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जस्टिस बोबडे होंगे सुप्रीम कोर्ट के अगले प्रधान न्यायाधीश

शरद अरविंद बोबडे सर्वोच्च न्यायालय के अगले प्रधान न्यायाधीश होंगे। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई १७ नवम्बर को सेवा निवृत्त हो जायेंगे जिसके बाद बोबडे  पदभार संभालेंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बोबडे देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर १८ नवम्बर को शपथ लेंगे। इस महीने के शुरू में सीजेआई रंजन गगोई ने बोबडे को अगला मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश वाली चिट्ठी सरकार को लिखी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे अब मंजूरी दे दी है।

जस्टिस बोबडे का जन्म नागपुर में हुआ था। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी डिग्री ली।  साल १९७८ में बोबडे ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ज्वाइन की और बादमें लगातार वह बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत करते रहे।

बोबडे अपर न्यायाधीश के रूप में २९ मार्च, २००० को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ का हिस्सा बने और १६ अक्टूबर, २०१२ को उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

जस्टिस बोबडे १२ अप्रैल, २०१३ को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किये गए।

अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले के लिए गठित सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की पीठ में जस्टिस बोबडे भी हैं। जस्टिस एसए बोबड़े २३ अप्रैल, २०२१ को सेवानिवृत्त होंगे।

बोबडे कई महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं जिनमें आधार को लेकर सुनाया गया फैसला सबसे महत्वपूर्ण है। आधार कार्ड को लेकर फैसला जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन की बेंच ने सुनाया था। कुछ महीने पहले  मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में जिस पीठ ने सुनवाई की उसमें भी शरद अरविंद बोबडे शामिल थे। बोबडे के अलावा इस पीठ में एनवी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल थे।

इसके अलावा अयोध्या मामले पर संविधान की पीठ की जो सुनवाई चल रही थी उसमें भी अरविंद बोबडे शामिल थे। जस्टिस बोबडे के अलावा अयोध्या मामले पर जो पीठ में शामिल हैं वह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नज़ीर। इस मामले पर भी फैसला सुरक्षित रखा गया है और अगले महीने के पहले पखवाड़े आ सकता है।

हिमाचल के चम्बा में भूकंप के झटके

हिमाचल के चम्बा में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। किसी जान-माल के नुक्सान की सूचना नहीं है अलवत्ता भूकंप के झटके आने पर लोग डरकर घरों से बाहर निकल आये।

जानकारी के मुताबिक भूकंप के झटके सुबह करीब ११.३१ बजे महसूस किए गए। विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र चंबा रहा। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता ३.४  मापी गई जबकि भूकंप की गहराई जमीन से छह किलोमीटर अंदर रही।

जानकारी के मुताबिक भूकंप के झटकों की वजह से लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर भागे। फिलहाल किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। बता दें कि चंबा जिला में पिछले दो महीने से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। चम्बा को भूकंप के खतरनाक ज़ोन में माना जाता है।

शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठजोड़ की भी कोशिश

क्या सहयोगी भाजपा की ‘दादागिरी’ से नाराज शिव सेना महाराष्ट्र में भाजपा को गच्चा देने की तैयारी में है ! यदि परदे के पीछे की ख़बरों पर भरोसा किया जाए तो महाराष्ट्र में एक यह फार्मूला अंदरखाते सोचा जा रहा है कि शिव सेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाये जिसमें पहले ढाई साल के लिए शरद पवार को सीएम और आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाकर ढाई साल बाद आदित्य को सीएम और कांग्रेस के किसी नेता को उपमुख्यमंत्री बना दिया जाए। इस तरह आदित्य को सरकार/प्रशासन का अनुभव भी मिल जाएगा।

यह सोच सीएम फडणवीस के इस ब्यान के बीच उभरी है कि सरकार सिर्फ भाजपा के नेतृत्व में ही बनेगी। दोनों दलों में लड़ाई के चलते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसी महीने के आखिर में मुम्बई का अपना दौरा रद्द कर दिया है। पहने उन्हें भाजपा विधायक दल के नेता के चुनाव की बैठक में हिस्सा लेना था।

