राज्य मंत्री : फगन सिंह कुलस्ते, अश्वनी चौबे, अर्जुन मेघवाल, जनरल वीके सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, राव साहब दानवे, किशन रेड्डी, पुरषोत्तम रूपाला, रामदास अठावले, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबुल सुप्रियो, संजीव बालियान,
संजय शाम राव, अनुराग ठाकुर, सुरेश आंगड़ी, नित्यानंद राय, रतन लाल कटारिया,
वी मुरलीधरन, रेणुका सरुता, सोम प्रकाश, रामेश्वर तेली, प्रताप सारंगी, कैलाश चौधरी और देवाश्री चौधरी।

वाड्रा से ईडी की पूछताछ जारी

धनशोधन मामले में आज रॉबर्ट वाड्रा से ईडी की पूछताछ चल रही है। वाड्रा सुबह १०.३० बजे ईडी दफ्तर पहुंच गए। उन्हें ईडी के दफ्तर के बाहर छोड़ने के लिए उनकी पत्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद आई थीं और बाद में वे वापस लौट गईं।
वाड्रा गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे ईडी दफ्तर पहुंचें। वाड्रा को वहां छोड़ने के बाद पत्नी प्रियंका वापस चली गईं। आज ही वाड्रा ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखा – ”मैं भारतीय न्यायपालिका में अपना विश्वास बनाए रखने में अडिग हूं। मेरे पास आए सरकारी एजेंसियों के सभी समन और मानदंडों का पालन करूंगा। अब तक मैंने ११  बार करीब ७० घंटे की पूछताछ का सामना किया है। भविष्य में भी मैं हमेशा की तरह सहयोग करूंगा, जब तक कि मेरा नाम सभी झूठे आरोपों से मुक्त नहीं हो जाता।”
माना जा रहा है कि ईडी की टीम ने वाड्रा से लंदन की प्रॉपर्टी और उनके करीबी संजय भंडारी के बारे में सवाल किये हैं। ईडी का दावा रहा है कि लंदन में प्रॉपर्टी को गलत तरीके से खरीदा गया है और इसमें कालेधन का इस्तेमाल किया गया है। यह मामला  विदेशों में रॉबर्ट वाड्रा की १९ लाख पाउंड की संपत्ति के मालिकाना से जुड़ा है जिसमें टैक्स से बचने के लिए अघोषित विदेशी संपत्ति होने का भी आरोप है।
ईडी वाड्रा से अब तक करीब ५१ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। ईडी का दावा है कि  शोधन मामले में वाड्रा के खिलाफ उनके पास दस्तावेज और ई-मेल के रूप में कई  सबूत मौजूद हैं। ईडी का कहना है कि लंदन में प्रॉपर्टी को गलत तरीके से खरीदा गया है और इसमें कालेधन का इस्तेमाल किया गया है। याद रहे आयकर विभाग की जांच में वाड्रा से संजय भंडारी के लिंक जुड़ने का भी दावा किया गया था। हालांकि, वाड्रा  ईडी की पूछताछ में भंडारी से किसी तरह के कारोबारी रिश्ते होने की बात से इंकार कर चुके हैं।

