भारत में किसी ‘हिटलर’ को जगह नहीं, कोई बनेगा तो जनता उसे उखाड़ फेंकेगी: भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि भारत के राष्ट्रवाद का उसका संकल्प किसी दूसरे देश के लिए खतरा नहीं है। यह बात सरसंघचालक मोहन भागवत ने कही, जिन्होंने कहा कि हम किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते इसलिए हमारे यहाँ कोई हिटलर पैदा नहीं हो सकता क्योंकि यह हमारा स्वभाव ही नहीं है।

भागवत ने यह विचार एक दिन पहले संकल्प फाउंडेशन और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की व्याख्यानमाला में अपने संबोधन में कहे। उन्होंने कहा – ‘हमारा राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है। हमारा राष्ट्रवाद कहता है कि दुनिया एक परिवार है और दुनिया भर के लोगों के बीच इस भावना को आगे बढ़ाता है। इसलिए, भारत में हिटलर नहीं हो सकता है और अगर कोई होगा तो देश के लोग उसे उखाड़ फेंकेंगे।’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि विश्व बाजार की बात तो सब लोग करते हैं, केवल भारत ही है जो वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है। केवल इतना ही नहीं, विश्व को कुटुंब बनाने के लिए हम कार्य भी करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की राष्ट्रवाद की अवधारणा, राष्ट्रवाद की अन्य अवधारणाओं से अलग है, जो या तो धर्म पर आधारित हैं या एक भाषा या लोगों के सामान्य स्वार्थ पर आधारित हैं।

भागवत ने कहा – ‘विविधता प्राचीन काल से ही भारत की राष्ट्रवाद की अवधारणा का हिस्सा रही है और हमारे लिए अलग-अलग भाषाएं और भगवान की पूजा करने के विभिन्न तरीके स्वाभाविक हैं। यह भूमि न केवल भोजन और पानी देती है बल्कि मूल्य भी देती है। इसलिए हम इसे भारत माता कहते हैं। हम इस भूमि के मालिक नहीं है, हम इसके पुत्र हैं। ये हमारी पुण्य भूमि है, कर्मभूमि है, ऐसे में हम सभी एक हैं।’

सरसंघचालक ने संकल्प की संकलित पुस्तक ‘भारतीय परिप्रेक्ष्य’ के अंग्रेजी संस्करण ‘इंडियन पर्सपेक्टिव’ का भी लोकार्पण किया। इस मौके पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र ने भी अपने विचार रखे।