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कश्मीर में २ आतंकी ढेर

जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है।  अभी इन आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शोपियां के मूलू चित्रग्राम इलाके में छिपे इन आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी फाइरिंग की। जवाबी कार्रवाई में ही दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
मोलू चित्रगाम इलाके में हुई इस मुठभेड़ से पहले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के हाथ बड़ी सफलता लगी थी। आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए थे।
साल के पहले पांच महीने में १०१ आतंकी मारे हैं जिनमें २३ विदेशी और ७८ स्थानीय आतंकी शामिल बताये गए हैं। इनमें अल-कायदा से जुड़े समूह अंसार घजवत-उल-हिंद का प्रमुख जाकिर मूसा जैसे शीर्ष कमांडर भी शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के अंसार घजवत-उल-हिंद में शामिल होने के मामले बढ़ गये हैं। अधिकारियों ने एक रोज पहले ही कहा था कि मार्च महीने से ५० युवक अनेक आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं और सुरक्षा एजेंसियों को उन तक जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रोकने का बेहतर तरीका खोजना होगा।

डोवल को केबिनेट रैंक, एनएसए बने रहेंगे

मोदी सरकार ने अजीत डोवल का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यकाल पांच साल और बढ़ा दिया है। यही नहीं मोदी सरकार ने उन्हें बड़ा तोहफा देते हुए केबिनेट मंत्री का दर्ज़ा भी दे दिया है।
देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को एनडीए-२ में भी केंद्र सरकार ने उनके पद पर बरकरार रखा है। सरकार ने डोवल को केबिनेट मंत्री का दर्जा देने का भी फैसला कर लिया है। डोवल अब अगले पांच साल तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने रहेंगे।
केंद्र की सरकार ने डोवल को लेकर यह बड़ा फैसला सोमवार को किया है। कहा गया है  कि राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मोदी सरकार ने उन्हें केबिनेट का रैंक दिया है।
उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए होगी। गौरतलब है कि डोवल को २०१४ में एनएसए बनाया गया था। वो भारत के ५वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। यदि उनकी उपलब्धियों की बात की जाये तो उनकी देखरेख में ही २९ सितंबर, २०१६ को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल २६ फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की गई थी।
ऑपरेशन विंग के प्रमुख के रूप में एक दशक बिताने के बाद उन्होंने २००४-०५ में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में भी कार्य किया था। इसके अलावा पुंजाब में आतंकवाद के समय उनकी सूचना जानने के लिए भेष बदलकर भीतर जाने पर भी उनकी बड़ी चर्चा हुई थी।

दिल्ली में मेट्रो, बस यात्रा मुफ्त हुई महिलाओं के लिए

लोक सभा के हाल के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर लुढ़की आम आदमी पार्टी ने एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी के पहले कदम के रूप में दिल्ली में महिलाओं के लिए मेट्रो और सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान किया है। यह योजना अगले २-३ महीने में लागू हो सकती है। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके इसका ऐलान किया। इसके अलावा दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कुछ बड़े फैसले किये गए हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल ने कहा – ”दिल्ली में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं।  महिलाओं की सुरक्षा के दो बड़े फैसले किये गए हैं। दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं को किराए से छुटकारा दिलाने के लिए नि:शुल्क यात्रा का फैसला किया है। इससे उन्हें सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। महिलाओं को फ्री यात्रा देने में डीएमआरसी को होने वाले नुकसान की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी क्योंकि सरकार लाभ में है और यह पैसा जनता का ही  है।”
मुख्यमंत्री ने कहा – ”सक्षम महिलाएं चाहें तो टिकट खरीद सकती हैं। उन्हें सब्सिडी का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। दो से तीन महीने के अंदर इसे लागू कर दिया जाएगा।” केजरीवाल ने कहा कि अगले एक साल में चरणवद्ध तरीके से ३००० और बसें डीटीसी बेड़े में जोड़ी जाएंगी।
केजरीवाल ने ऐलान किया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए दो बड़े फैसले किये गए हैं। ”एक तो सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए ढाई साल से कोशिश कर रहे थे। डेढ़ लाख सीसीटीवी लगने का टेंडर दिया था। ७० हजार सीसीटीवी का सर्वे हो चुका है। आठ जून से कैमरे लगेंगे और दिसंबर तक लगने की उम्मीद है।”