मोदी, मंत्रियों का आज शपथ ग्रहण

लोकसभा चुनाव में ३०३ सीटों के साथ जबरदस्त जीत के बाद नरेंद्र मोदी गुरूवार शाम ७ बजे दूसरी बार पीएम पद के तौर पर शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन परिसर में एक भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है जिसमें कई विदेशी राष्ट्र प्रमुखों, देश के वरिष्ठ नेताओं सहित करीब ८००० मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। सम्भावना है कि मोदी के साथ कुछ मंत्री भी शपथ लेंगे।
सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, निर्मला सीताराम, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, अठावले जैसे प्रमुख नाम मंत्री पद के लिए सामने आ रहे हैं। संतोष गंगवार प्रो-टेम स्पीकर होंगे जबकि बाद में मेनका गांधी या किसी और को स्पीकर बनाया जा सकता है।
आज सुबह मोदी ने महात्मा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और वार मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी की पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे और मोदी के संकट मोचक माने जाने वाले अरुण जेटली ने कल पीएम को चिट्ठी लिखकर मंत्री न बनने की इच्छा अपने स्वस्थ्य कारणों के चलते जताई थी जिसके बाद शाम को मोदी खुद जेटली से मिले थे। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक मोदी उन्हें बिना मंत्रालय के मंत्री बना सकते हैं। हालांकि, जेटली की इसपर क्या प्रतिक्रिया है इसकी जानकारी नहीं है।
सम्भावना है कि ५० के करीब मंत्री बनाये जा सकते हैं। पीएम के ‘सुझाव” के बाद कोइ भी अपना नाम खुले रूप से जाहिर नहीं कर रहा। वैसे जो नाम छनकर सामने आ रहे हैं उनमें सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, जितेंद्र सिंह, प्रलाद पटेल, सदानंद गौड़ा, कृष्ण पल गुर्जर,  सुरेश अंगदी, रामचद्र पी सिंह, अर्जुन मेघवाल, पियूष गोयल, बाबुल सुप्रिओ, किरण रिजुजू, हरसिमरत कौर, रामदास अठावले, जी किशन रेड्डी, आरसी पसाद और अब्बास नकवी के नाम प्रमुख हैं।
अमेठी से मिली जानकारी के मुताबिक वहां समृति ईरानी के नजदीकी और भाजपा के लोग अभी से जश्न की तैयारी कर चुके हैं। अमेठी में ईरानी के मंत्री बनने की पक्की जानकारी के बाद खुशी का माहौल भाजपा में है।
मोदी सरकार में कौन कौन मंत्री होंगे इसका सही पता शाम ४.३० बजे चलेगा जब मंत्री बनाये जा रहे नेता मोदी के यहाँ चाय पर पहुंचेंगे। मोदी ने इन्हें अपने आवास पर चाय के लिए आमंत्रित किया है। यह भी खबर है कि मोदी के साथ बैठक के बाद सभी नाम तय करके शाह ने पीएमओ से ही मंत्री बनाये जाने वाले सभी भाजपा नेताओं और सहयोगी दलों के नेताओं को फोन पर इसकी सूचना दी है। इसके बाद ही कुछ संभावित मंत्रियों के नाम सामने आये हैं।
अभी यह भी साफ़ नहीं है कि यदि अमित शाह को मंत्री बनाया गया तो नया भाजपा अध्यक्ष कौन होगा। शाह का कार्यकाल पिछले साल के आखिर में ही था लेकिन देश भर में संगठन के चुनाव लोक सभा चुनाव के कारण आगे खिसका दिए गए थे। यह भी हो सकता है कि भाजपा अपने संबिधान में संशोधन करके शाह को ही इस पद पर अभी जारी रखे। यदि शाह मंत्री बने तो जेपी नड्डा, अशोक प्रधान या यादव को अध्यक्ष पद दिया जा सकता है।
अटल समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मोदी ने ट्वीट करके पूर्व पीएम वाजपेयी को याद करते हुए लिखा – ”हम हर पल प्यारे अटलजी को याद करते हैं। उन्हें यह देखकर बहुत खुशी होगी कि बीजेपी को लोगों की सेवा करने का इतना अच्छा मौका मिला है। अटलजी के जीवन और कार्य से प्रेरित होकर हम सुशासन और लोगों के जीवन को बदलने का प्रयास करेंगे।”
मोदी सुबह सात बजे राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी थे। पूर्व पीएम और भाजपा के सर्वोच्च नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने मोदी के साथ-साथ भाजपा  अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के सभी सांसद पहुंचे। राजघाट-अटल समाधि स्थल के बाद प्रधानमंत्री वॉर मेमोरियल पहुंचे। यहां पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेना के प्रमुख भी मौजूद रहे। सभी ने यहां शहीदों को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

महाराष्ट्र में सूखा बना विकराल

महाराष्ट्र में सूखे ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है ।बढ़ती हुई गर्मी और घटता हुआ जल का स्तर यदि वक्त रहते जल नहीं बरसा तो महाराष्ट्र में पानी के लिए त्राहिमाम मच जाएगा। जिन जलाशयोंं से राज्य में पानी की आपूर्ति की जाती है वहां पर 27 मई 2019 के अंत तक सिर्फ 13.1 % पानी ही बचा है, पिछले साल इस दौरान 23. 14 फ़ीसदी पानी था।

