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सामना, शिवसेना, ‘पेंच’ ‘चक्रव्यूह’ और बीजेपी

शिवसेना ने एक बार फिर चीफ मिनिस्टर पोस्ट को लेकर बीजेपी द्वारा 50:50 फार्मूले को खारिज किए जाने को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी को धर्म और नीति का पाठ पढ़ाने की कोशिश की है अपने माउथपीस ‘सामना’ के जरिए।

सामना लिखता है कि पूरे हिंदुस्तान की नजर इस पर है कि शिवसेना भाजपा युति गठबंधन का क्या हो रहा है?
शिवसेना का मानना है कि ‘सत्ता पद का समान वितरण’ बीजेपी और शिवसेना के बीच का बखेड़ा है जिसकी आवश्यकता नहीं थी। लेकिन बखेड़ा शुरू हो चुका है । कौन कितनी सीटों पर जीता इसकी अपेक्षा सत्ता वितरण का करार महत्वपूर्ण है। चुनाव लड़ते समय उसका पालन किया जाना चाहिए लेकिन चुनाव के बाद करार को दोनों तरफ से निभाना महत्वपूर्ण और विश्वासदायी होता है। लोकसभा चुनाव के पहले युति(गठबंधन) की बुझी हुई बाती जलाते समय जो तय किया गया था उसे में अमल में लाया जाए।

देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए शिवसेना कहती है कि शिवसेना की यही मांग है कि बाती जलाते समय दीपक में विश्वास का तेल डाला गया वह तेल नहीं तो क्या गंदा पानी था? बिल्कुल नहीं। सत्ता पद का सामान वितरण इस शब्द का मुख्यमंत्री ने पत्रकार परिषद ने प्रयोग किया था और सहमति से ही प्रयोग किया था। अब किसी राज्य के मुख्यमंत्री का पद ‘सत्ता पद’ के अंतर्गत नहीं आता ऐसा कोई कह रहा हो तो राज्यशास्त्र का पाठ नए सिरे से लिखना होगा ।समान वितरण में सब कुछ आ गया ।

सफलता के लिए बीजेपी द्वारा शिवसेना का साथ लिए जाने और सफलता मिलने पर उसे नजरअंदाज करने पर भी तंज कसते हुए शिवसेना ने खुद को ‘वैद्य’ बताते हुए लिखा है -2014 में मोदी के नेतृत्व में मिली बड़ी जीत मिलते ही भाजपा ने शिवसेना छोड़ दी और 2019 में ‘सफलता’ मिलते ही आवश्यकता पूरी होने पर ‘वैद्य’ के मरने का दूसरा चरण शुरू हो गया लेकिन यहां वैद्य नहीं मरेगा। वैद्य के जीभ के नीचे संजीवनी गुटिका है ।यह संजीवनी महाराष्ट्र की जनता का आशीर्वाद है ।’मुख्यमंत्री’ सत्ता पद नहीं है और उसका सामान वितरण संभव नहीं है, ऐसा किसी को लग रहा होगा तो बिना ‘सत्ता’ पद के लिए देशभर में इतनी दौड़ भाग किस लिए ? मुख्यमंत्री पद की बात हो या समान पद का वितरण की बात ‘पेंंच’ जरूर फंस गया है। जब सब कुछ पहले से तय था तो यह ‘पेंंच’ क्यों फंसा? जो तय है उसके लिए सबूत की आवश्यकता नहीं है लेकिन फिलहाल धर्म ग्रंथ पर हाथ रखकर झूठी कसम खाने वालों का जमाना है। लेकिन शिवसेना वचन निभाती है और मानती है। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए सामना लिखता है कि ठाकरे ने उद्धव से कहा था कि वह तो बिना विचार किए किसी को वचन न देंं और एक बार वचन दिया तो पीछे न हटें।
भारतीय जनता पार्टी से हमारा जन्मजात बैर नहीं था। वर्तमान राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता। चुनावी नतीजों के पश्चात दुश्मनी खत्म हो जाती है शेष बचता है वैचारिक मतभेद। भाजपा के साथ ऐसा मतभेद नहीं है। दोनों के विचार एक हैं अर्थात हिंदुत्व का विचार उसमें किसी प्रकार से दरार आने का प्रश्न ही नहीं उठता।
विधिमंडल पार्टी की बैठक में भगवे रंग का जिक्र करते हुए सामना कहता है यह रंग तेज, त्याग और स्वाभिमान का रंग है और सच्चाई का भी। इसलिए शिवराय के राज्य में सभी को भगवा की शान रखते हुए राजनीति करनी चाहिए। महाराष्ट्र का वैचारिक आधार धर्म और नीति का है कहते हुए सामना कहता है कि शिवसेना शिवराय के विचारों और शिवसेना प्रमुख की प्रेरणा से आगे बढ़ रहे हैं । फिर ‘पेंच’ फंसे या ‘चक्रव्यू’ निर्माण हो। लड़ाकों को संकटों की परवाह नहीं होती।