वाड्रा को इलाज के लिए विदेश जाने की मंजूरी मिली

धनशोधन मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे राबर्ट वाड्रा को इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत मिल गयी है। उन्हें नीदरलैंड और अमेरिका जाने की इजाजत मिली है हालांकि, कोर्ट ने उन्हें लन्दन जाने की इजाजत नहीं दी है। ईडी पिछले कुछ समय से लगातार वाड्रा से पूछताछ कर रही है और माना जाता है कि वाड्रा उसे लगातार सहयोग कर रहे हैं।
वाड्रा ने कहा है कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर है, इसलिए उन्हें इलाज के लिए लंदन जाना है। वाड्रा के खिलाफ दर्ज ईडी का मामला लंदन के १२ ब्रायनस्टन स्क्वॉयर में १९ लाख पाउंड कीमत की संपत्ति की खरीद में हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ा है। इस संपत्ति पर रॉबर्ट वाड्रा का कथित तौर पर मालिकाना हक होने का आरोप है।
वाड्रा का पासपोर्ट अदालत के पास जमा है और उन्होंने मेडिकल सर्टिफिकेट दाखिल कर अदालत से पासपोर्ट रिलीज़ करने की अपील की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। वाड्रा ने इलाज के लिए अदालत से विदेश जाने की इजाजत मांगी थी।  अदालत ने वाड्रा को अमेरिका और नीदरलैंड जाने की इजाजत दी है हालांकि, उनकी  लंदन जाने की मांग स्वीकार नहीं की गयी है।
दिल्ली हाई कोर्ट की मंजूरी वाड्रा को छह हफ्ते के लिए मिली है। अब यदि इन छह हफ्तों में किसी तरह का ”लुकआउट नोटिस” जारी होता है तो वह उनपर लागू नहीं होगा। गौरतलब है कि वाड्रा ने अपनी अपील में कहा था कि वह बीमार हैं और इलाज के लिए लंदन जाना चाहते हैं। अदालत में पिछली सुनवाई के बाद जब प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा को समन भेजा तो वह पेश नहीं हुए थे।
मंगलवार को भी वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए हैं। पिछली समन में वह पेश नहीं हुए थे, ऐसे में उन पर सवालों की बौछार हो सकती है। वाड्रा ने पासपोर्ट रिलीज के लिए अदालत के पास गुहार लगाई है हालांकि ईडी ने इसका विरोध किया था। वाड्रा ने कहा है कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर है, इसलिए उन्हें इलाज के लिए लंदन जाना है।

सीएम महोदय को महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाकों का दौरा करना चाहिए – शरद पवार

सुना है कि आप को राज्य सरकार में किसी मंत्री ने चुनौती देते हुए कहा था कि क्या आप उनके साथ मामले में चर्चा करें…

हां सुना है लेकिन ऐसे छोटे-मोटे लोगों से मैं चर्चा नहीं करना चाहता जिनकी इस बारे में समझ सीमित है उनसे क्या चर्चा करना… चर्चा करनी है तो उन इलाकों में जाएं… सूखाग्रस्त इलाकों में… जहां पर लोग परेशान हैं पानी के लिए तरस रहे हैैं। उन किसानों से मिलें जिनकी फसलें खत्म हो गई हैं। जिनके परिजन पानी के लिए रो रहे हैं ।चारा छावनियों में जाकर देखें जहां पर चारा की कमी है …पानी की कमी है…जिन लोगों के फलों के बाग जल गए हैं उन लोगों से चर्चा जाकर करना सार्थक है । मैं महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाकों में घूम आया हूं ।मैंने जो कुछ देखा वाकई बहुत ही गंभीर है ।मुझे लगता है कि 1972 के बाद बहुत ही गंभीर समस्या है। महाराष्ट्र में मैं उन लोगों से मिला जो चारा छावनी में हैं , जो चारा छावनियां चला रहे हैं । जिन लोगों के जानवर हैं छावनियों में उनसे मिला।तब मैं समझ पाया… उन्हें प्रतिदिन ₹90 मिलते हैं ।₹90 प्रति दिन में प्रति जानवर में चारा पानी आदि कैसे संभव है? यह बढ़ा कर 115 120 तक कर देना चाहिए । कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि कम पैसों में वह चारा छावणी नहीं चला सकते और बंद कर देंगे …अगर वह चारा छावनियों बंद कर देंगे तो स्थिति बहुत ही खराब हो जाएगी लोग परेशान है ।