शिव सेना के नेताओं के दिमाग में यह बात घर कर गयी है कि भाजपा किसी सूरत में उसके लिए सीएम पद की गुंजाइश नहीं रखना चाहती और खुद सत्ता (सीएम) पद पर कुंडली मारकर बैठे रहना चाहती है। शिव सेना को इस बात की बहुत नाराजगी है कि जब चुनाव होने होते हैं तो भाजपा नेता मीठी-मीठी बातें करने लगते हैं और जब सरकार बनाने की बात आती है तो सहयोगियों को वह दोयम गरजे के दलों की तरह ट्रीट करती है। सेना के कुछ नेता यह भी मानते हैं कि भाजपा सहयोगी दलों को हैं कर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में रहती है।

शिव सेना को लगता है कि उसके पास सीएम पद पाने और मराठा मतदाताओं में अपनी पैठ मजबूत करने का सबसे बेहतर मौक़ा है। हालांकि, एनसीपी क्या शिव सेना की मदद करेगी, इसपर बड़ा सवाल है।

अब महाराष्ट्र में भाजपा-शिव सेना की सरकार गठन और मुख्यमंत्री पद की लड़ाई गंभीर दौर में पहुँच गयी है। जहां शिव सेना अपने लिए ५०-५० फार्मूले के तहत सीएम पद के लिए अड़ी हुई है वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ़ कर दिया है कि सरकार ‘सिर्फ और सिर्फ भाजपा के नेतृत्व में’ ही बनेगी। इस तरह अब शिव सेना को भाजपा के दबाव के आगे हथियार डालने होंगे या कोइ और रास्ता अपने मन की मुराद पूरी  करने के लिए ढूंढ़ना होगा।

इंदौर हादसे में सेना अधिकारी समेत ६ की मौत

मध्यप्रदेश के इंदौर में मंगलवार सुबह एक सड़क हादसे में सेना के एक अधिकारी समेत छह लोगों की मौत हो गयी। हादसे में पांच लोग घायल हुए हैं जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

जानकारी के मुताबिक हादसा इंदौर के तेजाजी नगर थाना इलाके में स्थित रालामंडल के पास का है जहां दो कारों में जबरदस्त टक्कर हो गयी। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे में मारे जाने वालों में सेना के एक अधिकारी और चार साल का एक बच्चा भी शामिल है।

रिपोर्ट्सके मुताबिक हादसा तड़के हुआ जब दो कारों में जबरदस्त टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे के बाद दोनों वाहनों में बैठे लोगों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को गाड़ियों से निकाला।

लोगों ने ही हादसे की जानकारी पुलिस को दी। गाड़ी में फंसे लोगों को काफी मशक्कत के बाद निकाला जा सका। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई गयी है।

शिवसेना के ‘सामना’ से नाराज बीजेपी, सत्ता मेंं भागीदारी को लेकर उठ रहे सवाल

शिवसेना के माउथपीस ‘सामना’ के मार्फत बीजेपी को टारगेट करने की स्ट्रैटेजी से बीजेपी परेशान नजर आ रही है। सूत्रों की माने तो बीजेपी का कहना है कि जब तक शिवसेना ‘सामना’ के जरिए बीजेपी को टारगेट करना बंद नहीं करती महाराष्ट्रकी सत्ता मेंं भागीदारी को लेकर शिवसेना से चर्चा नहीं की जा सकती।

चुनावी नतीजों के बाद महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचातानी चल रही है। शिवसेना चाहती है कि महाराष्ट्र का चीफ मिनिस्टर आदित्य ठाकरे बने लेकिन बीजेपी चीफ मिनिस्टर की कुर्सी हाथ से नहीं जाने देना चाहती।