कुल मिलाकर शिवसेना भले ही साफ-साफ कह रही है कि वह लड़ने को तैयार है लेकिन सच तो यह है कि वह सत्ता भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती और झुकना भी नहीं चाहती । एक तरफ और धर्म और नीति की बात करती है और दूसरी तरफ तेज, त्याग और स्वाभिमान की ।लेकिन त्याग करे तो कौन? शिवसेना या बीजेपी?
एक तरफ को कहती है की भाजपा के साथ कोई मतभेद नहीं है दूसरी तरफ वहां ‘सत्ता पद के समान वितरण’ की बात पर जोर देती है और कहती भी है ‘पेंच’ फंसे या ‘चक्रव्यूह’ का निर्माण हो वह लड़ती रहेगी।
यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘पेंच’ फंसा किस लिए है? और क्यों ?यह तो शिवसेना ने साफ कर दिया है लेकिन’ चक्रव्यूह’ का निर्माण कौन कर रहा है और किसके लिए? इस पर सस्पेंस बरकरार है।

सरकार बनाने के लिए जो जो बन पड़ेगा करेंगे’: उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे डिक्लेयर होने के बाद सुबह का चीफ मिनिस्टर कौन होगा इसको लेकर रस्साकशी बीजेपी और शिवसेना के बीच चरम पर है। एक और बीजेपी ने स्पष्ट रूप से 50:50 फार्मूले पर यह कहकर ब्रेक लगा दी है कि बीजेपी शिवसेना के बीच में ढाई ढाई साल के चीफ मिनिस्टर पद को लेकर कोई डील नहीं हुई थी वहीं शिवसेना अब अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। अपने निवास स्थान ‘मातोश्री’ में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है ,’ अब उनसे जो जो बन पड़ेगा वह कर के ही रहेंगे!’ यानी अब वह पीछे हटने तैयार नहीं हैं । सूत्रों का दावा है कि उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी गंभीरता पूर्वक सोचना शुरू कर दिया है।

वहीं एकमत से बीजेपी विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार बीजेपी ही बनाएगी और चीफ मिनिस्टर वही बने रहेंगे। फिलवक्त बीजेपी, शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार दिख रही है । बीजेपी को विश्वास है कि शिवसेना डिप्टी चीफ मिनिस्टर और अन्य 13 मिनिस्टर पोस्ट ऑफर किए जाने पर मान सकती है। लेकिन शिवसेना की सूत्र बताते हैं कि अभी तक बीजेपी की ओर से शिवसेना को इस तरह का कोई ऑफर नहीं मिला है और शिवसेना फिलहाल आदित्य ठाकरे को पहले ढाई साल तक चीफ मिनिस्टर बनाए जाने के ी डील नीचे उतरने को तैयार नहीं है। शिवसेना ने अभी तक अपने विधायक दल का कोई नेता नहीं चुना है। माना जा रहा है कि नेता के तौर पर आदित्य ठाकरे ही चुने जाएंगे शनिवार को यह तय होगा।