सरकार का दावा है कि टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है…

हां सरकार ने टैंकरों की व्यवस्था की है लेकिन टैंकर से पानी की आपूर्ति काफी कम है …जरूरत बहुत है और आपूर्ति बहुत कम …स्थिति बदतर है। कभी कभी कहीं कहीं दो-तीन दिन में एक बार पहुंचता है टैंकर ।अब जिन दिनों टैंकर्स नहीं पहुंचते उन दिनों के लिए लोग क्या करें ? कहां से पानी लाएं ? कहीं कहीं सरकारी टैंकर दिन में सिर्फ एक दफा ही आता है …एक बार में एक टैंकर से कितनी जलापूर्ति होगी ?गांव के कितने लोगों को पानी मिलेगा ?कितने परिवार की प्यास बुझेगी… जानवरों की भी तकरीबन यही दशा है ।एक टैंकर पानी में कितने जनों की प्यास बुझेगी ?जानवरों के साथ साथ लोग भी है जहां काम करते हैं ।लोगों की अपेक्षा है कि टैंकर रोज़ रोज़ आए और ज्यादा से ज्यादा चक्कर मारे ताकि लोगों को नियमित पानी मिले प्यास बुझाने के लिए।

सब से अधिक परेशान वह बहने हैं जिनके कंधों पर घर परिवार की जिम्मेदारी है ।पीने के लिए तो पानी चाहिए ही लेकिन घर के अन्य कामों के लिए भी पानी की जरूरत होती है। खाना बनाने के लिए ,बर्तन धोने , कपड़े धोने के लिए भी पानी चाहिए चाहिए ।कई बहनों की शिकायत है कि टैंकर से जो पानी आता है वह स्वच्छ नहीं है… पीने लायक नहीं है। इस मामले में विशेष ध्यान देना चाहिए। यह बिल्कुल जरूरी भी है कि कम से कम पीने का पानी साफ स्वच्छ हो ताकि लोग बीमार ना पड़े। सूखे की मार झेल रहे लोग इलाज कहां कैसे करा पाएंगे? कहां से पैसे लाएंगे?

सूखाग्रस्त इलाकों में जल संकट के साथ साथ और भी परेशानियां हैं…

खेती के बगीचे खत्म हो गए पानी की समस्या चारे की समस्या रोजगार की समस्या मुंह बाए खड़ी है। गांव से 50 फीसदी से अधिक लोग रोजगार के लिए गांव छोड़कर माइग्रेट कर चुके हैं ।रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है ।हताश निराश लोग पुणे, मुंबई जा रहे हैं ।रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं।परैशान गांव वाले छोटे-मोटे शहरों की तरफ नहीं जाएंगे तो क्या करेंगे ?लोग सब लोग रोजगार की मांग कर रहे हैं और रोजगार देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है । नौकरी और रोजगार के साथ ही पानी की व्यवस्था हो ,जानवरों के लिए चारा की व्यवस्था हो तो शायद कुछ दिशा दशा बदल सकती है इस संकट से । पशुधन को भी बचाना जरूरी है मैं कोई राजनीति नहीं कर रहा हूं। इस तकलीफ की घड़ी मे कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना हम सब की जिम्मेदारी नहीं है?

फसलों के साथ साथ फल बागानों के भी खत्म हो जाने से लोगों की मुश्किलात बढ गई हैं ंं। हलांकि फसलों का खत्म होना भी तकलीफदेह हैं लेकिन फल बागानों की स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है। क्योंकि लगभग 5 वर्ष लग जाते हैं बागानों को फलदार बनने में। आने वाले 20 साल तक उत्पादन का जो संसाधन होता है इन किसानों का ,वह बागानों के खत्म होने से खत्म हो जाता है । हमारी सरकार ने जिस तरह से बागान वालों को पानी के टैंकरों के पैसे दिए थे इस सरकार को इसी तरह कुछ उपाय योजना करनी चाहिए ।सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है लोगों को । एक बात अच्छी है कि कुछ लोग निजी रूप से व निजी संस्थाए ,एन जी ओ दिल खोलकर सहयोग करने की कोशिश कर रहे हैं सूखे की मार झेल रहे लोगों की। लेकिन इन लोगों के भरोसे छोड़ कर सरकार अपने हाथ खड़े नहीं कर सकती।यह सरकार की अपनी नैतिक जिम्मेदारी है जिसे सरकार को पूरी तरह से निभाना ही होगा।

फिलहाल सीएम टेली कांफ्रेंस के जरिए स्थिति पर नजर रखे हुए हैं…

चीफ मिनिस्टर टेलीकॉम टेली कांफ्रेंस के जरिए स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मैं जानता हूं।वह ठीक कर रहे हैं अपने संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं और डिस्ट्रिक्ट के सभी अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं लेकिन बेहतर यह है सीएम महोदय वहां जाकर चारा छावनियों की जानकारी लें। जानवरों की क्या दशा है वह देखें। चारा छावनी चलाने चलाने वालों की क्या हालत है उसे देखें। जल शिविरों की क्या स्थिति है उसका पता लगाएं ।जानवर और उनके मालिकों से बातचीत करें और फल बगानों की स्थिति पता लगाएं। लोगों तक पानी पहुंचाए।