फिलहाल महाराष्ट्र के अलग अलग विभागों के जलाशयों में जलस्तर इस तरह है।कोकण विभाग में 33. 69%, पुणे में पॉइंट 12.6%,, नाशिक में 13.29%, अमरावती में 20.1%, नागपुर में 8.85%, और संभाजी नगर में 2.86% ।
हालांकि राज्य प्रशासन सूखाग्रस्त इलाकों में टैंकर से जलापूर्ति करने की कोशिश कर रही है लेकिन वह काफी नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस दफा बारिश कम हो सकती है । फिलहाल महाराष्ट्र सरकार ने कृत्रिम वर्षा करने का फैसला लिया है जिस से सूखे से निपटने में मदद मिल सके।

बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाए पीएम मोदी!

लोकसभा चुनाव में 335 सीटे जीतकर इतिहास बनाने वाले प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाए। रिलीज के पांचवे दिन उनकी बायोपिक कमाई के मामले में कमजोर नजर आई ।

लोकसभा चुनावों के दौरान यह फिल्म रिलीज नहीं हो पाई थी। विपक्ष का आरोप था कि फिल्म जान-बूझकर चुनाव के दौरान रिलीज की जा रही है जिससे मोदी और बीजेपी को फायदा पहुंचे । चुनाव आयोग ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। चुनावी नतीजों के बाद 24 मई को यह प्रदर्शित हुई हालांकि शुरुआत में इस फिल्म ने अच्छी ओपनिंग की लेकिन धीरे-धीरे उसका ग्राफ गिरता चला गया । हालांकि सैटरडे और संडे के दिन फिल्म थोड़ी अधिक कमाई करने में कामयाब रही।

‘पीएम नरेंद्र मोदी’ ने पहले दिन ,फ्राइडे को 2.88 करोड़ रुपए की कमाई की। सैटरडे और सन्डे को कमाई ने भले ही जोर पकड़ी लेकिन अन्य फिल्मों की तुलना में यह कम मानी जा सकती है। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कलेक्शन
दूसरे दिन 3.76 करोड़, और तीसरे दिन 5.12 करोड़ रहा।

मंडे को 2.41 और ट्यूजडे को फिल्म ने 3.76 करोड़ की कमाई की। कुल मिलाकर इस फिल्म ने 5 दिनों मे 16.19 करोड़ रुपए कमाए हैं।

इस फिल्म में नरेंद्र मोदी की भूमिका विवेक ओबरॉय ने निभाई है और उनके पिता सुरेश ओबराय इस फिल्म के निर्माताओं में एक हैं। ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित पीएम नरेंद्र मोदी एक साथ 1200 थिएटरों में रिलीज की गई । फिल्म से जुड़े लोगों को अभी भी उम्मीद है कि यह फिल्म धीरे-धीरे जोर पकड़ लेगी और अच्छी कमाई करेगी।

#PMNarendraModi showed positive trending across the weekend… Biz on Day 3 gave the much-required push… Weekdays crucial, since it needs to maintain the momentum for a satisfactory total… Fri 2.88 cr, Sat 3.76 cr, Sun 5.12 cr. Total: ₹ 11.76 cr. India biz.— taran adarsh (@taran_adarsh)

एसेंबली इलेक्शन में 220 अधिक सीटें मिलेंगी – चीफ़ मिनिस्टर फडणवीस

लोकसभा चुनाव में हमने शिवसेना के साथ अलायन्स किया और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और हमने मिलकर शानदार कैंपेनिंग की जिसके नतीजे भी शानदार निकले हमें 48 में से 43 सीटें मिली । हमारा यह गठबंधन विधानसभा चुनाव में भी रहेगा और मुझे विश्वास है कि हमें 220 सीटें मिलेंगी । टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक साक्षात्कार में महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस विधानसभा चुनाव में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की बात करते हुए दावा किया कि उनके गठबंधन को 220 अधिक सीटें मिलेंगी।