फडणवीस महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए

देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। उन्हें आम राय से नेता चुना गया। इसके अब से कुछ देर पहले मुंबई में भाजपा विधायकों की बैठक हुई जिसमें उन्हें नेता चुना  गया। इस बीच भाजपा नेता सुधीर मुंगन्टीबार ने बुधवार को कहा है कि कोइ कितना भी सोचे भाजपा की सरकार बनेगी। उनके मुताबिक शिव सेना को कुछ तत्व बरगला रहे हैं। यदि वे जायेंगे तो यह ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि वाली बात’ होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि फडणवीस ही सीम होंगे और शेर कभी घास नहीं खाता।
भाजपा बैठक में फडणवीस के नाम का सर्वसम्मत प्रस्ताव आया जिसमें पार्टी के सभी १०५ विधायकों ने उनके नाम का समर्थन किया। इस बैठक में पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी आना था लेकिन दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर उभरी जबरदस्त खटास के कारण उनका आना रद्द हो गया है। उधर एनसीपी और कांग्रेस विधायक दलों की भी आज बैठकें हैं। उधर शिव सेना की गुरूवार को १२ बजे बैठक बुलाई गयी है। आज पार्टी नेता संजय राउत आज उद्धव ठाकरे से मिले।
भाजपा और सहयोगी शिव सेना के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए मुंबई में बैठक हुई। पहले से तय था कि भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नेता चुना जाएगा। फडणवीस ने मंगलवार को ही यह ब्यान दिया था कि अगले पांच वर्षों के लिए वही मुख्यमंत्री रहेंगे। फडणवीस के इस ब्यान कि चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच हुई बैठक में वे खुद मौजूद नहीं थे, को तनाव को हल्का करने के दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
भाजपा के सांसद संजय काकड़े ने मंगलवार को चौंकाने वाला दावा कर शिव सेना को और नाराज कर दिया था। काकड़े ने दावा किया था कि शिवसेना के हाल में चुने गए ४५ विधायक सीएम फडणवीस के संपर्क में हैं और वह गठबंधन सरकार बनाना चाहते हैं।
शिव सेना के बीच ऐसे कुछ नेता हैं जो यह मानते हैं कि भाजपा जिस सीढ़ी से ऊपर चढ़ती है उसी को काटने की उसकी आदत है। कुछ राज्यों में ऐसा हुआ है।
महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की आज होने वाली बैठक के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना को केंद्रीय प्रेक्षक बनाया है।
जानकारों के मुताबिक भाजपा आलाकमान किसी भी सूरत  में शिव सेना को ऐसा मौका नहीं देना चाहती जिससे वो एनसीपी-कांग्रेस से मदद लेकर सरकार बनाये। इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि शिव सेना ऐसा कर सकती है। लिहाजा शिवसेना को ”खुश” करने के लिए भाजपा मोदी मंत्रिमंडल में शिव सेना को और मंत्री पद दे सकती है। साथ ही राज्य में उपमुख्यमंत्री पद के अलावा मंत्रियों की ज्यादा हिस्सेदारी की पेशकश कर सकती है।
भाजपा को पता है कि महाराष्ट्र में उसे (भाजपा) को दूसरे दलों की कोइ मदद नहीं मिलेगी जबकि उसे रोकने के लिए एनसीपी और कांग्रेस शिव असेना को समर्थन दे सकते हैं। भाजपा महाराष्ट्र में पूरी तरह शिव सेना पर निर्भर है और किसी भी सूरत में अपनी सरकार नहीं खोना चाहती।

एलओसी पर पाक फायरिंग में नागरिक की मौत

पाकिस्तान की तरफ से बुधवार को एक बार फिर जामु कश्मीर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी की जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गयी है। इस गोलीबारी में सात अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की। जानकारी के मुताबिक नियंत्रण रेखा के साथ लगते कुम्हारी सेक्टर के थलीगांव गांव में पाकिस्तान सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की गोलीबारी में सात नागरिक घायल हो गए हैं जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले कुछ समय में पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोलीबारी कर युद्ध विराम का उल्लंघन किया जा रहा है जिसमें भारतीय क्षेत्र में आम नागरिकों की जान गयी है।