दिल्ली में पारा ४७, शिमला में ३० डिग्री

गर्मी ने देश भर में कहर मचा रखा है। राजधानी दिल्ली में शनिवार को पारा ४७ डिग्री तक जा पहुंचा जबकि पहाड़ों की रानी कहलाई जाने वाली शिमला में भी यह ३० डिग्री था। उधर राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो पारा ४९.६ डिग्री जा पहुंचा है जिसे अब  तक का अधिकतम तापमान बताया गया है। तेज गर्मी से जलश्रोत जिससे पानी की किल्लत पैदा होने लगी है।  तेलंगाना में लू और भीषण गर्मी से पिछले २२ दिन में १७ लोगों की जान जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में गर्मी और लू का जारी है।  राजधानी दिल्ली में गर्मी और तेज धूप का कहर अभी तीन दिन तक जारी रहेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में तीन जून तक तापमान ४४-४५ डिग्री के आसपास झूलता रहेगा और हीट वेव जारी रहेगी। चार जून को रात तक बादल लोगों को राहत देंगे।
पूरे उत्तर भारत में लू चल रही है। शिमला में भी तापमान ३० डिग्री को छू गया है जो वहां के मौसम के हिसाब से काफी ज्यादा है। सूबे के ऊना में तापमान ४६ डिग्री दर्ज किया गया। है उधर चंडीगढ़ में पारा ४४ डिग्री को पार कर गया है। साथ लगते हरियाणा के नारनौल में तापमान ४७ डिग्री दर्ज किया गया  है।
दिल्ली में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से ऊपर चढ़ता पारा शनिवार को ४७ डिग्री पर जा पहुंचा। नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी तापमान ४५ से ४६ डिग्री के बीच दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार पारा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है।  मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल हफ्ते भर तक गर्मी से राहत की संभावना कम ही है।
यूपी में भी लू और गर्मी कहर बरपा रहे हैं। प्रयागराज में पारा ४८ डिग्री के पार पहुंच गया। कानपुर में ४६.५, वाराणसी में ४६.३ रहा।
उधर देश के रेगिस्तानी राज्य राजस्थान के श्रीगंगानगर में पारा ४९.६ डिग्री तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे अधिक अधिकतम तापमान बताया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गर्मी ने ७५ साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। श्रीगंगानगर में ३०  मई, १९४४ को अधिकतम तापमान ४९. ४ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। सूबे  के चुरु में अधिकतम तापमान ४८.५ और बीकानेर में ४६.६ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।ऊना में तापमान 46 डिग्री और हरियाणा के नारनौल में पारा 47 डिग्री तक पहुंच गया.

सरकार ने अब मान लिया, देश में ५ साल में बेरोजगारी ४५ साल में सबसे खराब हुई

चुनाव से पहले जो मोदी सरकार बेरोजगारी की हालत पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही थी, उसी सरकार ने अब मान लिया है कि देश में पिछले पांच साल में बेरोजगारी की हालत पिछले ४५ साल में सबसे खराब स्थिति में पहुँच गयी है।
दरअसल मोदी सरकार ने पहली बार बेरोजगारी का आधिकारिक आंकड़ा जारी कर दिया है। वित्त वर्ष २०१७-१८ में बेरोजगारी ६.१ फीसदी रही थी, जो कि पिछले ४५  साल, अर्थात १९७२-७३ के बाद, सबसे ज्यादा है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह  डाटा छापा था तब सरकार ने इसे  कर दिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर ५.३ फीसदी और शहरी क्षेत्रों में ७.८  फीसदी रही थी। इसी तरह, देशभर में ६.२ फीसदी पुरुषों के पास कोई रोजगार नहीं, जबकि ५.७ फीसदी महिलाएं बेरोजगार हैं। गैर कर राजस्व में बढ़ोतरी और खर्च में कटौती करने से सरकार को राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पाने में सफलता मिली है।
रिपोर्ट्स  मुताबिक इससे २०१८-१९ का राजकोषीय घाटा जीडीपी के मुकाबले ३.३९  फीसदी रहा, जो सरकार के संशोधित लक्ष्य ३.४० फीसदी से कम है। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में नरमी से जीडीपी की रफ्तार सुस्त हो गई है।
अब लेखा महानियंत्रक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ३१ मार्च, २०१९ को समाप्त वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के मुकाबले ६.४५ लाख करोड़ रुपये रहा। यह जीडीपी के अनुपात में ३.३९ फीसदी है। सरकार ने बजट में अपना संशोधित लक्ष्य ६.३४ लाख करोड़ रुपये रखा था। सीजीए का कहना है कि वास्तविक रूप में राजकोषीय घाटा बढ़ा है, लेकिन जीडीपी के अनुपात में यह नीचे आया है।
इसी दौरान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आंकड़े जारी कर बताया कि २०१८-१९ में देश की जीडीपी की वृद्धि दर घटकर ६.८ फीसदी हो गई जो इससे पहले के वित्त वर्ष में ७.२ फीसदी थी। सुस्त विकास दर का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन और उत्पादन क्षेत्र में नरमी का पड़ा है।