हालांकि बीजेपी इशारा कर चुकी है कि आदित्य ठाकरे को डेप्युटी चीफ मिनिस्टर की कुर्सी दी जा सकती है लेकिन शिवसेना चाहती है कि चीफ मिनिस्टर की कुर्सी बारी बारी से ढाई ढाई साल के लिए शिवसेना और बीजेपी को मिले। पहले ढाई साल के लिए चीफ मिनिस्टर आदित्य ठाकरे और अगले ढाई साल के लिए चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस रहें। शिवसेना ने अलग अलग हवाले से इस बात को लेकर करारनामा तक लिखाने की बात की है।

गौरतलब है कि शिवसेना ‘सामना’ के जरिए बीजेपी को निशाना बनाती रही है, इतना ही नहीं कभी-कभार प्राइम मिनिस्टर मोदी भी ‘सामना’ की कटाक्ष से बच नहीं पाते। हाल ही में दिवाली के मौके पर आर्थिक मंदी को लेकर भाजपा की नीतियों को आड़े हाथ ‘सामना’ ने लिया था। 27 अक्टूबर के एडिटोरियल में ‘सामना’ ने लिखा कि 2014 में अलग अलग चुनाव लड़ने के बावजूद बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीट्स मिली थींं। 2019 में यानी इस समय गठबंधन के बावजूद शिवसेना 56 पर रुक गई। भले ही यह अंक छोटा लग रहा हो लेकिन सत्ता का रिमोट उद्धव ठाकरे के हाथ में आ गया है। आया राम का जो बाजार भरा गया था वह शेयर बाजार की तरह ढह गया। 106 सीटें जीतने के बावजूद बीजेपी के सिर पर तलवार लटक रही है। इतना ही नहीं एक निजी चैनल के साथ बातचीत में शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि अलग अलग एमएलए शिवसेना को समर्थन दे रहे हैं और इससे शिवसेना की ताकत बढ़ रही है। उद्धव ठाकरे के निर्णय पर सारी चीजें डिपेंड करती हैंं और शिवसेना अपनी अपने स्टैंड पर कायम है। सभी को महाराष्ट्र में परिवर्तन चाहिए और इसी परिवर्तन के चलते चुनाव के नतीजे दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा महाराष्ट्र के कैनवास पर रंग शिवसेना ही भरेगी और ब्रश उद्धव ठाकरे के हाथ में है।

दबाव बनाने की इस रणनीति से बीजेपी परेशान नजर आ रही है। और एक बड़ा गुट बेहद नाराज नजर आ रहा है। सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आई है उससे मालूम पड़ता है कि बीजेपी, शिवसेना की मांग को नजरअंदाज कर 2014 की तरह सरकार बनाने के लिए गवर्नर के पास दावा कर सभागृह में बहुमत साबित करने की मूड में है। खबर तो यहां तक है कि बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह की मुंबई यात्रा जो महाराष्ट्र में सत्ता की भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कश्मीर में एक और ट्रक डाइवर की हत्या

जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों ने सोमवार को अनंतनाग में एक और ट्रक डाइवर की हत्या कर दी, मृतक का नाम नारायण दत्त है. एक हफ्ते में ट्रक ड्राइवर पर ये चौथा हमला है.

इससे पहले शोपियां में तीन हमले हुए थे. एक अज्ञात हथियारबंद आतंकी ने अनंतनाग के कंडीजल इलाके में इस वारदात को अंजाम दिया. मृतक जम्मू कश्मीर के रियासी जिले का ही रहने वाला था.

इससे पहले आतंकियों ने सेब लदे दो ट्रकों में आग लगा दी और ड्राइवर को गोली मार दी थी. इसी महीने सोपोर में भी आतंकियों ने सेब से भरे ट्रक को आग लगा दी थी.