भारत के सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान का भी बहुत नुक्सान इस दौरान हुआ है। माना जाता है इस फाइरिंग के पीछे मंशा आतंकवादियों की घुसपैठ करवाना होता है। हालांकि भारतीय सेना ने लगातार पाकिस्तान की इस कोशिश को नाकाम कर दिया है।

धुआं-धुआं दिल्ली

राजधानी दिल्ली में हर तरफ धुंए की चादर है। पंजाब में पराली जलने से खराब हुई हालत दिवाली के पटाखों ने और पतली कर दी है। प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है जिससे राजधानी की जनता परेशान है। लोग इन्तजार कर रहे हैं कि बारिश हो जाए तो कुछ राहत मिले। वैसे कुछ जगह लोगों को राहत देने के लिए पानी का छिड़काव सरकार ने करवाया है।
इस बार दिल्ली में स्कूली बच्चों से लेकर बड़ों तक में ”ग्रीन दिवाली” की लहर दिखी थी लेकिन यह बातों तक ही सीमित रही। जमकर प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे चलाये गए। ग्रीन पटाखे बच्चों को दुकानों में मिले नहीं। रोक थी लेकिन प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे फिर भी धड़ल्ले से बिके।
अब राजधानी के आसपास के इलाके भी गैस चैंबर होने जैसी हालत में हैं। अगले दो दिन तक राहत के आसार नहीं। बुधवार सुबह दिल्ली में पीएम २.५ का स्तर ५००, जिसे गंभीर और पीएम १० का स्तर ३७९, जिसे बहुत खराब माना जाता है, में पहुचंह गया। इसके बाद के स्तर को ‘इमरजंसी’ की श्रेणी में माना जाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली की क्या हालत है।
राजधानी में मंगलवार को एक्यूआई ४०० तक दर्ज किया गया था। गाजियाबाद की हवा में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया और वहां धुआं भी सबसे ज्यादा है। सुबह आठ बजे दिल्ली के आरकेपुरम में पीएम २.५ १९२ और पीएम -१० १६७ दर्ज किया गया। दिल्ली के आसपास की स्थिति और भी बुरी है। नोए़डा में पीएम २.५ ३१२ और पीएम १० २७६ दर्ज किया गया।
गाजियाबाद में पीएम २.५ का स्तर ३८१ और पीएम १० ३३९ पहुंच गया। इस लिहाज से दिल्ली से भी ज्यादा नोएडा और गाजियाबाद वायुप्रदूषण से प्रभावित हैं। मौसम विभाग के मुताबिक हवा का बहाव बहुत कम होने की वजह से यह प्रदूषण दिल्ली और आसपास के इलाकों में रुक गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले दो दिन राहत के आसार नहीं।

भारी बारिश के बाद तमिलनाडु के छह जिलों में स्कूल-कालेज बंद

तमिलनाडु में भारी बारिश के बाद छह जिलों तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, थेनी, निरुद्धनगर, वेल्लोर और रामनाथपुरम में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जता चुका है जिसके बाद प्रशासन ने वहां अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग ने जो चेतावनी जारी की है उसमें कहा गया है कि अरब सागर के पश्चिम मध्य तटीय इलाकों में अधिकतम १७० किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है साथ ही भारी बारिश हो सकती है। इन इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह ही दी गयी है।

विभाग के मुताबिक चेन्नई में अगले २४ घंटे में उत्तरी तमिलनाडु में व्यापक रूप से बारिश की उम्मीद है। कन्याकुमारी और मदुरै सहित १६ जिलों में भारी बारिश हो सकती है। पिछले २४ घंटे के दौरान तमिलनाडु के कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है।

तमिलनाडु के अलावा मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। तेलंगाना, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई। क्यार तूफान की वजह से कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।

महाराष्ट्र विधायक दल के नेता का चुनाव आज

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता संघर्ष अपने चरम पर है। जहां एक और शिवसेना बारी बारी से सीएम पद के लिए ,बीजेपी द्वारा किए गए वादे की दुहाई देकर पहले ढाई साल के लिए आदित्य ठाकरे को चीफ मिनिस्टर शिप दिलाने पर अड़ी हुई है वहीं दूसरी ओर शिवसेना के दावे को खारिज करते हुए अगले 5 साल के लिए चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस को बनाए रखने पर खड़ी हुई है । कल ही बीजेपी ने कह दिया था कि वह आज विधानसभा अपना नेता चुनेगी । खबरों की माने अमित शाह या जेपी नड्डा मुंबई आ रहे हैं।