सीएम फडणवीस ने कहा कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग लड़ी थीं बावजूद इसके बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। इस बार हम मिलकर लड़ेंगे और 220 ज्यादा सीटें प्राप्त करने में सफल होंगे। महाराष्ट्र में जीत का श्रेय उन्होंने प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की नीतियों, योजनाओं और उन्हें सही तरीके से जनता तक पहुंचाने में महाराष्ट्र सरकार की कामयाबी को दिया।

चीफ़ मिनिस्टर ने माना कि लोकसभा चुनावों में चंद्रपुर में हंसराज अहीर की पराजय से तकलीफ हुई है और दोनों ही पार्टियां शिवसेना और बीजेपी इस पराजय की वजह का विश्लेषण करेंगे।

सीएम ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र के सभी बड़ी परियोजनाएं निश्चित समय पर पूर्ण हो जाएंगी ।उन्होंने यह भी आश्वासन दिया किसानों की समस्याओं को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और उन्हें यथोचित आर्थिक मदद दी जाएगी।

लंबे अरसे से अटकी पड़ी मंत्रिमंडल विस्तार के मामले में फडणवीस ने कहा कि मानसून सत्र( 17जून) से पूर्व इस बाबत निश्चित रूप से निर्णय ले लिया जाएगा हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा या फिर मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।

फडणवीस ने कहा कि लोगों ने इस बार वोट स्थिर सरकार के मद्देनजर दिया है। जीएसटी और नोटबंदी का इस चुनाव पर कोई असर नहीं था।चीफ मिनिस्टर ने कहा कि लोगों के समझ में आ गया था कि मोदी के जो भी निर्णय थे वह उनके खुद के हित में न होकर जनता के हित में थे और इसी की वजह से उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिली। फडणवीस ने कहा कि मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय तौर पर निवेशकों का मन जीतने में कामयाब रही और मोदी की नीतियों पर विश्वास कर मध्यमवर्गीय के साथ साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों ने बीजेपी को अपना वोट दिया।चीफ मिनिस्टर ने विश्वास व्यक्त किया कि मराठा और दलित समाज के लोग भी बीजेपी के साथ हैं।

तीसरी पीढ़ी आदित्य की दरकार, अबकी बार ठाकरे की सरकार !

लगता है लगभग 5 दशकों के बाद शिवसेना के सर्वेसर्वा ठाकरे फैमिली अब ‘रिमोट कंट्रोल’ के साथ साथ संवैधानिक पद का इस्तेमाल कर शासन करना चाहती है महाराष्ट्र में। सूत्रों की माने तो ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी अब ‘मातोश्री’ (ठाकरे परिवार का निवास स्थान) के साथ-साथ मंत्रालय में बैठकर संवैधानिक पद (डिप्यूटी चीफ़ मिनिस्टर/चीफ मिनिस्टर) हासिल कर संवैधानिक तौर पर शासन करने की मंशा रखती है।

महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने जा रहे हैं असेंबली इलेक्शन में बतौर शिवसेना कैंडिडेट उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। आदित्य फिलहाल शिवसेना की युवा सेना के चीफ हैं। शिवसेना की भीतरी सूत्रों की माने तो इस लोकसभा इलेक्शन में महाराष्ट्र में शिवसेना- बीजेपी एलायंस के जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए 28 साल के आदित्य एसेंबली इलेक्शन के जरिए अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की मंशा जाहिर की है और इसे शिवसेना का पूरा पूरा समर्थन मिला है । ठाकरे परिवार भी चाहता है कि अब वह सत्ता में राज्य के संवैधानिक तौर पर शासन करें चीफ मिनिस्टर/डिप्टी चीफ मिनिस्टर के तौर पर।