इसके अलावा राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले 40 वर्षीय ट्रक ड्राइवर शरीफ खान की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी औरट्रक को आग के हवाले कर दिया था. यह वारदात भी इसी महीने की थी

कश्मीर में आतंकी हमला, १२ घायल, ६ गंभीर

जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में १२ लोग घायल हो गए हैं जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। यह हमला कश्मीर संभाग के सोपोर में हुआ है जहाँ स्थानीय बस स्टैंड पर आतंकियों ने भीड़ के बीच ग्रेनेड फेंक दिया।
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक यह हमला सोमवार दोपहर करीब पौने पांच बजे हुआ है। इस हमले में जो १२ लोग घायल हुए हैं उनमें कम से कम ६ की हालत काफी गंभीर है। इन सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सुरक्षा बलों के घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर ली है। सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश कर रहे हैं। अभी तक यह मालूम नहीं हुआ है कि आतंकी कहाँ से आये और उन्होंने कैसे ग्रेनेड फेंका। स्थानीय लोगों के मुताबिक हमले के बाद काफी घायल लोगों को सुरक्षा बल वहां से ले गए।

यूरोपियन संसद की टीम कल कश्मीर जाएगी

भले देश की राजनीतिक दलों के नेताओं को धरा ३७० ख़त्म करने के बाद जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत मोदी सरकार ने नहीं दी है, यूरोपियन संसद के सदस्यों के मंगलवार को कश्मीर दौरे पर जाने की संभावना है। इस टीम में करीब २८ सदस्य हैं,  तय नहीं है कि इनमें से कितनों को कश्मीर जाने की इजाजत मोदी सरकार देगी।

वैसे उनके इस दौरे को एक यूरोपियन एनजीओ ने आयोजित किया है, जिसमें अधिकतर इटली के सदस्य हैं।

यूरोपियन संसद के सदस्यों ने सोमवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल से मुलाकात की। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में जम्मू-कश्मीर पर भी बात हुई है। गौरतलब है कि अगस्त के पहले हफ्ते में जम्मू कश्मीर से धारा ३७० ख़त्म करने से लेकर आज तक वहां अनेक पाबंदियां लगी हुई हैं, खासकर कश्मीर घाटी में।

किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का पिछले महीनों में यह पहला कश्मीर दौरा होगा। धारा ३७० ख़त्म करने के बाद भले भारत ने इसे आंतरिक मसला बताया है, फिलहाल यह मामला दुनिया भर में चर्चा में है। पाकिस्तान ने भी इस पर कई देशों से स्पोर्ट का आह्वान किया है, हालांकि से इसमें कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कई बार कश्मीर मसले के हल के लिए ‘मदद’ की बात कही है।

ऐसे माहौल में यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। अभी तक विदेशी तो दूर, देश के बड़े राजनीतिक दलों, जिनमें कांग्रेस के राहुल गांधी भी शामिल हैं, को मोदी सरकार ने कश्मीर यात्रा और लोगों से मिलने की इजाजत नहीं दी है। दो महीने पहले जब राहुल गांधी दूसरे दलों के नेताओं के साथ वहां गए थे तो उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से ही बैरंग लौटा दिया गया था। माना जा रहा है कि यूरोपियन संसद के सदस्यों के कश्मीर दौरे की जो रिपोर्ट होगी उसका बहुत महत्व होगा।

इन तीन महीनों में भारत की ओर से कमोवेश हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर जानकारी भारत की तरफ से दी गयी है और विदेशी राष्ट्रप्रमुखों को जम्मू-कश्मीर के बारे में ब्रीफ किया गया है। भारत ने जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटाए जाने को आंतरिक मामला बताया गया है। वहां लगाई गयी पाबंदियों को ‘एहतियात के तौर पर लगाई अस्थाई पाबंदियां’ बताया है।

इस बीच यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पीएमओ ने कहा – ‘यूरोपीय सांसदों का भारत के कल्चर को जानना काफी खुशी का विषय है।’ पीएम मोदी ने कहा – ‘उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई हिस्सों में दल का दौरा काफी सफल होगा, इस दौरान उन्हें भारत के कल्चर, यहां चल रहे विकास कार्यों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।’