वर्जीनिया शूटआउट में १२ की मौत

अमेरिका के वर्जीनिया बीच में गोलीबारी की घटना में १२ लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में ६ लोग घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना में हमलावर की भी मौत हो गई है जो एक दफ्तर में कर्मचारी था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने वाला संदिग्ध वर्जीनिया बीच म्यूनिसिपल सेंटर का कर्मचारी है और उसने अपने कार्यस्थल में ही अंधाधुंध फायरिंग की  बड़े पैमाने पर लोगों की जान चली गयी।
यह घटना स्थानीय समय के मुताबिक सुबह पांच बजे की है जब हमलावर ने नगरपालिका केंद्र में अंधाधुंध गोलीबारी हुरु कर दी। इसी दफ्तर के एक प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारी के मुताबिक जब हमलावर गोली चला रहा था तो लोग अपने डेस्क पर बैठे  काम कर रहे थे।
गौरतलब है कि वर्जीनिया बीच, वाशिंगटन डीसी से लगभग चार घंटे की दूरी पर वर्जीनिया स्टेट में अटलांटिक तट पर करीब पांच लाख की आबादी वाला नगर है। राज्य के गवर्नर राल्फ नॉर्थम ने कहा कि उनकी टीम हालात पर नजर बनाई हुई है। अभी तक जो लोग घायल हैं उनका इलाज किया जा रहा है।

सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता बनीं

सोनिया गांधी को एक बार फिर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) का नेता चुन लिया गया है। चुने जाने के तुरंत बाद उन्होंने देश के उन १२ करोड़ से ज्यादा मतदाताओं का आभार जताया जिन्होंने २०१९ के लोक चुनाव चुनाव में कांग्रेस को वोट देकर पार्टी में भरोसा जताया है।
सम्भावना है कि सोनिया गांधी अब लोक सभा और राज्य सभा में पार्टी नेताओं का मनोनयन करेंगीं। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक लोकसभा में राहुल गांधी कांग्रेस के नेता बन सकते हैं जबकि राज्य सभा में ग़ुलाम नबी आज़ाद के ही दोबारा नेता बनने की सम्भावना है जो अभी तक राज्य सभा में विपक्ष के भी नेता हैं।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक शनिवार को दिल्ली में हुई जिसमें सोनिया गांधी को एक बार फिर संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। संसद के सेंट्रल हॉल में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। फिर से नेता चुने जाने पर सोनिया गांधी ने कांग्रेस को वोट करने वालों का धन्यवाद किया। चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी(सीडब्लूसी ) की बैठक के बाद यह बैठक हुई है।
याद रहे सीडब्लूसी की बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे की बात को सीडब्लूसी ने एकमत से ठुकरा दिया था। उसके बाद से राहुल गांधी को अध्यक्ष पद न छोड़ने का आग्रह कई नेताओं ने  हालांकि राहुल इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं दीखते हैं।
कांग्रेस के लोकसभा में इस बार ५२ सांसद चुने गए हैं हालाँकि विपक्ष का दर्जा पाने के लिए यह, जरूरी संख्या ५५, से कम है। हांलकि पिछले लोक सभा में ४५ सदस्य होने के बाद  ने कांग्रेस ने बतौर विपक्ष लोक सभा में तमाम बड़े मुद्दे उठाये थे। राफेल के  कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी काफी आक्रमक रहे थे।

अमित शाह नए गृह मंत्री, राजनाथ रक्षा मंत्री

मोदी सरकार के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। अमित शाह को गृह मंत्रालय और एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है।
इसके अलावा राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्री, निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री, नितिन गडकरी को परिवहन, नरेंद्र तोमर को कृषि और पंचायती राज मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है।
इसके अलावा सदानंद गौड़ा को रसायन एवं उर्वरक, पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय, धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम, रविशंकर प्रसाद को कानून, स्मृति ईरानी को कपड़ा मंत्रालय के महिला और बाल विकास, हर्षवर्धन को स्वास्थ्य, रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास, मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय मिला है। अनुराग ठाकुर निर्मला के साथ एमओएस वित्त होंगे।