शिवसेना चाहती तो है आदित्य चुनाव लड़े लेकिन उनके लिए ‘सेफ सीट’ की खोज जारी है ताकि आदित्य सब पोलिटिक्स में इलेक्शन के जरिए कदम रखें तो उनका पहला कदम सफल हो इसके लिए मुंबई के वर्ली और शिरडी जैसे विधानसभा क्षेत्र को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर शिवसेना को अपनी जीत की पूरी तरह उम्मीद है। आदित्य के इस ख़्याल से जहां शिवसेना के खेमे में खुशी की लहर है वहीं पर अलायंस बीजेपी के खेमे में खलबली मची हुई है ।बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि असेंबली इलेक्शन के बाद नतीजे इस तरह से आए कि उन्हें चीफ मिनिस्टर का पद शिवसेना को देना पड़ शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने हमेशा ही सत्ता को रिमोट कंट्रोल के चलाने पर रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाने पर ही विश्वास रखते थे। सत्ता जिसकी भी रही हो महाराष्ट्र में ठाकरे के वजूद को कोई अनदेखा नहीं कर पाया। अपने अच्छे दिनों में बाल ठाकरे ने शिवसेना( बीजेपी-शिवसेना कार्यकाल) के दो नेताओं को चीफ मिनिस्टर बनाया पहले थे मनोहर जोशी और दूसरे नारायण राणे। शिवसेना के एक बार फिर अच्छे दिन आ गए हैं और ठाकरे की तीसरी पीढ़ी चाहती है कि अबकी बार खुद ही बने सरकार ।

जेटली नई सरकार में शामिल नहीं होंगे

खराब स्वास्थ्य की ख़बरों के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता और मोदी की पिछली सरकार में वित्त मंत्री का जिम्मा सँभालने वाले अरुण जेटली ने खुद को नई सरकार से अलग करते हुए इसमें मंत्री न बनने का फैसला किया है। जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर साफ़ किया है कि स्वास्थ्य कारणों से वे सरकार में शामिल नहीं हो पाएंगे।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक अरुण जेटली ने इस पत्र में कहा है कि वे अपने खराब स्वास्थ्य के चलते जिम्मेवारियां निभाने में दिक्कत महसूस करते हैं लिहाजा उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की सूचि से बाहर रखा जाये। इस तरह अब यह तय हो गया है कि मोदी की दूसरी पारी में जेटली उनके साथी नहीं होंगे।
याद रहे पिछली सरकार के समय जेटली ने हर कठिन मौके पर मोदी सरकार की तरफ से विपक्ष के खिलाफ मोर्चा संभाला था। यहाँ तक कि चुनाव प्रचार के दौरान भी वे  कांफ्रेंस के जरिये विपक्ष के खिलाफ मोर्चा सँभालते रहे थे।
लेकिन नतीजे आने के बाद वे अचानक परदे से गायब दिखे। न तो किसी टीवी चैनल पर बधाई वाला उनका कोइ ब्यान न ही वे किसी कार्यक्रम में दिखे। नतीजों के बाद जब उनके स्वास्थ्य को लेकर देश में चर्चा छिड़ी तो उनकी एक पुस्तक लांच की तस्वीर आई जिसमें वे बेहद कमजोर दिख रहे हैं।

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में ईडी की पंचकूला में कारर्वाई

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय के हरियाणा के पंचकूला में स्थित सम्पति जब्त करने की खबर है। नेशनल हेराल्‍ड और एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड को झटका देते हुए प्रवर्तन निदेशालय  ने बुधवार को यह कार्रवाई की है।
जानकारी के मुताबिक नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पिछले साल दिसंबर में पंचकूला स्थित प्रॉपर्टी को अटेच किया था। इस मामले में कार्यकारी अथार्टी ने उस अटेचमेंट पर २१ मई को मुहर लगाई थी।
इसके पहले ईडी ने पिछले साल गुड़गांव और पंचकूला में ६४ करोड़ रुपये मूल्य की कई संपत्तियों को अटैच किया था। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जब्‍त की गई यह संपत्ति नेशनल हेराल्‍ड और एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड से संबंधित है।
प्रवर्तन निदेशालय ने आज एक प्रेस नॉट जारी कर बताया है कि हरियाणा के पंचकूला के सेक्‍टर -६ के प्‍लॉट नंबर सी-१७ को जब्‍त किया गया है। ईडी के मुताबिक, हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड को यह संपत्ति आवंटित की थी।