बीजेपी की इस कवायद के साथ साथ शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी भी अपनी अपनी बैठकेंं कर रही हैं। अंदाजा है कि सभी दल अपनी अपनी पार्टी के विधायक दल नेता का चुनाव करेंगे ।खबर है कि सरकार बनाने को लेकर चल रहे दांवपेच के मद्देनजर कांग्रेस और एनसीपी भी अपनी रणनीति तैयार करने पर जुटी हैं ।

बीजेपी अपने नेता के तौर पर देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना आदित्य ठाकरे को चुन सकती हैंं फिलहाल कांग्रेस की ओर से लीडर कौन होगा इसको लेकर दिल्ली हाईकमान का निर्णय अंतिम माना जाएगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बालासाहेब थोरात, विजय वडेट्टीवार और नाना पटोले के नामों की चर्चा है।

एनसीपी की ओर से बतौर विधायक दल नेता अजित पवार, धनंजय मुंडे, जयंत पाटील और दिलीप वलसे-पाटील के नामों की चर्चा है लेकिन यहां भी अंतिम निर्णय एनसीपी चीफ शरद पवार ही करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से राजू पाटील अकेले चुने गए एमएलए हैं जिसके चलते एमएनएस के नेता राजू पाटील ही होंगे। समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर आबू असिम आज़मी और बहुजन विकास आघाडी की ओर से हितेंद्र ठाकुर नेता होंगे। प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू और एम आई एम की ओर से डॉक्टर फारुख शेख या मौलाना मुफ्ती इस्माईल इस पद के लिए चुने जा सकते हैं।

आतंकियों ने कश्मीर में ५ अप्रवासी मजदूरों की हत्या की

यूरोपियन यूनियन संसद के सदस्यों के कश्मीर दौरे  के बीच, जिसका भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी विरोध कर चुके हैं, आतंकवादियों ने पांच अप्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी है। मोदी सरकार के कश्मीर में शांति के दावों की पोल खोलते हुए आतंकवादियों ने कुलगाम में यह जघन्य हत्याकांड किया। यह सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के हैं।

कश्मीर में धरा ३७० ख़त्म करने के बाद वहां बहुत सख्त सुरक्षा बंदोबस्त हैं। यह माना जाता है कि कश्मीर में करीब ९ लाख सैनिक हैं। लेकिन इसके बावजूद आतंकियों की गतिविधियां जारी हैं। पिछले करीब एक महीने में आतंकी कम से कम ११ अप्रवासी लोगों की हत्या कर चुके हैं जिससे जाहिर होता है कि कश्मीर में अभी हालत सामान्य होने में वक्त लगेगा।

घटना मंगलवार देर शाम की है। आतंकियों ने इन मजदूरों को गोलियों से भून डाला।  हमले में एक मजदूर जख्मी हुआ है, जिसे इलाज के नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। अभी तक आतंकियों की जानकारी नहीं मिल पाई है। सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। आतंकियों ने यह कायराना हमला तब किया जब यूरोपीय सांसदों का २७ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है।

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद वहां आतंकियों की घटनाओं में मारे लोगों की संख्या ११ हो गई है।

वसई के एक्सपोर्ट कंपनी में लगी आग पर काबू, लेकिन वसई -विरार फायर ब्रिगेड आरोपों के घेरे में !