‘सामना’ में शिव सेना का मोदी सरकार पर करारा हमला

‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे वाली भाजपा फिलहाल महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिव सेना के साथ को तरस रही है। अभी तक ५०-५० का राग अलाप रही शिव सेना ने हाजपा का हाथ पकड़ने की तो कोइ जल्दबाजी दिखाई ही नहीं है, अपने मुखपत्र ‘सामना’ में मोदी सरकार की नीतियों की तीखी निंदा कर उसकी नींद हराम कर दी है।

सत्ता हासिल करने के लिए जरूरी बहुमत मिल जाने के बावजूद भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जबरदस्त पेंच फंस गया है। शिवसेना ने साफ़ कर दिया है कि हम कोइ मांग नहीं कर रहे, ५०-५० का हमारे बीच समझौता है। इसके बिना (पावर शेयरिंग) काम नहीं चलेगा। शिव सेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा – ‘वो (भाजपा) राम का नाम जपते हैं। अब सत्य का पालन करते हुए ५०-५० का वादा पूरा करें।’

कुछ देर पहले सीएम देवेंद्र फडणवीस और शिव सेना नेता दिवाकर राउते अलग-अलग राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। बाद में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा – ”अभी  तक कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है। सरकार गठन को लेकर बातचीत होगी। मुख्यमंत्री राज्यपाल को राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के बारे में बताया, विशेष रूप से अगली सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया जाएगा। शिवसेना नेता रोते भी अपनी पार्टी के विचार प्रस्तुत करेंगे खासतौर से जो शिवसेना विधायकों की बैठक में लिया गया निर्णय होगा।’

शिवसेना के टिकट पर सिल्लोड से जीत हासिल करने वाले विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा – ‘हम आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।” लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा – ‘हम राज्य में गठबंधन की एक स्थिर सरकार देंगे। अगले पांच साल राज्य में हम बीजेपी के नेतृत्व वाली एक स्थिर सरकार देंगे।’

संभावना है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ३० अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं। शाह को मुंबई में विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए होने वाली बैठक में आना है। बैठक में  महाराष्ट्र भाजपा प्रभारी सरोज पांडे भी मौजूद रहेंगे।

भाजपा को २८८ सदस्यीय विधानसभा में १०५ सीटें मिली हैं जबकि शिवसेना ने ५६  सीटें हासिल की हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पिछली बार के मुकाबले कम सीटें मिली है और शिवसेना इसी बहाने बीजेपी पर मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बना रही है। शिवसेना ने ‘सामना’ के नए अंक में लिखा है – ‘महाराष्ट्र में इस बार रिमोट कंट्रोल उद्धव ठाकरे के पास है।’

सामना के इस अंक में शिव सेना ने मोदी सरकार की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं। बड़ा बड़ा हमला आर्थिक मंदी को लेकर किया है। शिव सेना ने सामन में लिखा है – ‘देश की जनता जिस भी परिस्थिति में है उसमें से रास्ता निकालकर दिवाली मना रही है।  फिर भी देश के आर्थिक क्षेत्र में दिवाली मनाई जाए, ऐसा वातावरण कहीं नहीं दिख रहा। ऐन दिवाली के समय बाजारों में सन्नाटा है और ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से देश के पैसे से विदेशी कंपनियां अपनी तिजोरी भर रही हैं। दिवाली के मुहाने पर हुए महाराष्ट्र के चुनाव में धूम-धड़ाका कम और सन्नाटा ज्यादा रहा। देश और महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए हर स्तर पर छाए सन्नाटे को देखते हुए एक ही सवाल गूंज रहा है – इतना सन्नाटा क्यों है भाई?’
लेख में कहा गया है – ‘आज देश में मंदी है, रोजगार नहीं मिल रहे हैं। केंद्र की माई-बाप सरकार कहती है कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे। किसान इसके लिए खूब मेहनत करते हैं लेकिन अचानक प्राकृतिक आपदा आती है और खेती पर खर्च की गई रकम जितनी भी आय नहीं हो पाती। इस पर कोई उपाय नहीं बताता। आज देश भर में आर्थिक मंदी है। नोटबंदी और जीएसटी से देश की आर्थिक हालत सुधरने की बजाय दिनों-दिन बदतर होती जा रही है।’