मुंबई से सटे वसई के एक एक्सपोर्ट कंपनी में आग लगने से करोड़ों का नुकसान हो गया है। हालांकि 3- 4 घंटे मशक्कत करने के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया है लेकिन कंपनी से जुड़े एक सूत्र का आरोप है कि फायरब्रिगेड की टीम ने पहुंचने में काफी लंबा समय लिया जिसके चलते इतना ज्यादा नुकसान हुआ।फिलहाल आग से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।

इस मामले में गंभीर आरोप यह है कि फायर ब्रिगेड के पास आग को काबू में करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं था टैंकर का पानी खत्म होने की वजह से आग को काबू करने में वक्त लगा।

यदि इन आरोपों में सच्चाई है तो यह वाकई शोचनीय पक्ष है कि विरार- वसई फायरब्रिगेड डिपार्टमेंट पर्याप्त और नवीन तकनीकी सुविधाओं के अभाव में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

वसई पूर्व वालीव स्थित के के इंड्रस्टी में कुष्पाल नामक टेक्सटाइल कंपनी जो रजाई, बेडसीट,और कपास के सोफे का निर्माण करती है मे सुबह 10:30 बजे के करीब आग लग गई ।कंपनी में तकरीबन 150 मजबूर काम करते हैं । दीपावली की छुट्टी होने के कारण आधे से ज्यादा मजदूर काम पर नही आये थे ।आज तकरीबन 20 कारीगर थे।

वसई -विरार फायरब्रिगेड अफसर दिलीप पालव ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है, लेकिन कंपनी में रखा सामान पूरी जलकर राख हो गया । आग बुझाने में दमकल की 5 गाड़ी अलग अलग स्टेशनों से बुलाया गया था। जिसने स्थानिय टैंकर भी शामिल है । फिलहाल आग लगने के कारणों के संबंध में कोई जानकारी कंपनी की ओर से नहीं मिल पाई है। इस बारे में जांच पड़ताल की जा रही है।

अगला सीएम मैं ही- फडणवीस। महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना आमने-सामने।

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद तेज।

महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस के इस दावे के साथ कि शिवसेना के साथ इस तरह से कोई चर्चा नहीं हुई थी जिसमें बारी-बारी से ढाई ढाई साल तक चीफ मिनिस्टरशिप देने का वादा किया गया था, महाराष्ट्र की राजनीति तेजी से गर्मा गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले 5 साल तक वही चीफ मिनिस्टर बने रहेंगे। दूसरी तरफ शिवसेना के सांसद संजय राउत के इस बयान के साथ कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत चौटाला नहीं है जिसके पिता जेल में जेल में है ने भी शिवसेना का रुख साफ कर दिया है कि वह किसी भी हालत में झुकने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि शिवसेना एनसीपी के साथ गठबंधन बनाकर सरकार बनाने की सोच में है। शिवसेना ने इसे अपने प्लान बी के तौर पर रखा हुआ है। यह बात जुदा है कि शिवसेना की तरफ से इस बाबत कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकती है। हालांकि उस समय शिवसेना ने इस स्टेटमेंट को कोरी गप्प कहा था।

देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है महागठबंधन की सरकार बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी। कल होने जा रही बीजेपी के बैठक में विधानमंडल का नेता चुन लिया जाएगा।

लेकिन फडणवीस के शिवसेना संग बारी बारी से चीफ मिनिस्टरशिप की डील न होने के दावे को ऑफ द रिकॉर्ड बताया जा रहा है। चीफ मिनिस्टर का कहना था कि पिछले 30 वर्षों में सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट बीजेपी का है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई प्लान B नहीं है,प्लानA ही है और उसी में वह सफल होंगे।

बीजेपी सूत्रों का मानना है कि कल अमित शाह बैठक में नहीं आ रहे हैं। लेकिन सरकार बनाने की सारी कवायद चल रही हैंं। चीफ मिनिस्टर ने कहा कि शिवसेना के साथ चर्चा जरूर होगी और दोनों पक्ष अपनी अपनी बातें रखेंगे। शिवसेना की मांगों पर भी चर्चा होगी लेकिन मेरिट पर सारी बातें तय की जाएंगी। सीएम फडणवीस ने दावा किया है कि उन्हें 15 इंडिपेंडेंस एम एलएस का समर्थन मिल रहा है। उधर शिवसेना के हेड क्वार्टर मातोश्री में चुने गए एमएलए की मीटिंग हुई जिसमें एक सुर से मांग किया गया कि अगला चीफ मिनिस्टरशिप आदित्य ठाकरे को ही मिलना चाहिए और शिवसेना को इस बार नहीं झुकना चाहिए।