शिव सेना ने मोदी सरकार पर तीखे हमले में लिखा – ‘कारखाने खतरे में हैं। उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं। रोजगार निर्माण ठप है। रोज नई कंपनियां और प्रतिष्ठान खुद को दिवालिया घोषित कर रहे हैं। बैंकों का दिवाला निकलता दिख रहा है। जनता की जेब खाली है ही लेकिन सरकारी तिजोरी भी खाली दिख रही है। आपातकालीन परिस्थितियों के लिए रिजर्व बैंक ने जो राशि सुरक्षित रखी है उसमें से पौने दो लाख करोड़ रुपए निकालने की अमानवीयता सरकार को करनी पड़ी है।’

कमांडो ने घेरा, कुत्तों से दौड़ाया, फिर बगदादी ने खुद को उड़ा लिया

आखिर आईएसआईएस का सरगना अबू बकर अल बगदादी मारा गया है। वह भी कुत्ते की मौत। हेलीकॉप्टर से उतारे गए यूएस स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज ने उसे एक सुरंग में घेर लिया। फिर  उसके पीछे कुत्ते दौड़ाये गए। दुनिया में आतंक का सरगना इतनी बुरी तरह घिरने के बाद रोने और चीखने चिलाने को मजबूर हो गया। जब उसे लगा उसके बचने की कोई संभावना नहीं है तो उसने अपनी जैकेट में लगे विस्फोट से खुद को उड़ा लिया।

इस तरह दुनिया में आतंक के एक बड़े नाम का अंत हुआ। वैसे पहले भी बगदादी के मरने की ख़बरें आती रही हैं लेकिन अब उसके मारे जाने का ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है। उसके मारे जाने का ऐलान करते हुए ट्रम्प ने कहा – ”ऑपरेशन लगभग दो घंटे तक चला। अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज से डर कर वह आगे से बंद एक सुरंग में भागने लगा। वह अपने आखिरी समय में खूब रो रहा था, चीख-पुकार कर रहा था। बगदादी के पीछे अमेरिकी सेना के कुत्ते दौड़ रहे थे। जिस शख्स ने दूसरों को डराने-धमकाने की इतनी कोशिश की, वह अपने अंतिम क्षणों में बुरी पूरी तरह से डरा हुआ था। उसे अमेरिकी फौज का खौफ सता रहा था।”

गौरतलब है कि एक मौके पर ब्रिटिश पत्रकार का गला काटने का वीडियो जारी कर उसने दुनिया भर में खौफ कायम किया था।  बगदादी दुनिया के सबसे खूंखार और हिंसक संगठन आईएसआईएस का संस्थापक और सरगना था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जब अमेरिकी सेना के कुत्ते बगदादी के बहुत नजदीक पहुंच गए तब उसने विस्फोटकों से भरा जैकेट पहनकर खुद को उड़ा लिया। इस विस्फोट में उसके तीन बच्चे और कई सहयोगी भी मारे गए। मलबे से बगदादी का शरीर क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया। घटनास्थल पर ही उसका डीएनए किया गया और उसके मारे जाने की पुष्टि की गयी। उसके मारे जाने के ऑपरेशन का लाइव प्रसारण ट्रम्प ने देखा।

ट्रम्प ने रूस और तुर्की समेत कई देशों को खुफिया जानकारी में अप्रत्यक्ष सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, जिसने सैन्य अभियान को आईएस प्रमुख को खत्म करने में मदद की। उन्होंने कहा – ”हमें पता था कि हम खतरनाक क्षेत्र में यात्रा कर रहे थे। अंदर जाना और बाहर जाना आसान नहीं था। व्हाइट हाउस में अपने पहले दिन से मैं  बगदादी को पकड़ना चाहता था।”

रविवार को दिन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ट्वीट कर सबको चौंका दिया। ट्रंप ने ट्वीट किया – ”अभी-अभी कुछ बड़ा हुआ है।” इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि बगदादी की मौत हो गई है।